8TH SST

Bihar board class 8th SST Geography chapter- 3

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उद्योग
पाठ का सारांश:-उद्योग का संबंध उस आर्थिक गतिविधि से है जो वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण तथा सेवाओं की व्यवस्था से संबंधित है। कच्चे माल को आर्थिक मूल्य के उत्पादों के रूप में परिवर्तित किया जाना उद्योग है। उद्योगों के वर्गीकरण के विभिन्न आधार हैं। जैसे-
(i) कच्चे माल के आधार पर (ii) पूँजी निवेश के आधार पर
(iii) स्वामित्व के आधार पर (iv) प्रमुख भूमिका के आधार पर
(v) कच्चे तथा तैयार माल की मात्रा एवं भार के आधार पर ।
उद्योगों का वर्गीकरण-
(i) कच्चे माल के आधार पर-
(क) कृषि आधारित उद्योग
(ख) खनिज आधारित उद्योग
(ग) वन आधारित उद्योग
(घ) समुद्र आधारित उद्योग
(ii) पूँजी निवेश के आधार पर-
(क) कुटीर उद्योग
(ख) लघु उद्योग (ग) वृहत् उद्योग
(iii) स्वामित्व के आधार पर-
(क) निजी क्षेत्र
(ख) सार्वजनिक क्षेत्र
(ग) संयुक्त क्षेत्र
(घ) सहकारी क्षेत्र
(iv) प्रमुख भूमिका के आधार पर-
(क) आधारभूत उद्योग
(ख) उपभोक्ता उद्योग
(v) कच्चे एवं तैयार माल की मात्रा एवं भार के आधार पर-
(क) भारी उद्योग
(ख) हल्के उद्योग
(i) कच्चे माल के आधार:-इसके अन्तर्गत वे उद्योग आते हैं, जिनमें उत्पादन के लिए कच्चे माल का उपयोग किया जाता है। इसे कई भागों में बांटा गया है-
(क) कृषि आधारित उद्योग:-इन उद्योगों में कच्चे माल के रूप में कृषि उत्पादों का उपयोग किया जाता है। जैसे-वस्त्र उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, पटसन उद्योग, चीनी उद्योग, वनस्पति तेल उद्योग इत्यादि ।
(ख) खनिज आधारित उद्योग:-इन उद्योगों में खनिज एवं धातुओं का उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जाता है। जैसे—लौह इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग, ताँबा प्रगलन, एलुमिनियम प्रगलन उद्योग इत्यादि।
(ग) वन आधारित उद्योग:–ऐसे उद्योगों में वन उत्पाद को कच्चे माल के रूप में उपयोग करते हैं। जैसे—कागज उद्योग, औषधि (आयुर्वेद) निर्माण उद्योग, फर्नीचर उद्योग, भवन निर्माण आदि ।
(घ) समुद्र आधारित उद्योग:-सागर एवं महासागरों से प्राप्त जीवों, वनस्पति एवं खनिजों का उपयोग इस उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता है । जैसे—खाद्य प्रसंस्करण, औषधि, मछली उत्पादन, सीप शंख से जुड़े उद्योग, खनिज तेल, लहरों से ऊर्जा प्राप्त करना इत्यादि आते हैं।
(ii) पूँजी निवेश के आधार पर:-  इस आधार पर उद्योग को तीन भागों में बाँट सकते हैं-
(क) कुटीर उद्योग–ऐसे उद्योग में परिवार के सदस्य ही उत्पादन का कार्य करते हैं तथा इसमें विशेष पूँजी की आवश्यकता नहीं होती है। जैसे—टोकरी बनाना, सूप बनाना, सूत कातना, सजावट के सामान बनाना इत्यादि।
(ख) लघु उद्योग–वर्तमान समय में एक करोड़ रुपये से कम का निवेश जिस उद्योग में किया जाता है वह लघु उद्योग की श्रेणी में आता है। इसके अन्तर्गत उत्पादों का निर्माण छोटी मशीनों इकाइयों द्वारा होता है। जैसे-खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, रेशम उद्योग, माचिस निर्माण, फर्नीचर उद्योग इत्यादि।
(ग) वृहत् उद्योग:-एक करोड़ रुपये से अधिक का निवेश वृहत् उद्योग की श्रेणी के अन्तर्गत आता है। बड़े पैमाने के उद्योग बड़ी मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। इसमें उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी एवं बड़े पैमाने पर पूँजी निवेश होता है।
(iii) स्वामित्व के आधार पर :- स्वामित्व के आधार पर उद्योग को क्रमश: चार भागों में बाँटा गया है-
(क) निजी क्षेत्र:–इस तरह के उद्योग का स्वामित्व एवं संचालन निजी व्यक्ति द्वारा या व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है। जैसे—टाटा, रिलायंस, बजाज, बिड़ला, जिंदल इत्यादि द्वारा स्थापित उद्योग।
(ख) सार्वजनिक क्षेत्र:–उन उद्योगों का स्वामित्व एवं संचालन पूर्ण रूप से सरकार द्वारा होता है। जैसे—SAIL, BHEL, रेल कारखाना, आयुध कारखाना इत्यादि ।
(ग) संयुक्त क्षेत्र:–इसके अन्तर्गत स्वामित्व एवं संचालन सरकार एवं निजी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है। जैसे—मारूति उद्योग ।
(घ) सहकारी क्षेत्र:–इसका स्वामित्व कच्चे माल की पूर्ति करने वाले उत्पादकों, श्रमिकों या दोनों के हाथों में होता है तथा लाभ-हानि का विभाजन भी आनुपातिक होता है। जैसे—सुधा डेयरी, केरल के नारियल आधारित उद्योग आदि ।
(iv) प्रमुख भूमिका के आधार पर इस आधार पर उद्योगों को दो भागों में बाँटा गया है-
(क) आधारभूत उद्योग:-जिनके उत्पादों या कच्चे माल पर दूसरे उद्योग निर्भर हैं, उन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे—लोहा इस्पात, ताँबा गलाना, खनिज गलाना, एल्युमिनियम गलाना, वस्त्र उद्योग आदि।
(ख) उपभोक्ता उद्योग:-वैसा उद्योग जिसमें उत्पादन उपभोक्ताओं को सीधे उपयोग या उपभोग हेतु किया जाता है। जैसे-दवा उद्योग, बर्तन उद्योग, टूथपेस्ट, मंजन, शृंगार, प्रसाधन उद्योग, कागज उद्योग, रेडिमेड वस्त्र उद्योग आदि।
(v) कच्चे तथा तैयार माल के भार एवं मात्रा के आधार पर इस आधार पर उद्योग को दो भागों में बाँटा गया है-
(क) भारी उद्योग:–भारी उद्योग उन उद्योगों को कहते हैं जिनके उत्पादों का वजन काफी होता है। जैसे—लोहा इस्पात, मोटर गाड़ी उद्योग, सीमेंट उद्योग, पोत निर्माण उद्योग आदि ।
(ख) हल्के उद्योग:-वैसे उद्योग जिनमें कम भार वाले कच्चे माल का प्रयोग कर हल्के तैयार माल का उत्पादन किया जाता है। जैसे—विद्युतीय उद्योग, घड़ी उद्योग, बल्ब उद्योग आदि ।
भारत में मुख्य औद्योगिक प्रदेश समुद्री पतनों (Sea Port) के समीप तथा खान क्षेत्रों तथा बाजारों के निकट स्थित होते हैं। भारत के मुख्य औद्योगिक प्रदेश हैं—मुम्बई-पूर्ण क्षेत्र, बंगलूरू-चेन्नई सेलम, अहमदाबाद-बड़ोदरा-सूरत क्षेत्र, विशाखापटनम-गुंटूर औद्योगिक क्षेत्र, गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश और कोल्पम-तिरूवन्तपुरम औद्योगिक प्रदेश, छोटानागपुर औद्योगिक क्षेत्र एवं हुगली क्षेत्र हैं।
अभ्यास के प्रश्न
I. बहुवैकल्पिक प्रश्न-
सही विकल्प को चुनें-
1. उद्योग का संबंध किस प्रकार की गतिविधि से होता है ?
(क) सामाजिक
(ख) सांस्कृतिक
(ग) आर्थिक
(घ) जैविक
2. वृहत् उद्योग में पूँजी निवेश की सीमा होती है-
(क) 1 करोड़ से अधिक (ख) 50 करोड़ से अधिक
(ग) 10 लाख से कम
(घ) 50 हजार मात्र
3. दवा उद्योग किस प्रकार का उद्योग है?
(क) आधारभूत उद्योग
(ख) संयुक्त क्षेत्र उद्योग
(ग) हल्का उद्योग
(घ) उपभोक्ता उद्योग
4. इनमें कौन औद्योगिक प्रदेश नहीं है ?
(क) दक्कन प्रदेश
(ख) छोटानागपुर प्रदेश
(ग) मुम्बई-पूणे क्षेत्र
(घ) गुड़गाँव-दिल्ली मेरठ प्रदेश
5. इनमें कौन कृषि आधारित उद्योग है ?
(क) फर्नीचर उद्योग
(ख) कागज उद्योग
(ग) वस्त्र उद्योग
(घ) ताँबा प्रगलन उद्योग
उत्तर-1. (ग) आर्थिक । 2. (क) 1 करोड़ से अधिक । 3. (घ) उपभोक्ता उद्योग । 4. (क) दक्कन प्रदेश। 5. (ग) वस्त्र उद्योग ।

II. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें ।
1. भिलाई लौह इस्पात……. राज्य में है।
2. उद्योग के अंतर्गत कच्चे माल को…….. के उत्पादों में बदला जाता है।
3. फर्नीचर उद्योग ………….उद्योग का उदाहरण है
4. पूँजी निवेश के आधार पर उद्योग………… प्रकार के होते हैं।
5. सीमेंट उद्योग………उद्योग के अंतर्गत आता है।
उत्तर-1. छत्तीसगढ़, 2. अधिक मूल्य, 3. लघु, 4. तीन, 5. खनिज आधारित
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 50 शब्दों में)-
1. उद्योग से क्या समझते हैं ?
उत्तर-कच्चे माल को अधिक मूल्य के उत्पादों के रूप में परिवर्तित किया जाना ही उद्योग है।

2. लघु एवं वृहत् उद्योग के बीच अंतर कीजिए।
उत्तर-लघु एवं वृहत् उद्योग के बीच निम्नलिखित अन्तर हैं-

लघु उद्योग।
(i) लघु उद्योग में पूँजी निवेश की सीमा 1 करोड़ से कम होती है।
(ii) उत्पादों का निर्माण छोटी मशीनों द्वारा होता है।
वृहत् उद्योग
(i) वृहत् उद्योग में पूँजी निवेश की सीमा 1 करोड़ से अधिक होती है।
(ii) उत्पादों का निर्माण बड़े पैमानेपर होता है।

3. वन आधारित उद्योगों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-कागज उद्योग, औषधि (आयुर्वेद) निर्माण उद्योग, फर्नीचर उद्योग ।
4. संयुक्त क्षेत्र का उद्योग किसे कहा जाता है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-जिस उद्योग का संचालन सरकार एवं निजी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है, संयुक्त क्षेत्र का उद्योग कहा जाता है। जैसे—मारूति उद्योग ।
5. सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों के बीच अंतर उपयुक्त उदाहरण के साथ कीजिए।
उत्तर
सार्वजनिक क्षेत्र                                        निजी क्षेत्र
इन उद्योगों का संचालन पूर्ण रूप      इस तरह के उद्योग का संचालनिजी
से सरकार द्वारा होता है। जैसे-      व्यक्ति द्वारा या व्यक्तियों के समूहद्वारा
SAIL,BHEL, रेल कारखाना,            होता है। जैसे—टाटा, रिलायंस,
आयुध कारखाना आदि।                   बजाज, बिड़ला, जिंदल आदि ।

