Biography

Priyanka Gandhi biography in hindi – प्रियंका गांधी की जीवनी

Priyanka Gandhi biography in hindi – प्रियंका गांधी की जीवनी

Priyanka Gandhi biography in hindi

प्रियंका गाँधी वाड्रा  एक भारतीय राजनितिज्ञ हैं| वे वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं| वे गाँधी-नेहरू परिवार से हैं और फिरोज गाँधी तथा इंदिरा गाँधी की पोती हैं|प्रियंका गांधी का जन्म नेहरू-गांधी परिवार में 12 जनवरी 1972 (आयु: 47 वर्ष, 2019 में) के रूप में नई दिल्ली, भारत में हुआ था।

प्रियंका के पिता का नाम राजीव  गांधी और माता का नाम सोनिया गांधी है । उनके पिता, राजीव गांधी भारत के प्रधान मंत्री थे।

उनकी मां, सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष थीं। उनके एक भाई, राहुल गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।

वह भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और फ़िरोज़ गांधी की पोती हैं।

वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की परपोती हैं।

संजय गांधी उनके चाचा थे जिनकी 1980 में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी और मेनका गांधी उनकी चाची हैं, जो एक दक्षिणपंथी राजनीतिक दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिज्ञ हैं और महिला और बाल विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में। वरुण गांधी उनके चचेरे भाई हैं जो बीजेपी के राजनेता हैं और एम.पी. सुल्तानपुर निर्वाचन क्षेत्र से।

उन्होंने 18 फरवरी 1997 को एक व्यवसायी, रॉबर्ट वाड्रा से शादी की।

उनके दो बच्चे हैं; एक बेटा रेहान (2000 में पैदा हुआ) और एक बेटी, मिराया (2002 में पैदा हुई)।

1. पूरा नाम (Full Name) प्रियंका गांधी वाड्रा
2. निक नाम (Nickname) प्रियंका
3. पेशा (Profession) भारतीय राजनीतिज्ञ
4. राजनीतिक पार्टी (Political Party) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
5. जन्मतिथि (Date of Birth) 12 जनवरी, 1972
6. उम्र (Age) 47 वर्ष
7. जन्मस्थान (Birth Place) दिल्ली, भारत
8. राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
9. गृहनगर (Hometown) दिल्ली, भारत
10. धर्म (Religion) हिन्दू
11. राशि (Zodiac Sign / Sun Sign) मकर
12. प्रसिद्धि (Famous As) राजनीतिज्ञ एवं राजीव गांधी जी की बेटी के रूप में
13. नेट वर्थ (Net Worth) 2.1 बिलियन डॉलर
14. वैवाहिक स्थिति (Merital Status) विवाहित
15. शादी की तारीख (Marriage Date) 18 फरवरी सन 1997
16. शादी क स्थान (Marriage Venue) गांधी होम, 10 जनपथ
1. पिता का नाम (Father’s Name) राजीव गांधी
2. माता का नाम (Mother’s Name) सोनिया गांधी
3. दादाजी का नाम (Grandfather’s Name) फिरोज गांधी
4. दादीजी का नाम (Grandmother’s Name) इंदिरा गांधी
5. भाई का नाम (Brother’s Name) राहुल गांधी
6. पर नाना का नाम (Great – Grandfather’s Name) पंडित जवाहरलाल नेहरु
7. चाचा का नाम (Uncle’s Name) संजय गांधी
8. चाची का नाम (Aunty’s Name) मेनिका गांधी
9. पति का नाम (Husband’s Name) रोबर्ट वाड्रा
10. बेटे का नाम (Son’s Name) रेहान वाड्रा
11. बेटी का नाम (Daughter’s Name) मिराया वाड्रा

करियर (Career)

प्रियंका जब 16  – 17 साल की थी, तब उन्होंने अपना पहला सार्वजानिक भाषण दिया था. तब से वे कई राजनीतिक जुलूसों, रैलियों और सम्मेलनों का हिस्सा रही हैं. बहुत कम उम्र से ही वे नियमित रूप से अपनी माँ और भाई के विधानसभा क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी का दौरा करती रही है. वहाँ वे लोगों के बीच जाकर उनसे सीधे बात किया करती थी, इसलिए प्रियंका निर्वाचन क्षेत्र में एक लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं. वे जहाँ भी जाती है, लाखों की भीड़ इकट्ठा करती हैं. हर चुनाव में अमेठी में उनके लिए एक लोकप्रिय नारा रहता है ‘अमेठी का डंका, बिटिया  प्रियंका’, जोकि प्रियंका को चुनाव में खड़े करने के लिए स्पष्ट रूप से आह्वान के रूप में रहता है.

