10 Science

bihar board class 10 science notes | अम्ल, क्षारक एवं लवण

bihar board class 10 science notes | अम्ल, क्षारक एवं लवण

                                       पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष
दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल
लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे
करेंगे?
उत्तर-सबसे पहले प्रत्येक परखनली में हम लाल लिटमस पत्र की पट्टी डालते हैं। किसी
एक परखनली में लिटमस पत्र का रंग नीला हो जाएगा। इससे यह सिद्ध होता है कि उस परखनली में क्षारकीय विलयन है। शेष दोनों बची हुई परखनलियों में एक में आसवित जल है तथा एक में अम्लीय विलयन है। इन दोनों ही परखनलियों के लिटमस पत्र का रंग लाल ही रहता है। अब हम पहचानी गई परखनली से क्षारीय विलयन को बाहर निकालते हैं ताकि इसमें विलयन
की थोड़ी-सी मात्रा ही बची रह जाए। अब इस परखनली में शेष बची हुई परखनलियों में से
किसी एक के विलयन को डालते हैं। दो बातें हो सकती हैं-
(i) लिटमस पुनः लाल हो जाता है- इससे यह साबित होता है कि इस परखनली में
अम्लीय विलयन था तथा अंतिम परखनली में आसवित जल है।
(ii) लिटमस नीला ही रह सकता है-इससे यह साबित होता है कि डाला गया विलयन
आसवित जल था तथा अंतिम परखनली में अम्लीय विलयन है।
                                        क्रियाकलाप 2.1
• विज्ञान की प्रयोगशाला से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI), सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4),
नाइट्रिक अम्ल (HNO3), ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH),
कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड ([Ca(OH)2), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH), मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
([Mg(OH)2]) एवं अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) के नमूने एकत्र कीजिए।
• ऊपर दिए गए प्रत्येक विलयन की एक बूंँद वाच ग्लास में रखिए एवं सारणी 2.1 के
अनुसार निम्नलिखित सूचकों से उसकी जाँच कीजिए।
लाल लिटमस, नीले लिटमस, फेनॉलप्थेलिन एवं मेथिल ऑरेंज बिलयन के साथ लिए गए
विलयन के रंग में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
प्रश्न-अपने प्रेक्षण को सारणी 2.1 में लिखिए।
उत्तर-
                                        क्रियाकलाप 2.2
क्रियाकलाप पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1. तनु HCI एवं तनु NaOH के साथ लौंग के तेल तथा वैनिला की गंध में आए
परिवर्तनों की जाँच कीजिए।
उत्तर-(निर्देश : छात्र शिक्षक की देख-रेख में आए परिवर्तनों की जाँच करें तथा अपने
प्रेक्षणों को दी गई सारणी में दर्ज करें।)
                                  क्रियाकलाप 2.3
चित्र 2.1 के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
एक परखनली में लगभग 5 ml तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लीजिए एवं इसमें दानेदार जिंक
के टुकड़े डालिए।
प्रश्न 1. दानेदार जिंक के टुकड़ों की सतह पर आप क्या देखते हैं ?
उत्तर-गैस के बुलबुले।
• उत्सर्जित-गैस को साबुन के विलयन से प्रवाहित कीजिए।
प्रश्न 2: साबुन के विलयन में बुलबुले क्यों बनते हैं ?
उत्तर-जिक एवं सल्फ्यूरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के दौरान निर्मित गैस प्रवाह नली
से होकर साबुन के विलयन में पहुंचती है। इस कारण से बुलबुले बनते हैं।
• जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के पास ले जाइए।
प्रश्न 3. आप क्या प्रेक्षण करते हैं ?
उत्तर-बुलबुलों के फूटने पर उनके अंदर की गैस फट-फट की ध्वनि के साथ जलने लगती है।
• कुछ अन्य अम्ल जैसे HCI, HNO3 एवं CH3COOH के साथ यह क्रियाकलाप दोहराइए।
प्रश्न 4. प्रत्येक स्थिति में प्रेक्षण समान है या भिन्न ?
