11-economics

bihar board class 11 economics | सूचकांक

bihar board class 11 economics | सूचकांक

8.सूचकांक

                ( Index Number)
पाठ्यक्रम (Syllabus)
• सूचकांक का अर्थ, आवश्यकता (सूचकांक बनाने की विधियाँ, समूही विधि, मूल्यानुपात मध्य विधि)।• कुछ महत्वपूर्ण सूचकांक : उपभोक्ता मूल्य सूचकांक,
घोक मूल्य सूचकांफ, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, कृषि उत्पादन सूचकांक, सूचकांक बनाने के कई मुद्दे ।
इस अध्याय में आप जानेंगे-•सूचकांक का अर्थ • अधिकतर प्रयोग में आने वाले सूचकांक । • सूचकांक को गणाना । • सूचकांक की सीमाएँ।
” याद रखने योग्य बातें (Points co Remember):-
1. सूचकांक का अर्थ (Meaning of index Number)- ये समयों पर आधारित तथ्यों के सापेक्षिक मूल्य होते हैं जिनका प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
2. सूचकांक की परिभाषाएँ (Definitions of index Numbers –
(क) “सूचकांक” एक ऐसी संख्या है जो किसी निश्चित तिथि पर निश्चित प्रवृत्ति के स्तर की दूसरी प्रामाणिक तिथि पर निश्चित प्रणि के सर से गुलना करो हुए संकेत करती है।”
-घोष एवं चौधरी
(ख) “निर्देशांक संबंधित चल-मूल्यों के परिणामों में होने वाले अन्तरों को मापन करने की युक्तियाँ हैं।”
(ग) “निर्देशाकों की श्रेणी एक ऐसी श्रेणी है जो अपने झुकाब और उच्चावचनों के द्वारा उस परिणाम के परिवर्तनों को प्रदर्शित करती है जिससे वह सम्बन्धित है।” -बाउले
(घ) “निर्देशांक अंकों की एक ऐसी श्रेणी है जिसके द्वारा किसी तथ्य के परिणाम में होने वाले परिवर्तनों का समय था स्थान के आधार पर मापन किया जाता है।- होरेंस सेक्राइस्ट
3. सूचकांक की विशेषताएँ (Features of Index Number)-(i) यह संख्याओं में प्रदर्शित किए जाते हैं । (ii) थे औसतों के रूप में प्रकट किए जाते हैं। (iii) ये प्रतिशत में प्रकट किए जाते हैं । (iv) ये समय के मूल्यों की तुलना के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
4. साधारण समूहन विधि (Simple aggravative method) – इस विधि के अन्तर्गत चालू वर्षों के मूल्यों के जोड़ों को आधार वर्ष के मूल्यों के ओड़ से विभाजित कर दिया जाता है और 100 से गुणा कर दिया जाता है। सूत्र के रूप में
Pm= ΣP1/ΣPOo×100
5. भारित समूह विधि (Weighted Aggravative Method) – इस विधि के अन्तर्गत सूचकांक में सम्मिलित मदों को उनके महत्त्व के अनुसार निश्चित भारत्त्व दिया जाता है। मदों को भार देने के कई तरीके हैं। परिणामस्वरूप सूचकांक के निर्माण करने के कई सूत्र है।
6. भारित मूल्यानुपात माध्य रिति (Weighted Average of Price Relative Method)- इस विधि के अन्तर्गत सूचकांक ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
Po=£po/P1×W/£W
7. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) – इसे जीवन निर्वाह व्यय सूचकांक भी कहते हैं । यह फुटकर कीमतों में होने वाले परिवर्तनों को मापता है। भारत में तीन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बनाये जाते हैं। भिन्न-भिन्न वर्गों के लिए भिन्न-भिन्न उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार किए जाते हैं।
8. थोक मूल्य सूचकांक (The whole price Index Number) – यह सूचकांक सामान्य कीमत स्तर में परिवर्तन को दर्शाता है। यह किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं बनाया जाता।
9. औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (Index of Industrial Production)- यह सूचकांक औद्योगिक उत्पाद स्तर में होने वाले परिवर्तन को मापता है। भारत में यह सूचकांक प्रत्येक माह बनाया जाता है। इसका आधार वर्ष 1993-94 है।
10. कृषि उत्पाद के लिए सूचकांक (Index Number forAgriculturalPoduction)- यह मात्रा अनुपात का भारित मध्यमान है। इसका आधार वर्ष 1981-82 है।
11. उत्पादक मूल्य सूचकांक (Producers Price Index) – यह उत्पादकों के दृष्टिकोण से कीमत में होने वाले परिवर्तन को मापता है। यह आधारभूत कीमतों को (जिसम कर, व्यापार का लाभ, परिवहन लागत सम्मिलित होती है) लिया जाता है।
12. सेंसेक्स (Sensex) – यह बम्बई स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इण्डैक्स (आधार वर्ष 1978-79) का संक्षिप्त फार्म है। इसके अंतर्गत 30 स्टॉक हैं जो अर्थव्यवस्था के 13 क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि सेंसेक्स ऊपर चढ़ता है तो यह समझा जाता है कि बाजार ठीक चल रहा है और निवेशकों को अधिक आय कमाने की आशा होती है
13. मानव विकास सूचकांक (Human Development Index)- यह 1. जीवन प्रत्याशा सूचकांक, 2. शिक्षा प्राप्ति का सूचकांक तथा 3. जीवन स्तर के सूचकांक का मध्यमान है। समीकरण के रूप में
HDI =1/2(LRi+EAI+SLI)
14. सूचकांकों का महत्व (Importance of Index)-(i) जटिल तथ्यों को सरल बनाना, (ii) भावी आर्थिक प्रवृत्ति की ओर संकेत, (iii) तुलनात्मक अध्ययन में सहायक, (iv) विदेशी व्यापार की जानकारी देने में सहायक, (v) वेतन, महंगाई, भत्ते आदि निश्चित करने में सहायक,
(vi) व्यापारियों के लिए उपयोगी।
15. सूचकांकों की समस्याएँ (Problems of Index Numbers) – (i) सूचकांक का उद्देश्य, (i) मदों का चुनाव, (ii) प्रतिनिधि मूल्यों का चुनाव, (iv) आधार वर्ष का चुनाव, (v) भार की विधि।
16. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लाभ (Advantages of Consumer’s Price Index Number) – (i) महंगाई भत्ता निर्धारित करने में सहायक, (ii) राशनिंग व्यवस्था को लागू करने में सहायक, (iii) मूल्यों पर नियंत्रण आदि ।
17. अभारित सूचकांक (Unweighted Index Number)- इसमें वस्तुओं को उनके महत्त्व के अनुसार कोई भार नहीं दिया जाता।
18. भारति सूचकांक (Weighted Index Number) – इसमें वस्तुओं को उनक******* अनुसार भार दिया जाता है।
19. आधार वर्ष (Base Year) – यह वह वर्ष है जिसकी तुलना करके चालू वर्ष की मद में परिवर्तन ज्ञात किया जाता है।
20. भारत का आधार वर्ष (Base Year in India)-1993-94.
पाठ्यपुस्तक एवं परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
Textbook and Other Important Questions for Examination)
             अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
     (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. हमें सूचकांक की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-आर्थिक चरों में दो समय बिंदुओं से सम्बन्धित औसत प्रतिशत परिवर्तन की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें सूचकांक की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2. भिन्न उपभोक्ताओं के लिए भिन उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की अनिवार्यता क्यों होती है ?
उत्तर-उपभोक्ता की विभिन्न श्रेणियों के लिए विभिन्न उपभोक्ता सूचकांक बनाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि उनके खान-पान (कोई वर्ग गेहूँ की रोटी खाता है और कोई वर्ग गेहूँ के स्थान पर चावल का अधिक प्रयोग करता है), पहनावे, जीवन-स्तर और रीति-रिवाजों में विभन्नता पाई जाती है।
प्रश्न 3. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक क्या मापता है ?
उत्तर-औद्योगिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सामान्य स्फीति मापता है
प्रश्न 4. कीमत सूचकांक तथा मात्रा सूचकांक में क्या अन्तर है ?
उत्तर-कीमत सूचकांक को बनाने का उद्देश्य वस्तुओं के समूहों की कीमतों में होने वाले सापेक्ष परिवर्तनों को मापना है जबकि मात्रा सूचकांक बनाने का उद्देश्य विभिन्न वस्तुओं की मात्रा में होने वाले सापेक्ष परिवर्तनों को मापना है।
प्रश्न 5. क्या किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिंबित होता है?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 6. क्या शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति के निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व कर सकता है ?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 7 अपने परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण मदों की सूची बनाने का प्रयास कीजिए।
उत्तर-गेहूँ चीनी, चावल, दाल, कपड़ा, पैट्रोल, मकान, मनोरंजन, टेलीफोन, मोबाइल,टीवी., रेडियो, वाहन स्टेशनरी, पुस्तकें आदि ।
प्रश्न 8. स्फीति दर की गणना का सूत्र लिखें।
उत्तर-स्फीति द= (X1-Xt-1/X-t-1)×100
xt-1 = पिछले मह, वर्ष, सप्ताह या दिन का थोक मूल्य सूचकांक (Wpl)
xt = वर्तमान मास, वर्ष, सप्ताह या दिनों का थोक मूल्य सूचकांक ।
प्रश्न 9. मुद्रा की क्रय शक्ति तथा वास्तविक मजदूरी की गणना करने के लिए किस सूचकांक का प्रयोग किया गता है ?
उत्तर-उपभोक्ता मूल्य सू. कांक (CPI) |
प्रश्न 10. पाशे की सूचकांक के भार का क्या आधार है ?
उत्तर-पाशे की सूचकांक के भार का आधार चालू वर्ष की मात्रा है।
प्रश्न 11. सामान्य मूल्य सूचकांक क्या माप करते हैं ?
उत्तर-सामान्य मूल्य सूचकांक सामान्य मूल्य स्तर में होने वाले परिवर्तन की माप करते हैं।
प्रश्न 12. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक क्या है ?
उत्तर-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक किसी वर्ग के व्यक्तियों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं के फुटकर मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों का मापन करते हैं।
प्रश्न 13. सूचकांक बनाने में कौन-सी माध्य विधि उपयुक्त है ?
उत्तर-गुणात्मक माध्य (Geometric Mean) |
प्रश्न 14. सरल समूही विधि सूचकांक को ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर- Po1= ΣΡ1/ΣΡΟ×100
प्रश्न 15. मूल्यानुपातों (Price Relatives) से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-मूल्यानुपात =चालू वर्ष के मूल्य/आधार वर्ष के मूल्य × 100
प्रश्न 16. मूल्यानुपात सूचकांक ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर- P01 Σ(Ρ1\po×10)/N
प्रश्न 17. सूचकांकों को बनाने की भारित समूही विधि में किस प्रकार के भार प्रयोग में लाये जाते हैं?
उत्तर-मात्रा के भार (Quantity weight) |
प्रश्न 18. भारित समूही विधि द्वारा सूचकांक ज्ञात करने का सूत्र लिखिए ।
उत्तर= Po1= (ΣP1q1/ ΣP0q0)×100
प्रश्न 19. सूचकांकों की भारित मूल्यानुपात विधि में किस प्रकार के भार का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-मूल्य भार (Value Weight)।
प्रश्न 20. भारित मूल्यानुपात विधि से सूचकांक को ज्ञात करने का सूत्र दीजिए।
उत्तर= Po1. (Σ[P1/P0]×Poqo)/ΣPoqo
प्रश्न 21. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक किसे कहते हैं ?
उत्तर-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वे सूचकांक हैं जो एक समयावधि में कीमत स्तर में होने वाले परिवर्तनों को उपभोक्ताओं के जीवन निर्वाह पर पड़ने वाले प्रभाव को मापता है । उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को जीवन-निर्वाह व्यय सूचकांक भी कहते हैं।
प्रश्न 22. थोक मूल्य सूचकांक किसे कहते हैं ?
उत्तर-थोक मूल्य सूचकांक वे सूचकांक हैं जो एक समयावधि में वस्तुओं के थोक मूलयों में होने वाले परिवर्तनों को मापते हैं। भारत में ये सूचकांक साप्ताहिक आधार पर तैयार किये जाते हैं।
प्रश्न 23. मुद्रास्फीति की दर निकालने का सूत्र लिखें।
उत्तर-मुद्रास्फीति की दर =चालू वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक/ आधार वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक
प्रश्न 24. वर्ष 1999 में एक देश की चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय 800 करोड़ रुपये थी जो बढ़कर वर्ष 2000 में 910 करोड़ रुपये हो गई। इसी अवधि में थोक मूल्य सूचकांक 120 से बढ़कर 130 हो गया । राष्ट्रीय आय में वास्तविक वृद्धि कितनी हुई ?
उत्तर-वर्ष 2000 में वास्तविक राष्ट्रीय आय =910×120/
130
=840 करोड़ रुपये।
राष्ट्रीय आय में वास्तविक वृद्धि = 840 – 800 = 40 करोड़ रुपये।
प्रश्न 25. अभारित सूचकांक को परिभाषित करें।
उत्तर-अभारित सूचकांक को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है-
1/n(P11/P01+P21/P20+Pnl/pno) या 1/n£P11/P10
प्रश्न 26. भारित सूचकांक क्या है ?
