Bihar Board Class 11 Biology notes | प्राणिजगत
Bihar Board Class 11 Biology notes | प्राणिजगत
(ANIMAL KINGDOM)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. किस संघ के जंतुओं में दंशकोशिका (निमैटोब्लास्ट) उपस्थित होता है?
उत्तर-सिलेन्टेरेटा।
2. पादविहीन (Limbless) उभयचर का एक उदाहरण दें।
उत्तर-इकथिओफिश (Ichthyophis)।
3. दो अंडक्षेपी (Egg laying) स्तनधारी का नाम बतायें।
उत्तर-डकबिल प्लैटीपस एवं एकिड्ना।
4. कायान्तरण क्या है?
उत्तर-वह क्रिया जिसके द्वारा लार्वा से वयस्क का निर्माण होता है, कायान्तरण
(Metamorphosis) कहलाता है।
5. प्रोटोजोआ में गति करने वाले संरचनाओं का नाम बतायें।
उत्तर-कशाभिक (Flagella), पक्ष्म (Cilia) एवं कूटपाद (Pseudopodia)।
6. जंतु की परिभाषा दें।
उत्तर- ये बहुकोशीय परपोषी जीव जिनकी कोशिकाभित्ति सिलोम रहित होती है तथा
जो अंतर्ग्रहणीय विधि(Ingestivemode) द्वारा परपोषण प्रदर्शित करता है, जंतु कहलाता है।
7. एनीलिड्स एवं कीटों के उत्सर्जी अंगों का नाम बतावें।
उत्तर-एनीलिड्स का उत्सर्जी अंग-नेफ्रीडिया (Nephridia) कीटों का उत्सर्जी
अंग-Malpighian tubules
8. Sponges (स्पंज) क्या है?
उत्तर-पोरीफेरा संघ के जन्तुओं को सामान्यतौर पर स्पंज कहा जाता है।
9. सिलोम (Coelom) क्या है?
उत्तर-शरीर भित्ति एवं आहारनाल के बीच मीजोडर्म से आच्छादित शरीर गुहा को
सिलोम कहते हैं।
10. क्लोएकल छिद्र क्या है?
उत्तर-पाचन नली, मूत्राशय तथा प्रजनन नली तीनों एक समान थैलीनुमा रचना में
खुलता है, जिसे क्लोएका कहते है तथा यह जिस छिद्र के द्वारा शरीर से बाहर खुलता है
उसे क्लोएकल छिद्र कहते हैं।
11. पलेम कोशिका (Flame cells) क्या है?
उत्तर-प्लेटीहेल्मिन्थिज के शरीर में उपस्थित वह कोशिका जो उत्सर्जन एवं जल
संतुलन में सहायक होती है, फ्लेम कोशिका कहलाती है।
12. द्विपार्श्वसममिति (Bilateral Symmetry) क्या है?
उत्तर-वैसे जंतु जिनके शरीर में एक ही अक्ष से गुजरनेवाली रेखा द्वारा शरीर दो
समरूप दायें एवं बायें भाग में बँट जाता है, उसे द्विपार्श्व सममिति कहते हैं।
जैसे-एनेलिड, आर्थोपोड इत्यादि। ।
13. पॉलिप (Polyp) एवं मेडुसा (Medusa) क्या है?
उत्तर-सिलेन्टेरेटा संघ के जंतुओं का शरीर दो आकारों में पाया जाता है, बेलनाकार
रूप को पॉलिस एवं छत्री आकार रूप को मेडुसा कहा जाता है।
14. टॉनेरिया लार्वा किसमें पाया जाता है?
उत्तर-हेमीकार्डेट्स में।
15. वृक्षों पर पाये जानेवाले मेढ़क का उदाहरण दें।
उत्तर-हायला आर्वोरिया (Hylaarborea)।
16. नैथोस्टोमाटा क्या है?
उत्तर-जंतु जिनके मुख में जबड़ा पाया जाता है, नैथोस्टोमाटा कहलाता है।
17. किस उपसंघ को ट्यूनिकाटा भी कहा जाता है?
उत्तर-यूरोकॉर्डेटा को।
18. रेडुला (रेती जिवा) क्या है?
उत्तर-मोलस्का संघ के जंतुओं के मुख में भोजन के लिए रेती के समान घिसने वाला
अंग होता है, जिसे रेडुला कहते हैं।
19. पूर्तगाली युद्ध मानव (Portuguese of Manwar) किसे कहा जाता है?
