11-economics

bseb class 11 economics | आँकड़ों का संगठन

bseb class 11 economics | आँकड़ों का संगठन

 

3. आँकड़ों का संगठन

                (Organisation of Data )
पाठ्यक्रम (Syllabus)
• आगे के सांख्यिकीय विश्लेषण करने के लिए आँकड़ों का वर्गीकरण करने के तरीके
• मात्रात्मक तथा गुणात्मक वर्गीकरण में भेद जानना
• आवृत्ति-वितरण तालिका बनाना
• वर्गों के निर्माण की तकनीक
• मिलान-रेखाएँ जानने की विधि से परिचित होना
• एकचर तथा द्विचर आवृत्ति वितरण में अन्तर जानना ।
” याद रखने योग्य बातें (Points to Remember):-
1. आँकड़ों का व्यवस्थितिकरण करना (Organisation of Data)-आँकड़ों के व्यवस्थितिकरण से अभिप्राय संकलित आँकड़ों (अवर्गीकृत आँकड़ों) को समय, स्थान, गुण और संस्था के आधार पर वर्गीकृत करना और फिर आँकड़ों को पक्तियों और स्तंभों में व्यवस्थित करना है।
2. अवर्गीकृत आँकड़े (Raw Data)-अनुसंधानकर्ता द्वारा एकत्रित सूचना ।
3. वर्गीकरण (Classification)-यह वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत संकलित आँकड़ों को उनकी विभिन्न विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
4. वर्गीकरण विशेषताएँ (Features of Classification) – (i) संकलित आंकड़ों को विभिन्न वर्गों में बाँटना,
 (ii) समरूप आँकड़ों को एक साथ एक वर्गीकृत करना, (iii) आँकड़ों को उनकी विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत करना,
(iv) आँकड़ों को इस प्रकार व्यवस्थित करना जिससे उनकी विभिन्नता में समानता स्पष्ट हो सके।
5. वर्गीकरण के उद्देश्य (Objective of Classification) -(i) आँकड़ों को आकर्षक एवं प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करना,
 (ii) केवल महत्त्वपूर्ण सूचना ही प्रस्तुत करना,
(iii) आँकड़ों को तुलना योग्य बनाना,
 (iv) आँकड़ों को सरल रूप में प्रकट करना,
 (vi) संकलित आँकड़ों को सांख्यिकीय उपयोग के योग्य बनाना ।
6. वर्गीकरण की विधियाँ (Methods of Classification) -भौगोलिक वर्गीकरण, समयानुसार वर्गीकरण, गुणात्मक वर्गीकरण, संख्यात्मक वर्गीकरण ।
7. आवृत्ति (Frequency)-जब किसी श्रेणी में मद मूल्य बार-बार आता है तो इसे आवृत्ति कहते हैं।
8. वर्ग (Class)-मूल्यों के एक निश्चित समूह को वर्ग कहते हैं।
9. वर्गांतर (Class Interval)-किसी वर्ग की उच्च और निम्न सीमाओं के अंतर को वर्गातर कहा जाता है।
10. वर्ग सीमाएँ (Class Limits)-किसी वर्ग के निम्न एवं उच्च मूल्यों को वर्ग सीमाएँ कहा जाता है।
11. मध्य बिन्दु (Mid-Value)-किसी वर्ग के निम्न व उच्च मूल्यों को वर्ग सीमाएँ कहा जाता है।
12. आदर्श वर्गीकरण के आवश्यक तत्त्व (Essential tools of agod classification)-
(i) निश्चितता, (ii) सजातीयता, (iii) सरलता, (iv) लचीलापन, (v) अनुकूलता, (vi) व्यापक
विस्तार, (vii) उचित आकार, (viii) शुद्धता, (ix) निरंतरता ।
13. चर (Variable)-यह जो परिवर्तित मान लें, चर कहलाता है।
14. संचयी आवृत्ति वितरण (Cumutative Froquency Distribution)-इसके अंतर्गत आवृत्तियाँ जोड़कर पाई जाती हैं।
15. संरचना के आधार पर सांख्यिकी श्रेणियों के प्रकार (Types of classification on the Basis of Construction)-(i) व्यक्तिगत श्रेणी, (ii) खदित श्रेणी, (iii) अखंडित श्रेणी।
16, वर्ग की संख्या (Number of Classos)-वर्गों की संख्या प्रायः 7.5 और 15 के बीच होनी चाहिए।
17, बगतिर में समायोजन (Adjustment in class Intervals)-समावेशी वर्गान्तर के अविछिन श्रृंखला में खाली जगह (Gap) रह जाती है। जैसे 809-899 तथा 900-999 में खाली जगह है। इसमें 1 की खाली जगह है। इस खाली जगह को भरने के लिए हम निम्नलिखित तरीके अपनाते हैं। (i) दूसरे वर्गांतर की निम्न सोमा और पहले वर्गातर को उच्चतम सीमा का अंतर लें। अंतर को दो से विभाजित करें। दो से विभाजित करने पर जो मूल्य आए उसे यांतर के निम्न सीमा से घटाएँ और उच्चतम सीमा से जोड़ें।
18. सूचना का लुप्त होना (Loss of information)- आँकड़ों का आवृत्ति वितरण बनाने से व्यक्तिगत सूचनाओं का कोई महत्त्व नहीं रह जाता और वे मदें गायब हो जाती हैं।
19. आवृत्ति वितरण के प्रकार (Types ofFrequency Distributiion)-आवृत्ति वितरण दो प्रकार के होते हैं-
(i) समान वर्गातर बाले आवृत्ति वितरण तथा
 (ii) असमान वर्गातर चाले आवृत्ति वितरण।
20. समान वर्गातर वाले आवृत्ति वितरण (Frequency Distribution with Equal Intervals)-इस प्रकार के आवृत्ति वितरण में वर्गातर बराबर होते हैं। जैसे-0-5,5-10,10-15,15-20,20-25,25-30,
35-40 आदि।
