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Asaduddin Owaisi Biography in Hindi – असदउद्दीन औवेसी जीवनी

Asaduddin Owaisi Biography in Hindi – असदउद्दीन औवेसी जीवनी

Asaduddin Owaisi Biography in Hindi

आज हम बात करेगे गरमागरम बयानों की वजह से अक्सर मीडिया की सुर्खियां बने रहने वाले उस शख्स का , जी हा उनका नाम असदुद्दीन ओवैसी है|असदुद्दीन ओवैसी एक ऐसे शख्स हैं जो अल्पसंख्यक मुद्दों पर पुरजोर नुमाइंदगी करते हैं।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी को राजनीति विरासत में मिली। इनकी पार्टी का करीब 80 सालों का शानदार इतिहास रहा है।असदुद्दीन ओवैसी का जन्म 13 मई 1969 को हुआ था। पिता से इन्होंने सियासी गुर सीखे और अपने खास अंदाज की बदौलत पहचान बनाई। हैदराबाद से तीन बार सांसद ओवैसी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है।सबसे पहले 1994 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने हाथ आजमाई थी। हैदराबाद के चारमीनार से मजलिस बचाओ तहरीक के उम्मीदवार को 40 हजार वोटों से हराकर चुनाव जीता। फिर 1999 चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी के सैयद शाह नुरुल हक कादरी को 93 हजार वोटों से हराया। इसके बाद 2004 चुनाव में उन्होंने पिता की जगह हैदराबाद से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की।ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के इतिहास की बात करें तो ये 80 साल पुरानी पार्टी है। हालांकि इसकी शुरुआत एक धार्मिक संगठन के तौर पर हुई थी। बाद में इसने सामाजिक स्वरूप लिया और फिर राजनीतिक दल के तौर पर पार्टी ने अपना वर्चस्व बनाया।माना जाता है कि बीते पांच दशकों से ओवैसी की पार्टी का हैदराबाद में जबरदस्त प्रभाव है। यहां तक कि ये परिवार कई बार विवादों में भी रहा। बावजूद इसकी हनक कभी कम नहीं हुई।कहते हैं 1928 में नवाब महमूद नवाज खान ने AIMIM की स्थापना की थी। इस संगठन ने आजादी के बाद हैदराबाद को अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाने की मांग की थी। विलय के दौरान MIM की नकारात्मक भूमिकाओं के कारण इस पार्टी पर पाबंदी लगा दी गई थी। 9 साल बाद 1957 में पार्टी पर से पाबंदी हटाई गई तो राष्ट्रीयता दिखाने के लिए इसके नाम के आगे ऑल इंडिया जोर दिया गया।बता दें कि हैदराबाद के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई के समय कासिम रिजवी MIM के अध्यक्ष हुआ करते थे। बंटवारे के बाद कासिम रिजवी को पाकिस्तान जाना पड़ा। लिहाजा रुखसत होने से पहले उन्होंने पार्टी की कमान उस जमाने के मशहूर वकील अब्दुल वाहेद ओवैसी को थमा गए। तभी से ये पार्टी ओवैसी परिवार के कब्जे में है।अब्दुल वाहेद के बाद सलाहुद्दीन ओवैसी पार्टी के अध्यक्ष बने। और फिर इसके बाद उनके बेटे असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद हैं। छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी विधानसभा में पार्टी के नेता हैं। दोनों ही भाई अपने भड़काऊ बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं।सियासी जानकारों के मुताबिक AIMIM का असर हैदराबाद में प्रभावी है। वहीं हैदराबाद के बाहर तमाम प्रयासों के बावजूद ये पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई।

असदुद्दीन ओवैसी से जुड़ी जानकारी (Asaduddin Owaisi information)

