Biography

Kiran Bedi Biography in hindi | किरण बेदी जीवन परिचय

Kiran Bedi Biography in hindi | किरण बेदी जीवन परिचय

Kiran Bedi Biography in hindi

आज हम बात करने जा रहे उस पहली महिला आईपीएस अफसर की जिसका नाम  किरण बेदी है ,उन्हें देश की पहली महिला आईपीएस होने का गौरव हासिल हुआ है।जून 1949 को पंजाब में पैदा हुएबेदी प्रकाश लाल पेशावरिया (पिताऔर प्रेम लता पेशावरिया (माँकी चार बेटियों में से दूसरी थीं। उन्होंने अमृतसर में सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से अपनी पढ़ाई की और नेशनल कैडेट कोर में शामिल हो गए। उसने अपने पसंदीदा खेल के रूप में टेनिस ले लियाजिसे वह अपने पिताएक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी से विरासत में मिली थी। स्कूली शिक्षा के बादउन्होंने बीए अंग्रेजी सम्मान में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की और पंजाब विश्वविद्यालयचंडीगढ़ से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की।उन्होंने पुलिस बल में शामिल होने के बाद भी अपनी शिक्षा जारी रखी और प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी हासिल की। इन सभी डिग्री को उसके नाम के साथवह अपनी पीएच.डीसामाजिक विज्ञान विभागभारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाननई दिल्ली से उनकी थीसिस विषय से – ड्रग के दुरुपयोग और घरेलू हिंसा।किरण बेदी ने वर्ष 1970मेंअमृतसर में महिलाओं के लिए खलसा कॉलेज के लेक्चरर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। 1972 में, वह केवल प्रतिष्ठित भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हो गई, बस बाकी की तुलना में बकाया बनने के उनके आग्रह के लिए।
बिंदु (Points) जानकारी (Information)
नाम (Name) किरण बेदी
मूल नाम (Born Name) किरण पेशवारिया
जन्म (Date of Birth) 9 जून 1949
जन्म स्थान (Birth Place) अमृतसर
पद (Profession) पूर्व आईपीएस अफसर
राज्यपाल (पुदुच्चेरी)
समाजसेवी
पिता का नाम (Father Name) प्रकाश पेशवारिया
माता का नाम (Mother Name) प्रेम पेशवारिया
पति का नाम (Husband Name) बृज बेदी (वि. 1972-2016; मृत्यु तक)
बेटी का नाम (Daughter Name) साइना बेदी (जन्म नाम सुकृति)
शिक्षा (Education) बी.ए (Hons) इंग्लिश, 1968
एम. ए (पोलिटिकल साइंस), 1988
पीएचडी, 1993
राजनीतिक पार्टी (Political Party) भारतीय जनता पार्टी

टेनिस में उत्कृष्टता:-

ये एक एशियाई टेनिस चैंपियन रही हैं। इनके पिता एक उत्कृष्ट टेनिस खिलाड़ी थे और उन्होंने इस खेल में अपनी सभी बेटियों को प्रशिक्षित किया है। यहाँ टेनिस के क्षेत्र में उनकी कुछ उपलब्धियां दी गयी हैः

  • ये अपनी बहन रीटा के साथ, तीन साल तक लगातार अखिल भारतीय अंतर टेनिस का खिताब जीती।
  • 1966 में इन्होंने जूनियर राष्ट्रीय लॉन टेनिस चैम्पियनशिप जीता था।
  • इन्होंने 1975 में अखिल भारतीय अंतरराष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप में जीत प्राप्त की।
  • 1976 में राष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप।
  • इन्होंने 1965 से 1978 तक पूरे देश में कई जोनल और राज्य लॉन टेनिस चैंपियनशिप भी जीती हैं।
  • श्रीलंका के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व किया और लियोनेल फोंसेका मेमोरियल ट्रॉफी जीती।
  • इन्होंने अपनी बहन अनु पेशावरिया के साथ 1975 में दिल्ली के लिए फर्स्ट एवर वुमेन फेस्टिवल स्पोर्टस का खिताब जीता था।