उत्तर-समान।
                                 क्रियाकलाप 2.4
• एक परखनली में जिंक के कुछ दानेदार टुकड़े रखिए।
• उसमें 2 ml सोडियम हाइड्रॉक्साइड का घोल मिला कर उसे गर्म कीजिए।
• तत्पश्चात, क्रियाकलाप 2.3 के अनुसार क्रियाओं को दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को
लिखिए।
उत्तर-(i) दानेदार जिंक के टुकड़ों की सतह पर गैस के बुलबुलों का निर्माण होता है।
(ii) बुलबुले फटते हैं तथा उनके नजदीक जलती हुई मोमबत्ती लाने पर उसके अंदर की
गैस फट-फट की ध्वनि के साथ जलने लगती है।
                                           क्रियाकलाप 2.5
• दो परखनलियाँ लीजिए। उन्हें ‘A’ एवं ‘B’ से नामांकित कीजिए।
• परखनली ‘A’ में लगभग 0.5g सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) लीजिए एवं परखनली
‘B’ में 0.5g सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (NaHCO3) लीजिए।
• दोनों परखनलियों में लगभग 2 ml तनु HCI मिलाइए।
• आपने क्या निरीक्षण किया ?
उत्तर-एक गैस का निर्माण होता है।
• पाठ्यपुस्तक में दिए गए चित्र के अनुसार प्रत्येक स्थिति में उत्पादित गैस को चूने के
पानी (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन) से प्रवाहित कीजिए एवं अपने निरीक्षणों
को अभिलिखित कीजिए।
उत्तर-चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
                                            क्रियाकलाप 2.6
• परखनली में लगभग 2 mLNaOH का घोल लीजिए एवं उसमें दो बूंदें फोनॉल्फथैलिन
विलयन डालिए।
प्रश्न 1. विलयन का रंग क्या है?
उत्तर-गुलाबी।
• इस विलयन में एक-एक बूंद तनु HCL विलयन मिलाइए ।
प्रश्न 2. क्या अभिक्रिया मिश्रण के रंग में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर-हाँ। यह धीरे-धीरे रंगहीन हो जाता है।
प्रश्न 3. अम्ल मिलाने के बाद फीनॉल्फथैलिन का रंग क्यों बदल गया?
उत्तर-अम्ल, क्षारक के प्रभाव को खत्म कर देता है।
• अब उपरोक्त मिश्रण में NaOH की कुछ बूंदें मिलाइए।
प्रश्न 4. क्या फीनॉल्फथैलिन पुनः गुलाबी रंग का हो गया ?
उत्तर-हाँ।
प्रश्न 5. आपके विचार से ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर-NaOH मिलाने के बाद विलयन पुनः क्षारीय हो जाता है।
                                    क्रियाकलाप 2.7
• बीकर में कॉपर ऑक्साइड की अल्प मात्रा लीजिए एवं हिलाते हुए धीरे-धीरे, तनु
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाइए।
प्रश्न-विलयन के रंग पर ध्यान दीजिए। कॉपर ऑक्साइड का क्या हुआ?
उत्तर-कॉपर ऑक्साइड HCI के साथ अभिक्रिया करके CuCI2 बनाता है।
                                       पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखना चाहिए?
उत्तर-दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल होता है। अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके
लवण एवं हाइड्रोजन गैस बनाते हैं। अतः, यदि ऐसे पदार्थों को ताँबे के बर्तनों में रखा जाता है
तो अम्ल की अभिक्रिया के कारण बर्तन संक्षारित हो जाएगा।
प्रश्न 2. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती
है ? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर-जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो प्रायः हाइड्रोजन गैस
निर्मित होती है। उदाहरण के लिए, जिंक तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया को लेते हैं।
चित्र 2.1 के अनुरूप उपकरण को व्यवस्थित कीजिए। एक परखनली में लगभग 5ml
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लेकर उसमें दानेदार जिंक के कुछ टुकड़े डालिए । प्रवाह नली को परखनली में कसकर बंद कर दीजिए ताकि निर्मित गैस साबुन के विलयन से होकर गुजरे । निर्मित गैस से भरे हुए साबुन के बुलबुले विलयन से बाहर निकलते हैं। एक जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के संपर्क में लाने पर बुलबुले में उपस्थित गैस फट-फट की तेज़ ध्वनि के साथ जलने लगती है। इससे साबित होता है कि जिंक तथा सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया के दौरान उत्सर्जित गैस हाइड्रोजन है।
 
 
चित्र 2.1 दानेदार जिंक के टुकड़ों के साथ तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया एवं ज्वलन
                द्वारा हाइड्रोजन गैस की जांँच
प्रश्न 3. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता
है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि
उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित
रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर-CaCO3 + 2HCI → CaCl2 + H2O + CO2
                                               क्रियाकलाप 2.8
• ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए।
• एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 ml. के बीकर में रख दीजिए।
• चित्र 2.3 के अनुसार कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ
एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए।
• अब बीकर में थोड़ा तनु HCI डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए।
• इंसी क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ दोहराइए।
प्रश्न 1. आपने क्या प्रेक्षण किया ?
 उत्तर-तनु नाइट्रिक अम्ल तथा तनु सल्फ्यूरिक अम्ल विद्युत चालन करते हैं।
प्रश्न 2. इन परीक्षणों को ग्लूकोज एवं ऐल्कोहल के विलयनों के साथ अलग-अलग
दोहराइए। अब आपने क्या प्रेक्षण किया ?
उत्तर-ग्लूकोज विद्युत चालन नहीं करता है। ऐल्कोहल भी विद्युत चालन नहीं करता है।
प्रश्न 3. बल्ब क्या प्रत्येक स्थिति में जलता है ?
उत्तर-नहीं।
                                               क्रियाकलाप 2.9
• एक स्वच्छ एवं शुष्क परखनली में लगभग 1g ठोस NaCI लीजिए तथा पाठ्यपुस्तक
में चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
• परखनली में कुछ मात्रा में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल डालिए।
प्रश्न 1. आपने क्या प्रेक्षण किया ? क्या निकास नली से कोई गैस आ रही है ?
उत्तर-जब सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाया जाता है तो बुलबुलों का निर्माण होता है। हाँ, एक
गैस निकास नली से बाहर आ रही है।
• इस प्रकार उत्सर्जित गैस की सूखे तथा नम नीले लिटमस पत्र द्वारा जाँच कीजिए।
प्रश्न 2. किस स्थिति में लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित होता है ?
उत्तर-आर्द्र लिटमस अपना रंग बदल लेता है (नीला से लाल)।
प्रश्न 3. उपरोक्त क्रियाकलाप के आधार पर आप निम्न के अम्लीय गुण के बारे में
क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
(i) शुष्क HCI गैस (ii) HCI विलयन ?
उत्तर-(i) शुष्क HCI गैस अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करती है।
(ii) HCI विलयन अम्लीय गुण प्रदर्शित करता है।
                                           क्रियाकलाप 2.10
• एक बीकर में 10 ml जल लीजिए।
• इसमें एक बूंँदें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की डालकर बीकर धीरे-धीरे घुमाइए।
• बीकर के आधार को स्पर्श कीजिए।
प्रश्न 1. क्या तापमान में कोई परिवर्तन आया ?
उत्तर-हाँ।
प्रश्न 2. यह प्रक्रिया क्या ऊष्माक्षेपी अथवा ऊष्माशोषी है ?
उत्तर-यह प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी है।
उपर्युक्त क्रियाकलाप को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ दोहराइए अपने प्रेक्षण को
लिखिए।
                                              पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. HCI, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित
करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के
अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं ?
उत्तर-HCI, HNO3 आदि में उत्सर्जन योग्य H+ होते हैं। जब उन्हें जल में घुलाया जाता
है तो H+ आयन अलग हो जाते हैं तथा अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं। ऐल्कोहॉल तथा
ग्लूकोज में ऐसा कोई उत्सर्जन योग्य H+ आयन नहीं होता।
प्रश्न 2. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है ?
