Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 2
Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 2
BSEB 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 2
प्रश्न 1. “कृषि प्रक्षेत्र में भारतीय मजदूरों की सबसे बड़ी भागीदारी है।” व्याख्या कीजिए।
उत्तर: भारत मानसूनी जलवायु का प्रदेश है। यहाँ वर्ष भर सघन कृषि का कार्य किया जाता है। हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जो अपने जीविकोपार्जन हेतु प्राथमिक क्रिया के अंतर्गत कृषि का कार्य करते हैं।
यही कारण है कि भारतीय मजदूरों की भागीदारी कृषि क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
प्रश्न 2. भारत में अभ्रक वितरण का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: अभ्रक का उपयोग विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में किया जाता है। भारत में अभ्रक की प्राप्ति झारखंड, आन्ध्रप्रदेश व राजस्थान में होता है। सबसे अधिक अभ्रक का उत्पादन झारखंड राज्य के कोडरमा जिला में होता है।
प्रश्न 3. पूरे पृष्ठ पर भारत का मानचित्र बनाएँ और निम्नलिखित को दर्शाएँ।
(क) कॉफी उत्पादन क्षेत्र
(ख) जय प्रकाश अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
उत्तर:
प्रश्न 4. नगरीकरण और औद्योगिकीकरण से जनसंख्या घनत्व बढ़ता है व्याख्या करें।
उत्तर: जनसंख्या घनत्व को बढ़ाने में नगरीकरण तथा औद्योगीकरण की भूमिका प्रमुख है। नगरीकरण के फलस्वरूप लोगों को नये रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन उपलब्ध हो पाते हैं वहीं औद्योगीकरण के फलस्वरूप भी लोगों को रोजगार, परिवहन, परिचालन, दुकानदार, बैंककर्मी, डॉक्टर एवं अध्यापक जैसे साधनों का उपयोग करने का अवसर प्राप्त होता है। यही कारण है कि जनसंख्या घनत्व में वृद्धि देखी जाती है।
प्रश्न 5. मानवीय क्रियाकलाप क्या है ? स्पष्ट करें।
उत्तर: वैसे विभिन्न प्रकार के कार्य को मानव समूहों के द्वारा किया जाता है, मानवीय क्रिया-कलाप कहलाता है। मानवीय क्रियाकलाप को चार वर्गों में वर्गीकृत करते हैं-
- प्राथमिक क्रियाकलाप : कृषि, खनन, मछली पकड़ना, पशुचारण।
- द्वितीय क्रियाकलाप : विनिर्माण उद्योग, प्रसंस्करण उद्योग।
- तृतीय क्रियाकलाप : व्यापार, परिवहन, संचार संवाएँ।
- चतुर्थ क्रियाकलाप : सूचना संग्रहण, उत्पादन, अनुसंधान।
प्रश्न 6. प्रवास के आर्थिक परिणाम कौन-से है ?
उत्तर: प्रवास के फलस्वरूप आर्थिक परिणाम देखे जाते हैं। उद्गम क्षेत्र के लिए जहाँ से लोग प्रवास करते हैं, उस क्षेत्र के लिए अपने द्वारा अर्जित धन को भेजते हैं। भारत ने सन् 2002 में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों द्वारा 110 अरब अमेरिकी डॉलर प्राप्त किये। पंजाब, करल और तमिलनाडु राज्यों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों से महत्वपूर्ण राशि प्राप्त किये हैं। भारत के आंतरिक प्रवासियों द्वारा भी आर्थिक वृद्धि की गई है, जिसमें आर्थिक धन का प्रयोग भोजन, ऋण की अदायगी, उपचार, विवाह एवं बच्चों की शिक्षा इत्यादि पर खर्च किये जाते हैं। बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा जैसे राज्यों के लोग महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों से आर्थिक धन की प्राप्ति करते हैं।
प्रश्न 7. जनसंख्या का पर्यावरण पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जनसंख्या का पर्यावरण पर निम्न प्रभाव पड़ते हैं-
- जनसंख्या वृद्धि के फलस्वरूप आवासों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे कृषि भूमि में कमी आ रही है।
- वनस्पतियों की कटाई अधिक मात्रा में किया जा रहा है।
- वायु प्रदूषण की पात्रा में वृद्धि हो रही है।
- नगरीय क्षेत्रों में अपशिष्ट कचरों की मात्रा बढ़ने से वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।
- जल प्रदूषण बढ़ रहा है।
- मृदा अपरदन की क्रिया तीव्र हो गई है।
प्रश्न 8. भारत के राष्ट्रीय जलमार्ग का विवरण दें।
उत्तर: भारत में 14500 किमी. लंबा जलमार्ग उपलब्ध है, जिसका देश के परिवहन में 1% योगदान है। भारत में तीन अंत: स्थलीय जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। ये हैं-
- हल्दिया से इलाहाबाद तक 1620 कि० मी० लंबा जलमार्ग संख्या-1
- सादिया से धुबरी तक 891 कि० मी० लंबा जलमार्ग संख्या-2
- कोट्टापुरम से कोलम तक 168 कि० मी० लंबा जलमार्ग संख्या-3
राष्ट्रीय जलमार्ग सं०-2 का भारत एवं बंग्लादेश साझेदारी में प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 9. उपभोक्ता वस्तु उद्योग तथा उत्पादन वस्तु उद्योग में अंतर बताएँ।
उत्तर: उपभोक्ता वस्तु उद्योग तथा उत्पादक वस्तु उद्योग में अंतर :