उत्तर-फाइसेलिया को।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. यदि मूलभूत लक्षण ज्ञात न हों तो प्राणियों के वर्गीकरण में आप क्या परेशानियाँ
महसूस करेंगे। [N.C.E.R.T. (Q.1)]
उत्तर-हमारे चारों और लाखों की संख्या में जीव उपस्थित हैं जिनमें कई प्रकार की
विविधताएँ पायी जाती हैं। अबतक लगभग दस लाख से अधिक प्राणियों के संबंध में जानकारी
प्राप्त हो चुकी है। इनमें संरचना, आकार, वास-स्थान, स्वभाव इत्यादि के आधार पर कई
प्रकार की विभिन्नताएँ उपस्थित होती है। यदि इनके मूलभूत लक्षण ज्ञात न हो तो हमें वर्गीकरण
में काफी परेशानी होगी, इन्हें हम विभेदित नहीं कर पायेंगे जिसके कारण हम व्यवस्थित रूप
से इनका अध्ययन भी नहीं कर पायेंगे।
2. यदि आपको एक नमूना (स्पेसिमेन) दे दिया जाए तो वर्गीकरण हेतु आप क्या कदम
अपनाएंगे? [N.C.E.R.T. (Q.2)
उत्तर-दिये गये नमूने को हम निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत करने का प्रयास
करेंगे-(i) एककोशीय अथवा बहुकोशीय। (ii) शरीरभित्ति द्विस्तरीय अथवा त्रिस्तरीय।
(iii) शरीर सममित अथवा असममिता (iv) शरीर खंडित अथवा अखंडित। (v) कंकाल
अंत: अथवा बाहा। (vi) जलीय, स्थलीय अथवा वायवीय। (vii) सिलोम (coelom)
उपस्थित अथवा अनुपस्थित। (viii) अंडा देनेवाला अथवा बच्चा देनेवाला इत्यादि।
2. देहगुहा एवं प्रगुहा का अध्ययन प्राणियों के वर्गीकरण में किस प्रकार सहायक होता
है। [N.C.E.R.T. (Q.3)
उत्तर-शरीरभित्ति तथा आहार नाल के बीच में गुहा की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति
वर्गीकरण का महत्त्वपूर्ण आधार है मीजोडर्म (मध्य त्वचा) से ढंके हुए देहगुहा को देहगुहा
(प्रगुहा) कहते हैं। जिस प्राणी में यह पाया जाता है उसे प्रगुही (coelomate) प्राणी कहते
है, जैसे-एनेलिडा, मोलस्का, आर्थोपोडा, एकाइनोडर्मेटा, कॉर्डेटा इत्यादि।
जिन प्राणियों में यह गुहा मीजोडर्म एवं एण्डोडर्म के बीच बिखरी हुई थैली के रूप में
पायी जाती है, उन्हें कुटगुहिश (Pseudocoelomate) कहते हैं, जैसे-एस्केहेल्मिन्थिज।
जिन प्राणियों में शरीर गुहा नहीं पायी जाती उन्हें अगुहीय (Acoelomate) कहते हैं।
जैसे-प्लेटीहेल्मिन्थिज।
4. अंतः कोशिकीय एवं वाह कोशिकीय पाचन में विभेद करें। [N.C.E.R.T.(Q.4]
उत्तर-अंत: कोशिकीय एवं बाह्य कोशिकीय पाचन में अंतर-
5. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष परिवर्धन में अंतर स्पष्ट करें। [N.C.ER.T. (Q.5)
उत्तर-प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष परिवर्धन में अंतर-
6. परजीवी प्लेटिहेल्पिन्थिज के विशेष लक्षण बतायें। [N.C.ER.T. (Q.6)]
उत्तर-(i) इसके मुख में अंकुश (Hooks) एवं चूषक (Sucker) पाये जाते है।
(ii) पाचनतंत्र नहीं पाया जाता। (iii) परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता। (iv) श्वसन तंत्र भी
अनुपस्थित होता है। (v) मलद्वार नहीं पाया जाता।
7. आर्थोपोडा प्राणिसमूह का सबसे बड़ा वर्ग है, इस कथन के प्रमुख कारण बतायें।
[N.C.ER.T. (Q.7]
उत्तर-(i) पृथ्वी पर लगभग दो तिहाई जंतुओं की जाति आर्थोपोडा की ही है।
(ii) इसके अन्तर्गत लगभग दस लाख से भी अधिक जंतुओं की जातियों पायी जाती है।
(iii) यह पहाड़ की ऊँचाइयों से लेकर समुद्र की गहराइयों तक पाया जाता है। (iv) इस
संघ के जंतु किसी भी परिस्थिति में अपने आपको अनुकूलित कर लेता है।
8. जल संवहन तंत्र किस वर्ग का मुख्य लक्षण हैं?
