Biography

sourav ganguly biography in hindi – सौरव गांगुली का जीवनी

sourav ganguly biography in hindi – क्रिकेटर सौरव गांगुली का जीवन परिचय

sourav ganguly biography in hindi

आज हम बात करने जा रहे है भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली का, इनका  जन्म 8 जुलाई 1972 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको सौरव गांगुली की जीवनी  के बारे में बताने जा रहे हैं।गांगुली का जन्म बंगाल में एक शाही परिवार में हुआ था.इनके पिता का नाम श्री चंडीदास और माताजी का नाम निरूपा गांगुली हैं. सौरव गांगुली के पिता एक बिजनेसमैन थे. इनके बड़े भाई का नाम स्नेहाशीष गांगुली था . सौरव गांगुली के बड़े भाई ही सौरव को क्रिकेट की दुनिया में लायें थे. क्रिकेट की दुनिया में आने से पूर्व सौरव गांगुली नें अपने कैरियर की शुरुआत स्कूल और राज्य (बंगाल) की तरफ से खेलतें हुए की. इनके नाम क्रिकेट में अनेक रिकाडर्स है और आज भारत ही नहीं विदेशो में भी लोगो के जुबान पर सौरव का नाम आता हैं.सौरव का विवाह सन 1997 में डोना गांगुली से हुआ. शादी के बाद घर में एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम सना गांगुली है. सौरव गांगुली ने पहला टेस्ट मैच 20 जून 1996 को इंगलैंड के खिलाफ खेला था. इनकी टेस्ट कैप का नंबर 207 था. सौरव ने अपना अंतिम टेस्ट 6 नवम्बर 2008 को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला था.

सौरव गांगुली का करियर:-

सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के पिता इनको इंजीनियर या डॉक्टर बनाना चाहते थे | जब स्कूली शिक्षा के लिये सौरव को कोलकाता (Kolkata) के  St. Xaviersस्कूल में दाखिल किया गया | बंगाल में फुटबॉल काफ़ी ज़्यादा लोकप्रिय हैं | तो इस दौरान उन्होंने फुटबॉल में रूचि लेना शुरू कर दिया और वह फुटबॉल खेलने की ओर आकर्षित होने लगे | परन्तु बाद में अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली के कहने पर सौरव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया | गांगुली ने बचपन के दिनों में ही अपने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी से सबका ध्यान अपनी और आकर्षित किया  | इस दौरान उन्होंने Bengal Under-15 Team की ओर से खलेते हुए उड़ीसा (Orissa) के खिलाफ शतक बना दिया | रणजी ट्राफी, दीलीप ट्राफी (Ranji Trophy, Duleep Trophy) आदि में  बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को 1992 में वेस्टइंडीज दौरे के लिये भारतीय टीम शामिल किया गया | इस दौरे में 11 जनवरी 1992 को उन्होंने ब्रिसबर्न में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला |इस दौरे में उन्हें केवल एक ही मैच खेलने का मौका मिला और उसमें उन्होंने मात्र 3 रन बनाए | उनका यह दौरा फ्लॉप रहा | इसके बाद उन्होंने अपना पहला टेस्ट 1996 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड (England) के खिलाफ खेला था !  सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ऑफ साइड पर बेहतरीन शॉट खेला करते थे | उन्हें जब टेस्ट टीम में शामिल किया गया तो उनकी तीखी आलोचना हुई | कहा गया की कोटा सिस्टम के कारण उसे टीम में शामिल किया गया हैं | लेकिन गांगुली ने अपनी पहली ही दो टेस्ट पारियो में शतक बनाकर सबके मुँह बंद कर दिये | यही नहीं उन मैचों में सौरव ने अधिक विकेट लेकर मैन ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार भी जीत लिया ! शुरू में गांगुली को उनके ऑन साइड शॉट ना खेलने के कारण उन्हें सिर्फ टेस्ट योग्य ही समझा जाता था | पर जल्द ही सौरव ने अपनी कमज़ोरी पर विजय प्राप्त करली | और 1997 में टोरंटो में हुए सहारा कप में  पाकिस्तान के खिलाफ शानदार खेलते हुए | हर भारतीय के दिल में अपनी शानदार जगह बना ली ! सौरव ने 75 गेंदों में शानदार 75 रन बनाए और उसी मैच में 16 रन देकर 5 विकेट भी हासिल किये | उनका यह बेहतरीन आलराउंडर प्रदर्शन था, उन्होंने टोरंटो में चार बार मैन ऑफ़ द मैच जीता इसी कारण उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया ! वह अनेक बार सचिन तेंदुलकर के साथ ओपनिंग खिलाड़ी के रूप में खेले हैं  ! सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की मुख्य समस्या विकेट के बीच मे भागने की हैं वह एक एक रन लेने की बजाय चौका छक्का मारने मे ज़्यादा विश्वास रखते थे ! सौरव को श्रीलंका के खिलाफ खेली गयी सीरीज मे भी मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया |1997 में एकदिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने के कारण वर्ष का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ घोषित किया गया | उनके शतक की बदौलत ही भारत ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ सर्वाधिक  314 रन का स्कोर एकदिवसीय मैच में बना सका | एकदिवसीय मैच में उनकी सचिन तेंदुलकर के साथ 252 रन की पार्टनरशिप आज तक का सर्वाधिक ऊँचा रिकॉर्ड हैं | एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी विश्व की चौथे नम्बर की बेहतरीन जोड़ी हैं ! फ़रवरी 2000 को सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया | इसके बाद वह टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में लम्बे समय तक भारतीय टीम का नेतृत्व करते रहे | सौरव की कप्तानी में वर्ष 2003 भारतीय टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी जहा उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथो हार का सामना करना पड़ा था | वर्ष 2007 में ख़राब प्रदर्शन के कारण तथा भारतीय टीम के कोच ग्रेग चैपल से मनमुटाव के कारण उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा ! इसके बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फोर्मट्स से सन्यास ले लिया | इसके बाद वह आईपीएल टूर्नामेंट में Kolkata Knight Riders की तरफ से खेले यहां भी उनका मनमुटाव हो गया इसके बाद उन्होंने पुणे वारियर टीम ज्वाइन कर ली परन्तु कुछ समय बाद उन्होंने आईपीएल को भी अलविदा कह दिया अब वह आईपीएल की टीम दिल्ली कैपिटल के कोच  हैं ! और अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)  के अध्यक्ष बने है ।

भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान

गांगुली विदेशों में भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं, इस दौरान उन्होंने 28 मैचों कप्तानी की है जिसमें भारत 11 मैच जीतने में कामयाब रहा है। बता दें कि सौरव गांगुली ने भारत की ओर से 49 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है जिसमें 21 मैचों में जीत और 13 मैचों में हार मिली है। इसके अलावे वनडे में गांगुली ने 146 मैचों में कप्तानी की है जिसमें 76 मैचों में जीत और 65 मैचों में हार मिली है।

सौरव गांगुली का आईपीएल करियर

सौरव गांगुली ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत वर्ष 2008 में कोलकाता नाइट राइडर्स  टीम के कप्तान के रूप में की थी। वह वर्ष 2008 से 2010 तक कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) टीम के लिए खेले और उसके बाद वह साल 2011 में पुणे वारियर्स इंडिया  के लिए भी खेले थे । उन्होंने अपने आईपीएल कैरियर में खेले 59 मैचों में 25.45 के औसत के साथ 1349 रन बनाये हैं, जिसमें 07 अर्धशतक शामिल है। आईपीएल में उनका सर्वाधिक स्कोर 91 रन है। गांगुली आक्रमक बल्लेबाज़ के रूप में जाने जाते है

सौरव गांगुली को मिले अवार्ड और सम्मान

क्रं. सं. अवार्ड और सम्मान वर्ष
1 अर्जुन पुरस्कार 1998
2 स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ दी ईयर 1998
3 बंगा विभूषण पुरस्कार 2013
4 पद्म श्री पुरस्कार 2004

