Baba Ramdev Biography in Hindi – बाबा रामदेव की जीवनी
Baba Ramdev Biography in Hindi – योग गुरु स्वामी रामदेव की जीवनी
Baba Ramdev Biography in Hindi
आज के समय में बाबा रामदेव का नाम बच्चा बच्चा जानता है | बाबा रामदेव जी अपनी योग कला के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस महान व्यक्ति का जन्म महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल, हरियाणा में 12 दिसंबर 1965 को हुआ था। इन्होंने देश में स्वदेशी अपनाओ के रूप में एक नई क्रांति को जन्म दिया है।बाबा रामदेव या स्वामी रामदेव इस नाम को ना केवल भारत में ही नही बल्कि विश्व में सभी लोग अच्छी तरह जानते है | बाबा रामदेव वो व्यक्ति है जिन्होंने योग को पुरे विश्व में फैलाया है | योग के साथ साथ उन्होंने पातंजली नामक एक संस्थान भी खोला जहा पर उन्होंने स्वदेशी उत्पादों का निर्माण शुरू किया जो आज हर प्रकार के उत्पाद बनाती है | बाबा रामदेव ने योग के साथ राजीव जी दीक्षित के साथ मिलकर स्वदेशी का भी प्रसार किया | राजीव जी दीक्षित की मृत्यु के बाद स्वदेशी आन्दोलन की जिम्मेदारी केवल उन्ही के कन्धो पर आ गयी जिसे वो बखूबी निभा रहे है | बाबा रामदेव इनके अलावा भारत के राजनीतीक मुद्दों पर पर भी बात करते है जिनके कारण कई नेताओ के निशाने में आ गये थे | आइये आज आपको उसी योग गुरु बाबा रामदेव की जीवनी से रूबरू करवाते है |
Baba Ramdev:-
स्वामी बाबा रामदेव का जन्म 26 दिसम्बर 1965 में भारत के हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ जनपद के सैयद अलीपुर नामक गाँव में हुआ था इनके पिता का नाम रामनिवास यादव जो किसान कार्य करते थे और इनकी माता का नाम गुलाबो देवी है बाबा रामदेव के बचपन का नाम रामकृष्ण यादव था जिनकी प्रारम्भिक शिक्षा 8वी तक पास के ही गाँव शहजादपुर में सरकारी स्कूल से हुआ इनके जीवन के संघर्ष की कहानी इन्ही स्कूल के दिनों से ही देखा जा सकता है बाबा रामदेव खुद बताते है की उन दिनों उनके घर पर बिजली नही होती थी जिसकी वजह से लैंप और दिए की रौशनी में पढाई करना पड़ता है लेकिन बचपन से बाबा रामदेव कुशाग्र बुद्धि के जाने जाते है जिस कारण से इनके सभी गुरु और अध्यापक बहुत ही पसंद करते थे वे अपनी हर बात बेबाकी से रखते है और उसका समाधान भी पूछते रहते हैऔर आठवी पास करने के बाद रामदेव लकवा के शिकार हो गये घरवालो के पास इतना पैसा नही था की इनके इलाज के खर्च के लिए अंग्रेजी दवाओ का खर्च उठाये लेकिन शुरू से ही योग और आयुर्वेद में रूचि रखने के कारण आयुर्वेद का सहारा लिए और आयुर्वेदिक दवाओ और योग के के माध्यम से बाबा रामदेव पूरी तरह स्वस्थ्य हो गये जिसे बाबा रामदेव अपने जीवन की बहुत बड़ी सफलता मानते है और यही से बाबा रामदेव को योग का महत्व समझ में आ गया था की योग और आयुर्वेद के जरिये असाध्य से असाध्य रोगों को भी ठीक किया जा सकता है जिसके बाद बाबा रामदेव ने मन में भी यही ठान लिया की योग का प्रचार प्रसार करना उनका मुख्य लक्ष्य होंगा और योग और आयुर्वेद के जरिये पूरे विश्व को जीने की एक नयी राह दिखायेगे |और फिर इसके बाद आगे की पढाई पूरी करने के लिए वे पास के दुसरे गाँव खानपुर से योग और संस्कृत की शिक्षा दीक्षा ली फिर यही उन्हें सन्यास जीवन जीने के प्रेरणा मिली |
बाबा रामदेव का संन्यास जीवन:-
गुरुकुल में रहते हुए उन्होंने योगाभ्यास करते हुए ये सीखा कि अगर उनको दुनिया में बदलाव लाना है तो उन्हें सांसारिक जीवन का त्याग करना पड़ेगा | इसी विचार के साथ उन्होंने संसार से वैराग्य ले लिया और सन्यासी का चोगा पहन कर “स्वामी रामदेव ” नाम धारण कर लिया | अब वो हरियाणा के जींद जिले में आकर आचार्य धर्मवीर के गुरुकुल कल्व में शामिल हो गये और हरियाणा के लोगो को योग की शिक्षा देने लग गये | यहा पर वो लोगो को मुफ्त योग की शिक्षा देते थे | अब कुछ दिनों बाद उन्होंने अहसास किया कि उन्हें योग का पूरा ज्ञान लेने के लिए वास्तविक योगियों से मिलना पड़ेगा |अब वास्तविक जीवन के योगियों से मिलने की खोज में वो हिमालय की यात्रा पर निकल पड़े | यहा पर उनकी मुलाकात कई योगियों से हुयी थी जो उस हिमालय पर पने आश्रम बना कर रह रहे थे | उन्होंने उन योगियों से योग और ध्यान की गहराई को समझा | अब वो खुद गंगोत्री ग्लेशियर में ध्यान में लीं हो गये और असली योग का अभ्यास करने लगे थे | यहा पर रहते हुए उन्हें अपने जीवन के वास्तविक ध्येय का पता चला था | कुछ समय रहने के बाद उनको एहसास हुआ कि “यदि योग का अभ्यास करते हुए मेरा जीवन यही समाप्त हो गया तो मेरा ज्ञान भी मेरे साथ समाप्त हो जाएगा , इसके लिए मुझे कुछ ओर सोचना होगा ” |
Baba Ramdev Career :-
1993 में उन्होंने हिमालय छोड़ दिया था तथा 1995 में वो वेक्रूपालू आश्रम के अद्यक्ष स्वामी शंकरदेव के शिष्य बन गये | इस आश्रम की स्थापना स्वामी कृपालु देव ने 1932 में करी थी जो पहले एक स्वतंत्रता सेनानी थे और बाद में आध्यात्मिक गुरु बन गये थे | कृपालु देव पहले किशोर चन्द्र नामक एक क्रांतिकारी थे जो समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजो का विरोध करते थे | इन्होने हरिद्वार में अनेक क्रांतिकारीयो को शरण दी थी और साथ ही यहा पर पहला सार्वजनिक पुस्तकालय भी शुरू किया था जिसमे 3500 से भी अधिक पुस्तके थी | अब यहा पर रहते हुए उन्होंने सन्यास ले लिया और स्वामी कृपालु देव के नाम से पुकारे जाने लगे |1968 में जब स्वामी कृपालु देव की आयु 100वर्ष की हुयी तब वो परलोक सिधार गये | उनके बाद स्वामे शंकरदेव उनके उत्तराधिकारी बने | अब 1995 में अपने गुरु स्वामी शंकरदेव से शिक्षा लेकर उन्होंने लोगो को योग सिखाना शूर कर दिया और साथ ही प्रकुर्तिक चिकित्सा भी सिखाते थे | अब योग और आयुर्वेद का प्रसार करने के लिए वो पर्चे लेकर हरिद्वार की सडको पर घुमा करते थे | 1995 में ही उन्होंने दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट की स्थापना कर दी थी | 2002 में उन्होंने अपनी पहली सार्वजनिक सभा में योग स्वास्थ्य सिद्धांत को प्रकट किया था कि योग जीवन के लिए कितना आवश्यक है |2003 में उन्होंने योग कैंप लगाना शूरू कर दिया और पुरी तैयारी के साथ योग