आईपीएस अधिकारी के रूप में इनका कार्यकाल:-

माउंट आबू में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये 1972 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुई। इन्हें पहली बार दिल्ली में चाणक्यपुरी पुलिस थाने में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रपति भवन, पीएम हाउस, लुटियंस दिल्ली के क्षेत्र और कई प्रमुख सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के कार्यालय आते थे। इसके बाद ये 1975 में गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली पुलिस के पुरुष दल की अगुवाई करने वाली प्रथम महिला अधिकारी बनीं। इन्होंने मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक से लेकर कई नियुक्तियों, चंडीगढ़ की लेफ्टिनेंट गवर्नर की सलाहकार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की महानिदेशक और कई अन्य पदों पर श्रेयपूर्ण कार्य किया है। दिल्ली के उत्तर और पश्चिम के जिलों में उनकी जिला पुलिस के रूप में नियुक्ति ने इनका एक और रूप दिखाया जिससे यह साबित हो गया कि वह न केवल विश्वासपात्र है, बल्कि कुशल पुलिस अधिकारी भी है। इनकी पिछली नियुक्ति भारत में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में हुई थी। 27 नवंबर, 2007 को इन्होंने स्वेच्छापूर्ण सेवानिवृत्ति ले ली और 25 दिसंबर, 2007 को इनको भारत सरकार के द्वारा इनके कर्तव्यों से राहत दे दी गयी।

किरण बेदी द्वारा किया गया सोशल वर्क एक्टिविटीज:-

1987 में किरण बेदी ने नवज्योति इंडिया फाउंडेशन (NIF) नाम से एक NGO लॉन्च किया. यह एनजीओ नशा मुक्ति और नशामुक्ति के उद्देश्य को लेकर अशिक्षा और महिला सशक्तीकरण जैसे अन्य सामाजिक मुद्दों तक फैल गया है. उन्होंने 1994 में इंडिया विजन फाउंडेशन भी शुरू किया जो पुलिस सुधारों, जेल सुधारों, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण और सामुदायिक विकास के लिए काम कर रहा है. वह टीवी कार्यक्रम ‘आप की कचहरी’ की होस्ट भी थीं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के पारिवारिक विवादों को सुलझाना था.

अगस्त 2011 में, किरण बेदी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन में शामिल हुईं. वह अरविंद केजरीवाल के साथ आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थी लेकिन बाद में जब अरविन्द केजरीवाल ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया तो वह उनसे अलग हो गई.

राजनीतिक सफ़र:-

2014 के आम चुनावों से पहले, बेदी ने अपनी पसंद नरेंद्र मोदी के पीछे पसंदीदा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में रखी. 15 जनवरी 2015 को, भाजपा ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की उपस्थिति में किरण बेदी को पार्टी में शामिल किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के एक दिन बाद बेदी पार्टी में शामिल हुईं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में किरण बेदी:-

दिल्लीवासियों के बीच किरण बेदी की लोकप्रियता और दिल्ली के ‘सुपर कॉप’ के रूप में उनके पिछले रिकॉर्ड को भुनाने के लिए, भाजपा ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया. उन्हें कृष्णा नगर निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया था. दिल्ली में मतदान 7 फरवरी को हुआ था और तीन दिन बाद परिणाम घोषित किए गए थे. इस चुनाव के नतीजे त्रिशंकु थे. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. परन्तु आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई. यह साथ ज्यादा समय नहीं चला कुछ समय बाद ही सरकार गिर गई. जिसके बाद फिर एक बार विधानसभा चुनाव हुए. चुनावों के नतीजे में आम आदमी पार्टी (आप) को स्पष्ट बहुमत मिला. 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 67 सीट जीती. इस चुनाव में किरण बेदी हार गई थी.

किरण बेदी के पुरस्कार:-

  1. 1979 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार
  2. 1981 में वूमन ऑफ द ईयर अवार्ड नेशनल सॉलिडैरिटी वीकली, इंडिया द्वारा दिया गया
  3. 1991 में ड्रग प्रिवेंशन एंड कंट्रोल फॉर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ गुड टेम्पलर (IOGT), नॉर्वे द्वारा एशिया रीजन अवार्ड
  4. 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला पुरस्कार
  5. 1994 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा मैगसेसे पुरस्कार
  6. 1995 में डॉन बोस्को श्राइन ऑफिस, बॉम्बे-इंडिया द्वारा महिला शिरोमणि अवार्ड, फादर माकिस्मो ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड और लायन ऑफ द ईयर
  7. 1999 में प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन (AFMI) ने दिया
  8. 2002 में वुमन ऑफ द ईयर अवार्ड, ब्लू ड्रॉप ग्रुप मैनेजमेंट, कल्चरल एंड आर्टिस्टिक एसोसिएशन, इटली द्वारा
  9. 2004 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त राष्ट्र पदक
  10. 2005 में हार्मनी फाउंडेशन द्वारा सामाजिक न्याय के लिए मदर टेरेसा पुरस्कार
  11. सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा सूर्यदत्त राष्ट्रीय पुरस्कार 2007 में
  12. 2009 में आजतक द्वारा महिला एक्सेलेंस अवार्ड्स
  13. तरुण क्रांति पुरस्कार – 2010 में
  14. 2011-तरुण पुरस्कार परिषद द्वारा महिला सशक्तिकरण श्रेणी में
  15. 2011 में भारतीय योजना और प्रबंधन संस्थान द्वारा भारतीय मानव विकास पुरस्कार
  16. 2013 में राय विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस की मानद उपाधि