21. असमान वर्गातर वाले आवृत्ति वितरण (Frequency Distribution with unequal Class Intervals)-इसमें वर्गातर असमान होते हैं। कई अवस्थाओं में असमान वर्गातर वाले आवृत्ति वितरण समान वांतर वाले आवृत्ति वितरण से अधिक अच्छे होते हैं।
22. आवृत्ति विन्यास (Frequency Array)-आवृत्ति को एक क्रम (बढ़ते या पटते) में रखने को आवृत्ति-विन्यास कहते हैं।
23. आवृत्ति वितरण के प्रकार (Types of Frequency Distribution)-आवृत्ति तीन प्रकार की होती है-
(i) सकल-चर वितरण, (ii) द्वि-चर आवृत्ति वितरण तथा (iii) बहुचर आवृत्ति वितरण।
24. एकल चर आवृत्ति वितरण (Univariate Frequency Distribution)-इस आवृत्ति वितरण में एक चर होता है।
25. द्विचर अवृत्ति वितरण (Bivariate Frequency Distribution)-इस आवृत्ति वितरण में दो चर होते हैं।
26. बहुचर आवृत्ति वितरण (Multivariate Frequency Distribution)-इस आवृत्ति वितरण में दो से अधिक चर होते हैं।
पाठ्यपुस्तक एवं परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
(Textbook and Other important Questions for Examination)
                   अति लघु उत्तरीय प्रश्न
         (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. वर्गीकरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-वर्गीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें आँकड़ों को उनकी विशेषताओं के आधार पर वर्गों में विभाजित किया जाता है।
प्रश्न 2. वर्गीकरण का कोई एक उद्देश्य लिखें।
उत्तर-आँकड़ों के विशाल समूह को उनकी विशेषताओं के आधार पर संक्षिप्त करना ताकि उनकी समानताएँ व असमानताएँ स्पष्ट हो सके।
प्रश्न 3. व्यक्तिगत श्रेणी का क्या अर्थ है ?
उत्तर-व्यक्तिगत श्रेणी वह श्रेणी है जिसमें प्रत्येक मद का माप अलग दिया जाता है।
प्रश्न 4. अपवर्जी श्रेणी क्या है?
उत्तर-अपवर्जी श्रेणी वह श्रेणी है जिसके अंतर्गत वर्ग की ऊपरी सीमाओं को छोड़कर अन्य सभी समान मदों को वर्ग समूह में सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 5. 20-30 वर्ग समूह का मध्यमूल निकालें।
उत्तर-25
प्रश्न 6. निम्नलिखित आँकड़ों के बढ़ते क्रम में क्रमबद्ध कीजिए। 18,30,15, 20, 10, 25, 19 तथा 28
उत्तर-10,15,18,19,20,25,28 तथा 30
प्रश्न 7. वर्ग अंतराल किसे कहते हैं ?
उत्तर-उच्च और निम्न वर्ग-सीमा के अंतर को वर्ग-अंतराल कहते हैं।
प्रश्न 8. आवृत्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-जब किसी श्रेणी में मद का मूल्य बार-बार आता है तो हम उसे आवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 9. वर्ग सीमाएं कितनी होती हैं?
उत्तर-वर्ग सीमाएँ दो होती हैं।
प्रश्न 10. निम्न सीमा किसे कहते हैं?
उत्तर-प्रत्येक वर्ग की पहली संख्या को निचली सीमा कहते हैं। जैसे 5-10 में 5 निम्न सीमा है।
प्रश्न 11. प्रवेश पत्रिका के दो लाभ लिखें।
उत्तर-(i) प्रवेश पत्रिका से किसी भी वर्गातर में लिखी गई अशुद्धि को सरलता से ज्ञात किया जा सकता है।
(ii) वर्गातर का निर्माण पुनः भी किया जाता है।
प्रश्न 12.शुद्ध आंकड़ों तथा व्यक्तिगत श्रृंखला में क्या अंतर है?
उत्तर-शुद्ध आंकड़े मूल रूप में व्यक्त किए जाते हैं जबकि व्यक्तिगत श्रृंखला में मूल आँकड़ों को किसी क्रम में व्यवस्थित किया जा सकता है।
प्रश्न 13. विन्यास किसे कहते हैं।
उत्तर-जब व्यक्तिगत आंकड़ों को बढ़ते हुए क्रम में या घटते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो उसे विन्यास कहते हैं।
प्रश्न 14. खुले सिरे वाले वर्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-खुले सिर वाले वर्ग होते हैं जिसमें या तो निम्न सिरा या ऊपरी सिर परिभाषित नहीं होता ।
प्रश्न 15. वर्ग का मध्य बिन्दु क्या है ?
उत्तर-उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा का औसत मूल्य का मध्य बिन्दु कहते हैं ।
प्रश्न 16. दो चरों वाली आवृत्ति वितरण को क्या कहते हैं ?
उत्तर-दो चरों वाली आवृत्ति वितरण को द्विचर आवृत्ति वितरण कहते हैं।
प्रश्न 17. वर्गीकृत आँकड़ों की सांख्यिकी गणना किस पर आधारित होती है ?
उत्तर-वर्गीकृत आँकड़ों की सांख्यिकी की गणना वर्ग के मध्य बिंदुओं पर आधारित होती है।
प्रश्न 18. निम्न तालिका में से भारत की जनसंख्या का विस्तार बताइए।
उत्तर-भारत की जनसंख्या का विस्तार
 = 102-35.7= 67 करोड़।
प्रश्न 19. उत्पादन की दृष्टि से देशों के नाम बढ़ते हुए क्रम में लिखें।
उत्तर-बढ़ते हुए क्रम में।
प्रश्न 20. निम्नलिखित की प्रकृति क्या है-“गुणात्मक या मात्रात्मक (परिणामात्मक)?
(i) राष्ट्रीयता, (ii) साक्षरता, (iii) धर्म, (iv) लिंग,
(v) वैवाहिक स्थिति आदि ।
उत्तर-राष्ट्रीयता, साक्षरता, धर्म, लिंग, वैवाहिक, आदि की प्रकृति गुणात्मक है।
प्रश्न 21. तीन ऐसे गुणों के नाम लिखो जो प्रकृति में परिणामात्मक है।
उत्तर-(i) ऊंचाई, (ii) आयु तथा (iii) आय ।
प्रश्न 22. सतत चरों के तीन उदाहरण दें।
उत्तर-छात्रों की जांचाई, विभिन्न वर्षों में भारत में चावल का उत्पादन, भार।
प्रश्न 23. एक आवृत्ति वितरण में साधारणतया कितने वर्ग होने चाहिए।
उत्तर-एक आवृत्ति वितरण में कम-से-कम 5 और अधिक-से-अधिक 15 वर्ग होने चाहिए।
प्रश्न 24. समावेशी विधि में किन वर्ग सीमाओं को शामिल किया जाता है।
उत्तर-समावेशी विधि में वर्ग की दोनों सीमाओं-उच्च सीमा तथा निम्न सीमा को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 25. तुम्हारे छोटे भाई की पुस्तकें हमेशा अव्यवस्थित पड़ी रहती हैं ? इससे उसे क्या परेशानी होती हैं?
उत्तर-उसे पुस्तकों को तलाश करने में काफी समय गॅंवाना पड़ता है।
प्रश्न 26. वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर-समान गुण वाले आंकड़ों को वर्गों और समूहों में व्यवस्थित करने की क्रिया को वर्गीकरण कहते हैं।
प्रश्न 27. आवृत्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर-किसी मूल्य की बारम्बारता या पुनः को आवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 28. संख्यात्मक (परिणामात्मक) वर्गीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-आँकड़ों की संख्या के आधार पर वर्गीकरण को संख्यात्मक वर्गीकरण कहते हैं।
प्रश्न 29. गुणात्मक वर्गीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-गुणों के आधार पर आँकड़ों के वर्गीकरण को गुणात्मक वर्गीकरण कहते हैं।
प्रश्न 30. भौगोलिक वर्गीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-क्षेत्र के आधार पर वर्गीकरण को भौगोलिक वर्गीकरण कहते हैं।
प्रश्न 31. समायानुसार आँकड़ों के वर्गीकरण को क्या कहते हैं?
उत्तर-काल-श्रेणी।
प्रश्न 32. शुद्ध आंकड़ों को शुद्ध आंकड़ें क्यों कहते हैं?
उत्तर-मौलिक आंकड़ों को शुद्ध आंकड़े कहते हैं।
प्रश्न 33. नीचे एक श्रृंखला दी गई हैं। इस श्रृंखला का नाम बताएं-
19,12,15,18,20,25,30
उत्तर-यह व्यक्तिगत श्रृंखला है।
प्रश्न 34. वर्गीकरण की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-क्योंकि शुद्ध एवं अव्यवस्थित आंकड़ों का निर्वाचन एक जटिल क्रिया है।
प्रश्न 35. क्रमबद्ध आंकड़ों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-इसका अभिप्राय आँकड़ों को एक क्रम (घटते या बढ़ते) में प्रस्तुत करना है।
प्रश्न 36. संतत शृंखला किसे कहते हैं?
उत्तर-संतत (अविच्छन)शृंखला उस शृंखला को कहते हैं जिसमें एक से दूसरे जुड़े हुए वर्गों की एक आवृत्ति व्यक्त की जाती है।
प्रश्न 37. समायोजित वर्गचिह्न निकालने का सूत्र लिखें।
उत्तर-समायोजित वर्गचिह्न – (समायोजित उच्च सीमा – समायोजित निम्न सीमा)-2
प्रश्न 38. यदि समान अंतराल आवृत्ति वितरण में आँकड़े एक या दो वर्गों में केन्द्रित हैं तो आप क्या करेंगे?
उत्तर – उस अवस्था में हम असमान अंतराल आवृत्ति का निर्माण करेंगे ।
प्रश्न 39. एकल संतत चरों के तीन उदाहरण दें।
उत्तर – वजन, समय तथा दूरी एकल सतत चरों के तीन उदाहरण हैं।
                          लघु उत्तरीय प्रश्न
                (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. बारम्बारता सारणी तथा बारम्बारता वितरण में अन्तर बताएँ।
(Differentiate between a frequency array and a frequency distribution.)
उत्तर-बारम्बारता सारणी में सभी मदों को व्यक्तिगत रूप से व्यक्त किया जाता है जबकि आवृत्ति वितरण में एक विशेष वर्ग की बारम्बारता को दर्शाया जाता है। यह सब नीचे की तालिकाओं से स्पष्ट है-
प्रश्न 2. वर्गान्तर के आधार पर निर्णय कैसे किया जाता है ?
उत्तर – वर्गान्तर के आधार का निर्धारण (Determination of the size of classintervals)- वगान्तर की संख्या निकालने के लिए हम विस्तार को वर्गों की संख्या से विभाजित करेंगे।
सूत्र में h=R/N
यहाँ h = वर्गान्तर का आकार
                   R= विस्तार
                    N= वर्गों की संख्या
मान लें विस्तार 70 है और वर्गों की संख्या 10 है तो वर्गान्तर का आधार = 70+10 = 7 होगा।
प्रश्न 3. वर्गीकरण की विशेषताएँ लिखें।
(Write down the Charateristics of Classification.)
उत्तर- वर्गीकरण की विशेषतायें (Charateristics of Classfication)-आँकड़ों को विभिन्न वर्गों में बाँटा जाता है, जैसे-0-5, 5-10, 10-15, 15-20 आदि ।
(ii) समानता तथा सजातीयता के आधार पर तथ्यों को विभाजित करना ।
(iii) वर्गीकरण इस ढंग से विभाजित किया जाता है कि इकाई की विभिन्नता में उनकी एकता स्पष्ट हो।
(iv) वर्गीकरण समय, गुण, मात्रा, क्षेत्र आदि के आधार पर किया जा सकता है।
प्रश्न 4. सतत तथा विविक्त (विछिन) चरों में अन्तर बताएँ । उदाहरण देकर समझाएँ।
(Distinguish between (i) Continous and (ii) Discrete Variables. Explain with examples.)
उत्तर-सतत तथा विविक्त चरों में अन्तर (Differences between Continuous Series and Discrete Series)- एक चर को संतत चर उस समय कहा जाता है जब वह
विस्तार में कोई भी मूल्य ले सकता है। उसका मूल्य 1, 2, 3, भी हो सकता है और 1/2, 1/3,3/4,7/8
अथवा √2 या 1-414….. । उदाहरण के लिए वस्तुओं की कीमतों, व्यक्तियों की ऊँचाई, भारत तथा उनकी आय को सतत चर कहा जा सकता है। इसके विपरीत यदि चर केवल एक विशेष मूल्य को ले सकता है तो इसे विविक्त चर कहेंगे जैसे-पूर्ण संख्या (Whole number) की विविक्त चर कहते हैं। एक श्रेणी में विद्यार्थियों की संख्या आदि ।
प्रश्न 5. एक आदर्श वर्गीकरण के आवश्यक तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
(Enumerate the essential elements of a good classification.)
उत्तर-एक आदर्श वर्गीकरण के आवश्यक तत्त्व निम्नलिखित हैं-
(i) वर्गीकरण का आकार उचित होना चाहिए।
(ii) वर्गीकरण सरल होना चाहिए।
(iii) उसमें निरन्तरता का गुण होना चाहिए ।
(iv) वह शुद्ध होना चाहिए ।
(v) वह उद्देश्य के अनुकूल होना चाहिए।
(vi) वह लोचदार होना चाहिए।
(vii) उसमें व्यापकता का गुण होना चाहिए ।
(viii) उसमें सजातीयता का गुण होना चाहिए।
प्रश्न 6. आँकड़ों के वर्गीकरण के अपवर्जी विधि तथा समावेशी विधि समझाइए।
(Explain the ‘Exclusive’ and ‘Inclusive’ methods used in classification of data.)
उत्तर-अंकों का वर्गीकरण दो विधियों से कर सकते हैं-
(i) अपवर्जी विधि, (ii) समावेशी विधि ।
(i) अपवर्जी विधि (Exclusive Method)-इस विधि में वर्गान्तर की उच्च सीमा वाला मद उस वर्गान्तर में शामिल न होकर अगले वर्गान्तर में शामिल होगा। वर्गान्तर 0-10, 10-20,20-30 किसी विशेष मद का मूल्य 10 है तो वह 0-10 में शामिल न होकर 10-20 वर्गान्तर में माना जाएगा।
(ii) समावेशी विधि (Inclusive Method)-जैसा कि इसके नाम से प्रतीत होता है कि समंकमाला में आए हुए उच्च सीमा मूल्य उसी में शामिल होंगे, अगले में नहीं । वर्गान्तर 10-19, 20-29,30-39 में।
यदि कोई मूल्य 19 आता है तो वह 10-19 वाले वर्गान्तर में शामिल करना चाहिए, अगले में नहीं।
प्रश्न 7. एकल, द्वि तथा बहु चर वितरण को समझाइए।
( (Explain univariate, bivariate and multivariate variable.)
उत्तर-(i) एकल चर वितरण (Univariate Distribution) -एकल चर वितरण उस वितरण को कहते हैं, जिसमें केवल एक चर होता है, जैसे-जनसंख्या की केवल आय। (ii) द्विचर वितरण (Bivariate Distribution)-द्विचर वितरण उस वितरण को कहते हैं, जिसमें दो चर होते हैं। जैसे एक कक्षा के सभी छात्रों की ऊँचाई तथा वजन ।
(ii) बहुचर वितरण (Multivariate Distribution)- बहुचर वितरण उस वितरण को कहते हैं जिसमें दो से अधिक चर होते हैं-उदाहरण के लिए सभी परिवारों के उपयोग की सभी मदों का व्यय।
प्रश्न 8. चर (Variables) और गुणधर्म (Attributes) में उदाहरण सहित अन्तर बताएँ।
(Distinguish between : Variable, and attribute. Explain with examples.)
उत्तर-साधारण भाषा में चर से अभिप्राय किसी ऐसी विशेषता से है जो एक वस्तु से दूसरी वस्तु में बदलते हैं। उदाहरण के लिए व्यक्तियों की ऊँचाई और उनका वजन बदलते रहते हैं। इसी तरह एक व्यक्ति की योग्यता, वस्तुओं की कीमतों आदि चर हैं, परन्तु सांख्यिकी में चर से अभिप्राय उस परिवर्तनशील चर से है जिसे संख्यात्मक रूप में मापा जा सकता है। उदाहरण के लिए व्यक्तियों की ऊंचाई व वजन चर हैं, क्योंकि उन्हें संख्यात्मक रूप में मापा जा सकता है। इसी तरह से व्यक्ति की आय, उपभोग के विभिन्न मदों पर पारिवारिक खर्च, परिवार का आकार, फर्म का उत्पादन आदि चर के उदाहरण हैं। इसके विपरीत कला के प्रति रुचि और
बुद्धिमता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होती है, परन्तु इनको उसी तरह से संख्यात्मक रूप में नहीं मापा जा सकता जिस तरह व्यक्ति की आय या ऊँचाई को। इनको हम गुण-धर्म कहेंगे न कि चर।
                      दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
               (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. नीचे एक कंपनी के 550 कर्मचारियों की आय की आवृत्ति वितरण तालिका दी गई है । तालिका वर्गान्तर की समायोजन की विधि लिखकर समायोजित आवृत्ति वितरण तालिका बनाएँ।
(You are given a frequency distribution table of incomes of 550 employees of a company. Make an adjusted frequency distribution table along with the method of adjustment in class-interval.)
उत्तर-वर्गान्तर में समायोजन (Adjustmentin Class intervals)-दी गई तालिका से हमें पता चलता है कि दूसरे वर्ग में ऊपरी सीमा तथा निचली सीमा में निरन्तर नहीं है
उदाहरण के लिए पहले वर्ग की ऊपरी सीमा 899 है और दूसरे वर्ग की निचली सीमा 900 है। इन दोनों में 1 का अंतर (Gap) है । इन दोनों वर्गों को अडित बनाए रखने के लिए हमें वर्गान्तर में समायोजन करना पड़ता है। समायोजन के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है।
(i) दूसरे वर्ग की नीचे वाली सीमा तथा पहले वर्ग की ऊपरी सीमा का अन्तर निकाला जाता है। तालिका में दूसरे वर्ग की नीचे की सीमा 900 है और पहले वर्ग की ऊपरी सीमा 899 है।
इन दोनों में अंतर 1 (900-899) है।
(ii) प्राप्त अंतर को दो से विभाजित करें अर्थात् 1 को 2 से विभाजित करें। ऐसा करने से उत्तर 0.5 आता है।
(iii) 0.5 को सभी वर्गों की निम सीमा से घटा दें। जैसे 800,900,1000,1100,1200 तथा 1300 में से 0.5 घटाने पर क्रमश: 799 5, 899.5 , 999.5 ,1099.5 1299.5 तथा 1399.5 आता है ।
(iv) 0.5 को सभी वर्गों की उच्च सीमा से जोड़ दें। जैसे-899, 999, 1099, 1199,1299 तथा 1399 में 0.5 जोड़ने पर क्रमश: 899.5 999.5, 1199.5 तथा 1399.5 आता है।
(v) समायोजन करने के पश्चात् आवृत्ति वितरण तालिका में यह नए वर्ग लिख लें। इसके बाद समायोजित वर्ग के मध्य बिन्दु निकालें । समायोजित वर्ग के मध्य बिन्दु निकालने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग करें-
समायोजित मध्य बिन्दु
  =समायोजित उच्च सीमा + समायोजित निम्न सीमा/2
अतः पहले वर्ग का मध्य-बिन्दु 849.5 2 (799.5+899.5/2) होगा। इसी प्रकार सभी
समायोजित वर्गों के समायोजित मध्य-बिन्दु ज्ञात करेंगे।
        समायोजित आवृत्ति वितरण तालिका
    (Adjusted Frequecny Distribution Table)
प्रश्न 2. एक उदाहरण की सहायता से सिद्ध करें कि विस्तार सभी वर्गान्तरों का योगफल होता है।
(Prove with the help of an example that range is the sum of all the classintervals.)
उत्तर-यह सिद्ध करने के लिए कि विस्तार सभी वर्गान्तरों का योगफल है, नीचे एक आवृत्ति वितरण तालिका बनाते हैं।
आवृत्ति वितरण तालिका (Frequency Distribution Table)
विस्तार = 100-0 = 100
सभी वार्गान्तर का जोड़ = 10 + 10 + 10 + 10 + 10 + 10 + 10 + 10+10+ 10 = 100 (वर्गान्तर का जोड़)
अत: विस्तार सभी वर्गान्तरों का योगफल होता है।
प्रश्न 3. वर्गीकृत आँकड़ों में सूचनाओं की हानि से क्या अभिप्राय है ?
(What do you mean by the loss of Information in classified Data ?)
उत्तर-अंकों को वर्गीकृत करने से आँकड़े सरलता से समझे जा सकते हैं। परन्तु आँकड़ों को वर्गीकृत करने से आँकड़ों की विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाती । एक बार आँकड़ों के समूहों में वर्गीकृत करने से व्यक्तिगत मदों का या अन्य सांख्यिकी का महत्त्व गणना में कम हो जाता है। मान लो हमारे पास 6 मद दिए गए हैं-25, 25, 20, 22, 21 तथा 28 । जब इन मदों को 20-30 आवृत्ति वितरण में वर्गीकृत करते हैं तो हमें केवल इस बात का ज्ञान होता है कि 20-30 आवृत्ति वितरण में 6 आवृत्तियाँ या मदें हैं। परन्तु इस बात का ज्ञान नहीं होता कि 20-30 आवृत्ति वितरण में कौन-कौन से मूल्य वाली मदें हैं । यह मान लिया जाता है कि इस वर्ग में जितनी भी मदें हैं, उनका मूल्य वर्गान्तर का मद मूल्य (यहाँ पर 25) मान लिया जाता है । इसके अतिरिक्त सांख्यिकी गणना वर्गान्तर के मध्य मूल्य के आधार पर की जाती है न कि मदों के वास्तविक मूल्यों के आधार पर । इस तरह आँकड़ों के वर्गीकरण से मदों के वास्तविक मूल्य का पता नहीं चलता । इसे सूचनाओं की हानि कहते हैं।
प्रश्न 4. चर क्या है ? सतत तथा विविक्त चरों में अंतर स्पष्ट करें।
(What is a variable ? Distinguish between a discrete and continous variable.)
उत्तर-चर (Varible)-चर वह संख्या है जिसका मान परिवर्तित होता रहा है (AVariable is one that takes Changing Values) जैसे-पिछले दस वर्षों में भारत में खाद्यान्न का उत्पादन, किसी स्थान का विभिन्न समयों पर तापमान, पाशा फेंकने पर पाया गया अंक, सिक्का उछालने पर प्राप्त परिणाम इत्यादि । परिवर्तन के आधार पर चरों को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है-
(क) सतत (Continuous), (ख) विविक्त (Discrete) |
सतत चर (Continuous Variables)-सतत चर का कोई भी संख्यात्मक मान हो सकता है । यह पूर्णांक मान (0, 1,2,3,4……..) भिन्नात्मक मान (1/2, 3/4, 911) तथा वे मान जो यथातय भिन्न नहीं हैं (√2,√3,√7 इत्यादि) हो सकता है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए
एक छात्र का कद 80-160 सेमी. तक बढ़ता है, तो उसके कद् के मान इसके बीच आने वाले सभी मान हो सके हैं, जैसे-90 सेमी. 102.34 सेमी., 156.49 सेमी. आदि । इस तरह ऊँचाई चर एक सतत चर है । सतत चर के अन्य उदाहरण भार, समय, दूरी उपज आदि हैं।
विविक्त चर-विविक्त चर केवल निश्चित मान लेते हैं। किन्हीं दो मानों के बीच एक अंतराल होता है। जैसे-पाशा फेंकने पर आया हुआ अंक । यह अंक 1,2,3,4,5,6 में से कोई भी एक हो सकता है। नतीजा 1 और 2 के बीच नहीं हो सकता, इसी तरह किसी कक्षा में छात्रों की संख्या एक विविक्त चर है । यह संख्या केवल पूर्णांक ही हो सकती है। उदाहरणस्वरूप, छात्रों की संख्या 30 और 31 के बीच 30.5 (माना) नहीं हो सकती । आधा छात्र निरर्थक होगा। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि विविक्त चर भिन्नांक मान नहीं ले सकते । माना कि ‘X’ एक चर है जिसके मान 1/4, 1/8,1/16,1/32…….हैं। यह एक विविक्त चर है, क्योंकि x के मान इन भिन्नों में से हो सकते हैं, तथापि ये दो सन्निकट भिन्नों के बीच नहीं हो सकते । विविक्त चरों के कुछ उदाहरण हैं-सड़क पर किसी समय वाहनों की संख्या, पासे पर आने वाली संख्या, दो सिक्के उछालने पर आए हुए सरों (Heads) की संख्या इत्यादि ।
प्रश्न 5. वस्तुओं के वर्गीकरण का क्या कोई लाभ हो सकता है। अपने जीवन से उदाहरण लेकर समझाएँ।
(“It would be advantageous to classify things”. Explain with an example from your daily life.)
उत्तर-वस्तुओं के वर्गीकरण से कई लाभ होते हैं। इस बात को मैं अपने जीवन से उदाहरण देकर समझाता हूँ। पिछले वर्ष मैं दसवीं कक्षा का विद्यार्थी था। मैं पढ़ाई में तो होशियार था, परन्तु अन्य बातों में बहुत ही लापरवाह था। मेरा पढ़ने का एक अलग कमरा था। कमरे में मेरी
किताबें तथा कापियाँ इधर-उधर बिखरी रहती थीं। पेन, पेंसिलें तथा अन्य पाठ्य-सामग्री इधर-उधर बिखरी रहती थीं, विज्ञान की कुछ पुस्तकें अलमारी में होती थीं और कुछ इधर-उधर पड़ी रहती थीं । अन्य विषय की पुस्तकों तथा अभ्यास पुस्तिकाओं का भी यही हाल था । पुस्तकें जल्द फट जाती थीं । कापियों तथा किताबों को तलाश करने में काफी समय लगता था और परेशानी भी बहुत होती थी। कई बार किताबें ढूँढते-ढूँढते इतना समय बरबाद हो जाता था कि पढ़ने का मन भी नहीं करता था। एक बार मेरे घर मेरा एक मित्र आया । वह पढ़ाई में कमजोर था। वह कुछ सवाल समझने मेरे घर पर आया। जब वह मेरे अध्ययन-कक्ष में आया तो हैरान
हो गया। उसने मुझे बताया कि तुम्हारा अध्ययन कक्षा तो कबाड़ बना हुआ है। उसने मेरी पुस्तकों तथा अध्ययन-सामग्री का वर्गीकरण किया। उनको उचित स्थान पर रखा। तब से मेरी आदत वस्तुओं को अपने स्थान पर रखने की बन गई, अब मुझे किसी विषय की कोई पुस्तक पढ़नी हो तो वह पुस्तक बड़ी सरलता से मिल जाती है तथा समय नष्ट नहीं होता । पुस्तक तलाश करने में कोई सिर-खपाई नहीं करनी पड़ती। समय की बरबादी नहीं होता। अब मैगजीन तथा समाचार-पत्र एक अलग स्थान पर रहते हैं।
प्रश्न 6. एकल-विचार तथा द्विचर आवृत्ति वितरण में अन्तर बताएँ।
(Distinguish between univariate and bivariate frequency distribution.)
उत्तर-एकल चर तथा द्विचर आवृत्ति वितरण में अन्तर (Differences between univarite and bivariate frequency distriubtion)-एक चर के आवृत्ति वितरण को एकल चर आवृत्ति वितरण (Univariate Distribution) कहते हैं। इसके विपरीत दो चरों के
आवृत्ति वितरण को द्विचर आवृत्ति वितरण (Bivariate Frequency Distribution) कहते हैं। नीचे दोनों पद के आवृत्ति वितरण के उदाहरण दिए गए हैं।
                एकल चर आवृत्ति वितरण
              (Univariate Distribution)
       
द्विचर आवृत्ति वितरण (Bivariate Frequency Distribution)
इस तालिका से पता चलता है कि कुल 20 कम्पनियाँ हैं। इनका विज्ञापन पर व्यय तथा उनके द्वारा विक्रय की मात्रा दी गई है। अर्थात् यहाँ दो चर है-(i) विज्ञापन पर व्यय तथा (ii) विक्रय ।
विक्रय के मूल्य को विभिन्न स्तंभों में दिखाया गया है तथा विज्ञापन के व्यय को विभिन्न पंक्तियों में दिखाया गया है । तालिका से हमें पता चलता है कि तीन फर्म ऐसी हैं, जिनका विक्रय 135-145 लाख के बीच में है और उनका विज्ञापन पर व्यय 64-66जार रुपयों के बीच में है।
प्रश्न 7. क्या आप सहमत हैं कि वर्गीकृत आंकड़े मूले शुद्ध आंकड़ों से अच्छे हैं ?
(Do you agree that classified data is better than raw data.)
उत्तर-शुद्ध या मूल आँकड़े अवर्गीकृत होते हैं। वे प्रायः इतने अधिक और बोझिल होते हैं कि उनको संभालना भी कठिन हो जाता है। उन आंकड़ों से कोई निष्कर्ष निकालना बहुत ही कठिन कार्य है। यह बात निम्नलिखित 100 विद्यार्थियों के प्राप्तांक के लिए गए आंकड़ों से स्पष्ट होता है।
एक परीक्षा में 100 विद्याधियों द्वारा गणित में प्राप्तांक
(Marks in mathematics obtained by 100 students in an Examination)
अब यदि आप से पूछा जाए कि आप तालिका देखकर बताएं कि गणित में सबसे अधिक कितने अंक हैं। तब आपको पहले 100 विद्यार्थियों के अंकों को बढ़ते या घटते क्रम में लिखना होगा। यह सब बहुत ही कठिन कार्य है। यह काम और अधिक कठिन बन जाएगा जब 100 विद्यार्थियों के स्थान पर आपको 1000 विद्यार्थियों के प्राप्तांक दिए गए हों। जब हम इन्हों अंकों को वर्गीकृत करते हैं तो सूचनाएं सरलता से मिल जाएँगी। नीचे इन्हीं आंकड़ों का वर्गीकरण दिखाया गया है।
100 विद्यार्थियों द्वारा गणित में प्राप्तांक की आवृत्ति का वितरण
ऊपरी दी गई तालिका से हम बिना किसी कठिनाई के निष्कर्ष निकाल सकते हैं और तुलना कर सकते हैं। इस तालिका से हमें पता चलता है कि 6 विद्यार्थी ऐसे हैं जिनके प्राप्तांक 70-80 के बीच में है। 90 से 100 के बीच अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 4 है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि वर्गीकृत आँकड़े शुद्ध या अवर्गीकृत आँकड़ों से श्रेष्ठ हैं
प्रश्न 8. एक काल्पनिक द्विचर आवृत्ति वितरण तालिका का निर्माण करें।
(Prepare an Imaginary Bivariate Frequency Distribution Table.)
उत्तर-
द्विचर आवृत्ति वितरण तालिका
(Bivariate Frequency Distribution Table)
प्रश्न 9. आँकड़ों के वर्गीकरण में प्रयोग किए गए ‘समावेशी’ तथा ‘अपवर्जी’ विधियों को समझाएँ।
(Explain the ‘Exclusive’ and ‘Inclusive’ methods used in the classification of data.)
उत्तर-आँकड़ों को दो विधियों से वर्गीकृत किया जा सकता है-(i) समावेशी विधि, (ii) अपवर्जी विधि।
(i) समावेशी विधि (Exclusive Method)-इस विधि के अनुसार वर्ग के सभी मद ऊपरी सीमा सहित वर्ग में शामिल होते हैं। इसमें एक वर्ग की ऊपरी सीमा पर अगले वर्ग की निचली सीमा नहीं बनाती । यह विधि निम्न तालिका से स्पष्ट हो जाएगी।
(ii) अपवर्जी विधि (Exclusive Method)-इस विधि के अनुसार वर्ग की अपनी सीमा छोड़ा कर वर्ग के सभी मद वर्ग में शामिल होते हैं। इसमें वर्ग की ऊपरी सीमा अगले वर्ग की निचली सीमा होगी। जैसे-0-10 तक 10-20 में क्रमश: 10 और 20 शामिल वर्गों में तालिका है और पहले वर्ग की उच्च सीमा 10 दूसरे वर्ग की निम्न सीमा है। यह बात निम्न तालिका से और भी स्पष्ट हो जाएगी।
ऊपरी दी गई जानकारी के आधार पर चाहे हम 0-से 30 तक अंकों के लिए 5 के वर्गान्तर के आधार पर 0 से आरंभ होकर श्रृंखला बनानी है तो दोनों विधियों के अनुसार निम्न प्रकार से अखंडित आवृत्ति होगा।
                   संख्यात्मक प्रश्न
                (Numerical Problem)
प्रश्न 1. निम्नलिखित तालिका से बताएं कि 149 सेमी, से कम लम्बाई के कितने विद्यार्थी हैं ?
(How many students are there with lengths of 149 cm.?)
उत्तर- 149 सेमी. से कम लम्बाई वाले विद्यार्थियों की संख्या = 1+4+7+13= 25
प्रश्न 2. एक देश के निर्यात के आंकड़े नीचे सारणी में दिए गए हैं । इन्हें आवृत्ति वक्र काल-श्रेणी आरेख द्वारा प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
प्रश्न 3. नीचे दी गई साधारण आवृत्ति वितरण को ‘से अधिक’ संचयी आवृत्ति वितरण बनाएँ।
(Prepare a cummulative frequency distribution from the following simple frequency distribution.)
उत्तर – ‘स अधिक’ संचयी आवृत्ति वितरण ।
प्रश्न 4. निम्नलिखित आवृत्ति वितरण को ‘से कम’ संचयी आवृत्ति वितरण में बदलें।
(Convert the following into ‘less than’ frequency distribution.)
उत्तर – ‘से कम’ संचयी आवृत्ति वितरण ।
प्रश्न 5. निम्नलिखित ‘से कम’ संचयी आवृत्ति माला को सामान्य समंक-माला में बदलें।
(Convert into normal frequency distribution.)
                    सामान्य आवृत्ति वितरण
            (Normal Frequency Distribution)
प्रश्न 6. निम्न संचयी आवृत्ति को सामान्य आवृत्ति वितरण में बदलें।
(Convert the following cumulative frequency distribution into normal frequency distribution.)
उत्तर-
प्रश्न 7. एक शहर में 45 परिवारों का घरेलू उपकरण के प्रयोग की संख्या के बारे में सर्वेक्षण किया गया। उनके द्वारा नीचे दिये उत्तरों के आधार पर आवृत्ति विन्यास तैयार करें।
प्रश्न 8. निम्नलिखित तालिका की सहायता से 7 तक के वर्ग अंतराल में समावेशी विधि के अनुसार आवृत्ति वितरण बनाएँ।
उत्तर- आवृत्ति वितरण (Frequency Distribution)
प्रश्न 9. नीचे असमान वर्गान्तर में आवृत्ति वितरण तालिका दी गई है । इसकी सहायता से समान वर्गान्तर आवृत्ति वितरण तालिका तैयार करें।
(You have been below given a frequency with distribution table with unequal class-intervals. Prepare a Frequency Distribution table with equal
intervals with the help of this table.)
उत्तर – दी हुई तालिका से पता चलता है कि वर्गान्तर में 5 और 10 अन्तर है। अतः हम समान वर्गान्तर की तालिका बनने के लिए 5 या 10 का अंतर ले सकते हैं। परन्तु यदि हम 5 के अंतर का वर्गान्तर लेंगे तो वर्गान्तरों की संख्या 20 हो जाएगी जो कि बहुत अधिक होगी।
अत: हम 10 का अंतर लेकर वर्गान्तर लेंगे।
     समान वर्गान्तर वाली आवृत्ति-वितरण तालिका
(Frequency Distribution table with Equal intervals)
प्रश्न 10. निम्नलिखित तालिका को आवृत्ति वक्र द्वारा प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – तालिका में दिए गए आंकड़ों को नीचे बारम्बारता वक्र में दिखाया गया है। तालिका में मध्य-बिन्दु को x-अक्ष पर तथा आवृत्तियों को y-अक्ष पर दर्शाया गया है।
प्रश्न 11. निम्नलिखित आँकड़ों 10 के वर्ग-अन्तराल में अपवर्जी विधि के अनुसार सतत श्रृंखला में प्रस्तुत कीजिए।
22,25, 38, 40, 30,50,45,55,58,58,60,65, 42, 52, 23, 35,45,45,55,58, 47 तथा 371
उत्तर – सतत (अविच्छन) श्रृंखला (Continuous Series)-
प्रश्न 12. एक गरीब में 30 परिवारों का सामान्य दैनिक खर्च (रुपयों) में इस प्रकार है।
11,12,14,16,16,17,18,18,20, 20,20,21,21, 22,22, 23, 23, 24, 25,25,26, 27, 28, 28,31,32,32,26,26,38
इन आँकड़ों का निम्नलिखित वर्गों के आधार पर एक बारम्बारता सारणी बनाएँ।
10-14,15-19,20-24, 25-29,30-34, तथा 35-39
उत्तर-
प्रश्न 13. निम्नलिखित आँकड़ों की सहायता से आवृत्ति वितरण तालिका बनाएँ। (अपवर्जी तथा समावेशी विधि के अनुसार ।)
उत्तर – अपवर्जी विधि के अनुसार-
प्रश्न 14. निम्नलिखित में 50 गृहस्थों द्वारा भोजन पर मासिक पारिवारिक व्यय को रुपए में दर्शाया गया है।
(i) भोजन पर मासिक पारिवारिक व्यय का विस्तार बताएँ।
(ii) विस्तार को उचित वर्गान्तर की संख्या से विभाजित करें और लाभ का आवृत्ति वितरण ज्ञात करें।
(iii) उन परिवारों की संख्या बताएँ जिनकी मासिक व्यय-
(क)2,000 रुपए से कम हो,
(ख) 3,000 रुपए से अधिक हो,
(ग) 1,500 रुपए से 2,500 रुपए के बीच में हो।
उत्तर-
(क) 2,000 रुपए से कम मासिक खर्चे वाले परिवार = 19+14= 33,
(ख) 3,000 रुपए से अधिक मासिक खर्चे वाले परिवार = 2+1+2+1= 6,
(ग) 1,500-2,500 के बीच मासिक खर्च वाले परिवार = 14+6 = 20 परिवार ।
                          वस्तुनिष्ठ प्रश्न
               (Objective Type Questions)
प्रश्न 1. एक वर्ग की निचली और ऊपरी सीमा का अंतर कहलाता है-
(क) आवृत्ति वितरण
(ख) वर्ग-आवृत्ति
(ग) वर्ग-अंतराल
(घ) वर्ग-सीमा
उत्तर – एक वर्ग की निचली और ऊपरी सीमा का अन्तराल वर्गाअन्तराल कहलाता है।
प्रश्न 2. 10, 5, 7, 7, 8, 9, 10, 15 आँकड़े किस प्रकार के आँकड़े हैं ?
(क) विविक्त शृंखला
(ख) सतत श्रृंखला
(ग) व्यक्तिगत श्रृंखला
(घ) शुद्ध आँकड़े
उत्तर – 10, 5, 7,7,8, 9, 10, 15 शुद्ध आँकड़े हैं।
प्रश्न 3. निम्न में से कौन-सा विकल्प सही है?
(i) एक वर्ग मध्य-बिन्दु बराबर है-
(क) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के औसत के।
(ख) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के गुणनफल के।
(ग) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के अनुपात के।
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-(क) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के औसत के
(ii) दो चरों के बारम्बारता वितरण को इस नाम से जानते हैं-
(क) एक विचर वितरण
(ख) द्विचर वितरण
(ग) बहुचर वितरण
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(ख) द्विचर वितरण ।
(iii) वर्गीकृत आँकड़ों में सांख्यिकीय परिकलन आधारित होता है-
(क) प्रेक्षणों के वास्तविक मानों पर
(ख) उच्च वर्ग सीमाओं पर
(ग) निम्न वर्ग सीमाओं पर
(घ) वर्ग के मध्य-बिन्दुओं पर
उत्तर -(घ) वर्ग के मध्य-बिन्दुओं पर।
(iv) अपवर्जी विधि के अंतर्गत-
(क) किसी वर्ग की उच्च वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते हैं।
(ख) किसी वर्ग की उच्च वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित करते हैं।
(ग) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते ।
(घ) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित करते हैं।
उत्तर-(ग) किसी वर्ग की उच्च सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते।
(v) परास का अर्थ है-
(क) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों के बीच का अन्तर
(ख) न्यूनतम एवं अधिकतम प्रेक्षणों के बीच का अन्तर
(ग) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का औसत
(घ) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का अनुपात
उत्तर -(घ) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का अनुपात।

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