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bseb 9th class hindi notes | रूको बच्चो

रूको बच्चो

bseb 9th class hindi notes

वर्ग – 9

विषय – हिंदी

पाठ 9 – रूको बच्चो

रूको बच्चो
                                  -राजेश जोशी
                 कवि – परिचय

राजेश जोशी का जन्म सन् 1946 ई . में मध्यप्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ । उन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद पत्रकारिता शुरू की और कुछ सालों तक अध्यापन कार्य किया । राजेश जोशी ने कविताओं के अलावा कहानियां , नाटक , लेख और टिप्पणियाँ भी लिखीं । साथ ही उन्होंने कुछ नाट्य रूपांतर भी किए हैं । कुछ लघु फिल्मों के लिए पटकथा लेखन का कार्य भी किया । उन्होंने भर्तृहरि की कविताओं की अनुरचना ‘ भूमि का कल्पतरु यह भी ‘ एवं मायकोवस्की की कविता का अनुवाद ‘ पतलून पहिना बादल ‘ नाम से किया है । कई भारतीय भाषाओं के साथ – साथ अंग्रेजी , रूसी और जर्मन में भी राजेश जोशी की कविताओं के अनुवाद भी प्रकाशित हुए हैं ।
राजेश जोशी के प्रमुख काव्य संग्रह हैं – एक दिन बोलेंगे पेड़ , मिट्टी का चेहरा , नेपथ्य में हँसी और दो पंक्तियों के बीच ।
राजेश जोशी की कविताएँ गहरे सामाजिक अभिप्रायवाली होती हैं , वे जीवन के संकट में भी गहरी आस्था को उभारती हैं । उनकी कविताओं में स्थानीय बोली – बानी , मिजाज और मौसम सभी कुछ व्याप्त हैं । उनके काव्य लोक में आत्मीयता और लयात्मकता है तथा मनुष्य को बचाए रखने का एक निरंतर संघर्ष भी । दुनिया के नष्ट होने का खतरा राजेश जोशी को जितना प्रबल दिखाई देता है , उतना हो वे जीवन की संभावनाओं की खोज के लिए बेचैन दिखाई देते हैं ।

कविता का भावार्थ

‘ रुको बच्चो ‘ शीर्षक कविता प्रसिद्ध कवि राजेश जोशी की प्रतिनिधि रचना है । यह कविता साहित्य के सामाजिक सरोकार को व्याख्यायित करती है ।
कवि बच्चों से सड़क पार करने से पहले रूकने के लिए कहता है क्योंकि इस देश का शासक वर्ग जल्दी में है । किसी को कुचल देना उनके लिए कोई माएने नहीं रखता । तेजी से जाती अफसरों की गाड़ियों को गुजर जाने दो । वह जो तेजी से जाती हुई सफेद कार में बैठा अफसर गया । उसे कार्यालय पहुँचने की कोई जल्दी नहीं है । वह दोपहर या कभी – कभी इसके बाद अपने कार्यालय में पहुँचता है । काम करने में उसे और जल्दी नहीं रहती है । उसके टेबल पर रखी फाइल को देखने में उसे दिन , महीने और कभी – कभी वर्षों लग जाते हैं ।
कवि न्यायाधीश महोदय की कार को जाते हुए देखकर बच्चों को सड़क पार करने से रोकता है । वह कहता है कि न्यायाधीश से कोई नहीं पूछ सकता है कि तुम इतनी तेज कार से क्यों जा रहे हो । अनगिनत मुकदमें तुम्हारी अदालत में कई – कई सालों से लबित हैं । कहने को तो कहा जाता है कि देर से मिला न्याय नहीं है । परंतु ऐसी बात नारेबाजी या सेमिनारों में भाषण देने के लिए होते हैं । कई बार मुकदमें में दौड़ते – दौड़ते व्यक्ति मर जाता है और अदालत का फैसला नहीं हो पाता है ।
कवि फिर बच्चे को सड़क पार करने से रोकता है । इस बार वह पुलिस अफसर को देख कर ऐसा कहता है । वह कहता है कि पुलिस अफसर पैदल चले या कार से चले वह तेज चल कर लोगों के दिमाग में दहशत पैदा करता है । यह उसे प्रशिक्षण का हिस्सा है ।
कवि व्यग्य करते हुए कहता है कि जहाँ कोई वारदात होती है वहाँ सबसे बाद में पुलिस पहुँचती है ।
साइरन का बजना सुन कर कवि बच्चे से रूकने के लिए कहता है । वह कहता है कि किसी मंत्री की कार बहुत तेजी से आ रही होगी । उसे कहीं पहुँचने की जल्दी नहीं रहती । कवि उसकी हंसी उड़ीते हुए कहता है कि उसकी तोंद बहुत बड़ी है । इसके कारण उसे कुर्सी से उठने में कई मिनट लग जाते हैं । उसकी गाड़ी तो डर के मारे इतनी तेज दौड़ती है । इनकी सुरक्षा को अंधे रफ्तार की जरूरत है ।
अंत में कवि बच्चे को रुकने के लिए कहते हुए बताता है कि इन सबों को कहीं नहीं जाना है । इसीलिए इन्हें जल्दी जाना है ।
इस कविता में कवि ने शासन व्यवस्था के तीनों सांभों कार्यपालिका , न्यायपालिका और विधायिका पर प्रहार किया है । यहाँ के शासन व्यवस्था में बैठे लोगों की जल्दी कर्तव्य पालन के लिए नहीं है । बल्कि वे सबकुछ रौंद कर आगे निकलने के लिए है । यहाँ बच्चे भविष्य प्रतीक है । अपने भविष्य को अंधी रफ्तार से दबने – कुचलने से बचाने की जरूरत है ।