(क) पोरीफेरा, (ख) टीनोफोरा, (ग) एकाइनोडर्मेटा, (घ) कॉर्डेटा। [N.C.E.R.T. (Q.8)]
उत्तर-पोरीफेरा एवं एकानोडर्मेटा दोनों संघ के जंतुओं में जल संवहन तंत्र पाया जाता
है, परंतु एकाइनोडर्मेटा के लिए यह अधिक महत्त्वपूर्ण लक्षण है क्योंकि इसमें यह प्रचलन,
परिवहन, श्वसन एवं भोजन को पकड़ने में सहायक होता है।
9. सभी कशेरुकी (Vertebrates) रज्जुकी (Chordates) हैं, लेकिन सभी रज्जुकी
कशेरुकी नहीं हैं। इस कथन को सिद्ध करें। [N.C.ER.T. (Q.9)]
उत्तर-कॉर्डेट्स का सबसे मुख्य लक्षण होता है notochord का उपस्थित होना, जो
सभी vertebrates के भ्रूणीय अवस्था (Embryonic stage) में उपस्थित होता है, जो
वयस्क होने पर vertebral column (कशेरुक दण्ड) में परिवर्तित हो जाता है, इस कारण
सभी vertebrates,chordates होते हैं।
परंतु vertebrates का मुख्य लक्षण होता है दो, तीन अथवा चार चैम्बर का बना हृदय
उत्सर्जन तथा जल संतुलन करने वाले वृक्क की उपस्थिति तथा पंख या पाद के रूप में दो
जोड़ी उपांग की उपस्थिति। ये सभी लक्षण सभी chordates में नहीं पाये जाते। इस कारण
सभी chordates, vertebrates नहीं होते।
10. मछलियों में वायु आशय (Air bladder) की उपस्थिति का क्या महत्त्व है?
[N.C.E.R.T. (Q10)]
उत्तर-मछलियों में उपस्थित Air bladder उसे जल में तैरने में सहायता करती हैं।
इसके बिना मछलियाँ जल सतह पर तैर नहीं सकतीं। जैसे-शार्क में Air bladder नहीं
पाया जाता इस कारण वे तैर नहीं सकतीं।
1. पक्षियों में उड़ने हेतु क्या-क्या रूपांतरण होता है? [N.C.ER.T. (Q.11]]
उत्तर-(i) शरीर धारारेखीय होता है। (ii) अग्रपाद पंख (डैने) में रूपांतरित हो जाता
है। (ii) अंत: कंकाल की अस्थियाँ खोखली होती हैं तथा वायुकोष युक्त होती हैं। (iv) त्वचा
शुष्क होती हैं।
12. अंडजनक एवं जरायुज द्वारा उत्पन्न अंडे या बच्चे संख्या में बराबर होते हैं? यदि हाँ
तो क्यों? यदि नहीं तो क्यों? [N.C.E.R.T. (Q.12)]
उत्तर-अंडजनक एवं जरायुज द्वारा उत्पन्न अंडे या बच्चे संख्या में बराबर नहीं हो
सकते, क्योंकि अंडजनक जंतु कम समय में ही अंडे देते हैं तथा एक ही समय में अधिक
अंडे देते हैं, जबकि जरायुज जंतु को बच्चे को जन्म देने में समय अधिक लगता है, क्योंकि
उनका गर्भकाल अधिक लंबा होता है तथा एक ही समय में कम बच्चे को भी जन्म देते है।
13. निम्नलिखित में से शारीरिक खंडीभवन किसमें पहले देखा गया?
(क) प्लेटिहेल्मिन्थिज, (ख) एस्वेल्मिन्थिज, (ग) एनेलिडा, (घ) आर्थोपोडा।
[N.C.ER.T.(Q.13)]
उत्तर-शारीरिक खंडीभवन सबसे पहले एनेलिडा में ही देखा गया। एनेलिडा संघ के
कुछ जंतुओं में केवल आंतरिक खंडीभवन पाया जाता है, जैसे-Polygordius,
Protodrilus इत्यादि। इसके अतिरिक्त अन्य एनेलिड्स में खंडीभवन बाहर से भी स्पष्ट
दिखाई देता है।
14. निम्न का मिलान करें- [N.C.E.R.T. (Q.14)]
(i) प्रच्छद (operculum) (क) टीनोफोरा
(ii) पार्श्वपाद (Parapodia) (ख) मोलस्का
(iii) शल्क (Scales) (ग) पोरीफेरा
(iv) कंकत पट्टिका (काम्बप्लेट) (घ) रेप्टेलिया
(v) रेडूला (अ) एनेलिडा
(vi) बाल (ब) साइकोस्टोमाटा एवं कॉन्ड्रीवथीज
(vii) कीपकोशिका (कोएनोसाइट) (स) मैमेलिया
(viii) क्लोमछिद्र (Gillslits) (द) ऑस्टिक्थीज
उत्तर-(i)-(घ), (ii)-(क), (iii)-(द), (iv)-(अ), (v)-(ब).
(vi)-(ग), (vii)-(स). (viii)-(ख)।
15. मनुष्य पर पाए जानेवाले कुछ परजीवों के नाम लिखें। [N.C.E.R.T.(Q.15)]
उत्तर-प्लाजमोडियम, एस्कैरिस, फीताकृमि, लीवर फ्लूक, जोंक (Leech), मच्छर
खटमल इत्यादि।
16. निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट करें-
(A) Protozoa and etazoa (B) Parazoa and Eumetazoa
(C) Radiata and Bilateria (D) Chordates and Non chordates
उत्तर-(A) प्रोटोजोआ और मेटा-जोआ-
(B) पराजीआ और यूमेटाजोआ-
(C) रेडिएटा एवं बाइलैटैरिया-
(D) रज्जुकी एवं अरज्जुकी-
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. रेखाचित्र द्वारा जंतु जगत के वर्गीकरण को प्रकाशित करें।
उत्तर-मौलिक लक्षणों के आधार पर प्राणि जगत का विस्तृत वर्गीकरण निम्न है-
2. संसार का सबसे प्रभावशाली स्तनधारी मनुष्य है, क्यों?
