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bihar board 10th class science notes | कार्बन एवं उसके यौगिक

bihar board 10th class science notes | कार्बन एवं उसके यौगिक

                                              क्रियाकलाप 4.1
• सुबह से आपने जिन वस्तुओं का उपयोग अथवा उपभोग किया हो, उनमें से दस
   वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर-दस वस्तुओं के नाम निम्नलिखित हैं-
(1) भोजन (2) स्याही (3) कागज (4) पानी (5) पॉलिश (6) साबुन (7) तेल (8) क्रीम
(9) दूध (10) चीनी।
• इस सूची को अपने सहपाठियों द्वारा बनाई सूची के साथ मिलाइए तथा सभी वस्तुओं
को निम्नलिखित सारणी में वर्गीकृत कीजिए।
• एक से अधिक सामग्रियों से बनी वस्तुओं को उपयुक्त स्तम्भों में रखिए।
                                       पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी?
उत्तर-CO2 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना निम्न प्रकार है-
प्रश्न 2. सल्फर के आठ परमाणुओं से बने
के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या
होगी ? (संकेत-सल्फर के आठ परमाणु एक
अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)
उत्तर-
                                क्रियाकलाप 4.2
प्रश्न 1. सूत्रों तथा आणविक द्रव्यमानों में अंतर की गणना कीजिए :
(a) CH3OH तथा C2H5OH (b) C2H5OH तथा C3H7OH एवं
(c)C3H7OH तथा C4H9OH
उत्तर-
प्रश्न 2. क्या इन तीनों में कोई समानता है ?
उत्तर-हाँ। सभी का प्रकार्यात्मक समूह (Functional group) ऐल्कोहलिक (―OH) है।
प्रश्न 3. एक परिवार तैयार करने के लिए इन ऐल्कोहलों को कार्बन परमाणुओं के
बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए। क्या इनको एक समजातीय श्रेणी का परिवार कहा
जा सकता है?
उत्तर-CH3OH, C2H5OH के C3H7OH, C4H9OH हाँ, ये एल्केन ऐल्कोहल के
समजातीय श्रेणी है।
प्रश्न 4. सारणी 4.3 में दिए गए अन्य प्रकार्यात्मक समूहों के लिए चार कार्बनों तक
के यौगिकों वाली समजातीय श्रेणी तैयार कीजिए।
उत्तर-
                                         पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवी का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर-पेन्टेन के लिए तीन संरचनात्मक समावयवी का चित्रण किया जा सकता है :
प्रश्न 2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन
यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है ?
उत्तर-कार्बन यौगिकों की बहुतायत के निम्नलिखित दो कारण हैं-
(i) कार्बन परमाणु श्रृंखलन (Catenation)|
(ii) कार्बन परमाणु की चतु:संयोजकता।
शृंखलन कार्बन परमाणुओं का विशेष गुण होता है जिसके कारण कार्बन परमाणु सीधी,
शाखित या चक्रीय श्रृंखलाएँ बना लेते हैं।
चतुः संयोजकता के कारण कार्बन अपने ही परमाणुओं के साथ एकल, द्वि या त्रिक
सहसंयोजक आबंध बनाते हैं।
उपर्युक्त कारणों से कार्बन बहुत अधिक संख्या में यौगिक बनाता है। अत: हमारे चारों ओर
कार्बनिक यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है।
प्रश्न 3. साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे ?
उत्तर-साइक्लोपेन्टेन का सूत्र C5H10 होता है। C5H10 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना निम्न
प्रकार से है-
प्रश्न 4. निम्न यौगिकों की संरचनाएं चित्रित कीजिए:
(i) एथेनॉइक अम्ल (ii) ब्रोमोपेन्टेन (iii) ब्यूटेनोन (iv) हेक्सेनैल
क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं ?
                                               ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक अवयव संभव हैं।
प्रश्न 5. निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?
                                         क्रियाकलाप 4.3
सावधानी : इस क्रियाकलाप के लिए शिक्षक का पर्यवेक्षण अनिवार्य है।
एक स्पैचुला में एक-एक करके कुछ कार्बन यौगिकों (नैफ्थलीन, कैम्फर, ऐल्कोहल) को
लेकर जलाइए।
प्रश्न 1. ज्वाला की प्रकृति का प्रेक्षण कीजिए तथा लिखिए कि धुआँ हुआ या नहीं।
उत्तर-वायु की प्रचुर उपस्थिति में संतृप्त हाइड्रोकार्बन नीली धुआँ रहित लौ के साथ जलते हैं।
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वायु में पीली लौ की ज्वाला एवं अधिक धुएँ के साथ जलती हैं।
प्रश्न 2 ज्वाला के ऊपर धातु की एक तश्तरी रखिए। इनमें से किसी भी यौगिक के
कारण क्या तश्तरी पर कोई निक्षेपण हुआ?