उत्तर-भारित सूचकांक कीमत सापेक्षों का भारित माध्य है।
सूत्र के रूप में Po1=£wl P11/P10
प्रश्न 27. भारत में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के निर्माण के लिये उद्योगों को कितनी श्रेणियों में विभाजित किया जाता है ? उन श्रेणियों के नाम लिखें।
उत्तर-भारत में औद्योगिक सूचकांकों का निर्माण करने के लिये उद्योगों को निम्न तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है-
(क) खनन (Mining) । (ख) विनिर्माण (Manufacturing) । (ग) बिजली (Blectricity) |
प्रश्न 28. अभारित सूचकांक की क्या सीमाएँ (दोष ) हैं ?
उत्तर-अभारित सूचकांक की एक सीमा यह है कि यह सभी मदों को एक जैसा भार (महत्त्व) देता है चाहे कुछ मदें दूसरी मदों से अधिक आवश्यक ही क्यों न हों। जैसे-यह माचिस की कीमत और मकान के किराये को एक जैसा महत्त्व देता है।
प्रश्न 29. सूचकांक बनाने की विभिन्न विधियां कौन सी हैं ?
उत्तर-सूचकांक बनाने की मुख्य विधियाँ निम्नलिखित हैं:
(i) साधारण समूह विधि (Simple Aggregative Method)
(ii) साधरण मूल्यानुपात माध्य विधि (Simple Average of Price Relative Method)
(iii) भारित समूह विधि (Weighted Aggregative Method)
(iv) मूल्यों की भारित माध्य विधि (Weighted Average ofPrice Relative Method)
                   लघु उत्तरीय प्रश्न
       (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. सूचकांक क्या है ?
(What is Index Number?)
उत्तर-सूचकाक एक विशेष प्रकार का माध्य है जो किसी समय अथवा स्थान के आधार पर सम्बन्धित चरों के समूह में होने वाले सापेक्षिक परिवर्तनों को मापता है । इसमें किसी एक समय के मूल्यों को 100 मानकर दूसरे समय के मूल्यों का प्रतिशत ज्ञात किया जाता है और इन
प्रतिशतों की माध्य निकाली जाती है। प्रतिशतों की यह माध्य ही सूचकांक या निर्देशांक कहलाता है। प्रो. ब्लेयर के शब्दों में, “सूचकांक विशिष्ट प्रकार के माध्य होते हैं ।” (Index Number are specified type of averages)
प्रश्न 2. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक क्या है ?
What is Consumers Index?
उत्तर-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक किसी स्थान विशेष पर वर्ग विशेष के व्यक्तियों के निर्वाह-व्यय में होने वाले परिवर्तनों की दिशा व मात्रा को प्रकट करते हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को निर्वाह व्यय सूचकांक भी कहते हैं । उपभोक्ता मूल्य सूचकांक विभिन्न स्थानों के .
लिए अलग-अलग बनाये जाते हैं।
प्रश्न 3. थोक मूल्य सूचकांक तालिका बनाएँ जिसमें उद्योगों के समूहीकरण तथा उनके दिये गये भार दिखाये गये हों।
(Give a table showing broad industrial grouping and their weights.)
उत्तर-उद्योगों का समूहीकरण तथा उनके भार (Industrial grouping and their weights)
प्रश्न 4. जून 2005 में उपभोक्ता कीमत सूचकांक 125 था । खाद्य सूचकांक 120 तथा अन्य मदों को सूचकांक 135 था। खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला भार कुलभार का कितना प्रतिशत था।
(The consumed price index for June 2005 was 125. The food index was 120 and that of other items 135. What is the percentage of the total
weight given to food ?)
उत्तर-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक= 125
भोजन का सूचकांक= 120
उपभोक्ता सूचकांक का विचलन= 125 – 120 = 5
अन्य मदों का सूचकांक= 135
उपभोक्ता सूचकांक से विचलन= 135 – 120
अतः भोजन का भार = 5/5+15×100
=25%
प्रश्न 5. यदि एक व्यक्ति का वेतन आधार वर्ष में 400 रु० प्रति वर्ष था और उसका वर्तमान वर्ष में वेतन 6000 रु० है । उसके जीवन स्तर को पहले जैसा ही बनाए रखने के लिए उसके वेतन में कितनी वृद्धि होनी चाहिए, यदि उपभोक्ता कीमत सूचकांक 400 हो ।
(If the salary of a person in the base year is Rs. 400 per annum and the current year salary is Rs. 6000 by how much should his salary rise to
maintain the same standard of living of the C.P.L in 400.)
उत्तर-आधार वर्ष में वार्षिक आय=4000 रुपये
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक= 400
अत: वर्तमान वार्षिक आय जो होनी चाहिए 4000x
400/100= 1600 रुपये
वर्तमान वार्षिक आय= 6,000 रुपये
आय में वृद्धि जो होनी चाहिए= 16000-6,000
=10,000 रुपये
प्रश्न 6. सूचकांक बनाने में अनेकों कठिनाइयां सामने आती हैं । किन्हीं तीन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
(Many difficulties are faced to prepare the Index number. Write any three of them.)
उत्तर-(i) आधार वर्ष का चुनाव (Selection of Base Year)-आधार वर्ष सामान्य होना चाहिए अर्थात् यह एक ऐसा वर्ष हो जो बाढ़, युद्ध, महामारी आदि असाधारण प्रकोपों से मुक्त हो । आधार वर्ष बहुत ही छोटा या बहुत बढ़ा नहीं होना चाहिए। यह बहुत पुराना भी नहीं होना चाहिए।
(ii) वस्तुओं का चुनाव (Selection of Commodities)- केवल उन्हीं वस्तुओं का चुनाव किया जाना चाहिए जो सम्बन्धित-वर्ग में लोकप्रिय हों तथा उनकी आदतों व आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करें। वस्तुओं के गुणों में स्थिरता होनी चाहिए।
(iii) मूल्यों का चुनाव (Selection of Prices)-वस्तुओं के केवल प्रतिनिधि मूल्यों का ही चुनाव किया जाना चाहिए। ये मूल्य उन मण्डियों से प्राप्त किय जाने चाहिये जहां पर उन वस्तुओं का काफी मात्रा में क्रय-विक्रय होता है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित सारणी को ध्यानपूर्वक पढ़िए एवं अपनी टिप्पणी कीजिए :
(Read the following table carefully and give your comments.)
उत्तर-सारणो से पता चलता है कि व्यापक श्रेणियों के संवृद्धि निष्पादन में विभिन्नता है सामान्य सूचकांक इन श्रेणियों के औसत निष्पादन को दिखाता है। खनन तथा उत्खनन के अपेक्षाकृत निम्न निष्पादन के बावजूद सामान्य सूचकांक नीचे नहीं गिरा। इसका मुख्य कारण
विनिर्माण तथा विद्युत में अच्छा निष्पादन होना है।
प्रश्न 8. योक कीमत सूचकांक के लाभ लिखें।
(Write down the uses of the wholesale price of Index number.)