सौरव गांगुली का निजी जीवन 

सौरव गांगुली के संबंध में जैसा कि जगजाहिर है, वह एक अमीर परिवार से संबंध रखते थे. इसी का असर था कि उनका जीवन हमेशा शानोशौकत से भरा रहा. परन्तु बहुत कम लोगों को पता होगा कि अपनी जीवन संगिनी के तौर पर उन्होंने जिसे चुना वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती थीं. जी हाँ, हम उनकी पत्नी डोना की बात कर रहे हैं. डोना एक ओडिसी नृत्यांगना हैं. दोनों ने परिवार की आपत्ति के विरुद्ध प्रेम विवाह किया था. सौरव के परिवार को अपने रसूख के कारण यह रिश्ता मंजूर नहीं था. इसके वाबजूद सौरव ने अगस्त 1996 में डोना के साथ चोरी-छिपे कोर्ट मैरिज कर ली थी. गौरतलब है कि यह समय सौरव के लिए कैरियर के लिहाज से भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसी वर्ष उनका इंग्लैंड दौरे के साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण हुआ था. बहरहाल, दोनों मोर्चे पर सौरव सफल रहे. अंततः जब शादी का रहस्य खुला तब दोनों के परिवार वालों ने रिश्ते को स्वीकार कर लिया और एक बार फिर से फ़रवरी 1997 में दोनों की पारिवारिक रीति-रिवाज से शादी हुई. इसके बाद वर्ष 2001 में उनकी बेटी सना का जन्म हुआ.भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम खिलाड़ियों में से एक रहे सौरव गांगुली आज भी क्रिकेट से जुड़े हुए हैं. जुलाई 2014 में बंगाल क्रिकेट संघ ने उन्हें खेल प्रशासक के रूप में नियुक्त किया था. इसके अलावा वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में टीवी पर हिंदी में कमेंट्री भी करते हैं. उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपनी टीम में जीत के लिए जज्बा पैदा करने वाले कप्तान के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा.

सौरव गांगुली के कुछ महत्वपूर्ण रोचक तथ्य:-

*. गांगुली बचपन में फुटबॉल के बहुत बड़े प्रशंसक थे, लेकिन अपने भाई के आग्रह के कारण उन्होने क्रिकेट अकादमी में अपना नामांकरण करवाया था ।
*. कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (Ranji Trophy, Duleep Trophy) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को इंग्लैंड के खिलाफ राष्ट्रीय टीम में खेलने का अवसर प्राप्त हुआ ।
*. गांगुली ने 11 जनवरी 1992 को वेस्ट इंडीज के विरूद्ध ब्रिस्बेन में अपना वनडे इंटरनेशनल (ODI) पदार्पण किया था ।
*. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने साल 20 जून 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था ।
*. साल 2000 में टीम के अन्य खिलाड़ियों द्वारा मैच फिक्सिंग कांड और तत्कालीन भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने उनके खराब स्वास्थ्य के कारण अपना पद त्याग दिया और गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था ।
*. वह वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में लगातार चार बार मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीतने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं ।
*. वह एकदिवसीय के इतिहास में 11363 रनों के साथ भारत के दूसरे और विश्व के का 8वें सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी है ।
*. वर्ष 2017 तक वह वनडे इंटरनेशनल में 9000 रन तक पहुंचने वाले सबसे तेज बल्लेबाज हैं।
*. सौरव गांगली वनडे में 10000 रन, 100 विकेट और 100 कैच लेने वाले दुनिया के पांच क्रिकेटरों में से एक है ।
*. आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 1999  में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ 318 रनों की शानदार साझेदारी की थी, जोकि आज भी विश्व कप इतिहास में सर्वाधिक है ।
*. सौरव भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को 49 में से 21 मैचों में सफलता दिखाई थी ।
*. दुनिया के 14 क्रिकेटरों में से एक ने 100 से अधिक टेस्ट और 300 या अधिक वनडे खेले हैं ।
*. गांगुली को काउंटी क्रिकेट में डरहम की ओर से खराब प्रदर्शन और साल 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फ़ाइनल में शर्ट उतारने के कारण मीडिया में आलोचना का सामना भी करना पड़ा था ।
*. वर्ष 2002 में, विजडन क्रिकेटर्स अलमैनैक (Wisden Cricketers Almanac) ने उन्हें विव रिचर्ड्स, सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, डीन जोन्स और माइकल बेवन के बाद, छठे सबसे बड़े एकदिवसीय बल्लेबाज का स्थान दिया था ।
*. वह ICC चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में 3 शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी थे ।
*. गांगुली को 20 मई 2013 को पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से बंगाल विभूषण पुरस्कार (Bengal Vibhushan Award) से सम्मानित किया गया था ।
*. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) इंडियन प्रीमियर लीग की संचालन परिषद के चार सदस्यों में से एक हैं, जो टूर्नामेंट के सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें जनवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया था। वह इंडियन प्रीमियर लीग की तकनीकी समिति के सदस्य भी हैं ।
*. वर्तमान में, उन्हें बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और विजडन इंडिया के साथ संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है ।
*. 2018 में उनकी आत्मकथात्मक पुस्तक ए सेंचुरी इज नॉट इनफ (A century is not enough) प्रकाशित हुई थी ।
*. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने पदार्पण पर शतक बनाया और अपनी अंतिम टेस्ट पारी में पहली गेंद पर आउट हुए ।

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