K Sivan Biography in Hindi – इसरो निदेशक के सिवन की जीवनी
K Sivan Biography in Hindi – इसरो निदेशक के सिवन की जीवनी
K Sivan Biography in Hindi
के सिवन (K Sivan) का पूरा नाम कैलाशावादिवो सिवन (Kailasavadivoo Sivan) है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1957 को मेला सरक्कालविलै, कन्याकुमारी (वर्तमान तमिलनाडु) के एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम कैलाशवडीवू और माताजी का नाम चेल्लम है। इनके पिता किसान थे। उनकी शुरूआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई जहां उन्होंने 8वीं तक पढ़ाई की। K Sivan का शुरूआती जीवन काफी संघर्षमय रहा। स्कूल की फीस भरने के लिए उन्होंने बाजार में जाकर आम तक बेचे। एक गरीब बच्चे का आम बेचने से लेकर इसरो का चेयरपर्सन बनने तक का सफर काफी इंस्पायर है। K Sivan – के सिवन भारत के एक अन्तरिक्ष वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष हैं। के सिवन चन्द्रयान 2 के लिए विख्यात हुए। रॉकेट मैन के नाम से विख्यात के सिवन इससे पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक रहे थे।
Introduction | परिचय |
के सिवान का पूरा नाम (Full Name) | कैलासवादिवु सिवन |
जन्म दिन (DOB) | 14 अप्रैल 1957 |
जन्म स्थान (Birth Place) | सराकल्लविलाई (कन्याकुमारी) |
पेशा (Profession) | इसरो चीफ |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
उम्र (Age) | 62 वर्ष |
गृहनगर (Hometown) | सराकल्लविलाई |
धर्म (Religion) | ——— |
जाति (Caste) | ———– |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
इसरो चेयरमैन के सिवान का जीवन परिचय (ISRO Chief K Sivan Biography in hindi)
गरीबी के बाद भी सिवन ने नागेरकोयल के एसटी हिंदू कॉलेज से बीएससी (गणित) की पढ़ाई 100 प्रतिशत अंकों के साथ पूरी की। स्नातक करने वाले वे परिवार के पहले सदस्य थे। सिवन ने 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज (आइआइएससी) से इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर के बाद 2006 में उन्होंने आइआइटी बांबे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की।
के सिवन 1982 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़ गए। उन्होंने पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल परियोजना में योगदान दिया। अप्रैल 2011 में वह जीएसएलवी के परियोजना निदेशक बने। सिवन के योगदान को देखते हुए जुलाई 2014 में उन्हें इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर का निदेशक नियुक्त किया गया। एक जून, 2015 को उन्हें विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) का निदेशक नियुक्त किया गया। 15 जनवरी, 2018 को सिवन ने इसरो के मुखिया का पद्भार संभाला।
के. सिवन ने 15 फरवरी 2017 को भारत द्वारा एक साथ 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में अहम भूमिका निभाई। यह इसरो का विश्व रिकॉर्ड भी है। 15 जुलाई, 2019 को जब चंद्रयान-2 अपने मिशन के लिए उड़ान भरने ही वाला था कि कुछ घंटों पहले तकनीकी कारणों से इसे रोकना पड़ा। इसके बाद सिवन ने एक उच्चस्तरीय टीम बनाई, ताकि दिक्कत का पता लगाया जा सके और इसे 24 घंटे के अंदर ठीक कर दिया गया। इसके बाद चन्द्रयान 2 को इनके देख रेख 15 जुलाई, 2019 को launch किया गया।
के. सिवन ने बताया कि मैंने अपना पूरा बचपन बिना जूते और सैंडल पहने हुए बिताया। मैंने कॉलेज तक धोती पहनी थी, लेकिन पहली बार पैंट तब पहनी जब मेरा एडमिशन एमआईटी में हुआ। सिवन पहले सदस्य थे जिन्होंने अपनी ग्रेजुएट की थी। उनके भाई और 2 बहनें गरीबी की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर सके थे। लेकिन जैसे- तैसे सिवन ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली। उनकी पत्नी का नाम मलाठी सिवन है। उनके 2 बच्चे हैं. सिद्धार्थ और सुशांथ।
इसरो चीफ के. सिवान ने बताया कि उन्हें तमिल क्लासिकल गाने सुनते हुए बागवानी करना काफी पसंद है। अपनी पसंद की फिल्म पर बात करते हुए सिवन ने कहा कि उन्हें राजेश खन्ना की फिल्म आराधना बहुत पसंद है।
के सिवन को मिलने वाले पुरस्कार (K Sivan Awards List)
डॉ विक्रम साराभाई रिसर्च अवार्ड | 1999 |
इसरो मेरिट अवार्ड | 2007 |
डॉ बीरेन रॉय स्पेस साइंस अवार्ड |
2011
|
सत्यबामा विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस (ऑनोरिस कॉसा) अवार्ड | 2014 |
चेन्नई डिस्टि्रक्ट एलिमिनेटेड अवार्ड | 2018 |
तमिलनाडु सरकार द्वारा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार | 2019 |
के सिवन शुरूआती संघर्ष के बारे में बात करते हुए बताया-
“के सिवन- मेरा जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। जहां मेरे भाई ने पैसों की समस्या के चलते मेरी पढ़ाई रुकवा दी। मेरे पिता (कैलाशा वादिवू) अपना गुजारा और परिवार चलाने के लिए पास ही के बाजार में आम बेचते थे। अपनी पढ़ाई करने और फीस चुकाने के लिए मैं भी उनके साथ बाजार जाकर आम बेचने लगा।”
के सिवन का योगदान – Contribution of K Sivan
1.इसरो में रहते हुआ उनका पहला प्रोजेक्ट पीएसएलवी (PSLV) था जो सफल रहा।
2.इसके बाद सिवन ने सितारा नाम का एक सॉफ्टवेयर बनाया जो रॉकेट को कक्षा में स्थापित करने का काम करता है।
3.जीएसएलवी की सफलता पूर्वक लॉन्चिग।
4.के सिवन के मार्गदर्शन में इसरो ने 15 फरवरी 2017 में 104 सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
5.22 जुलाई 2019 को चन्द्रयान-2 की इसरो से लॉन्चिंग की गई।