उत्तर-नैफ्थलीन और कैम्फर को जलाने पर तश्तरी पर निक्षेपण हुआ।
                                        क्रियाकलाप 4.4
एक बुन्सेन बर्नर जलाइए तथा विभिन्न प्रकार की ज्वालाओं/धुएँ की उपस्थिति को प्राप्त
करने के लिए उसके आधार पर वायु छिद्र को व्यवस्थित कीजिए।
प्रश्न 1. पीली, कजली ज्वाला कब प्राप्त हुई ?
उत्तर-वायु की नियन्त्रित आपूर्ति से अपूर्ण दहन होता है जिसके फलस्वरूप पीली चमकदार
ज्वाला प्राप्त होती है।
प्रश्न: नीली ज्वाला कब प्राप्त हुई ?
उत्तर-जब ऑक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध कराई जाती है तो पूर्ण दहन होता है तथा
नीली ज्वाला प्राप्त होती है।
                                              क्रियाकलाप 4.5
• एक परखनली में लगभग 3ml एथेनॉल लीजिए तथा इसे जल ऊष्मक में सावधानी से
गर्म कीजिए।
• इस विलयन में क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट का 5% एक-एक बूंद करके डालिए।
प्रश्न 1. डालने पर आरंभ में क्या पोटैशियम परमैंगनेट का रंग बना रहता है ?
उत्तर-नहीं। पोटैशियम परमैंगनेट का पर्पल रंग, रंगहीन हो जाता है।
प्रश्न 2 अधिक मात्रा में डालने पर पोटैशियम परमैंगनेट का रंग लुप्त क्यों नहीं होता?
उत्तर-अभिक्रिया पूर्ण हो जाती है तो पर्पल रंग बना रहता है।
                                        पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों
कहते हैं?
उत्तर-एथेनॉइक अम्ल में एथेनॉल की अपेक्षा एक ऑक्सीजन परमाणु अधिक और दो
हाइड्रोजन परमाणु कम होते हैं।
ऑक्सीजन की वृद्धि और हाइड्रोजन की कमी वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ ऑक्सीकरण
अभिक्रिया कहलाती हैं।
प्रश्न 2 ऑक्सीजन और एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या
आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ?
उत्तर-वायु में नाइट्रोजन और अन्य निष्क्रिय गैसें होती हैं जो एथाइन के दहन हेतु ऑक्सीजन
की प्रचुर आपूर्ति को बाधित करती हैं। इसलिए एथाइन के दहन के लिए वायु का उपयोग नहीं
कर सकते हैं।
                                           क्रियाकलाप 4.6
शिक्षक के द्वारा प्रदर्शन :
• लगभग दो चावल के आकार के बराबर सोडियम के एक छोटे टुकड़े को एथेनॉल
(परिशुद्ध ऐल्कोहल) में डालिए।
प्रश्न 1. आप क्या प्रेक्षित करते हैं?
उत्तर-सोडियम और एथेनॉल की तीव्र अभिक्रिया के फलस्वरूप सोडियम इथॉक्साइड व
H2 गैस बनते हैं।
प्रश्न 2. उत्सर्जित गैस की आप कैसे जांँच करेंगे?
उत्तर-परखनली के मुँह पर जलती माचिस की तीली लाने पर निकलने वाली गैस थप ध्वनि
के साथ जल उठती है अत: यह H2 गैस है।
                                             क्रियाकलाप 4.7
प्रश्न 1. लिटमस पत्र एवं सार्वत्रिक सूचक का उपयोग कर तनु ऐसीटिक अम्ल तथा
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के pH मान की तुलना कीजिए।
उत्तर-तनु ऐसीटिक अम्ल का pH मान ज्यादा है।
प्रश्न 2. क्या लिटमस परीक्षण में दोनों अम्ल सूचित होते हैं ?
उत्तर-हाँ।
प्रश्न 3. सार्वत्रिक सूचक से क्या दोनों अम्लों के प्रबल होने का पता चलता है ?