सन 2003 – 04 के चुनाव से पहले प्रियंका गांधी जी की माँ कांग्रेस की अध्यक्ष बनी और उन्होंने इस पद पर कार्य करते हुए सन 2004 के चुनाव में जीत हासिल की. उस दौरान प्रियंका ने पार्टी की छवि में पूरी तरह से बदलाव कर दिया था, यह जीत उसी बदलाव का नतीजा थी. प्रियंका गांधी ने इस चुनाव में अपनी माँ के लिए अभियान में शामिल हुई और इसमें उन्होंने मेनेजर के रूप में कार्य किया. इस चुनाव के दौरान राहुल गांधी अमेठी के निर्वाचन क्षेत्र के लिए लड़ रहे थे, उस अभियान में प्रियंका ने उनकी भी मदद की थी. सन 2004 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद, प्रियंका पार्टी में  आगे बढ़ती गई. हालाँकि प्रियंका ने एक उम्मीदवार के रूप में या प्रचारक के रूप में कांग्रेस पार्टी की चुनाव में जीत के लिए कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाई थी. लेकिन वे राजनीति में कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रूप से शामिल थी. पार्टी को उनका पूरा समर्थन रहता था.

सन 2007 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में जब राहुल गांधी अपने राज्यव्यापी अभियान में व्यस्त थे, तब प्रियंका ने अमेठी, रायबरेली क्षेत्र की दस सीटों के लिए अपना ध्यान केन्द्रित किया. वहां प्रियंका ने 2 सप्ताह बिताये. उस समय पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच सीट आवंटन को लेकर आपसी मतभेद चल रहा था. तब प्रियंका ने ही इस मदभेद को शांत कर उसे दबाने की कोशिश की थी..

इसके दो साल बाद सन 2009 में फिर से आम चुनाव हुए. इस दौरान प्रियंका ने अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली में कई रैलियां की, यहाँ तक कि वे लोगों के बीच जाकर बड़े स्तर पर चुनाव – प्रचार करती भी नजर आई थी. इस तरह से उन्होंने अपने भाई एवं माता दोनों के लिए जीत हासिल करने में मदद की थी. फिर सन 2014 के आम चुनावों में प्रियंका ने इन्हीं दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से काफी मेहनत की थी, लेकिन इस साल वे पार्टी को जीत नहीं दिला सकीं थी.

व्यक्तिगत जानकारी (Personal Details)

प्रियंका गांधी जब किशोरावस्था में थी, तब उन्होंने रोबर्ट वाड्रा से दोस्ती की थी. रोबर्ट की बहन मिशेल एवं प्रियंका एक ही कक्षा में थीं. जैसे – जैसे उन्होंने एक – दूसरे के साथ समय बिताया, उनकी दोस्ती गहरी होती चली गई. रोबर्ट ने प्रियंका के भाई राहुल गांधी से साथ भी दोस्ती की. फिर कुछ साल बाद रोबर्ट ने प्रियंका को शादी के लिए प्रस्ताव दिया. उस समय रोबर्ट वाड्रा दिल्ली में एक प्रसिद्ध व्यवसायी थे. प्रियंका गांधी जी ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए रोबर्ट वाड्रा से शादी कर ली. इस दंपत्ति की शादी एक पारंपरिक हिन्दू रीति – रिवाजों के रूप में हुई थी.

रोचक जानकारी (Interesting Facts)

  • प्रियंका को फोटोग्राफी का बहुत शौक है, यह शौक उन्हें उनके पिता राजीव गांधी से विरासत में मिला था, क्योकि राजीव गाँधी जी को भी फोटोग्राफी का बहुत शौक था.
  • प्रियंका बौद्ध धर्म की प्रमुख अनुयायी थी. उन्होंने विपासना के एक चिकित्सक एस एन गोयनका से इसकी शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद प्रियंका बौद्ध धर्म में परिवर्तित भी हो गई थी.
  • वे एक बेहद जिम्मेदार नागरिक और एक बहुत अच्छी आर्गेनाइजर भी हैं. वे राजनीतिक हित के मामले में अपनी माँ की मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाती है.
  • यहाँ तक कि भाषा में उनकी कमान, उनका आत्मविश्वास, उनका सम्मान और देश के लोगों की लगातार सेवा करने का उनका विश्वास भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है.

आखिर इंदिरा गाँधी के साथ ही प्रियंका गाँधी की तुलना क्यों करते हैं?

साल 1988 इंदिरा गाँधी  मृत्यु को चार साल बीत चुके थे|तभी एक मंच पर लोगों ने प्रियंका गाँधी को देखा,प्रियंका की उम्र तब सिर्फ 16 साल की थी| ये प्रियंका का पहले सारोजनिक भाषण था|इस भाषण के 31 साल बाद congress समर्थक अकसर जिस मांग को उठाते रहे थे वो अब पूरी हो गयी हैं|congress ने प्रियंका गाँधी को महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी दी हैं,हालाकि साल 2014 के आम चुनाव से पहले भी यह माना जा रहा था कि प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहती थी,लेकिन मोदी के खिलाफ लड़ने के जोखिम को देखते हुए इस फैसले पर मोहर नहीं लग पायी|