किरण बेदी द्धारा लिखीं गईं किताबें:-

किरण बेदी ने आईपीएस, राजनेता और समाजसेवा के तौर पर ही खुद को साबित नहीं किया, बल्कि उनके अंदर लेखक के भी गुण है।

उन्होंने आई डेयर (I Dare), क्रिएटिंग लीडरशिप, इट्स ऑलवेज पॉसिबल, जैसी कई किताबें लिखी हैं। इसके अलावा वे मलेशिया में लीडरशिप ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट आइक्लिफ (Iclif) में विजिटिंग फैकल्टी भी हैं।

किरण बेदी से जुड़े चर्चित विवाद:-

साल 1982 में किरण बेदी उस समय विवादों से घिरीं रहीं जब उन्होंने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में ड्यूटी के दौरान अपने अवैध पार्किग के अभियान के दौरान देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार का चालान काट दिया था और बाद में जांच कमेटी के कहने के बाद भी बेदी ने सब इंस्पेक्टर का ट्रांसफर करने से मना कर दिया था।

साल 1983 में किरण बेदी उस दौरान काफी विवादों से घिरी रहीं जब उन्होंने अनौपचारिक रूप से गोवा की जनता के लिए ”जोरी ब्रिज” का उद्घाटन किया था।

  • किरण बेदी उस दौरान विवादों से घिरी रहीं, जब उन्हेोंने अपनी बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी एप्लाई की थी, और आईजीपी द्धारा इसे रिकमंड भी करवाया था, लेकिन उस दौरान गोवा सराकर ने अधिकारिक तौर पर लीव नहीं दी थी, और गोवा के सीएम प्रताप सिंह राने ने किरण को बिना अवकाश दिए छुट्टी पर होने की घोषणा की थी।
  • किरण बेदी को उस दौरान काफी आचोलनाओं हुई थी, जब उन्होंने दिल्ली के लाल किले पर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज का आदेश दिया था।
  • साल 1988 में किरण बेदी को उस दौरान वकीलों के विरोध का सामना, जब उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील राजेश अग्निहोत्री को हथकड़ी से बांधकर कोर्ट में पेश किया था।
  • साल 1992 में, उस दौरान किरण बेदी ने काफी सुर्खियां बटोरीं थी, जब उनकी बेटी सुकृति ने लेडी होर्डिंग मेडिकल कॉलेज (दिल्ली) में एडमिशन लेने के लिए मिजोरम निवासी कोटे से आवेदन किया था, जिसके चलते मिजोरम छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था और उनका गैर मिजो होने का दावा किया था, हालांकि बाद में बेदी को मिजोरम छोड़ना पड़ा था।
  • किरण बेदी उस दौरान भी काफी विवादों से घिरीं रहीं थी, जब वे तिहाड़ जेल में आईजी के पद पर तैनात थी, तब उन पर कैदियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए गए थे।
  • साल 1993 में बेदी को उस दौरान लोगों की तीखी टिप्पणियों का शिकार होना पड़ा था, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने एक अंडर ट्रायल कैदी के मेडिकल जांच को अनदेखा करने पर अल्टीमेटम दे दिया था।
  • साल 1994 में, किरण बेदी उस समय काफी विवादों में रहीं जब उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में न्यूज लेटर पब्लिश कर दिल्ली सरकार की काफी आलोचना की थी। दरअसल, उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्धारा द्धारा नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट के लिए दो बार न्योता दिया गया था, लेकिन दोनों बार ही दिल्ली सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया था।

अपने तेज-तर्रार स्वभाव के लिए मशहूर किरण बेदी को उस समय काफी आलोचनाएं सहनी पड़ी थीं, जब उन्होंने जेल के नियमों के खिलाफ जाकर तिहाड़ जेल के एक भयंकर अपराधी चार्ल्स सोभराज को टाइपराइटर उपलब्ध करवाया था।

26 नवंबर 2011 में, किरण बेदी उस समय काफी विवादों से घिरीं रहीं, जब उन पर NGO के फंड के गलत इस्तेमाल के आरोप लगाए गए और दिल्ली पुलिस क्राइम बैंच में केस दर्ज किया गया। इसकी शिकायत दिल्ली के वकील देविंदर सिंह चौहान ने की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *