9TH SST

Bihar Board Class 9th History Notes | भौगोलिक खोजें

भौगोलिक खोजें

Bihar Board Class 9th History Notes

class – 9th

subject – history

lesson 1 – भौगोलिक खोजें

भौगोलिक खोजें

SabDekho.in

महत्वपूर्ण तथ्य:- विश्व इतिहास में समुद्री यात्रा एवं भौगोलिक खोजो का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्रारंभिक काल में व्यापार मुख्यत: एक निश्चित मार्ग से होता था। परंतु विश्व के कई ऐसे क्षेत्र थे जहां जन-जीवन तो विद्यमान था लेकिन से शेष विश्व से उनका जुड़ाव नहीं था। इसलिए व्यापार बढ़ाने के उद्देश से कालांतर में व्यापक स्तर पर भौगोलिक खोजें हुई ।
भौगोलिक खोजो के लिए दिशासूचक यंत्र का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक था। अतः यूरोप वासियों ने कंपास का ज्ञान अरबों से सीखा। नाव निर्माण कला में परंपरागत पद्धति की जगह खाँचा पद्धति का विकास हुआ जिससे बड़े एवं मजबूत जहाज बनाए जाने लगे ।फलस्वरुप 1436 ई० में पुर्तगाली व्यापारी बार्थोंलोमियो डियाज़ अफ्रीका के पश्चिमी तट होते हुए दक्षिणतम बिंदु उत्तमासा अंतरीप तक पहुंच गया। 1492ई० में क्रिस्टोफर- कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज की गई । 1498ई० मैं पुर्तगाल का एक साहसी नाविक वास्कोडिगामा उत्तमाशा अंतरीप होते हुए भारत के मालाघट तट तक पहुंच गया। प्रारंभ में वास्कोडिगामा द्वारा खोजे गए अमेरिका अर्थात नई दुनिया को भारतीय उपमहाद्वीप का हिस्सा समझ गया बाद में स्पेन के नागरिक और नाविक अमीरेगु वेस्पुची ने नई दुनिया को विस्तार से ढूंढा तथा उसी के नाम पर इसका नाम अमेरिका पड़ा। 1519ई० में मैग्लेन ने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया तथा इस बात की पुष्टि की कि सभी समुद्र एक दूसरे से जुड़े हैं।
इस प्रकार 16वी शताब्दी के पूर्वाद्ध तक लगभग समस्त दुनिया की जानकारी यूरोप को हो चुकी थी। भौगोलिक खोजो के परिणाम काफी दूरगामी तथा महत्वपूर्ण साबित हुए। इस घटना से पहली बार संसार के सभी लोग एक दूसरे से परिचित हुए।
भौगोलिक खोजो के परिणाम मुख्यत: निम्न हुए:-
(¡) नए देशों की खोज एवं में व्यापारी संपर्कों ने यूरोपीय व्यपार वाणिज्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए। उपनिवेशों के आर्थिक शोषण से यूरोपीय देश समृद्ध होने लगे। इस प्रगति ने यूरोपीय व्यापार को चारमोत्कर्षक पर पहुंचा दिया तथा व्यपार में हुंडी, ऋण-पत्र आदि का विकास हुआ।
(¡¡)भौगोलिक खोजों के उपरांत उपनिवेशों पर आधिपत्य को लेकर यूरोपीय देशों में आपस में प्रतिस्पर्धा चलती रही । अतः व्यापार के माध्यम में भी परिवर्तन हुआ । अब व्यक्तियों की जगह संगठित व्यापारिक कम्पनियों ने व्यापार करना प्रारम्भ कर दिया ।
(iii) वैश्विक स्तर पर व्यापार के विकास के साथ-साथ आधुनिक पूंजीवाद का जन्म हुआ जिसकी वजह से यूरोपीय देशों का ध्यान सोने ने अपनी ओर आकृष्ट किया । अतः अन्तर्राष्ट्री स्तर पर सोने तथा चाँदी की लूट-पाट तथा संग्रह शुरू हुआ ।
(iv) भौगोलिक खोजों के दौरान तथा बाद में अपने उपनिवेशों में यूरोपीय देशों ने अपनीसभ्यता, संस्कृति, धर्म एवं साहित्य का प्रचार-प्रसार शुरू किया । इससे ईसाई धर्म एवं सभ्यता का प्रचार-प्रसार शुरू हो गया । भौगोलिक खोजों के परिणामस्वरूप विकसित व्यापार-वाणिज्य में मानव-श्रम की महत्ता ने दास-व्यापार को प्रोत्साहित किया।
(vi) भौगोलिक खोजों ने भौगोलिक ज्ञान से जुड़ी हुई कई भ्रान्तियों को दूर किया । इससे नए-नए आविष्कारों का जन्म हुआ । समुद्री यात्राओं ने भौगोलिक खोजों से जुड़े उपकरणों, जैसे नक्शे, कम्पास, नक्षत्र प्रणाली आदि का विकास हुआ ।
