Devendra Jhajharia Biography In Hindi – देवेंद्र झाझरिया जीवनी
Devendra Jhajharia Biography In Hindi – देवेंद्र झाझरिया जीवनी
Devendra Jhajharia Biography In Hindi
आज बात करने जा रहे है ओलम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया की | पैरालिंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया ब्राजील के रियो पैरालंपिक खेल में स्वर्ण पदक जितने के साथ ही इन्होने अब तक 2 पैरालंपिक गोल्ड जीते है. देवेन्द्र ने 14 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी गोल्ड जीता था. ये रेलवे में कर्मचारी भी रह चुके है अब स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ काम करते हैं.अपने जीवन पर रोशनी डालते हुए देवेन्द्र ने कहा था हाथ कटा लेकिन इसके बाद भी उनके अंदर जीने का जज्बा बना रहा, उनके मनोबल ने उनके घरवालों को हिम्मत दी और देवेंद्र ने भाला फेक को अपना करियर चुना और कड़ी मेहनत व लग्न के साथ अपने लक्ष्य पर डटे रहे जिसका परिणाम आज आपके सामने है. दरअसल 11000 वोट के बिजली के करंट के कारण पूरा हाथ झुलस गया जिसकी वजह से उसे काटना पड़ा था.
देवेन्द्र का जन्म 10 जून 1981 में राजस्थान के एक गाँव झाझारियन की धानी, रतनपुरा पंचायत, राजगढ़ तहसील, जिला चुरू में जाट परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम राम सिंह झाझड़िया, एवं माता का नाम जीवनी देवी है. वे एक सामान्य बच्चे की तरह पैदा हुए थे, जो अपने बचपन को पूरी तरह जी रहे थे. देवेन्द्र के माँ बाप को उनसे बहुत उम्मीद थी, वे चाहते थे कि वो पढ़ लिख बड़ा आदमी बन जाये और उनके घर की आर्थिक स्थिती में सुधार ले आये. लेकिन 8 साल की उम्र में देवेन्द्र के जीवन में एक ऐसा बड़ा हादसा हुआ, जिसने देवेन्द्र के साथ साथ उनके परिवार की भी जिंदगी बदल दी. 8 साल की उम्र में देवेन्द्र अपने गाँव में ही एक पेड़ पर फल तोड़ने चढ़ रहे थे, इसी दौरान उन्होंने पेड़ में मौजूद चालू बिजली का तार छु लिया. देवेन्द्र को चिकित्सीय उपचार तो मिला लेकिन डॉक्टरों ने उनके परिवार को देवेन्द्र का बायां हाथ काटने की सलाह दी. इस तरह छोटी सी उम्र में देवेन्द्र को इस हादसे ने अपाहिज बना दिया.देवेन्द्र बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक रेलवे कर्मचारी है. इसके साथ ही वे ‘भारतीय खेल प्राधिकरण’ में भी कार्यरत है. इसके साथ ही देवेन्द्र राजस्थान की पैरालिम्पिक कमिटी के सदस्य भी है. इनकी पत्नी का नाम मंजू है, जो राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी है. देवेन्द्र की एक 6 साल की बेटी जिया और 2 साल का बेटा काव्यान है.
क्रमांक | जीवन परिचय बिंदु | देवेन्द्र झाझड़िया जीवन परिचय |
1. | पूरा नाम | देवेन्द्र झाझड़िया |
2. | जन्म | 10 जून, 1981 |
3. | जन्म स्थान | चुरू जिला, राजस्थान |
4. | माता-पिता का नाम | जीवनी देवी – राम सिंह झाझड़िया |
5. | कोच | आर डी सिंह |
6. | खेल | एथलीट |
7. | पत्नी | मंजू |
8. | बच्चे |
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9. | अवार्ड |
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Devendra Jhajharia Biography career Family & personal life
इनका विवाह नेशनल कब्बडी टीम की प्लेयर मंजू के साथ हुआ है. इनके दो बच्चे भी है. javelin throw में करियर बनाने वाले Devendra Jhajharia को बचपन में भाला तक नसीब नही था, जो बस बांस के लट को ही भाला बनाकर अभ्यास किया करते थे. मगर ऐसे हालातों के बिच इन्होने अपने जूनून को जिन्दा रखा तथा स्कूल प्रतियोगताओं से ही इन्होने मेडल जितने आरम्भ कर दिए थे. जो आज तक जारी है.
Devendra Jhajharia ने अपनी आरम्भिक पढाई गाँव के स्कुल में ही की, पढ़ने तथा खेलने में रूचि रखने वाले देवेन्द्र ने अपने कोच के आर्थिक सहयोग से अजमेर युनिवर्सिटी से आगे की पढाई पूरी की तथा नेहरु कोलेज में आगे की पढाई के लिए दाखिला लिया. देवेन्द्र ने पहली दफा 1995 में आयोजित नेशनल पैरा-एथलेटिक्स खेलों में भाग लिया और उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अपना पहला मैडल भी जीता.
पढ़ने के साथ साथ इन्हें भाला फेक में बेहद रूचि थी, धन के अभाव में ये खेल के उपकरण नही खरीद पाए तो लकड़ी के भाले से ही अभ्यास किया करते थे. आर्थिक संकट के हालात से बचपन गुजारने वाले देवेन्द्र ने अपने स्कूली समय में ही कई जिलास्तरीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीते थे.
देवेन्द्र को मिले मुख्य पुरुस्कार (Devendra Jhajharia indian athlete awards) –
- सन 2004 में खेल के बड़े पुरुस्कार ‘अर्जुन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया.
- सन 2012 में देवेन्द्र को देश के चौथे बड़े सम्मान ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया. यह पहला मौका था जब किसी पैरालिम्पिक खिलाड़ी को ये सम्मान दिया गया था.
- सन 2014 में FICCI पैरा-खिलाड़ी स्पोर्ट्समैन ऑफ़ दी इयर का ख़िताब देवेन्द्र को दिया गया.
- सन 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा देवेन्द्र झाझडिया को ‘महराना प्रताप पुरुस्कार’ से सम्मानित किया गया था. खेल के लिए राजस्थान में ये सबसे बड़ा अवार्ड है. इस अवार्ड के साथ 10 हजार की नगद राशी भी दी गई थी.
- देवेन्द्र के पास 4 पैरालिम्पिक मैडल है, जिसमें 2 गोल्ड, 1 सिल्वर एवं 1 ब्रोंज मैडल है.
खेल रत्न पुरस्कार
चुरू राजस्थान से सम्बन्ध रखने वाले Devendra Jhajharia जेल्विन थ्रो Javillen Throw World Ranking में अब तीसरी पायदान पर काबिज है. इस खेल के प्रति उनकी लग्न तथा उपलब्धियों के कारण इन्हें हाल ही में सरदार सिंह के साथ अर्जुन खेल रत्न सम्मान से राष्ट्रपति द्वारा नवाजा गया है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जेवलिन थ्रो भारत को दो गोल्ड मेडल जिताने वाले ये एकमात्र खिलाड़ी है, जो हर प्रतियोगिता में अपनी पूरी ताकत के साथ खेलते हुए नये आयाम स्थापित करते हुए, देश दुनिया में भारत और राजस्थान की शान बढ़ा रहे है. राजस्थान के सपूत के देश को इसी तरह आगे बढ़ते रहने की उम्मीद व भरोसा है.