8th hindi

bihar board class 8th hindi notes | कर्मवीर

कर्मवीर

bihar board class 8th hindi notes

वर्ग – 8

विषय – हिंदी

पाठ 3 – कर्मवीर

कर्मवीर
-अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘ हरिऔध’

(कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की सफलता का निर्धारण …………निर्माण करते हैं ।)

देखकर बाधा…………. मिले फूले – फले ।

अर्थ -कर्मवीर अनेक बाधाओं और विघ्नों को देखकर भी घबराते नहीं हैं । वे भाग्य के भरोसे रहकर दुःख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं ।
काम कितना ही कठिन हो लेकिन वे उकताते नहीं । भीड़ में चंचल बनकर अपनी वीरता नहीं दिखलाते हैं । उनके एक आन ( प्रतिज्ञा ) से बुरे दिन भी अच्छे में बदल जाते हैं ।

    आज करना है जिसे ……………………….वे कर जिसे सकते नहीं ।।

अर्थ – कर्मवीर आज का काम आज ही कर लेते हैं । वे जो सोचते हैं वही कहते हैं तथा सोचे – कहे को ही करते भी हैं । ऐसे लोग वही करते हैं जो उनका मन कहता है लेकिन सदैव सबकी बात सुनते हैं । वो अपनी मदद स्वयं करते हैं भूलकर भी वे दूसरे से मदद के लिए मुँह नहीं ताकते ।

  जो कभी अपने समय …….औरों के लिए ।।

अर्थ – कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं बिताते काम करने की जगह बातें नहीं बनाते हैं । किसी भी काम को कल के लिए नहीं टालते । वे परिश्रम करने से कभी नहीं जी चुराते हैं । ऐसे कोई काम नहीं जो उनके करने से नहीं होता । वे समाज में उदाहरण स्वयं बन जाते हैं ।

  चिलचिलाती धूप को………खोल वे सकते नहीं ।।

अर्थ – चिलचिलाती धूप भी उनके लिए चाँदनी बन जाती है । काम पड़ने पर वे शेर का भी सामना कर लेते हैं । वे हँस हँसकर कठिन से कठिन काम को कर लेते हैं । जो ठान लेते उनके लिए वह कठिन काम नहीं रह जाता । लम्बी दूरी तय करने के बाद भी वे थकते नहीं । कौन ऐसी समस्या है जिसे कर्मवीर सुलझा नहीं लेते ।

काम को आरम्भ……………….उज्जवल रतन ।।

अर्थ – कर्मवीर जिस काम को आरम्भ करते हैं उसे बिना किये हुए नहीं छोड़ते । जिस काम को करने लगते उससे भूलकर भी मुख नहीं मोड़ते । वे आकाश – सुमन तोड़ने जैसी वृथा बातें नहीं करते । करोड़ों की संपत्ति हो जाये लेकिन वे मन में कभी भी अहंकार नहीं लाते हैं । कर्मवीर के हाथ में कोयला भी हीरा बन जाता है । शीशा को भी चमकीला ( शुद्ध ) रन बना देते हैं ।

पर्वतों को काटकर सड़कें…….तार की सारी क्रिया ।।

अर्थ – कर्मवीर पर्वतों को भी काटकर सड़क बना देते हैं । मरुभूमि में भी सैकड़ों नदियाँ बहा देते हैं । समुद्र के गर्भ में भी वे जलयान ( जहाज ) चला देते हैं । जंगल में भी वे मंगल रचा देते हैं । अकाश – पताल का रहस्य भी उन्होंने बत या । सूक्ष्म से सूक्ष्म क्रिया के बारे में भी उन्होंने ही बतलाया ।

कार्य – स्थल को वे कभी…………….अपना ठीक करके ही टलें ।।

अर्थ – कर्मवीर कार्य – स्थल के बारे में नहीं पूछते । किसी भी स्थल पर असम्भव कार्य को सम्भव कर दिखाते हैं । जहां उन्हें अधिक उलझनें दिखती वहाँ वे अपने कार्य को और भी अधिक उत्साह से करते हैं । विरोधी उनके कर्म मार्ग में भले ही सैंकड़ों अड़चने डाल दें लेकिन वे अपना कार्य पूरा करके ही निकलते हैं ।

सब तरह से आज………………… भलाई भी तभी ।।

अर्थ — आज सम्पन्न जितने देश हैं जो बुद्धि – विद्या , धन – सम्पदा से परिपूर्ण देश है । उन देशों को सम्पन्न बनाने में कर्मवीरों का ही हाथ है । जिस देश की जितनी उन्नति हुई है उन देशों में उतने ही कर्मवीर हैं । जिस देश में जितने कर्मवीर पैदा लेंगे उतना ही उस देश और समाज की भलाई होगी ।

शब्दार्थ –

बाधा = रूकावट , डर , भय । विविध = विभिन्न , अनेक प्रकार के । बहु = बहुत ज्यादा । भाग = भाग्य । आन = गौरव की भावना , प्रतिज्ञा , संकल्प की भावना । यत्न = प्रयास । उज्जवल = चमकीला । बेड़ा = जलयान । विभव = ऐश्वर्य , दौलत । सपूत = अच्छा बेटा ।

                 प्रश्न – अभ्यास
पाठ से –

1. कर्मवीर की पहचान क्या है ?

