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bihar board class 10th biology notes | जीव जनन कैसे करते हैं

bihar board class 10th biology notes | जीव जनन कैसे करते हैं

                                        पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. डी.एन.ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है ?
उत्तर-प्रजनन की मूल घटना है डी.एन.ए. की दो प्रतिकृति तैयार करना । इसके लिए
कोशिकाएँ रासायनिक अभिक्रियाएँ करती हैं जिससे डी.एन.ए. की दो प्रतिकृति बन जाती है । इन प्रतिकृतियों को अलग होने के लिए एक अलग कोशिकीय संरचना की आवश्यकता होती है । डी.एन.ए. की दोनों प्रतिकृतियाँ अलग होकर दो कोशिकाओं का निर्माण करती हैं। इस प्रकार प्रजनन में दो कोशिकाओं को बनाने के लिए डी.एन.ए, प्रतिकृति आवश्यक है।
प्रश्न 2. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परन्तु व्यष्टि के लिए
आवश्यक नहीं है, क्यों ?
उत्तर-जीवों में विभिन्नताओं की किसी जीव के अस्तित्व के लिए आवश्यक नहीं है क्योंकि
उसके जीवित रहने पर कुछ विभिन्नताओं का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता । वह समानता के
आधार पर अधिक अनुकूल होता है । लेकिन डी.एन.ए. की दोनों प्रतिकृति बिल्कुल समान नहीं
होती उनमें कुछ-न-कुछ विभिन्नताएँ अवश्य होती हैं जो धीरे-धीरे गहरी होती जाती हैं । जनन
में होने वाली ये विभिन्नताएँ अन्ततः नई स्पीशीज के विकास में योगदान देती है तथा जैव विकास
का आधार बनती है । अतः विभिन्नताएँ स्पीशीज के उद्भव के लिए आवश्यक है लेकिन जीव
के जीवित रहने के लिए इनकी कोई आवश्यकता नहीं है।
                                     क्रियाकलाप 8.1
• 100 ml. जल में लगभग 10g चीनी को घोलिए ।
• एक परखनली में इस विलयन का 20 ml. लेकर उसमें एक चुटकी योस्ट पाउडर डालिए
• परखनली के मुख को रूई से ढक कर किसी गर्म स्थान पर रखिए ।
• 1 या 2 घंटे पश्चात परखनली से यीस्ट-संवर्ध की एक बूंद स्लाइड पर लेकर उस पर
    कवर स्लिप रखिए।
• सूक्ष्मदर्शी की सहायता से स्लाइड का प्रेक्षण कीजिए ।
अवलोकन-यीस्ट की कोशिकाएँ दिखाई देती हैं। इनमें से यीस्ट की कुछ कोशिकाएँ एक
श्रृंखला मुकुलन दर्शाती दिखाई देती हैं।
          चित्र 8.1 श्रृंखला मुकुलन दर्शाती हुई यीस्ट की कोशिकाएँ
                                          क्रियाकलाप 8.2
• डबल रोटी के एक टुकड़े को जल मे भिंगो कर ठंडे, नम तथा अंधेरे स्थान पर रखिए।
• आवर्धक लेंस की सहायता से स्लाइस की सतह का निरीक्षण कीजिए।
• अपने एक सप्ताह के प्रेक्षण कॉपी में रिकॉर्ड कीजिए ।
अवलोकन-लेंस द्वारा स्लाइड
के ऊपर देखने पर एक सफेद रूई के
समान दिखाई देता है जो स्लाइड के
ऊपर फैला हुआ है।
एक सप्ताह बाद यह सफेद रुई
जैसा पदार्थ काला हो जाता है क्योंकि
स्पोजिया व स्पोर (बीजाणु) बन
जाते हैं।
                            क्रियाकलाप 8.3
• अमीबा की स्थायी स्लाइड का सूक्ष्मदर्शी की सहायता से प्रेक्षण कीजिए ।
• इसी प्रकार अमीबा के द्विखंडन की स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कीजिए।
• अब दोनों स्लाइडों की तुलना कीजिए ।
दोनों स्लाइडों की तुलना-अमीबा की स्थाई स्लाइड में अमीबा की कोशिका दिखाई देती
है जिसमें कोशिका द्रव्य व केन्द्रक दिखाई देते हैं।
द्विविखंडन दिखाने वाली अमीबा की स्लाइड में केन्द्रक दो भागों में विभाजित होता हुआ
तथा कोशिका द्रव्य में खाँच दिखाई देती है। यह चित्र में दर्शाए गए के समान दो संतति
कोशिकाओं के बनने को दर्शा रहा है।
                                           क्रियाकलाप 8.4
• किसी झील अथवा तालाब जिसका जल गहरा हरा दिखाई देता हो और जिसमें तन्तु
के समान संरचनाएँ हों, उससे कुछ जल एकत्र कीजिए ।
• एक स्लाइड पर एक अथवा दो तन्तु रखिए ।
• इन तन्तुओं पर ग्लिसरीन की एक बूंद डाल कर कवर-स्लिप से ढक दीजिए ।
• सूक्ष्मदर्शी के नीचे स्लाइड का प्रेक्षण कीजिए ।
• क्या आप स्पाइरोगाइरा तन्तुओं में विभिन्न ऊतक पहचान सकते हैं ?
