9TH SST

bihar board 9th class economics notes – मानव एक संसाधन

मानव एक संसाधन

bihar board 9th class economics notes – मानव एक संसाधन

class – 9

subject – economics

lesson 2 – मानव एक संसाधन

मानव एक संसाधन

इकाई की मुख्य बातें-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसकी न्यूनतम आवश्यकता रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य एवं शिक्षा है। इसलिए मानव को एक संसाधन के रूप में जाना जाता है।

मानव एक संसाधन के रूप में
जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादक के सृजन में अपना योगदान देने लगते हैं तो वह एक
संसाधन के रूप में जाने जाते हैं। अर्थात् जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है तो वह राष्ट्र की संपत्ति बन जाता है। इससे राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि होती है।

भौतिक एवं मानवीय पूँजी
पूँजी के दो रूप होते हैं-भौतिक पूँजी तथा मानवीय पूँजी। उत्पादन बढ़ाने के लिए जब मशीन, औजार, उपकरण, फैक्टरी की इमारत, कच्चे माल इत्यादि का उपयोग करता है तो वह भोतिक पूँजी कहलाता है परंतु जब श्रम, कौशल के द्वारा मनुष्य का उपयोग किया जाता है तो वह मानव पूँजी कहलाता है।

मानवीय पूँजी-निर्माण अथवा मानवीय साधनों का विकास

मानव का संसाधन के रूप में विकास शिक्षा, भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण, सूचना, तकनीक प्रबंधन के द्वारा होता है जिनका विवरण निम्न हैं-
(i) भोजन-मानव को जीवित एवं स्वस्थ रहने के लिए भोजन देना आवश्यक होता है। क्योंकि इसके बिना मानव शारीरिक एवं मानसिक क्रिया नहीं कर सकता है। अत: भोजन मानव संसाधन की एक प्रमुख आवश्यकता है।
(i) वस्त्र-जब मनुष्य को भोजन की आपूर्ति हो जाती है तो शरीर को ढकने के लिए वस्त्र की जरूरत पड़ती है जिससे वह मौसम की मार से बच जाता है।
(iii) आवास-मानव की तीसरी अनिवार्य माँग सर छिपाने के लिए आवास अर्थात् घर है जिसमें मनुष्य अपने-आप को प्रत्येक मौसम में सुरक्षित रख पाता है।
(iv) स्वास्थ्य-मानव का अच्छा स्वास्थ्य ही उसकी सबसे महत्त्वपूर्ण पूँजी है और इसमें खर्च कर बढ़ोतरी करना मानव को एक महत्त्वपूर्ण संसाधन के रूप में परिवर्तित कर देता है। स्वास्थ्य पर व्यय मानव-पूँजी के निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
(v) शिक्षा-शिक्षा के द्वारा मानव मानवीय पूँजी के रूप में समृद्धि पाते हैं। इसलिए व्यक्ति अपने और देश के विकास को बढ़ाने के लिए शिक्षा पर व्यय करता है। इससे व्यक्ति की क्षमता बढ़ती है जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
(vi) प्रशिक्षण-शिक्षा के द्वारा प्राप्त श्रम को कौशलता के साथ जोड़ने के लिए विशेष श्रम की आवश्यकता होती है जो हमें प्रशिक्षण से प्राप्त होता है। इस प्रकार प्रशिक्षण के द्वारा कौशलता में वृद्धि होती है तथा उत्पादन में इजाफा होता है।
(vii) सूचना तकनीक-सूचना तकनीक मानव संसाधन को समृद्ध करने की पूँजी है। इसके आधार पर मनुष्य अपने-आप को ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि करता है तथा उसके तकनीक के द्वारा उत्पादन में वृद्धि करता है।
(viii) प्रबंधन-शिक्षा के स्तर से प्रबंधन के स्तर को ऊँचा उठाया जा सकता है। क्योंकि इसके माध्यम से ही समस्त साधनों को एक जगह अच्छे ढंग से प्रयोग करते हैं तो कुशल संगठन का परिचयात्मक बोध होता है जिससे उत्पादन दिन दुनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ता है।

