bseb 8th class science notes | ईंधन : हमारी जरूरत
bseb 8th class science notes | ईंधन : हमारी जरूरत
अध्ययन सामग्री-वैसे दहनशील पदार्थ जो जलकर ऊष्मा ऊर्जा प्रदान करता हो उसे ईंधन कहते
हैं। लकड़ी, कोयला, घरेलू गैस, डीजल, पेट्रोल आदि ईंधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं। अधिकांश ईंधन कार्बन एवं हाइड्रोजन के यौगिक होते हैं। जो जलने पर वायु के ऑक्सीजन से संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड एवं जलवाष्प बनाते हैं। इस प्रक्रिया में अधिक ऊष्मा एवं प्रकाश उत्पन्न होते हैं।
ईंधन के प्रकार-ईंधनों को उनके भौतिक अवस्था के आधार पर तीन वर्गों में बाँटा गया है-
ठोस ईंधन-लकड़ी, कोयला, पाराफिन मोम, गोबर के उपले, कृषि अपशिष्ट आदि ।
द्रव ईंधन-किरोसिन तेल, पेट्रोल, डीजल इत्यादि ।
गैसीय ईंधन-जल गैस, प्रोड्यूसर गैस, कोल गैस, प्राकृतिक गैस आदि ।
उत्पत्ति के आधार पर इंधन दो प्रकार के होते हैं।
(1) प्राथमिक ईंधन-लकड़ी, कोयला, तेल, पेट्रोलियम इत्यादि ।
(2) द्वितीयक ईंधन-चारकोल, कोक, रसोई गैस इत्यादि ।
किसी ईंधन का ऊष्मीय मान ऊष्मा की वह मात्रा है जो उस ईंधन की इकाई मात्रा की हवा
या ऑक्सीजन में पूर्ण दहन के फलस्वरूप प्राप्त होती है।
अच्छे ईंधन की निम्नांकित प्रमुख विशेषताएँ-
1. इसे सस्ता होना चाहिए ताकि जनसाधारण को यह उपलब्ध हो सके।
2. इसे आसानी से और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए ।
3. इसका भंडारण और परिवहन सुगम होना चाहिए।
4. इसका ऊष्मीय मान उच्च होना चाहिए।
5. इसके दहन के फलस्वरूप हानिकारक प्रतिफल नहीं बनने चाहिए जो वातावरण को
प्रदूषित करें।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ईंधन को हम अनेक रूपों में प्रयोग कर अपनी आवश्यकताओं
की पूर्ति करते हैं। ईंधन ही आज हम मानव जाति को जमीन से चाँद तक पहुँचा दिया है।
अभ्यास
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क)…………..तथा…… जीवाश्म ईंधन है।
(ख) …………… तथा …………… समाप्त नहीं होने वाले ईंधन के स्रोत हैं।
(ग) कोलतार……………का उत्पाद है।
(घ) पेट्रोलियम के विभिन संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम………..कहलाता है।
(ङ) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन…………है।
उत्तर-(क) कोयला, पेट्रोलियम । (ख) प्रकाश, वायु । (ग) कोयला । (घ) प्रभाजी
आसवन विधि। (ङ) प्राकृतिक गैस ।
2. निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए।
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं।
(ख) कोक, कार्बन का शुद्ध रूप है।
(ग) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन है।
(घ) बरौनी में तेल का कुआँ है।
(ङ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है।
उत्तर-(क) असत्य, (ख) सत्य, (ग) असत्य, (घ) असत्य, (छ) सत्य ।
3. कोयला किस प्रकार बनता है?
उत्तर—बाढ़, भूकम्प इत्यादि प्राकृतिक क्रियाओं के कारण वन (जंगल) मिट्टी के नीचे दब
गए। उनके ऊपर अधिक मिट्टी जम जाने के कारण वे संपीडित हो गए। जैसे-जैसे गहराई में
जाते गए, उच्च दाब तथा उच्च ताप पर वायु की अनुपस्थिति में अवसादी शैलों की परतों के बीच
पौधे धीरे-धीरे पीट में बदल गए और फिर लिग्नाइट और उसके बाद कोयले में बदल गए।
कोयले में मुख्य रूप से कार्बन होता है। मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन
को कार्बनीकरण कहते हैं। कोयला, वनस्पति के अवशेषों से बना है। अतः कोयले को जीवाश्म
इंधन भी कहते हैं।
4. जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों है ?