उत्तर – कर्मवीर विघ्न – बाधाओं से घबड़ाते नहीं । वे भाग्य – भरोसे नहीं रहते । कर्मवीर आज के कार्य को आज ही कर लेते हैं । जैसा सोचते हैं वैसा ही बोलते हैं तथा जैसा बोलते हैं , वैसा ही करते हैं । कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं जाने देते । वे अलसाते भी नहीं । कर्मवीर समय का महत्व सदैव देते हैं । वे परिश्रम करने से जी नहीं चुराते हैं । कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कठिन कार्य कर दिखाते हैं । कर्मवीर कार्य करने में थकते नहीं हैं । जिस कार्य को आरम्भ करते उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं । उलझनों के बीच भी चे उत्साहित दिखते हैं ।

2. अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या – क्या कीजिएगा ?

उत्तर — अपने देश की उन्नति के लिए हम कर्मनिष्ठ बनेंगे । समय का महत्व देंगे । मन – वचन कर्म तीनों से एक रहेंगे । कठिन – से – कठिन परिस्थितियों में भी नहीं घबराएँगे । जिस कार्य में हाथ डालेंगे उस करके ही दम लेंगे । आलस्य कभी नहीं करेंगे और कभी भी अपने कार्य को कल के भरोसे नहीं टालेंगे ।3. आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं ?
उत्तर – हमें अपने को कर्मवीर साबित करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा । समय का महत्व हमें देना होगा । परिश्रमी बनना पड़ेगा तथा आलस्य को त्यागना होगा । मन – वचन और कर्म से एक रहना होगा । उपरोक्त कर्मवीर के गुणों को अपने में उतारकर हम अपने को कर्मवीर साबित कर सकते हैं । उपरोक्त कर्मवीर के गुणों को अपने में उतारकर हम अपने को कर्मवीर साबित कर सकते।

पाठ से आगे

1. परिश्रमी के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है । कैसे ?

उत्तर — जो परिश्रमी है उसे मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होती है । परिश्रमी व्यक्ति कभी आलस्य नहीं दिखाते । अगर परिश्रमी व्यक्ति मन – वचन और कर्म से एक बना रहे तो कार्य में सफलता अवश्य मिलती है । परिश्रमी व्यक्ति को समय का महत्व समझना चाहिए । इस प्रकार कहा जा सकता है कि कर्मवीर के सारे गुणों को अपना कर परिश्रमी व्यक्ति को कर्मनिष्ठ होना चाहिए जिससे मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति किया जा सकता है ।

2 . कल करें से आज बहुरि करेगा कब । ” से संबंधित अर्थ वाले पंक्तियों को लिखिए ।

उत्तर – उपरोक्त अर्थ वाले पक्तियाँ हैं आज करना है जिसे करते उसे है आज ही । काम करने की जगह बातें बनाते नहीं ।

3. आप किसे अपना आदर्श मानते हैं और क्यों ?

उत्तर – हम अपना आदर्श महात्मा गाँधी को मानते हैं क्योंकि हम सादगी , सच्चाई और अहिंसा पर विश्वास करते हैं तथा सतत् प्रयत्नशील रहने का प्रयास करते हैं । ये सब आदर्श महात्मा गाँधीजी में मौजूद थे ।

व्याकरण

1. दिये गये शब्दों से विपरीतार्थक शब्द – युग्म बनाइए जैसे – अमीर – गरीब ।

उत्तर – दुःख – सुख । कठिन – आसान । भलाई – बुराई । सुख – दुःख । जनम – मरण । बुराई – भलाई । सपूत – कपूत । मरन – जनम । कपूत – सपूत । समर्थक – विरोधी । विरोधी – समर्थक । असंभव – संभव । नभ – तल । फूल – शूल । आरंभ – अन्त । बुरा – भला । वीर – कायर । संभव – असंभव । तल – नभ । शुल – फूल । अंत – आदि । भला – बुरा । कायर – वीर ।

2 . सामान्य वाक्य – रेगिस्तान में जल ढूँढ़ना बहुत कठिन है ।

मुहावरेदार वाक्य – रेगिस्तान में जल ढूँढना लोहे के चने चबाने की तरह है ।
उक्त उदाहरण की तरह निम्नलिखित सामान्य वाक्यों को भी मुहावरेदार वाक्यों में बदलिए-
( क ) सामान्य वाक्य – रमेश अपनी माँ का प्यारा लड़का है ।
उत्तर – मुहावरेदार वाक्य – रमेश अपनी माँ का आँखों का तारा है ।
( ख ) सामान्य वाक्य – पुलिस को देखते ही चोर भाग गए ।
उत्तर – मुहावरेदार वाक्य – पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गये ।।

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