उत्तर- मनुष्य स्तनधारी वर्ग के वानर समुदाय गण Primates का सदस्य है। यह
संसार का सबसे विकसित एवं प्रभावशाली स्तनधारी माना जाता है क्योंकि-(i)
इनमें वस्तुओं को धरने-पकड़न के लिए नुड़नशील अंगूठा (opposite thumb)
पाया जाता है।
(ii) इसमें तर्कक्षम चिंतन (Logical thinking) पाया जाता है। (iii) इनमें संभाषण की
क्षमता (Ability of speech) होती है। (iv)यह अपने आपको वातावरणीय दशाओं के
अनुसार अनुकूलित कर लेता है। (v) इसकी शारिरिक क्षमता सबसे अधिक होती है।
3. संगठन के विभिन्न स्तरों का उल्लेख करें।
उत्तर-जंतुजगत (Animalia) के बहुकोशिकीय जंतुओं में संगठन का निम्नलिखित
स्तर उपस्थित होता है-
(i) कोशिकीय स्तर (Cellular Level)-कुछ जंतुओं जैसे-स्पंज में कोशिकाओं
का- ऐसा समूह पाया जाता है, जिनमें से कुछ में श्रम विभाजन तो होता है परंतु निश्चित
ऊतक का निर्माण नहीं हो पाता।
(ii) ऊतक स्तर (Tissue level)-कुछ जंतुओं में कोशिकाओं का निश्चित समूह
मिलकर ऊतक बना लेता है, जैसे-सिलेन्टेरेटा एवं टीनोफोरा।
(iii) अंग स्तर (organ level)-कुछ जंतुओं में विभिन्न प्रकार के ऊतक संगठित
होकर अंग का निर्माण कर लेते हैं जैसे-कुछ प्लैटिहेल्मिन्थिज।
(iv) अंगतंत्र स्तर (organ system Level)-विकसित जंतुओं में विशिष्ट कार्य
करनेवाले अंग संगठित होकर अंगतंत्र का निर्माण कर लेते हैं।
जैसे-कुछ प्लैटिहेल्मिन्थिज, एनेलिड्स, मोलस्का, आर्थोपोड्स, एकाइनोडर्मेट एवं
कॉर्डेट्स।
4. निम्न वर्गों के सामान्य लक्षणों का उल्लेख करें-
(i) एम्फिबिया, (ii) रेप्टीलिया, (iii) मैमेलिया, (iv) पक्षीवर्ग।
उत्तर-(I) एम्फिविया (उभयचर) के सामान्य लक्षण-
(i) यह cold blooded (शीत रक्तीय) होता है।
(ii) बाह्यकर्ण (External Ear) अनुपस्थित।
(iii) बाह्य निषेचन (External Fertilization)।
(iv) R.B.C केन्द्रकयुक्त।
(v) हृदय में दो अलिन्द (Auricle) एवं एक निलय (ventricle)।
(vi) चिकनी या रुखड़ी त्वचा।
(vii) अंत: कंकाल अस्थि (Bone) से बना।
उदाहरण-टोड, मेढ़क, इक्थियोफिस, सैलामेंडर इत्यादि।
(II) रेप्टीलिया (सरीसृप)-
(i) रेंगकर गति करनेवाला।
(ii) यह भी cold blooded (शीत रक्तीय) होता है।
(iii) किरेटिन द्वारा निर्मित एपिडर्मल स्केल (बाह्य त्वचीय शल्क) उपस्थिति।
(iv) बाह्यकर्ण अनुपस्थित।
(v) निषेचन आंतरिक।
(vi) हृदय में दो अलिंद एवं अपूर्ण विभाजित निलय।
(vii) अंडप्रजनक।
उदाहरण-कोब्रा, करैत, वाइपर, छिपकिली, कछुआ इत्यादि।
(III) स्तनधारी (Mammalia)-
(i) यह warm bloodni (उष्ण रक्तीय) होता है।
(ii) शरीर बालों से ढंका।
(iii) बाह्यकर्ण उपस्थित।
(iv) R.B.C केन्द्रकविहीन।
(v) त्वचा स्वेद एवं सीवम ग्रंथि युक्त।
(vi) हृदय में दो अलिन्द एवं दो निलय।
(vii) निषेचन आंतरिक।
(viii) बच्चों को दूध पिलाने के लिए मादा में स्तन ग्रंथि की उपस्थिति।
(ix) सजीव प्रजनक (जरायुज) (viviparous)।
उदाहरण-मनुष्य, कंगारू, हाथी, घोड़ा, कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़, व्हेल इत्यादि।
(IV) पक्षीवर्ग (Aves) –
(i) यह भी warm blooded होता है।
(ii) शरीर धारारेखीय एवं पंखों से ढंका हुआ।
(iii) अग्रपाद डैने में रूपांतरित।
(iv) हड्डियाँ खोखली एवं हल्की।
(v) हृदय में दो अलिन्द एवं दो निलय।
(vi) निषेचन आंतरिक।
(vii) अंडप्रजनक (oviparous)|
5. आर्थोपोडा के विभिन्न लक्षणों का उल्लेख करें।
उत्तर-आर्थोपोडा संघ के लक्षण निम्नलिखित हैं.