बीते साल सोनिया गाँधी से जब प्रियंका के राजनीतिक में आने की बात पूछी गयी थी तब उन्होंने ये कहा था कि ये प्रियंका तय करेंगी की वो राजनीतिक में कब आना चाहती हैं|

प्रियंका गाँधी जब छोटी थी और अपने पिता राजीव गाँधी और माँ सोनिया गाँधी के साथ राय बरेली जाती थी तब उनके बाल हमेशा छोटे ही रहते थे|अमेठी और राय बरेली के दौरे पर गाँव के लोग राहुल के साथ उनको भी भैया भुलाते थे| अगले कुछ सालो में बदलकर ये अब भैयाजी हो गया हैं| यू.पी में प्रियंका की लोकप्रियता को आप यूँ भी समझ सकते हैं कि लोग उन्हें कितना पसंद करते हैं,इसकी एक वजह यह भी हैं की प्रियंका की hairstyle उनके कपड़े पहनने का चयन और बात करने के  तरीके से इंदिरा गाँधी की छाप का साफ नजराना हैं|

प्रियंका जब यू.पी के दौरे पर रहती हैं तो उनका दिन सुबह 6 बजे से शुरू होता हैं|बताया जाता हैं कि प्रियंका जब यू.पी दौरे पर जब रहती थी तब तो रोटी या पराठे के साथ सब्जी और दाल खाना पसंद करती हैं साथ में वो निम्बू या आम का आचार लेना भी पसंद करती हैं|उन्हें और उनके पति रोबर्ट वाड्रा को मुगलय खाना बहुत ही पसंद हैं|

प्रियंका  ने चुनावी  प्रचार 2004 में शुरू कर दिया था तब प्रियंका बतौर मेहमान रायबरेली के निवासी रमेश बहादुर सिंह के घर पर एक महीने ठहरी थी|रमेश ने BBC को इस बारे में 2016 में बताया था|उन्होंने कहा था कि प्रियंका प्रचार  करने के लिए अकेले निकलती थी और देर रात लौट पाती थी|उनके दोनों बच्चे घर में अकेले आया के पास रहते थे,एक दिन वो जल्दी लौट आयी और मुझसे बोली कि बच्चों को रिक्से की सैर कराना हैं इसलिए दो रिक्से मिल सकते हैं जैसे ही रिक्से आये वे बच्चों के साथ एक पर बैठकर बाहर चली गयी और  आधे घंटे बाद वो वापस आयी और रिक्शेवालों को 50रुपया देखकर मुस्कुराते हुए चली गयी|

साल 2004 के आम चुनाव के समय यह महसूस किया गया की congress की हालत ख़राब हैं पार्टी ने एक professional agency की सेवाएँ ली जिसने तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गाँधी को बताया कि वो अकेले BJP के बड़े नेता और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को टकर नहीं दे सकती,इसके बाद ही राहुल गाँधी britian में अपनी नौकरी छोड़कर सक्रिय राजनीतिक में आए,इन चुनावों के बाद जब नतीजे सामने आए तो अमेठी में टीवी देख रही प्रियंका की चेहरे मुस्कान हर 10मिनट में बढ़ती ही जा रही थी| एकाएक वो बोल उठी “मम्मी ने कर दिखाया”|

रशीद बताते हैं कि इसी agency से सोनिया ने फिर सलाह मांगी,तब जो सलाह दी गयी कि जोरदार वापसी के लिए राहुल और प्रियंका की संयुक्त agency की जरूरत होगी|

साल 2012 उत्तरप्रदेश में विधान सभा चुनाव चल रहे थे|प्रियंका  रायबरेली की बछरावां सीट पर प्रचार कर रही थी|एक गांव में उनके स्वागत के लिए वहां के  सबसे बड़े congressi नेता और पूर्व विधायक खड़े दिखे|प्रियंका के चेहरे के भाव बदले उन्होंने अपने गाड़ी में बैठे लोगों को उतरने के लिए कहा और इशारे से उस नेता  को अपनी गाड़ी में बैठाया और अपनी अगली सीट से मुड़कर गुस्से में तमतमायी प्रियंका ने उस नेता को 10मिनट तक डाँटा और कहा आगे से मुझे ऐसा कुछ सुनाई न पड़े मैं सब जानती हूँ|अब गाड़ी से मुस्कुराते हुए उतरो,इसके बाद पार्टीकर्ताओं की एक बैठक हुई बीच में meeting रोककर एक स्थानीय प्रियंका बुलाकर पीछे कमरे में ले गयी और 5 मिनट बाद वो कमरे से बाहर निकले,तो उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे|कुछ महीनों बाद प्रियंका गाँधी ने टिकट बंटवारे की बैठक में इस नेता की राय भी बखूबी सुनी थी|

प्रियंका गाँधी के सफर पर अगर नजर डाले तो उनका सफर बहुत ही बेहतर रहा हैं| साल 2004 में प्रियंका ने  सोनिया गाँधी के लिए प्रचार किया था

अन्य पढ़े:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *