bihar board class 12 biology | मानव भूगोल के मूल सिद्धांत
bihar board class 12 biology | मानव भूगोल के मूल सिद्धांत
[ Fundamentals of Human Geography ]
मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र
[Human Geography : Nature and Scope ]
भौगोलिक शब्द तथा परिभाषाएँ,
●मानव भूगोल का विषय क्षेत्र (Scope of Human Geography)-(i) सांस्कृतिक भूदृश्य
का अध्ययन (ii) संसाधन उपयोग (iii) वातावरण समायोजन
●सामान्य भूगोल (General Geography)-वह अध्ययन जिसमें सम्पूर्ण पृथ्वी को एफ
इकाई मानकर इसके लक्षणों का विवेचन किया गया है।
●मानवतावाद (Humanism)-वह अध्ययन जिसमें मानव जागृति, मानव संसाधन, मानव
चेतना और मानव की सृजनात्मकता के संदर्भ में मनुष्य की केन्द्रीय एवं क्रियाशील भूमिका
पर बल दिया जाता है।
●नव-नियतिवाद (Neo-Determinism)-इस विचारधारा के अनुसार मानव भूगोल में
नियतिवाद तथा संभावनावाद की चरम स्थितियों के बीच एक मध्य मार्ग है। इसके अनुसार
मानव प्रकृति में विकास के लिए एक सीमा तक ही जा सकता है और से प्रकृति के साथ
समझौता करना पड़ता है।
●प्रत्यक्षवाद (Positivism)-वह विचारधारा जिसमें मात्रात्मक विधियों के उपयोग पर बल
दिया गया ताकि विभिन्न कारकों के भौगोलिक प्रतिरूपों के अध्ययन के समय विश्लंपण
को अधिक वस्तुनिष्ठ बनाया जा सके।
●कल्याणपरक विचारधारा (Welfare Approach)-इस विचारधारा से तात्पर्य मानव
भूगोल में पूँजीवाद से उत्पन्न ऐसी सामाजिक समस्याओं का समावेश है जिसमें सामाजिक
तथा प्रादेशिक असमानता, निर्धनता, नगरीय स्लम आदि का अध्ययन किया जाता है ताकि
उसके निराकरण पर बल दिया जा सके।
●विशिष्ट भूगोल (Special Geography)-वह अध्ययन जिसमें अलग-अलग प्रदेशों को
संरचना के विषय पर बल दिया गया है।
●भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology)-वह विज्ञान जिसमें उच्चावच के लक्षणों को
अनेक प्रकार से मापन तथा परीक्षण किया गया।
●पर्यावरण (Environment)-वे प्राकृतिक परिस्थितियाँ जिसमें मनुष्य रहता है तथा जिससे
वह प्रभावित होता है।
● प्रादेशिक भूगोल (Regional Geography) यह किसी प्रदेश का विभिन्न स्तरों पर सभी
भौगोलिक पक्षों से किया गया अध्ययन है।
●प्रणालीबद्ध भूगोल (Systematic Geography)-किसी विशेष भौगोलिक कारक को
लेकर सम्पूर्ण संसार अथवा किसी क्षेत्र के बारे में अध्ययन।
●नियतिवाद (Determinism)-वह विचारधारा जिसके अनुसार मानव के समस्त क्रियाकलापों को पर्यावरण द्वारा नियंत्रित माना जाता है।
●संभावनावाद (Possibilism)-वह विचारधारा जिसके अनुसार मानव के समस्त क्रियाकलापों को पर्यावरण द्वारा नियंत्रित माना जाता है।
पाठ के कुछ तथ्य
●एल. फैब्रे तथा वाइडल डी ला ब्लाश (L. Febvre and Vidal D. La blache)-
सम्भावनावाद विचारधारा को प्रोत्साहित करने वाले दो प्रमुख भूगोलवेत्ता ।
●निष्क्रिय कर्ता (Passive Agents)-मानव प्राकृतिक पर्यावरण के सम्बन्ध में प्राकृतिक
वर्चस्व जिसमें मानव अपने प्राकृतिक पर्यावरण के साथ अनुकूलन करता है।
●मानव भूगोल (Human Geography)-क्रमबद्ध भूगोल की एक शाखा जिसमें मानव और
पृथ्वी के बीच सतत परिवर्तनशील पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न सांस्कृतिक लक्षणों की स्थिति
तथा वितरण की विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
●बनर्डि वैरेनियस (Burnlard Virenious)-वह प्रथम भूगोलवेत्ता जिसने सर्वप्रथम भौगोलिक रचनाओं एवं तथ्यों का वैज्ञानिक विधि से मूल्यांकन एवं वर्गीकरण किया ।
●एफ. रैटजेल (E Ratzel) यह भूगोलवेत्ता जिसने सर्वप्रथम भूगोल के अध्ययन में मानव
केन्द्रित विचारधारा का प्रतिपाद किया तथा जिसे मानव भूगोल का पिता कहा जाता है।
एन. सी. ई. आर. टी. पाठ्यपुस्तक एवं कुछ अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very ShortAnswer Type Question)
प्रश्न 1. मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंधित है ?
(How is Human Geography related to other Social Science?)
उत्तर-मानव भूगोल का संबंध अन्य सामाजिक विज्ञान से भी है। मानव भूगोल में हम
राजनीति शास्त्र का अध्ययन भी करते हैं। देशों की सीमायें तथा उनके विवाद आधुनिक राजनैतिक विषय बन गये हैं। सीमाओं का सम्बन्ध भूगोल से रहता है। इसी प्रकार ये भूगाल में शीत श्रमिक घटनाओं का भी अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार भूगोल का सम्बन्ध इतिहास तथा सांस्कृतिक विज्ञान से जुड़ जाता है।
भूगोल में अर्थशास्त्र सम्बन्धी का भी अध्ययन किया जाता है इस प्रकार अर्थशास्त्र से सीधा
सम्बन्ध भूगोल का होता है।
प्रश्न 2. “ज्योग्राफिया जनरेलिस’ (सामान्य भूगोल) किसने लिखा?
(Who wrote Geographia Generalis ?)
अथवा, ‘ज्योग्राफिया जनरेलिस’ नामक पुस्तक को किसने लिखा? इस पुस्तक में भूगोल विषय को किन दो भागों में बाँटा गया है ? उनके विषय में लिखिए।
(Who wrote ‘Geographia Generalis’ ? In which two sections this book is
civided ? Mention points.)
उत्तर-‘ज्योग्राफिया जनरेलिस’ पुस्तक को वैज्ञानिक आधार पर बर्नार्ड वेरेनियस ने लिखा है।
यह पुस्तक भूगोल को दो भागों में बाँटती हैं- 1. सामान्य तथा 2. विशिष्ट ।
1. सामान्य भूगोल में सम्पूर्ण पृथ्वी को एक इकाई मानकर इसके लक्षणों का विवेचन किया
गया है।
2. विशिष्ट भूगोल में प्रदेशों की रचना पर बल दिया गया है। उन्होंने प्रादेशिक विषय वस्तु
को तीन उपभागों में प्रस्तुत किया है-खगोलीय लक्षण, स्थलीय लक्षण तथा मानवीय लक्षण ।
प्रश्न 3. मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए ।
(Define Human Geography)
उत्तर-मानव भूगोल वह विज्ञान है जिसके अन्तर्गत मनुष्य और उनक, भौतिक पर्यावरण के
मध्य सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।
इसमें मानव और प्रकृति के बीच सतत परिवर्तनशील पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न सांस्कृतिक
लक्षणों की स्थिति एवं वितरण की विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। एलन सी सेम्पल
के अनुसार मानव भूगोल क्रियाशील मानव और अस्थिर पृथ्वी के मध्य बदलते सम्बन्धों का एक अध्ययन है।
प्रश्न 4. मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम यताइए ।
(Name some sub-fields of Human Geography) NCERT (T.B.Q.iii)
उत्तर-मानव भूगोल के उपक्षेत्र हैं: 1. व्यवहारवाद विचारधारा । 2. मानव कल्याण का
भूगोल । 3. सांस्कृतिक भूगोल । 4. ऐतिहासिक भूगोल । 5. संसाधनों का भूगोल । 6. कृषि भूगोल । 7. उद्योगों का भूगोल आदि ।
प्रश्न 5. मानव भूगोल का उद्भाव कब भौगोलिक अध्ययन की एक विशेष शाखा के
रूप में हुआ?
(When did Human Geography emerge as a special branch of geographic study.)
उत्तर-उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में (1859) चार्ल्स डार्विन की पुस्तक ‘आरिजन ऑफ
स्पीशीज’ (Origin of Species) के प्रकाशित होने पर उससे प्रेरणा लेकर भौगोलिक अध्ययन की एक विशिष्ट शाखा के रूप में मानव भूगोल का विकास हुआ ।
प्रश्न 6. फ्रेडरिक रेटजैल की पुस्तक ‘एन्थ्रोपोज्योग्राफी’ का प्रकाशन एक युगान्तकारी
घटना क्यों कहलाती है?
(Why Fredrich Ratzel’s book Anthropogeography’ is considered a land mark?)
उत्तर-फ्रेडरिक रेटजैल की पुस्तक ‘एन्थ्रोपोज्योग्राफी’ का प्रकाशन एक युगान्ताकारी घटना
मानी जाती है क्योंकि फ्रेडरिक रेटजैल ने भूगोल में मानव केन्द्रित विचारधारा का प्रतिपादन किया है और इसे स्थापित करने का प्रयास किया। उसने इस पुस्तक में लिखा है कि मानव भूगोल भू-पृष्ठ, मानव समाजों में तथा पृथ्वी तल के बीच सम्बन्धों का संश्लिष्ट अध्ययन है।
प्रश्न 7. उन फ्रान्सीसी विद्वान का नाम बताइये जिसने ‘प्रिंसिपल डी. ज्योग्राफी ह्यूमन’
नामक पुस्तक लिखी।
(Namethe French geographer who wrote ‘Principle de Geographic Humane.’)
उत्तर-यह जीन्स ब्रुंस पुस्तक वाइडल डी. ला ब्लाश द्वारा लिखी गई।
प्रश्न 8. व्रंश द्वारा बताए गए मानव भूगोल के छः प्रकारों के आवश्यक तत्व
कौन-से हैं?
(Which six types of essential facts in Human Geography were mentione by Jeans Brunche ?)
उत्तर-मृदा के अनुत्पादक व्यवसाय से सम्बन्धित तथा-(i) मकान, (ii) सड़कें ।
वनस्पति और जीव-जगत से सम्बन्धित तथ्य-(iii) कृषि, (iv) पशुपालन ।
मृदा तथा पशुपालन के विनाशकारी उपभोग से सम्बन्धित तथ्य-(v) पौधों और पशुओं का
विनाश, (vi) खनिजों का अवशोषण ।
प्रश्न 9. मानव भूगोल का अध्ययन करने के लूसियन फैब्रे तथा वाइडल डी. ला ब्लाश
ने किस विचारधारा का अनुसरण किया था?
(What approach was allowed by L. Febvre and Vidal de La Blache to
study Human Geography ?)
उत्तर-मानव भूगोल का अध्ययन करने के लिए लूसियन फैब्रे तथा वाइडल डी.ला ब्लाश
ने संभावनावाद विचारधारा का अनुसरण किया था।
प्रश्न 10. मानव भूगोल की कल्याणपरक विचारधारा की तीन प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
(State three main characteristics of the welfare approach of Human
Geography.)
उत्तर-कल्याणपरक विचारधारा की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. इस विचारधारा में निर्धनता, प्रादेशिक असमानतायें तथा अभावों जैसे विषय व नगरीय
स्लम, झुग्गी-झोंपड़ी आदि सम्मिलित किए गए हैं।
2. कौन, कहाँ, क्या और कैसे कल्याणपरक विचारधारा के मुख्य विन्दु हैं।
3. असमानता की समस्या पर विचार करने और समाधान ढूँढने के लिए इस विचारधारा
का जन्म हुआ।
प्रश्न 11. एलेन सी. सेम्पल द्वारा मानव भूगोल की दी गई परिभाषा के तीन मूल बिन्दु
कौन-से हैं?
(Which are the three core points of the definition of Human Geography
given by Ellen C. Semple ?)
उत्तर-एलेन सी. सेम्पल द्वारा दी गई मानव भूगोल की परिभाषा के तीन बिन्दु निम्नलिखित हैं-
1. अस्थिर पृथ्वी। 2: मानव के परिवर्तनशील संबंध । 3. भौतिक पर्यावरण ।
प्रश्न 12. मानव भूगोल क्या है ? दो पहलुओं में अध्ययन कीजिए जिसमें भूगोल पृथ्वी
के धरातल का अध्ययन करता है?
