bseb class 12 civics | अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
bseb class 12 civics | अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
(INTERNATIONAL ORGANIZATION)
याद रखने योग्य बातें
• सोवियत संघ का विघटन : 1991
• संयुक्त राष्ट्र का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अंग (संगठन) : सुरक्षा परिषद् (Security
council)
• संयुक्त राष्ट्रसंघ का दूसरा महासचिव : दाग हम्मारस्क जोल्ड (Dag Hammarsk
jold)
• शशि थारूर (Shashi Tharoor) : संयुक्त राष्ट्रसंघ के पूर्व अधो (निम्न) महासचिव
(Under General Secretary)
• संयुक्त राष्ट्र के दो सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य : (i) युद्ध, सुरक्षा एवं शांति के मामलों
में सहायता करना तथा (ii) हम सभी के लिए रहने की श्रेष्ठतर परिस्थितियाँ बनाना।
• सी०एफ०सी०एस० (CFCs) का पूरा रून/नाम : कुछ रासायनिक जो क्लोरोफ्लूरो
रोकार बौन्स कहलाते हैं। (Certain Chemicals called Chorofluro Carbons)
• आई०एम०एफ० (IMF) : अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (The International Monetary
Fund)
• जी-आठ सदस्य (G-8 Members) : (i) अमेरिकी (USA), (ii) जापान, (iii) जर्मनी,
(iv) फ्रांस, (v) यूनाइटेड किंगडम (UK), (vi) कनाडा, (vii) इटली तथा (viii) रूस।
अन्य देश हैं : (ix) सऊदी अरब तथा (x) चीन
• अकेले अमेरिका को प्राप्त मताधिकार : 17.4 प्रतिशत।
• शीत युद्ध : अन्तर्राष्ट्रीय तनाव पूर्ण स्थिति वस्तुतः युद्ध न हो रहा हो लेकिन ऐसा लगे
कि युद्ध छिड़ने वाला (होने वाला) है।
• प्रथम विश्वयुद्ध का काल : 1914-1918
• द्वितीय विश्वयुद्ध का कालांश : 1939-1945
• राष्ट्रसंघ का उत्तराधिकारी : संयुक्त राष्ट्र संघ।
• संयुक्त राष्ट्र का स्थापना वर्ष : 1945
• डब्लू०एच०ओ० (WHO) : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization)
• यू०एन०डी०पी० (UNDP) : संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations
Development Programme)
• यू०एन०एच०आर०सी० (UNHRO) : संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग (United
Nations Human Rights Commission)
• यू०एन०एच०सी०आर० (UNHCR) : संयुक्त राष्ट्र उच्च आयोग शरणार्थियों हेतु
(United Nations High Commission for Refugees)
• यू एन ई सी इ०एफ० (UNECEF) : संयुक्त राष्ट्र बाल आपात कोष (The United Nations Children Emergency Fund)
एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक एवं अन्य परीक्षापयोगी प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्नलिखित कथनों के समक्ष सही अथवा गलत लिखिए यह कथन विशेषाधिकार
के विषय में है।
Mark correctorwrong against each of the following statement below about the Veto Power.
(क) केवल सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के पास ही वीटो (Veto) पावर है।
(ख) यह एक नकारात्मक शक्ति है।
(ग) इस शक्ति का प्रयोग महासचिव करता है जबकि वह किसी निर्णय से संतुष्ट नहीं
होता।
(घ) एक भी राष्ट्र द्वारा प्रयोग किया गया वीटो (Veto) सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को
क्रियान्वित होने से रोक लेता है।
उत्तर-(क) सही, (ख) सही, (ग) गलत, (घ) सही।
2. निम्नलिखित कथनों के सामने जो संयुक्त राष्ट्र संघ कार्य करता है, सामने सही
अथवा गलत लिखिए।
Mark correct or wrong against each of the following statement below that describe the way the UN functions.
(क) सभी शांति और सुरक्षा से संबंधित मामले सुरक्षा परिषद में ही लिए जाते हैं।
(ख) मानवीय नीतियों को लागू किया जाता है। मुख्य अंगों एवं विश्व भर में फैली हुई
विशेष एजेंसियों के द्वारा।
(ग) सुरक्षा संबंधी मामलों को लागू करने के लिए पाँचों स्थायी सदस्यों पर आम सहमति
होना जरूरी है।
(घ) साधारण सभा के सदस्य स्वतः ही सभी प्रमुख अंगों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ की
विशेष एजेंसियों के सदस्य होते हैं।
उत्तर-(क) सही, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत।
3. निम्नलिखित में कौन से कथन भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता दिलाने
के अवसरों को प्रोत्साहन देने में सहायक होंगे और कौन-से नहीं।
Which among the following would give more weightage to India’sproposal for permanent membership in the Security Council.
(क) परमाणु क्षमता।
(ख) यह प्रारंभ से ही संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य चला आया है।
(ग) यह एशिया में स्थित है।
(घ) भारत एक विकसित हो रही आर्थिक शक्ति है और यहाँ स्थायी राजनैतिक प्रणाली है।
[NCERT T.B.Q.3]
उत्तर-(क) सहायक नहीं है। (ख) सहायक है। (ग) सहायक नहीं है। (घ) सहायक है।
4. संयुक्त राष्ट्र संघ की जो एजेंसी सुरक्षा और परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण उपयोग
से जुड़ी हुई है, वह है (The UNagency concerned with the safety and peaceful
use of nuclear technology is)
(क) संयुक्त राष्ट्र की नि:शस्त्रीकरण कमेटी।
(ख) अन्तर्राष्ट्रीय अणु ऊर्जा एजेन्सी।
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा प्रदान करने वाली कमेटी।
(घ) उपर्युक्त में कोई नहीं।
उत्तर-(क) संयुक्त राष्ट्र की निःशस्त्रीकरण कमेटी।
5. विश्व व्यापार संगठन निम्नलिखित में किस के उत्तराधिकारी के रूप में सेवारत है
(WTO is servicing as the successor to which of the following organisations)
(क) व्यापार एवं तट-कर पर सामान्य समझौता।
(ख) सामान्य व्यापार एवं तट कर की गई व्यवस्था।
(ग) विश्व स्थास्थ्य संगठन।
(घ) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम।
उत्तर-(क) व्यापार एवं तटकर पर सामान्य समझौता।
6. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks) :
(क) संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रधान उद्देश्य है …. ।
(ख) संयुक्त राष्ट्र संघ का सर्वोच्च कार्यकारणी कहलाता है ……..।
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में ……. स्थायी एवं ……..गैर-स्थायी
सदस्य होते हैं।
(घ)……..संयुक्त राष्ट्र के आजकल सेक्रेटरी जनरल हैं। [NCERT T.B.Q. 6]
उत्तर-(क) विश्व में शांति और सुरक्षा बनाये रखना।
(ख) महासचिव।
(ग) 5,10
(घ) बोन-कि-मून (Bon-ki-moon) दक्षिण कोरिया से।
7. निम्नलिखित प्रमुख अंगों एवं यू०एन० की एजेंसियों को उनके द्वारा किये जाने से
मिलान कीजिए।
Match the principal organs and agencies by the UN with their functions.
