9TH SST

bihar board 9 class samajik vigyan note book – आपदा प्रबंधन

आपदा प्रबंधन : एक परिचय

bihar board 9 class samajik vigyan note book

class – 9

subject – geography

lesson 10 – आपदा प्रबंधन : एक परिचय

आपदा प्रबंधन : एक परिचय

महत्त्वपूर्ण तथ्य-
वैसी घटना जिसके प्रभाव से मानव जीवन को भयंकर क्षति हो तथा वह त्रासदी का जनक हो, आपदा कहलाता है । यह दो प्रकार की होती है-(i) मानव जाति आपदा (ii) प्राकृतिक आपदा।
प्राकृतिक आपदा में बाढ़, सूखा, भूकम्प आदि आते हैं । मानवजनित आपदाओं में रासायनिक, जैविक, नाभिकीय कारकों से उत्पन्न आपदा, कल-कारखानों में दुर्घटना, जहरीले उत्पाद का रिसाव, आग लगना इत्यादि आते हैं।
आपदा मानवजनित हो या प्राकृतिक वह सदैव विनाशकारी होती है । अत: उनका प्रबंधन आवश्यक है । आपदा को आने से रोक लेना या पूर्णत: समाप्त कर देना असंभव है लेकिन इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है । प्रबंधन अर्थात् प्रभाव को कम कर लेने से त्रासदी तथा आपदा प्रबंधन के मुख्यत: चार घटक होते हैं-
(i) आपदा के पूर्व की तैयारी मरनेवालों की संख्या कम होती है।
(ii) जवाबी कार्रवाई तथा राहत कार्य
(iii) सामान्य जीवन स्तर पर पुनः स्थापित होना अति पुनर्वास
(iv) रोकथाम और दुष्प्रभाव को कम करने की योजना ।
किसी कोच में आप आने के पूर्व चार रखी जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें होती हैं, जैसे चेतावनी प्रणाली विकसित करना, असुरक्षित स्थानों की पहचान करना, पारस्परिक सहायता विकसित करना, राहत कार्य चलाने है। स्थलों की पहचान करना आदि । आपदा आते ही जवाबी कार्रवाई करना भी आवश्यक होती है, जैसे आपातकालीन क्रिया केन्द्र चालू करना, प्रबंधन योजनाओं को कार्यरूप देना, संसाधन जुटाना आदि इसके अतिरिका भवनों का पुनःनिर्माण, रोजगार के अवसर दना, अस्थायी आवास सुलभ करवाना भी आवश्यक कार्य है।
भारत के प्रायः सभी क्षेत्रों में लगभग सालोंपर प्राकृतिक आपदाओं का दौर चलता रहता है। 2001 के भुज मुकम तथा 2004 को सुनामी ने आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को और भी जरूरी बना दिया है । राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए कई योजनाएं बनाई गई है जो भविष्य में आपदाओं से निबटने में लाभदायी साबित होगी।
आपदा प्रबंधन के लिए समूह में कार्य करना आवश्यक है। अतः आपदा प्रबंधन के लिए समुदाय की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
1.आपदा प्रबंधन के प्रमुख घटक है-
(क) आपदा के पूर्व व्यक्तिगत तैयारी करना ।
(ख) आपदा के पूर्व सामुदायिक स्तर पर तैयारी करना ।
(ग) रोकथाम के लिए दूसरों पर निर्धर करना ।
(घ) आपदा के संबंध में जानकारी नहीं रखना ।
उत्तर-(ख)

प्रश्न 2. मानवजनित आपदाओं के प्रभाव को कम करने के कौन-से उपाय है?
(क) भूमि उपयोग की जानारी नहीं रहना
(ख) आपदारोधी भवन का निर्माण करना
(ग) मामुदायिक जागरूकता पर ध्यान देना
(घ) जोखिम क्षेत्रों में बसाव को बढ़ाना ।
उत्तर-(ग)

