बिहार में किसानों को सरकार देगी सहजन के लिए 50 प्रतिशत अनुदान
किसानों को सरकार देगी सहजन के लिए अनुदान
बिहार में किसानों को सरकार देगी सहजन के लिए 50 प्रतिशत अनुदान
पटना. कृषि विभाग (Agriculture Department) ने किसानों को सहजन (Seepage) की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला किया है. कृषि विभाग ने 17 जिलों में सहजन की खेती के लिए क्षेत्र विस्तार करने कि योजना बनाई है. जिसके लिए 353.585 लाख रुपये को मंजूरी दी गई है. कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार (Dr. Prem Kumar) ने कहा कि सरकार ने वित्तीय साल 2019-20 और 2020-21 में दो वित्तीय वर्षों के लिए राज्य योजना मद से सहजन के क्षेत्र विस्तार की योजना है. इसके काम के लिए 353.585 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. कोविड-19 संक्रमण के कारण लाॅक-डाउन लागू होने के चलते वित्तीय साल 2019-20 की योजना का काम प्रभावित हुआ है. इसलिए चल रहे वित्तीय वर्ष के साथ-साथ पिछले साल वित्तीय वर्ष का भी अधूरा काम पूरा किया जायेगा.
मंत्री ने कहा कि सहजन और मुनगा आदि नामों से जाना जानेवाला सहजन औषधीय गुणों से भरपूर है. इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण पाये जाते हैं. इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एण्टीऑक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्दनिवारक और 18 तरह के एमिनोएसिड पाया जाते हैं. वहीं, चारे के रूप में इसकी पत्तियों के प्रयोग से पशुओं के दूध में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोत्तरी होती है. इस प्रकार से सहजन मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है.
सहजन का क्षेत्र विस्तार 17 जिलों में होगा
डाॅ. कुमार ने बताया कि इस कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों में लोगों के रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि करने में सहजन का काफी मददगार साबित होगा. बाहर में इसकी काफी मांग भी है. इसलिए यह किसानों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा. मंत्री ने कहा कि सहजन का क्षेत्र विस्तार की योजना का कार्यान्वयन मुख्य रूप से दक्षिण बिहार के 17 जिलों गया, औरंगाबाद, नालंदा, पटना, रोहतास, कैमूर, भागलपुर, नवादा, भोजपुर, जमुई, बाँका, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर, जहानाबाद, अरवल एवं शेखपुरा में किया जायेगा.
किसानों को सरकार देगी सहजन के लिए अनुदान
उन्होंने कहा कि सहजन का क्षेत्र विस्तार के लिए 74,000 रुपये प्रति हेक्टेयर इकाई लागत आकलन किया गया है. इन जिलों के किसानों को कुल इकाई लागत का 50 प्रतिशत यानि 37,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान दिया जायेगा. किसानों को यह सहायतानुदान दो किस्तों में दिया जायेगा, जिनमें प्रथम वर्ष 27,750 रु प्रति हेक्टेयर तथा द्वितीय वर्ष 9,250 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा. द्वितीय वर्ष में 90 प्रतिशत सहजन का पौधा जीवित रहने पर ही द्वितीय किस्त का भुगतान किया जायेगा. डाॅ. प्रेम कुमार ने बताया कि बिहार में सहजन एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाला पौधा है. कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में सहजन की खेती कर इस योजना का लाभ उठाएं.
aabhar- News18-Hindi
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