Biography

jhulan goswami biography in hindi – झूलन गोस्वामी का जीवन

jhulan goswami biography in hindi – झूलन गोस्वामी का जीवन परिचय

jhulan goswami biography in hindi

झूलन गोस्वामी का जन्म 25 नवंबर 1983 में पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में हुआ. झूलन गोस्वामी की हाइट 5 फुट 11 इंच है जो खुद में दर्शाती है कि यह किसी पुरुष खिलाड़ी से कम नहीं है.उनकी मां का नाम झरना तथा पिता का नाम निशित गोस्वामी है । उनके पिता इंडियन एयरलाइंस में कार्यरत हैं । झूलन को बाबुल नाम से भी पुकारा जाता है ।पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के छोटे से कस्बे चकदा में पली-बढ़ीं झूलन को बचपन में क्रिकेट का बुखार कुछ यूं चढ़ा कि बस वह जुनून बन गया। एयर इंडिया में नौकरी करने वाले पिता को क्रिकेट में खास दिलचस्पी नहीं थी। हालांकि उन्होंने बेटी को कभी खेलने से नहीं रोका। मगर मां को उनका गली में लड़कों के संग गेंदबाजी करना बिल्कुल पसंद न था।

बचपन में झूलन पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं । जब उनके साथ खेलती थीं तो वे उन्हें गेंदबाजी नहीं करने देते थे क्योंकि वह बहुत धीमी गति से गेंद फेंका करती थीं और बच्चे उनकी गेंद पर चौक्के-छक्के लगाते । लड़के झूलन की गेंदबाजी का मजाक बनाया करते थे । इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली । उन्होंने अपनी गेंदबाजी की ओर ध्यान देना आरम्भ किया । इसके बाद एम.आर.एफ. एकेडमी से ट्रेंनिग लेकर झूलन ने कुछ टिप्स प्रसिद्ध खिलाड़ी डेनिस लिली से भी लीं । इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और वह 120 कि.मी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने लगीं जितनी गति प्राय: पुरुषों की टीम में होती है ।

आज उनकी गेंदबाजी एकदम सटीक रहती है । उनके रनअप में गजब लयबद्धता है । झूलन अपने कोच की प्रशंसा करना नहीं भूलतीं । ‘महिला क्रिकेटर ऑफ द इयर’ चुने जाने पर झूलन का अपने कोच स्वपन साधु, के बारे में कहना था- ”मेरे माता-पिता मेरे बारे में चिंता करते रहते थे लेकिन मेरे कोच स्वपन साधु ने उन्हें समझाया कि अब महिलाएं भी क्रिक्रेट खेलती हैं और पास में ही कोलकाता में महिला क्रिकेट खेली जाती है । मैं तब 13 वर्ष की थी जब मेरे माता-पिता ने कोलकाता जाकर क्रिकेट खेलने की अनुमति दे दी । आज मैं जहां भी हूं अपने कोच के ही कारण हूँ ।

”झूलन अपने क्रिकेट खेल के कारण चार बार बारहवीं की परीक्षा नहीं दे सकीं । वह चाहती हैं कि वह अगले वर्ष इस परीक्षा को अवश्य पास करें । एक बार 14 वर्ष की उम्र में झूलन दिसम्बर के सर्दी-भरे दिनों में न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया के बीच ईडन गार्डेन (भारत) में होने वाले वर्ल्ड कप फाइनल को देख रही थीं । वे उस खेल को देखकर इतनी रोमांचित हो उठीं कि उन्होंने निश्चय किया कि वे एक दिन भारतीय टीम में अवश्य खेलेंगी । जब सितम्बर 2007 में उन्हें विश्व की सबसे तेज महिला गेंदबाजू होने के नाते ‘महिला क्रिकेटर ऑफ द इयर’ का पुरस्कार भारतीय क्रिकेट (पुरुष) कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के हाथों मिला तो उन्हें लगा कि उनका स्वप्न पूरा हो गया है और वह भी एक बार नहीं, दो बार ।यहां तक पहुंचने के लिए झूलन ने कड़ी मेहनत की है । वह सुबह 4.30 बजे उठकर नदिया से दक्षिण कोलकाता के विवेकानंद पार्क तक लोकल ट्रेन से जाया करती थीं, जहां उनके कोच स्वप्न साधु उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे ।

झूलन बताती हैं- मुङो जमे हुए बल्लेबाज को आउट करने में बड़ा मजा आता था। सच कहूं, तो लंबे कद के कारण गेंद को उछाल देने में काफी आसानी होती है। इसलिए मेरी राह आसान हो गई।कड़ी मेहनत रंग लाई। लोकल टीमों के साथ कुछ मैच खेलने के बाद बंगाल की महिला क्रिकेट टीम में उनका चयन हो गया। बेटी मशहूर हो रही थी, पर मां के लिए अब भी वह छोटी बच्ची थीं। जब तक वह घर लौटकर नहीं आ जातीं, मां को चैन नहीं पड़ता था।
 एक दिन वह मैच खेलकर देर से घर पहुंचीं, तो हंगामा हो गया। झूलन बताती हैं- मैं देर से पहुंची, तो मां बहुत नाराज हुईं। उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। मुङो कई घंटे घर के बाहर खड़े रहना पड़ा। तब से मैंने तय किया कि मैं कभी मां को बिना बताए घर देर से नहीं लौटूंगी। उन्हें मेरी फिक्र थी, इसलिए उनका गुस्सा जायज था।
झूलन ने 18 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट मैच लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ खेला। इसके बाद अगले साल चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ पहला वन-डे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला। सबसे बड़ी कामयाबी मिली 2006 में, जब उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के बल पर इंडियन टीम ने एक टेस्ट मैच में इंग्लैंड को हराकर बड़ी जीत हासिल की।
 इस मैच में उन्होंने 78 रन देकर 10 विकेट हासिल किए। इसके बाद तेज गेंदबाजी की वजह से लोग उन्हें ‘नदिया एक्सप्रेस’ कहने लगे।
2007 में उन्हें आईसीसी की तरफ से महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया। वर्ष 2010 में अजरुन अवॉर्ड और 2012 में पद्मश्री से सम्मानित की गईं। उनकी गेंदबाजी की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसलिए उन्हें दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाज होने का रुतबा हासिल है। हाल में उन्होंने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। अब वह दुनिया की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली महिला क्रिकेटर बन गई हैं।

Full name Jhulan Nishit Goswami

Born November 25, 1982, Nadia, Bengal

Current age 37 years 158 days

Major teams Asia Women XI, Bengal Women, East Zone Women, India Green Women, India Women, Trailblazers

Also known as Babul

Playing role Bowler

Batting style Right-hand bat

Bowling style Right-arm medium

Jhulan Nishit Goswami
Batting and fielding averages
Mat Inns NO Runs HS Ave 100 50
Tests 10 13 2 283 69 25.72 0 2
ODIs 182 105 29 1076 57 14.15 0 1
T20Is 68 46 9 405 37* 10.94 0 0
Bowling averages
Mat Inns Balls Runs Wkts BBI BBM 4w 5w 10
Tests 10 18 1972 665 40 5/25 10/78 2 3 1
ODIs 182 181 8835 4835 225 6/31 6/31 6 2 0
T20Is 68 67 1351 1229 56 5/11 5/11 0 1 0

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