सिखाना शुरू कर दियता | उसी वर्ष से ही आस्था टीवी भी उनके साथ जुड़ गया और प्रतिदिन सुबह उनके योग शिविर का सीधा प्रसारण देने लगा था |उनके योग शिविर की वजह से आस्था चैनल भी काफी लोकप्रिय होने लगा था | यह पहला अवसर था कि योग को टीवी के माध्यम से सिखाया जा रहा था जिसका ध्यान देश के कई लोगो ने अपनी ओर खीचा | अब उनके योग को बड़ी संखया में लोग देखते थे और कई कलाकार उनके शिविर में शामिल होते थे | उनके योग को सीखने के लिए जब विदेशी लोगो की भी भरमार हुयी तब उन्होंने अंग्रेजी भाषा का भी सीखी जिससे उन्होंने विदेश में भी योग प्रसार किया |आज उनके योग को पुरे विश्व में कई देशो जैसे ब्रिटेन , अमेरिका और जापान में अपनाया जाता है |
पतंजली योगापीठ की स्थापना:-
योग और आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के लिए बाबा रामदेव ने सन 2006 में हरिद्वार में ही पतंजली योगपीठ की स्थापना किया जिसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद पर रिसर्च करना है इसके दो शाखाये है
पतंजली योगपीठ -1
पतंजली योगपीठ -2
पतंजली संस्थान के जरिये बाबा रामदेव ने पतंजली अस्पताल, पतंजली यूनिवर्सिटी भी खोला है जिसमे हजारो छात्र योग एंवआयुर्वेद की पढाई के साथ साथ इसपर रिसर्च भी करते है पतंजली एक ऐसा अस्तपताल है जिसमे एक साथ 10 हजार से भी अधिक मरीजो के रहने की व्यवस्था है इसमें आयुर्वेद के अतिरिक्त अन्य विधियों से भी रोगों का इलाज किया जाता हैइसके अलावा पतंजली की कई अनेक शाखाये अब विदेशो में भी खुल गयी है जिन प्रमुख देशो में USA, कनाडा, नेपाल जैसे देश शामिल हैइसके अतिरिक्त बाबा रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजली योगपीठ के जरिये अपने देश में स्वदेशी को बढ़ावा देने हेतु “पतंजली” लिमिटेड का भी स्थापना किया है पतंजली की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की पतंजली के जरिये दैनिक जीवन के रोज काम में आने वाली चीजो जैसे साबुन, तेल, खाने पीने का सामान, आयुर्वेदिक व पौष्टिक आहार बहुत उचित दामो पर आसानी से मिल जाती हैऔर यही नही बाबा रामदेव ने पतंजली की स्थापना के पीछे उनके स्वदेशी वस्तुओ के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है और यह भी मानना है की हमारे देश का पैसा हमारे देश में ही रहे, जिसके लिए उन्होंने पूरे देश में पतंजली के जगह जगह रिटेल शॉप खोले गये है जहा पर आसानी से पतंजली के सभी प्रोडक्ट्स आसानी से मिल जाते है और पतंजली की स्थापना के बाद से लाखो लोगो को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए है इस तरह बाबा रामदेव द्वारा स्थापित कम्पनी सफलता के नये नये आयाम स्थापित कर रही है
बाबा रामदेव का विवादों से नाता:-
