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class 8th hindi notes | झाँसी की रानी ( जीवन – वृत कविता)

झाँसी की रानी ( जीवन – वृत कविता) 

class 8th hindi notes

वर्ग –  8

विषय –  हिंदी

पाठ २० – झाँसी की रानी ( जीवन – वृत कविता)

झाँसी की रानी ( जीवन – वृत कविता)                      
         -सुभद्रा कुमारी चौहान ( 1857 की क्रांति भारतीय…….. याद दिलाती है । )

कविता का सारांश –
     सन् 1857 में स्वाधीनता संग्राम की रूपरेखा देख ब्रिटिश सरकार घबड़ा गई । भारतीय राजवंशों ने भी इस संग्राम में अपना क्रोध प्रदर्शन किया । मानो पुनः बूढ़े भारत में फिर से नई जवानी आ गई हो । लोगों में आजादी पाने की ललक जगी । लोग अंग्रेज सरकार को भगाने का निर्णय कर लिया था ।
लक्ष्मीबाई झाँसी की रानी थी । वह कानपुर के नाना साहब की बहन थी । उसे बरछी , ढाल , कृपाण और तलवारबाजी का बड़ा शौक था तथा शिवाजी के वीर गाथाओं को प्रायः गाती रहती थी ।
लक्ष्मीबाई मानो दुर्गा को अवतार थी । मराठे भी उसके तलवारबाजी से चकित थे । नकली युद्ध , व्यूह की रचना , उसको तोड़ना , सेना को घेरना , दुर्ग तोड़ना इत्यादि खेल को ही वह प्रायः खेलती थी । शिकार से उसे बड़ा प्रेम था ।
लक्ष्मीबाई का विवाह वीरता वैभवयुक्त झाँसी के महाराजा के साथ हुआ । लेकिन अल्प समय में राजा साहब नि : संतान मर गये ।
अंग्रेज ने अपने हड़प – नीति का प्रयोग कर झाँसी में अपनी फौज भेजकर अंग्रेजी झंडा फहरा दिया । दिल्ली , लखनऊ , उदयपुर , तंजौर , सतारा , कर्नाटक , सिन्य , पंजाब बंगाल , मद्रास आदि सम्पूर्ण भारत में क्रांति को आग जलने लगी ।
लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत का विरोध किया । अंग्रेज ने लक्ष्मीबाई को दबाने के लिए लैफ्टिनेंट बॉकर को भेजा । लेकिन बॉकर को मैदान छोड़कर भागना पड़ा ।
रानी झाँसी को पुन : अपने अधिकार में लेने के बाद कालपी की ओर बढ़ी , जो झाँसी से सौ मील दूर है । लक्ष्मीबाई का घोड़ा थक चुका था , वह मर भी गया । यमुना नदी के किनारे कालपी में अंग्रेजी सेना को फिर हार खानी पड़ी । अब लक्ष्मीबाई कालपी को अंग्रेजी से मुक्त कराकर ग्वालियर की ओर बढ़ चली ।
ग्वालियर से भी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को मार भगाया । अंग्रेजों से मित्रता रखनेवाले सिन्धिया ने भी लक्ष्मीबाई के डर से राजधानी छोड़ भागा ।
सब जगह लक्ष्मीबाई की विजय से घबड़ाकर अंग्रेज जेनरल स्मिथ ने अपनी सेना के साथ आ धमका । युद्ध में स्मिथ भी हार गया । इस युद्ध में लक्ष्मीबाई की सहेली काना और मुंदरा ने भी अपना युद्ध कौशल दिखाई थी ।
स्मिथ के हार के बाद घरोज अपनी सेना लेकर रानी को घेर लिया । भयंकर युद्ध हुआ । रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी सेना को तहस – नहस करते युद्ध क्षेत्र से निकल गई थी । आगे नाला पार करने के दौरान लक्ष्मीबाई का नया घोड़ा अकड़कर अड़ गया । इतने में ही रानी पर बहुत सैनिकों ने वार करना प्रारम्भ कर दिया । रानी घायल होकर गिर गई और वीरगति को प्राप्त हो गई । उस समय उनकी उम्र मात्र 23 वर्ष की थी ।
स्वतंत्रता संग्राम का पथ प्रशस्त करनेवाली प्रथम नायिका लक्ष्मीबाई का गुनगान आज भी बुंदेलखण्ड के वासी बड़े चाव से गाते हैं ।

शब्दार्थ –

भृकुटी = भौं । फिरंगी – अंग्रेज । मर्दाना = विरांगना , बहादुर स्त्री । खिलवाड़ = खेल । सुभट = दक्ष , निपुण । विरुदावलि = विस्तृत यशोगान । निःसंतान = बिना संतान के । लावारिस = देखभाल नहीं करने वाला । वारिस = औलाद , संतान । अश्रुपूर्ण = आँसू से भरा हुआ । विरानी = सूनी । द्वंद्व = युद्ध । मनुज = मनुष्य ।
प्रश्न – अभ्यास
   

पाठ से

1. “ बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी थी ” उपर्युक्त पंक्ति में भारत को ” कहा गया है , क्योंकि ( क ) भारत गुलाम था । ( ख ) भारत में एकता नहीं थी । ( ग ) भारत का इतिहास प्राचीन है । ( घ ) भारत की दशा शिथिल और जर्जर हो चुकी थी । उत्तर- ( घ ) भारत की दशा शिथिल और जर्जर हो चुकी थी ।

2. लक्ष्मीबाई का बचपन किस प्रकार के खेलों में बीता ?

