बिहार सरकार ने बनाई मगही पान की खेती के लिए योजना
बिहार सरकार ने बनाई मगही पान की खेती के लिए योजना,किसानों को 75 फीसदी की सब्सिडी
बिहार सरकार ने बनाई मगही पान की खेती के लिए योजना
Bihar government formulated plan for cultivation of Magahi Paan
बिहार में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। अब सरकार ने बिहार के मगही पान के लिए जी.आई टैग भी मिल चुका है। राज्य के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि यह राज्य के लिए गौरव की बात है। शेडनेट में खेती के लिए सरकार ने 15 जिलों का चयन किया है।
इन जिलों में नवादा, नालंदा, गया और मधुबनी समेत 13 दूसरे जिले शामिल हैं। जिनमें वैशाली, खगड़िया, दरभंगा, भागलपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, शेखपुरा, बेगूसराय, सारण, सिवान और मुंगेर भी शामिल हैं।
सरकार किसानों को एक यूनिट ( 500 प्रति वर्गमीटर ) के लिए लागत के सवा चार लाख रुपए पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इस दौरान शेडनेट को फॉगरयुक्त और ड्रिप की सुविधा से युक्त किया जाएगा। तो वहीं बिहार कृषि विश्वविद्यालय साबौर के अंतर्गत आने वाले पान अनुसंधान केंद्र, इस्लामपुर के पान ऑयल डिस्टीलेशन इकाई भी शामिल है।
योजना के अंतर्गत सरकार दो वित्तीय वर्षों में 339.66 लाख रुपए व्यय करेगी। 2020-21 में पान की खेती को शेडनेट के तहत वैज्ञानिक तरीके से कराने पर जोर दिया जाएगा।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि उत्तर बिहार में पान की बंगाल किस्म जबकि दक्षिण बिहार में मगही पान किस्म की खेती की जाती है। इस बीच मगही पान विदेशों में निर्यात भी किया जाता है। हालांकि गर्म और ठंड़ी जलवायु होने के कारण इसे ओपन फील्ड में नहीं उगाया जा सकता है। इसलिए शेडनेट में इसकी खेती या फिर बरेजा बनाकर इसकी खेती की जाती है। इस कृत्रिम मंडप को बरेजा या फिर बरेठ कहते हैं। यह प्राकृतिक आपदा से बहुत जल्द ही नष्ट हो जाता है, इसके अलावा वातावरण उपज के लिए अनुकूल नहीं होता है जिससे कीट आदि भी जल्दी लगते हैं। जिसके चलते सरकार इसके लिए शेडनेट योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है।
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि पान की खेती करने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह काफी सहायक होगी।