bihar board class 9th civics notes – चुनावी राजनीति
चुनावी राजनीति
bihar board class 9th civics notes
class – 9
subject – civics
lesson 4 – चुनावी राजनीति
चुनावी राजनीति
अध्याय की मुख्य बातें–लोकतंत्र में एक नियमित अंतराल पर चुनाव होते हैं ताकि जनता अपने प्रतिनिधियों को चुन सकें। इसलिए लोकतंत्र में चुनाव को जरूरी माना गया है। इसकी सफलता के लिए जरूरी न्यूनतम शर्तों का पालन आवश्यक है सभी को मत देने का अधिकार होना चाहिए तथा सभी के मतों का समान महत्व हो । चुनाव में विकल्प की गुंजाइश हो, चुनाव नियमित अंतराल पर ही अपनी इच्छानुसार लोग जिसे चाहे उनका चुनाव करें और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न हो । राजनीतिक, प्रतिस्पर्धा सिर्फ चुनाव के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र के लिए भी हितकर है।
चुनाव हर पाँच साल बाद होते हैं जो प्रतिनिधि चुनकर जाते हैं उनका कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। सभी चुनाव क्षेत्रों में एक ही दिन अथवा एक छोटे अंतराल में अलग-अलग चुनाव होते हैं जिसे आम चुनाव कहते हैं। जब सदस्य की मृत्यु या इस्तीफे के कारण सीट खाली होती है तो इसे उपचुनाव कहते हैं। कोई सरकार अल्पमत होने के कारण लोकसभा या किसी विधान सभा में विश्वास हासिल करने में असफल हो जाती है तो वैसी स्थिति में मध्यावधि चुनाव होता है। तब यह मध्यावधि चुनाव आम चुनाव बन जाता है।
चुनाव के उद्देश्य से देश को जनसंख्या के हिसाब से कई क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है। इन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहा जाता है। निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन के लिए जनसंख्या एवं क्षेत्रफल को आधार बनाया जाता है। एक क्षेत्र में रहने वाले मतदाता अपने एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए देश को 543 निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा गया है। लोकसभा क्षेत्र में चुने गये प्रतिनिधियों को संसद सदस्य या सांसद कहते हैं। इसी प्रकार प्रत्येक राज्य को उसकी निर्धारित विधान सभा के सीटों के आधार पर विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में बाँट गया है। इनके प्रतिनिधि को
विधायक या एम. एल. ए. कहते हैं।
संविधान में कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित क्षेत्र की विशेष व्यवस्था की गई। लोकसभा में 79 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 41 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है । बिहार विधानसभा की 37 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। यह आरक्षण की व्यवस्था
सभी राज्यों में लागू है। बिहार में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की गई है। चुनाव में मतदान की योग्यता रखने वाले नागरिकों की सूची बनायी जाती है जिसे मतदाता
सूची कहते हैं भारतवर्ष में 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी नागरिकों को मतदान करने का अधिकार है पर ठोस प्रमाण के आधार पर रूपराधी एवं दिमागी असंतुलन वाले कुछ लोगों को मताधिकार से वंचित भी किया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों से चुनावों में फोटो पहचान पत्र
को व्यवस्था लागू की गई है जिन्हें यह नहीं बन पाया है उन्हें पहचान के तौर पर 14 अन्य पहचानों को वैध माना है या मतदाता का राशन कार्ड, बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस आदि ।
चुनाव में उम्मीदवार होने के लिए 25 वर्ष की न्यूनतम अहर्ता होनी चाहिए हालाँकि अपराधियों को उम्मीदवार होने पर सीमित पाबंदी है। चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हैं और अपना चिह्न एवं समर्थन देते हैं तब जाकर उम्मीदवारों को नामांकन भरना पड़ता है। इसके साथ जमानत के रूप में कुछ रकम जमा करनी पड़ती है तथा प्रत्येक उम्मीदवार को अपने बारे में कुछ ब्यौरा देते हुए घोषणा करनी पड़ती है।
चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक दल एवं मतदाता स्वतंत्र एवं खुली बहस में शामिल होते हैं। इसके दौरान राजनीतिक दल नारे लगाते हैं और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं जैसे 1971 में कांग्रेस पार्टी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था। पर राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव प्रचार मैं आदर्श-आचारसंहिता को स्वीकार करना पड़ता है। इसके आखिरी चरण में मतदान होता है। इसको समाप्ति के बाद मतगणना की जाती है और सबसे ज्यादा मत पाने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया जाता है।
भारतीय संविधान ने चुनावी निष्पक्षता की जाँच के लिए एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का गठन किया है जिसे भारत निर्वाचन आयोग कहते हैं। जिसे न्यायपालिका के समान आजादी प्राप्त है। इसके मुख्य चुनाव आयोग की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं जो भारत में चुनाव कराने के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1. चुनाव क्यों जरूरी है ? इस बारे में कौन-सा वाक्य सही नहीं है?
(क) लोग अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ख) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान
(ग) चुनाव लोगों की आकांक्षाओं को फलीभूत होने का अवसर प्रदान करता है।
(घ) चुनाव न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप करने का अवसर प्रदान करता है।
उत्तर-(घ) चुनाव न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप करने का अवसर प्रदान.
प्रश्न 2. भारत के चुनाव लोकतांत्रिक है, यह बताने के लिए इनमें से कौन-सा वाक्य उपयुक्त कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता है ?