[NCERT, T.B.Q.7]
(1) आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (क) अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था पर नजर रखता
है।
(2) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायलय (ख) अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को बनाये
रखना।
(3) अन्तर्राष्ट्रीय अणु ऊर्जा एजेन्सी (ग) सदस्य राष्ट्रों के आर्थिक एवं सामाजिक
कल्याण की देखभाल करता है।
(4) सुरक्षा परिषद (घ) परमाणु प्रौद्योगिकी के सुरक्षात्मक एवं
शांतिपूर्ण प्रयोग को देखना।
(5) संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थियों (ङ) सदस्य राष्ट्रों के मध्य एवं बीच में उठने वाले
के हेतु उच्च आयोग झगड़ों को निपटाता है।
(6) विश्व व्यापार संगठन (च) आपात स्थितियों में आश्रय स्थल एवं
चिकित्सा सहायता प्रदान करती है।
(7) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (छ) विश्वस्तरीय मामलों पर वाद-विवाद और
विचार-विमर्श करती है।
(8) साधारण महासभा (ज) संयुक्त राष्ट्र के कार्यों के प्रशासन एवं
प्रशासन को चलाना एवं उनमें समन्वय
करना।
(9) विश्व स्वास्थ्य संगठन (झ) सभी लिए अच्छा स्वास्थ्य करना।
(10) सचिवालय (ञ) सदस्य राष्ट्रों पर मुक्त व्यापार के लिए
सुविधाएँ प्रदान करना।
उत्तर-1.(ग) 2. (ङ) 3. (घ) 4. (ङ) 5. (च) 6. (ब) 7. (क)
8.(छ) 9. (झ) 10. (ज)
8. सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या है? [B.M. 2009A]
(क) पाँच
(ख) सात
(ग) आठ
(घ) दस उत्तर-(क)
9. संयुक्त राष्ट्रसंघ की जो एजेंसी सुरक्षा और परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण उपयोग से
जुड़ी हुई है, वह है- [B.M. 2009A]
(क) संयुक्त राष्ट्र की निःशस्त्रीकरण कमेटी
(ख) अंतर्राष्ट्रीय अणु ऊर्जा एजेंसी
(ग) संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा प्रदान करने वाली कमेटी
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर-(क)
10. विश्व व्यापार संगठन निम्नलिखित में से किसके उत्तराधिकारी के रूप में सेवारत
है― [B.M.2009A]
(क) व्यापार एवं तट-कर पर सामान्य समझौता।
(ख) सामान्य व्यापार एवं तट कर की व्यवस्था।
(ग) विश्व स्वास्थ्य संगठन।
(घ) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम उत्तर-(क)
11. निःशस्त्रीकरण आयोग की रचना कब हुई? [B.M. 2009A]
(क) 1945 में
(ख) 1952 में
(ग) 1960 में
(घ) 1965 में उत्तर-(ख)
12. संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में किस व्यवस्था को स्थान दिया गया है ?B.M. 2009A]
(क) सत्ता का संतुलन
(ख) शांति स्थापना
(ग) शांति निर्णय
(घ) सामूहिक सुरक्षा उत्तर-(घ)
13. जी-77 का आशय दुनिया के किन देशों से है? [B.M. 2009A]
(क) विकसित देश
(ख) विकासशील देश
(ग) विकसित एवं विकासशील देश
(घ) अविकसित देश उत्तर-(ख)
14. संयुक्त राष्ट्र का व्यापार व विकास सम्मेलन कव स्थापित हुआ? [B.M. 2009A]
(क) 1945 में
(ख) 1950 में
(ग) 1964 में
(घ) 1977 में उत्तर-(ग)
15. सुरक्षा परिषद् में निषेधाधिकार संपन्न कौन नहीं है? [B.M. 2009A]
(क) चीन
(ख) रूस
(ग) फ्रांस
(घ) जापान उत्तर-(घ)
16. विश्व व्यापार संगठन (W.T.O.) की स्थापना हुई थी- [B.M. 2009A]
(क) जनवरी, 1995
(ख) जनवरी, 1990
(ग) जनवरी, 1980
(घ) फरवरी, 1999 उत्तर-(क)
17. किस वर्ष स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ था?
[B.M.2009A]
(क) 1967
(ख) 1971
(ग) 1975
(घ) 1972 उत्तर-(घ)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना कब हुई? इसकी स्थापना के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
When was the U.N. established? What were the main aims of its
establishment? [B.M. 2009A]
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र एक ऐसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जिसको स्थापना युद्धों को रोकने,
आपसी शांति और प्रेम स्थापित करने तथा जन-कल्याण के कार्य करने के लिए की गई है। आजकल संसार के छोटे-बड़े लगभग 185 देश इसके सदस्य हैं। इस संस्था की विधिवत् स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई. को हुई थी। इस संस्था का मुख्य कार्यालय न्यूयार्क (Newyork) अमेरिका में है।
उद्देश्य (Aims)-(1) अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखना। (2) भिन्न-भिन्न
राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाना। (3) आपसी सहयोग द्वारा आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय ढंग की अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करना। (4) ऊपर दिये गये हितों की पूर्ति के लिए भिन्न-भिन्न राष्ट्रों की कार्यवाही में तालमेल करना।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ के किन्हीं दो उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
Mention any two objectives the United Nations.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई थी। आने वाली पीढ़ियों
को युद्ध के विनाश से बचाने के लिए इस विश्व संगठन की रूपरेखा तैयार की गई। वह प्रत्येक
राष्ट्र जो संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों में विश्वास रखता है, इसका सदस्य बन सकता है। आजकल
इसकी सदस्य संख्या 185 है। इसके दो प्रमुख उद्देश्य अग्रलिखित हैं-(1) आने वाली पीढ़ियों
की युद्ध से रक्षा करना जिसके कारण इस शताब्दी में मानवजाति को दो बार महायुद्धों का सामना करना पड़ा। (2) सामाजिक प्रगति और जीवन-स्तर की अभिवृद्धि करना।
3. निषेशाधिकार के क्या अभिप्राय हैं? (What is meant by Veto Power?)
उत्तर-सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य होते हैं। इनमें 5 स्थायी सदस्य तथा 10 अस्थायी
सदस्य होते हैं। प्रक्रिया सम्बन्धी विषयों (Procedural matters) पर कोई निर्णय तभी लिया
जाएगा जब 15 में से 9 सदस्यों के सकारात्मक मत होंगे परंतु अन्य महत्त्वपूर्ण मामलों में जिनमें
आर्थिक या सैनिक कार्यवाही शामिल हैं, किसी निर्णय के लिए पांचों स्थायी सदस्यों का मत भी
अनिवार्य है। इस प्रकार किसी भी स्थायी सदस्य का नकारात्मक मत होने की स्थिति में सुरक्षा
परषिद् कोई सक्षम कार्यवाही नहीं कर सकेगी। इसी को निषेधाधिकार (Veto) कहा गया है।
4. संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रधान अंग बताइए।
Mention the main organs of the United Nations.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र के प्रधान अंग (Main organs of U.N.)-(i) संयुक्त राष्ट्र
महासभा, (ii) सुरक्षा परिषद्, (iii) आर्थिक व सामाजिक परिषद्, (iv) न्यास-परिषद, (v)
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय, (vi) सचिवालय।
5. संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना के प्रयासों में भारत के योगदान का वर्णन कीजिए।
Describe the contribution of India to UN peace keeping missions.
उत्तर-भारतीय सेना को शांति स्थापित करने एवं युद्ध विराम को सुनिश्चित बनाने के लिए
कोरिया भेजा गया। भारतीय सेना ने प्राय: संयुक्त राष्ट्र की सभी प्रमुख कार्यवाहियों में भाग लिया। न केवल प्रारंभिक वर्षों में ही भारत ने कोरिया, मिस्र और कांगो जैसी शांति निर्माण कार्यवाहियों में भाग लिया अपितु पिछले वर्षों में भी भारत ने सोमालिया, अंगोला और रंवाडा में इसी प्रकार की कार्यवाहियों में भाग लिया।
भारत के ले.जनरल सतीश नाम्बियार ने बालकन युद्ध में संयुक्त राष्ट्र सेना की कमान
संँभाली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की शांति निर्माण सेना में स्वेज नहर संकट, कांगो, अंगोला,
नामीबिया, गाजा, कम्बोडिया, यूगोस्लोविया, लेबनान में अपनी टुकड़ियाँ भेज कर अंतर्राष्ट्रीय
शांति पुनर्स्थापित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
6. रंगभेद क्या है ? संयुक्त राष्ट्र द्वारा रंगभेद के विरुद्ध किये गये दो उपायों का उल्लेख
कीजिए।
What is Apartheid? Mention two measures taken by United Nations
against Apartheid.
उत्तर-रंगभेद नस्ल आधारित भेद-भाव का निकृष्टतम रूप है। यह मानवता और लोकतंत्र
विरोधी है-(1) संयुक्त राष्ट्र ने 1954 में दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद समर्थक सरकार के विरुष्ट
राजनीतिक प्रतिबंध लगाये। (2) 1956 में संयुक्त राष्ट्र ने रोडेशिया के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध
लगाये।
7. विश्व स्वास्थ्य संघ के बारे में आप क्या जानते हैं?
What do you know about World Health Organisation?
उत्तर-विश्व स्वास्थ्य संघ (W.H.O) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है इसकी स्थापना
1948 ई. में की गई थी। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य विश्व के सभी देशों के शारीरिक वे मानसिक
स्वास्थ्य में सुधार करना है। इसका मुख्य कार्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में है। विश्व स्वास्थ्य
संगठन की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) इसने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नई-नई औषधियों की खोज की है।
(2) इसने नशीली वस्तुओं के प्रयोग की रोकथाम के लिए अनेक उपाय किये हैं।
(3) इसने विश्व में हैजे को खत्म किया है।
(4) यह तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रयत्नशील है।
(5) इसने संसार के देशों को बी सी जी. पेंसिलिन के टीके भिजवाये हैं।
8. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
Write short note on International Labour Organisation.
उत्तर-अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है। इसकी
स्थापना 1946 ई. में हुई। इसका प्रमुख उद्देश्य सामाजिक न्याय के लिए प्रयास करना और श्रमिकों की दशा में सुधार लाना है। इस संस्था के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
(1) विभिन्न राष्ट्रों के मजदूरों के वेतन तथा काम करने का समय आदि निश्चित करना।
(2) मजदूरों में प्रचलित बेकारी को रोकना।
(3) बच्चों तथा स्त्रियों को शोषण से बचाना।
(4) मिल मालिकों तथा मजदूरों के बीच हुए झगड़ों को सुलझाना।
(5) मजदूरों के जीवन-स्तर को उन्नत करना तथा मजदूरों की भलाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय
सम्मेलनों का आयोजन करना।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
Explain the principles of United Nations.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत (Principles of United Nations)-(1) संयुक्त
राष्ट्र सभी सदस्यों की प्रभुसत्ता और समानता के सिद्धांत में विश्वास रखता है।
(2) सभी सदस्य राष्ट्रों का यह कर्त्तव्य है कि इस चार्टर के अनुसार उनकी जो जिम्मेदारियाँ
वे ईमानदारी के साथ निभाएँ।
(3) सभी सदस्य राष्ट्र अपने विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीकों से करें।
(4) अन्य राष्ट्रों की अखण्डता और राजनीतिक स्वाधीनता का आदर करें।
(5) संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार कोई कार्यवाही करे तो सभी सदस्य राष्ट्रों को उसकी
सहायता करनी चाहिए।
(6) संयुक्त राष्ट्र उन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा जो अनिवार्य रूप से किसी राज्य के
आन्तरिक अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
2. शांति स्थापना कार्यवाही से आप क्या समझते हैं? उसमें भारत की भूमिका का
वर्णन कीजिए।
What do you understand by peace-keeping operations? Describe the role
played in these operations by India.