(What is Human Geography ? Describe two aspects in which it studies the relief of the earth.)
उत्तर-मानव भूगोल क्रमबद्ध भूगोल की एक शाखा है। इसमें मानव और प्रकृति के बीच
सतत परिवर्तनशील पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न सांस्कृतिक लक्षणों की स्थिति एवं वितरण की
विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
भूगोल अपनी विभिन्न शाखाओं के साथ ही पृथ्वी की सतह को दो अलग-अलग किंतु
परस्पर पहलुओं में देखता है।
1. क्रमबद्ध भूगोल में एक ही तत्त्व का प्रादेशिक स्तर से विश्व स्तर तक क्रमिक रूप से
अध्ययन किया जाता है।
2. प्रादेशिक भूगोल में प्रदेश के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 13. मानव भूगोल के अध्ययन की नियतवादी विचारधारा क्या है ? इस विचारधारा
के दो प्रमुख लक्षणों का वर्णन करो।
(What is determinism approach to the study of Human Geography? De-
scribe its two important features.)
अथवा, मानव भूगोल के अध्ययन की दो पारम्परिक विधियाँ कौन-सी हैं ? प्रत्येक
विधि के उदाहरण सहित प्रमुख लक्षण बताइए ।
(Or, What are the two traditional methods of study of Human Geography?
Give two characteristics of each.)
उत्तर-मानव भूगोल के अध्ययन की दो पास्परिक विधियाँ हैं-
1. नियतिवाद (Determinism)
2. संभावनावाद (Possibilism) |
नियतिवाद विचारधारा के लक्षण :
1. इस विचारधारा के अनुसार प्राकृतिक पर्यावरण सर्वप्रमुख है जो मानव के सारे क्रियाकलापों को नियंत्रित करता है।
2. इस विचारधारा के अनुसार विभिन्न सामाजिक समूह, समाज अथवा देश का इतिहास,
संस्कृति, मानव जीवन शैली तथा विकास की अवस्था आदि सभी पर्यावरण के भौतिक कारकों द्वारा नियंत्रित होते हैं।
3. इसके अनुसार मनुष्य प्रकृति का दास है और उसके सभी कार्य प्रकृति द्वारा प्रभावित
होते हैं।
4. नियतिवाद में विश्वास करने वाले मानव को निष्क्रिय समझा जाता है।
प्रश्न 14. मानव भूगोल की कल्याणपरक विचारधारा मानवतावादी विचारधारा से किस
प्रकार भिन्न है?
(How is the welfare approach of Human Geography different from the
humanism approach ? Explain the main difference between them.)
उत्तर-मानव भूगोल की कल्याणपरक विचारधारा में मनुष्य के कल्याण तथा हित के विचार
हैं जबकि मानवतावादी विचारधारा में मानव और प्रकृति के मध्य सम्बन्धों की चर्चा की जाती है।
प्रश्न 15. नव-नियतिवाद से क्या अभिप्राय है?
(What do you mean by Neo-determinism ?)
उत्तर-प्रकृति ने मानव के विकास के भरपूर अवसर प्रदान किए हैं। मानव इनका एक सीमा
तक प्रयोग कर सकता है। इसलिए संभावनावाद की कई विद्वानों ने आलोचना की है। ग्रिफिथ
टेलर ने इस आलोचना द्वारा नव-नियतिवाद की विचारधारा प्रस्तुत की। उसके अनुसार एक
भूगोलवेत्ता का कार्य एक परामर्शदाता का है न कि प्रकृति की आलोचना करने का। मनुष्य ने
तो प्रकृति का दास है और न ही उसका स्वामी । मानव पृथ्वी पर रहता है और उस पर निर्भर
करता है।
प्रश्न 16. मानव भूगोल के अध्ययन में एफ. रेटजैल तथा ई. सी. सेंपल ने किस
विचारधारा का अनुसरण किया था? इस विचारधारा की दो विशेषताओं का उल्लेख
कीजिए
(Which approach was followed by F. Ratzel and E.C. Semple in the study of Human Geography ? State two characteristics of this approach.)
उत्तर-मानव भूगोल के अध्ययन में एफ. रेटजैल तथा ई. सी. सेंपल ने भूगोल में मानव
केन्द्रिक विचारधारा का अनुसरण किया है। इस विचारधारा की दो विशेषताएं हैं-
1. मनुष्य प्रमुख है तथा क्रियाशील है।
2. पृथ्वी अस्थिर है।
प्रश्न 17. मानव भूगोल के अध्ययन के लिए लूसियन फेबब्रे ने किस विचारधारा का
अनुसरण किया? इस विचारधारा की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(Which approach in the study of Human Geography was followed by
Lucian Febvre ? State its two characteristics.)
उत्तर-मानव भूगोल का अध्ययन करने के लिए लूसियन फ्रेबवे ने संभावनावाद विचारधारा
का अनुसरण किया। इसकी दो विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
1. इस विचारधारा में मनुष्य को प्रमुख स्थान दिया है।
2. प्राकृतिक पर्यावरण मानव जीवन को नियंत्रित नहीं करता।
3. पर्यावरण मनुष्य के सामने कुछ संभावनायें प्रस्तुत करता है।
4. इसमें प्राकृतिक पर्यावरण निष्क्रिय है और मनुष्य सक्रिय है।
5. मनुष्य अपनी सांस्कृतिक आवश्यकताओं और तकनीकी ज्ञान के विकास के आधार पर
पर्यावरण द्वारा प्रस्तुत संभावनाओं का अपनी सुविधाओं के लिए उपयोग करता है।
6. मनुष्य अपने क्रियाकलापों से पर्यावरण को प्रभावित करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (ShortAnswer Type Question)
प्रश्न 1. मानव भूगोल का अध्ययन व्यवहारशील है तथा इसमें मानवीय समाज के
अध्ययन पर अधिक बल दिया गया है। व्याख्या कीजिए।
(The study of Human Geography is pragmatistic and it stress on the study of human society. Explain.)