जनसंख्या
जनसंख्या का अभिप्राय मनुष्य की आबादी से है। यह राष्ट्र के लिए अमूल्य पूँजी है जो वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन, वितरण और उपभोग करती है अर्थात देश के आर्थिक विकास में सहयोग करती है। इसलिए जनसंख्या को साधन और साध्य दोनों माना जाता है। भारत में
जनगणना प्रत्येक 10 वर्षों पर की जाती है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या 33 करोड़ थी जो 2001 में 102.70 करोड़ हो गई है।

बिहार : जनसंख्या और उसके विभिन्न अवयव
2001 के जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या 8, 28, 78, 796 (8.28 करोड़) जो भारत की कुल जनसंख्या का 8.07 प्रतिशत है। इस प्रकार जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरा बड़ा राज्य है।

बिहार में जनसंख्या वृद्धि दर
वर्ष 1991-2001 की अवधि में बिहार की जनसंख्या वृद्धि दर 28.43 प्रतिशत है जो भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 21.34 प्रतिशत से अधिक है। इस दशक में राज्य के 22 जिलों की जनसंख्या वृद्धि दर बिहार की औसत जनसंख्या वृद्धि दर 28.43% से अधिक रही है। इनमें सबसे प्रथम शिवहर-36.16% तथा सबसे कम नालंदा-18.64% थी।

बिहार में जनसंख्या घनत्व
जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य प्रतिवर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या से है। 2001 के जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या घनत्व 880 प्रतिवर्ग किलोमीटर है जो 1991 में 685 वर्ग किलोमीटर प्रतिवर्ग थी।

बिहार में लिंगानुपात (स्त्री-पुरुष अनुपात)
लिंगानुपात या स्त्री-पुरुष अनुपात से तात्पर्य प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या से है। 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार में लिंगानुपात 921 थी जबकि 1991 में यह 907 थी।

बिहार की साक्षरता
यदि कोई व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ-साथ उस भाषा को लिखना-पढ़ना भी जानता हो तो उसे साक्षर कहते हैं तथा इस स्थिति को साक्षरता कहते हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार में कुल साक्षरों की संख्या 31675607 है जिसमें पुरुष 200978955 है तथा महिला 10696652 है। 2001 में बिहार में साक्षरता दर 47.53% है जबकि 1991 में यह 37.49 प्रतिशत
थी। यह राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। भारत की साक्षरता दर 65.38% है।

बिहार में ग्रामीण और शहरी जनसंख्या
जिस राज्य का शहरीकरण जितना अधिक होगा वह राज्य विकास के क्षेत्र में उतना ही अग्रणी होगा। बिहार में जिन जिलों का शहरीकरण हुआ है उनमें पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, छपरा, गया, वैशाली प्रमुख हैं। वर्तमान में बिहार में ग्रामीण एवं शहरी जनसंख्या का अनुपात
89 : 11 (2001 की जनगणना के अनुसार) है। बिहार में अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि के कारणों में गर्म जलवायु, संयुक्त परिवार प्रथा, बाल-विवाह, अशिक्षा, गरीबी, परंपरागत मान्यताएँ आदि प्रमुख हैं। इन्हें नियंत्रित करने हेतु निम्न उपाय किए जा सकते हैं-तीव्र आर्थिक विकास, परिवार नियोजन, आत्मसंयम, शिक्षा का प्रचार-प्रसार, जागरूकता आदि है।

राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2005
जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 15 फरवरी, 2000 को भारत सरकार के द्वारा ‘राष्ट्रीय जनसंख्या नीति’ की घोषणा की गई। इसके तहत तीन प्रकार के उद्देश्य निर्धारित की गई है-तत्कालीन, मध्यकालीन तथा दीर्घकालीन। तत्कालीन उद्देश्य के तहत गर्भनिरोध की आपूर्ति, तत्कालीन जरूरतों को पूरा करना, मूलभूत पुनर्जन्म एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए
स्वास्थ्य संरचना, स्वास्थ्य सेवकों तथा समन्वित वितरण प्रणाली की व्यवस्था करना मुख्य उद्देश्य है। मध्यकालीन उद्देश्य के अंतर्गत कुल प्रजनन दर को 2010 तक प्रतिस्थापन स्तर पर लाना है तथा दीर्घकालीन उद्देश्य 2045 तक जनसंख्या को उस स्तर स्थिर बनाना है। दीर्घकालीन विकास की जरूरतों, सामाजिक विकास तथा पर्यावरण सुरक्षा के अनुरूप माना गया है।