(ख) भारत में चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश को स्वीकार कर लेती है।
उत्तर-(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में मेल ढूँढ़ें।
(क) सार्वभौम व्यस्क मताधिकार 1. हर चुनाव से क्षेत्र में लगभग बराबर मतदाता
(ख) कमजोर वर्गों का प्रतिनिधि 2. 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी मताधिकार
(ग) खुली राजनैतिक प्रतिद्वद्धिता 3. सभी को पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की आजादी
(घ) एक मत, एक मोल 4. अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण
उत्तर(क) सार्वभौम वयस्क मताधिकार 2. 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी मताधिकार
(ख) कमजोर वर्गों का प्रतिनिधि 4. अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण
(ग) खुली राजनैतिक प्रतिद्वन्द्विता 3. सभी को पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की आजादी
(घ) एक मत, एक मोल 1. हर चुनाव क्षेत्र में लगभग बराबर मतदाता
प्रश्न 4. इस अध्याय में वर्णित संबंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इसे चुनाव में पहले से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ।
वोटों की गिनती, मतदाता सूची का निर्माण, चुनाव परिणाम, नामांकन-पत्र दाखिल करना, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, चुनाव घोषणा-पत्र जारी करना, चुनाव अभियान।
उत्तर–चुनावी प्रक्रिया की घोषणा, मतदाता सूची का निर्माण, चुनाव घोषणा पत्र जारी करना, नामांकन पत्र दाखिल करना, चुनाव अभियान, वोटों की गिनती, चुनाव परिणाम ।
प्रश्न 5. चुनाव के समय चुनाव आयोग की किन भूमिकाओं से सहमत हैं ?
(क) फोटो पहचान पत्र एवं अन्य निर्धारित पहचानो के आधार पर ही मतदान हो।
(ख) चुनाव में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग पर रोक लगाना ।
(ग) चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के द्वारा उम्मीदवार तय करने में हस्तक्षेप करना चाहिए।
(घ) चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ-साथ मतदान अधिकारियों की भीसुरक्षा करें।
उत्तर-(ग) चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के द्वारा उम्मीदवार तय करने में हस्तक्षेप करना चाहिए।
प्रश्न 6. इस अध्याय से प्राप्त जानकारियाँ के आधार पर निम्नलिखित राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान होता है।
(ख) चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हो इसके लिए जनता की भागीदारी होनी चाहिए।
(ग) चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त मताधिकार नहीं है।
(घ) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबरदस्ती भागीदारी होती है।
उत्तर-(क) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान होता है जब वह नागरिकों के आकांक्षाओं पर सही उतरे तथा वहाँ की समस्याओं से स्वयं को शामिल करते हुए उसका समाधान करें।
(ख) चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हो इसके लिए जनता की भागीदारी के साथ-साथ निर्वाचन आयोग की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि यह चुनाव संबंधी मामलों को
सुलझाने में सक्षम है।
(ग) चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं दिये गये हैं इसके लिए उसे न्यायपालिका तथा राष्ट्रपति के नियंत्रण से मुक्त रखा गया है।
(घ) हमारे देश के चुनाव में लोगों की भागीदारी है लेकिन इससे और अधिक लोगों को भागीदारी होनी चाहिए क्योंकि चुनाव ही लोगों को प्रशासन में भागीदारी बनाता है तथा यह लोकतंत्र का आधार भी है।
प्रश्न 7. श्यामलाल को एक आपराधिक मामले में आजीवन कारावास की सजा मिलती है । मोहनलाल को अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के जुर्म में दोषी पाया है। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दिया है। क्या फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के सिद्धांतों के खिलाफ जाता है ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-उपर्युक्त दोनों मामलों में अदालत के द्वारा चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं लोकतात्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धांतों के अंतर्गत आता है। क्योंकि संविधान अपराधी व्यक्ति चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता है जिसे हाल के वर्षों में पूरे भारतवर्ष में लागू है।
प्रश्न 8. हीरा सिंह एवं सैफुद्दीन ऐसे उम्मीदवार हैं जो आपराधिक मामले में अदालत के आदेश से जेल में बंद है। न्यायालय के अंतिम फैसले के नहीं आने से उसकी उम्मीदवारी को चुनाव आयोग को वैद्य मानना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में लोगों को क्या करना चाहिए-
(क) उसे चुनाव में विजयी बनाकर दोषमुक्त कर देना चाहिए?
(ख) उसकी आपराधिक छवि होने के कारण लोगों को मत नहीं देना चाहिए?
(ग) चुनाव के समय उसे लोगों से मिलने देना चाहिए?
(घ) 1. अगर हाँ तो क्या लोकतंत्र का अपमान नहीं है ?
2. अगर नहीं तो उसे सदन की कारवाई में शामिल होने का मौका दिया जाता है।
3. अगर यह भारतीय लोकतंत्र के लिए चुनौती है तो इस संबंध में आपकी राय क्या है ?
उत्तर-(क) यह वहाँ की जनता पर नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि यह अदालत का काम है।
(ख) हाँ, उसकी आपराधिक छवि होने के कारण लोगों को मत नहीं देना चाहिए ।
(ग) चुनाव के समय उसे अपने विचार से जनता को अवगत करा देना चाहिए और उसे मिलने देना चाहिए।
(घ) 1. नहीं, यह लोकतंत्र का अपमान है।
2. हाँ, उसे सदन की कारवाई में शामिल होने का मौका दिया जाता है।
3. यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है इससे निपटने के लिए सख्त से सख्त उपायों का सहारा लेना चाहिए। जैसे—उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि तथा आपराधिक पृष्ठभूमि के आधार पर नामांकन-पत्र को रद्द करना तथा गलत साक्ष्य देने पर संविधान में कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए जिससे भविष्य में ऐसा कोई जनप्रतिनिधि कदम न उठा सके।