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BIHAR BOARD CLASS 9TH MATH | यक्लिड की ज्यामिति का परिचय

BIHAR BOARD CLASS 9TH MATH | यक्लिड की ज्यामिति का परिचय

Bihar Board Solutions for Class 9 Maths Chapter 5 Introduction to Euclid’s Geometry (युक्लिड के ज्यामिति का परिचय)

                            यक्लिड की ज्यामिति का परिचय
                                            प्रश्नावली 5.1
1.  निम्नलिखित कथनों में से कौन-से कथन सत्य हैं और कौन-से कथन असत्य हैं ?
     अपने उत्तरों के लिए कारण दीजिए।
(i) एक बिंदु से होकर केवल एक ही रेखा खींची जा सकती है।
(ii) दो भिन्न बिंदुओं से होकर जाने वाली असंख्य रेखाएँ हैं।
(iii) एक सांत रेखा दोनों ओर अनिश्चित रूप से बढ़ाई जा सकती है।
(iv) यदि दो वृत्त बराबर हैं, तो उनकी त्रिज्याएँ बराबर होती हैं।
(v) आकृति में, यदि AB = PQ और PQ = XY है, तो AB = XY होगा।
हल : (i) असत्य।
एक कागज पर एक बिंदु P अंकित करें। एक पेन्सिल तथा फुट्टे
की सहायता से एक रेखा l उससे होकर गुजरती हुई बनाइए । एक और
रेखा mP से होकर गुजरती हुई बनाइए। इस प्रक्रिया को लगातार
कीजिए। हम जितनी चाहें उतनी रेखाएँ P से होकर गुजरती हुई बना
सकते हैं।
(ii) असत्य। 
एक कागज पर दो बिंदु A तथा B अंकित करें। कागज को इस प्रकार मोड़ें कि एक क्रीज
बिंदु A से होकर गुजरे जैसा कि भाग (i) में बताया गया है । एक बिंदु से असीमित रेखाएँ गुजर
सकती हैं।
पुनः कागज को इस प्रकार मोड़ें कि एक क्रीज B से होकर गुजरे । स्पष्ट रूप से B से
असीमित रेखाएँ गुजर सकती हैं। हम यह पाते हैं कि यहाँ पर केवल एक ही रेखा है जो कि
A तथा B से होकर गुजरती है।
इसलिए दो बिंदुओं से होकर केवल एक ही रेखा गुजर सकती है।
(iii) सत्य।
नोट करें कि जिसे आजकल हम एक रेखाखंड कहते हैं, यूक्लिड ने उसे एक निरस्त रेखा
कहा था।
ज्यामिति में एक रेखा का मतलब रेखा की पूर्णता से, न कि उसका यहाँ कोई हिस्सा है।
पूर्ण रेखा का कोई भौतिक उदाहरण सम्भव नहीं है क्योंकि एक रेखा दोनों दिशाओं में अनन्त
तक जाती है इसलिए इसको पूर्ण रूप से एक कागज पर नहीं खींचा जा सकता है।
         अभ्यास में रेखा का केवल एक हिस्सा खींचा जा
सकता है और इस पर दो चिह लगाकर इसके अन्त बिंदुओं
को दोनों दिशाओं में दर्शाया जाता है। जैसा कि आकृति
में दर्शाया गया है।
(iv) सत्य।
एक वृत्त द्वारा घेरे गए क्षेत्र को यदि एक-दूसरे वृत्त पर डाला जाये, तो वे वृत्त सम्पाती
होते हैं तब उनके केन्द्र तथा सीमाएँ भी सम्पाती होंगी । इसलिए उनकी त्रिज्याएँ भी बराबर होंगी।
(v) सत्य।
क्योंकि चीजें जो एक ही चीज के बराबर हों, एक-दूसरे के बराबर होती हैं।
2.  निम्नलिखित पदों में से प्रत्येक की परिभाषा दीजिए । क्या इनके लिए कुछ ऐसे पद
हैं, जिन्हें परिभाषा करने की आवश्यकता है? वे क्या हैं और आप इन्हें कैसे
परिभाषित कर पाएंँगे?