उत्तर-थोक मूल्य सूचकांक के लाभ इस प्रकार हैं-
(i) थोक मूल्य सूचकांक के द्वारा मुद्रास्फीति दर की गणना की जाती है । मुद्रा-स्फीति दर की गणना करने के लिये निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
मुद्रा-स्फीति की दर =चालू वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक/आधार वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक x100
(ii) थोक कीमत सूचकांक में परिवर्तनों की दशाओं को देखकर भविष्य में मांक और पूर्ति में होने वाले परिवर्तनों का अनुमान लगाया जा सकता है।
(iii) थोक कौमतों की सूचकांक की सहायता से राष्ट्रीय आय में वास्तविक वृद्धि और कमी की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
(iv) विभिन्न परियोजनाओं की लागत अंकन में थोक कीमत सूचकांक सहायक होते हैं।
प्रश्न 9. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बा जीवन-निर्वाह सूचकांक की उपयोगिता लिखें।
(Write down the utilities of consumer Price Index number or cost of living index.)
उत्तर-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की उपयोगिता निम्नलिखित है-
(i) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की सहायता से एक वर्ग विशेष के रहन-सहन के व्यय में होने वाले परिवर्तनों का ज्ञान होता है।
(ii) इसके आधार पर सरकार विभिन्न कर्मचारियों को महंगाई भत्ता व न्यूनतम वेतन आदि निश्चित करती है।
(iii) व्यय में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार यथासम्भव नीतियों का निर्धारण किया जा सकता है।
प्रश्न 10. साधारण सूचकांक निर्माण की कौन-सी विधियाँ हैं ? प्रत्येक में प्रयुक्त किया जाने वाला सूत्र लिखिए।
(Give the methods of calculating Simple Index and their formulae.)
उत्तर-साधारण सूचकांक में सभी वस्तुओं को समान महत्त्व अथवा भार दिया जाता है।
इसके निर्माण की मुख्य दो विधियाँ हैं-
(i) समूही विधि (Aggregative Method) -इस विधि द्वारा सूचकांक को ज्ञात करने का सूत्र निम्न है-
FR..100
P01=£P1/£Po×100
P1 – चालू वर्ष की कीमतों का योग
Po= आधार वर्ष की कीमतों का योग
( ii ) मूल्यानुपाती विधि ( Price Relative Method ) – इस विधि द्वारा सूचकांक को ज्ञात करने का सूत्र निम्नलिखित है –
P₀₁= ∑(p₁ᴵP₀x100)/N
 प्रश्न 11. भारित सूचकांक बनाने की लैसपियर तथा पाश्चे विधियों में अन्तर के तीन बिन्दु बताएँ ।
( Give three points of difference between Laspeyre’s method and Saasche’s method of constructing Weighted Index Number . ) उत्तर – लैसपियर तथा पाश्चे विधियों में अन्तर ( Difference between Laspeyre’s method and Paasche’s method )-
प्रश्न 12. थोक कीमत सूचकांक के लाभ लिखें ।
( Write down the uses of the wholesale price of Index number . )
उत्तर – थोक कीमत सूचकांक के लाभ निम्नलिखित हैं –
( i ) थोक मूल्य सूचकांक के द्वारा मुद्रा स्फीति की दर की गणना की जाती है । मुद्रा – स्फीति दर की गणना करने के लिये निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
मुद्रा – स्फीति की दर = चालू वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक / आधार वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक x 100
( ii ) थोक कीमत सूचकांक में परिवर्तनों की दशाओं को देखकर भविष्य में मांग और पूर्ति में होने वाले परिवर्तनों का अनुमान लगाया जा सकता है ।
( iii ) थोक कीमतों की सूचकांक की सहायता से राष्ट्रीय आय में वास्तविक वृद्धि और कमी की जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।
( iv ) विभिन्न परियोजनाओं की लागत अंकन में थोक कीमत सूचकांक सहायक होते हैं ।
प्रश्न 13 सेंसेक्स पर एक संक्षिप्त नोट लिखो ।
( Write a short note on sensex . )
उत्तर – सेंसेक्स का पूरा नाम Bombay Stock Exchange Sensitive Index है । इसका आधार वर्ष 978-79 सूचकांक की मूल्य इसी आधार वर्ष के संदर्भ में होता है यदि हम कहें  कि सेंसेक्स अब 10,000 रुपये है । इसका अभिप्राय यह है कि 1978-78 मैं सेंसेक्स 100 रुपये था जो अब बढ़कर 10,000 रुपये हो गया है । बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में 30 स्टॉक हैं जो 30 उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं । यदि सेंसेक्स बढ़ जाता है , तो इसका अभिप्राय है कि बाजार ठीक चल रहा है और निवेशक अधिक लाभ कमाने की आशा करते हैं ।
प्रश्न 14. कुछ मुख्य सूचकांकों के नाम लिखकर किसी सूचकाक को समझाएं ।
( Write down some important index number and explain any one index number . )
उत्तर – कुछ मुख्य सूचकांक ( Some Important Index Numbers ) – उपभोक्ता सुचकांक , थोक मूल्य सूचकांक , औद्योगिक उत्पादन सूचकांक , कृषि उत्पादन का सूचकांक , सेंसेक्स , उत्पादन मूल्य सूचकांक , मानव विकास सूचकांक आदि कुछ महत्त्वपूर्ण सूचकांक हैं ।
   मानव विकास सूचकांक ( Human Development index ) – यह आर्थिक विकास के माप का एक संयुक्त सूचकांक है । इसका निर्माण तीन तत्त्वों ( जीवन दीर्घता , ज्ञान या शिक्षा प्राप्ति , प्राप्ति , प्रति व्यक्ति वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद ) के आधार पर तैयार किया जाता है । समीकरण के रूप में H D I = 1 / 3 ( IRI + EAI + SLI ) प्रश्न 15. आधार वर्ष अवधि के वांछित गुण क्या होते हैं ? ( What are the desirable properties of the base year ? )
उत्तर – आधार अवधि के वांछित गुण ( Desirable properties of the base year ) इस प्रकार हैं –
( i ) आधार अवधि सामान्य अवधि होनी चाहिए ।
( ii ) आधार अवधि न तो अधिक पुरानी होनी चाहिए और न ही अधिक नई ।
( iii ) यह वह अवधि होनी चाहिए जिसके आंकड़े उपलब्ध हों ।
प्रश्न 16. दो सप्ताह तक अपने परिवार के ( प्रति इकाई ) दैनिक व्यय , खरीदी गई मात्रा तथा दैनिक खरीददारी को अभिलिखित कीजिए । कीमत में आए परिवर्तन आपको किस प्रकार प्रभावित करते हैं ?