उत्तर-जल में घुलने पर अम्ल वियोजित होकर आयनों का निर्माण करता है। उदाहरण के लिए,
                         HCl + H2O→ Cl- +H3O+
ये आयन विद्युत के चालन के लिए उत्तरदायी होते हैं।
प्रश्न 3. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं
बदलती है?
उत्तर-शुष्क हाइड्रोक्लोरिक अम्ल वियोजित होकर H+ आयन नहीं देता है। अतः, यह
अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करता है।
प्रश्न 4. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को
जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में ?
उत्तर-जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यधिक ऊष्माक्षेमी होती है। जल
में सांद्र नाइट्रिक अम्ल या सल्फ्यूरिक अम्ल को मिलाते समय अत्यधिक सावधानी रखनी चाहिए।
अम्ल को हमेशा धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए। सांद्र अम्ल
में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण छलककर बाहर आ सकता है तथा व्यक्ति
जल सकता है। साथ ही अत्यधिक स्थानीय ताप के कारण काँच का पात्र भी टूट सकता है।
प्रश्न 5. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (1,0) की
सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर-हाइड्रोनियम (H3O+) आयन की सांद्रता कम हो जाती है।
प्रश्न 6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षारक मिलाते हैं तो
हाइड्रॉक्साइड आयन (OH-) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर-हाइड्रॉक्सिल (OH-) समूह की सांद्रता बढ़ जाती है।
                                       क्रियाकलाप 2.11
• दी गई सारणी 2.2* में विलयन के pH मानों की जाँच कीजिए।
प्रश्न 1. अपने प्रेक्षणों को लिखिए।
उत्तर-सारणी 2.2 देखें।
प्रश्न 2. आपके प्रेक्षणों के आधार पर प्रत्येक पदार्थ की प्रकृति क्या है ?
उत्तर-सारणी 2.2 देखें।
                                      क्रियाकलाप 2.12
• एक परखनली में लगभग 2g मिट्टी रखिए एवं उसमें 5 ml जल मिलाइए।
• परखनली की सामग्री को हिलाइए।
• सामग्रियों को छानिए एवं परखनली में निस्यंद एकत्र कीजिए।
• सार्वत्रिक सूचक पत्र की सहायता से इस निस्पंद के pH की जाँच कीजिए।
प्रश्न-अपने क्षेत्र में पौधों के उपयुक्त विकास के लिए आदर्श मिट्टी के pH के संबंध
में आपने क्या निष्कर्ष निकाला?
उत्तर-आदर्श मिट्टी के लिए आदर्श pH परास 7 से 7.6 है।
                                              पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है.
एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक
है ? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय ?
उत्तर-विलयन ‘A’ में ‘H+’ आयन का अधिक सांद्रण है। अतः, विलयन ‘A’ अम्लीय है
तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय है।
प्रश्न 2.H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-जैसे जैसे H+ आयन का सांद्रण बढ़ता जाता है, विलयन और अधिक अम्लीय होता जाता है।
प्रश्न 3. क्या. क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं ? अगर हाँ, तो यह
क्षारकीय क्यों होते हैं ?
उत्तर-ये H+ आयन जल से आते हैं।
प्रश्न 4. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना
(कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चाँक (कैल्सियम
कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर-यदि कोई किसान यह पाता है कि उसके खेत की मिट्टी अम्लीय हो चुकी है, तो
उसे मिट्टी को उदासीन बनाने के लिए क्षारकों का उपयोग करना चाहिए।
                                          क्रियाकलाप 2.13
प्रश्न 1. नीचे दिए गए लवणों के सूत्र लिखिए : पोटैशियम सल्फेट, सोडियम सल्फेट,
कैल्सियम सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम क्लोराइड, सोडियम
नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट एवं अमोनियम क्लोराइड।
प्रश्न 2. उन अम्ल एवं क्षारकों की पहचान कीजिए जिससे उपरोक्त लवण प्राप्त किये
जा सकते हैं।
प्रश्न 3. समान धन या ऋण मूलक वाले लवणों को एक ही परिवार का कहा जाता
है। जैसे, NaCl एवं Na,so., सोडियम लवण के परिवार का है। इसी प्रकार NaCl एवं
KCI क्लोराइड लवण के परिवार के हैं। इस क्रियाकलाप में दिए गए लवणों में आप कितने
परिवारों की पहचान कर सकते हैं ?