उत्तर-विश्व शांति की स्थापना में संयुक्त राष्ट्र ने महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। 1950-60 के
दशकों में विश्व के विभिन्न भागों में विवाद उत्पन्न हुए। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत तथा
संयुक्त राष्ट्र के अधीन विश्वशांति की स्थापना के लिए अहम् भूमिका निभायी। इसके लिए भारत
ने अपनी सेनाएँ भेज कर योगदान दिया। भारतीय सेना ने कुछ अत्यंत कठिन मिशन में भाग
लिया और काफी नुकसान उठाते हुए शांति स्थापित करायी। भारत ने कोरिया में युद्ध पीड़ितों और घायलों की सेवा के लिए पारामैडिकल युनिट का प्रावधान किया। कोरिया में 1953 में युद्ध विराम के बाद भारत को तटस्थ राष्ट्र आयोग (Neutral Nations Repatitation Commission) का चेयरमैन नियुक्त किया भारत ने मध्य एशिया में शांति स्थापना में भी मदद की है। यूनाइटेड नेशन्स इमरजेन्सी फोर्स (UNEF) अर्थात् संयुक्त राष्ट्र आपात सेना 1956 में भारत ने इन्फेन्ट्री बटालियन उपलब्ध करायी। यह कार्यक्रम 11 वर्ष तक 1956 से 1967 तक चलाया गया। भारत 1954 में अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण आयोग (International Control Commission) का चेयरमैन रहा जिसने वियतनाम और लाओस, कम्बोडिया और फ्रांस में युद्ध विराम लागू कराया। 1970 तक भारत ने अपनी इन्फेन्ट्री बटालियन को भेजा। 1960 में कांगो में भी भारतीय सेना के मानवतापूर्ण कार्यों और अनुशासन की बड़ी प्रशंसा हुई थी। यमन में 1960 में, साइप्रस में संयुक्त राष्ट्र आपरेशन के तहत तथा ईरान-इराक सीमा विवाद के तहत भारत ने सहायता दी। फार्स कमाण्डर तथा आबजर्वर भेजे गये। संयुक्त राष्ट्र नामीबिया ऑपरेशन में भी कोर्स कमांडर भारतीय अफसर ही था मोजाम्बिक में विदेशी सेना को वापस भेजना तथा निर्वाचन में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गयी कार्यवाही में भी भारत ने अपने अफसर तथा इंजीनियरों को भेजा। विश्व के अधिकांश भागों में भारत ने इस प्रकार के शांति प्रयासों में कदम उठाए हैं। अफ्रीकी एशियाई एकता तथा संयुक्त राष्ट्र में शांति स्थापना के प्रयासों में भारत अपनी जोरदार आवाज उठाता रहा है।
3. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की सदस्यता की वकालत क्यों की?
Why did India advocate China’s admission to the United Nations?
उत्तर-चीन विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यह देश प्रारंभ में संयुक्त
राष्ट्र का सदस्य नहीं था। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की सदस्यता की वकालत की और अन्त
में वह चीन को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता प्रदान कराने में सफल हो गया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र
की चीन को सदस्यता की वकालत निम्न कारणों से की थी.
(1) चीन विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत ने यह अनुभव किया कि
ऐसे देश का विश्व मंच से बाहर रहना विश्व के लिए खतरे का कारण बन सकता है।
(2) चीन की भौगोलिक व राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि उसके संयुक्त राष्ट्र के सदस्य होने
से विश्व के अन्य देशों को कुछ लाभ प्राप्त हो सकता है।
(3) भारत चीन के साथ मित्रता को और अधिक बढ़ाना चाहता है।
4. संयुक्त राष्ट्र की महासभा का संगठन और कार्य लिखिए।
Mention the organization and function of U.N. General Assembly.
उत्तर-महासभा (General Assembly)-महासभा संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च अंग है
और एक प्रकार से विश्व की संसद के समान है। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य इसके सदस्य होते
हैं और प्रत्येक सदस्य राष्ट्र इसमें पाँच प्रतिनिधि भेजता है परन्तु उनका मत एक ही होता है। प्राय: वर्ष में एक बार इसका अधिवेशन होता है। इसकी स्थापना के समय इसके सदस्यों की कुल संख्या 51 थी जो बाद में बढ़ते-बढ़ते अब 185 के लगभग है। 1992 के आरंभ में सोवियत संघ के समाप्त होने से उसके पूर्व स्वायत्त गणराज्य अब स्वतंत्र होकर इसके सदस्य बन गए हैं।
महासभा के प्रमुख कार्य अग्रलिखित हैं-(1) यह सभा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सम्बन्धी
मामलों पर विचार करती है और निर्णय लेती है। (2) यह संयुक्त राष्ट्र का बजट पास करती है।
(3) महासभा नये राज्यों को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाये जाने का निर्णय करती है और किसी
पुराने सदस्य की सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय ले सकती है। (4) संयुक्त राष्ट्र के अन्य
अंगों के सदस्यों का चुनाव महासभा द्वारा होता है। (5) महासभा अपना प्रधान एक वर्ष के लिए
चुनती है। (6) संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिश से महासभा
द्वारा की जाती है।
5. सुरक्षा परिषद के क्या कार्य हैं?
What are the functions of Security Council)
अथवा
सुरक्षा परिषद् पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Write a short note on Security Council. [NCERT T.B.Q.8]
उत्तर-सुरक्षा परिषद् (Security Council)-सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र की
कार्यपालिका के समान है। इसके 15 सदस्य होते हैं जिनमें 5 स्थायी सदस्य हैं-अमेरिका, इंग्लैंड,
फ्रांस, चीन और रूस। पहले सोवियत संघ इसका स्थायी सदस्य था परंतु जनवरी, 1992 में
सोवियत संघ की समाप्ति के बाद यह स्थान रूसी गणराज्य को दे दिया गया है। इसके अन्य 10
सदस्य महासभा के द्वारा 2 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। भारत कई बार सुरक्षा परिषद् का सदस्य
चुना जा चुका है। 1992 में सुरक्षा परिषद् की एक विशेष बैठक हुई जिसमें इसके स्थायी सदस्यों
की संख्या बढ़ाये जाने पर जोर दिया गया और भारत का इसका स्थायी सदस्य बनाये जाने के
विचार ने जोर पकड़ा। कुछ लोग स्थायी सदस्यता के प्रावधान को समाप्त करना चाहते हैं और
सभी सदस्यों को समान समझे जाने पर जोर देते हैं। स्थायी सदस्य को किसी भी प्रस्ताव पर वीटो
(Veto) का अधिकार है।
सुरक्षा परिषद के कार्य निम्नलिखित हैं-
(1) यह विश्व में शांति स्थापित करने के लिए उत्तरदायी है और किसी भी मामले पर जो
विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ हो, विचार कर सकती है।
(2) यह किसी भी देश द्वारा भेजी गई किसी भी शिकायत पर विचार करती है और मामले
या झगड़े का निर्णय करती है।
(3) सुरक्षा परषिद अपने प्रस्तावों या निर्णयों को लागू करवाने के लिए सैनिक कार्यवाही भी
कर सकती है। इराक के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही का निर्णय सुरक्षा परिषद् ने लिया था।
6. सुरक्षा परिषद में सुधारों की माँग क्यों की जा रही है? सुधार के कौन-से प्रस्ताव
सुझाये गये हैं?
Why a demand for reforms in the Security Council is being made? What
reforms are being suggested?
उत्तर-सुरक्षा परिषद् में पांँच बड़े देशों के पास वीटो होने के कारण अनेक देश जैसे
वियतनाम, चीन आदि को काफी समय तक सदस्यता नहीं मिल सकी। इसके अतिरिक्त सुरक्षा
परिषद् की स्थापना विश्व-शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए हुई थी परतु वीटो का अधिकार
होने के कारण पाँच बड़ी शक्तियों में से किसी एक के वीटो करने से ही प्रस्ताव लागू नहीं हो
सकता। मार्च, 2003 में अमेरिका और ब्रिटेन की सेना द्वारा इराक पर आक्रमण किया जा चुका था परंतु यह कार्यवाही संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अंतर्गत नहीं की जा रही है क्योंकि बड़ी शक्तियों
के अपने हितों में टकराव की स्थिति है। ऐसे कारणों से समय-समय पर यह मांँग उठाई गई है कि
सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाये।
सुधार के कई प्रस्ताव हैं जिनमें एक यह है कि सुरक्षा परिषद में किसी को भी वीटो का
अधिकार न दिया जाये। दूसरे सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या जो अभी 5 है उसमें
वृद्धि की जाये। भारत, जापान तथा जर्मनी को भी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाये
क्योंकि इन देशों का संयुक्त राष्ट्र में रचनात्मक सहयोग ही सदा रहता आया है और इन देशों ने
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति को दिशा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
7. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय पर एक टिप्पणी लिखिए।
Write a note on International Court of Justice.
उत्तर-अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice)-अन्तर्राष्ट्रीय
न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का प्रधान न्यायिक अंग है। इसका प्रधान कार्यालय (हेग) हालैंड में है।
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के 15 न्यायाधीश होते हैं। वे महासभा और सुरक्षा परिषद् द्वारा 9 वर्ष की
अवधि के लिए चुने जाते हैं। केवल वे व्यक्ति न्यायाधीश चुने जायेंगे जिन्हें दोनों निकाय (महासभा और सुरक्षा परिषद) में अधिकतम मत मिले हैं। इनमें कोई भी दो न्यायाधीश एक ही राज्य के राष्ट्रिक (Nationals) नहीं हो सकेंगे। 9 वर्ष की अवधि के पश्चात् किसी भी न्यायाधीश को पुनः निर्वाचित किया जा सकेगा। न्यायाधीश केवल वही व्यक्ति बन सकेंगे जो अपने-अपने देशों में उच्चतम न्यायिक पदों पर नियुक्त किये जाने की योग्यताएं रखते हैं।
न्यायालय की शक्तियाँ एवं कार्य (Porvers and Functions of the Court)-
न्यायालय के समस्त मामलों में केवल वे राज्य जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं, न्यायालय में जा
सकेंगे। ऐसे राज्य भी अपने मामले न्यायालय में ले जा सकते हैं जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं
हैं। उस स्थिति में उस राज्य को न्यायालय के व्यय का कुछ अंश वहन करना पड़ेगा।
(1) अनिवार्य एवं बाध्यकर अधिकार क्षेत्र (Compulsory Jurisdiction) न्यायालय
उन विवादों पर विचार करता है जिनमें किसी संधि (Treaty) की व्याख्या का प्रश्न निहित है। वह
अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों की व्याख्या करता है और किसी अन्तर्राष्ट्रीय संधि के भंग किये जाने की
स्थिति में हानि पूर्ति (Reparation) की प्रकृति और मात्रा तय करता है।
(2) ऐच्छिक अधिकार क्षेत्र (Voluntary Jurisdiction)-न्यायालय का अधिकार क्षेत्र
उन सभी मामलों को लेकर है जो राज्यों या सुरक्षा परिषद द्वारा उसके समक्ष लाये जाते हैं। जब
एक राज्य न्यायालय के समक्ष कोई विवाद लाता है और दूसरा राज्य उस मामले में प्रतिवादी बनना स्वीकार कर लेता है तो यह मान लिया जाता है कि दोनों राज्य अपने झगड़े का न्यायालय द्वारा समाधान चाहते हैं।
(3) सलाहकारी अधिकार क्षेत्र (Advisory Jurisdiction)-महासभा अथवा सुरक्षा
परिषद की प्रार्थना पर न्यायालय परामर्श भी देता है। संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण
(Specialized Agencies) भी कानूनी प्रश्नों पर न्यायालय से सलाहकारी राय देने का अनुरोध कर सकते हैं। न्यायालय की कार्यवाही के लिए कम-से-कम 9 न्यायाधीशों की मौजूदगी जरूरी है। किन्हीं विशेष परिस्थितियों में संपूर्ण न्यायालय (Full Court) की बैठक भी संभव है। न्यायालय किन्हीं कम महत्त्वपूर्ण मामलों में तीन या पाँच न्यायाधीशों की बैंच का गठन कर सकता है। ये मामले इस प्रकार के होंगे जैसे श्रमिकों से सम्बन्धित विवाद आदि। सभी फैसलों के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है। न्यायालय के फैसलों को लागू करने की जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद की है।
8. संयुक्त राष्ट्र का महासचिव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Write a Note on short Secretary General of United Nations.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र महासचिव (The Secretary General of United Nations)
संयुक्त राष्ट्र के कार्यों का संचालन करने के लिए एक सचिवालय है। इसके अध्यक्ष को महासचिव
कहा जाता है। सर्वप्रथम नार्वे के त्रिगवेली प्रथम महासचिव बने थे। वर्तमान महासचिव काफी
अन्नान हैं। ये दोबारा निर्वाचित हुए हैं। महासचिव के प्रमुख कार्य अग्रलिखित होते हैं-(1)
महासचिव सुरक्षा परिषद्, आर्थिक तथा सामाजिक परिषद आदि की बैठकों को आमंत्रित करता है।
(2) संघ के विभिन्न अंगों के द्वारा लिये गये निर्णयों को लागू करता है। (3) यदि विश्व में कहीं
भी शांति को खतरा पैदा होता है तो उसकी सूचना सुरक्षा परिषद को देता है। (4) सचिवालय के
सारे कार्यों की रिपोर्ट महासभा को देता है।(5) अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाना, अंतर्राष्ट्रीय
समस्याओं का सर्वेक्षण, अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठियों का आयोजन आदि।
9. भारत के नागरिक के रूप में आप संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की स्थायी
सदस्यता के लिए किस प्रकार समर्थन करेंगे? अपने प्रस्ताव को उचित ठहराइये।
As a citizen of India, how would you support India’s candidature for the
permanent membership of the Security Council? Justify your proposal.
[NCERT T.B.Q.9)
उत्तर-(i) भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। (ii) चीन के बाद भारत की जनसंख्या
विश्व में सर्वाधिक है। (iii) भारत शुरू से ही संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य रहा है। (iv) भारत का
इतिहास प्राचीन संस्कृति और महान, संतों, समाजसुधारकों ने सदैव विश्व कुटुम्ब, अहिंसा, शांति,
भाईचारा, पारस्परिक सहयोग का समर्थन किया है। (v) भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांतों,
उद्देश्यों, कार्यक्रमों में पूरा विश्वास है और भारत में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महामारियों, प्राकृतिक
विपत्तियों के समय पर पूरा सहयोग दिया है। (vi) भारत ने सदैव ही शीतयुद्ध और सैन्य गुटबंदी,
युद्ध के लिए अणु-परमाणु अस्त्र-शस्त्रों के प्रयोग का विरोध किया है।
10. संयुक्त राष्ट्र की कुछ उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
Explain some achievements of U.N.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र की विधिवत् स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई. को हुई। इसकी स्थापना
का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति की स्थापना था। अपनी स्थापना के बाद अब तक की संयुक्त राष्ट्र
की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित थीं-
(1) इसने फिलिस्तीन समस्या को हल किया और यहूदियों के लिए 1948 ई. में इजरायल
राज्य की स्थापना की।
(2) इसने कोरिया तथा हिंद-चीन के युद्ध को समाप्त कराया और कोरिया की स्वाधीनता पर
आँच नहीं आने दी।
(3) इसने इंडोनेशिया से डच सेनाओं को वापस लौटने के लिए मजबूर किया। इस प्रकार
1948 ई. में स्वतंत्र इंडोनेशिया का उदय हुआ।
(4) इसने 1948 और 1965 में कश्मीर की सीमा पर भारत और पाकिस्तान के युद्ध को बंद
कराया।
(5) इसने इंग्लैंड और मिस्र के बीच स्वेज नहर के झगड़े का अंत कराया। इसने मलाया,
लीबिया, ट्यूनेशिया, घाना तथा टोगालैंड आदि देशों को स्वतंत्र करने में पूरी-पूरी सहायता की।
(6) इसने कांगो में शांति स्थापित कराने में पूरी-पूरी सहायता की। इसने सोवियत रूस और
अमेरिका (दो गुटों) के आपसी मतभेदों और तनावों को कम किया।
(7) इसने विनाशकारी शस्त्रों की रोकथाम के लिए समय-समय पर बड़े राष्ट्रों के शिखर.
सम्मेलन बुलाए।
(8) संयुक्त राष्ट्र संघ ने ईरान और इराक के बीच आठ वर्षों से चले आ रहे युद्ध को 1988
ई. में समाप्त करवा कर एक और सफलता प्राप्त की।
11. भारत को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से क्या लाभ हुए?
What benefits get India from the membership of U.N.?
उत्तर-जहाँ एक ओर विश्व के राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र को सहयोग देते हैं, वहाँ दूसरी ओर
संयुक्त राष्ट्र की विशेष संस्थाओं ने भारत की शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी तथा वैज्ञानिक उन्नति में सराहनीय योगदान दिया है, जिसका वर्णन निम्न प्रकार हैं-
(1) उत्तर प्रदेश के तराई प्रदेश को कृषि योग्य बनाने में खाद्य एवं कृषि संगठन ने बहुत
सहायता दी है। राजस्थान में रेगिस्तान के प्रसार को रोकने तथा इसे हरा-भरा बनाने में भी यह
संगठन प्रयत्नशील है।
(2) विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में जनस्वास्थ्य के लिए प्रशंसनीय कार्य किये। डी डी टी.
