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Ravish Kumar biography in hindi – रवीश कुमार की जीवनी

Ravish Kumar biography in hindi – रवीश कुमार की जीवनी

Ravish Kumar biography in hindi

भारत के लोकप्रिय टीवी एंकर, लेखक व पत्रकारों में से एक हैं रविश कुमार | इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रविश कुमार एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। साधारण परिवार में जन्में रविश कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मानों से नवाजा जा चूका हैं। हाल ही में उनको विश्व के सर्वोच्च सम्मानों में से एक मैग्सेसे अवार्ड भी मिला हैं।पत्रकार रविश कुमार अधिकतर राजनीती व समाज से जुड़े मुद्दों पर बात करते हैं। वे लोकप्रिय हिंदी टीवी चैनल एनडीटीवी के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक हैं। एनडीटीवी पर आने वाला उनका कार्यक्रम “प्राइम टाइम” बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम हैं। वे लगभग 15 सालों से एनडीटीवी चैनेल के साथ जुड़े हुए हैं।

रविश कुमार का जन्म 5 दिसम्बर 1974 को एक छोटे से गांव जितवारपुर में हुआ था जो की बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हैं। वे ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते हैं इनका पूरा नाम रविश कुमार पांडेय  हैं। इनकी शुरूआती शिक्षा लोयोला हाई स्कूल, पटना से हुई। इसके बाद उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली चले गए, जहा से इन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।

रविश कुमार की उनके एम.फिल (M Phil) करने के दौरान उनकी मुलाकात नयनादास गुप्ता नाम की लड़की से हुई। दोनों की आपस में एक दुसरे को पसंद करने लगे और बाद में दोनों ने शादी कर ली।

नयना दास वर्तमान में लेडी श्री राम कॉलेज दिल्ली में इतिहास की टीचर हैं। एक इंटरव्यू के दौरान रविश कुमार ने कहा था कि हर व्यक्ति के जीवन में उसकी सफलता के लिए किसी न किसी का हाथ होता हैं इसी तरह उनके जीवन में उनकी पत्नी नयनादास उनकी प्रेरणा हैं। रविश कुमार और नयना दास की दो बेटियां हैं। इसके अलावा रविश कुमार के भाई का नाम बृजेश कुमार पांडे  हैं। जो कि एक राजनेता हैं और कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं।

पत्रकार रविश कुमार का करियर

पत्रकार रविश कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 15 साल पहले टीवी चैनल एनडीटीवी के साथ शुरू की थी। रविश आज भी एनडीटीवी से जुड़े हुए हैं और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक हैं।

रविश कुमार बिल्कुल लोकल अंदाज में रिपोर्टिंग करते हैं जिसके कारण लोग उनके बहुत जल्द कनेक्ट कर पाते हैं। उनकी भाषाशैली उनकी रिपोर्टिंग को बाकी पत्रकारों से अलग बनाती हैं। रविश कुमार अपने कार्यक्रमों में बेरोजगारी, किसानों की समस्या और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करते है।

रविश कुमार ने 2010 में “देखते रहिये” नाम से एक किताब  भी प्रकाशित की, इसके बाद 2015 में भी “इश्क में शहर होना” नाम की भी पुस्तक लिखी जिसे राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया। रविश कुमार के लेख कई अख़बारों और पत्रिकाओं में छपते हैं इसके साथ-साथ कुछ लेख उनकी अपनी निजी वेबसाइट “क़स्बा” पर भी प्रकाशित होते हैं। रविश कुमार सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं, रविश सोशल मीडिया पर भी अपनी बात पुरजोर तरीके से रखने में माहिर हैं। वर्तमान समय को देखते हुए रविश कुमार ने मीडिया के लिए एक नया शब्द दिया हैं “गोदी-मीडिया” जो बहुत लोकप्रिय हो चूका है।

रवीश कुमार की पुस्तकें

इश्क में शहर होना
देखते रहिए
रवीश पंती
द फ्री वॉइस :ऑन डेमोक्रेसी कल्चर एंड द नेशन

रवीश कुमार के पुरस्कार व उपलब्धियां

■रचनात्मक साहित्य व हिंदी पत्रकारिता में इन्हें अति महत्वपूर्ण योगदान के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी 2010 से सम्मानित किया गया था ।

■ 2013 में इन्हें रामनाथ गोयंका एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया।

■2014 मैं रवीश कुमार को हिंदी में सर्वश्रेष्ठ समाचार एंकर के लिए इंडियन न्यूज़ टेलीविजन आवर्ड दिया गया था।

■2016 में द इंडियन एक्सप्रेस में होने 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की भारतीय सूची में सम्मिलित किया गया था।

■ 2017 में इन्हें कुलदीप नायर पुरस्कार पत्रकारिता में अहम योगदान देने के लिए दिया गया था।

■ अगस्त 2019 में पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए रमन मैग्सेसे अवार्ड प्रदान किया गया।

रवीश कुमार की मनपसंद चीजें

1 – शिक्षक- स्वर्गीय पार्थसारथी गुप्ता (दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर)

2 – अभिनेता – अमिताभ बच्चन

3 – गायक- किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मुकेश, मोहम्मद अजीज

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रवीश कुमार के बारे में कुछ तथ्य

1 – रवीश कुमार को पुराने हिंदी गाने सुनना बहुत पसंद है।

2 – वह अंग्रेजी बोलने वाले लोगों से इतना डरता है कि जब वह पहली बार दिल्ली आया, तो उसने-अंग्रेजी बोलने वाले क्षेत्रों से दूर गोविंदपुरी के उपनगरों में एक बारसती किराए पर ली। ’

3 – रविश ने प्रेम विवाह किया है।

4 – उसके परिवार ने उसे नयना दासगुप्ता से शादी करने की अनुमति नहीं दी; जैसा कि वह एक बंगाली है जबकि रविश भूमिहार ब्राह्मण है।

5 – टीवी एंकर होने के बाद भी, रवीश अक्सर टीवी न्यूज़ नहीं देखने के बारे में उद्धृत करते हुए देखे जाते हैं।

6 – वह अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने और अक्सर अपने निजी जीवन में दखल देने के बारे में शिकायत करते हैं।

7 – रवीश ने लघुकथा लेखन की एक अनूठी शैली विकसित की है, और वे इन कहानियों को लप्रेक- लगहु प्रेम कथा कहते हैं। उन्होंने इन कहानियों को “इश्क में शीर होना” नामक पुस्तक में संकलित किया है।

8 – उन्होंने “द फ्री वॉयस – ऑन डेमोक्रेसी, कल्चर एंड द नेशन” नामक एक अन्य पुस्तक भी लिखी है।

9 – रवीश कुमार एक निजी ब्लॉग भी चलाते हैं- naisadak.blogspot.com ‘

10 – एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल, द स्क्रीन पैटी (टीएसपी) ने रबीश की रिपोर्ट नामक एक कार्यक्रम चलाया जिसमें अभिनेता शिवनित सिंह परिहार ने रवीश कुमार को “राजा रबीश कुमार” के रूप में चित्रित किया।

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