उत्तर-मानव भूगोल की परिभाषा समय-समय पर बदलती रही है-
1. सबसे पहले विद्वानों में अरस्तू, बकल, हंबोलट तथा रिटर ने इतिहास पर धरातल के प्रभाव
का अध्ययन किया।
2. कालांतर में रेटजेल तथा सेम्युल ने इसकी आलोचना की।
3. वाइडल डी ला ब्लाश ने पारिस्थितिकी तथा पार्थिव एकता को मानव भूगोल के दो मूल
सिद्धांत माना है।
4. हटिंगटन ने जलवायु के समाज, सभ्यता तथा इतिहास पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन
पर बल दिया है।
उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि मानव भूगोल में मूल रूप से मानवीय समाज के अध्ययन
पर बल दिया गया है।
प्रश्न 2. प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता जीन ब्रुन्स के मानव भूगोल की प्रकृति एवं क्षेत्र के विषय
में क्या विचार थे ? संक्षिप्त में उत्तर दीजिए।
(Explain briefly the thoughts of geographeal Jeans Brunsh about nature
and scope of Human Geography.)
उत्तर-प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता जीन ब्रुन्स के अनुसार जिस प्रकार अर्थशास्त्र का संबंध मूल्यों से,
भूगर्भशास्त्री का सम्बन्ध शैलों से, वनस्पति विज्ञान का संबंध पौधों से उसी प्रकार भूगोल का
केन्द्रीय बिन्दु ‘स्थान’ है जिसमें कहाँ और क्यों जैसे महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास
किया जाता है।
भूगोल की प्रमुख शाखा के रूप में मानव एवं पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन
मानव भूगोल के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु है अर्थात् मानव भूगोल में पर्यावरण से संबंधित मानव समाज के अध्ययन पर विशेष बल दिया जाता है। वास्तव में मानव भूगोल के अन्तर्गत मानव प्रजातियाँ, जनसंख्या का वितरण, घनत्व, वृद्धि तथा जनसांख्यिकीय लक्षणों आदि का ज्ञान कराया जाता है तथा आर्थिक क्रियाओं का भी अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 3.नियतिवाद और संभावनावाद में अन्तर स्पष्ट करें।
(Distinguish between determinism and possibilism.)
उत्तर-नियतिवाद और संभावनावाद में अंतर-
नियतिवाद (Determinism)
(i) इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित माना
जाता है।
(ii) नियतिवादी सामान्यतः मानव को एक निष्क्रिय कारक समझते हैं, जो पर्यावरणीय
कारकों से प्रभावित होता है।
(iii) हिपोक्रेट्स, अरस्तू, हेरोडोटस, स्ट्रैबो आदि रोमन और यूनानी विद्वानों ने नियतिवाद का
समर्थन किया। रैटजैल, रिटर, हम्बोल्ट, काट आदि ने भी इस विचारधारा का समर्थन किया।
(iv) इस विचारधारा के मानने वाले मानव के आचरण, निर्णय क्षमता, कार्यकुशलता तथा
जीवन पद्धति आदि को भी पर्यावरण के भौतिक कारकों द्वारा प्रभावित मानते हैं।
(v) इस विचारधारा के अनुसार प्राकृतिक पर्यावरण सर्वप्रमुख है जो मानव के सारे
क्रिया-कलापों को नियंत्रित करता है।
संभावनावाद (Possibility)
(i) इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ
तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक संभावनाओं का इच्छानुसार अपने लाभ के लिए उपयोग
कर सकता है।
(ii) संभावनावाद प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्त्वपूर्ण स्थान देता है और उसे
सक्रिय शक्ति के रूप में देखता है।
(ii) लूसियन फैबलें, वाइडल डी. ला ब्लाश ने व्यवस्थित तरीके से इस विचारधारा का
प्रचार-प्रसार किया।
(iv) इस विचारधारा के अनुसार नियतिवाद का यह सिद्धान्त कि मनुष्य प्रकृति का दास है,
अस्वीकृत कर दिया गया।
(v) कुछ भूगोलवेत्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि मनुष्य प्रकृति के तत्त्वों को अपने
लाभ के लिए चुनने के लिए स्वतंत्र होता है और इस दृष्टि से मनुष्य को उसके
भौतिक पर्यावरण की अपेक्षा महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
प्रश्न 4. फिंच और ट्रीवार्था के द्वारा मानव भूगोल की विषय वस्तु को किन दो भागों
में बाँटा गया है? प्रत्येक भाग के दो लक्षण बतायें।
(In which two sections has the subject matter of Human Geography been divided by Finch and Triwartha State two features of each section.)
उत्तर-अमेरिकी भूगोलवेत्ताओं फिंच और ट्रीवार्था ने मानव भूगोल की विषय वस्तु को
मुख्यतः दो भागों में बाँटा है-
1. भौतिक तथा प्राकृतिक पर्यावरण ।
2. सांस्कृतिक अथवा मानव-निर्मित पर्यावरण ।
लक्षण(Features)-
1. भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण (Physical or Natural environment)–
लक्षण-(i) इसके अन्तर्गत भौतिक लक्षण जैसे जलवायु, धरातलीय उच्चावच एवं अपवाह
प्रणाली आदि का अध्ययन किया जाता है।
(ii) प्राकृतिक संसाधन जैसे मृदा, खनिज, जल, वन एवं वन्य प्राणी आदि भी भौतिक
पर्यावरण के अंग हैं।
2. सांस्कृतिक या मानव-निर्मित पर्यावरण (Cultural or Humanmade
Environment)-इसके अन्तर्गत मानव निर्मित पर्यावरण का बोध होता है।
लक्षण-(i) मानव जनसंख्या, मानव बस्तियों तथा मानव व्यवसाय आदि आते हैं।
(ii) विभिन्न उद्योग, कृषि, पशुचारण, परिवहन, संचार आदि भी इसमें सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 5. प्रत्यक्षवाद और मानवतावाद में अन्तर बताइये।
(Distinguish between possibilism and humanism?)
उत्तर-प्रत्यक्षवाद और मानवतावाद में अन्तर-
प्रत्यक्षवाद (Possibilism)
(i) इस विचारधारा में मात्रात्मक विधियों के प्रयोग पर अधिक बल दिया गया ताकि
विभिन्न कारकों के भौगोलिक प्रतिरूपों के अध्ययन के समय विश्लेषण को अधिक
वस्तुनिष्ठ बनाया जा सके है।
(ii) इस विचारधारा के मुख्य समर्थकों में वी. जे. एलवेरी, डेविड हार्वे तथा विलियम
वंग आदि के नाम प्रमुख।
(iii) प्रत्यक्षवाद विचारधारा मुख्यतः निरीक्षण तथा अनुभवों पर आधारित है। इसलिए
इसे प्रयोगवाद भी कहते हैं।
मानवतावाद (Humanism)
(i) यह विचारधारा मानव कल्याण, मानव जाग्रति, मानव चेतना, मानव संसाधन एवं
मानव की सृजनात्मकता के संदर्भ में मानव सक्रियता पर बल देती है।.