( Record the daily expentities bought and prices paid per unit of the daily purchases of your family for two weeks . How has the price change affected your family ? )
उत्तर – विद्यार्थियों को परामर्श दिया जाता है कि वे अपने माता / पिता से पिछले दो सप्ताह होने वाले दैनिक व्ययों के बारे में पूछे । उनसे यह भी पूछे कि वह कौन – सी वस्तु कितनी मात्रा में क्रय करते हैं और प्रति इकाई उस वस्तु की क्या कीमत है । इन सब बातों को अपनी कापी में लिखें ।
प्रश्न 17. सरल समूह विधि की सीमाएं लिखें ।
( Write down the limitations of simple aggregative method . )
उत्तर – सीमाएँ ( Limitations ) – सरल समूहन विधि की मुख्य सीमाएं निम्नलिखित हैं –
( i ) जिस वस्तु की कीमत अधिक होती है उसके पक्ष में छिपे रूप में भार मिल जाता है । उदाहरण के लिये सोने की कीमत अधिक होने से अधिक भार मिल जाता है ।
( ii ) जिस इकाई की कीमत व्यक्त की जाती है , यदि उसका आकार या मात्रा बड़ी है तो उसको अधिक भार मिल जाता है । उदाहरण के लिये जिस वस्तु की कीमत प्रति टन में व्यक्त की जायेगी उसको अधिक भार मिलेगा और जिस वस्तु की कीमत प्रति कि . ग्राम में व्यक्त की जायेगी उसको भार कम मिलेगा ।
                           दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
     ( Long Answer Type Questions )
प्रश्न 1. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की विशेषताएँ लिखें । ( Write down the features of Consumer Price Index . )
उत्तर – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की विशेषतायें ( Features of Consumer Price Index ) – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की मुख्य विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
( i ) भारत में तीन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बनाये जाते हैं : ( i ) औद्योगिक कर्मचारियों के लिये
( ii ) शहरी गैर – शारीरिक कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिये
( iii ) कृषि श्रमिकों के लिये ।
( ii ) इन तीन प्रकार के उपभोक्ता मूल्य सूचकांकों के आधार वर्ष 1982 ( औद्योगिक कर्मचारियों के लिये ) , 1984-85 ( शहरी गैर – शारीरिक कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिये ) तथा 1986-82 ( कृषि श्रमिकों के लिये ) हैं ।
( iii ) इन तीनों सूचकांकों की गणना प्रति मास की जाती है ताकि इस बात का विश्लेषण किया जा सके कि कीमतों में होने वाले परिवर्तनों का प्रभाव इन तीन श्रेणी के लोगों के जीवन निर्वाह व्यय पर क्या पड़ा है ।
( iv ) औद्योगिक कर्मचारियों तथा कृषि श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का प्रकाशन श्रमिक ब्यूरो ( Bureau ) द्वारा किया जाता है ।
( v ) शहरी गैर कार्मिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का प्रकाशन केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा किया जाता है ।
( vi ) औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में ली गई मुख्य मदों को निम्न तालिका में दर्शाया गया है । तालिका से हमें पता चलता है कि भोजन को सबसे अधिक भार दिया गया है ।
     औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
प्रश्न 2. सूचकांक के लाभ लिखें ।
( Write down the uses of an index numbers . )
उत्तर – निर्देशांक ठीक उसी प्रकार से देश के आर्थिक परिवर्तनों को मापने के लिए उपयोगी हैं , जैसे वायुमापक यन्त्र ( Barometer ) के द्वारा वायु के दबाव व मौसम की स्थिति की जानकारी प्राप्त होती है । निर्देशांकों की उपयोगिता अथवा लाभ निम्नलिखित हैं-
( i ) जटिल तथ्यों को सरल करना ( To Simplify Complexities ) – व्यापार या व्यवसाय में ऐसे परिवर्तन होते रहते हैं जिनका प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन नहीं हो सकता। निर्देशांक ऐसे जटिल तथ्यों को सरल करके उन्हें ऐसा रूप प्रदान करते हैं ताकि वे तध्य प्रत्येक व्यक्ति की समझ . में आ सकें ।
( ii ) भविष्य के लिए पूर्वानुमान लगाना ( To Make Predictions ) – सूचकांकों द्वारा भूतकाल के तथ्यों तथा उनमें वर्तमान में होने वाले परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए ‘ ‘ भविष्य में क्या होगा ‘ – इसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है ।
( iii ) तुलनात्मक अध्ययन में सहायक ( Helpful in Comparative Study ) – सूचकांकों या निर्देशांकों की सहायता से तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है । जैसे – इनके द्वारा यह ज्ञात किया जा सकता है कि किसी वस्तु की कीमत किस वर्ष कितनी थी तथा अब कितनी है । इसमें कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई है ।
( iv ) सापेक्ष माप करना ( Relative Measurement ) – सूचकांक केवल सापेक्ष परिवर्तनों का मापने का कार्य करते हैं । अत : जहाँ आर्थिक तथ्यों का निरपेक्ष या प्रत्यक्ष माप संभव न हो वहाँ सूचकांक तथ्यों का सापेक्ष या अप्रत्यक्ष माप प्रस्तुत करते हैं ।
( v ) मुद्रा की क्रय शक्ति का माप ( TO Measure Value of Morney ) – निर्देशांक मुद्रा के मूल्य में होने वाले परिवर्तनों को मापता है । यदि मूल्यों में कमी होती है तो मुद्रा का मूल्य बढ़ जाता है और यदि वृद्धि होती है तो मुद्रा का मूल्य कम हो जाता है ।
प्रश्न 3. सूचकांको ( निर्देशांकों ) के निर्माण की साधारण विधि लिखें ।
( Discuss the general method of constructing an index numbers . )
     अथवा , सूचकांक का निर्माण करते समय कौन – कौन सी समस्यायें आती हैं ?
( Which problems are faced while constructiing an index number ? )
अथवा , एक सूचकांक बनाते समय हमें कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिये ?