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.आपदा प्रबंधन क्या है?
उत्तर-किसी भी क्षेत्र में आनेवाली आपदाओं की रोकथाम या उसके प्रभाव को कम करने के लिए जो तरीके अपनाए जाते हैं उन्हें आपदा प्रबंधन कहते हैं। आपदा के आने के पूर्व सजग या तैयार रहने से आकस्मिक आपदा के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसके लिए प्राथमिक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता है।

प्रश्न 2. आपदा को कम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर-आपदा को कम करने के लिए अर्थात् आपदा पूर्व प्रबंधन के प्रमुख विचारणीय बिन्दु है-
(i) सामुदायिक सहभागिता के द्वारा आपातकालीन योजना बनाना तथा उसे कार्यरूप देना।
(ii) सामुदायिक बैठकों में प्रभावित क्षेत्रों की भौगोलिक दशाएँ, यातायात के साधन एवं मार्ग, आपदा की तीव्रता आदि के बारे में अनुभवी व्यक्तियों से विचार करना तथा उसके पश्चात् आपा नियंत्रण या आपदा-पूर्व प्रबंधन की रूपरेखा तैयार करना ।
(iii) आपदा पूर्व प्रबंधन के लिए संदर्कित क्षेत्र, गाँव, शहर आदि का मानचित्र तैयार करता
(IV) सचि तथा ममता के अनुसार आपदा-पूर्व प्रबंधन समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित होना आवश्यक है।
(v) रुचि तथा मता के अनुसार कार्य का बँटवारा तथा रिहर्सल करना ।

प्रश्न 3, आप आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की मदद कैसे करेंगे।
उत्तर– आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सर्वप्रथम आपदा की सूचना मिलने पर घबराने के बजाए आस-पास के लोगों को इसकी सूचना देनी चाहिए। इसके पश्चात् अन्य लोगों की सहायता से उनके भोजन, चिकित्सा आदि की जावरणा करनी चाहिए ।
प्रश्न 4, विद्यालय द्वारा किस प्रकार आपदा प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाया जा सकता है?
उत्तर-विद्यालय में आपदा प्रबंधन की पढ़ाई के द्वारा विद्यार्थियों को इसकी जानकारी तथा प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है । शिक्षकों की मदद से राहत कार्य चलाए जा सकते हैं जिसमें लोगों को चिकित्सा, भोजन आदि की व्यवस्था करना आदि शामिल हो सकते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर-आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है । आज पंचायत तथा ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है । इसके अलावा आतंकवाद और साम्प्रदायिक दंगों को कम करने के लिए आतंक विरोधी दस्ते का भी गठन किया गया है। ग्राम सभा तथा पंचायत की सक्रियता से लोगों की सक्रियता बढ़ जाती है । ऐसी स्थिति में लोग स्वयं अपनी आवश्यकतानुसार अपनी प्राथमिकताएँ चुनते हैं तथा उसके अनुसार कार्य करते हैं जिससे आपदा का प्रभाव न्यूनतम हो जाता है । इसके अन्तर्गत लोगों को प्रशिक्षण का कार्य भी किया जाता है । समय पूर्व सूचना देना, आपातकालीन नियंत्रण कार्य चालू करता, संसाधन जुटाना, लोगों को एकत्रित करना, आपदा के वक्त आपसी एकता तथा सौहार्द्र बनाए रखना आदि प्रमुख कार्य हैं।

प्रश्न 2. आपदा प्रबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करें।
उत्तर-भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में वर्ष पर कोई न कोई आपदा आती ही रहती है । इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए कई योजनाएँ बनाई गई हैं-
(1) आपदा प्रबंधन के लिए प्रति वर्ष बजट में आकस्मिक निधि का प्रबंधन किया गया है। इससे संकट के समय धनराशि की आवश्यकता नहीं होती ।
(2) आपदा प्रबंधन हेतु प्रधानमंत्री राहत कोष का भी गठन किया गया है ।
(3) आपदाओं के बारंबारता क्षेत्र को मानचित्रीकरण किया जा रहा है जिससे उसके क्षेत्र की जानकारी प्राप्त की जा सके।
(4) आपदा प्रबंधन में लगे हुए लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्य भी दिया जा रहा है ।
(5) पंचायत तथा ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि पूर्ण जानकारी दी जाती है ।

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