उत्तर-सल्फेट लवण : K2SO4, Na2SO4, CaSO4, MgSO4, CuSO4
क्लोराइड लवण : NaCl, NH4 Cl
सोडियम लवण : Na2SO4, NaCl, Na2CO3, NaNO3
                                          क्रियाकलाप 2.14
• निम्नलिखित लवणों के नमूने एकत्र कीजिए-
• सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम नाइट्रेट, ऐलुमिनियम क्लोराइड, जिंक सल्फेट, कॉपर
सल्फेट, सोडियम ऐसीटेट, सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजन-कार्बोनेट (कुछ
अन्य लवण जो उपलव्य हों)
• जल में इनकी विलेयता की जाँच कीजिए (केवल आसवित जल का उपयोग कीजिए।)
• लिटमस पर इन विलयनों की क्रिया की जाँच कीजिए एवं pH पेपर का उपयोग कर
   इनके pH के मान का पता लगाइए।
प्रश्न 1. कौन-सा लवण अम्लीय, क्षारकीय या उदासीन हैं ?
उत्तर-सारणी 2.4 देखें।
• लवण बनाने के लिए उपयोग होने वाले अम्ल या क्षारक की पहचान कीजिए।
प्रश्न-अपने प्रेक्षणों को सारणी 2.4 में लिखिए।
उत्तर-सारणी 2.4 देखें।
                                       क्रियाकलाप 2.15
• कॉपर सल्फेट के कुछ क्रिस्टल को शुष्क क्वथन नली में गर्म कीजिए।
प्रश्न 1. गर्म करने के बाद कॉपर सल्फेट का रंग क्या है ?
उत्तर-श्वेत।
प्रश्न 2. क्वथन नली में क्या जल की बूंँदें नजर आती हैं ? ये कहाँ से आयीं ?
उत्तर-हाँ, ये कॉपर सल्फेट क्रिस्टल से आयीं ।
• गर्म करने के बाद प्राप्त कॉपर सल्फेट के नमूने में जल की 2-3 बूंँदें डालिए।
प्रश्न 3. आप क्या प्रेक्षण करते हैं? क्या कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है ?
उत्तर-जल मिलाने पर, कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है।
                                              पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. CaOCI2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है ?
उत्तर-विरंजक चूर्णी
प्रश्न 2. उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर-शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2]|
प्रश्न 3: कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया
जाता है ?
उत्तर-धोने का सोडा, अर्थात् सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3)|
प्रश्न 4. सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस
अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट को गर्म करने पर निम्नलिखित अभिक्रिया होती है :
                2NaHCO3  गर्म करने पर ― Na2CO3 + H20 + CO2
(सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट)                      (सोडियम कार्बोनेट)
प्रश्न 5. प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-CaSO4 1/2H2O + 1/2H2O →  CaSO4 2H20
                                                  अभ्यास
प्रश्न 1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a)1
(b)4
(c)5
(d) 10                                           उत्तर-(d) 10
प्रश्न 2. कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न
करता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देता है। इस विलयन में क्या होगा?
