क्या होती है Z, X कैटेगिरी सुरक्षा?
क्या होती है Z, X कैटेगिरी सुरक्षा?
अति विशिष्ट लोगों को सुरक्षा के घेरे में चलते हुए तो आपने बहुत देखा होगा। आपने Z सिक्योरिटी, Y सिक्योरिटी जैसी श्रेणियों के बारे में भी सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये श्रेणियां वास्तव में होती क्या हैं और किस आधार पर सुरक्षा प्रदान की जाती है? अगर नही तो हम आपको यहां विस्तार से इस बारे में बताने जा रहे हैंः
कैसे मिलती है सुरक्षा?
Z,Xअगर किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति या नेता को जान का खतरा हो तो उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। ये सुरक्षा मंत्रियों को मिलने वाली सुरक्षा से अलग है। संबंधित व्यक्ति इस बारे में सरकार से आवेदन करता है और सरकार खुफिया एजेंसियों के जरिए पता लगाती है कि खतरे की बात में कितनी सच्चाई है। यदि खतरे की पुष्टि होती है तो सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की समिति यह तय करती है कि संबंधित व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। हालांकि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जज, राज्यों के गवर्नर, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री अपने आप ही सुरक्षा के पात्र हो जाते हैं।
कौन करता है सुरक्षा?
पुलिस के साथ साथ कई एजेंसियां हैं जो वीआईपी, वीवीआईपी को सुरक्षा कवर मुहैया कराती हैं। जैसे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एनपीजी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड एनएसजी, भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ। वैसे तो विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से जेड प्लस सुरक्षा लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है उसे देखते हुए सीआईएसएफ को भी यह काम सौंपा जा रहा है। मौजूदा वक्त में एनएसजी 15 लोगों को जेड प्लस सुरक्षा दे रही है, जबकि सीआईएसएफ भी कुछ को यह सुरक्षा मुहैया करा रही है।
क्या होती हैं श्रेणियां?
जेड प्लसः इसके तहत 36 जवानों को सुरक्षा में लगाया जाता है, जिसमें 10 से अधिक एनएसजी कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। अधिकतर नेता इस सुरक्षा घेरे की जुगत में लगे रहते हैं।
जेडः इस श्रेणी में 22 जवान सुरक्षा मुहैया कराते हैं, जिसमें 5 एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस अधिकारी होते हैं।
वाईः इसमें संबंधित व्यक्ति को 11 जवानों का सुरक्षा कवच मिलता है, जिसमें 1 या 2 एनएसजी कमांड और पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
एक्सः 5 या 2 जवानों वाले इस सुरक्षा कवच में केवल सशस्त्र जवान ही शामिल होते हैं।