(vii) भौगोलिक खोजों से विभिन्न प्रकार की नवीन फसलों का आदान-प्रदान हुआ।इस प्रकार भौगोलिक खोजों से विश्व की एक नई रूपरेखा सामने आई । विचारों में परिवर्तन आया तथा वैज्ञानिक आविष्कार हुए । धार्मिक अंधविश्वास टूटने लगे तथा पूँजीवाद, वाणिज्य,साम्राज्यवाद का विकास हुआ ।
बस्तुनिष्ठ प्रश्नोउत्तर
1. वास्कोडिगामा कहाँ का यात्री था?
(क) स्पेन
(ख) पुर्तगाल
(ग) इंगलैंड
(घ) अमेरिका
[उत्तर-(ख)]
2. यूरोपवासियों ने दिशासूचक यंत्र का प्रयोग किनसे सीखा ?
(क) भारत से
(ख) रोम से
(ग) अरबों से
(घ) चीन से
[उत्तर-(ग)]
3. उत्तमाशा अंतरीप (Cape of good hope) की खोज किसने की?
(क) कोलम्बस
(ख) वास्कोडिगामा
(ग) मैग्लन
(घ) डियाज बार्थोलोमियो
[उत्तर-(घ)]
4. अमेरिका की खोज किस वर्ष की गई?
(क) 1453 (ख) 1492 (ग) 1498 (घ) 1519 [उत्तर-(ख)]
5. कुस्तुनतुनिया का पतन किस वर्ष हुआ ?
(क) 1420 (ख) 1453 (ग) 1510 (घ) 1498 [उत्तर-(ख)]
6. विश्व का चक्कर किस यात्री ने सर्वप्रथम लगाया ?
(क) मैग्लेन
(ख) कैप्टन कुक
(ग) वास्कोडिगामा
(घ) मार्कोपोलो
[उत्तर-(क)]
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. यूरोप में मध्यकाल को अंधकार युग क्यों कहते हैं ?
उत्तर-यूरोप में मध्यकाल मुख्यतः सामंती प्रवृत्तियों का काल था । इस काल में न तो व्यापार-वाणिज्य का विकास था, न ही धर्म का स्वरूप उदार एवं मानवीय था । पृथ्वी के बारे में ज्ञान अत्यल्प एवं अंधविश्वासों से परिपूर्ण था । सामुद्रिक ज्ञान भी सीमित था । मध्ययुगीन लोगों को यह विश्वास था कि पृथ्वी चपटी है तथा समुद्र में अधिकतम दूरी पर जाने पर पृथ्वी के किनारों से गिरकर अनन्त में विलीन होने का भय था ।
प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों में वैज्ञानिक उपकरणों का क्या योगदान था ?
उत्तर-भौगोलिक खोजों में वैज्ञानिक उपकरणों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था । पहले किसी प्रकार के दिशासूचक यंत्र का ज्ञान न होने के कारण समुद्र में दिशा भटक जाने का भय रहता था । इसलिए यूरोपवासियों ने कम्पास का ज्ञान अरबों से सीखा । इटली, स्पेन एव पुर्तगाल के समुद्र तटीय इलाकों में नाव-निर्माण कला में परम्परागत पद्धति की जगह खाँचा पद्धति का विकास हुआ जिससे बड़े एवं मजबूत जहाज बनाए जाने लगे । दूरबीन के आविष्कार हो जाने से सामुद्रिक अभियानों में बड़ी सहायता मिलने लगी ।
इन सभी छोटे-बड़े आविष्कारों ने भौगोलिक खोजों को बड़ा आसान बना दिया ।
प्रश्न 3. भौगोलिक खोजों ने व्यापार-वाणिज्य को किस प्रकार प्रभावित किया ?
उत्तर-नए देशों की खोज एवं नए व्यापारिक संपर्कों ने यूरोपीय व्यापार-वाणिज्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए । यूरोपीय व्यापार चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया तथा उपनिवेशों के आर्थिक शोषण से यूरोपीय देश समृद्ध होने लगे । अतः मुद्रा व्यवस्था का विकास हुआ । यूरोपीय देशों द्वारा खोजे गए नए देशों से आयातित सोने तथा बहुमूल्य धातुओं ने अर्थव्यवस्था के स्वरूप को ही बदल कर रख दिया।
प्रश्न 4. भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार भ्रांतियाँ तोड़ीं?
उत्तर-भौगोलिक खोजों ने भौगोलिक ज्ञान के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को तोड़ने का कार्य किया। इससे चर्च द्वारा प्रभावित अवधारणाओं पर अंगुली उठने लगी । पृथ्वी के बारे में मध्ययुगीन लोगों को विश्वास था कि पृथ्वी चपटी है तथा समुद्र में अधिकतम दूरी तक जाने पर पृथ्वी के किनारों से गिरकर अनन्त में विलीन हो जाने का डर था, जबकि 1519 ई० में मैग्लेन ने पूरी दुनिया का चक्कर लगाकर यह साबित कर दिया कि पृथ्वी चपटी नहीं है ।