(ii) इस विचारधारा का केन्द्रीय बिन्दु मानव है जो मानव विकास पर बल देता है।
(iii) इस विचारधारा के विकास में मानव भूगोल में मानवीय परिघटनाओं के प्रतिरूपों के
वर्णन के स्थान पर इनके पीछे कार्यरत प्रक्रिया को समझना है।
(iv) मानवतावाद मानव भूगोल में जोड़ी गई नई विचारधारा है जिसका सम्बन्ध मानव कल्याण के स्थानिक प्रतिरूप से है।
प्रश्न 6. मानव भूगोल के अध्ययन में वाइडल डी ला ब्लॉश का क्या योगदान है?
(What is the contribution of Vidal de-La Blache towards Human
Geography?)
उत्तर-वाइडल डी-ला ब्लॉश के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा इस प्रकार है-मानव
भूगोल प्रकृति एवं मनुष्य के बीच पारस्परिक सम्बन्धों को एक नई समझ देता है। उन्होंने मानव भूगोल में संभावनावाद की नींव रखी। जब प्रकृति की तुलना में मनुष्य का महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया जाए और जब मानव को निष्क्रिय से सक्रिय शक्ति के रूप में देखा जाए तो यह धारणा संभावनावाद कहलाती है। यद्यपि संभावनावाद की संकल्पना प्रथम विश्व युद्ध से पहले की गई लेकिन वाइडल डी. ब्लॉश ने व्यवस्थित तरीके से इस विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया। उनके अनुसार मनुष्य की जीवन शैली मनुष्य और उसके निवास स्थान के सम्बन्धों को नियंत्रित करने वाले भौतिक ऐतिहासिक और सामाजिक प्रभावों का समन्वित परिणाम है। उन्होंने समान पर्यावरण के भीतर मानव समूह के अन्तर को स्पष्ट करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि विभिन्नतायें भौतिक, पर्यावरण के दवाव के प्रतिफल नहीं अपितु दूसरे कारकों जैसे मानव मूल्य एवं आदतों में परिवर्तन का परिणाम हैं। यही संकल्पना सम्भावनावादियों के लिए आधारभूत दर्शन बनी।
प्रश्न 7. मानव भूगोल के अध्ययन के संदर्भ में फ्रेडरिक रेटजैल के योगदान का
वर्णन करें।
(Describe the contribution of Friedrich Ratzel for difining Human Geography.)
उत्तर-फ्रेडरिक रेटजैल मानव भूगोल के जन्मदाता माने जाते हैं। इन्होंने अपनी पुस्तक
‘एंथ्रोयोलॉजी’ (1899) में भूगोल के अध्ययन को मानव केन्द्रित विचारधारा में परिवर्तित किया ।
मानव भूगोल के विकास की यह एक युगान्तकारी घटना है। मानव भूगोल को मानव केन्द्रित
अध्ययन में स्थापित करने के कारण रेटजैल को आधुनिक मानव भूगोल का जनक कहा जाता
है। उसके अनुसार मानव भूगोल मानव समाज एवं भूपृष्ठ के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों का
संश्लिष्ट सम्बन्ध है तथा मानव भूगोल के विषय सर्वत्र वातावरण से संबंधित होते हैं जो स्वयं
भौतिक दशाओं का एक योग होता है।
प्रश्न 8. क्रमबद्ध भूगोल तथा प्रादेशिक भूगोल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
(Distinguish between systematic and regional geography.)
उत्तर-क्रमबद्ध भूगोल तथा प्रादेशिक भूगोल में अंतर-
क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography)
(i) इस भूगोल में किसी प्रदेश के एक विशिष्ट भौगोलिक तत्त्व का अध्ययन होता है।
(ii) यह अध्ययन एकाकी रूप में होता है।
(iii) यह अध्ययन राजनीतिक इकाईयों पर आधारित होता है।
(iv) यह अध्ययन खोज व तथ्यों को प्रस्तुत करता है।
(v) इस अध्ययन में एक घटक जैसे जलवायु के आधार पर विभिन्न प्रकार तथा उपप्रकार
निश्चित किए जाते हैं।
प्रादेशिक भूगोल (Regional Geography)
(i) इस भूगोल में किसी प्रदेश के सभी भौगोलिक तत्त्वों का एक इकाई के रूप में अध्ययन
होता है।
(ii) यह अध्ययन समाकलित होता है।
(iii) यह अध्ययन भौगोलिक इकाईयों पर आधारित होता है।
(iv) यह किसी प्रदेश के भौतिक वातावरण तथा मानव के बीच संबंध को प्रकट करता है।
(v) इस अध्ययन में प्रदेशों का सीमांकन सम्मिलित है, जिसे प्रादेशीकरण कहते हैं।
प्रश्न 9. मानव भूगोल की कल्याणपरक विचारधारा मानवतावादी विचारधारा से किस
प्रकार भिन्न है ? दोनों के बीच मुख्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
(How is the welfare approach of Human Geography different from the
humanism approach ? Explain the main difference between them.)