(i) ये जल, वायु और स्थल सभी जगहों पर पाये जाते हैं जो स्वतंत्रजीवी के साथ ही
साथ परजीवी भी होते हैं।
(ii) शरीर द्विपार्श्वसममि (Bilaterally symmetrical) एवं त्रिस्तरीय
(Triploblastic) होते हैं।
(iii) शरीर तीन भागों में बँटे रहते हैं-सिर, वक्ष एवं उदर।
(iv) बाह्यकंकाल काइटिन का बना होता है।
(v) शरीर के प्रत्येक खंड में जुड़े हुए उपांग (Jointed appendages) लगे रहते हैं,
इसी कारण इसे आर्थोपोडा कहा जाता है।
(vi) परिवहन तंत्र खुला प्रकार का होता है।
(vii) पेशीतंत्र विकसित होता है।
(viii) आहारनाल पूर्ण होता है, मुख के चारों ओर मुखांग रहता है, जो आवश्यकतानुसार
छेदने, चूसने या चबाने के लिए अनुकूलित होता है।
(ix) सिलोम (coelom) प्रौढ़ावस्था में गायब हो जाती है। इसके स्थान पर रक्त वाहिनियाँ
बड़ी होकर हीमोसील का निर्माण करती हैं।
(x) हदय लंबा एवं संकुचनशील होता है।
(xi) उत्सर्जन मालपीघियन नलिका या हरित ग्रंथि द्वारा होता है।
(xii) तंत्रिका तंत्र पूर्ण विकसित होता है तथा गैगिलियॉन द्वारा बना होता है।
(xiii) ये सामान्यतः एकलिंगी होते है।
(xiv) जीवन चक्र में लार्वा अवस्था पाया जाता है जो रूपांतरित होकर वयस्क बन
जाता है।
उदाहरण-तेलचट्टा, मच्छर, मक्खी इत्यादि।
7. निम्नलिखित संघों के सामान्य लक्षणों का उल्लेख करें।
(I) प्रोटोजोआ, (II) पोरीफेरी, III सिलेन्टेरेटा, (IV) एनेलिडा, (V) मोलस्का,
(VI) एकाइनोडर्मेटा, (VI) कार्डेटा।
उत्तर-(I) प्रोटोजोआ के लक्षण-(i) ये जंतु अत्यंत सूक्ष्म (.001 mm से 5.0mm)
और कोशिकीय होते हैं।
(ii) ये स्वतंत्रजीवी, सहजीवी या परजीवी होते हैं।
(iii) शरीर का जीवद्रव्य बाह्य जीवद्रव्य (Ectoplasm) एवं अंत:जीव द्रव्य
(Endoplasm) दो भागों में विभेदित होता है।
(iv) भोजन ग्रहण करने का तरीका निम्न होता है-(a) प्राणीसम भोजी (Holozoic),
(b) मृतजीवी (Saprophytic),(c) पादपसमपोषी (Holophytic),(d) परजीवी (Parasite)।
(v) प्रचलन सीलिया, कूटपाद एवं फ्लैजिला द्वारा होता है।
(vi) शरीर में खाद्य रिक्तिका एवं संकुचनशील रसधानी पायी जाती है।
(vii) एककेन्द्रीय एवं बहुकेन्द्रीय होता है।
(viii) श्वसन विसरण द्वारा होता है।
(ix) प्रजनन अलैंगिक और लैगिक दोनों प्रकार से होता है।
(II) पोरीफेरा के लक्षण-
(i) ये बहुकोशीय जलीय जंतु होते हैं जो साधारणत: किसी पदार्थ से चिपके रहते हैं।
(ii) अधिकांशत: समुद्री होते हैं एवं कुछ मीठे पानी में भी पाये जाते हैं।
जैसे-स्पॉजिला
(i) इसकी आकृति अनियमिताकार, बेलनाकार, अंडाकार या शाखित
(iv) शरीरभित्ति दो स्तरों, बाहरी बाह्यस्तर की बनी होती है, जिनके बीच अकोशीय स्तर
(Mesenchyme) पाया जाता है।
(v) शरीरभित्ति में दो प्रकार के छिद्र उपस्थित होते हैं जिन्हें Inhalent Pores or ostia
एवं बहिर्वाही छिद्र (ExhalentPores) याosculum कहते हैं। दोनों छिद्र भीतर spongocel
से जुड़ा होता है, ये सभी मिलकर कैनाल तंत्र (canal systeri) का निर्माण करते है।
(vi) कुछ या सम्पूर्ण भीतरी सतह फ्लैजिलायुक्त कोशिका (Flagellated or collar
cells) से ढंका रहता है जिन्हें choanocytes कहते हैं।
(vii) कंकाल अनगिनत सूक्ष्म तथा विभिन्न आकारवाले शंकु (spicules) का बना होता
है। spicules calcium carbonate, silica orspongin का बना होता है।
(viii) प्रजनन अलैगिक, कली (Bud or Gemule) द्वारा होता है।
उदाहरण-Euplectella [Hyalonemacliona, Merlia, Leucosolenia etc.]
