Shatrughan sinha biography in hindi – शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी
Shatrughan sinha biography in hindi – शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी
Shatrughan sinha biography in hindi
शत्रुघन सिन्हा का जन्म 9 दिसम्बर 1945 को बिहार की राजधानी पटना में एक कायस्थ परिवार में हुआ था | सिन्हा के पिता का नाम भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा और माता का श्यामा देवी सिन्हा है | वो अपने चारो भाइयो में सबसे छोटे है सबसे अनोखी बात है यह कि उनके चारो भाईयो के नाम राजा दशरथ के चारो पुत्र के नाम पर ही रखे गये | राम ,लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन के बाद वो चौथे नम्बर के है |
शत्रुघन सिन्हा ने अपनी स्कूल की पढाई पटना से ही की | उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से स्नातक उत्तीर्ण की | इसके बाद वो पुणे में फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट के भी छात्र रहे | वर्तमान में उनके नाम से इस इंस्टिट्यूट में डिप्लोमा छात्रों को छात्रुवृति दी जाती है | उनका विवाह पूर्व मिस इंडिया पूनम सिन्हा से हुआ | शत्रुघन सिन्हा के दो जुड़वाँ पुत्र लव और कुश है जबकि एक बेटी सोनाक्षी सिन्हा है जो फिल्मो में काफी सफल अभिनेत्री बन चुकी है | टैलेंट उनके बचपन से ही था और बचपन में 40 से ज्यादा कलाकारों की आवाज की नकल निकाला करते थे | उनके पसंदीदा अभिनेता राजकपूर और पसंदीदा अभिनेत्री नर्गिस थी |
जीवन परिचय | |
---|---|
वास्तविक नाम | शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा |
उपनाम | शत्रु, शॉट गन |
व्यवसाय | अभिनेता, राजनीतिज्ञ |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई | से० मी०- 183 मी०- 1.83 फीट इन्च- 6’ 0” |
वजन/भार (लगभग) | 86 कि० ग्रा० |
शारीरिक संरचना (लगभग) | -छाती: 42 इंच -कमर: 34 इंच -Biceps: 13 इंच |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 9 दिसंबर 1945 |
आयु (2016 के अनुसार) | 71 वर्ष |
जन्मस्थान | पटना, बिहार, ब्रिटिश भारत |
राशि | धनु |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | पटना, बिहार |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | पटना विज्ञान कॉलेज फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई), पुणे |
शैक्षिक योग्यता | अभिनय में कोर्स |
डेब्यू | फिल्म : साजन (1969) |
शत्रुघन सिन्हा करियल
शत्रुघ्न सिन्हा की इच्छा बचपन से ही फ़िल्मों में काम करने की थी। अपने पिता की इच्छा को दरकिनार कर वे फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे में प्रवेश लिया।
वहाँ से ट्रेनिंग लेने के बाद वे फ़िल्मों में कोशिश करने लगे। लेकिन कटे होंठ के कारण किस्मत साथ नहीं दे रही थी। ऐसे में वे प्लास्टिक सर्जरी कराने की सोचने लगे।
तभी देवानंद ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था। उन्होंने वर्ष 1969 में फ़िल्म ‘साजन’ के साथ अपने कैरियर की शुरूआत की थी।
Shatrughan sinha biography hindi
पचास-साठ के दशक में के.एन. सिंह, साठ-सत्तर के दशक में प्राण, अमजद ख़ान और अमरीश पुरी। और इन्हीं के समानांतर फ़िल्म एण्ड टीवी संस्थान से अभिनय में प्रशिक्षित बिहारी बाबू उर्फ शॉटगन उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हिन्दी सिनेमा में होती है।