उपभोक्ता वस्तु उद्योग :
- हम अपने दैनिक जीवन में अनेक प्रकार की वस्तुओं का उपभोग करते हैं।
- उद्योग जो वस्तुओं का उत्पादन प्राय: लोगों के दैनिक उपयोग के लिए करते हैं, उन्हें उपभोक्ता वस्तु उद्योग कहते हैं, जैसे-खाने के तेल, चाय, कॉफी, रेडियो, टी० वी० वस्त्र, चीनी, वनस्पति घी उद्योग आदि।
- इनके उत्पादों का प्रयोग सीधा उपभोग के काम आता है। उपभोक्ता वस्तु उद्योग प्रायः छोटे पैमाने तथा हल्के वर्ग के होते हैं।
उत्पादक वस्तु उद्योग :
- इन उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग अन्य प्रकार के उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जैसे-लोहा-इस्पात उद्योग, भारी मशीनरी उद्योग।
- इन उद्योगों से प्राप्त मशीनें अन्य उत्पादों को बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। इसलिए इन्हें आधारभूत उद्योग भी कहते हैं।
- इन उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग उसी समय नहीं होता, बल्कि वह भविष्य में उत्पादन प्रक्रम में योगदान देता है।
प्रश्न 10. अमेरिका की अर्थव्यवस्था में पनामा नहर की भूमिका पर संक्षेप में प्रकाश डालें।
उत्तर: 72 किलोमीटर लंबे पनामा नहर के निर्माण से न्यूयार्क एवं सेन-फ्रांसिस्को के बीच की समुद्री दूरी लगभग 13000 किमी. हो गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तटीय क्षेत्र का पश्चिमी यूरोप एवं दक्षिण एशियाई देशों के बीच की दूरी कम हो जाने से समय एवं लागत दोनों की बचत हुई है।
प्रश्न 11. आकृति के आधार पर ग्रामीण बस्तियों को वर्गीकृत करें।
उत्तर: आकृति के आधार पर ग्रामीण बस्तियों के प्रमुख प्रकार हैं-
- रैखिक प्रतिरूप – सड़क रेलमार्ग, नदी, नहर इत्यादि के किनारे अथवा तटबंधों के सहारे विकसित प्रतिरूप।
- आयताकार प्रतिरूप – मैदानी भागों में सड़कों के चौराहे एवं पर्वतीय घाटियों में विकसित बस्तियाँ।
- वृत्ताकार प्रतिरूप – झीलों एवं तालाबों के चारों ओर विकसित बस्ती।
- ‘टी’ आकार – सड़क किनारे तिराहे पर विकसित बस्तियाँ।
प्रश्न 12. कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है स्पष्ट करें।
उत्तर: पिछले कुछ दशकों के दौरान भारत में कृषि सेक्टर के श्रमिकों के अनुपात में कमी आयी है। इसके बावजूद 2001 की जनगणना आँकड़ों के अनुसार श्रमिकों का 58.2% प्राथमिक, 4.2% द्वितीय एवं 37.6% तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न हैं। इससे स्पष्ट है कि आज भी भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक हिस्सा कृषि सेक्टर में संलग्न है।
प्रश्न 13. किसी देश की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ने पर वहाँ के आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर: जनसंख्या की तीव्र वृद्धि कारण अनेक प्रकार की आर्थिक और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं-
- भोजन की समस्या (Food Problems) – तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि के कारण भोज्य पदार्थों की आवश्यकता की पूर्ति कठिन हो जाती है।
- आवास की समस्या ( Housing Problems) – बढ़ती जनसंख्या के कारण निवास स्थानों की कमी होती जा रही है। लाखों लोग झुग्गी तथा झोपड़ी में निवास करते हैं।
- बेरोजगारी (Unemployment) – जनसंख्या वृद्धि के कारण बेकारी एक गम्भीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आयी है। आर्थिक विकास कम हो जाने से रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं और बेरोजगारों की संख्या बढ़ जाती है।
- निम्न जीवन-स्तर (Low Standardof Living) – अधिक जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो जाती है, इसलिए जीवन स्तर गिर जाता है।
- जनसंख्या का कृषि पर अधिक दबाव (Pressure of Population on Land) – बढ़ती जनसंख्या को खाद्यान्नों की पूर्ति करने के लिए कृषि योग्य भूमि पर दबाव बढ़ जाता है।
- बचत में कमी (Less Savings) – जनसंख्या वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ जाती हैं तथा बचत कम होती है। लोगों को शिक्षा व चिकित्सा सुविधाएँ बहुत कम प्राप्त होती हैं।
- स्वास्थ्य (Health) – नगरों में गंदगी बढ़ जाती है। स्वास्थ्य और सफाई का स्तर नीचे गिर जाता है।
प्रश्न 14. नाभिकीय ऊर्जा क्या है ? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर: रेडियोधर्मी तत्वों के नाभिकीय विखंडन से प्राप्त ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहा जाता है।
भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम हैं-
- तारापुर
- रावतभाटा
- कलपक्कम्
- नरोरा
- काकरापाड़
- कैगा।
प्रश्न 15. भारत में एक्सप्रेस वे क्या है ?