प्रश्न और उत्तर
I.वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही उत्तर का संकेताक्षर (क, ख, ग, घ) लिखें।

1.मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं-
(क) भोजन और वस्त्र
(ख) मकान
(ग) शिक्षा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(घ)

2.निम्न में से कौन मानवीय पूँजी नहीं है ?
(क) स्वास्थ्य
(ख) प्रशिक्षण
(ग) अकुशलता
(घ) प्रबंधन
उत्तर-(ग)

3.प्रो. अमर्त्य सेन ने प्राथमिक शिक्षा को मानव के लिए क्या बनाने पर जोर दिया है ?
(क) मूल अधिकार
(ग) नीति-निर्देशक तत्त्व
(ख) मूल कर्त्तव्य
(घ) अनावश्यक
उत्तर-(ग)

4.जनगणना 2001 के अनुसार भारत की साक्षरता दर है-
(क) 75.9 प्रतिशत
(ख) 65.4 प्रतिशत
(ग) 54.2 प्रतिशत
(घ) 64.5 प्रतिशत
उत्तर-(ख)

5.जनगणना 2001 के अनुसार मानव की औसत आयु निम्न में से क्या है ?
(क) 65.4 वर्ष
(ख) 60.3 वर्ष
(ग) 54.2 वर्ष
(घ) 55.9 वर्ष
उत्तर-(क)
6. बिहार राज्य में किस जिले की जनसंख्या सबसे अधिक है?
(क) पटना
(ख) पूर्वी चम्पारण
(ग) मुजफ्फरपुर
(घ) मधुबनी
उत्तर-(क)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
1. मानव पूँजी निर्माण में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में
…………….होती है।
2…………..संसाधन उत्पादन का सक्रिय साधन है।
3. मानवीय साधन के विकास के लिए……….. अनिवार्य है।
4. 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या……… करोड़ है।
5. 2001 की जनगणना के अनुसार सबसे कम साक्षरता वाला राज्य है।
6.बिहार में 2001 के जनगणना के अनुसार साक्षरता दर ….. है।
उत्तर-(1) वृद्धि, (2) मानव, (3) शिक्षा, (4) 102.70, (5) बिहार, (6) 47%।

III. एक वाक्य में उत्तर दें:
प्रश्न 1. मानव संसाधन क्या है?
उत्तर-जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यता एवं कौशल प्राप्त कर लेते हैं तो उसे मानव संसाधन कहा जाता है।

प्रश्न 2. हमें मानव संसाधन में निवेश की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है वह प्रशिक्षण दक्षता एव कौशल प्राप्त करता है इसलिए मानव संसाधन में निवेश की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 3. साक्षरता व शिक्षा में क्या अंतर है ?
उत्तर-जब कोई व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ-साथ उस भाषा को लिखना-पढ़ना भी जानता हो तो उस स्थिति में व्यक्ति को साक्षर तथा उस स्थिति को साक्षरता कहते हैं। पर शिक्षा वह माध्यम जिससे व्यक्ति मानव संसाधन के रूप में समृद्धि पाता है।

प्रश्न 4. भौतिक व मानव पूँजी में दो अंतर बताएँ।
उत्तर-भौतिक पूँजी उत्पादन का एक निष्क्रिय साधन है जबकि मानवीय पूंजी सक्रिय साधन है। भौतिक पूँजी मूर्त होती है जबकि मानवीय पूँजी अमूर्त होती है।

प्रश्न 5. विश्व जनसंख्या की दृष्टि से भारत का क्या स्थान है ?
उत्तर-विश्व जनसंख्या की दृष्टि से भारत का द्वितीय स्थान है।

प्रश्न 6. जन्म दर क्या है ?
उत्तर-जन्म दर से तात्पर्य प्रति एक हजार जनसंख्या पर जन्म लेनेवाले व्यक्तियों की संख्या है।