उत्तर-HCL अम्ल प्रबल है।
                                                क्रियाकलाप 4.8
• एक परखनली में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूंदें, एक-एक ml एथनॉल (परिशुद्ध
ऐल्कोहल) एवं ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल लें।
कम से कम पाँच मिनट तक ऊष्मक में उसे गर्म करें जैसा चित्र 4.1 में दिखाया गया है।
प्रश्न 1. अब इसे उस बीकर में उड़ेल दीजिए जिसमें 20-25 ml जल हो तथा उस
मिश्रण को सूंघिए।
उत्तर-मिश्रण की गंध मीठी या फलों जैसी है।
                                     क्रियाकलाप 4.9
• अध्याय 2 के क्रियाकलाप 2.5 के अनुसार उपकरण तैयार कीजिए।
• एक परखनली में एक स्पैचुला भरकर सोडियम कार्बोनेट लीजिए तथा उसमें 2 ml तनु
इथेनोइक अम्ल मिलाएँ।
प्रश्न 1. आप क्या प्रेक्षित करते हैं?
उत्तर-सोडियम कार्बोनेट से एथेनॉइक अम्ल अभिक्रिया करके सोडियम लवण Co, और
पानी बनाता है।
प्रश्न 2 ताजे चूने के जल से इस गैस को प्रवाहित कीजिए। आप क्या देखते हैं ?
उत्तर-सनसनाहट के साथ Co, गैस उत्पन्न होती है। इसे ताजे चूने के पानी में प्रवाहित
करने पर दूधिया कर देती है।
प्रश्न 3. क्या इस परीक्षण से एथेनोइक अम्ल एवं सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया
से उत्पन्न गैस का पता चल सकता है?
उत्तर-C2H5OH और NaHCO3 की अभिक्रिया से सनसनाहट के साथ CO2 गैस के
बुलबुले निकलते हैं जो चूने के पानी में प्रवाहित करने पर उसे दूधिया कर देते हैं।
अब सोडियम कार्बोनेट के स्थान पर सोडियम हाइड्रेजनकार्बनेट के साथ यह क्रियाकलाप दोहराइए ।
                                         पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अन्तर कर
सकते हैं?
उत्तर-ऐल्कोहल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में निम्न प्रकार से अन्तर किया जा सकता है-
(i) ऐल्कोहल और सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया कराने पर कोई गैस नहीं निकलती है।
(i) एथेनॉइक अम्ल को सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया कराने पर सनसनाइट के साथ
CO2 गैस उत्पन्न होती है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है ।
प्रश्न-2 ऑक्सीकारक क्या हैं?
उत्तर-वे रासायनिक पदार्थ जो स्वयं अपघटित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करते हैं उन्हें
ऑक्सीकारक एजेन्ट कहते हैं।
जैसे-KMnO4, K2Cr2O7 ऑक्सीकारक एजेन्ट हैं ।
                                     क्रियाकलाप 4.10
• दो परखनलियों में 10-10 ml जल लीजिए।
• दोनों में एक-एक बूंद तेल (पका तेल) डालिए एवं उन्हें ‘A’ तथा ‘B’ का नाम दीजिए।
• परखनली ‘ब’ में साबुन के घोल की कुछ बूंदें डालिए ।
• दोनों परखनलियों को समान समय तक जोर-जोर से हिलाइए ।
प्रश्न 1. क्या हिलाना बन्द करने के बाद दोनों परखनलियों में आप तेल एवं जल की
परतों को अलग-अलग देख सकते हैं?
उत्तर-नहीं । यह स्पष्ट नहीं है।
प्रश्न 2. कुछ देर तक दोनों परखनलियों को स्थिर रखिए एवं फिर उस पर ध्यान
दीजिए । क्या तेल की परत अलग हो जाती है ? ऐसा किस परखनली में पहले होता है?
उत्तर-दोनों परखनलियों में तेल की परत अलग हो जाती हैं । लेकिन ऐसा पहले परखनली
A में होता है।
                                            क्रियाकलाप 4.11
• अलग-अलग परखनलियों में 10-10 ml आसुत जल (अथवा वर्षा जल) एवं कठोर जल
(हैंडपम या कुएँ का जल) लीजिए ।
• दोनों में साबुन के घोल की कुछ बूंदें मिलाइए ।
• दोनों परखनलियों को एक ही समय तक हिलाइए एवं उससे बनने वाले झाग पर ध्यान
दीजिए।
प्रश्न 1. किस परखनली में अधिक झाग बनता है ?
उत्तर-जिस परखनली में आसुत जल है उसमें अधिक झाग बनता है।
प्रश्न 2. किस परखनली में श्वेत दही जैसा अवक्षेप प्राप्त होता है ?