उत्तर: दिल्ली जयपुर तथा मुंबई से पुणे तक चार लेनवाली आधुनिक सड़कों को एक्सप्रेस-वे कहा जाता है। इस पर चलनेवाली गाड़ियों की अतिरिक्त टोल-टैक्स देना पड़ता है। इस सड़क पर किसी अन्य सड़क से कोई गाड़ी नहीं आ सकती है।
प्रश्न 16. 1991 ई० की नई औद्योगिक नीति के तीन मुख्य उद्देश्यों को लिखिए।
उत्तर: 1991 ई० की औद्योगिक-नीति के तीन मुख्य उद्देश्य हैं-
- उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण पर आधारित इस नीति में सतत विकास पर ध्यान दिया गया है।
- उत्पादकता एवं लाभप्रद रोजगार को बढ़ाने का लक्ष्य है।
- लाभदायक पदार्थों के निर्माण को बढ़ाकर तथा गुणवत्ता और बाजार को आकर्षक बनाकर लाभ में वृद्धि करना।
प्रश्न 17. नियतिवाद और संभावनावाद में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर: नियतिवाद और संभावनावाद में निम्नलिखित अंतर है-
नियतिवाद (Determinism):
- इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित माना जाता है।
- नियतिवादी सामान्यतः मानव को एक निष्क्रिय कारक समझते हैं, जो पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होता है।
- हिपोक्रेट्स, अरस्तू, हेरोडोटस, स्ट्रैबो आदि रोमन और यूनानी विद्वानों ने नियतिवाद का समर्थन किया। रैटजैल, रिटर, हम्बोल्ट, कांट आदि ने भी इस विचारधारा का समर्थन किया।
- इस विचारधारा के मानने वाले मानव के आचरण, निर्णय क्षमता, कार्य- कुशलता तथा जीवन पद्धति आदि को भी पर्यावरण के भौतिक कारकों द्वारा प्रभावित मानते हैं।
- इस विचारधारा के अनुसार प्राकृतिक पर्यावरण सर्वप्रमुख है जो मानव के सारे क्रिया-कलापों को नियंत्रित करता है।
संभावनावाद (Possibilism):
- इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक संभावनाओं का इच्छानुसार अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकता है।
- संभावनावाद प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्त्वपूर्ण स्थान देता है और उसे सक्रिय शक्ति के रूप में देखता है।
- लूसियन फैबने, वाइडल डी० ला ब्लाश ने व्यवस्थित तरीके से इस विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया।
- इस विचारधारा के अनुसार नियतिवाद का यह सिद्धांत कि मनुष्य प्रकृति का दास है, अस्वीकृत कर दिया गया।
- कुछ भूगोलवेत्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि मनुष्य प्रकृति के तत्त्वों को अपने लाभ के लिए चुनने के लिए स्वतंत्र होता है और इस दृष्टि से मनुष्य को उसके भौतिक पर्यावरण की अपेक्षा महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
प्रश्न 18. मानव भूगोल के अध्ययन में वाइडल डी ला ब्लॉश का क्या योगदान है ?
उत्तर: वाइडल डी-ला ब्लॉश के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा इस प्रकार है-मानव भूगोल प्रकृति एवं मनुष्य के बीच पारस्परिक सम्बन्धों को एक नई समझ देता है। उन्होंने मानव भूगोल में संभावनावाद की नींव रखी। जब प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया जाए और जब मानव को निष्क्रिय शक्ति के रूप में देखा जाए तो यह धारणा संभावनावाद कहलाती है। यद्यपि संभावनावाद की संकल्पना प्रथम विश्व युद्ध से पहले की गई लेकिन वाइडल डी. ब्लॉश ने व्यवस्थित तरीके से इस विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया।
उनके अनुसार मनुष्य की जीवन शैली मनुष्य और उसके निवास स्थान के सम्बन्धों को नियंत्रित करने वाले भौतिक ऐतिहासिक और सामाजिक प्रभावों का समन्वित परिणाम है। उन्होंने समान पर्यावरण के भीतर मानव समूह के अन्तर को स्पष्ट करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि विभिन्नतायें भौतिक, पर्यावरण के दबाव के प्रतिफल नहीं अपितु दूसरे कारकों जैसे मानव मूल्य एवं आदतों में परिवर्तन का परिणाम हैं। यही संकल्पना सम्भावनावादियों के लिये आधारभूत दर्शन बनी।
प्रश्न 19. मानव भूगोल के अध्ययन के संदर्भ में फ्रेडरिक रेटजैल के योगदान का वर्णन करें।
उत्तर: फ्रेडरिक रेटजैल मानव भूगोल के जन्मदाता माने जाते हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘एन्थ्रोयोलाजी’ (1899) में भूगोल के अध्ययन को मानव केन्द्रित विचारधारा में परिवर्तित किया। मानव भूगोल के विकास की यह एक युगान्तकारी घटना है। मानव भूगोल को मानव केन्द्रित अध्ययन में स्थापित करने के कारण रेटजैल को आधुनिक मानव भूगोल का जनक कहा जाता है। उसके अनुसार मानव भूगोल मानव समाज एवं भूपृष्ठ के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों का संश्लिष्ट सम्बन्ध है. तथा मानव भूगोल के विषय सर्वत्र वातावरण से संबंधित होते हैं जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग होता है।
प्रश्न 20. चलवासी पशुचारण की प्रमुख विशेषतायें तथा इससे संबंधित क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विशेषताएँ :
- चलवासी पशु चारक विभिन्न समुदायों में विभाजित होते हैं। प्रत्येक समुदाय एक सुस्पष्ट सीमा में विचरण करता है।
- इन्हें अपने क्षेत्र के मौसम के अनुसार चारे तथा जल आपूर्ति की जानकारी होती है।
- इस प्रक्रिया में पशु पूर्णतः प्राकृतिक वनस्पति पर ही निर्भर करते हैं।
- चलवासी पशुचारक गाय, भैंस, घोड़े, भेड़-बकरी पालते हैं।
- इन लोगों का जीवन पूर्णतः पशुओं पर ही निर्भर करता है।
- हिमालय क्षेत्र के चलवासी गुज्जर-बकरवाल, गद्दी व भोटिया भेड़, बकरी व याक पालते हैं।
चलवासी पशुचारण के तीन प्रमुख क्षेत्र निम्न हैं-