उत्तर-मृत जीवों तथा मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा जीवाश्म ईंधन बनते हैं। यह
प्राकृतिक संसाधन है परन्तु पृथ्वी की गर्भ में सीमित मात्रा में है। बढ़ती जनसंख्या तथा विज्ञान
के विकास ने इसका दोहन जिस तरह से कर रही है। उस हिसाब से यह कुछ वर्षों में जाकर
खत्म हो जाएगा । जीवाश्म ईंधन को बनाने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। यही कारण है कि जीवाश्म इंधन प्राकृतिक संसाधन होते हुए भी समाप्त होने वाले संसाधन हैं।
5. इंधन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-उत्पत्ति के आधार पर ईंधन को दो वर्गों में बाँटा गया है।
(1) प्राथमिक ईंधन-लकड़ी, कोयला, तेल, पेट्रोलियम इत्यादि ।
(2) द्वितीयक ईंधन–चारकोल, कोक, रसोई गैस इत्यादि ।
भौतिक अवस्था के आधार पर इंधन को तीन भागों में बाँटा गया है-
6. पेट्रोलियम निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर-मिट्टी की नई परतें पुरानी परतों के ऊपर जमती चली जाती है। इस प्रकार परतों
में वृक्ष और मरे हुए जीव भी दब जाते हैं। इन मृत जीवों पर दबाव और कभी-कभी गर्मी का
प्रभाव पड़ता है। मरे हुए समुद्री प्राणी भी समुद्र की तली में जमा हो जाते हैं। इस प्रकार मृत
समुद्री प्राणियों की परतें अजैव तलछट के साथ दब जाती है। इन पर बहुत भारी दबाव पड़ता
है। धीरे-धीरे लाखों वर्षों में वायु की अनुपस्थिति, उच्च ताप और उच्च दाब में प्राणियों के मृत
शरीर पेट्रोलियम में बदल जाते हैं।
7. कोयला के विभिन्न उत्पादों के अभिलक्षणों एवं उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-कोयला के महत्वपूर्ण उत्पादों के अभिलक्षणों एवं उपयोगों का वर्णन
(1) कोक-वायु की अनपुस्थिति में कोयला को गर्म करने पर कोक प्राप्त होता है।
कोक एक कठोर, सरंध्र तथा काला पदार्थ होता है। यह कार्बन का शुद्ध रूप है।
उपयोग-इस्पात के निर्माण, धातुओं के निष्कर्षण इत्यादि ।
कोलतार-कोयला को एक परखनली में रखकर धीरे-धीरे गर्म करने पर कोलतार का
निर्माण होता है। यह भूरे-काले गाढ़ा द्रव होता है। इसका गंध अप्रिय होता है।
उपयोग-संश्लेषित रंग बनाने में, औषधि, विस्फोटक, सुगंध, प्लास्टिक, पेन्ट, फोटोग्राफिक
सामग्री, नैफ्थलीन आदि बनाने में।
कोयला गैस-कोयला से कोक के निर्माण के क्रम में कोयला गैस प्राप्त होता है।
उपयोग-उद्योग में इंधन के रूप में, ऊष्मा के स्रोत के रूप में।
8. एलपीजी और सीएनजी का ईंधन के रूप में उपयोग करने से क्या काम है ?
उत्तर-L.P.G. तथा C.N.G. का इंधन के रूप में उपयोग करने से लाभ-
(i) अधिक से अधिक ऊष्मा । (ii) जलने के क्रम में धुआँ नहीं देना । (iii) वाहन में ईंधन
के रूप में। (iv) कम से कम प्रदूषण मुक्त करना । (v) प्राकृतिक गैस का प्रयोग प्रारंभिक पदार्थ
के रूप में रसायनों एवं उर्वरकों के लिए।
9. सूर्य के प्रकाश तथा वायु को ईंधन के रूप में उपयोग करने से क्या लाभ है ?
उत्तर-सूर्य के प्रकाश तथ वायु को ईंधन के रूप में उपयोग करने से निम्नलिखित लाभ हैं।
(i) सूर्य के प्रकाश तथा वायु असीमित प्राकृतिक संसाधन है जितना चाहे प्रयोग कर सकते
हैं। (ii) इसके प्रयोग से सीमित प्राकृतिक संसाधनों की बचत । जैसे-कोयला तथा पेट्रोलियम
पदार्थ । (iii) इसके प्रयोग से वायुमंडल प्रदूषित नहीं होगा । (iv) इसके प्रयोग से खर्च में बचत ।
(v) इसके प्रयोग से समय की बचत ।
10. भारत में तेल क्षेत्र कहाँ-कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-हमारे देश भरत में तेल निम्नलिखित क्षेत्र में पाए जाते हैं।
(i) असम के माहोर कटिया-मोराम में।
(ii) गुजरात के अंकलेश्वर में।
(iii) मुम्बई हाई समुद्र तल में इत्यादि ।
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