• शिक्षक के लिए निर्देश : यदि आपके पास कठोर जल उपलब्ध नहीं है तो साधारण जल
में हाइड्रोजन कार्बोनेय सल्फेट/ मैग्नीशियम या कैल्सियम के क्लोराइड का विलय कर कठोर
जल तैयार कीजिए।
उत्तर-जिस परखनली में कठोर जल है।
                                      क्रियाकलाप 4.12
• दो परखनलियाँ लीजिए और प्रत्येक में 10-10 ml कठोर जल डालिए ।
• एक में साबुन के घोल की पाँच बूंदें तथा दूसरे में डिटरजेंट के घोल की पाँच बूंदें डालिए।
• दोनों परखनलियों को एक ही समय तक हिलाएँ।
प्रश्न 1. क्या दोनों में झाग की मात्रा समान है ?
उत्तर-नहीं। जिस परखनली में अपमार्जक मिलाया गया है उसमें झाग अधिक है।
प्रश्न 2. किस परखनली में दही जैसा ठोस पदार्थ बनता है ?
उत्तर-जिस परखनली में साबुन मिलाया गया ।
                                      पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर
या नहीं?
उत्तर-नहीं, क्योंकि अपमार्जक (डिटरजेंट) कठोर और मृदु दोनों प्रकार के जल के साथ
अधिक मात्रा में झाग उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 2 लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं । सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग
कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े
रगड़े जाते हैं । कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर-साबुन से कपड़े धोकर साफ करने के लिए रगड़ना या पीटना आवश्यक है क्योंकि
जल में उपस्थित मैग्नीशियम और कैल्सियम के लवणों के साथ साबुन क्रिया करके अघुलनशील
श्वेत दही जैसा पदार्थ बनता है । यह पदार्थ कपड़ों पर चिपक जाता है। उसे हटाने के लिए ब्रश
या हाथ से रगड़कर कपड़े को धोना आवश्यक है।
                                                    अभ्यास
प्रश्न 1. एथेन का आणविक सूत्र-C2H6 है । इसमें :
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं                उत्तर-(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं।
प्रश्न 2. ब्यूटेनॉन, चतुकार्बन यौगिक हैं जिसका प्रकार्यात्मक समूह :
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहल                          उत्तर-(c) कीटोन
प्रश्न 3. खाना बनाते समय, यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही हो तो इसका
मतलब है कि
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(b) इंधन पूरी तरह से जल नहीं रहा है
(c) इंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
                         उत्तर-(b) इंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
प्रश्न 4. CH2CI में आबंध संरचना का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति
समझाइए।
उपर्युक्त संरचना में तीन हाइड्रोजन परमाणु कार्बन से सहसंयोजक आबंध द्वारा जुड़े हैं।
कार्बन और क्लोरीन के बीच भी सहसंयोजक आबंध है परन्तु क्लोरीन कार्बन की अपेक्षा अधिक इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक है इसलिए यह एक ध्रुवीय सहसंयोजक आबंध बनाती है ।
प्रश्न 5. इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए ।
प्रश्न 6. समजातीय श्रेणी क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर-कार्बनिक यौगिकों का वह समूह जिनका सामान्य सूत्र एवं क्रियात्मक समूह एक जैसा
होता है उसे समजात श्रेणी कहते हैं तथा उसके सदस्यों को समजात गण कहते हैं ।
जैसे-
मेथनॉल       CH3 OH
एथनॉल       CH3 CH2 OH
प्रोपेनाल      CH3 CH2 CH2 OH
समजातीय श्रेणी के सदस्यों के निम्नलिखित लक्षण हैं-
(a) सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं ।
(b) सभी सदस्यों का एक ही क्रियात्मक समूह होता है ।
(c) प्रत्येक क्रमागत सदस्य के अणुसूत्र में-CH2 का अन्तर होता है ।
(d) प्रत्येक क्रमागत सदस्य के अणुभार में 14U का अन्तर होता है ।
(e) किसी एक सदस्य का गुण धर्म के आधार पर सभी सदस्यों का सामान्य गुण धर्म
ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 7. भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल
में कैसे अन्तर करेंगे?
प्रश्न 8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है?
क्या एथनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?