प्रश्न 7. मृत्यु दर क्या है ?
उत्तर-मृत्यु दर से तात्पर्य प्रति एक हजार जनसंख्या में मृतकों की संख्या है।

प्रश्न 8. एक साक्षर व्यक्ति कौन है ?
उत्तर-जो व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ-साथ उस भाषा को लिखना-पढ़ना भी जानता हो, साक्षर व्यक्ति कहलाता है।

प्रश्न 9. प्रारम्भिक (प्राथमिक) शिक्षा क्या है ?
उत्तर-0-6 वर्ष तक के बच्चों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा प्राथमिक शिक्षा है।

प्रश्न 10. पेशेवर शिक्षा क्या है ?
उत्तर-वैसी शिक्षा जिससे हम किसी व्यवसाय या पेशा से लाभ कमाने के उद्देश्य से प्राप्त करते हैं तो इसे पेशेवर शिक्षा कहते हैं।

IV. संक्षिप्त रूप को पूरा रूप दें:
1. GDP
उत्तर-Gross Domestic Protection (सकल घरेलू उत्पाद)

2. UGC
उत्तर-University Grants Commission (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)

3. NCERT
उत्तर-National Council of Educational Research Training (राष्ट्रीय शैखिक अनुसंधान
और प्रशिक्षण परिषद)

4. SCERT
उत्तर-State Council of Educational Research and Training (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद)

5. ICMR
उत्तर-Indian Council of Medical Research (भारतीय अभयुर्ति ज्ञान अनुसंधान परिषद)।

V. लघु उत्तरीय प्रश्न (उत्तर 20 शब्दों में दें)
प्रश्न 1. मानव तथा मानव संसाधन को परिभाषित करें।
उत्तर-मानव एक सजीव प्राणी है जिसकी न्यूनतम आवश्यकता रोटी, कपड़ा, मकान स्वास्थ्य एवं शिक्षा है। पर जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यताएँ एवं कौशल प्राप्त कर लेता है तो उसे मानव संसाधन कहा जाता

प्रश्न 2. मानव संसाधन उत्पादन को कैसे बढ़ाता है ?
उत्तर-चूँकि मानव संसाधन प्रशिक्षित, कुशल तथा विशेषज्ञ होते हैं इसलिए ये उत्पादन की उत्पादकता को बढ़ाने देते हैं।

प्रश्न 3. किसी देश में मानव पूँजी के दो प्रमुख स्रोत क्या है ?
उत्तर-किसी देश में मानव पूंजी के दो प्रमुख स्रोत भोजन तथा स्वास्थ्य हैं।

प्रश्न 4. किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाना क्यों जरूरी है ?
उत्तर-किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण देने से उसमें कुशलता आती है जिससे उत्पादन बढ़ता है। इसलिए मानव संसाधन के रूप में उनका उपयोग आवश्यक रूप से होता है।

प्रश्न 5. भारत में जनसंख्या के आकार को एक बार चार्ट (ग्राफ) द्वारा स्पष्ट करें;
उत्तर
छत्तीसगढ़ 2.03%
हरियाणा 2.05%
जम्मू व कश्मीर 0.98%
दिल्ली 1.34%
उत्तरांचल 0.83%
हिमाचल प्रदेश 0.59%
पंजाब 2.37%
असम 2.59%
अन्य राज्य एवं केन्द्र
शासित प्रदेश 1.59%
उत्तर प्रदेश 16.17%
महाराष्ट्र 9.42%
झारखंड 2.62%
बिहार 8.07%
पश्चिमबंगाल 7.18%
केरल 3.10%
उड़ीसा 3.57%
गुजरात 493%
कर्नाटक 5.14%
राजस्थान 5.50%
मध्यप्रदेश 5.88%
तमिलनाडु 6.05%
आंध्र प्रदेश 7.37%
कुल जनसंख्या 10270152471
देश की कुल जनसंख्या में राज्यों की भागीदारी

प्रश्न 6. बिहार के सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि वाले 5 जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-बिहार के सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि वाले 5 जिलों के नाम निम्नलिखित हैं-
(i) पटना 63.82%, (ii) रोहतास 62.36%, (iii) मुंगेर 60.11%, (iv) भोजपुर 59.71%, (v) औरंगाबाद 57.50%।