अवलोकन-स्पाइरोगाइरा तन्तुओं में बहुत-सी कोशिकाएँ दिखाई देती हैं । ये कोशिकाएँ एक
लीनियर तरीके से जुड़कर स्पाइरोगाइरा तन्तु का निर्माण करती हैं।
                                            क्रियाकलाप 8.5
• एक आलू लेकर उसकी सतह का निरीक्षण कीजिए । क्या इसमें कुछ गर्त दिखाई देते
है ?
• आलू को छोटे-छोटे टुकड़ों में इस प्रकार काटिए कि कुछ में तो ये गर्त हों और कुछ
में नहीं।
• एक ट्रे में रूई की पतली पर्त बिछा कर उसे गीला कीजिए । कलिका (गर्त) वाले
टुकड़ों को एक ओर तथा बिना गर्त वाले टुकड़ों को दूसरी ओर रख दीजिए ।
• अगले कुछ दिनों तक इन टुकड़ों में होने वाले परिवर्तन का प्रेक्षण कीजिए । ध्यान रखिए
कि रूई में नमी बनी रहे ।
प्रश्न-वे कौन से टुकड़े हैं जिनसे हरे प्ररोह तथा जड़ विकसित हो रहे हैं ?
उत्तर-आलू के ऐसे टुकड़े जिनकी कोर में कलिकाएँ थीं वृद्धि करते हैं और उनमें नया तना
व नई जड़ें निकलती हैं । जिन टुकड़ों में कलिकाएँ नहीं होती उनमें वृद्धि नहीं होती ।
                                   क्रियाकलाप 8.6
• एक मनीप्लांट लीजिए।
• इसे कुछ टुकड़ों में इस प्रकार काटिए कि प्रत्येक में कम से कम एक पत्ती अवश्य हो।
• दो पत्तियों के मध्य वाले भाग के कुछ टुकड़े काटिए ।
• सभी टुकड़ों के एक सिरे को जल में डुबोकर रखिए तथा अगले कुछ दिनों तक उनका
   अवलोकन कीजिए।
प्रश्न 1. कौन से टुकड़ों में वृद्धि होती है तथा नयी पत्तियाँ निकली हैं ?
उत्तर-मनी प्लांट का वह भाग जिसकी गाँठों में पत्तियाँ होती हैं नयी पत्तियाँ बनना दर्शाता है।
प्रश्न 2. आप अपने प्रेक्षणों से क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
उत्तर-हरी पत्तियाँ भोजन बनाती हैं। इनमें शाखाएँ भी निकलती हैं। ये शाखाएँ एक्जाइल
में उपस्थित ऑक्जीलरी गाँठों से निकलती हैं।
                                      पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-द्विखंडन-इस विधि द्वारा एक कोशिकीय जीव दो भागों में विभक्त होता है और
प्रत्येक भाग एक नए जीव में विकसित होता है, जैसे-अमीबा ।
बहुखंडन-इस विधि में एक कोशिकीय जीव अनेक भागों में विभक्त होता है तथा प्रत्येक
भाग एक नए जीव में विकसित होता है। जैसे-मलेरिया परजीवी (प्लाज्मोडियम) ।
प्रश्न 2. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है ?
उत्तर-बहुत से सरल बहुकोशिकीय जीवों के वृत्त पर एक कैप्सुल जैसी संरचना होती है
जिसे बीजाणुधानी कहते हैं । बीजाणुधानी में बहुत से बीजाणु भरे होते हैं । ये बीजाणु बड़ी संख्या में होते हैं । इस प्रकर एक बीजाणुधानी से एक बड़ी संख्या में नए जीव उत्पन्न हो सकते हैं। इस प्रकार यह ऐसे जीवों के लिए लाभदायक होता है जिनमें जनन बीजाणु द्वारा होता है ।
जैसे-राइजोपस ।
प्रश्न 3. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिनसे पता चलता हो कि जटिल संरचना
वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते ?