( What certain issues should be kept in mind while constructing an index number ? )
उत्तर – सूचकांक के निर्माण की साधारण विधि ( General method of Constructing of Index Numbers ) सूचकांकों के निर्माण में निम्नलिखित मुख्य समस्याएं हैं – ( i ) सूचकांक का उद्देश्य ( Purpose of index Number ) – सूचकांक बनाने के पूर्व यह निधारित कर लेना आवश्यक है कि इसका उद्देश्य क्या है क्योंकि उद्देश्य के अनुसार ही सूचनाएं एकत्र की जायेंगी । उदाहरणार्थ जीवन निर्वाह लागत सूचकांक ( Cost of Living Index Number ) उत्पादन सूचकांक का निर्माण करता है ।
( ii ) आधार वर्ष का चुनाव ( Selection of the Base Year ) – सूचकांकों के निर्माण में एक आधार वर्ष का चुनाव आवश्यक है क्योंकि इसकी तुलना में चर मूल्यों के परिवर्तन का अध्ययन किया जाता है । आधार वर्ष का चुनाव कठिन होता है । आधार वर्ष का चुनाव इस बात को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए कि वह आर्थिक दृष्टि से सामान्य वर्ष हो । उस वर्ष कोई राजनैतिक , प्राकृतिक , आर्थिक दृष्टि से असामान्य घटना न घटी हो ।
( iii ) मदों का चुनाव ( Selection of Items ) – निर्देश में शामिल की जाने वाली मदों का चुनाव करना आवश्यक है । यह चुनाव उद्देश्य के अनुकूल होना चाहिए । निर्देशांक बनाने के लिए उद्देश्य के अनुसार उचित संख्या में प्रतिनिधि वस्तुओं को शामिल किया जा सकता है ।
( iv ) प्रतिनिधि मूल्यों का चुनाव ( Selection of Representative ) – दिर्नेशांक बनाते समय चुनी हुई वस्तुओं के मूल्यों की समस्या आती है । अत : उपभोक्ता सूचकांक बनाते समय व मूल्य लेने चाहिए जिन पर आम उपभोक्ता को वस्तु उपलब्ध होती है ।
( v ) वस्तुओं को भार देना ( Assigning weightage ) – निर्देशांक के लिए चुनी हुई वस्तुओं का महत्त्व या भार एक समान नहीं होता । अत : उन्हें भार देना एक जटिल समस्या है।
( vi ) माध्य का चुनाव ( Selection of Suitable Average ) – सूचकांक एक विशेष प्रकार के माध्य होते हैं । केन्द्रीय प्रवृत्तियों की मापों के लिए माध्य , माध्यिका , भूयिष्ठक में से किसी का भी प्रयोग किया जा सकता है । यहाँ किसी औसत का प्रयोग करने से यह समस्या आती है । प्रायः समान्तर माध्य प्रयोग किया जाता है । अलग – अलग माध्यों से भिन्न – भिन्न सूचकांक पाप्त होते हैं ।
प्रश्न 4. उपभोक्ता कीमत सूचकांक निर्माण विधि में निहित चरण लिखें । उपभोक्ता कीमत सूचकांक किन – किन मान्यताओं पर आधारित है ?
( Write down the steps involved in the construction of Consumer Price Index Number . What are the assumption of Consumer Price Index Number ? )
उत्तर – उपभोक्ता कीमत सूचकांक के निर्माण की प्रक्रिया में निहित चरण – उपभोक्ता कीमत सूचकांक के निर्माण में निम्नलिखित चरण निहित हैं-
( i ) कार्यक्षेत्र ( Scope ) – सबसे पहला महत्त्वपूर्ण चरण यह तय करना है कि समाज के किस वर्ग के विषय में सूचकांक बनाना है ।
( ii ) सीमाक्षेत्र ( Coverage ) – कार्य क्षेत्र निर्धारित करने के बाद सीमा क्षेत्र का निर्धारण किया जाता है अर्थात् किस क्षेत्र के श्रमिकों , विद्यार्थियों आदि से सूचकांक का सम्बन्ध है । एक जिला या एक राज्य ।
( iii ) आधार वर्ष का चुनाव ( Selection of the base year ) – यह एक महत्त्वपूर्ण चरण आधार वर्ष का चुनाव करते समय दो बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए । एक आधार वर्ष आर्थिक दृष्टि से न एक सामान्य वर्ष होना चाहिए । दूसरे वह चालू वर्ष से अधिक दूर और न ही अधिक नजदीक होना चाहिए ।
( iv ) परिवार बजट के विषय में सूचना प्राप्त करना ( Conducting an enquiries about family budget ) – इसके अन्तर्गत एक परिवारिक बजट में एक समय काल में विभिन्न मदों की जानकारी प्राप्त की जाती है । ( v ) कीमत की जानकारी प्राप्त करना ( Obtaining Price Quotation ) – परिवार बजट के बाद उन कीमतों की जानकारी ली जाती है जिनको सूचकांक में शामिल किया जाना है । कीमतें प्राय : उन्हीं बाजारों से प्राप्त करनी चाहिए जहाँ से सामान्यतः सम्बन्धित वर्ग समूह सामान खरीदता है । मान्यताएं ( Assumptions ) – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक निम्न मान्यताओं पर आधारित है-
( i ) उपभोक्ता के एक विशेष वर्ग में सभी व्यक्तियों की आवश्यकतायें एक जैसी हों ।
( ii ) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सम्मिलित की जाने वाली वस्तुओं की कीमतें विभिन्न स्थानों पर समान हो ।
( iii ) उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की मात्रायें आधार वर्ष और चालू वर्ष में समान रहती है ।
प्रश्न 5 , 1985 को आधार मानकर निम्नलिखित आंकड़ों की सहायता से वर्ष 1988 के लिए सूचकांक ( index ) तैयार करें ।
उत्तर –
प्रश्न 6. निम्न मूल्य से 1994 को आधार मानकर 1995 से 2001 के लिए सूचकांक ज्ञात कीजिए-
उत्तर-
प्रश्न 7. निम्नलिखित आंकड़ों से वर्ष 1984 को आधार मानकर मूल्यानुपात ज्ञात कीजिए-
उत्तर-
 प्रश्न 8. 1980 को आधार मानकर 1985 का भारित सूचकांक मूल्यानुपात निकालो ।
उत्तर-
उत्तर – भारित समूह सूचकाक = ∑ P₁Q₀ / ∑ P₀ Q₀ x 100 = 93 / 66 . 100 = 150
प्रश्न 9 मूल्यानुपात माध्य कीमत विधि द्वारा सूचकांक ज्ञात करें ।
उत्तर- P₀₁= 1/N X100
1/ N (8/5+15/10+20/16+5/3+5/2)x100
1/5(384+360+300+400+600/240×10
1/5 x2044/240×100=2044/12=170.3
 दूसरे शब्दों में कीमतों में 70.3 % वृद्धि हुई ।
प्रश्न 10. निम्नलिखित आंकड़ों की सहायता से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का निर्धारण करें-
उत्तर – उपभोक्ता – मूल्य सूचकांक का निर्माण
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक = ∑ P₁q₀/∑P₁q₀x 100 = 1089 / 821 x 100 = 132.64
प्रश्न 11. निम्न आंकड़ों की सहायता से जीवन निर्वाह लागत सूचकांक ज्ञात कीजिये ।