बाबा रामदेव का शुरवात से विवादों से नाता रहा है जिसका वो बड़ी बेबाकी और आत्मविश्वास के साथ जवाब देते है जिससे सामने वाले की बोलती बंद हो जाती है | बाबा रामदेव सबसे ज्यादा देश की राजनीती की बात करने पर विवादों में नजर आते है | बाबा रामदेव ने सबसे पहले काले धन के विवाद को उठाया जो करोड़ो रूपये विदेशी बबैंकों में जमा है | इसके अलावा जन लोकपाल के लिए भी वो अन्ना हजारे के साथ बैठे थे जब उन्होंने अनशन भी किया था | इनको कांग्रेस पार्टी से भी सख्त नफरत है क्योंकि ये वंशवाद पर चलती है और अपने परिवार को राजनीती के शीर्ष पर बिठाना चाहती है |बाबा रामदेव शुरू से नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे है जब वो भारत के प्रधानमंत्री भी नही बने थे | बाबा रामदेव ने नरेंद्र मोदी के लिए चुनाव अभियानों में भाग लिया था और भाजपा का समर्थन किया था | जिसकी वजह से भी भाजपा को काफी फायदा हुआ था और पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार सत्ता में आयी थी | नरेंद मोदी के साथ जुड़े रहने के कारण भी बाबा रामदेव पर कई विवाद खड़े हुए थे कि उनको मोदी सहायता करते है जबकि उन्होंने इन बातो को नकारते हुए कहा कि उन्होंने अपना साम्राज्य अपनी मेहनत पर खड़ा किया जिसमे किसी भी नेता या अभिनेता का हाथ नही था |बाबा रामदेव को प्रितिदीन 5 या 6 प्रेस कांफ्रेस करनी पडती है जिसमे वो विवादित मुद्दों को सुलझाते हुए दीखते है | बाबा रामदेव को आजकल तो आप योग शिविरों से ज्यादा न्यूज चैनलों पर देख सकते है जहा उन पर विवादित प्रश्नों की झड़ी लगाई जाती है जिसका वो बड़े आत्मविश्वास के साथ जवाब देते है | बाबा रामदेव कभी कैमरे के आगे आने से कतराते नही है और विवादों से घबराते नही है | बाबा रामदेव को पूर्ण विश्वास है कि वो अपना काम पुरी इमानदारी और सच्चाई से करते है इसलिए वो किसी भी नेता या न्यूज चैनलों से नही डरते है | इन्ही विवादों की वजह से ही बाबा रामदेव ओर ज्यादा प्रसिद्ध होते जा रहे है |तो मित्रो अगर आपको बाबा रामदेव की जीवनी और पातंजली आयुर्वेद के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने विचार और सुझाव कमेंट में देना ना भूले ताकि भारत के ओर महान लोगो की सम्पूर्ण जीवनी आप तक पहुचा सके |
बाबा रामदेव और अन्तराष्ट्रीय योग दिवस:-
हमारा भारत सदियों से देवभूमि रहा है प्राचीन काल से ही भारतीय आयुर्वेद और योग के बल पर स्वस्थ्य जीवन जीते आ रही है लेकिन भारतीय आम जनमानस द्वारा अपनी प्राचीन पद्दति को भुलाये जाने के कारण योग पर भी अच्छा खासा प्रभाव पड़ा है इसी कारण बाबा रामदेव ने फिर लोगो में योग और और आयुर्वेद के प्रति रूचि जगाने के लिए विश्व भर में योग शिविरों का आयोजन करते रहते है जिसके कारण बहुत सारे विकसित देश योग के महत्व को अच्छे तरह से समझ भी गये हैऔर योग के प्रचार प्रसार की इसी कड़ी में 2014 में बाबा रामदेव के सार्थक प्रयास को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी जाना और भारत सरकार के प्रस्ताव के बाद 193 देशो के आम सहमती से प्रतिवर्ष 21 जून को “अन्तराष्ट्रीय योग दिवस” मनाया जाने लगा है जिसका श्रेय बाबा रामदेव को भी जाता है
बाबा रामदेव का टेलिकॉम क्षेत्र में प्रवेश:-