अपनी ठसकदार बुलंद, कड़क आवाज और चाल-ढाल की मदमस्त शैली के कारण शत्रुघ्न जल्दी ही दर्शकों के चहेते बन गए। आए तो वे थे वे हीरो बनने, लेकिन इंडस्ट्री ने उन्हें खलनायक बना दिया।
खलनायकी के रूप में छाप छोड़ने के बाद वे हीरो भी बने। जॉनी उर्फ राजकुमार की तरह शत्रुघ्न की डॉयलाग डिलीवरी एकदम मुंहफट शैली की रही है। उनके मुँह से निकलने वाले शब्द बंदूक की गोली समान होते थे, इसलिए उन्हें ‘शॉटगन’ का टाइटल भी दे दिया गया।
शत्रुघ्न की पहली हिंदी फ़िल्म डायरेक्टर मोहन सहगल निर्देशित ‘साजन’ (1968) के बाद अभिनेत्री मुमताज़ की सिफारिश से उन्हें चंदर वोहरा की फ़िल्म ‘खिलौना’ (1970) मिली। इसके हीरो संजीव कुमार थे।
बिहारी बाबू को बिहारी दल्ला का रोल दिया गया। शत्रुघ्न ने इसे इतनी खूबी से निभाया कि रातों रात वे निर्माताओं की पहली पसंद बन गए। उनके चेहरे के एक गाल पर कट का लम्बा निशान है।
आम जीवन में शत्रुघ्न सिन्हा एक सरल इंसान के रुप में जाने जाते हैं. उनके जानने वालों का भी कहना है कि उनके जैसा स्वभाव वाला इंसान बहुत कम देखने को मिलता है, हर समय सबकी मदद के लिए तैयार रहना तो कोई उनसे सीखे.
साथ ही कई मौकों पर वह अपने भाषणों में अपना तीखा अंदाज भी दर्शाते हैं. उन्हें सबसे पहले देवानंद के साथ फिल्म प्रेम पुजारी में अभिनय करने का मौका मिला. उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक से एक हिट फिल्म देते चले गए.
Shatrughan sinha biography hindi
इसी बीच उनके और रीना रॉय के अफेयर की चर्चाएं शुरू हो गईं. लेकिन ये अफेयर ज्यादा दिन तक नहीं चला. उसके बाद उनका नाम पूनम से जोड़ा जाने लगा. पूनम उनके साथ फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे में साथ पढ़ती थीं.
पूनम भी शत्रुघ्न सिन्हा की तरह एक फिल्म स्टार बनना चाहती थीं. उन्होंने मुंबई में आयोजित एक सौंदर्य प्रतियोगिता जीतकर फिल्म का कॉन्ट्रेक्ट प्राप्त किया और उसके बाद कोमल के नाम से उन्होंने एक्टिंग भी शुरू की.
वह उस दौर की चंद फिल्मों में आईं, लेकिन एक दिन अचानक कोमल ने जाने-माने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा से विवाह कर अभिनय को अलविदा कह दिया। आज इनके परिवार में एक बेटी और दो बेटे हैं. इनकी बेटी सोनाक्षी सिन्हा हैं जो आज लगातार हिट फिल्में दे रही हैं.
Shatrughan sinha biography hindi
शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म सूची
खिलोना (1970), चेतना (1970), परवाना (1971), मेरी अपन (1971), जुम्बलर (1971), एक नारी एक ब्रह्मचारी (1 9 71), रिवाज (1 9 72), बुनियाद (1 9 72), भाई हो टू ऐसा (1 9 72), बॉम्बे गोवा (1 9 72), रामपुर का लक्ष्मण (1 9 72), कश्माकाश (1 9 73), एक नारी दो रूप (1 9 73 (1 9 77), परमात्मा (1 9 78), दिल्लगी (1 9 78), अमर शक्ति (1 9 78), मुकाबला (1 9 7 9), शारदी के साइ बाबा (1 9 77) 1 9 7 9), जाणी दुश्मन (1 9 7 9), हीरा-मोती (1 9 7 9), गौतम गोविंदा (1 9 7 9), काला पत्थर (1 9 7 9), चंबल की कसम (1 9 80), दोटाणा (1 9 80), क्रांति (1 9 81), नसीब (1 9 81) मंगल पांडे (1 9 82), हाथीकडी (1 9 82), तेसरी आँख (1 9 82), गंगा मेरी मां (1 9 83), क़यामत (1 9 83), जीन नाई दोओंगा (1 9 84), आंधी-तूफ़ान (1 9 85), कातल (1 9 86), इलज़ाम 1 9 86), अशली नकली (1 9 86), खुदगर (1 9 87), इन्सानियत के दुश्मन (1 9 87), लोहा (1 9 87), सागर संगम (1 9 88), ख़ून भरी मांग (1 9 88), गंगा तेरे देश में (1 9 88), रणभूमि (1 99 1) ), बीताज बादशा (1 99 4), प्रेम योग (1 99 4), ज़माना दीवाना (1 99 5), दीवाना हूं पागल नहीं (1 99 8), ऐन: मेन इन वर्क (2004) और रक्ता चरित्र (2010) इत्यादि।
राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1992 में, नई दिल्ली उप-चुनाव में अपने प्रिय मित्र व अभिनेता “राजेश खन्ना” के खिलाफ चुनाव लड़ा। जिसमें शत्रुघ्न सिन्हा 25000 मतों के अंतर से हार गए थे। • प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अंतर्गत कैबिनेट मंत्री बने। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (जनवरी 2003-मई 2004) और पोत परिवहन विभाग (अगस्त 2004) का प्रभार संभाला। • मई 2006 में, भाजपा संस्कृति और कला विभाग के प्रमुख नियुक्त किए गए। • 2009 में, भारतीय आम चुनाव बिहार की पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। उन्होंने अभिनेता शेखर सुमन को कुल 312642 मतो से पराजित किया। • 2014 में, भारतीय आम चुनावों में पुनः पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र सीट पर विजय प्राप्त की। |
पुरस्कार / उपलब्धियां | • 1973 में फिल्म ‘तन्हाई’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। • 2003 में, स्टारडस्ट पत्रिका द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के साथ सम्मानित किया गया। • 2007 में, राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से सम्मानित किया गया। • 2011 में, लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए ज़ी सिने पुरस्कार से नवाजा गया। • 2014 में, भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें आइफा अवार्ड्स (IIFA) से सम्मानित किया गया। |
कुछ खास बातें
• शत्रुघ्न ने 1969 की मोहन सहगल की फिल्म ‘साजन’ में एक पुलिस इंस्पेक्टर का छोटा रोल किया था.
• शत्रुघ्न सिन्हा ने गुलजार की फिल्म ‘मेरे अपने’ में काफी फेमस ‘छेनू’ का किरदार निभाया था. उसके बाद ‘कालीचरण’ फिल्म में काम करके शत्रु बॉलीवुड की लाइमलाइट में आए. ‘कालीचरण’ रिलीज होने के बाद 24 घंटे में शत्रुघ्न ने यूनिट मेंबर्स को अपनी एक महीने की सैलरी को बोनस के रूप में देने का ऐलान कर दिया था.
• शत्रुघ्न सिन्हा ने पूर्व मिस यंग इंडिया ‘पूनम सिन्हा’ के साथ शादी रचाई. शत्रुघ्न ने पूनम को चलती हुई ट्रेन में फिल्म ‘पाकीजा’ के डायलॉग ‘अपने पांव जमीन पर मत रखिएगा…’ को कागज पर लिखकर प्रोपोज किया था. शादी के बाद उनके दो बेटे लव, कुश और एक बेटी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा हैं.
• 70 के दशक में शत्रुघ्न सिन्हा और महानायक अमिताभ बच्चन के बीच प्रतियोगिता का दौर था. शत्रुघ्न सिन्हा फिल्म ‘शोले’ में भी एक रोल करने वाले थे.
• शत्रु ने फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया. बिहारी बाबू यूनियन मिनिस्टर रहे हैं और वर्तमान में बिहार के पटना साहिब से बीजेपी सासंद हैं.
• शत्रुघ्न ने कई ऐसी फिल्मों में काम किया जो शुरू हुई, पर बीच में ही ठप हो गईं और बन नहीं पाईं, उन फिल्मों के नाम हैं- हिंसा, दो नंबरी, जेब हमारी माल तुम्हारा, अग्निशपथ, नहले पे दहला.