  (a) NaCl     (b) HCL    (c) LiCl     (d) KCI                उत्तर-(b) HCl
प्रश्न 3.NaOH का 10 ml विलयन, HCI के 8 ml विलयन से पूर्णत: उदासीन हो जाता
है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के
उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4ml
(b) 8ml
(C) 12ml
(d) 16 ml                           उत्तर-(d) 16ml
प्रश्न 4. अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है ?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)                       उत्तर-(c) ऐन्टैसिड
प्रश्न 5. निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद
संतुलित समीकरण लिखिए :
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर-(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल + जिंक – जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
H2SO4(aq) + Zn→ ZnSO4(aq) + H2(g)
(b) तनु हाइडोक्लोरिक अम्ल + मैग्नीशियम – मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
2HCI (aq) + Mg →MgCl2(aq) + H2(g)
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल + ऐलुमिनियम ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
3H2SO4 (aq) + 2AI (s)→AI2(SO4)3(aq) + 3H2(g)
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल + लोहा → फेरस क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस’
6HCI (aq) + 3Fe(s)- 3FeCl3(aq) + 3H2(s)
प्रश्न 6. ऐल्कोहल एवं ग्लूकोज जैसे
यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन
इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है।
एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए।
उत्तर-दिए गए चित्र के अनुसार उपकरणों
को व्यवस्थित किया जाता है।
बीकर में ग्लूकोज का विलयन डालकर
उससे विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। बल्ब
नहीं जलता है। इसका मतलब है कि ग्लूकोज
आयनों में विघटन नहीं होता है। अत: ग्लूकोज
एक अम्ल नहीं है। उसी तरह ऐल्कोहल भी एक
अम्ल नहीं है।
                                           चित्र-2.2 जल में अम्ल का विलयन विद्युत चालन करता है
प्रश्न 7. आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है ?
उत्तर-आसवित जल आयनों में विघटित नहीं होता है। अतः, यह विद्युत का चालन नहीं
करता है। वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड घुली हुई होती है जो कार्बोनिक अम्ल बनाती है।
co2+H2O →H2CO3
यह कार्बोनिक अम्ल अम्लों में विघटित हो जाता है।
ये आयन वर्षा जल द्वारा विद्युत का चालन कर पाने के लिए उत्तरदायी हैं।
प्रश्न 8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर-जल की अनुपस्थिति में अम्ल विघटित नहीं होता है। अतः यह अम्लीय व्यवहार नहीं
प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 9. पाँच विलयनों A,B,C,D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती
है तो pH के मान क्रमशः 4,1, 11,7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन :
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है? (e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-(a) D,(b)C,(c) B,(d) A,(e)E
H+ आयन की सांद्रता का बढ़ता क्रम :
C(11)<E (9) <D(7)<A(4)<B(1)
प्रश्न 10. परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए।
परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (ICI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसीटिक अम्ल
(CH3COOH) डालिए। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों ?
उत्तर-परखनली ‘A’ में बुबुदाहट अधिक तेजी से होती है क्योंकि HCI एक शक्तिशाली
अम्ल है तथा अधिक विघटित होता है।
प्रश्न 11. ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान
में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर-दही खट्टा होता है, इसका अर्थ है कि इसका pH6 से कम हो जाएगा।
प्रश्न 12. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजे दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है ?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर-(a) बेकिंग सोडा की प्रकृति क्षारीय होती है अतः इसे मिलाने पर दूध क्षारीय हो जाता है।
(b) क्योंकि दही बनने के लिए अम्लीय परिस्थितियों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 13. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए ? इसकी
व्याख्या कीजिए।
उत्तर-प्लास्टर ऑफ पेरिस आसानी से जल को अवशोषित कर लेता है तथा कठोर जिप्सम
का निर्माण करता है, अतः यदि प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में नहीं रखा जाता है
तो इसकी पूरी मात्रा जिप्सम में बदल जाएगी।
प्रश्न 14. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-किसी अम्ल तथा क्षार की अभिक्रिया, जिसमें लवण तथा जल प्राप्त होते हैं, उसे
उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
NaOH(aq) + HCI (aq) + NaCl(aq) + H2O (1)
Ca(OH)2(aq) + H2SO4(aq)- CaSO4, +2H2O
प्रश्न 15. धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर-धाने के सोडे का उपयोग :
(i) सोडियम कार्बोनेट (धोने का सोडा) का उपयोग काँच, साबुन तथा कागज उद्योग में
किया जाता है।
(ii) इसका उपयोग सोडियम यौगिकों, जैसे बोरेक्स के निर्माण में किया जाता है।
बेकिंग सोडे का उपयोग :
(i)सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट का उपयोग ऐन्टेसिड के संघटक के रूप में किया जाता है। क्षारीय होने के कारण यह उदर में अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन बनाकर राहत पहुंँचाता है।
(ii) इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।

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