उत्तर-मानव भूगोल की कल्याणपरक विचारधारा में मनुष्य के कल्याण तथा हित के विचार
हैं जबकि मानवतावादी विचारधारा में मानव और प्रकृति के मध्य सम्बन्धों की चर्चा की जाती
है। दोनों में अन्तर इस प्रकार हैं-
कल्याणपरक विचारधारा (Welfare Approach) )
(i) इस विचारधारा में मनुष्य की वित्तीय स्थिति आदि का अध्ययन किया जाता है।
(ii) मनुष्य के विकास में प्रादेशिक असमानता आदि का अध्ययन किया जाता है।
(iii) पूँजीवाद के कारण इस विचारधारा का जन्म हुआ।
(iv) कौन, कहाँ, क्या पाता है और कैसे कल्याणपरक विचारधारा के मूल बिंदु हैं।
मानवतावादी विचारधारा (Humanism Approach)
(i) मानवतावादी विचारधारा में मानव जाग्रति, मानव साधन, मानव चेतना आदि के संदर्भ
में मनुष्य की केन्द्रीय एवं क्रियाशील भूमिका पर बल दिया जाता है।
(ii) यह विचारधारा स्वयं मनुष्य पर केन्द्रित है ।
(iii) इस विचारधारा के विन्यास में मानव भूगोल में मानवीय परिघटनाओं के प्रतिरूपों के
वर्णन के स्थान पर इनके पीछे कार्यरत प्रक्रिया को समझना है।
(iv) मानवतावाद मानव भूगोल में जोड़ी गई नई विचारधारा है जिसका सम्बन्ध मानव
कल्याण के स्थानिक प्रतिरूप से है।
प्रश्न 10. प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरणों में से प्रत्येक के तीन-तीन घटकों की
व्याख्या कीजिए।
(Describe the three element of each of the natural and cultural environment.)
उत्तर-प्राकृतिक पर्यावरण के मुख्य घटक (Elements of Natural Environment)-
(i) जलवायु (Climate)-इसके अन्तर्गत धरातलीय लक्षण जैसे पर्वत, पठार, मैदान आदि
का मानव क्रिया-कलापों पर क्या प्रभाव पड़ता है, का अध्ययन किया जाता है।
(ii) उच्चावच (Relief)-इस घटक के अन्तर्गत धरातलीय लक्षण जैसे पर्वत, पठार, मैदान
आदि लक्षण और उनका मानव जीवन पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
(iii) प्राकृतिक वनस्पति एवं वन (Forests and natural vegitation)-इसके अन्तर्गत
प्राकृतिक वनस्पति तथा वन के मनुष्य पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
खनिज, मृदा, जल आदि अन्य घटक भी प्राकृतिक पर्यावरण के अंग है।
सांस्कृतिक पर्यावरण के घटक (Elements of Cultural Environment)-
1. मानव जनसंख्या (Population)-जनसंख्या का वितरण एवं घनत्व तथा इसके कारणों
का अध्ययन किया जाता है।
2. नगरीय एवं ग्रामीण आवास (Urban and Rural Settlements) भूपृष्ठ पर बस्तियों
के प्रकार व उनका विकास किस प्रकार भिन्न होता है तथा मानव जीवन पर इनका क्या प्रभाव
पड़ता है, का अध्ययन इस घटक से सम्बन्धित है।
3. कृषि (Agriculture)-कृषि सांस्कृतिक पर्यावरण का मुख्य घटक है। कृषि से मानव
के भोजन, वस्त्र आदि की आवश्यकता पूर्ण होती है।
4. उद्योग (Industries)-विज्ञान और तकनीकी के विकास के कारण मानव ने निर्माण
उद्योगों का विकास किया है। परिवहन, संचार के साधन आदि अन्य घटक भी सांस्कृतिक
पर्यावरण के घटक हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Question)
प्रश्न 1. मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए ।
(Write a note on the Scope of Human Geography.)
उत्तर-जिस प्रकार अर्थशास्त्र का सम्बन्ध मूल्य आदि से तथा भूगर्भ शास्त्र सम्बन्ध शैलों
से रहता है उसी प्रकार भूगोल का केन्द्र विन्दु स्थान है। जिसमें कहाँ और क्यों जैसे महत्त्वपूर्ण
प्रश्न के उत्तर देने का प्रयास किया जाता है। मानव भूगोल का अध्ययन क्षेत्र बहुत व्यापक है ।
परन्तु कई विद्वानों के विचार में मतभेद है । मानव भूगोल को भूमि का विज्ञान अर्न्तसमबन्धों
का विज्ञान तथा प्रादेशिक अध्ययन का विज्ञान कहा जाता है। वास्तव में भौगोलिक परिस्थितियों
और मनुष्य के कार्यों के सम्बन्ध का वितरण और प्रकृति ही मानव भूगोल की विषय सामग्री है।
मानव भूगोल का कार्यक्षेत्र बहुत विस्तृत है। उसके अन्तर्गत मानव प्रजातियाँ विश्व के
विभिन्न भागों में जनसंख्या का विवरण घनत्व विकास वृद्धि जनसांख्यकीय के लक्षण जन
स्थानान्तरण आदि के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त किया जाता है। इसके साथ ही मानव समूहों की
आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 2. मानव के प्राकृतीकरण की व्याख्या करें।
(Explain Naturalisation of Humans.)
उत्तर-मनुष्य अपने भौतिक पर्यावरण के साथ तकनीक ज्ञान की सहायता से पारस्परिक
सम्बन्ध रखता है। यह इतना महत्त्वपूर्ण नहीं है कि मनुष्य ने क्या उत्पन्न किया है लेकिन यह
अधिक महत्त्वपूर्ण है कि उसने किन उपकरण और तकनीक की सहायता से उत्पन्न किया है।
तकनीक सांस्कृतिक विकास की ओर संकेत करती है। प्राकृतिक नियमों को समझने के बाद
ही मनुष्य ने तकनीक विकास किया है। जिस प्रकार पत्थरों के टुकड़ों के घर्षण से आग का
आविष्कार किया है उसी प्रकार डी. एन. ए. की जानकारी स बहुत-सी बीमारियों का पता चलता है। हम जानते हैं कि प्रकृति के बारे में ज्ञान बहुत महत्त्वपूर्ण है जिसमें तकनीक और प्रौद्योगिकी का विकास होता है, जिसमें मनुष्य की पर्यावरणीय बेड़ियाँ ढीली होती है प्रारम्भिक अवस्था में मनुष्य प्राकृतिक पर्यावरण से बहुत प्रभावित था । एक प्रकार से वह प्रकृति का दास कहलाता था।
प्रकृति के अनुसार ही वह अपने को बनाता था, क्योंकि उस समय में तकनीकी ज्ञान बहुत कम
था, नहीं के बराबर था तथा मानव समाज विकास भी निम्न था। आदि मानव समाज तथा प्रकृति की शक्तियों को पर्यावरणीय नियतिवाद कहा जाता है। यही मनुष्य का प्राकृतिक कारण था।
प्रश्न 3. बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में मानव भूगोल और अधिक समन्वयकारी और
अन्तर विषयक विषय कैसे बन गया है ? व्याख्या कीजिए।
(Explain how Human Geography in the early twentieth century has become more integrative and interdisciplinary.)