पाठ के साथ

प्रश्न 1. कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन – मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे व्यक्त कीजिए ।

उत्तर – इन दो पंक्तियों ‘ रुको बच्चो , रुको । सड़क पार करने से पहले रूको ‘ को पढ़ने तथा विचार करने पर हम पाते हैं कि सड़क पर तेज रफ्तार से गाड़ियाँ चलती हैं । वे यह नहीं सोचती है कि हमारे अलावा किसी दूसरे के लिए भी यह सड़क है । वह हिदायत देती है कि सड़क पार करने से पहले रूको और तेज रफ्तार से जाती इन गाड़ियों को गुजर जाने दो , नहीं तो कोई हादसा हो सकती है । इन गाड़ियों पर चलनेवालों के लिए दूसरे की जिन्दगी का कोई मतलब नहीं होता ।

प्रश्न 2. ‘ उस अफसर को कहीं पहुंचने की कोई जल्दी नहीं है वो बारह या कभी तो इसके भी बाद पहुँचता है अपने विभाग में ‘ कवि यह कहकर किन खामियों को बताना चाहता है ?

उत्तर– कवि यह कहकर व्यवस्था की या व्यक्ति की जो अपने कर्म के प्रति लापरवाह हैं , अकर्मण्य हैं , उनकी खामियों को बताना चाहता है । वह विभाग भी अपन समय पर नहीं पहुंचता है फिर भी वह तेजी में रहता है । इसका कारण है वह विभाग के काम – काज से ज्यादा इधर – उधर के काम – काज पर ध्यान देता है । इसीलिए वह इधर – उधर के काम काज निबटाकर बारह या कभी – कभी उसके बाद अपने विभाग में पहुँचता है ।

प्रश्न 3. न्याय – व्यवस्था पर कवि के द्वारा की गई टिप्पणी पर आपकी प्रतिक्रिया क्या है ? लिखें ।

उत्तर – न्याय – व्यवस्था पर कवि ने पूर्णतः सत्य एवं यथोचित टिप्पणी की है । इस न्याय व्यवस्था में सबसे पहले गरीबों , धनहीनों का कोई स्थान नहीं है । कवि अपनी पहली ही पोक्त में यह सुझाव देता है कि सड़क पार करने से पहले रूको नहीं तो इन अफसरों की गाड़ियों से कुचल दिये जाओगे । इस न्याय व्यवस्था में अफसर तानाशाह हैं । वे आदमी को आदमी की तरह नहीं समझते हैं । न्यायाधीश की कार निकलती है तो पूरे तमगे के साथ । सभी व्यक्तियों के लिए सड़क पर गाड़ी के लिए कितना तेज चलना है निर्धारित है परन्तु उन्हें कौन पूछ सकता है कि तुम इतनी तेज कार में क्यों चलाते हो । हमारे अदालत में न जाने कई – कई वर्षों से कितने मुकदमें लम्बित हैं । न्याय में जल्दी के बदले न्याय होने में वर्षों लग जाते हैं । चक्कर लगाते – लगाते अदालत तो वही रहता है पर आदमी बूढ़े या मर जाते हैं । पुलिस घटना घटने के पहले नहीं बाद में आती है । यह है न्याय व्यवस्था ।

प्रश्न 4. तेज चाल से चलना किसके प्रशिक्षण का हिस्सा है और क्यों ?