उत्तर-जटिल संरचना वाले जीव पुनरूद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते क्योंकि-
(i) ऐसे जीवों की संरचना अत्यन्त जटिल होती है।
(ii) ऐसे जीवों में एक विशिष्ट कार्य के लिए विशिष्ट अंग/अंगों की आवश्यकता होती है।
(iii) ऐसे जीवों में श्रम विभाजन होता है।
(iv) पुनरुद्भवन विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा होता है । ऐसी कोशिकाएँ जटिल जीवों में नहीं होती ।
प्रश्न 4. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-कायिक प्रवर्धन केवल ऐसे पौधों में ही संभव है जिनके जड़, तना या पत्तियों में नए
पौधों को उगाने की क्षमता होती है।
कुछ पौधों में बीज नहीं होते, ऐसे पौधों को केवल कायिक जनन द्वारा ही उगाया जा सकता है
कायिक प्रवर्धन बीज रहित पौधों को उगाना संभव बनाता है। केला, नारंगी, गुलाब, जासमीन
व गन्ने में बीज बनने की क्षमता कम है या बिल्कुल नहीं है । ऐसे पौधे कायिक प्रवंर्धन द्वारा
उगाए जा सकते हैं।
प्रश्न 5. डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है ?
उत्तर-डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है। यह जनन के लिए एक
मूल घटना है । जनक कोशिका की दो कोशिकाएं बनती हैं। ये दोनों प्रतिकृतियाँ अलग होना
आवश्यक हैं तभी जनन हो सकता है । इसके लिए एक अलग से कोशिकीय संरचना आवश्यक
है। एक प्रतिकृति नई संरचना में तथा एक मूल कोशिका में रह जाती है । इस प्रकार दो प्रतिकृतियाँ दो नई कोशिकाएँ बनाने में सहायता करती हैं और जनन होता है ।
                                            क्रियाकलाप 8.7
• चने के कुछ बीजों को एक रात तक जल में भिगो दीजिए ।
• अधिक जल को फेंक दीजिए तथा भीगे हुए बीजों को गीले कपड़े से ढक कर एक
दिन के लिए रख दीजिए । ध्यान रहे कि सूखे नहीं।
• बीजों को सावधानी से खोल कर उसके विभिन्न भागों का प्रेक्षण कीजिए ।
• अपने प्रेक्षण की तुलना चित्र 8.4 से कीजिए, क्या आप सभी भागों को पहचान सकते हैं?
अवलोकन-अवलोकनों के आधार पर हम कह सकते हैं कि हमारे द्वारा सभी भाग पहचाने
जा सकते हैं । ये सभी भाग चित्र में दिखाए गए भागों के समान हैं ।
                                      पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-परागण क्रिया-पराग कणों के परागकोष से वर्तिकान तक पहुँचने की क्रिया को परागण
क्रिया कहते हैं। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार को दो कोशिकाओं में संलयन नहीं होता है।
निषेचन-निषेचन में नर व मादा युग्मकों का संलयन होता है तथा युग्मनज बनता है । यह
परागण के बाद की क्रिया है।
प्रश्न 2. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रन्थि की क्या भूमिका है ?
उत्तर-नर जनन तंत्र में कुछ ग्रन्थियाँ जैसे शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रन्थियाँ होती हैं । इन
ग्रन्थियों के स्राव शुक्राणु के साथ मिलते हैं । इस प्रकार शुक्राणु एक द्रव में आ जाते हैं । यह
द्रव शुक्राणुओं के स्थानान्तरण को आसान बनाता है । यह द्रव शुक्राणुओं को पोषण भी प्रदान
करता है।
प्रश्न 3. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं ?
उत्तर-(i) स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगते हैं।
(ii) स्तनाग्र की त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है।
(iii) रजोधर्म प्रारम्भ होने लगता है।
प्रश्न 4. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है ?
उत्तर-निषेचन के बाद युग्मनज बनता है जो धीरे-धीरे भ्रूण में विकसित होने लगता है।
भ्रूण गर्भाशय की भित्ति से चिपक जाता है । इस प्रक्रिया को इम्स्लेटेंशन कहते हैं । भ्रूण माता
के शरीर से अपना भोजन प्राप्त करता है । इसके लिए एक विशिष्ट ऊतक जिसे प्लेसेंटा कहते
हैं के द्वारा होता है । यह एक तश्तरीनुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में घुसा होता है।
माता के गर्भाशय की भित्ति विलाई से बनी होती है जो गर्भाशय का क्षेत्रफल बढ़ाता है। इससे
भ्रूण को अधिक ग्लूकोज व ऑक्सीजन मिलती है । इस प्रकार भ्रूण माता के शरीर से अपना
पोषण प्राप्त करता है।
प्रश्न 5. यदि कोई महिला कॉपर-T का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी
यौन-संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर-नहीं, कॉपर-T उसकी यौन-संचरित रोगों से रक्षा नहीं करेगी।
                                      अभ्यास
प्रश्न 1. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है-
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडिएम
(d) लेस्मानिया                 उत्तर-(b) यीस्ट
प्रश्न 2. निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी                  उत्तर-(c) शुक्रवाहिका
प्रश्न 3. परागकोश में होते हैं-
(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) पराग कण                      उत्तर-(d) पराग कण
प्रश्न 4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-लैंगिक जनन का महत्व-
(i) लैंगिक जनन से जनन संतति में विविधता आती है।
(ii) जीन के नए युग्मक बनते हैं जिसके कारण आनुवंशिक विविधता का विकास होता है।
(iii) नए जीवों के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
प्रश्न 5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-नर में प्राथमिक जनन अंग अंडाकार आकृति का वृषण होता है। नर जनन हार्मोन
एक जोड़ी वृषण उदर गुहा के बाहर छोटे अंडानुमा मांसल संरचना में रहते हैं जिसे वृषण कोष
कहते हैं । वृषण में शुक्राणु तथा टेस्टोस्टोरान की उत्पत्ति होती है । वृषण कोष शुक्राणु बनने
के लिए उचित ताप प्रदान करता है
प्रश्न 6. ऋतुस्राव क्यों होता है ?