उत्तर-मानव भूगोल की विषयवस्तु में समय के साथ वृद्धि एवं विस्तार हुआ है। बीसवीं
सदी के आरंभ में सांस्कृतिक एवं आर्थिक पक्षों पर विशेष ध्यान दिया जाता था किन्तु कालान्तर में नई चुनौतियों के लिए नई शाखाओं का उदय हुआ। इसके अध्ययन में नए घटकों का उदय हुआ है वे निम्नलिखित है-
1. राजनैतिक एवं सामरिक आयाम ।
2. सामाजिक योग्यता एवं प्रासंगिकता।
3. स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुविधायें।
4. लिंग असमानता और जन-सुविधायें ।
5. लिंग असमानता और जन सुविधायें एवं जन-नीति आदि विषय इसके अन्तर्गत समाहित हैं।
मानव भूगोल अब व्यवहार में न केवल अधिक एकीकृत एवं अन्तर्विषयक बन गया है बल्कि
इसके अध्ययन में कई नई विधियों एवं अवधारणाओं का भी समावेश हुआ है। अब मानव भूगोल दूसरे सामाजिक विज्ञानों को भी आवश्यक स्थानिक विचारणीय विषय संबंधी तथ्यों में सहयोग देता है जिनकी उनको कमी थी। इसके साथ ही मानव भूगोल विभिन्न समस्याओं और चुनौतियों के विश्लेषण हेतु अन्य सामाजिक विज्ञानों में भी सहयोग लेता है। मानव भूगोल के उपक्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले ये सामाजिक विज्ञान, आर्थिक भूगोल और सामाजिक भूगोल आदि हैं।
मानव भूगोल की मुख्य शाखाओं तथा अन्य सामाजिक विज्ञानों से उसके सम्बन्ध को चित्र में
दर्शाया गया है-
प्रश्न 4. एक अलग अध्ययन क्षेत्र के रूप में विकसित होने के बाद से मानव भूगोल
के विकास की विवेचना कीजिए।
(Discuss the development of Human Geography eversince its appearance as a distinct field of Study.)
उत्तर-उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में, (1859) चार्ल्स डार्विन की पुस्तक ‘ओरिजन ऑफ
स्पेशिज’ से प्रेरणा लेकर भौगोलिक अध्ययन की एक विशिष्ट शाखा के रूप में मानव भूगोल
का विकास हुआ। बकल ने अपनी पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ सिविलाइजेशन ऑफ इंग्लैंड’ में मानव
के अपने पर्यावरण पर आश्रित होने की व्याख्या की तथा मानव भूगोल को एक शाखा के रूप
में विकसित होने का समर्थन मिला । फ्रेडरिक रेटजैल जिन्हें आधुनिक मानव भूगोल का जनक कहा जाता है, ने अपनी पुस्तक ‘एन्थ्रोज्योग्राफी’ में भूगोल अध्ययन को मानव केन्द्रित विचारधारा में परिवर्तन किया । मानव भूगोल के विकास की यह एक युगान्तकारी घटना है। सी. एलेन सेम्पल के अनुसार मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी एवं अथक मानव के परस्पर परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है। अन्य विद्वानों ने भी इन्हीं बातों पर बल दिया है।
फिंच तथा ट्रिवार्था ने मानव भूगोल की विषयवस्तु को दो मुख्य भागों भौतिक तथा सांस्कृतिक
में बाँटा।हटिंगटन के अनुसार मानव भूगोल भौतिक दशाओं तथा भौतिक पर्यावरण के साथ मानव की अनुक्रिया से सम्बन्धित है। मानव भूगोल निम्न मानवीय पर्यावरण क्षेत्रों के अध्ययन से भी संबंधित है:
1. आधारभूत आवश्यकतायें ।
2. भौतिक व्यवसाय।
3. सांस्कृतिक आवश्यकतायें ।
4. राजनैतिक भूगोल ।
मानव भूगोल की विषय-वस्तु समय-समय पर बदलती रही है। बीसवीं सदी के आरंभ में
सांस्कृतिक तथा आर्थिक वस्तुओं पर विशेष बल दिया जाता था लेकिन अब नई चुनौतियों और समस्याओं के लिए नई शाखाओं का जन्म हुआ है, जैसे-आर्थिक भूगोल, राजनैतिक भूगोल आदि ।
प्रश्न 5. नियतिवाद, संभावनावाद तथा नवनियतिवाद किस प्रकार एक दूसरे से
भिन्न है ?
(How determinism possiblism and neo-determinism different from one
another ? Explain one point of difference of each.) )
उत्तर-नियतिवाद (Determinism)-(i) इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक
क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित किया जाता है। इसके अनुसरण करने वाले मानते हैं कि
भौतिक कारक जैसे-जलवायु, उच्चावच, प्राकृतिक वनस्पति आदि मानव के समस्त क्रियाकलापों और जीवन शैली आदि को नियंत्रित करते हैं।
(ii) नियतिवाद सामान्यतया मानव को एक निष्क्रिय कारक समझता है जो पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित है।
2. संभावनावाद (Neo-Determinism)-यह विचारधारा उपरोक्त दोनों विचारधाराओं की
चरम अवस्था के बीच का दर्शन है। ग्रिफिथ टेलर ने माना है कि मानव एक निश्चित सीमा
तक ही पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है। इसी प्रकार उसने मानव की बुद्धि कुशलता को
भी पर्यावरण को प्रभावित करने में एक सीमा तक सक्षम माना है । भूगोलवेत्ता का प्रमुख दायित्व एक सलाहकार का है न कि प्रकृति की योजना की व्याख्या करना ।
प्रश्न 6. द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् मानव भूगोल ने मानव समाज की समकालीन
समस्याओं तथा चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत किए। इस कथन की विवेचना कीजिए।
(Human Geography in the post World War II period has responded to the contemporary problems and issues of the human society. Explain.)
अथवा, द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् मानव भूगोल की विषय वस्तु में किन नई
सामाजिक समस्याओं और चुनौतियों को समाहित किया गया ?
(Or, After Second World War which problems and issues were emerged in the subject matter of Human Geography ?)