उत्तर-साबुन के अणु के दो मुख्य भाग होते हैं-एक जल रागी और दूसरा जल विरागी
भाग। कार्बन शृंखला वाला भाग जल विरागी होता है और आयनिक भाग जिसमें सोडियम या
पोटैशियम परमाणु होता है वह जल रागी होता है । यह जब पानी, जैसे ध्रुवीय विलायक में डाले
जाते हैं तब अपने आपेशित भाग के कारण जलरागी भाग बाहर (जल की ओर) होता है । इस
प्रकार मिसेल बनते हैं। एथनॉल एक अध्रुवीय विलायक है अतः इसमें जलरागी भाग के लिए
आकर्षण भी नहीं होता है। अत: एथनॉल में साबुन घोलने पर मिसेल नहीं बनेंगे ।
प्रश्न 9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में
क्यों किया जाता है?
उत्तर-कार्बन और इसके यौगिक दहन के परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऊष्मा देते हैं।
कार्बन और हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा अधिक होने के कारण इनका सामान्य ज्वलन ताप होता है। इनका रख-रखाव आसान होता है तथा दहन नियन्त्रित किया जा सकता है। इसलिए कार्बन और उसके यौगिकों का उपयोग ईंधन के रूप में होता है।
प्रश्न 10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर-कठोर जल में कैल्सियम और मैग्नीशियम के घुलनशील लवण होते हैं । जब साबुन
से ये लवण क्रिया करते हैं तब अघुलनशील लवण बनाते हैं जिसे स्कम या झाग कहते हैं।
प्रश्न 11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन जाँच करें तो आपका
प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर-साबुन की प्रकृति क्षारीय होती है। अत: यह लाल लिटमस को नीला कर देता है।
प्रश्न 12 हाइड्रोजनीकरण क्या है ? इसका औद्योगिक उपयोग क्या है ?
उत्तर-असंतृप्त हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में हाइड्रोजन के योग को हाइड्रोजनीकरण कहते हैं। यह
क्रिया उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराई जाती है।
हाइड्रोजनीकरण का उपयोग असंतृप्त वसा (तेल) को संतृप्त वसा (वनस्पति घी) बनाने
वाले उद्योगों में होता है।
 प्रश्न 13. दिए गए हाइड्रोकार्बन : C2H6,C3H8,C3H6,C2H2 एवं CH4 में किसमें
संकलन अभिक्रिया होती है ?
उत्तर-C2H2 और C3H6 में योग अभिक्रिया होगी क्योंकि उपर्युक्त दोनों यौगिक असंतृप्त
हाइड्रोकार्बन है। इनमें द्वि व त्रिबंध उपस्थित हैं।
प्रश्न 14. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अन्तर समझने के
लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर-मक्खन संतृप्त हाइड्रोकार्बन है जबकि खाद्य तेल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है । इस अन्तर
को निम्न प्रकार से प्रदर्शित किया जा सकता है :
(i) थोड़े से मक्खन को गर्म करके उसमें कुछ बूंदें ब्रोमीन जल डालते हैं । ब्रोमीन जल का
रंग नहीं उड़ता । इससे यह पता चलता है कि मक्खन संतृप्त कार्बनिक यौगिक है ।
(ii) खाद्य तेल में कुछ बूंँदें ब्रोमीन जल को डालकर हिलाते हैं। कुछ समय बाद ब्रोमीन जल
का रंग उड़ जाता है। इससे यह पता चलता है कि खाद्य तेल असंतृप्त कार्बनिक यौगिक हैं।
प्रश्न 15. साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।
उत्तर-साबुन के अणु ऐसे होते हैं जिनके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते हैं । जल में
विलेय एक सिरे को जलरागी कहते हैं तथा हाइड्रोकार्बन में विलेय दूसरे सिरे को जलविरागी कहते हैं । जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने को इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयनिक सिरा जल के अन्दर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूँछ (दूसराछोर)
जल के बाहर होती है। जल के अन्दर
इन अणुओं की एक विशेष व्यवस्था
होती है जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा
जल के बाहर बना होता है। ऐसा
अणुओं का बड़ा गुच्छा बनने के कारण
होता है जिससे जलविरागी पूँछ गुच्छे के
आंतरिक हिस्से में होती है जबकि उसका
आयनिक सिरा गुच्छे की सतह पर होता
है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं।
मिसेल के रूप में साबुन स्वच्छ करने में
सक्षम होता है क्योंकि तैलीय मैल मिसेल
के केन्द्र में एकत्र हो जाते हैं । मिसेल
विलयन में कोलॉइड के रूप में बने रहते
हैं तथा आयन-आयन विकर्षण के कारण
वे अवक्षेपित नहीं होते।
                                                                चित्र 4.2 मैल हटाने में साबुन का प्रभाव
इस प्रकार साबुन का मिसेल मैल को पानी में घुलाने में मदद करता है और हमारे कपड़े
साफ हो जाते हैं।

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