पूरा नाम असदुद्दीन ओवैसी
उपनाम असद भाई
जन्म स्थान हैदराबाद, तेलंगाना
जन्म तिथि 3 मई, 1969
आयु 48
पार्टी का नाम अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन
पत्नी का नाम (Wife) फरहीन ओवैसी
बच्चे 6 बच्चे
पिता का नाम (Father Name) सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी
माता का नाम (Mother) नजमुन्निसा ओवैसी
भाई के नाम (Brother) अकबरुद्दीन ओवैसी और बुरहानुद्दीन ओवैसी
पेशा राजनेता और वकील
लंबाई 5’9
बालों का रंग काला
आंखो का रंग काला

प्रारंभिक जीवन:-

असदुद्दीन ओवैसी का जन्म 13 मई 1969 को हैदराबाद के सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी और नजमुनेस्सा बेगम को हुआ था। वह एक राजनीतिक परिवार से आते है। ओवैसी के दो भाई हैं (अकबरुद्दीन ओवैसी और बुरहानुद्दीन ओवैसी) जिनमें वो सबसे बड़े हैं। उनके दादा और पिता दोनों राजनितिक से जुड़े थे।असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद पब्लिक स्कूल से अपनी प्रांरभिक शिक्षा प्राप्त की है। इसे बाद सेंट मैरी जूनियर कॉलेज, हैदराबाद से आगे की पढाई की। ओवैसी के पास बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री है, ये डिग्री उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। इसके अलावा उन्होंने लंदन के लिंकन इन विश्वविद्यालय से अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की हैं। ओवैसी की शादी फ़रहीन ओवैसी से हुई है। दंपति के छह बच्चे हैं जिनमें एक बेटा, सुल्तान उद्दीन ओवैसी और पांच बेटियां शामिल हैं।

राजनितिक करियर:-

असदुद्दीन ओवैसी लगभग 80 वर्ष पुराना पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एइएमइएम) के अध्यक्ष हैं। इस पार्टी का इतिहास दो हिस्सों में बंटा हैं। 1928 में नवाब महमूद नवाज़ खान के हाथों स्थापना से लेकर 1948 तक जबकि यह संगठन हैदराबाद को एकअलग मुस्लिम राज्य बनाए रखने की वकालत करता था। उस पर 1948 में हैदराबाद राज्य के भारत में विलय के बाद भारत सरकार ने प्रतिबन्ध लगा दिया था।और दूसरा भाग जो 1957 में इस पार्टी की बहाली के बाद शुरू हुआ जब उस ने अपने नाम में “ऑल इंडिया” जोड़ा और साथ ही अपने संविधान को बदला। कासिम राजवी ने, जो हैदराबाद राज्य के विरुद्ध भारत सरकार की कारवाई के समय मजलिस के अध्यक्ष थे और गिरफ्तार कर लिए गए थे, पाकिस्तान चले जाने से पहले इस पार्टी की बागडोर उस समय के एक मशहूर वकील अब्दुल वहाद ओवैसी के हवाले कर गए थे।उसके बाद से यह पार्टी इसी परिवार के हाथ में रही है। अब्दुल वाहेद के बाद सलाहुद्दीन ओवैसी उसके अध्यक्ष बने और अब उनके पुत्र असदुद्दीन ओवैसी उस के अध्यक्ष और सांसद हैं जब उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी विधान सभा में पार्टी के नेता हैं। ओवैसी को उनके समर्थकों ने उन्हें नाकीब-ए-मिलत (समुदाय का नेता) के रूप में स्वागत किया।ओवैसी ने साल 1994 में राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने आंध्र प्रदेश की चार मीनार विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था और इस चुनाव में उनकी जीत हुई थी। वे दो बार 1994 से 2003 के मध्‍य आंध्रप्रदेश की राज्‍यसभा के सदस्‍य रह चुके हैं। 2004 में वे लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए।इस कार्यकाल के दौरान वे स्‍थानीय क्षेत्र विकास और सामाजिक न्‍याय और अधिकार तथा रक्षा समितियों के सदस्‍य रहे। 2009 लोकसभा चुनाव में वे दोबारा निर्वाचित हुए और रक्षा समिति एवं आचारनीति समिति के सदस्‍य बनाए गए। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वे हैदराबाद निर्वाचित हुवे। उनका राष्ट्रवाद के साथ इस्लामवाद का विचार हैदराबाद के साथ साथ देश के अन्य भागों में भी काफी लोकप्रिय हो रहा है।ओवैसी सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण का समर्थन करते हैं। वह यह भी कहते हैं कि वह हिंदुत्ववादी विचारधारा के खिलाफ हैं लेकिन हिंदुओं के खिलाफ नहीं हैं। 2008 के मुंबई के हमलों के बाद, ओवैसी ने निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जकीउर रहमान लखवी और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की उन्होंने कहा कि देश के दुश्मन मुसलमानों के दुश्मन हैं।