प्रश्न 7. बिहार के सबसे कम जनसंख्या वाले 5 जिलों के नाम लिखें।
उत्तर-बिहार के सबसे कम जनसंख्या वाले पाँच जिलों के नाम निम्नलिखित हैं-
(i) किशनगंज 31.02%, (ii) अररिया 34.94%, (iii) कटिहार 35.29%, (iv) पूर्णिया 35.51%, (v) मधेपुरा 36.19%1

प्रश्न 8. बिहार देश का सबसे कम साक्षर राज्य है। इसके मुख्य दो कारण लिखें।
उत्तर-बिहार देश का सबसे कम साक्षर राज्य है इसके मुख्य दो कारण गरीबी तथा प्राकृतिक संसाधनों का अभाव है।

VI. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(उत्तर 100 शब्दों में दें)

प्रश्न 1. मानव संसाधन क्या है? मानव संसाधन को मानव के रूप में कैसे परिवर्तित किया जाता है?
उत्तर-मानव संसाधन का अर्थ है देश की कार्यशील, जनसंख्या का कौशल और योग्यताएँ। जब व्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादक के सृजन में अधिक योगदान करने की दृष्टि से योग्यताएँ एवं कौशल प्राप्त कर लेते हैं तो वे एक संसाधन बन जाते हैं। अर्थात् जब किसी भी व्यक्ति में शिक्षा,स्वास्थ्य
और प्रशिक्षण के रूप में निवेश किया जाता है तो वह राष्ट्र की संपत्ति बन जाता है। ऐसी स्थितिमें वह संसाधन के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
इस प्रकार प्रशिक्षित, कुशल, ज्ञानी एवं विशिष्टता प्राप्त व्यक्ति की उत्पादकता अधिक होती है जो मानव संसाधन से मानव पूँजी में परिवर्तित हो जाते हैं। इसके लिए मानव में भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रबंधन, सूचना-तकनीक आदि का सहारा लेना पड़ता है।

प्रश्न 2. मानव पूंजी और भौतिक पूँजी में क्या अंतर है ? इसे तालिका द्वारा स्पष्ट करें। क्या मानव पूंजी भौतिक पूँजी से श्रेष्ठ है?
उत्तर-मानवीय पूँजी तथा भौतिक पूँजी में निम्नलिखित अंतर है-
भौतिक पूँजी (Physical capital)
मानवीय पूँजी (Human capital)
(i) भौतिक पूँजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन (passive resource) है।
(i) मानविय पूंजी उत्पादन का सक्रिय साधन(active resource) है।

(ii) भौतिक पूँजी मूर्त (tangible) होती है जिसे बाजार में लाया जा सकता जिसे बाजार में बेचा नहीं जा सकता।
(ii) मानवीय पूँजी अमूर्त (intangible) होती है|
केवल मानवीय पूँजी की सेवाओं (services) को
खरीदा या बेचा जा सकता है।

(iii) भौतिक पूँजी को इसके स्वामी (owner) से अलग किया जा सकता है।
(iii) मानवीय पूँजी(owner) से अलग किया जा सकता नहीं किया जा सकता।

(iv) भौतिक पूँजी देश के अंदर पूर्णतःगतिशील (perfectly mobile) होती है।
(iv) मानवीय पूँजी पूर्णतः गतिशील नहीं (not
perfectly mobile) होती। यह राष्ट्रीयता (nationality) तथा संस्कृति से बाधित होती है।

(v) भौतिक पूँजी में समय के साथ लगातार प्रयोग होने के कारण इसमें ह्रास (depreciation) होता है।
(v) मानवीय पूँजी में उम्र बढ़ने के साथ हममे ह्रास हो सकता है लेकिन शिक्षा तथा स्वास्थ्य में निवेश से इसकी क्षतिपूर्ति संभव है।

(vi) भौतिक पूँजी से इसके स्वामी को निजी लाभ (private benefit) होता है।
(vi) मानवीय पूँजी से इसके स्वामी को निजी लाभ (private benefit) होता है तथा यही समाज को सामाजिक लाभ भी होता है।
इस प्रकार मानव पूँजी तथा भौतिक पूँजी में मूलभूत अंतर है। हाँ, मानव पूँजी भौतिक पूँजी से सर्वश्रेष्ठ है।