उत्तर – तेज चाल से चलना पुलिस अफसर के प्रशिक्षण का हिस्सा है । क्योंकि पुलिस को अपराधियों को पकड़ना होता है ।

प्रश्न 5. मंत्री की कार के आगे – आगे सायरन क्यों बजाया जाता है ?

उत्तर – मंत्री की कार के आगे – आगे सायरन इसलिए बजाया जाता है कि लोग उसके रास्ते से हट जाएँ । साथ ही सायरन विशिष्टता का भी बोधक है क्योंकि सायरन किसी विशिष्ट व्यक्ति की गाड़ी में ही लगाया जा सकता है । दूसरी बात है कि सुरक्षा को लेकर भी यह किया जाता है ।

प्रश्न 6. व्याख्या करें :

( क ) सुरक्षा को अंधी रफ्तार की दरकार है ।

उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियाँ राजेश जोशी की कविता रुको बच्चों से उद्धृत हैं । इन पंक्तियों के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि हमारी व्यवस्था में अफसरों , न्यायाधीशों , पुलिस अफसरों , नेताओं , मंत्री की सुरक्षा के लिए गाड़ी की रफ्तार जरूरी है । इन्हें कहीं जाने में कोई जल्दी नहीं रहती है , फिर भी लोगों के बीच भय बनाने के लिए , अपनी शान – शौकत दिखलाने के लिए ऐसा करते हैं।

( ख ) कई बार तो पेशी – दर – पेशी , चक्कर – पर – चक्कर काटते ऊपर की अदालत तक पहुँच जाता है आदमी ।

उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियाँ राजेश जोशी की कविता रूको बच्चों से ली गयी हैं । इन पक्तियों के माध्यम से कवि भारतीय न्याय व्यवस्था की पोल खोलता है । वह कहता है कि कैसी है हमारी न्याय व्यवस्था जिसमें न जाने कितने मुकदमें लंबित हैं । एक फाइल को दूसरे टेबल तक खिसकने में वर्षों लग जाते हैं । न्याय में देरी न्याय की अवहेलना है । यह आप ही लोगों के द्वारा सेमिनारों में खूब बोले पर अमल नहीं होता है । एक बार नहीं कई बार तो व्यक्ति पेशी – दर – पेशी अदालत का चक्कर काटते – काटते मृत्यु को प्राप्त हो जाता है पर न्याय नहीं मिलता ।

प्रश्न 7. ‘ नारा लगाने या सेमिनारों में बोलने के लिए होते हैं ऐसे वाक्य ‘ – कौन से वाक्य ? उदाहरण देकर बतलाइए ।

उत्तर – न्याय में देरी न्याय को अवहेलना है । कोई भी अफसर , नेता , मंत्री , न्यायाधीश जब सेमिनारों में जाते हैं यदि उन्हें न्याय व्यवस्था नामक विषय पर बोलने का मौका दिया जाता है तो वे इस वाक्य का प्रयोग खूब करते हैं कि न्याय में देरी न्याय की अवहेलना है परन्तु यदि उन्हें इस पर विचार करना हो तो वे इस पर विचार नहीं करते । मंत्री लोग नारा लगाते हैं कि न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए । परन्तु वे ही पैरवी लगाकर अफसरों को गलत कार्य करने को बाध्य करते हैं ।

प्रश्न 8. घटनास्थल पर बाद में कौन पहुंचता है और क्यों ?

उत्तर – घटना स्थल पर बाद में पुलिस अफसर पहुँचते हैं । पुलिस अफसर को प्रशिक्षण तो तेज चलने के लिए दी जाती है लेकिन वह किसी भी घटना से डरती है इसीलिए वह घटनास्थल पर देर से पहुँचती है । वह अपने दायित्वबोध से पीछे हो जाता है । यह तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं निकम्मेपन को दर्शाता है ।

प्रश्न 9. तेज रफ्तार से आनेवालों पर कवि की क्या टिप्पणी है ?