उत्तर-द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् शैक्षिक जगत समेत अनेक क्षेत्रों में तेजी से विकास
हुआ । सामान्य रूप से भूगोल में और विशेष रूप से मानव भूगोल ने मानव समाज की समकालीन समस्याओं और मुद्दों के समाधान प्रस्तुत किए। ये समस्यायें मानव कल्याण से सम्बन्धित नई समस्यायें हैं। जैसे गरीबी, सामाजिक व प्रादेशिक असमानतायें, समाज कल्याण तथा महिला सशक्तिकरण आदि । इन समस्याओं को समझने तथा इनका निराकरण करने के तरीके सुझाने में पारस्परिक विधियाँ असमर्थ थीं। इसके फलस्वरूप समय-समय पर मानव भूगोल के अध्ययन में नई विधियों का समावेश किया गया। उदाहरण के लिए पचास के दशक में प्रत्यक्षवाद की नई विचारधारा का उदय हुआ । इसने विभिन्न कारकों के भौगोलिक प्रतिरूपों के अध्ययन के समय विश्लेपण को अधिक वस्तुनिष्ठ बनाने के लिए मात्रात्मक विधियों के उपयोग पर बल दिया।
इसके पश्चात् प्रतिरोधस्वरूप नई विचारधारा का उदय हुआ। इसे व्यवहारगत विचारधारा
का नाम दिया गया। इस विचारधारा में मानव की ज्ञान शक्ति पर अधिक बल दिया गया ।
विश्व के कुछ देशों में पूँजीवाद के बढ़ते प्रभाव के कारण मानव भूगोल में कल्याणपरक
विचारधारा का जन्म हुआ। इसके अन्तर्गत सामाजिक असमानता व निर्धनता जैसे विषयों को जोड़ा गया। मानव भूगोल में मानवतावाद नई विचारधारा है जिसमें मानव जाग्रति, मानव संसाधन तथा मानव चेतना आदि विषयों पर बल दिया गया।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Answer Type Question)
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से ही उत्तर चुने :
(Choose the right answer from the four alternatives given below 🙂
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक भूगोल का वर्णन नहीं करता?
(क) समाकलनात्मक अनुशासन
(ख) मानव और पर्यावरण के बीच अंतर-संबंधों का अध्ययन
(ग) द्वैधता पर आश्रित
(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है ?
(क) यात्रियों के विवरण
(ख) प्राचीन मानचित्र
(ग) चन्द्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने
(घ) प्राचीन महाकाव्य
प्रश्न 3. निम्नलिखित में कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का
सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक हैं ?
(क) मानव बुद्धिमता
(ख) प्रौद्योगिकी
(ग) लोगों के अनुभव
(घ) मानवीय भाईचारा
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपगमन नहीं है ?
(क) क्षेत्रीय विभिन्नता
(ख) मात्रात्मक क्रांति
(ग) स्थानिक संगठन
(घ) अन्वेषण और वर्णन
प्रश्न 5. मानव भूगोल भौतिक दशाओं तथा भौतिक पर्यावरण के साथ मानव की
अनुक्रियाओं से सम्बन्धित है। ये विचार किस भूगोलवेत्ता ने व्यक्त किए थे ?
(क) रेटजैल
(ख) एल्सवर्थ हटिंगटन
(ग) वाइडल डी. ला ब्लॉश
(घ) बर्नाड वेरेनियस
प्रश्न 6. भूगोल की दो मुख्य शाखायें कौन-सी हैं ?
(क) क्रमबद्ध भूगोल और प्रादेशिक भूगोल
(ख) मानव भूगोल और क्रमबद्ध भूगोल
(ग) प्रादेशिक भूगोल और क्रमबद्ध भूगोल
(घ) सामान्य भूगोल और विशिष्ट भूगोल
प्रश्न 7. व्यावहारिक भूगोल, राजनैतिक भूगोल, आर्थिक भूगोल अथवा सामाजिक
भूगोल कौन-से भूगोल के उपक्षेत्र है ?
(क) सामान्य भूगोल
(ख) विशिष्ट भूगोल
(ग) मानव भूगोल
(घ) जीव भूगोल
प्रश्न 8. संभावनावाद’ शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने किया ?
(क) अल इदरीसी
(ख) रैटजेल
(ग) अलमसूदी
(घ) लूसियन फैब्रे
प्रश्न 9. मानवतावाद किसकी एक विचारधारा है ?
(क) समाजशास्त्र की
(ख) सामाजिक विज्ञान की
(ग) मानव भूगोल की
(घ) अर्थशास्त्र की
उत्तर
1. (क) 2. (घ) 3. (ख) 4.(क) 5. (ख) 6. (क) 7. (ग) 8. (घ) 9. (ग)।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks)-
(क) लगभग 15वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से लेकर 18वीं शताब्दी तक की अवधि को …….
कहा जाता है।
(ख) बर्नार्ड वेरेनियस की पुस्तक ‘ज्योग्राफिया जनरेलिस’ में भूगोल विषय को मुख्यतः
दो भागों में विभक्त किया गया है।
(i)…………. तथा (ii)………….l
(ग) वेरेनियस ने अपने ‘प्रादेशिक भूगोल’ नामक ग्रंथ में इसकी विषय-वस्तु को तीन
उपभागों में विभाजित किया-
(i)……..(ii)…………( iii)………….
उत्तर-(क) खोज का युग, (ख) (i) सामान्य लक्षण, (ii) विशिष्ट (ग)(i) खगोलीय
लक्षण (ii) स्थलीय लक्षण और (iii) मानवीय लक्षण ।
प्रश्न 4. निम्नलिखित का मिलान कीजिए (Match the following)-
कॉलम-I. कॉलम-II
(क) बर्नार्ड वेरेनियस. (i) संभावनावाद
(ख) चार्ल्स डार्विन. (ii) जीवों का विकास
(ग) वाइडल डी. ला ब्लॉश. (iii) ज्यॉग्राफिया जनरेलिस
(घ) नव-नियतिवाद. (iv) ग्रिफिथ टेलर
(ङ) मानवतावाद. (v) मानव भूगोल
उत्तर- कॉलम-I. कॉलम-II
(क) बर्नार्ड वेरेनियस. (i) ज्यॉग्राफिया जनरेलिस
(ख) चार्ल्स डार्विन। (ii) जीवों का विकास
(ग) वाइडल डी. ला ब्लॉश (iii) संभावनावाद
(घ) नव-नियतिवाद। (iv) ग्रिफिथ टेलर
(ङ) मानवतावाद। (v) मानव भूगोल