(i) समांतर रेखाएँ (ii) लम्ब रेखाएँ (iii) रेखाखंड (iv) वृत्त की त्रिज्या (v) वर्ग
हल : अभीष्ट परिभाषाओं के लिए हमें निम्न पदों की जरूरत है:
(a) बिंदु   (b) रेखा   (c) तल  (d) किरण (e) कोण  (f) वृत्त
यह सम्भव नहीं है कि पहले तीन पदों को परिभाषित नहीं किया जा सकता।
(a) एक छोटा बिंदु एक पेन्सिल द्वारा पेपर पर बनाया जाता है जो कि बिंदु के बारे में बताती है । एक बिंदु की परिमाप नहीं होती केवल स्थिति होती है। एक सीधी क्रीज जो कि एक कागज को मोड़कर प्राप्त की जाए, फुट्टे का किनारा, ज्यामितीय रेखाओं का उदाहरण है।
(b) एक रेखा के बारे में आधारभूत सिद्धान्त यह है कि यह सीधी रेखा होनी चाहिए तथा इसे दोनों ओर कितना भी बढ़ाया जा सकता है।
(c) एक चिकनी दीवार का पृष्ठ या एक कागज का पृष्ठ तल का उदाहरण है।
(d) एक रेखा । का भाग जिसका केवल एक
अन्त बिंदु A हो तथा वह ●B रखती हो,
किरण AB कहलाती है।
(e) एक कोण दो असरेखी किरणों का सम्मिलन होता है जिनका उभयनिष्ठ शुरुआती
बिंदु होता है।
(f) किसी तल में स्थित किसी नियत बिंदु से, उसी तल में दी गई समान अचर दूरी पर
स्थित बिंदुओं का समुच्चय वृत्त कहलाता है। स्थित बिंदु को वृत्त का केन्द्र कहते हैं।
(i) समान्तर रेखाएँ : दो रेखाएँ समान्तर रेखाएँ
 कहलाती हैं जब
(a) वे प्रतिच्छेद न करें (b) जब वे समतलीय हों।
(आकृति में l1 तथा l2 समान्तर हैं।)
(ii) लम्ब रेखाएँ : दो रेखाएँ AB तथा CD जो
एक ही तल में स्थित हों, लम्ब रेखाएँ कहलाती
हैं, यदि वे समकोण बनाएँ । हम लिखते हैं :
AB⊥CD
(iii) रेखाखंड : एक रेखाखंड रेखा का वह
भाग होता है जब दो विभिन्न बिंदु A तथा
B एक रेखा पर दिए हैं, तब रेखा का
भाग जिसके अन्तः बिंदु A तथा B हों
रेखाखंड कहलाती है।
इसे AB कहा जाता है। AB तथा BA एक ही रेखाखंड को दर्शाते हैं।
(iv) वृत्त की त्रिज्या : केन्द्र से एक बिंदु की दूरी वृत्त पर वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।
(v) वर्ग : वह चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण समकोण हो,
वर्ग कहलाता है।
3.  नीचे दी गई दो अभिधारणाओं पर विचार कीजिए :
(i) दो भिन्न बिंदु A बिंदु B दिए रहने पर, एक तीसरा बिंदु C ऐसा विद्यमान है
जो A और B के बीच स्थित होता है।
(ii) यहाँ कम-से-कम ऐसे तीन बिंदु विद्यमान हैं कि वे एक रेखा पर स्थित नहीं हैं।
क्या इन अभिधारणाओं में कोई अपरिभाषित शब्द हैं ? क्या ये अभिधारणाएँ
अविरोधी हैं ? क्या ये यक्लिड की अभिधारणाओं से प्राप्त होती हैं ? स्पष्ट कीजिए।
हल : यहाँ पर बहुत सारे अपरिभाषित पद हैं जिनको विद्यार्थी स्वयं लिखें। ये संगत हैं
क्योंकि ये दो विभिन्न परिस्थितियों में Deal करते हैं।
(i) कहें, दो बिंदु A तथा B दिए गए हैं, वहाँ पर C एक बिंदु है जो उनके बीच रेखा
पर स्थित है।
(ii) कहें, A तथा B दिए गए हैं, हम एक बिंदु C ले सकते हैं, जो A तथा B से होकर
गुजरती हुई रेखा पर स्थित नहीं हैं।
यह अभिगृहीत यूक्लिड के अभिगृहीतों पर आधारित नहीं है। हालांकि ये अभिगृहीतों का
अनुसरण करते हैं । क्योंक दो दिए हुए विभिन्न बिंदुओं से केवल एक ही रेखा गुजर सकती है।
4.  यदि दो बिंदुओं A और B के बीच एक बिंदु C एसा स्थित है कि AC = BC है, तो सिद्ध कीजिए कि AC= 1/2 AB है। एक आकृति खींच कर इसे स्पष्ट कीजिए ।
हल : हमारे पास एक बिंदु C है जो कि दो बिंदुओं A तथा B के बीच में इस प्रकार स्थित
है कि AC = BC
दोनों ओर AC जोड़ने पर, AC+ AC = AC+ BC.
