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याददाश्त कम होने के कारण और इसे बढ़ाने के तरीके

हमारे खान- पान का असर हमारे शरीर के साथ साथ हमारी याददाश्त पर भी पड़ता है। अगर हमारे दिमाग को कुछ जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते तो वह कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से हमारी याददाश्त भी कमजोर हो जाती है। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपनी याददाश्त को बढ़ा सकते है।

याददाश्त कम होने के कारण:

मोबाइल का प्रयोग : कम्प्यूटर व मोबाइल का अधिक प्रयोग भी इसकी एक वजह है। इनसे निकलने वाली तरंगों के कारण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है। ऐसे में मेलोट्रिनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव बहुत कम हो जाता है जिससे उनमें अनिद्रा की दिक्कत होने लगती है जो आगे चलकर याददाश्त को कमजोर करती है।

नशे की लत : शराब या सिगरेट को भी आजकल युवा अपने स्टेटस सिंबल से जोड़ते है। इससे धीरे-धीरे मस्तिष्क में डोपामाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव कम होने लगता है। डोपामाइन का मुख्य कार्य शरीर की कार्यप्रणाली को सही तरीके से चलाना है। इसकी कमी से याददाश्त कमजोर होने लगती है।इसके अलावा अत्यधिक अल्कोहल लेने से लिवर पर भी विपरीत असर पड़ता है। जिससे अमोनिया व यूरिया की मात्रा खून में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पूरी तरह विक्षिप्त होने का खतरा रहता है जिससे व्यक्ति की याददाश्त पूरी तरह भी जा सकती है। शराब के अलावा अन्य मादक पदार्थों के नशे से मस्तिष्क में ऐपिनेफ्रिन व नोरऐपिनेफ्रिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव रुक जाता है। इस वजह से भी भविष्य में व्यक्ति की याददाश्त पूरी तरह जा सकती है।

एकाकी परिवार – संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवार में रहने से युवाओं पर व्यावसायिक और सामाजिक बोझ बढ़ता है। इसके कारण कई बार मस्तिष्क में हार्मोन न्यूरोट्रांसमीटर व विद्युत तरंगों की कार्यप्रणाली अनियंत्रित हो जाती है। ऐसे में ल्यूकोट्रिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव बढऩे लगता है जो दिमाग पर बुरा असर डालता है।

शिक्षा का बढ़ता बोझ – उच्च शिक्षा के लिए अच्छे कॉलेजों में दाखिला या सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा देना अनिवार्य है। ज़्यादा तनाव लेने से सेरोटिनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव ज्यादा होता है। जिसके कारण न्यूरोन्स को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है। कई बार ऐसी परीक्षाओं में विफलता के कारण और मस्तिष्क की निष्क्रियता के चलते याददाश्त की कमी के साथ-साथ अवसाद की भी समस्या सामने आ जाती है।

सडक़ दुर्घटनाएं – कई बार दुर्घटना में सिर में चोट आने से व्यक्ति को मिर्गी की समस्या हो जाती है। लगातार पडऩे वाले मिर्गी के दौरे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को पूरी तरह अव्यवस्थित कर देते हैं। जिससे याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ता है।




याददाश्त को बढ़ाने  में  मद्दद  मिलेगा :-

अच्छी नींद ले – नियमित रूप से 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए इससे आपका दिमाग शांत रहता है। जिससे आपकी क्षमता बढ़ सकती है और आप तरोताजा भी महसूस करेंगे।

नारियल का तेल – नारियल का तेल हमारे दिमाग की कोशिकाओं को ईंधन देता है। जिससे हमारी याददाश्त बढ़ती है। आप इसे खाने में प्रयोग कर सकते है। इसके अलावा आप नियमित रूप से नारियल के तेल से अपने सिर की मालिश करें।

कद्दू के बीज – कद्दू के बीज में भरपूर मात्रा में जिंक पाया जाता है। इसलिए यह दिमाग के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। कद्दू के बीज के सेवन से आपको अच्छी नींद भी आती है।

अखरोट- अखरोट भी दिमाग के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह दिमाग में होने वाली कमजोरी से लड़ता है। रोज सुबह नियमित रूप से 20 ग्राम अखरोट का सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है।

बादाम – बादाम में एंटी ऑक्सीडेंट और ओमेगा 3 एसिड पाया जाता है, जो कि हमारी मेमोरी को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आप रात को 4-5 बादाम भिगोकर सुबह उनका छिलका उतार कर उसे दूध के साथ खाएं।

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