अभी हाल के ही दिनों में बाबा रामदेव ने अपने स्वदेशी योजना को विस्तार करते हुए टेलिकॉम क्षेत्र में भी एंट्री दे दिया है भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड के साथ मिलकर बाबा रामदेव ने पतंजली सिम योजना को लांच किया है जिस मोबाइल सिम के जरिये Voice Calling, Data के साथ साथ जीवन बीमा को भी देने की बात कही गयी है जो की एक तरह से भारतीय जनमानस के लिए अच्छी योजना का शुरुआत कह सकते हैइस तरह बाबा रामदेव बचपन से लेकर आजतकहमेसा नये नये संघर्षो के साथ आगे बढ़ते जा रहे है और एक सन्यासी होने के बावजूद भारतीय जनमानस पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाया है |
Patanjali Yogpeeth:-
अपने योग का विश्व्यापी प्रसार करने के उद्देश से बाबा रामदेव ने 2006 में पतंजली योगपीठ की स्थापना हरिद्वार में की जिसका उद्देश्य योग और आयुर्वेद को को बढ़ावा देना था |बाबा रामदेव ने गुरु पातंजली के नाम पर इस संस्थान का नाम रखा जो भारत का सबसे बड़ा योग संस्थान है | यही पर आचार्य बालकृष्ण की बदौलत University of Patanjali बनी | यह संस्थान हरिद्वार-दिल्ली राष्टीय राजमार्ग पर स्तिथ है जो हरिद्वार के कनखल से 20 किमी और रूडकी से 15 किमी की दूरी पर है | इस योगपीठ में योगाभ्यास करने वाले लोगो के लिए रहने खाने की भी व्यवस्था है जहा हर समय हजारो योग करने वाले लोग जमा रहते है |यह पातंजलि आयुर्वेद चिकित्सालय 20 एकड़ जमीन में फैला हुआ है जिसमे संसार का सबसे बड़ा O.P.D. है जिमसे हर दिन 6 से 10 हजार तक रोगी रह सकते है | यहा पर 100 बेड वाला I.P.D. भी है जिसके साथ ही सभी आयुर्वेदिक पद्धतीसे उपचार के साथ अंग्रेजी पद्धति से उपचार करने के साधन उपलब्ध है | इसके अलावा इसके प्रांगण में पुस्तकालय , भोजनालय , पार्किंग और गेस्ट हाउस भी उपलब्ध है | इसके बाद बाबा रामदेव ने बढ़ते रोगियों को देखते हुए पतंजलि योगपीठ के दुसरे चरण का निर्माण करवाया जिसमे यहाँ से भी ज्यादा परिसर है |
Patanjali Ayurveda:-
बाबा रामदेव की कम्पनी का नाम पातंजली आयुर्वेद लिमिटेड है जो एक भारत की सबसे तेज बढती हुयी FMCG कम्पनी है | पातंजली आयुर्वेद लिमिटेड कम्पनी की स्थापना 2006 में आचार्य बालकृष्ण ने बाबा रामदेव के साथ मिलकर की | इस कंपनी में निर्माण संबधी सारा काम स्वयं आचार्य बालकृष्ण देखते है जिनकी इस कम्पनी में भागीदारी प्रतिशत भी है | बाबा रामदेव इस कम्पनी के उत्पादों का अपने योग शिविरों के माध्यम से प्रचार करते है तथा इनकी इस कम्पनी में कोई भागीदारी प्रतिशत नही है | पातंजली आयुर्वेद लिमिटेड कम्पनी में उत्पाद आधुनिक तकनीक के साथ साथ पुरानी पद्दतियो से भी बनाये जाते है जिसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद को आगे बढाना है |पातंजलि आयुर्वेद द्वारा हरिद्वार में “पातंजलि फ़ूड एंड हर्बल पार्के” बनाया गया है जिसमे सारे उत्पादों का निर्माण किया जाता है | इस कम्पनी की भविष्य में शाखाये भारत के अन्य हिस्सों और नेपाल में खोलने की आशंकाए है | पातंजलि आयुर्वेद में 800 से भी ज्यादा उत्पाद बनाये जाते है जिनमे से 45 प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद और 30 प्रकार के खाद्य उत्पाद है | पातंजलि आयुर्वेद की सफलता का राज ये है