हीरे की खोज किसने और कब की थी?
हीरे की खोज किसने और कब की थी?
हीरे की खोज किसने और कब की थी?
हीरा प्राकृतिक रूप से पाया जाता है . सो इसकी खोज किसने की , वैसे ही ज्ञात नहीं हो सकता है – जैसे मूंगा, पुखराज इत्यादि के बारे में नहीं जानते हैं .
हाँ , यह निर्विवाद रूप से स्थापित है की – हीरे की खोज सर्वप्रथम , भारत में , हुई थी और इसका पहला खान भारत में ही खोदा गया . चन्द्रगुप्त मौर्य के समय , बाकायदा सरकार द्वारा इसकी खुदाई होती थी . ( पृष्ठ २४३ – चन्द्रगुप्त मौर्य और उसका काल – राधाकुमुद मुखर्जी – राजकमल प्रकाशन ) , सो यह मान सकते हैं कि कम से कम ईसा पूर्व 500 से भारत में हीरा प्रयुक्त होता था .
वैसे , प्राचीन भारत में इसकी कठोरता के कारण इसे वज्र (इंद्र का वज्र ) के नाम से जान जाता था, तो मुमकिन है की और भी पहले से भारत में हीरा उपलब्ध था .
अपनी एक और किताब “प्राचीन भारतीय शिक्षा “ में राधाकुमुद मुखर्जी कौटिल्य ( चाणक्य ) की प्रसिद्द पुस्तक अर्थशास्त्र के हवाले से लिखते हैं , “ रत्न परीक्षा की कला में निपुण ‘कोषाध्यक्ष ‘ हीरों और अन्य रत्नों के लिए जिम्मेदार थे
तक्षशिला में एक वक़्त १०३ राजकुमार पढ़ते थे , जहाँ उन्हें तीनो वेदों की और १८ शिल्पों (सिप्पों ) की शिक्षा दी जाती थी और तीर धनुष का वेद सीखने के लिए सर्वाधिक लोग आते थे . ऐसा ही एक युवा , बनारस का ज्योतिपाल था – जिसने धनुर्विद्या में इतनी महारत हासिल कर ली थी कि , जब वो सीख के वापिस जाने लगा तो उसके गुरु ने उसे – अपनी तलवार , एक तीर कमान , एक कवच और एक हीरा भेंट में दिया
यह बात इसा पूर्व चौथी सदी की है . यूरोप में इसके पूरे 1000 साल बाद अक भारत के अलावा और कोई हीरा का स्रोत नहीं था . छिटपुट स्रोत इसके बाद मिले. पर भारत से इतर पहला बड़ा स्रोत ब्राज़ील में सन 1725 में मिला और फिर सबसे बड़ा स्रोत दक्षिण अफ्रीका में 1870 में मिला .
सो निश्चिंत रहे की हजारों सालों से सबसे बेश कीमती हीरा की खोज न केवल भारत में हुई थी बल्कि हजारों साल तक भारत के अलावा विश्व में और कोई हीरा का स्रोत भी नहीं था .
हाँ , प्रयोगशाला में बनाये जाने वाला हीरा की खोज , अमेरिका में जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने १५ फ़रवरी , 1955 में जरूर की थी . चित्र नीचे देखें
पर प्राकृतिक हीरा की चमक की बात ही कुछ और है , नीचे देखें कोह – ए – नूर