( Calculate the cost of living index number from the following data . )
उत्तर-
 जीवन निर्वाह लागत सूचकांक =∑ PW/ ∑W = 1418.75 / 11= 128.98
प्रश्न 12. नीचे एक औद्योगिक केन्द्र के श्रमिकों द्वारा 1980 एवं 2005 के दौरान निम्न मदों पर प्रतिव्यक्ति मासिक व्यय को दर्शाया गया है । इन मदों का भार 75,10 , 5 , 6 तथा 4 है । 1980 को आधार मानकर 2005 के लिए जीवन निर्वाह लागत का एक भारित सूचकांक तैयार कीजिए ।
उत्तर-
प्रश्न 13. निम्नलिखित आंकड़ों की सहायता से जीवन – निर्वाह लागत सूचकांक की गणना करें –
उत्तर-
 जीवन निर्वाह सूचकांक = 253,50 / 100 =253.50
प्रश्न 14 निम्नलिखित आंकड़ो की सहायता से मूल्यानुपात माध्य विधि द्वारा साधारण सूचकांक ज्ञात कीजिए :
 उत्तर- P₀₁= 1/nx(p₁/p₀)x100=1/nx(4/2+6/5+5/4+3/2)x100
 = 1/n (40+24+25+30/20)x100=1/4×119/20×100
=594/4= 148.75 = 148
दूसरे शब्दों में कीमतों में 49 % वृद्धि हुई ।
प्रश्न 15. भारित मूल्यानुपात माध्य विधि से सूचकांक की गणना कीजिये ।
उत्तर- P₀₁=40×200+3×120+20×125+10×150
                   = 8000+3600+2500+15800/100
                   = 15600/100
                   = 156
प्रश्न 16. निम्न तालिका को ध्यान में पढ़ें और अपनी टिप्पणी दें :
( Read the following table and give your comments )
औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक आधार वर्ष 1993-94 ( Index of Industrial Production Base 1993-94 )
उत्तर – टिप्पणी – तालिका से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की मुख्य श्रेणियों के संवर्धन में वृद्धि में अंतर है । सामान्य सूचकांक इन श्रणियों की औसत उपलब्धियों को दर्शाता है । सामान्य सूचकांक में 45 % वृद्धि हुई है । इसी अवधि में खनन तथा उत्खनन में काल 25 % हुई है । खनन तथा उत्खनन में उत्पादन में कम प्रतिशत उत्पादन होने पर भी सामान्य सनकांक में कमी नहीं आई है । इसका कारण विनिर्माण में 47 % तथा विद्युत में 41 % वृद्धि होता है । इसके अतिरिक्त विनिर्माण को अधिक भार दिया गया है । प्रश्न 17. किसी शहर में एक मध्यवर्गीय पारिवारिक बजट में जांच – पड़ताल से निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती है :
1995 की तुलना में 2004 में निर्वाह सूचकांक का मान क्या होगा ?
उत्तर –
 निवाह सूचकांक – 18650/100=186.5
प्रश्न 18. निम्नलिखित तालिका को ध्यान से पढ़ें और उस पर टिप्पणी करें ।
( Study the following table and give your comments )
मुख्य औद्योगिक समूह तथा उनका भार
( Broad industrial grouping and their weights )
उत्तर – तालिका से हमें निम्नलिखित बातों की जानकारी प्राप्त होती है –
( i ) ‘ भारत के उद्योगों को मुख्य तीन समूहों में विभाजित किया गया है ।
( ii ) विनिर्माण को सबसे अधिक भार दिया गया है ।
( iii ) मई 2005 में सामान्य सूचकांक 213 था ।
( iv ) खनन और उत्खनन में तुलनात्मक रूप से सबसे कम वृद्धि हुई है ।
( v ) खनन और उत्खनन में कम वृद्धि होने के बावजूद सामान्य सूचकांक नीचे नहीं आया । इसका मुख्य कारण विनिर्माण में अधिक वृद्धि होना है ।
प्रश्न 19. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से आप क्या समझते हैं ? उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की उपयोगिता का वर्णन कीजिए । ( What is meant by consumer price Index number ? Briefly explain the utility of consumer Price Index number . )
 उत्तर – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ( Consumer price index ) – यह किसी स्थान विशेष पर वर्ग विशेष के व्यक्तियों के निर्वाह व्यय में होने वाले परिवर्तन की दशा व मात्रा को प्रकट करती हैं । उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को निर्वाह व्यय सूचकांक भी कहते हैं । उपभोक्ता मूल्य सूचकांक विभिन्न स्थानों के लिए अलग – अलग बनाए जाते हैं ।
 उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की उपयोगिता –
( i ) इनकी सहायता से एक वर्ग विशेष के रहन – सहन के होने तनों का ज्ञान होता है ।
( ii ) इसके आधार पर विभिन्न कर्मचारियों का महंगाई भत्ता व न्यूनतम वेतन आदि निश्चित किया जाता है ।
( iii ) व्यय में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार यथासंभव नीतियों का निर्धारण किया जाता है ।
प्रश्न 20. थोक मूल्य सूचकांक क्या है ? इसके लाभों का वर्णन करो ।
( What is Wholesale Price index ? Write down the uses of it . )
उत्तर — थोक मूल्य सूचकांक किसी स्थान पर विभिन्न वस्तुओं के थोक मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों की दिशा व मात्रा का ज्ञान करात है ।
थोक मूल्य सूचकांकों के लाभ = चालू वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक / आधार वर्ष का थोक मूल्य सूचकांक x100
( ii ) थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन की दशाओं को देखकर भविष्य में माँग और पूर्ति में होने वाले परिवर्तनों का अनुमान लगाया जा सकता है ।
( iii ) थोक कीमतों की सूचकांक की सहायता से राष्ट्रीय आय में वास्तविक वृद्धि और कमी की जानकारी प्राप्त की सकती है ।
( iv ) विभिन्न परियोजनाओं के लागत अंकन में थोक कीमत सूचकांक सहायक होते हैं ।
प्रश्न 21. निम्नलिखित आंकड़ों की सहायता से 1985 को आधार मानकर समूह रीति से 1989 का मूल्यानुपाती निर्देशांक ज्ञात कीजिए ।
( Using the Simple Aggregative method calculate the Price Index Number for 1989 ( Base 1985 ) from the following data ) :
P₀₁ =∑ p₁ /∑ P₀ x100 =17.6 /107 x 100 =164.5
 प्रश्न 22. निम्नलिखित आँकड़ें दिए गए हैं –
( Give the following data . )
( क ) विभिन्न सूचकांकों को प्रयुक्त करते हुए मुद्रास्फीति की दर का परिकलन कीजिए ।
( ख ) सूचकांकों के सापेक्षिक मानों पर टिप्पणी लिखें । ( ग ) क्या ये तुलना योग्य है ?