उत्तर-यदि अंडाणु का निषेचन नहीं होता है तो वह एक दिन बाद नष्ट हो जाता है । गर्भाशय
भी निषेचित अंडाणु को प्राप्त करने की तैयारी करता है । गर्भाशय की दीवार मोटी तथा स्पंजी
हो जाती है । लेकिन निषेचन न होने पर ये धीरे-धीरे टूटती है और रुधिर व म्यूकस के रूप में
योनि मार्ग से बाहर निकलती है । इस प्रक्रिया को रजोधर्म या ऋतुस्राव कहते हैं । अतः ऋतुस्राव
निषेचन न होने की अवस्था में होता है।
प्रश्न 7. पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर-
प्रश्न 8. गर्भनिरोधक की विभिन विधियाँ कौन-कौन-सी हैं?
उत्तर-गर्भनिरोधक के लिए बहुत-सी विधियों का विकास किया जाता है जो निम्न हैं-
(i) अवरोधिका विधियाँ-इन विधियों में कंडोम, मध्यपट और गर्भाशय ग्रीवा आच्छद का
उपयोग किया जाता है । ये मैथुन के दौरान मादा जननांग में शुक्राणुओं के प्रवेश को रोकती हैं।
(ii) रासायनिक विधियाँ-इस प्रकार की विधि में स्त्री दो प्रकार-मुखीय गोलियाँ तथा योनि
गोलियाँ प्रयोग करती हैं।
ये गोलियाँ मुख्यतः हार्मोन्स से बनी होती हैं जो अंडाणु को डिम्बवाहिनी नलिका में उत्सर्जन
से रोकती हैं।
(iii) शल्य विधियाँ-इस विधि में पुरुष शुक्रवाहक तथा स्त्री की डिम्बवाहिनी नली के छोटे
से भाग को शल्यक्रिया द्वारा काट या बाँध दिया जाता है । इसे नर नसबंदी तथा स्त्री में स्त्री
नसबंदी कहते हैं।
प्रश्न 9. एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अन्तर है ?
उत्तर-एक-कोशिक जीवों में केवल एक ही कोशिका होती है। उनमें जनन के लिए अलग
से कोई ऊतक या अंग नहीं होता है। अतः उनमें जनन केवल द्विविखंडन या बहुविखंडन द्वारा
ही हो सकता है । कुछ जीवों जैसे यीस्ट में मुकुलन द्वारा भी जनन होता है ।
बहुकोशिक जीवों का शरीर बहुत-सी कोशिकाओं से बना होता है । इनमें जनन के लिए अलग
से ऊतक या जनन तंत्र होते हैं । अतः इनमें जनन लैंगिक व अलैंगिक दोनों प्रकार से होता है।
प्रश्न 10. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर-अपनी जनन क्षमता का उपयोग कर जीवों की समष्टि पारितंत्र में स्थान अथवा निकेत
ग्रहण करते हैं । जनन के दौरान DNA प्रतिकृति का बनना जीव की शारीरिक संरचना एवं डिजाइन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो उसे विशिष्ट निकेत के योग्य बनाती है। अत: किसी प्रजाति (स्पीशीज) की समष्टि के स्थायित्व का संबंध जनन से है।
प्रश्न 11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-जनन एक ऐसा प्रक्रम है जिसके द्वारा जीव अपनी समष्टि की वृद्धि करते हैं । एक
समष्टि में जन्मदर एवं मृत्युदर उसके आकार का निर्धारण करते हैं । जनसंख्या का विशाल
आकार बहुत लोगों के लिए चिन्ता का विषय है। इसका मुख्य कारण यह है कि बढ़ती हुई
जनसंख्या के कारण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाना आसान कार्य नहीं है । अतः
जनसंख्या की बढ़ती हुई संख्या पर नियंत्रण रखना जरूरी है। इसीलिए गर्भनिरोधक युक्तियाँ
अपनानी चाहिए।
                                                  ◆◆◆

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