उत्तर – लक्ष्मीबाई का बचपन प्रायः शिकार खेलने में , नकली युद्ध करने में , व्यूह रचने में , व्यूह तोड़ने में , सेना को घेरना , सेना से घिर जाने पर उससे निकलना , दुर्ग तोड़ना आदि प्रिय खेला को खेला करती थी ।

3″ हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में ” उपर्युक्त पंक्ति में “ वीरता ” और ” वैभव ” का संकेत किस – किस की ओर है ।

उत्तर – वीरता का संकेत वीर शिरोमणि लक्ष्मीबाई की ओर तथा ” वैभव ” का संकेत झाँसी के महाराज की ओर है ।

पाठ से आगे

4. इस कविता के आधार पर कालपी – युद्ध का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।

उत्तर – झाँसी के मैदान में विजय प्राप्त कर रानी लक्ष्मीबाई कालपी के मैदान में युद्ध करने चल पड़ी । झाँसी से सौ मील दूर होने के कारण उनका घोड़ा थक चुका था । वह घोड़ा गिरकर मर गया । अब रानी लक्ष्मीबाई ने नया घोड़ा लेकर युद्ध आरम्भ कर दिया इस युद्ध में भी अंग्रेजों को हार को मुँह देखनी पड़ी ।

5 . भाव स्पष्ट कीजिए-

( क ) गुमी हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी ।

उत्तर — भारतीय लोग आजादी को भूल चुके थे । लक्ष्मीबाई ने भारतीयों को आजादी प्राप्त करने के लिए उन्मुख करवाई । सब जगह आजादी प्राप्ति की चेतना जाग उठी ।

( ख ) “ हमको जीवित करने आई बन स्वतंत्रता की नारी थी । “

उत्तर – हम भारतीय परतंत्रता की मार से मृतवत हो चुके थे । ऐसे समय में लक्ष्मीबाई भारतीयों को स्वतंत्र करने के लिए स्वतंत्रता की नारी ( दुर्गा ) बनकर हमारे सामने आ गई और हम स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर अग्रसर हुए ।

6. इस कविता से लक्ष्मीबाई से संबंधित कुछ पंक्तियाँ चुनकर उनके आधार पर रानी की वीरता का वर्णन कीजिए ।

उत्तर – झाँसी के मैदान में जब लेफ्टिनेंट बॉकर अपनी सेना लेकर पहुंचा । रानी तलवार से युद्ध करने लगी । बहुत देर तक दोनों में द्वन्द्व युद्ध हुआ । अन्तत : वॉकर घायल होकर युद्ध के मैदान से भाग निकला । अब झाँसी पर लक्ष्मीबाई का अधिकार हो गया । फिर कालपी की ओर लक्ष्मीबाई बढ़ गई जहाँ अंग्रेजों ने अपना शासन स्थापित कर रखा था । कालपी झाँसी से सौ मील दूर होने के कारण रानी लक्ष्मीबाई का घोड़ा थककर गिर गया और मर गया । यमुना के किनारे कालपी के मैदान में पुनः अंग्रेजों की हार हुई । कालपी पर विजय के बाद रानी ने ग्वालियर पर अधिकार कर लिया । जहाँ अंग्रेजों का मित्र सिन्धिया ने अंग्रेज के डर से राजधानी छोड़कर भाग खड़ा हुआ ।
जनरल स्मिथ ने अपनी सेना के साथ रानी से युद्ध करना आरम्भ किया तो स्मिथ की भी हार हुई । इसके बाद घरोज ने अपनी सेना लेकर रानी को घेर लिया । रानी ने वीरतापूर्वक लड़कर ह्यूरोज की सेना को काटते मारते आगे बढ़ गई । एक नाला आगे आ पड़ी जिसको घोड़ा पार नहीं कर रूक गया । पीछे से यूरोज ने अपनी सेना के साथ आकर रानी पर वार करने लगा । रानी लड़ते – लड़ते वीर गति को प्राप्त कर गई ।

गतिविधि

1. प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख वीरों की चित्रावली बनाकर प्रत्येक चित्र के साथ उसका संक्षिप्त परिचय दीजिए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें ।

2.प्रथम भारतीय स्वाधीनता – संग्राम के क्या कारण थे ? अध्यापक से ज्ञात कीजिए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें ।

3 . पाठ में आए पात्रों के बीच हुए संवाद को अपनी भाष में लिखिए तथा अभिनय कीजिए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें ।

4. नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिनमें पद्य – भाषा को गद्य – भाषा में लिखा गया है

प्रश्न –

पद्द भाषा: बुंदेले हर बोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी ।

उत्तर -गद्य भाषा : बुंदेलवासियों के मुँह हमने कहानी सुनी थी ।

प्रश्न -वीर शिवाजी की गाथाएँ । उसको याद जुबानी थी ।

उत्तर -गद्य भाषा : वीर शिवाजी की गाथाएँ उसको जबानी याद थी ।

 

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