- यह क्षेत्र 5° प० अक्षांश के मध्य उत्तरी अफ्रीका के सहारा मरुस्थल से पूर्वी अफ्रीका के तटीय भाग, सऊदी अरब, इराक, ईरान, अफगानिस्तान होता हुआ मंगोलिया तक फैला है।
- यूरेशिया में टुण्ड्रा ।
- दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका तथा मालागासी के पश्चिमी भाग
प्रश्न 21. जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना का क्या अर्थ है ? संसार में पाए जाने वाले व्यावसायिक संरचना के चार प्रमुख वर्गों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर: व्यावसायिक संरचना का अर्थ है किसी देश की विशिष्ट आर्थिक क्रियाओं में जनसंख्या का आनुपातिक वितरण। संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व की जनसंख्या को निम्नलिखित आर्थिक क्रियाओं में विभाजित किया है-
1. कृषि, 2. आखेट, 3. वानिकी, 4. मत्स्य, 5. खनन, 6. विनिर्माण, 7. वाणिज्य आदि। इनको चार समूहों में विभक्त किया जा सकता है-
- प्राथमिक व्यवसाय (Primary Occupation) – इसके अन्तर्गत कृषि, वानिकी, मत्स्य आदि सम्मिलित हैं।
- द्वितीयक अथवा गौण व्यवसाय (Secondary Occupation) – इसके अन्तर्गत विनिर्माण उद्योग आदि आते हैं।
- तृतीयक उद्योग (Terriary Occupation) – इसके अन्तर्गत यातायात, संचार आदि सेवाएँ आती हैं।
- चतुर्थक व्यवसाय (Quarternary Occupation) – इसके अन्तर्गत बौद्धिक व्यवसाय, अनुसंधान, शिक्षा, सूचना आदि आते हैं।
विकसित देशों में द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक व्यवसाय अधिक पाए जाते हैं जबकि विकासशील देशों में प्राथमिक व्यवसाय अधिक पाये जाते हैं।
प्रश्न 22. व्यापारिक पशुपालन किसे कहते हैं ? उसकी चार विशेषतायें लिखें।
उत्तर: बड़े-बड़े फार्मों पर धन कमाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से पशुओं का पालनपोषण करना व्यापारिक पशुपालन कहलाता है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- यह एक बड़े पैमाने पर चारे की फसलों की सहायता से घास के मैदानों में स्थायी रूप से पशुपालन है।
- यह पशुपालन कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बड़े-बड़े फार्मों पर किया जाता है।
- यह पशुपालन शीतोष्ण घास के मैदानों में प्रचलित है जहाँ सम जलवायु पाई जाती है।
- यह प्रायः विकसित देशों जैसे आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों में प्रचलित है।
प्रश्न 23. संसार में उद्योगों की अवस्थिति के लिए कच्चा माल, श्रम तथा ऊर्जा के स्रोतों की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- कच्चा माल (Raw Material) – उद्योगों की स्थापना के लिए कच्चा माल उनका आधार है। भारी कच्चे माल के समीप ही उद्योग लगाए जाते हैं। जैसे–चीनी उद्योग, इस्पात उद्योग आदि।
- श्रम (Labour) – उद्योगों के लिए श्रमिक अनिवार्य हैं। कुछ उद्योग श्रम प्रधान होते हैं तथा कुशल श्रम की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, मुरादाबाद का बर्तन उद्योग, एम्सटरडम का हीरा उद्योग, स्वीडन का मशीन-उपकरण उद्योग आदि।
- ऊर्जा (Energy) – मशीनों को चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा की नियमित आपूर्ति आवश्यक है। उद्योगों को ऊर्जा के स्रोतों के निकट ही लगाया जाता है।
प्रश्न 24. भारी रसायन उद्योगों तथा पेट्रो रसायन उद्योगों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: भारी रसायन उद्योग (Heavy Chemical Industries) – रासायनिक पदार्थ जो कि खनिज अथवा औद्योगिक गौण पंदार्थों पर निर्भर रहते हैं, भारी रसायन कहलाते हैं। उदाहरण-सल्फ्यूरिक, हाइड्रोक्लोरिक।
पेट्रो रासायनिक उद्योग (Petro Chemical Industries) – जो रसायन कोयला, प्राकृतिक गैस या पेट्रोलियम पर निर्भर रहते हैं, वे पेट्रो-कैमिकल कहलाते हैं। उदाहरण-रासायनिक खाद, प्लास्टिक सामग्री आदि।
प्रश्न 25. संसार में रेलमार्गों के विकास में सहायक तीन प्रमुख कारक बताइए।
उत्तर: संसार में रेलमार्गों के विकास में निम्न कारक सहायक हैं-
- समतल भूमि (Plains) – समतल मैदानों में रेलमार्गों का विकास अधिक संभव है। यूरोप और उत्तरी अमेरिका के मैदानों में रेलमार्गों का जाल बिछा हुआ है।
- सघन जनसंख्या (Dense Population) – सघन जनसंख्या के कारण भी अधिक रेलमार्ग बिछाए जाते हैं। उदाहरणस्वरूप भारत का उत्तरी मैदान।
- औद्योगीकरण तथा समृद्ध कृषि (Industrialisation and Developed Agriculture) – उद्योगों के विकास तथा समृद्ध कृषि क्षेत्रों में भी रेलों का अधिक विकास होता है। उदाहरण-यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका।
प्रश्न 26. संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रसिद्ध पाइप लाइन कौन-सी है ? पाइप लाइन परिवहन के चार लाभों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रसिद्ध पाइप लाइन का नाम बिग इंच है। पाइप लाइन परिवहन के लाभ निम्नलिखित हैं-
- पाइपलाइन से तरल तथा गैसीय पदार्थों को दूर स्थानों तक ले जाया जाता है। इनसे पानी, पेट्रोल, गैस आदि ले जाए जाते हैं।
- पाइपलाइन निर्माण में एक बार ही पूँजी निवेश करना पड़ता है। फिर खर्च में कमी आ जाती है और परिवहन सुगम हो जाता है।
- पाइपलाइनों से तरल पदार्थों की आपूर्ति निरंतर बनी रहती है।
- पाइपलाइन को सभी प्रकार के धरातल-ऊबड़-खाबड़, पठारी, पर्वतीय व कठिन भू-भागों यहाँ तक कि पानी के नीचे भी बिछाया जा सकता है।
- इनसे समय की बचत होती है।
- पाइपलाइन द्वारा परिवहन पर्यावरण-हितैषी तीव्र एवं सस्ता है।
प्रश्न 27. सड़क परिवहन सुविधाजनक क्यों होता है ?