(III) सिलेन्टेरेटा के लक्षण-
(i) इनका शरीर त्रिज्यसममित (Radially symmetrical) होता है।
(ii) अधिकांश समुद्री होते हैं परन्तु कुछ मीठे जल में भी पाये जाते हैं।
(iii) ये बहुकोशीय होते हैं, जिसके अन्दर सिर्फ एक ही गुहा होती है जिसे सिलेंटेरॉन
कहते हैं। यह देहगुहा (Coelom) और Enteric Cavity दोनों का प्रतिनिधित्व करती है।
यह Cavity एक ही छिद्र द्वारा बाहर खुलती है जो मुख और मलद्वार दोनों का कार्य करता
है, उसे मुख (Hypestome या Mouth) कहते है।
(iv) इनकी शरीर की भित्ति बाह्यस्तर एवं अंत:स्तर दो स्तरों की बनी होती है, दोनों
स्तरों के बीच (mesogloea) नामक सकसिकीय स्तर पाया जाता है।
(v) शरीर के ऊपरी भाग पर मुख के चारों ओर संस्पर्शक (Tentacles) पाये जाते हैं।
(vi) शरीर के दूरस्थ भाग (Distal Part) एवं संस्पर्शक के बाहास्तर में रक्षा तथा
आक्रमण के लिए एक विशेष प्रकार की कोशिकाएँ पायी जाती हैं जिन्हें दंश कोशिका
(cnidoblasts) कहते हैं।
(vii) इनके जीवन चक्र में पीदी एकान्तरण (Alternation of generation) या
Metagenesis पाया जाता है।
(viii) प्रजनन लैंगिक एवं अलैंगिक दोनों तरीके से होता है। लार्वा को मुख्यत: Planula
कहा जाता है।
उदाहरण-हाइड्रा, फाइसेलिया, मेट्रीडियम इत्यादि।
(IV) एनेलिडा के लक्षण-
(i) इस संघ के जंतु बहुकोशीय, त्रिस्तरीय एवं द्विपार्श्वसममित होते हैं।
(ii) इनका शरीर लम्बा तथा अनेक खंडों में विभाजित होता है और इसीलिए इन्हें
साधारणत: खंडित कृमि (Segmented worms) भी कहते हैं। खंडन सिर्फ बाहरी सतह पर
ही नहीं होता बल्कि इनके भीतरी भागों में भी होता है।
(iii) इस संघ के जंतु साधारणत: स्वतंत्रजीवी होते हैं।
(iv) त्वचा के उपर क्यूटिकिल होता है। प्रचलन (setae) या चूषक (suckers) के सहारे
होता है।
(v) शरीरभित्ति एवं आहरनाल के बीच एक विकसित coelom पाया जाता है।
(vi) आहारनाल नलिकाकार होता है जो कई भागों में बाँटा रहता है।
(vii) परिसंचरण तंत्र बंद प्रकार का होता है।
(viii) उत्सर्जन नेफ्रीडिया के द्वारा होता है।
(ix) तंत्रिका तंत्र में दो Cerebral Ganglia दो Circum Pharyngeal
Commissures तथा एक दोहरी तथा ठोस Double ventral solid Nervecord होता
है, जिसमें शरीर के प्रत्येक खंड में एक Ganglion होता है।
(x) इस संघ के जंतु एकलिंगी तथा द्विलिंगी दोनों होते हैं।
(xi) कुछ जंतुओं के परिवर्धनकाल में एक लार्वा अवस्था होती है जिसे Trochophore
कहा जाता है।
उदाहरण-केंचुआ, जोंक, नेरिस इत्यादि।
(V) मोलस्का के लक्षण-
(i) ये स्थल पर, मीठे पानी या समुद्र में पाये जाते हैं।
(ii) इनका शरीर कोमल तथा अखंडित होता है। इनमें से अधिकांश मंदगति से चलने
वाले होते हैं।
(iii) शरीर त्रिस्तरीय होता है।
(iv) इनका शरीर सामान्यतः द्विपार्श्व सममित (Bilaterally symmetrical) होता है,
परंतु टॉर्सन के कारण अनेक सदस्यों में असममित (Asymmetrical) भी होता है।
(v) पूरा शरीर एक पतली झिल्ली से ढंका रहता है जिसे मेंटल (Mantle) कहते हैं।
(vi) मेटल के चारों ओर एक कठोर कवच (Shell) रहता है।
(vii) शरीर के तीन भाग होते हैं आगे की ओर सिर, अधरतल पर पैर एवं पृष्ठतल
पर Visceral Mass.