उत्तर- ( क ) मुद्रा स्फीति की दर की गणना
( i ) औद्योगिक श्रमिकों
वर्ष 1996 -97 =342-313/342×100=2900/313=9.26% वृद्धि दर
वर्ष 1997-98
 = 366-342 /342 x100 =2400 /342=7.01% वृद्धि दर
वर्ष 1998-99
         414-366/366×100=4800/366=13.11 वृद्धि दर
 वर्ष 1999-2000= 428-414/414×100 =1400/414=11.59 वृद्धि दर
 वर्ष 2000-2001 =444-428/428×100=1600/428=3.73 वृद्धि दर
वर्ष 2001- 2002 =463-444/444×100=1900/444=4.27% वृद्धि दर
वर्ष 2002-2003= 482-463/482×100=1800/482=3.73% वृद्धि दर
वर्ष2003-2004=400-482/482×100=1800/482=3.73% वृद्धि दर
( ii ) नगरीय गैर – शारीरिक कर्मचारी
 वर्ष 1996-97 = 483-257 /257×100= 2600/257 = 10.11 % वृद्धि दर
 वर्ष 1997-98 = 302-283/283×100= 1900/283= 6.71 % वृद्धि दर
 वर्ष 1998-99 = 337-302/302x 100 = 3500/302 =11.58 % वृद्धि दर
वर्ष 1999-2000 = 312-337/337×100 =1500/337=4.45% वृद्धि दर
 वर्ष 2000-2001= 352-352/352 x100 =0/352= 0 % वृद्धि दर
 वर्ष 2001-2002 =390-352/352×100=3800/352 =10.79 %वृद्धि दर
वर्ष 2002-2003 =405-390/390×100=1500/390= 3.84% वृद्धि दर
वर्ष 2003-2004 =420-405/405×100=1500/405=3.70 % वृद्धि दर
( iii ) कृषि श्रमिक
वर्ष 1996-97 = 256-234 /234 x100 =2200/234 = 9.40 % वृद्धि दर ।
वर्ष 1997-98 = 264-256 /256 x 100 = 800 /256= 3.125 % वृद्धि दर ।
वर्ष 1998-99 = 293-264/264x 100 =2900/264 = 10.98 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 1999-2000 =306-293/293 x100 =1300/ 293 = 4.43 % वृद्धि दर ।
वर्ष 2000-2001 = 306-306/306×100 = 306/ 306 = 0 % वृद्धि दर ।
वर्ष 2001-2002 =309-306/306 x100 = 300/ 306 = 0.98 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 2002-2003 = 319-309/309×100 = 1000/309= 3.23 % वृद्धि दर ।
वर्ष 2003-2004 =331-319/319 x100 = 1200/319=3.76 % वृद्धि दर ।
( iv ) थोक कीमत सूचकांक
 वर्ष 1996-97 = 127.2-121.6 /121.6x 100 =5600/ 121.6 = 4.6 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 1997-98 =132.8-127.2/127.2 x100 =5600/127.2 = 4.40 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 1998-99 = 140.2-132.8/132.8x 100 =7900/132.8= 5.94 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 1999-2000 =145.3-140.7/140.7= x 100 =4600/140.7 = 3.26 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 2000-2001 = 155.7-145.3/145.3×100= 10400 /145.3= 7.15 % वृद्धि दर ।
 वर्ष 2001-2002 =161.3-155.7/155.7 x 100 =45600/155.7 = 29.28 % वृद्धि दर ।
वर्ष 2002-2003 = 166.8-161.3 /161.3 x100= 5500/161.3= 3.40 % वृद्धि दर
वर्ष 2003-2004 = 175.9-166.8/175.9×100=9100/175.9=5.17 % वृद्धि दर ।
( ख ) सूचकांकों के सापेक्षिक मान पर टिप्पणी
( i ) औद्योगिक श्रमिकों का CPI आरम्भ के वर्षों में तेजी से बढ़ा परन्तु बाद में इसको वृद्धि दरा में कमी आई ।
( ii ) नगरीय गैर शारीरिक कर्मचारियों के CPI में काफी उतार – चढ़ाव आए ।
( iii ) कृषि श्रमिकों के CPI में काफी उतार – चढ़ाव पाए गए।
( ग ) ये तुलना योग्य हैं ।
                                    वस्तुनिष्ठ प्रश्न
                ( Objective Type Questions )
प्रश्न 1. मदों के सापेक्षिक महत्व को बताने वाले सूचकांक को
( क ) भारित सूचकांक कहते हैं ।
( What is Index Number ? )
( ख ) सरल समूहित सूचकांक कहते हैं ।
( ग ) सरल मूल्यानुपात का औसत कहते हैं ।
उत्तर – मदों के सापेक्षिक महत्त्व भारित सूचकांक कहते हैं । प्रश्न 2. अधिकांश भारित सूचकांकों में भार का संबंध-
( क ) आधार वर्ष होता है ।
( ख ) वर्तमान वर्ष होता है ।
( ग ) आधार एवं वर्तमान वर्ष दोनों से होता है ।
उत्तर – अधिकांश भारित सूचकांक भार आधार वर्ष से सम्बन्धित होते हैं ।
प्रश्न 3. ऐसी वस्तु जिसका सूचकांक से कम भार है , उसकी कीमत में परिवर्तन से सूचकांक में कैसा परिवर्तन होगा ? ( क ) कम
( ख ) अधिक
( ग ) अनिश्चित
उत्तर – कम भार वाले मद की कीमत में परिवर्तन का प्रभाव सूचकांक पर कम होगा ।
प्रश्न 4. कोई उपभोक्ता कीमत सूचकाक किस परिवर्तन को मापता है ?
( क ) खुदरा कीमत
( ख ) थोक कीमत
( ग ) उत्पादकों की कीमत
उत्तर – एक उपभोक्ता कीमत सूचकांक खुदरा कीमत में परिवर्तन मापता है ।
प्रश्न 5. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक में किस मद के लिए उच्चतम भार होता है ?
( क ) खाद्य पदार्थ
( ख ) आवास
( ग ) कपड़े
उत्तर – औद्योगिक कर्मचारियों के सूचकांक में सबसे अधिक भार खाद्य पदार्थ को दिया ।
प्रश्न 6. सामान्यत : मुद्रा म्फीति के परिवर्तन में किसका प्रयोग होता है ?
( क ) थोक कोमत सूचकाक
( ख ) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
( ग ) उत्पादक कीमत सूचकांक
उत्तर – सामान्य मुद्रा स्फीति की गणना के लिये थोक कापत सूचकांक प्रयोग में लाया जाता है ।

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