कि एक तो ये दुसरी कंपनियों से सस्ता सामान देते है और दूसरा इनकी गुणवता दुसरो से बेहतर है | पातंजली के वर्तमान में इतने उत्पाद हो गये है कि उसने हिंदुस्तान उनिलिवर को छोडकर बाकि सब बड़ी कंपनियों को पछाड़ दिया है |पातंजलि ने हाल ही में सौन्दर्य प्रसाधन और बेबी प्रोडक्टस भी बनाना शुरू कर दिया है | पतंजलि इससे पहले केवल आयुर्वेदिक दवाइया बेचता था जिसमे शरीर के अलग अलग विकारो के लिए 300 से भी अधिक आयुर्वेदिक दवाईया है | इन आयुर्वेदिक दवाईयो का देश के करोड़ो लोग अपनी अच्छी सेहत के लिए इस्तेमाल करते है | पातंजलि आयुर्वेद के वर्तमान में देश भर में 4000 से भी ज्यादा रिटेल आउटलेट है | पातंजलि ने patanjaliayurved.net नामक अपनी स्वयं की ऑनलाइन स्टोर से पातंजलि उत्पादों को बेचा है | इसके अलावा भविष्य में इनका रेलवे स्टेशन और एअरपोर्ट भी ओपन आउटलेट खोलने का विचार है |पातंजलि आयुर्वेद के वार्षिक टर्नओवर का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है | जब इन्होने शुरुवात की थी तब केवल आयुर्वेदिक दवाइयों से इतना मुनाफा नही होता था लेकिन FMCG प्रोडक्ट को उतारने के बाद पातंजली ने काफी धन कमाया है | पातंजलि आयुर्वेद ने 2012 में 450 करोड़ , 2013 में 850 करोड़ , 2014 में 1200 करोड़ कमाया था जो 2015 में बढकर 2500 करोड़ हो गया | इस तरह पातंजलि आयुर्वेद भारत की सबसे तेज गति से बढने वाली कम्पनी बन गयी जो केवल स्वदेशी उत्पाद बनाती है | 2016 में इस कंपनी के 5000 करोड़ तक पहुचने की आशंका है तथा 2020 तक ये लगभग 20000 करोड़ की कम्पनी बन सकती है |पातंजलि आयुर्वेद का घी सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद है जो भविष्य में ये अकेला उत्पाद पातंजलि आयुर्वेद को 2000 करोड़ कमाकर दे सकता है | घी के बढ़ते व्यापार को देखकर इस पर कई विवाद भी उठे थे जिसका बाबा रामदेव ने पुरे प्रमाणों के साथ उसे खारिज कर दिया था | इसके बाद पातंजलि आयुर्वेद का टूथपेस्ट दंत कान्ति ने कोलगेट जैसी बरसों से चल रही कम्पनी को पछाड़ दिया है | इसके अलावा पातंजलि आयुर्वेद का शहद , दलिया , नमक , मसाले , च्यवनप्राश जैसे खाद्य उत्पाद और पातंजलि आयुर्वेद के साबुन , शेम्पू , हेयर आयल , फेसवाश ,फेस क्रीम भी काफी बिकते है | इन सभी उत्पादों के बनाने के लिए पातंजलि फ़ूड एंड हर्बल पार्क में 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते है जिनमे प्रशिक्षित खाद्य वैज्ञानिको से लेकर मजदूर तक शामिल है |
बाबा रामदेव अवार्ड व सम्मान:-
- जनवरी 2007 में भुवनेश्वर की कलिंगा यूनिवर्सिटी के द्वारा डोक्टरेट की उपाधि दी गई.
- जनवरी 2011 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया.
- अप्रैल 2015 में हरियाणा सरकार ने उन्हें योगा व आयुर्वेद का ब्रांड एम्बेसडर बना दिया.
- आईआईटी व एमिटी के द्वारा मानद डोक्टरेट की उपाधि दी गई है.
बाबा रामदेव हमारे देश की राजनीती में विशेष रूचि रखते है. आये दिन वे किसी न किसी टॉपिक पर अपनी विशेष टिपण्णी देते है, जिससे वे सुर्ख़ियों में भी बने रहते है.