(viii) आहारनाल साधारणत: U आकार का होता है, जिसमें पाचन ग्रंथियाँ भी पायी
जाती है।
(ix) रक्त परिवहन तंत्र विकसित होता है, तथा हृदय में एक अलिन्द और एक निलय
होता है।
(x) श्वसन गिल और फुफ्फस द्वारा होता है। …
(xi) ये एकलिंगी या द्विलिंगी दोनों होते है।
(xii) परिवर्धनक्यल में Trochophore एवं Glochidium दो लार्वा पाये जाते हैं।
(xiii) पैर पेशीय होता है तथा धीरे-धीरे रेंगने में सहायता करता है।
उदाहरण-घोंघा, शंख, सीपिया इत्यादि।
(VI) एकाइनोडर्मेटा के लक्षण-
(i) ये समुद्र में पाये जानेवाले Coelomate जंतु है।
(ii) त्वचा में नीचे CalcarcousPlates होते है, जो कभी-कभी त्वचा के ऊपर Spines
के रूप में उभर जाते है। ये अंत: कंकाल का निर्माण करते हैं।
(iii) शरीर Radially symmetrical होते है।
(iv) इनमें एक विशेष प्रकार का जल परिवहन तंत्र पाया जाता है Tube feet से
जुड़ा रहता है। यह प्रचलन में भी सहायता करता है।
(v) आहारनाल प्राय: कुंडलित होता है।
(vi) उत्सर्जन तंत्र अनुपस्थित होता है एवं तंत्रिका तंत्र कम विकसित होता है।
(vii) नर और मादा अलग-अलग होते है।
(viii) निषेचन आंतरिक होता है।
(ix) इनमें पुनर्जन्म (Regeneration) की क्षमता पायी जाती है।
(x) परिवर्धन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है।
(xi) लार्वा को Bipinaria, Pluteus तथा Auricularia कहते हैं।
उदाहरण-स्टारफिश, समुद्री अर्चिन, एण्टीडॉन इत्यादि।
(VII) कॉर्डेटा के लक्षण-
(i) आहारनाल के ऊपर तथा Nerve Cord के नीचे शरीर के एक सिरे से दूसरे सिरे
तक कठोर किन्तु लचीली छड़ जैसी रचना नोटोकॉर्ड उपस्थित होता है, जो उच्च श्रेणी के
कार्डेट्स में कशेरुक दण्ड (Vertebral column) में बदल जाता है।
(ii) नोटोकॉर्ड के पृष्ठ भाग पर एक Tubular रचना होती है जिसे Nerve Cord
कहते हैं, इसका अग्रभाग मस्तिष्क एवं पश्च भाग रीढरज्जू का निर्माण करता है।
(iii) ग्रसनी की दीवार में दोनों ओर कई छिद्र पाये जाते हैं, जिसे (PharyngealGill
Slits कहते हैं।
(iv) रक्त परिवहन तंत्र बंद प्रकार (close type) का होता है।
(v) लाल रक्त कणों में हीमोग्लोबीन पाया जाता है।
(vi) Coelom पाया जाता है।
(vii) Postanal Tail पाया जाता है।
(viii) शरीर त्रिस्तरीय होता है।
उदाहरण-बैलानोग्लोसस, हर्डमेनिया, एम्फीऑक्सस, मछलियाँ, पक्षियाँ इत्यादि।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्न में से किसमें ‘खुला परिवहन तंत्र’ पाया जाता है?
(क) आर्थोपोडा
(ख) एनेलिडा
(ग) पोरीफेरा
(घ) कॉर्डेटा उत्तर-(क)
2. स्पंज होते हैं-
(क) असममित
(ख) सममित
(ग) द्विपार्श्वसममित
(घ) पार्श्व सममित उत्तर-(क)
3. किसमें कोएनोसाइट पाया जाता है?
(क) सीलेन्टेरेटा
(ख) कॉडेंटा
(ग) पोरीफेरा
(घ) मोलस्का उत्तर-(ग)
4. संघ जिसके सभी जंतु समुद्री होते हैं-
(क) पोरीफेरा
(ख) एकाइनोडर्मेटा
(ग) सीलेन्टेरेटा
(घ) प्रोटोजोआ उत्तर-(ख)
5. निम्न में से कौन परजीवी नहीं है?
(क) जोंक
(ख) सी-एनीमोन
(ग) फीताकृमि
(घ) मच्छर उत्तर-(ख)
6. निम्न में से कौन असमतापी (Poikilothermic) या cold blooded है?
