12th Geography

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 12 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 12 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम

BSEB Class 12th Geography Notes Chapter 12 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम

→  प्रवास

  • प्रवास दिक् और काल दोनों के सन्दर्भ में जनसंख्या के पुनर्वितरण का अभिन्न अंग और एक महत्त्वपूर्ण कारक है।
  • भारत से भी बड़ी संख्या में लोग उत्तम अवसरों की तलाश में विभिन्न स्थानों विशेष रूप से मध्य-पूर्व और पश्चिमी यूरोप के देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में प्रवास करते रहे।
  • सन् 1881 में भारत की प्रथम जनगणना में ही प्रवास को शामिल किया गया।
  • सन् 1961 की जनगणना में पहला संशोधन कर उसमें दो घटक-जन्म स्थान एवं निवास की अवधि को शामिल किया गया। सन् 1971 में पिछले निवास स्थान और गणना के स्थान पर रुकने की अवधि की अतिरिक्त सूचना को शामिल किया गया।
  • भारत की जनगणना में प्रवास की गणना दो आधारों पर की जाती है –
    (1) जन्म का स्थान, एवं (2) निवास स्थान।

→ प्रवास के प्रकार
प्रवास के दो प्रकार हैं –
(1) आन्तरिक प्रवास (देश के भीतर), और (2) अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास
(देश के बाहर)।

→ आन्तरिक प्रवास की धाराएँ
आन्तरिक प्रवास की चार धाराएँ निम्नलिखित हैं –
(1) ग्रामीण से ग्रामीण, (2) ग्रामीण से नगरीय, (3) नगरीय से नगरीय, और (4) नगरीय से ग्रामीण।

→ अन्तःराज्यीय एवं अन्तर्राज्यीय प्रवास
अन्त:राज्यीय प्रवास राज्य के भीतर होता है, जबकि अन्तर्राज्यीय
प्रवास एक राज्य से दूसरे राज्य में होता है।

→ प्रवास की स्थानिक विभिन्नता

  • जिन राज्यों में रोजगार की सम्भावनाएँ अधिक हैं, (जैसे—महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा आदि) वे अन्य राज्यों से प्रवासियों को
    आकर्षित करते हैं। सर्वाधिक प्रवासी महाराष्ट्र में हैं।
  • नगरीय समूहनों में से ग्रेटर मुम्बई में प्रवासियों की संख्या सर्वाधिक है। इसमें अन्त:राज्यीय प्रवास का भाग अधिक है।

→ प्रवास के कारण

  • प्रवास को अपकर्ष और प्रतिकर्ष कारक प्रभावित करते हैं।
  • प्रवास के प्रमुख कारण हैं
    (1) आजीविका, (2) विवाह, (3) शिक्षा और वृत्तिका, तथा (4) सामाजिक असुरक्षा एवं प्रकोप।

→ प्रवास के परिणाम
प्रवास के प्रमुख परिणाम हैं –
(1) आर्थिक परिणाम, (2) जनांकिकीय परिणाम, (3) सामाजिक परिणाम, (4) पर्यावरणीय परिणाम, तथा (5) अन्य।

→जनगणना-किसी देश की जनसंख्या की एक निश्चित समय में गणना करना।

→ दिक् परिवर्तन-किसी नगर या किसी क्षेत्र में लोगों का दैनिक स्थानान्तरण।

→ प्रवास-जनसंख्या के किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसना।

→ प्रवासी-कोई भी व्यक्ति जो जनगणना के समय अपने जन्म स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान पर गिना जाता है।

→ अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास-जिसके अनुसार लोग अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार करने के बाद देश के बाहर जाते हैं।

→ आन्तरिक प्रवास-जिसके अनुसार लोग देश के भीतर ही एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र की तरफ प्रवास करते हैं।

→ अधिशेष जनसंख्या-जो लोग गाँवों में रोजगार प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

→ आप्रवास-जनसंख्या का किसी प्रदेश की तरफ स्थानान्तरण।

→ उत्प्रवास-किसी प्रदेश या केन्द्र से अन्य किसी दूसरे प्रदेश की तरफ जनसंख्या का स्थानान्तरण।

→ अन्तर्राज्यीय प्रवास-एक राज्य से दूसरे राज्य को जनसंख्या का स्थानान्तरण।

→ अन्तःराज्यीय प्रवास—एक ही राज्य में जनसंख्या का स्थानान्तरण।

→ जनसंख्या परिवर्तन-एक क्षेत्र-विशेष में किसी समय रह रहे लोगों की संख्या में परिवर्तन। यह परिवर्तन सकारात्मक/नकारात्मक हो सकता है।

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