उत्तर:
- सड़क परिवहन अपेक्षाकृत सस्ता है। इसकी लागत, मरम्मत और देखभाल तुलनात्मक दृष्टि से कम है।
- सड़कें उपभोक्ता के घर तक पहुँचती हैं। उत्पादक और व्यापारी सड़क परिवहन को अधिक पसंद करते हैं क्योंकि माल को बार-बार उतारना या चढ़ाना नहीं पड़ता।
- यह कम दूरी के लिए बहुत उत्तम है।
- शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुयें, जैसे सब्जियाँ, फल, दूध उत्पाद आदि के लिए उपयोगी हैं।
- कहीं भी कभी भी अर्थात् समय और स्थान की पाबन्दी नहीं है। यात्री और सामान को कहीं से कहीं भी ढोया जा सकता है।
- पैकिंग आदि की आवश्यकता नहीं। फल, सब्जियाँ आदि सीधे ट्रकों से ढोई जा सकती हैं।
प्रश्न 28. पत्तनों को अंतर्राष्टीय व्यापार का प्रवेश द्वार क्यों कहते हैं ?
उत्तर: समुद्र तट का वह स्थान जहाँ से भारी मात्रा में माल समुद्री मार्गों से स्थलमार्गों द्वारा और स्थलमार्गों से समुद्री मार्ग द्वारा भेजा जाता है, पत्तन कहलाता है। पत्तन अपने पृष्ठ प्रदेश (Hinter land) के लिए विदेशों से माल आयात करता है तथा अपने पृष्ठ प्रदेश में उत्पादित माल दूसरे देशों को भेजता है।
पत्तन सागरीय व्यापार के द्वार होते हैं जहाँ जहाजों के ठहरने का उचित प्रबन्ध होता है। जहाजों से सामान उतारने तथा उन पर सामान लादने की भी उचित व्यवस्था होती है। पत्तन का मुख्य कार्य आयात एवं निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को कम समय में सक्षम ढंग से भेजना है। इसकी क्षमता माल के भार तथा जलयानों की संख्या से आंकी जाती है। पत्तनों पर अनेक प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। जैसे-माल रखने के लिए गोदाम की सुविधा, यात्रियों के ठहरने के लिए विश्रामगृह, नौगम्य चैनल के रख-रखाव की सुविधा। ये देश के आंतरिक भागों से रेल तथा सड़कों द्वारा जुड़े हुए होते हैं। इस प्रकार पत्तन व्यापार के लिए स्थल से समुद्र तक तथा समुद्र से स्थल तक द्वार का काम करते हैं। अतः इन्हें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
प्रश्न 29. आयात और निर्यात में अंतर बताइए।
उत्तर:
आयात और निर्यात में अंतरआयात (Import)-
- एक देश जो माल दूसरे देशों से मँगवाता है, उसे आयात कहते हैं।
- आयात व्यापार के लिए देशों को अपनी बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को खर्च करना होता है।
- आयात द्वारा देश अपने उद्योगों के विकास के लिए मशीनें, कच्चा माल आदि प्राप्त करता है।
- जनता के उपभोग के लिये आवश्यक सामग्री आयात करता है।
निर्याता (Export)-
- किसी देश से जो माल अन्य देशों को भेजा जाता है, उसे निर्यात कहते हैं।
- निर्यात तभी होता है जब किसी देश में वस्तुओं का उत्पादन अधिशेष हो और दूसरे देश इसकी माँग करते हों।
- वे देश जो वस्तुओं का उत्पादन अधिक मात्रा में करते हैं और उनको वे बाहर भेजना चाहते हैं, निर्यात कहलाता है।
- निर्यात द्वारा देश विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
प्रश्न 30. सतलुज-गंगा के मैदान में सघन जनसंख्या के संकेन्द्रण के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में भौतिक कारकों के साथ सामाजिक तथा आर्थिक कारक भी सम्मिलित हैं। सतलुज-गंगा के मैदान में सघन जनसंख्या संकेन्द्रण के कारण निम्नलिखित हैं-
- समतल मैदान (Levelled Plain) – सतलुज-गंगा का मैदान समतल है। मैदान के उपजाऊ होने के साथ-साथ अन्य सभी सुविधायें उपलब्ध हैं।
- निरन्तर जल आपूर्ति (Continuous Water Supply) – इस मैदान में अनेक सदावाही नदियाँ हैं। अतः कृषि के लिए जल की आपूर्ति निरन्तर बनी रहती है।
- जलवायु (Climate) – इस मैदान में मृदुल जलवायु के कारण वर्ष भर वर्धनकाल लम्बा रहता है। इसलिए कृषि कार्य संभव है।
प्रश्न 31. आयु के आधार पर भारत की जनसंख्या के तीन प्रमुख वर्ग कौन-से हैं ? कार्यरत आयु वर्ग कौन-सा है ? इस आयु वर्ग की तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: आयु के आधार पर जनसंख्या को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : युवक, प्रौढ़ तथा वृद्धा।
युवक 0-14 वर्ष, प्रौढ़ 15-59 वर्ष तथा वृद्ध 60 वर्ष से अधिक।
कार्यरत वर्ग 15-59 वर्ष के वर्ग समूह को कहा जाता है। इसकी तीन विशेषताएँ निम्न हैं-
- कार्यरत वर्ग का अनुपात 56.7% है।
- इस वर्ग में स्त्रियों के अनुपात को प्रजनन वर्ग कहा जाता है।
- इस वर्ग पर देश की सहभागिता निर्भर है।
प्रश्न 32. भारत में जनसंख्या प्रवास के मुख्य कारण कौन-से हैं ?