(क) स्टारफिश
(ख) रोहु
(ग) केंचुआ
(घ) घोंघा उत्तर-(ख)
7. किसमें ‘वंद परिवहन तंत्र’ पाया जाता है-
(क) तेलचट्टा
(ख) स्पंज
(ग) कटलफिश
(घ) ये सभी उत्तर-(ख)
8. निम्न में से कौन प्लेटिहेल्मिथिज का सदस्य है?
(क) ट्रिपैनोसोमा
(ख) उचरेरिया
(ग) प्लाजमोडियम
(घ) सिस्टोमोसोमा उत्तर-(घ)
9. आर्थोपोडा के देहगुहा को कहते हैं-
(क) सीलोम
(ख) सिलेंटेरॉन
(ग) हीमोसील
(घ) स्यूडोसील उत्तर-(ग)
10. पोरीफेरा का वर्गीकरण आधारित होता है-
(क) शाखा पर
(ख) कंकाल पर
(ग) सममित पर
(घ) शरीर स्तर पर उत्तर-(ख)
11. Bladderworm (Cysticercus) fcah araf –
(क) नेरिस
(ख) फीताकृमि
(ग) लीवर फ्लूक
(घ) मसेल उत्तर (ख)
12. निम्न में से कौन अंडप्रजनक स्तनधारी है?
(क) कंगारू
(ख) रैथस
(ग) ऑरिक्टोलैगस
(घ) ऑरनिथोरिकस उत्तर-(घ)
13. निम्न में से कौन उभयचर नहीं है?
(क) मेढ़क
(ख) कछुआ
(ग)सरजेंडर
(घ) दादुर उत्तर-(ख)
14. Metamerism किसका प्रख्य लक्षण है?
(क) पोरीफेरा
(ख) एनेलिडा
(ग) मोलस्का
(घ) प्लेटिहैल्मिन्थिस उत्तर-(ख)
15. जंतु जिसमें स्वसन तंत्र, परिसंचरण तंत्र एवं उत्सर्जन तंत्र नहीं पाया जाता है।
(क) धागाकृमि
(ख) स्पंज
(ग) फीताकृमि
(घ) लीवर फ्लूक उत्तर-(ख)
16. सोलेनोसाइट (Solenocytes) किसका उत्सर्जी अंग होता है?
(क) प्लैटिहेल्मिन्थिस
(ख) एनेलिडा
(ग) मोलस्का
(घ) एकाइनोडर्मेटा उत्तर-(क)
17. किनमें वायुकोष से युक्त लंबी खोखली हड्डियाँ होती हैं-
(क) सरीसृप
(ख) पक्षीवर्ग
(ग) स्तनधारी
(घ) सभी स्थलीय कशेरुक उत्तर-(ख)
18. पक्षियों का हृदय होता है-
(क) 4-कोष्ठीय
(ख) 3-कोष्ठीय
(ग) 2-कोष्ठीय
(घ)1-कोष्ठीय उत्तर-(क)
19. तारामछली (Starfish, Sea star) किस वर्ग का सदस्य है?
(क) crinoidea
(ख) Echinoidea
(ग) Asteroidea
(घ) ophiruoidea उत्तर-(ग)
20. समुद्रीखीरा (Sea-Cucumber) किस संघ का जंतु है?
(क) Echinodermata
(ख) Chordata
(ग) Mollusca
(घ) Annelida उत्तर-(क)
21. चपटाकृमि (Flatworms) में उत्सर्जन किसके द्वारा होता है-
(क) नेफ्रीडिया
(ख) ज्वालाकोशिका
(ग) मैलपीगी नलिका
(घ) हरित ग्रंथि उत्तर-(ख)
22. परजीवी जिसका Intermediate Host नहीं होता-
(क) फीताकृमि
(ख) लीवर फ्लूक
(ग) एस्कैरिस
(घ) प्लाज्मोडियम उत्तर-(ग)
23. एनेलिडा एवं आर्थोपोडा के अलावे Metamerism और किसमें पाया जाता है?
(क) मोलस्का
(ख) सिस्टोडा
(ग) कॉर्डेटा
(घ) एकाइनोडर्मेटा उत्तर-(ख)
24. क्लाइटेलम (Clitellum) किसमें पाया जाता है?
(क) केंचुआ
(ख) जोंक
(ग) तारा मछली
(घ) कटलफीश उत्तर-(क)
25. किसमें विद्युत अंग (Electric organs) पाया जाता है?
(क) कतला
(ख) रोहू
(ग) टॉरपीडो
(घ) लैम्प्रे उत्तर-(ग)
26. किसमें विष दंश उपस्थित होता है?
(क) टॉरपीडो
(ख) ट्रायगॉन
(ग) मिक्सीन
(घ) पेट्रोमाइजॉन उत्तर-(ख)
27. किसे Bath sponge कहा जाता है?
(क) यूप्लेक्टेला
(ख) यूस्पंजिया
(ग) क्लियोना
(घ) मर्लिया उत्तर-(ख)
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