6. भूमिका के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-भूमिका के आधार पर उद्योगों को दो भागों में बांटा गया है-
(i) आधारभूत उद्योग:-जिनके उत्पादों या कच्चे माल पर दूसरे उद्योग निर्भर हैं, उन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे लोहा इस्पात, ताँबा गलाना, खनिज गलाना ।
(ii) उपभोक्ता उद्योग:-वैसा उद्योग जिसमें उत्पादन उपभोक्ताओं को सीधे उपयोग या उपभोग हेतु किया जाता है। जैसे—दवा उद्योग, बर्तन उद्योग, टूथपेस्ट, मंजन, शृंगार, प्रसाधन उद्योग, कागज उद्योग, रेडिमेड वस्त्र उद्योग आदि ।
7. भार के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं ? उपयुक्त उदाहरण के साथ लिखें।
उत्तर-भार के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं।
(क) भारी उद्योग–भारी उद्योग उन उद्योगों को कहते हैं, जिनके उत्पादों का वजन काफी होता है। जैसे—लोहा इस्पात, मोटर गाड़ी उद्योग, सीमेंट उद्योग, पोत निर्माण उद्योग इत्यादि ।
(ख) हल्के उद्योग–वैसे उद्योग जिनमें कम भार वाले कच्चे माल का प्रयोग कर हल्के तैयार माल का उत्पादन किया जाता है, जैसे—विद्युतीय उद्योग, घड़ी उद्योग, बल्व उद्योग, पीतल के बर्तन उद्योग इत्यादि।
8. भारत के कुछ प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :-भारत के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश हैं-
मुम्बई-पूर्ण क्षेत्र, बंगलुरू-चेन्नई सेलम, अहमदाबाद-बड़ोदरा-सूरत क्षेत्र, विशाखापटनम् गुंटूर औद्योगिक क्षेत्र, गुड़गांव दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश और कोल्लम-तिरूवन्तपुरम् औद्योगिक प्रदेश, छोटानागपुर औद्योगिक क्षेत्र एवं हुगली क्षेत्र है।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 200 शब्दों में)-
(1) उद्योग को परिभाषित कीजिए तथा इसका विस्तृत वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-कच्चे माल को अधिक मूल्य के उत्पादों के रूप में परिवर्तित किया जाना उद्योग है।
उद्योगों का वर्गीकरण-
1. कच्चे माल के आधार पर-
(क) कृषि आधारित उद्योग (ख) खनिज आधारित उद्योग
(ग) वन आधारित उद्योग
(घ) समुद्र आधारित उद्योग
2. पूँजी निवेश के आधार पर-
(क) कुटीर उद्योग
(ख) लघु उद्योग
(ग) वृहत् उद्योग
3. स्वामित्व के आधार पर-
(क) निजी क्षेत्र
(ख) सार्वजनिक क्षेत्र
(ग) संयुक्त क्षेत्र
(घ) सहकारी क्षेत्र
4. प्रमुख भूमिका के आधार पर-
(क) आधारभूत उद्योग
(ख) उपभोक्ता उद्योग
5. कच्चे एवं तैयार माल की मात्रा एवं भार के आधार पर-
(क) भारी उद्योग
(ख) हल्के उद्योग
(2) कच्चे माल की प्रकृति के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण उपयुक्त उदाहरण के साथ कीजिए।
उत्तर-कच्चे माल की प्रकृति के आधार पर उद्योग को दो भागों में बाँटा गया है-
(i) भारी उद्योग–भारी उद्योग उन उद्योगों को कहते हैं जिनके उत्पादों का वजन काफी
होता है। जैसे—लोहा इस्पात, मोटर गाड़ी उद्योग, सीमेंट उद्योग, पोत निर्माण उद्योग आदि ।
(ii) हल्के उद्योग-वैसे उद्योग जिनमें कम भार वाले कच्चे माल का प्रयोग कर हल्के तैयार माल का उत्पादन किया जाता है। जैसे—विद्युतीय उद्योग, घड़ी उद्योग, बल्ब उद्योग, पीतल के बर्तन उद्योग आदि ।
(3) स्वामित्व के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर-स्वामित्व के आधार पर उद्योग चार प्रकार के होते हैं-
(i) निजी क्षेत्र के उद्योग-इस तरह के उद्योग का स्वामित्व एवं संचालन निजी व्यक्ति द्वारा या व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है । जैसे-टाटा, रिलायंस, बजाज, बिड़ला, जिंदल इत्यादि द्वारा स्थापित उद्योग ।
(ii) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग-इन उद्योगों का स्वामित्व एवं संचालन पूर्ण रूप से सरकार द्वारा होता है। जैसे—SAIL, BHEL, रेल कारखाना, आयुध कारखाना आदि ।
(iii) संयुक्त क्षेत्र—इसके अन्तर्गत स्वामित्व एवं संचालन सरकार एवं निजी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है। जैसे—मारूति उद्योग ।
(iv) सहकारी क्षेत्र–इसका स्वामित्व कच्चे माल की पूर्ति करने वाले उत्पादकों, श्रमिकों या दोनों के हाथों में होता है तथा लाभ-हानि का विभाजन भी आनुपातिक होता है। जैसे—सुधा, डेयरी, केरल के नारियल आधारित उद्योग आदि ।
(4) उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कर भारत के पाँच औद्योगिक प्रदेशों के नाम लिखिए ।
उत्तर-उन स्थानों पर उद्योग स्थापित करना ज्यादा श्रेयस्कर होगा, जहाँ कच्चे माल की उपलब्धता, बाजार, परिवहन, श्रमशक्ति, पूँजी आसानी से उपलब्ध हैं, लेकिन कभी-कभी सरकार पिछड़े क्षेत्रों को विकसित करने के उद्देश्य से भूमि, विद्युत, जल तथा परिवहन जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को उपलव्य कराती है।
भारत के पाँच औद्योगिक प्रदेश–मुम्बई-पूणे क्षेत्र, बंगलुरू-चेन्नई सेलम, अहमदाबाद-बड़ोदरा- सूरत क्षेत्र, विशाखापटनम-गुंटूर औद्योगिक क्षेत्र, गुड़गांव-दिल्ली, मेरठ ।

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