एक वाक्य में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-
1. भारत आने में किस व्यापारी ने बास्कोडिगामा की मदद की ?
उत्तर-भारत के एक व्यापारी अब्दुल मजीद ने वास्कोडिगामा की मदद की।
2. न्यूफाउण्डलैंड का पता किसने लगाया ?
उत्तर-न्यूफाउण्डलैंड का पता क्रिस्टोफर कोलम्बस ने लगाया ।
3. यूरोपियनों द्वारा निर्मित तेज चलने वाले जहाज को क्या कहा जाता था ?
उत्तर-यूरोपियनों द्वारा निर्मित तेज चलने वाले जहाज को कौरावल कहा जाता था ।
4. दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणतम बिन्दु कौन-सा है ?
उत्तर-दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणतम बिन्दु उत्तमाशा अन्तरीप है।
5. 11वीं-12वीं शताब्दी में ईसाई एवं मुसलमानों के बीच युद्ध क्यों हुआ था ?
उत्तर-11वीं-12वीं शताब्दी में ईसाई एवं मुसलमानों के बीच युद्ध जेरूशलम पर अधिकार
को लेकर हुआ था ।
6. 1453 ई० में कुस्तुनतुनिया पर किसने अधिकार जमाया ?
उत्तर-1453 ई० में कुस्तुनतुनिया पर तुर्कों ने अधिकार जमा लिया ।
7. पुर्तगाल एवं स्पेन किस महासागर के पास अवस्थित हैं ?
उत्तर
नीचे दिए गए कथनों में जो सही है उनके सामने सही (1) तथा जो गलत हों उनकेसामने गलत (x) का चिह्न लगाएँ-
(i) भारत के मूल निवासियों को रेड इंडियन कहा जाता है ।
(ii) उत्तमाशा अंतरीप की खोज ने भारत तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त किया ।
(iii) भारत अटलांटिक महासागर के पूर्वी तट पर स्थित है। X
(iv) मार्कोपोलो ने भारत की खोज की।  X
(v) जेरूसलम वर्तमान ‘इजरायल’ में है ।
(vi) लिस्बन दास-व्यापार का बहुत बड़ा केन्द्र था ।
(vii) अमेरिगु ने नई दुनिया को विस्तार से खोजा ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. भौगोलिक खोजों का क्या तात्पर्य है ? इसने किस प्रकार की दूरियाँ घटाई ?

उत्तर-विश्व की प्रारम्भिक सभ्यताओं के काल से ही व्यापार एवं वाणिज्य आपसी सम्पर्क
का कारण रहा । यह एक निश्चित मार्ग के द्वारा होता था। लेकिन विश्व के कई ऐसे क्षेत्र थे
जिनमें जन-जीवन व्याप्त था लेकिन शेष विश्व से उनका जुड़ाव नहीं था । अत: व्यापार को
विस्तार रूप से करने के लिए विश्व के अन्य देशों से सम्पर्क आवश्यक था । अतः इन देशों से
सम्पर्क करने के रास्ते तलाशने को भौगोलिक खोजें कहते हैं । इसी क्रम में 1488 ई. में पुर्तगाली
व्यापारी बार्थोलोमियो डियाज अफ्रीका के पश्चिमी तट होते हुए दक्षिणी अफ्रीका के दक्षिणतम
बिन्दु उत्तमाशा अंतरीप तक पहुँच गए । 1492 ई. में क्रिस्टोफर-कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज
की गई । 1498 ई० में साहसी नाविक वास्कोडिगामा उत्तमआशा अंतरीप होते हुए भारत के
मालाबार तट तक पहुँच गया । 1519 ई. में मैग्लन ने पूरी दुनिया का चक्कर जहाज से लगाया
तथा इस बात की पुष्टि की कि पूरी दुनिया के सभी समुद्र एक-दूसरे से जुड़े हैं ।
इस प्रकार 16वीं शताब्दी के पूर्वाद्ध तक लगभग समस्त दुनिया की जानकारी यूरोप को हो
चुकी थी । अतः भौगोलिक खोजों ने सम्पूर्ण विश्व की दुरियाँ घटाई ।

प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों के कारणों की व्याख्या करें ।

उत्तर-विश्व की प्रारम्भिक सभ्यताओं के काल से ही व्यापार-वाणिज्य ही परस्पर सम्पर्क का
कारण रहा । लेकिन विश्व के कई ऐसे क्षेत्र थे जहाँ जन-जीवन तो व्याप्त था लेकिन शेष विश्व
से इनका जुड़ाव नहीं था, जैसे-अमेरिका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया आदि । 13वीं शताब्दी तक भारतहोकर चीन तक की यात्रा विवरणों ने यूरोपियों को दक्षिण-पूर्वी एशियाई साम्राज्यों की समृद्धि का
एहसास भी करवा दिया था ।
मध्ययुग में अरबों और उसके बाद तुर्कों ने विशाल साम्राज्यों का निर्माण किया । अबतक
यूरोप और एशिया का व्यापार कुस्तुनतुनिया के माध्यम से होता था । लेकिन 1453 ई० में
कुस्तुनतुनिया के आधिपत्य से तुर्कों ने इस मार्ग से व्यापार के बदले भारी कर वसूलना शुरू कर
दिया । अतः इन सभी वजहों से भौगोलिक खोजों के द्वारा विश्व के अन्य क्षेत्रों से व्यापार को
बढ़ाने की आवश्यकता प्रतीत हुई ।

प्रश्न 3. अंधकार युग से आप क्या समझते हैं ? अंधकार युग से बाहर आने में भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार मदद की?

उत्तर-मध्ययुग को अंधकार युग कहते हैं क्योंकि यह काल सामंती प्रवृत्तियों का काल था।
इस काल में न तो व्यापार वाणिज्य गतिशील था न ही धर्म का स्वरूप उदार एवं मानवीय था।
पृथ्वी के बारे में ज्ञान अत्यन्त एवं अंधविश्वास से युक्त था । सीमित भौगोलिक ज्ञान के कारण
व्यापार भी सीमित था । लोगों का विश्वास था कि पृथ्वी चपटी है एवं समुद्र में अधिकतम दूरी
पर जाने पर पृथ्वी के किनारों से गिरकर अनन्त में विलीन हो जाने का भय रहता था । समुद्र-यात्रा
अत्यन्त कपटपूर्ण एवं असाध्य थी।
इसी कारण मध्ययुग को अंधकार युग कहते हैं । भौगोलिक खोजों के फलस्वरूप यूरोप
को विश्व के अन्य देशों के बारे में जानकारी हुई । समुद्री यात्राओं के कारण विभिन्न प्रकार
के आविष्कार हुए । वाणिज्य व्यापार के विकास के कारण लोग एक-दूसरे के निकट आए तथा
इससे विश्व का सकारात्मक विकास हुआ । अतः भौगोलिक खोजों ने अंधकार युग से बाहर
में मदद की।

प्रश्न 4. भौगोलिक खोजों के परिणामों का वर्णन करें । इसने विश्व पर क्या प्रभाव डाला ?

उत्तर-भौगोलिक खोजों के परिणाम :
(i) व्यापार वाणिज्य पर प्रभाव-नए देशों की खोज एवं नए व्यापारिक संपर्कों ने यूरोपीय
व्यापार-वाणिज्य को चरमोत्कर्ष पर पहुँचा दिया । खोजों से पूर्व व्यापार मुख्य रूप से भूमध्यसागर
तथा बाल्टिक सागर तक सीमित था लेकिन खोजों के पश्चात् इसका स्थान हिन्द तथा प्रशान्त
महासागर ने लिया । यूरोपीय देशों द्वारा खोजे गए नए देशों से आयातित बहुमूल्य धातुओं, विशेषकर
अमेरिका से आयातित सोना तथा चाँदी ने अर्थव्यवस्था के स्वरूप को ही बदल दिया । अतः 80
वर्षों तक अर्थव्यवस्था चाँदी पर निर्भर रही । समाज में सामंती वर्ग के बदले में व्यापारी वर्ग का
प्रभाव बढ़ा।
(ii) औपनिवेशिक साम्राज्यों का विकास-भौगोलिक खोजों के उपरांत उपनिवेशों पर
आधिपत्य स्थापित करने के लिए तीव्र स्पर्धा होने लगी । व्यक्तियों की जगह अब संगठित
व्यापारिक कम्पनियों ने व्यापार चलाना आरम्भ कर दिया । इनमें से कुछ कम्पनियाँ व्यापारियों
द्वारा प्रायोजित थे और कुछ राज्य द्वारा । आगे चलकर अन्य द्वीपों पर भी उपनिवेशों एवं बस्तियाँ
बसाई गईं।
(iii) वाणिज्य का विकास-व्यापार के वैश्विक विस्तार के फलस्वरूप पूँजीवाद का आरम्भ
हुआ । इस आर्थिक व्यवस्था में सोने ने यूरोपीय देशों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया ।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने एवं चाँदी की लूट शुरू हुई एवं इसका भंडारण भी किया जाने लगा।
(iv) ईसाई धर्म एवं पश्चिमी सभ्यता का विस्तार-भौगोलिक खोजों के बाद धर्म-युद्ध की
असफलता के बाद ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार धीमा पड़ गया था उसमें तेजी आ गई । यूरोपीय
देशों ने अपने-अपने उपनिवेशों में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया । इन क्षेत्रों में
धन का लालच देकर एवं जबरन धर्मांतरण एवं सांस्कृतिक अतिक्रमण किया गया ।
(v) दास व्यापार का विकास-व्यापार वाणिज्य के विकास के फलस्वरूप ‘मानव श्रम’ की
महत्ता ने दास व्यापार को प्रोत्साहित किया । आरम्भ में गुलामों का व्यापार व्यक्तिगत स्तर पर थाकिन्तु 16वीं शताब्दी के अंत में इसने बाकायदा व्यापार का रूप ले लिया । इस प्रकार यह
भौगोलिक खोजों का नकारात्मक परिणाम था । इससे तथाकथित सभ्य एवं विकसित लोगों के द्वारा
अविकसित, भोले-भाले एवं कमजोर लोगों की हत्या की जाती है ।
(vi) भ्रांतियों का अंत एवं भौगोलिक ज्ञान में वृद्धि-भौगोलिक खोजों ने भौगोलिक ज्ञान
से जुड़े अवधारणाओं पर ऊंगली उठाने की वजह दी । बढ़े हुए सामुद्रिक गतिविधियों ने समुद्री
यात्राओं में उपयोगी विभिन्न उपकरणों, यथा नक्शे, कम्पास, नक्षत्र प्रणाली आदि के विकास की
वजह से विद्वानों एवं पेशेवर वैज्ञानिकों के वर्ग का उदय हुआ ।
(vii) अन्य परिणाम-भौगोलिक खोजों के परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार की नवीन फसलों
का आदान-प्रदान शुरू हुआ ।
अतः भौगोलिक खोजों के परिणामस्वरूप विचारों में परिवर्तन आया, वैज्ञानिक विचारों को
मान्यताएँ मिली, नए अन्वेषणों तथा नए मार्गों की खोज से पूँजीवाद, वाणिज्य तथा साम्राज्यवाद का
विकास हुआ ।

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