उत्तर: भारत में जनसंख्या प्रवास के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
- आजीविका अथवा रोजगार (Employment) – ग्रामीण इलाकों में अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर करते हैं। बहुत बड़े भाग को गाँवों में आजीविका उपलब्ध नहीं होती इसलिए वे नगर की ओर रोजगार के लिए जाते हैं।
- विवाह (Marriage) – विवाह प्रवास का एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक कारक है। प्रत्येक लड़की को विवाह के पश्चात् अपनी ससुराल के घर जाकर रहना पड़ता है।
- शिक्षा (Education) – ग्रामीण इलाकों से शिक्षा विशेषकर उच्च शिक्षा के लिए बड़े नगरों में आकर रहना पड़ता है।
- सरक्षा की कमी (Lack of Security) – राजनीतिक तथा जातीय दंगों के कारण लोग अपने घरों को छोडकर सरक्षित स्थानों की ओर प्रवास करते हैं। जैसे कश्मीर घाटी के पंडित सुरक्षित स्थानों में रहने चले गए हैं।
- कृषि पर दबाव (Pressure on Agriculture) – कृषि पर जनसंख्या के अधिक दबाव के कारण बहुत से ग्रामीण बेरोजगार होने लगते हैं। इसलिए ये लोग नगरों की ओर प्रवास करते हैं।
प्रश्न 33. उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के दो कारण बताइए।
उत्तर: उत्तरी भारत में मानव विकास के निम्न स्तर के कारण निम्नलिखित हैं-
- गरीबी (Poverty) – पंजाब, हरियाणा को छोड़कर अन्य जैसे-उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, असम आदि राज्यों में गरीबी के कारण मानव विकास नहीं हो पाया है।
- पिछडा (Backwardness) – ये प्रदेश कृषि प्रधान होने के कारण अन्य क्षेत्रों में पिछडे हुए हैं जैसे-औद्योगिकीकरण आदि। शिक्षा का स्तर भी नीचा है। पिछड़ेपन के कारण इन राज्यों का मानव विकास नहीं हो पाया है।
प्रश्न 34. देश में अपेक्षाकृत निम्न साक्षरता दर के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: स्वतंत्रता के पश्चात् भारत में पहली बार 90 के दशक में 3.19 करोड़ निरक्षरों की कमी हुई। 1951 में साक्षरता दर केवल 18.33% थी। 2001 में यह बढ़कर 65.38 हो गई । पुरुष साक्षरता दर की तुलना में अभी भी स्त्री साक्षरता दर कम है।
भारत में साक्षरता दर के निम्न होने के कारण निम्नलिखित है-
- गरीबी (Poverty) – भारत में अभी भी बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं।
- समाज में स्त्रियों की स्थिति (Position of Women in the Society) – भारत में स्त्रियों को समाज में समान दर्जा प्राप्त नहीं है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री शिक्षा पर बल नहीं दिया जाता। इसलिए स्त्री शिक्षा अभी भी बहुत कम है।
- शिक्षा सविधाओं का अभाव (Lack of Education Facilities) – भारत में प्राथमिक विद्यालयों का अभाव है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का व्यापक प्रचार नहीं हुआ है।
- अजानता (Ignorance) – अनेक जनजातीय क्षेत्रों में अज्ञानता के कारण शिक्षा पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता इसलिए साक्षरता दर में कमी रहती है।
- नगरीकरण की स्थिति (Urbanisation) – भारत में अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है इसलिए साक्षरता दर नीची है। नगरों में साक्षरता दर ऊँची होती है।
प्रश्न 35. देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की संभावना क्यों है ?
उत्तर: कृषि क्षेत्र में सतह जल का 89% और भूमिगत जल का 92% उपयोग होता है। इसके विपरीत औद्योगिक क्षेत्र में सतह जल केवल 2% और भूमिगत जल का 5% ही उपयोग होता है। कुल जल उपयोग में कृषि क्षेत्र का भाग अन्य क्षेत्र से अधिक है। अन्य क्षेत्रों का भाग बढ़ाने के लिये कृषि क्षेत्र का उपयोग कम करना आवश्यक है।
प्रश्न 36. लोगों पर संदूषित जल/गंदे पानी के उपयोग के क्या संभव प्रभाव हो सकते हैं ?