असदुद्दीन ओवैसी से जुड़े विवाद:-

  • भारत माता की जय कहने से किया था इंकार

असदुद्दीन ओवैसी अक्सर अपने भाषणों के चलते विवादों में घिरते चले आएं हैं. एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बयान दिया था कि वो किसी भी सूरत में भारत माता की जय नहीं कहेंगे. ये भाषण उनके द्वारा साल 2016 में महाराष्ट्र की एक रैली में दिया गया था. दरअसल उन्होंने ये बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए एक बयान के बदले ये बात कही थी. मोहन द्वारा एक बयान दिया गया था और उस बयान के मुताबिक उनका मानना था, कि देश के नौजवानों को भारत माता की जय बोलनी चाहिए.

  • चुनाव आयोग ने की थी ओवैसी के खिलाफ शिकायत

साल 2009 में ओवैसी के खिलाफ देश के चुनाव आयोग द्वारा पुलिस में एक केस दर्ज करवाया गया था. चुनाव आयोग के अनुसार ओवैसी ने एक मतदान एजेंट का पीछा किया था और उसे मारने की धमकी भी दी थी.

  • मेडक मामले में गए थे जेल

मेडक जिले में एक सड़क काम के कार्य में बाधा डालने के आरोप के चलते ओवैसी और उनके छोटे भाई को जेल की हवा काटनी पड़ी थी. दरअसल इस जिले में एक सड़क चौड़ी की जा रही थी, जिसके लिए वहां पर एक मस्जिद को गिराया जा रहा था. मस्जिद के विध्वंस के विरोध में उनकी पार्टी द्वारा प्रर्दशन किया जा रहा था. जिसके बाद पुलिस ने उनपर आपराधिक धमकी, दंगे और दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित कई केस दर्ज किए थे. इसी मामले में उन्हें 2013 में जेल जाना पड़ा था.इसके अलावा साल 2014 में भी उनके द्वारा एक भड़काऊ बयान दिया गया था, ये बयान उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ दिया था. इसके अलावा एक बार ओवैसी ने बिना पुलिस के अनुमति के बिना एक रैली का आयोजन किया था और उस रैली में बिना लाइसेंस वाली बंदूक लाने के चलते उन्हें हिरासत में ले लिया गया था.

असदुद्दीन ओवैसी को मिले सम्मान:-

असदुद्दीन ओवैसी का नाता अक्सर विवादों से ही रहा है, लेकिन साल 2014 में असदुद्दीन ओवैसी को संसद रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था. उन्हें ये सम्मान 15वीं लोकसभा के चुनाव में किए गए उनके प्रदर्शन के चलते दिया गया था.

अन्य काम:-

ओवैसी, हैदराबाद के ओवैसी अस्पताल और रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष हैं, जिनकी उत्पत्ति दिवंगत अल्हाज मौलाना अब्दुल वाहिद ओवैसी से है। अस्पताल अत्याधुनिक अत्याधुनिक उपकरणों और चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करता है। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसियों के सहयोग से अस्पतालों में अनुसंधान कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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