तथा तपेदिक निवारण के लिए बी सी-जी- वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराये हैं। चिकित्सा
क्षेत्र में उच्च अध्ययन के लिए अनेक छात्रवृत्तियाँ भी दी है।
(3) शैक्षिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में भी भारत को संयुक्त राष्ट्र से काफी मदद मिली है। इसकी
विशेष संस्था ‘यूनेस्को’ ने भारत में शिक्षा-प्रसार में यथेष्ट योगदान दिया है। तकनीकी क्षेत्र में
विभिन्न देशों से अध्यापकों एवं छात्रों के आदान-प्रदान करने में तथा अन्य देशों में सांस्कृतिक
संपर्क बढ़ाने में भारत को यूनेस्को से सहायता मिली है।
(4) भारत के आर्थिक विकास में भी संयुक्त राष्ट्र ने अनेक प्रकार से सहायता पहुंचाई है।
विश्व बैंक ने पंचवर्षीय योजनाओं के लिए ऋण भी दिये हैं। अनेक योजनाओं को सफल बनाने
के लिए हमें तकनीकी विशेषज्ञों का परामर्श भी उपलब्ध हुआ है।
12. नि:शस्त्रीकरण को परिभाषित करें। निःशस्त्रीकरण के मुद्दे पर भारत क्या भूमिका
निभाता रहा है?
Define disarmament. What role has India been playing on disarmament
issue?
उत्तर-निःशस्त्रीकरण का अर्थ है, विश्व शांति के लिए घातक हथियारों पर रोक लगाना।
निःशस्त्रीकरण में भारत की भूमिका निम्नलिखित है-
(क) भारत ने घोषणा की कि-(i) भारत हथियारों की दौड़ से बाहर रहकर आवश्यक
न्यूनतम परमाणु अवरोधक शक्ति बना रहेगा। (ii) भारत भविष्य में भूमिगत परमाणु विस्फोट नहीं करेगा। (iii) परमाणु हथियारों के संदर्भ में भारत ने स्वेच्छा से इनको पहले प्रयोग न करने के सिद्धांत को स्वीकार किया।
(ख) भारत ने विश्व समुदाय के समक्ष ‘पहले प्रयोग न करने के समझौते को परमाणु
हथियारों की समाप्ति की ओर एक कदम के रूप में सुझाया।
(ग) भारत, संयुक्त राष्ट्र में नि:शस्त्रीकरण के मुद्दे पर सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। यह
जेनेवा नि:शस्त्रीकरण आयोग का एक सदस्य था। डॉ. होमी जहाँगीर भाभा 1955 में संयुक्त राष्ट्र
के परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए हुए प्रथम सम्मेलन के निर्वाचित अध्यक्ष थे। भारत
ने 1957 में वियना में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आई.ए.ई.ए.) के गठन में निर्णायक
भूमिका निभाई थी।
(घ) भारत ने 1988 में नि:शस्त्रीकरण को समर्पित संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व को परमाणु
हथियारों से मुक्त और अहिंसक विश्व व्यवस्था बनाने के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत की।
13. संयुक्त राष्ट्र संघ अमरीका की शक्ति या उसके बढ़ते दबाव को रोकने में असफल
ही रहा है क्यों? [B.M.2009A]
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र संघ अमरीका की शक्ति या उसके बढ़ते दबाव को रोकने में असफल
ही रही है क्योंकि-
(क) अपनी सैन्य व आर्थिक ताकत के बल पर अमरीका संयुक्त राष्ट्र संघ या अन्य किसी
भी संगठन की अनदेखी कर सकता है।
(ख) संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में सबसे अधिक योगदान देनेवाला देश अमरीका ही है।
इसके साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ में कई बड़े नौकरशाह अमरीका के नागरिक हैं।
(ग) यदि किसी प्रस्ताव के संबंध में अमरीका या उसके साथी राष्ट्रों को लगे कि यह प्रस्ताव
उनके अनुकूल नहीं है तो अमरीका उस पर वीटो शक्ति का प्रयोग करके उसको रुकवा भी सकता
है।
(घ) वीटो शक्ति के प्रयोग व प्रभाव के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के चयन में
भी इसकी अहम भूमिका है। अमरीका अपनी शक्ति और नीतियों के कारण विश्व में फूट डालता
है ताकि विरोधियों के प्रभाव को कम किया जा सके।
14. विश्व व्यापार संगठन (W.T.O) क्या है? [Board Exam. 2009A; B.M. 2009AJ
उत्तर-विश्व व्यापार संगठन एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो वैश्विक व्यापार के लिए
नियम निर्धारित करता है। इस संगठन की स्थापना 1995 ई. में व्यापार तथा सीमा शुल्क पर
सामान्य समझौता (गैट) के उत्तराधिकारी के रूप में हुआ जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गठित
किया गया था। इसके सदस्य देशों की संख्या 150 है। इसका हर दो वर्ष बाद सम्मेलन होता है
जिसमें व्यापार संबंधी चर्चाएं की जाती है। निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाते हैं, जो सभी
देशों के लिए बाध्यकारी है। इसका अपना न्यायाधीकरण है जिसमें देशों के बीच व्यापार संबंधी
विवादों का निपटारा होता है।
15. सुरक्षा परिषद के क्या कार्य हैं? [B.M. 2009A]
उत्तर-सुरक्षा परिषद्, संयुक्त राष्ट्रसंघ का कार्यकारी अंग है जिस पर अंतर्राष्ट्रीय
शांति एवं सुरक्षा बनाये रखने का दायित्व है। इसके 5 स्थायी सदस्य हैं तथा 10 अस्थायी
सदस्य मनोनीत किए जाते हैं जिसे महासभा दो वर्ष के लिए चुनती है। चार्टर के अनुसार सुरक्षा
परिषद् के निम्न कार्य हैं-
(i) अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा।
(ii) शांति भंग होने पर आक्रमणकारी को बाध्यकारी तरीकों से रोकना।
(iii) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय को लागू करना।
(iv) महासभा को अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रेषित करना।
16. विश्व बैंक के कार्यों का उल्लेख करें। [Board Exam. 2009A; B.M. 2009A]
उत्तर-द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व के विभिन्न देशों को पर्याप्त क्षति हुई।
इन देशों ने अपने पुनरुद्धार हेतु 1965 ई. में एक विश्व बैंक की स्थापना की। इसका कार्यालय
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में है। इस बैंक के कार्य हैं
(i) विकासशील देशों को वित्तीय सहायता व ऋण देना।
(ii) उसके रचनात्मक आर्थिक विकास के लिए तकनीकी सहायता देना।
(iii) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में संतुलन बनाए रखना, जिससे सहायता प्राप्त देश अपना
विकास कार्यक्रम अबाध गति से चला सकें।
(iv) पर्यावरण सुरक्षा, जिसमें प्रदूषण से संबंधित सभी नियमों का निर्माण और उसे लागू करना भी इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
17. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (I.M.F.) के बारे में क्या जानते हैं? [B.M. 2009A]
उत्तर-अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो उन वित्तीय संस्थानों का
नियमन तथा वित्तीयन करता है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करता है। यह विभिन्न देशों की
मांँग पर भी वित्तीय या तकनीकी सहायता भी मुहैया करता है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में, 184 देश शामिल हैं लेकिन सभी देश को समान मताधिकार प्राप्त
नहीं है। प्रमुख 10 देशों को 55 प्रतिशत मताधिकार प्राप्त है जिनमें जी-8 के सदस्य देश-अमेरिका, जापान, फ्रांस, इंग्लैंड, इटली, कनाडा, रूस तथा दो देश सऊदी अरब और चीन हैं। केवल अमेरिका के पास 17.4% मताधिकार है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य क्या थे? संयुक्त राष्ट्र के संगठन और
इसके अंगों के प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
What were the main objectives of the establishment of the United Nations?
Describe the organization and the main functions of the each organ of the United Nations.
अथवा,
उन मुख्य उद्देश्यों का वर्णन कीजिए जिन पर संयुक्त राष्ट्र आधारित है? कहाँ तक
उनकी प्राप्ति हो सकी है?
Describe the main objectives for which the United Nations stand. How for they have been realised?
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसकी स्थापना युद्धों को रोकने, आपसी
शांति और भाईचारा स्थापित करने तथा जन-कल्याण के कार्य करने के लिए की गई है। आजकल संसार के छोटे-बड़े लगभग 192 देश इसके सदस्य हैं। इस संस्था की विधिवत स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई. को हुई थी। इस संस्था का मुख्य कार्यालय न्यूयॉर्क, अमेरिका में है।
उद्देश्य (Aims)-(1) अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना। (2) भिन्न-भिन्न
राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ावा देना। (3) आपसी सहयोग द्वारा आर्थिक, सामाजिक,
सांस्कृतिक तथा मानवीय ढंग की अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करना। (4) ऊपर दिये गये हितों
की पूर्ति के लिए भिन्न-भिन्न राष्ट्रों की कार्यवाही में तालमेल करना।
संयुक्त राष्ट्र का संगठन (Organization of the United Nations)-
(1) साधारण सभा या महासभा (General Assembly)-यह सभा संयुक्त राष्ट्र का
अंग है। इसमें सब सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश
इसके भी सदस्य हैं। प्रत्येक सदस्य राष्ट्र 5 प्रतिनिधि भेज सकता है परंतु उनका वोट एक ही होता है। इसका अधिवेशन वर्ष में एक बार होता है।
कार्य (Finctions)-(1) यह सभा शांति तथा सुरक्षा कार्यों पर विचार करती है। (2) यह
सभा संयुक्त राष्ट्र का बजट पास करती है। (3) महासभा संयुक्त राष्ट्र के बाकी सब अंगों के
सदस्यों का चुनाव करती है।
सुरक्षा परिषद (Security Council)-यह परिषद संयुक्त राष्ट्र की कार्यकारिणी है। इसके
कुल 15 सदस्य होते हैं जिनमें 5 स्थायी सदस्य हैं और 10 अस्थायी। 5 स्थायी सदस्य हैं-(i)
अमेरिका, (ii) रूस, (iii) इंग्लैंड, (iv) फ्रांस, (v) साम्यवादी चीन। अस्थायी सदस्यों का चुनाव
साधारण सभा द्वारा 2 वर्ष के लिए किया जाता है।
सुरक्षा परिषद के कार्य (Function of Security Council)-(i) यह परिषद विश्व में
शांति स्थापित करने के लिए जिम्मेदार है। कोई भी देश अपनी शिकायत इस परिषद के सामने
रख सकता है। (ii) यह झगड़ों का निर्णय करती है और यदि उचित समझे तो किसी भी देश के
विरुद्ध सैनिक शक्ति का प्रयोग कर सकती है। (iii) साधारण सभा के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के जजों को नियुक्त करती है।
(3) आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (Economicand Social Council)-इस परिषद
के 27 सदस्य होते हैं जो साधारण सभा के द्वारा 3 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इनमें एक-तिहाई
सदस्य हर वर्ष टूट जाते हैं। उनके स्थान पर नये सदस्य चुन लिए जाते हैं।
कार्य (Functions)-यह परिषद अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक
और स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों पर विचार करती है।
(4) संरक्षण परिषद (Trusteeship Council)-यह परिषद उन प्रदेशों के शासन की
देखभाल करती है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने अन्य देशों के संरक्षण में रखा हो। इसके अतिरिक्त यह
इस बात का भी प्रयत्न करती है कि प्रशासन चलाने वाले देश इन प्रदेशों को हर प्रकार से उन्नत
करके स्वतंत्रता के योग्य बना दें।
कार्य (Functions)-संरक्षण परिषद समय-समय पर संरक्षित इलाकों की उन्नति का
अनुमान लगाने के लिए मिशन भेजती है।
(5) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice)-यह न्यायालय
संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रमुख न्यायिक अंग है। इस न्यायालय के 15 न्यायाधीश होते हैं जो साधारण
सभा तथा सुरक्षा परिषद् द्वारा 9 वर्षों के लिए चुने जाते हैं। यह न्यायालय संयुक्त राष्ट्र के
भिन्न-भिन्न अंगों द्वारा उनकी समाजसेवी संस्थाओं को न्यायिक परामर्श भी देता है।
कार्य (Functions)-यह न्यायालय उन झगड़ों का फैसला करता है जो भिन्न-भिन्न देश
उसके सामने पेश करते हैं।
(6) सचिवालय (Secretariat)-यह संयुक्त राष्ट्र का मुख्य कार्यालय है। इसका सबसे
बड़ा अधिकारी महासचिव (Secretary General) होता है जिसकी सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर साधारण सभा नियुक्त करती है। यह संयुक्त राष्ट्र का मुख्य प्रबन्धक होता है। उसके अधीन दफ्तर के लगभग 6000 कर्मचारी काम करते हैं जो भिन्न-भिन्न देशों के होते हैं।
कार्य (Functions) संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय का प्रमुख कार्य सारे विश्व में फैले
संयुक्त राष्ट्र के अंगों की शाखाओं का प्रबन्ध करता है और उनकी आर्थिक एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना है।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की भूमिका पर आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिए।
Write a critical note on India’s role in the United Nations.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई. को हुई। इसका मुख्य उद्देश्य
विश्व में शांति स्थापित करना तथा ऐसा वातावरण बनाना जिससे सभी देशों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समस्याओं को सुलझाया जा सके। भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का संस्थापक सदस्य है तथा इसे अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना तथा विश्व शांति के लिए एक महत्त्वपूर्ण संस्था मानता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका (India’s Role in the United Nations)
(1) चार्टर तैयार करवाने में सहायता (Help in Preparation of the U.N.
Charter)-संयुक्त राष्ट्र का चार्टर बनाने में भारत ने भाग लिया। भारत की ही सिफारिश पर
संयुक्त राष्ट्र संघ ने चार्टर में मानव अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं को बिना किसी भेदभाव
के लागू करने के उद्देश्य से जोड़ा। सान फ्रांसिस्को सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि श्री स. राधास्वामी मुदालियर ने इस बात पर जोर दिया कि युद्धों को रोकने के लिए आर्थिक और सामाजिक न्याय का महत्त्व सर्वाधिक होना चाहिए। भारत संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाले प्रारंभिक देशों में से एक था।
(2) संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता बढ़ाने में सहयोग (Co-operation forincreasing
the membership of United Nations)-संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनने के लिए भारत
ने विश्व के प्रत्येक देश को कहा है। भारत ने चीन, बांग्लादेश, हंगरी, श्री लंका, आयरलैंड और
रूमानिया आदि देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
(3) आर्थिक और सामाजिक समस्याओं को सुलझाने में सहयोग (Co-operation
for solving the Economic and Social Problems)-भारत ने विश्व की सामाजिक व आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने हमेशा आर्थिक रूप से पिछड़े हुए देशों के आर्थिक विकास पर बल दिया है
और विकसित देशों से आर्थिक मदद और सहायता देने के लिए कहा है।
(4) नि:शस्त्रीकरण के बारे में भारत का सहयोग (India’s Co-operation to u.N
for the disarmament)-संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों के
ऊपर यह जिम्मेदारी डाल दी गई है कि निःशस्त्रीकरण के द्वारा ही विश्व शांति को बनाये रखा जा
सकता है और अणु शक्ति का प्रयोग केवल मानव कल्याण के लिए होना चाहिए। भारत के
तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने अक्टूबर, 1987 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में
बोलते हुए पुनः पूर्ण परमाणविक निःशस्त्रीकरण की अपील की थी।
संयुक्त राष्ट्र संघ के राजनीतिक कार्यों में भारत का सहयोग (India’s Co-operation
in the Political Functions of the United Nations)-भारत ने संयुक्त संघ द्वारा सुलझाई गई प्रत्येक समस्या में अपना पूरा-पूरा सहयोग दिया। ये समस्याएं निम्नलिखित हैं-
(1) कोरिया की समस्या (Korean Problems)-जब उत्तर कोरिया ने दक्षिणी कोरिया
पर आक्रमण कर दिया तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया क्योंकि उस समय उत्तरी
कोरिया रूस के और दक्षिण कोरिया अमेरिका के प्रभाव क्षेत्र में था। ऐसे समय में भारत की सेना
कोरिया में शांति स्थापित करने के लिए गई। भारत ने इस युद्ध को समाप्त करने तथा दोनों देशों
के युद्धबन्दियों के आदान-प्रदान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(2) स्वेज नहर की समस्या (Problems concerned with Suez Canal)-जुलाई,
1956 के बाद में मिस्र ने स्वेज नहर के राष्ट्रीयकरण की घोषणा कर दी। इस राष्ट्रीयकरण से इंग्लैंड और फ्रांस को बहुत अधिक हानि होने का भय था अत: उन्होंने स्वेज नहर पर अपना अधिकार जमाने के उद्देश्य से इजराइल द्वारा मिस्र पर आक्रमण करा दिया। इस युद्ध को बन्द कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने सभी प्रयास किये। इन प्रयासों में भारत ने भी पूरा सहयोग दिया और वह युद्ध बन्द हो गया।
(3) हिन्द-चीन का प्रश्न (Issue of Indo-China)-सन् 1954 में हिन्द-चीन में आग
भड़की। उस समय ऐसा लगा कि संसार की अन्य शक्तियाँ भी उसमें उलझ जायेगी। जिनेवा में
होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में भारत ने इस क्षेत्र की शांति स्थापना पर बहुत बल दिया।
(4) हंगरी में अत्याचारों का विरोध (Oppsition of Atrocities in Hangery)-जब
रूसी सेना ने हंगरी में अत्याचार किये तो भारत ने उसके विरुद्ध आवाज उठाई। इस अवसर पर
उसने पश्चिमी देशों के प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें रूस से ऐसा न करने का अनुरोध किया
गया था।
(5) चीन की सदस्यता में भारत का योगदान (Contribution of India in granting
membership to China)-विश्व शांति की स्थापना के सम्बन्ध में भारत का मत है कि जब
तक संसार के सभी देशों का प्रतिनिधित्व संयुक्त राष्ट्र में नहीं होगा वह प्रभावशाली कदम नहीं
उठा सकता। भारत के 26 वर्षों के प्रयत्न स्वरूप संसार में यह वातावरण बना लिया गया। इस
प्रकार चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य भी बन गया है।
(6) नये राष्ट्रों की सदस्यता (Membership to Neru Nations). भारत का सदा प्रयत्न
रहा है कि अधिकाधिक देशों को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाया जाये। इस दृष्टि से नेपाल, श्रीलंका, जापान, इटली, स्पेन, हंगरी, बल्गारिया, ऑस्ट्रिया, जर्मनी आदि को सदस्यता दिलाने में भारत ने सक्रिय प्रयास किया।
(7) रोडेशिया की सरकार (Government of Rodesia)-जब स्मिथ ने संसार की अन्य
श्वेत जातियों के सहयोग से रोडेशिया निवासियों पर अपने साम्राज्यवादी शिकंजे को कसा तो
भारत ने राष्ट्रमण्डल तथा संयुक्त राष्ट्र के मंचों से इस कार्य की कटु आलोचना की।
(8) भारत विभिन्न पदों की प्राप्ति कर चुका है (India had worked at different
posts)― भारत की सक्रियता का प्रभाव यह है कि श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित को साधारण सभा का अध्यक्ष चुना गया। इसके अतिरिक्त मौलाना आजाद यूनेस्को के प्रधान बने, श्रीमती अमृत
कौर विश्व स्वास्थ्य संघ की अध्यक्षा बनीं। डॉ. राधाकृष्णन् आर्थिक व सामाजिक परिषद के अध्यक्ष चुने गये। सर्वाधिक महत्त्व की बात भारत को 1950 में सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना जाना था। अब तक छ: बार 1950, 1967, 1972, 1977, 1984 तथा 1992 में भारत अस्थायी सदस्य रह चुका है। डॉ. नगेन्द्र सिंह 1973 से ही अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश रहे। फरवरी, 1985 में मुख्य न्यायाधीश चुने गये। श्री के. पी. एस. मेनन कोरिया तथा समस्या के सम्बन्ध में स्थापित आयोग के अध्यक्ष चुने गये थे।
निष्कर्ष (Conclusion)-भारत विश्व शांति व सुरक्षा को बनाये रखने के लिए संयुक्त
राष्ट्र को सहयोग देता रहा है और भारत का अटल विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र विश्व शांति को
बनाये रखने का महत्त्वपूर्ण यंत्र है। पं. जवाहरलाल ने एक बार कहा था, “हम संयुक्त राष्ट्र के
बिना विश्व की कल्पना भी नहीं कर सकते।”
3. संयुक्त राष्ट्र संघ के पुनर्गठन के सुधार संबंधी सुझावों को लागू करने में जो
कठिनाइयाँ आती हैं उनका आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
Critically evaluate the difficulties involved in implemanting the suggested reforms to reconstruct the U.N. [NCERT T.B.Q. 10)
उत्तर-(i) यू-एन-ओ- के जो देश अब भी सदस्य नहीं हैं उन्हें सदस्य बनने के लिए राजी
किया जाए। चीन, तिब्बत और ताइवान को स्वतंत्र सदस्यता दिये जाने का विरोध करता है जबकि अनेक सदस्य उसका समर्थन करते हैं।
(ii) सभी सदस्यों को एक मत देने का अधिकार होना चाहिए और वह व्यक्तिगत तौर पर
गुप्त मतदान के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए। सभी निर्णय महासभा में बहुमत से होने चाहिए। बड़ी शक्तियाँ अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी हेकड़ी या वर्चस्व बनाये रखने के लिए इसकी अनुमति नहीं देती हैं।
(iii) सुरक्षा परिषद में पांच की बजाय पंद्रह स्थायी सदस्य हों और वीटो का अधिकार समाप्त
हो। यह सदस्यता विश्व के प्रमुख 50 राष्ट्रों को क्रमानुसार नम्बर दे दी जानी चाहिए, ऐसा पाँचों
स्थायी सदस्य नहीं होने देना चाहते।
(iv) बदले हुए विश्व वातावरण में भारत, जापान, जर्मनी, कनाडा, ब्राजील, दक्षिणी अफ्रीका
को स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए।
(v) पर्यावरण की समस्याओं, जनाधिक्य की समस्याओं, आतंकवाद की समस्याओं, परमाणु
अस्त्र-शस्त्र को समाप्त करने के मामले में सभी संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को पूरा सहयोग करना
चाहिए।
4. यद्यपि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्धों को रोकने से असफल रहा है और इससे जुड़े हुए
दर्दनाक परिणामों को विश्व नहीं बचा सका है तो भी इसे जारी रखना बहुत जरूरी
है। ऐसी कौन-सी बातें हैं जो संयुक्त राष्ट्र संघ के अस्तित्व को अनिवार्य और परम
आवश्यकता बना देती है।
Though the UN has failed in prevented wars and related miseries, nations preferitscontinuation. What makes the UNan indispensableorganisation? [B.M. 2009A; NCERTT.B.Q.11]
उत्तर-यह कथन सही है कि अपने जीवन काल के लगभग 62 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र संघ
विश्व के अनेक भागों में छिड़े अनेक राष्ट्रों के मध्य संघर्षों, झड़पों और युद्धों को पूरी तरह नहीं
रोक सका। यह भी सत्य है कि प्रत्येक युद्ध का दुष्परिणाम प्रभावित लोगों को जान, माल और
सम्मान की हानि के रूप में झेलना पड़ता है। इसे भी संयुक्त राष्ट्र संघ नहीं रोक सका लेकिन यह
भी सत्य है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपने पूर्ववर्ती संस्था राष्ट्र संस्था (League of Nation) की
तरह दूसरे विश्वयुद्ध के बाद असफल नहीं हुआ और सौभाग्यवश प्रथम विश्वयुद्ध या दूसरे
विश्वयुद्ध का स्तर का था उससे भी ज्यादा विनाशकारी स्तर का तीसरा विश्वयुद्ध अभी तक नहीं हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र संघ को बनाये रखना बहुत जरूरी है क्योंकि (i) आज संयुक्त राष्ट्र संघ में 50
या 55 राष्ट्र इसके सदस्य नहीं हैं। बल्कि 1 जनवरी, 2007 तक 192 देश इसके सदस्य बन चुके
हैं यह दुनिया का सबसे बड़ा, प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय मंच है। यहाँ पर अन्तर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा,
सामाजिक-आर्थिक समस्याओं पर खुले मस्तिष्क के वाद-विवाद और विचार-विमर्श होता है।
निःसंदेह इससे अन्तर्राष्ट्रीय वातावरण को सौहार्द बनाये रखने में प्रशंसनीय मदद मिली है।
(ii) यह सही है कि कुछ राष्ट्रों के पास अणु और परमाणु बम हैं लेकिन यह भी सही है कि
बड़ी शक्तियों के प्रभाव के कारण पर्याप्त सीमा तक सर्वाधिक भयंकर हथियारों के निर्माण और
रसायन व जैविक हथियारों के प्रयोग और निर्माण को रोकने में सफलता इस संस्था को मिली है।
(iii) आज साम्यवादी विचारधारा लगभग शांत है। सोवियत संघ और चीन सहित अनेक
पूर्व साम्यवादी यूरोपीय देश वैश्वीकरण, उदारीकरण और नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक नीति और
अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं।
(iv) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, पिछड़े और गरीब राष्ट्रों को ऋण, भुगतान और
आपातकाल में अनेक प्रकार की सहायता दिलाने में सक्षम रहा है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ का
बना रहना जरूरी है। युद्ध मानवीय मस्तिष्क और निहित स्वार्थों, अहंकार, गलत राष्ट्रीय नीतियों
और मानव विरोधी नेताओं के कार्यों की उपज है। कब सह-शस्त्र, सैन्य गुट बनने लगेंगे या कब
साम्यवाद और पूँजीवाद के मध्य द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 45 वर्षों तक जारी रहा। संघर्ष उन्हें
जन्म तो देगा। इसके विषय में कोई भी व्यक्ति यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि ऐसा कभी
नहीं होगा।
(v) आज संयुक्त राष्ट्र संघ शिक्षा, प्रचार, स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी, मझमारियों को रोकने
आदि में अहम् भूमिका निभा रहा है। आतंकवाद, धर्मांधता और शस्त्रीकरण के स्थान पर आर्थिक,सामाजिक विकास और लोकतंत्र के प्रसार और सशस्त्रीकरण को मजबूत करना है तो संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रयोग और अधिक मानव मूल्यों, विश्व बंधुत्व, पारस्परिक सहयोग की भावना से किया जाना चाहिए।
5. संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद का हवाला देते हुए क्या आप इस कथन से
सहमत हैं कि इस अंग का पुनर्गठन किया जाना आवश्यक है। इसके पक्ष-विपक्ष में
अपने तर्क प्रस्तुत कीजिए।
‘Reforming the UN means restructuring of the Security Council.’ Do you
agree with this statement? Give arguments for or against this position.