उत्तर: दुषित जल के उपयोग से गरीबों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। दूषित जल से जलजनित बीमारियाँ हो जाती हैं। इनमें हैजा, डायरिया, पीलिया आदि प्रमुख हैं।
प्रश्न 37. पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ?
उत्तर: पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु में नदी बेसिनों में भूमिगत जल का स्तर अपेक्षाकृत ऊँचा है क्योंकि इन नदियों में पुनः पूर्ति योग्य भूमिगत जल की मात्रा अधिक है।
प्रश्न 38. देशों में सिंचाई के विभिन्न साधनों के सापेक्षिक महत्त्व में परिवर्तन का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में सिंचाई के तीन प्रमुख साधन हैं-नहरें, कुएँ और तालाब। समय के अनुसार प्रत्येक साधन का सापेक्ष महत्त्व बदलता रहा है।
1950 तक नहरें सिंचाई का महत्त्वपूर्ण साधन थीं। नहरों की भागीदारी लगभग 40% थी। 1950 के बाद नहरों द्वारा सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत अनुपात कुओं तथा नलकूपों द्वारा सिंचित क्षेत्र की तुलना में घटता गया और 1999-2000 में घटकर 31.3% रह गया।
इसी प्रकार तालाब द्वारा सिंचित क्षेत्र का अनुपात 1950 में 17.3% था जो घटते हुए 1999-2000 में केवल 4.7% रह गया। तालाबों द्वारा सिंचाई का महत्त्व समय के साथ-साथ कम हो गया जबकि कुएँ और नलकूप से सिंचाई के महत्त्व में लगातार वृद्धि होती गई। 1950-51 में कुएँ और नलकूप द्वारा सिंचाई का प्रतिशत अनुपात 28.7% था जो बढ़कर 1990-91 में 51.5% तथा 2000 तक 58.8% हो गया। कुओं तथा नलकूपों द्वारा सिंचाई का महत्त्व बढ़ने के कारण नलकूपों में डीजल तथा विद्युत पंखों का आरम्भ होना था।
प्रश्न 39. वर्षा जल संग्रहण क्या है ? आजकल यह भारत में क्यों आवश्यक है ? चार कारण दीजिए।
उत्तर: वर्षा जल संग्रहण भौम जल में पुन:भरण की एक तकनीक है। इसमें स्थानीय रूप से वर्षा जल को एकत्र करके भूमि जल भंडारों को भरना है जिससे भौम जल के जल पटल में जल की कमी न रहे और इस जल से लोगों की स्थानीय माँग की पूर्ति होती रहे। वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता के निम्न कारण हैं-
- जल की निरन्तर माँग को पूरा करते रहना।
- नालियों को रोकने वाले सतही प्रवाह को कम करना।
- सड़कों के जल भराव को रोकना।
- भौम जल प्रदूषण को रोककर प्रदूषण को घटाना।
- भौम जल की गुणवत्ता को सुधार कर उसे बढ़ाना।
- मृदा अपरदन को रोकना।
- ग्रीष्म काल में जल की घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करना।
प्रश्न 40. ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर: अपारंपरिक ऊर्जा में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भू तापीय ऊर्जा, जैव ऊर्जा आदि सम्मिलित हैं।
ये उपर्युक्त संसाधन समान रूप से वितरित तथा पर्यावरणीय हितैषी हैं। इन संसाधनों से सतत पोषणीय पर्यावरणीय हितैषी तथा सस्ती. ऊर्जा मिलती है।
प्रश्न 41. अन्तर स्पष्ट करें – (i) धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज (ii) ताप विद्युत और जल विद्युत
उत्तर:
(i) धात्विक खनिज (Metalic Minerals)-
- जिन खनिजों को पिघलाने से धातुएँ बनती हैं उन्हें धात्विक खनिज कहते हैं। जैसे-लोहा, ताँबा आदि।
- इनकी अपनी चमक होती है।
- ये आग्नेय और कायान्तरित शैलों में पाये जाते हैं।
- इनका औद्योगिक महत्त्व बहत अधिक है।
- इनकी तार व छड़ें नहीं बनाई जा सकती हैं।
अधात्विक खनिज (Non-metalic Minerals)-
- जिन खनिजों में धातुएँ नहीं होती उन्हें अधात्विक खनिज कहते हैं। जैसे-नमक, कोयला आदि।
- ये ठोस, तरल अथवा गैस के रूप में होते हैं।
- ये अवसादी शैलों में मिलते हैं।
- चूना पत्थर, कोयला आदि अधात्विक खनिज हैं।
- इनकी तार व चादरें बनाई जा सकती हैं।
(ii) ताप विद्युत (Thermal Electricity)-
- यह कोयला, डीजल अथवा परमाणु ऊर्जा से तैयार की जाती है।
- ये साधन समाप्य साधन हैं। इसलिए अधिक खर्चीले साधन हैं।
- ये पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। कोयले से धुआँ निकलता है जो पर्यावरण को प्रदूषित करता है।
- ताप विद्युत संयंत्र कोयला अथवा परमाणु ऊर्जा के संसाधनों के समीप ही बनाये जाते हैं।
जल विद्युत (Hydro Electricity)-
- यह नदियों पर बाँध बनाकर तैयार की जाती है।
- जल एक असमाप्य साधन है। इसलिए जल विद्युत भी असमाप्य संसाधन है।
- यह प्रदूषित रहित है।
- यह कम खर्चीला साधन है।
प्रश्न 42. भारत में पेट्रोलियम के किन्हीं तीन व्यापारिक उत्पादन क्षेत्रों का वर्णन करें।
उत्तर: भारत में पेट्रोलियम का व्यापारिक उत्पादन निम्न क्षेत्रों में किया जाता है-
- उत्तर-पूर्वी प्रदेश (North-east Regions) – इस प्रदेश में तेल क्षेत्र हैं-डिग्बोई, नहर कटिया, मोरान, रुद्रसागर आदि।
- गुजरात प्रदेश (Gujarat Region) – अंकलेश्वर, कलोल, नवगाव, कोसावा, महसाना, आलियावेंट आदि।
- मुम्बई हाई (Mumbai High) – यह क्षेत्र मुम्बई से 176 किमी अरब सागर में अपतट क्षेत्र है। यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। यहाँ से देश के उत्पादन का दो-तिहाई तेल निकाला जाता है।
प्रश्न 43. चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है ?