उत्तर – तेज रफ्तार सड़क पर चलने वालों को भय उत्पन्न करता है । यहाँ शासक वर्ग जल्दी में है लेकिन उसकी जल्दी दायित्व निर्वाह के लिए नहीं है । वह तो सब कुछ रौंदकर आगे निकलने की जल्दी में है । ऐसे में कवि बच्चों को रूकने के लिए कहता है क्योंकि बच्चा जो हमारा भविष्य है वह कहीं इनकी अंधी रफ्तार में दव – कुचल न जाए ।

प्रश्न 10. कविता में बच्चों को किस बात की सीख दी गई है और क्यों ?

उत्तर – कविता में बच्चों को इस बात की सीख दी गयी है कि यहाँ का शासक वर्ग जल्दी में है , लेकिन उसको जल्दी दायित्व निर्वाह के लिए नहीं है । वह तो सब कुछ रौंदकर आगे निकलने की जल्दी में है । ऐसे में बच्चों ! सड़क पार करने से रूको । तुम हमारा भविष्य हो , देश के भविष्य हो , कहीं तुम इनको अंधी रफ्तार में दव – कुचल न दिये जाओ । प्रतीकार्थ यह हैकि बच्चे रूककर , संभलकर , सोच विचार कर आगे बढ़े और शासन तथा व्यवस्था की अंधी दौड़ का हिस्सा न बनें ।

भाषा की बात

प्रश्न 1. उद्गम की दृष्टि से शब्द – भेद पहचानिए ।

उत्तर – सड़क -विदेशज
न्यायाधीश – तत्सम
रफ्तार -विदेशज
खिसकता- देशज
कार- विदेशज
फाइल- विदेशज
अफसर- विदेशज
नारा -देशज
बारह- देशज
अवहेलना -तत्सम् ।

प्रश्न 2. वाक्य – प्रयोग द्वारा लिंग – निर्णय करें ।

उत्तर – न्याय- ( पु . ) राजू को न्यायालय से न्याय मिल गया है ।
अदालत- ( पु . ) अभिजीत को अदालत का चक्कर लगाना पड़ता है ।
घटना- ( स्त्री . ) अचानक यह घटना हो गई ।
गाड़ी- ( स्त्री . ) यह गाड़ी पुष्पेन्दु की है ।
भय- ( पु . ) पूरा स्नातकोत्तर छात्रावास दीपू के भय से भयभीत है ।
सुरक्षा- ( पु . ) पूजा को सुरक्षा की दरकार है ।

प्रश्न 3. कारक चिह स्पष्ट करें ।

उत्तर– ( क ) बहुत तेज गति से आ रही होगी किसी मंत्री को कार । ( से – करण कारक )
( ख ) वो पैदल चले या कार में । ( में अधिकरण कारक )
( ग ) नहीं , नहीं , उसे कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं ( की संबंध कारक )
( घ ) तेज चाल से चलना उसके प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं । ( से – करण , का – संबंध कारक )
( ङ ) कहने को कह जाता है कि न्याय में देरी न्याय की अवहेलना है । ( को – सम्प्रदान , की – सम्बन्ध , में – अधिकरण कारक )

प्रश्न 4. पदक्रम व्यवस्थित करें ।

उत्तर– ( क ) पार सड़क करने से रूको पहले । -सड़क पार करने से पहले रुको ।
( ख ) निकल न्यायाधीश उस की जाने कार को दो । -उस न्यायाधीश की कार को निकल जाने दो ।
( ग ) तेज मंत्री किसी की गति बहुत से आ रही होगी कार । -बहुत तेज गति से आ रही होगी किसी मंत्री की मार ।
( घ ) रफ्तार एक को अंधी की दरकार है सुरक्षा । -सुरक्षा को एक अंधी रफ्तार की दरकार है ।
( ङ ) नहीं है अफसर कोई नहीं जल्दी पहुँचने उस को । -उस अफसर को कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं है ।

प्रश्न 5. संबंध बताएँ ।

( क ) रफ्तार                 ( i ) टेबल
( ख ) विभाग                  ( ii ) गाड़ी
( ग ) फाइल                   ( iii ) अफसर
( घ ) मुकदमा                ( iv ) तेज
( ड़ ) गति                      ( v ) अदालत ।
उत्तर- ( क ) – ( ii ) , ( ख ) – ( ii ) , ( ग ) – ( i ) , ( घ ) – ( v ) , ( ङ ) ( iv ) ।।

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