[NCERT T.B.Q.12]
उत्तर-नि:संदेह संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग सुरक्षा परिषद है। विश्व की 5 बड़ी
शक्तियों को इसमें स्थायी सदस्यता और 10 अन्य महत्त्वपूर्ण देशों को अस्थायी सदस्यता दी जाती
है। मेरे विचार से अब विश्व की बदलती परिस्थितियों में इस अंग का पुनर्गठन होना चाहिए।
स्थायी सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 15 कर दी जानी चाहिए और अस्थायी सदस्यों की
संख्या 10 से बढ़ाकर 36 कर देनी चाहिए। यह कुल 51 सदस्य राष्ट्र मिलकर विशेष बहुमत से
प्रस्ताव मंजूर करें जिन पर विचार-विमर्श सुरक्षा परिषद के साथ-साथ महासभा में भी होना चाहिए। सुरक्षा परिषद के विशेष बहुमत का अर्थ कुल 51 सदस्यों को 3/4 बहुमत या 75 प्रतिशत बहुमत हो सकता है जो राष्ट्र विश्व शांति और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करे उसके विरुद्ध सेनाएंँ भेज देनी चाहिए और इस बात का निर्णय महा परिषद के सदस्य राष्ट्र बहुमत या विशेष बहुमत से कर सकते हैं।
सुरक्षा परिषद को स्थायी तौर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति सेना बनाई रखनी चाहिए जिसमें प्रत्येक
सदस्य राष्ट्र अपने क्षेत्रफल और जनसंख्या के आधार पर मानवीय और अन्य सहयोग दे।
आर्थिक और सामाजिक सहयोग के लिए एक संयुक्त राष्ट्र संघ को बनाये जाये जिसमें
निश्चित रूप में प्रत्येक महीने हर राष्ट्र अपनी कुल राष्ट्रीय आय का एक निर्धारित हिस्सा दान
करें। प्राकृतिक विपत्तियों के समय उस कोष का इस्तेमाल अनुदान के रूप में हो लेकिन 15 या 20 वर्ष के बाद उस राशि को वसूल किया जाना चाहिए।
मानव अधिकारों की रक्षा,लोकतंत्र की स्थापना,उसका विस्तार और उसको गहरा बनाने के
लिए लोकतंत्रीय राज्यों को आगे आना चाहिए। यू-एन-ओ. को तानाशाही-सैनिक अथवा धर्माध
नेताओं की तानाशाही या राजतंत्र को पूर्णत: अलविदा कहना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष माघ
विश्व बैंक का उपयोग पिछड़े गरीब और अविकसित राष्ट्रों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनान
हुए प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।
6. विश्व शांति बनाये रखने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका का परीक्षण करें।
Examine the role of the U.N. in maintaining World Peace.
उत्तर-संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रधान उद्देश्य विश्व में शांति और सुरक्षा की स्थापना करना,
राज्यों के आपसी झगड़ों का शांतिपूर्ण निपटारा करना तथा अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को कायम रखना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 1 में संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों का वर्णन इस प्रकार
किया गया है-
अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को बनाये रखना, शांति के खतरों को सामूहिक तथा प्रभावकारी
उपायों से रोकना, आक्रमण तथा शांति भंग होने वाले प्रयासों को दबाना तथा न्याय और अन्तर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण साधनों द्वारा शांति भंग करने वाली स्थितियों तथा विवादों का निपटारा करना तथा सुलझाना।
राजनीतिक क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों को दो भागों में बाँटा जा सकता है-(i)
अन्तर्राष्ट्रीय विवादों तथा समस्याओं का शांतिपूर्ण निपटारा करना, (ii) अंतर्राष्ट्रीय शांति और
सुरक्षा को कायम रखना।
अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक विवाद महासभा तथा सुरक्षा परिषद के सम्मुख लाये जाते है और
कानूनी विवाद अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) के द्वारा तय किये
जाते हैं। यद्यपि यह सत्य है कि संयुक्त राष्ट्र विश्व शांति व सुरक्षा स्थापित करने में उस सीमा
तक सफल नहीं हुआ है जितनी कि आशा की जाती थी, परंतु साथ-ही-साथ उसके इस क्षेत्र में
योगदान से इंकार नहीं किया जा सकता। अनेक कमियों तथा बाधाओं के बावजूद भी संयुक्त राष्ट्र
संघ ने इन वर्षों में विश्व शांति स्थापित करने, युद्धों को रोकने, अन्तर्राष्ट्रीय तनाव को कम करने
तथा अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण कार्य किये हैं।
विश्व शांति बनाये रखने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका (Role of the U.N. in
maintaining World Peace)-संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व में शांति स्थापित करने के लिए
अथक प्रयास किए हैं और वह अपने प्रयासों में काफी हद तक सफल भी रहा है क्योंकि शीतयुद्ध को समाप्त करने और तीसरे विश्वयुद्ध को शुरू न होने देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका संयुक्त राष्ट्र संघ की है। विश्व में शांति स्थापित रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जो कार्य किये गये हैं,
उनमें से मुख्य कार्यों का संक्षिप्त विवेचन निम्नलिखित है-
(1) कोरिया की समस्या (Korean Problem)-1950 ई. में उत्तरी कोरिया ने दक्षिण
कोरिया पर आक्रमण कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने युद्ध को रोकने के लिए 16 राष्ट्रों की सेनायें
उत्तरी कोरिया में प्रतिरोध के लिए भेजी। भारत के सैनिकों ने भी इस कार्यवाही में भाग लिया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सहायता करते हुए दोनों देशों में युद्ध को समाप्त करवाया और
दोनों देशों के युद्धबन्दियों के आदान-प्रदान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(2) स्वेज नहर की समस्या (Problems concerned with Snee Canal)- जुलाई,
1956 के बाद में मिस्र ने स्वेज नहर के राष्ट्रीयकरण की घोषणा कर दी। इस राष्ट्रीयकरण से इंग्लैंड और फ्रांस को बहुत अधिक हानि होने का भय था अत: उन्होंने स्वेज नहर पर अपना अधिकार जमाने के उद्देश्य से इजराइल द्वारा मिस्र पर आक्रमण करा दिया। इस युद्ध को बन्द कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने सभी प्रयास किये। इन प्रयासो में भारत ने भी पूरा सहयोग दिया और वह युद्ध बन्द हो गया।
(3) भारत-पाक युद्ध (Indo-Pak War)-1965 ई. में जब पाकिस्तान ने भारत पर
आक्रमण कर दिया तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस युद्ध को समाप्त करवाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका
अदा की। यह युद्ध जनवरी, 1966 ई. मे ताशकन्द संधि के साथ समाप्त हुआ।
(4) खाड़ी युद्ध (Gulf War)-1991 ई. में खाड़ी युद्ध के प्रारंभ होने पर संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद ने तुरंत अपनी बैठक बुलाई और वहाँ पर शांति स्थापित करने के लिए प्रस्ताव पास किया। इस प्रकार खाड़ी युद्ध की समाप्ति में संयुक्त राष्ट्र ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(5) नि:शस्त्रीकरण के लिए प्रयास (Effortsmade for the disarmament)-संयुक्त
राष्ट्र संघ के चार्टर में महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों के ऊपर वह जिम्मेदारी डाली गई है कि
निःशस्त्रीकरण के लिए कार्य करे। संयुक्त राष्ट्र ने नि:शस्त्रीकरण को लागू करने और विध्वंसक
परमाणु हथियारों पर पाबंदी लगाने के लिये समय-समय पर कई सम्मेलन बुलाये हैं तथा कई
प्रस्ताव पास किये हैं। संयुक्त राष्ट्र को निःशस्त्रीकरण के प्रयासों में भारत का सहयोग भी प्राप्त
हुआ है और यह काफी हद तक शस्त्रों के प्रसार को रोकने में सफल रहा है।
7. संयुक्त राष्ट्रसंघ से जुड़े संगठन महासभा के कार्यों का वर्णन करें। [B.M. 2009A]
उत्तर-महासभा (General Assembly) संयुक्त राष्ट्रसंघ का सबसे बड़ा अंग है।
क्योंकि इसमें सदस्य राज्य को सार्वभौम समानता के आधार पर स्थान प्राप्त है। इसका सत्र हर
वर्ष सितम्बर के तीसरे मंगलवार को प्रारंभ होता है और लगभग तीन महीने तक चलता है।
महासभा में सारे निर्णय उपस्थित तथा मतदान करनेवाले सदस्यों के बहुमत से लिए जाते हैं किन्तु किसी संधि या महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पास करने हेतु उपस्थित व मतदान करनेवाले सदस्यों का 2/3 भाग बहुमत आवश्यक है।
महासभा के निम्नलिखित कार्य हैं-(i) अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना तथा
सहयोग के सामान्य सूत्रों पर विचार करना। (ii) निःशस्त्रीकरण व शस्त्रों के विनियमन को प्रभावित करनेवाले सूत्रों पर विचार करना तथा सुरक्षा परिषद् या अपने सदस्यों को ऐसे सूत्रों के बारे में पनी सिफारिश भेजना। (iii) न्यासी परिषद् के सदस्यों का चुनाव करना तथा न्यासी परिषद् की रिपोर्ट स्वीकार करना एवं न्यासी संधियों की स्वीकृति देना। उत्पत्ति के कारणों की परवाह नहीं करते हुए उसके शांतिपूर्ण समाधान हेतु सिफारिश करना शामिल है। (v) सुरक्षा परिषद् के 10 अस्थायी सदस्यों, आर्थिक व सामाजिक परिषद् के 54 सदस्यों, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के 15 जजों तथा महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर महासभा करती है।
★★★