या,   2AC = AB[चूंकि AC+CB, AB के सम्पाती हैं]
.:       AC =1/2AB
5. प्रश्न 4 में, रेखाखंड AB का मध्य-बिंदु कहलाता है। सिद्ध कीजिए कि एक
रेखाखंड का एक और केवल एक ही मध्य-बिंदु होता है।
हल : माना कि AB का D एक ओर मध्य बिंदु है।
.:                 AD = DB                                      …..(1)
लेकिन दिया गया है कि C,AB का मध्य बिंदु है।
.:                           AC = CB                            …..(2)
(1) को (2) में से घटाने पर, AC-AD=CB – DB
     या,      DC = – DC
     या,      2DC = 0       या,  DC = 0
C तथा D सम्पाती हैं।
इस प्रकार, हर एक रेखाखंड का केवल एक ही मध्य बिंदु होता है।
6. आकृति में यदि AC = BD है,
तो सिद्ध कीजिए कि AB = CD है।
हल:     AC = BD                             ….(1)
                                                      [दिया है]
तथा     AC=AB+ BC                         …(2)
                                       [बिंदु B,A तथा C के बीच में स्थित है।
और BD = BC+CD….(3) [बिंदु C, B तथा D के बीच में स्थित है।
AC और BD का मान समीकरण (2) और (3) से समीकरण (1) में प्रतिष्ठापित करने पर,
AB + BC = BC + CD  या,  AB + BC – BC = BC + CD – BC
 या,     AB = CD
7. यूक्लिड की अभिगृहीतों की सूची में दिया हुआ अभिगृहीत 5 एक सर्वव्यापी सत्य क्यों माना जाता है ? (ध्यान दीजिए कि यह प्रश्न पाँचवीं अभिधारणा से संबंधित नहीं है।)
हल : यूक्लिड की अभिगृहीतों की सूची में दिया हुआ अभिगृहीत 5 ब्रह्मांड की किसी भी चीज के लिए सत्य है। अतः यह सदैव सत्य है।
                                               प्रश्नावली 5.2
1. आप यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा को किस प्रकार लिखेंगे ताकि वह सरलता से समझी जा सके?
हल : अभिगृहीत 2 तथ्यों का प्रयास:
(i) P से गुजरती हुई एक रेखा है जो कि l के समांतर है।
(ii) ऐसी केवल एक ही रेखा है।
2.  क्या यूक्लिड की पांचवीं अभिधारणा से समांतर रेखाओं के अस्तित्व का औचित्य निर्धारित होता है ? स्पष्ट कीजिए।
हल : यदि एक सीधी रेखा l, दो सीधी रेखाओं m तथा n पर इस प्रकार मिलती हैं कि आंतरिक कोणों का योग दो समकोण, l भुजा के एक ओर हो तो यूक्लिड के पाँचवें अभिगृहीत के अनुसार रेखाएँ l के इस ओर नहीं मिलेंगी।
हम जानते हैं कि l के दूसरी और आंतरिक कोणों का योग भी दो समकोण होगा। इसलिए वे रेखाएँ इस ओर भी वहीं मिलेंगी। अतः ये कभी भी नहीं मिलेंगी। इसलिए ये समांतर हैं।
                                                                                                  ●

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