प्रश्न 3. भारत में मानवीय पूँजी निर्माण के विकास का परिचय दें।
उत्तर-भारत की विकास योजनाओं का अंतिम उद्देश्य मानवीय पूँजी निर्माण अथवा मानवीय साधनों का विकास करना है ताकि दीर्घकाल में आर्थिक सुधारों को सफल बनाया जा सके। देश में गत कुछ वर्षों में मानवीय साधनों के विकास में सराहनीय सफलता मिली है, जिसका पता
जनसंख्या संबंधी बेहतर सूचकों, साक्षरता एवं शिक्षा के स्तर, स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर आदि से चलता है।
वास्तव में जीने की औसत आयु, साक्षरता दर, जन्म तथा मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर आदि मानवीय विकास के सूचक हैं। मानवीय विकास के इन सूचकों के आधार पर हम कह सकते हैं की भारत में मानवीय साधनों के विकास में प्रगति हुई है। भारत में योजनाकाल में जीने की औसत
आयु में वृद्धि हुई है। साक्षरता की दर भी बढ़ी है जन्म दर, मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है एवं 1993-94 के थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर भी प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। इस प्रकार आँकड़े इस बात के सूचक हैं कि देश में मानवीय पूँजी निर्माण के विकास में
सराहनीय प्रगति हुई है।

प्रश्न 4. मानवीय साधनों के विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास की भूमिका की विवेचना करें।
उत्तर-मानवीय साधनों के विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास की निम्नलिखित भूमिका होती है-
शिक्षा-शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति मानव पूँजी के रूप में समृद्धि पाता है। इसलिए व्यक्ति अपने विकास और देश के विकास को बढ़ाने के लिए शिक्षा पर व्यय करता है। इस प्रकार शिक्षा मानवीय पूँजी की क्षमता को बढ़ाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सफल हो पाता है।
स्वास्थ्य-स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है अर्थात् मनुष्य का अच्छा स्वास्थ्य ही उसकी सबसे महत्त्वपूर्ण पूँजी है और इसमें खर्च कर बढ़ोत्तरी करना मानव का एक महत्त्वपूर्ण संसाधन के रूप में परिवर्तित कर देता है। एक स्वस्थ व्यक्ति अन्य सामान्य व्यक्ति की
अपेक्षा निश्चित रूप से अच्छा काम करता है और देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अन्ततः स्वास्थ्य पर व्यय मानव पूँजी का निर्माण या संसाधनों के विकास का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
आवास-मनुष्य की एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता आवास अर्थात् घर है जिसमें वह अपने को बदलते मौसम में सुरक्षित रख पाता है तथा अपने कार्यों को अंजाम देता है।
इस प्रकार मानवीय संसाधनों के विकास में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

प्रश्न 5. भारत की राष्ट्रीय जनसंख्या नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-विकास क्रिया को बनाये रखने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। इस उद्देश्य से 15 फरवरी, 2000 को भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की गई। इस नीति में समान वितरण के साथ दीर्घकालीन विकास के लिए जनसंख्या स्थिरीकरण को मौलिक आवश्यकता माना गया है।
इस नीति के अंतर्गत तत्कालीन, मध्यकालीन तथा दीर्घकालीन उद्देश्य है। तत्कालीन उद्देश्य के तहत गर्भनिरोधक की आपूर्ति, तत्कालीन जरूरतों को पूरा करना, स्वास्थ्य सेवकों तथा समन्वित वितरण प्रणाली की व्यवस्था करना मुख्य उद्देश्य है। मध्यकालीन उद्देश्य के अंतर्गत कुल प्रजनन दर को 2010 तक प्रतिस्थापन स्तर पर लाना है तथा दीर्घकालीन उद्देश्य 2045 तक जनसंख्या को उस स्तर पर स्थिर बनाना है जो दीर्घकालीन विकास की जरूरतों, सामाजिक विकास तथा पर्यावरण सुरक्षा के अनुरूप माना गया है। इस प्रकार इस नीति के द्वारा सरकार 2045 तक जनसंख्या को स्थिर कर देने की आशा करती है।

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