उत्तर: चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है। इसके निम्न कारण हैं-
- यह उद्योग गन्ने के उत्पादन समय पर निर्भर करता है।
- गन्ने का भंडारण लम्बे समय तक नहीं हो सकता इसलिये गन्ने की कटाई के समय ही यह उद्योग चलाया जाता है। गन्ना एक निश्चित समय में काटा जाता है।
- इस उद्योग पर वर्ष भर कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो सकती। इसलिये गन्ना की कटाई के समय ही यह उद्योग चालू रहता है।
प्रश्न 44. लोहा-इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है, ऐसा क्यों ?
उत्तर: लोहा इस्पात उद्योग के विकास ने भारत में औद्योगीकरण के द्वार खोल दिये हैं। लगभग सभी क्षेत्र लोहा इस्पात उद्योग पर निर्भर करता है। लोहा इस्पात उद्योग में अन्य उद्योगों के लिये मशीनरी उपकरण आदि तैयार होते हैं। इसके विभिन्न उत्पाद अन्य उद्योगों के लिये कच्चा माल है। जीवन का हर क्षेत्र लोहे से प्रभावित है। इसलिये यह उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है।
प्रश्न 45. सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताइए। वे किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर: सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टर हैं-
- हथकरघा सेक्टर तथा
- शक्ति करघा सेक्टर।
हथकरघा क्षेत्र में वस्त्र हाथ से बनाये जाते हैं जबकि शक्ति करघा क्षेत्र में मशीनों से वस्त्र निर्माण होता है। शक्ति करघा क्षेत्र में 59% वस्त्र का निर्माण होता है।
प्रश्न 46. भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के प्रमुख प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर: सूचना प्रौद्योगिकी का भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस उद्योग ने देश में आर्थिक और सामाजिक विकास की नई संभावनायें खोल दी हैं। इसने व्यापार प्रक्रिया को बाह्य स्रोत सम्बन्धी बना दिया है।
भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से उभरकर आया है जिसके द्वारा व्यापार तथा अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है।
प्रश्न 47. उद्योग की स्थापना के लिए कौन-कौन से चार मुख्य कारक सहायक होते हैं ? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर: उद्योगों की स्थापना के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं-
1. कच्चे माल की निकटता (Nearness of the Raw Materials) – भारी उद्योग के लिए कच्चा माल निकट और सस्ता मिलना चाहिए। इसलिये इस प्रकार के उद्योग कच्चे माल के समीप लगाये जाते हैं। जैसे-लोहा तथा इस्पात उद्योग के लिये लोहा समीप मिलना चाहिए।
2. शक्ति के साधन (Means of Power) – उद्योगों के लिये शक्ति के साधन जैसे कोयला, बिजली आदि आवश्यक है। कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस आदि के बिना आधुनिक उद्योग का विकास संभव नहीं है। नांगल (पंजाब) में उर्वरक का कारखाना आपूर्ति के ही समीप है।
3. परिवहन की सुविधा (Transport Facilities) – उद्योगों के लिए कच्चा माल लाने और तैयार माल ले जाने के लिए परिवहन के अच्छे साधनों का होना आवश्यक है। कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई बंदरगाह अपने पृष्ठ प्रदेशों से रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग से जुड़े हैं।
4. कुशल एवं सस्ते श्रमिक (Skilled and Cheap Labour) – उद्योगों को चलाने के लिए पर्याप्त संख्या में सस्ते श्रमिक आवश्यक हैं। कुछ उद्योग तो श्रमप्रधान ही होते हैं। इन्हें विशेष दक्षता वाले श्रमिकों की आवश्यकता होती है। मुरादाबाद का बर्तन उद्योग, फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग, बनारस का साड़ी उद्योग ऐसे ही उद्योग हैं।
5. बाजार की निकटता (Nearness of Market) – उद्योगों के तैयार माल के लिये बाजार का समीप होना आवश्यक है, विशेषकर भारी वस्तुओं को बेचने के लिए बाजार की निकटता प्रभावी कारक हैं।
6. जल की आपूर्ति (Water Supply) – कुछ उद्योगों के लिए भारी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। जैसे लोहा तथा इस्पात उद्योग, वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग आदि जल के स्रोत के निकट ही लगाये जाते हैं।
प्रश्न 48. सॉफ्टवेयर पार्कों से किस प्रकार के उद्योग सम्बन्धित हैं ? आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में स्थित एक-एक सॉफ्टवेयर पार्क का नाम बताएँ।
उत्तर: सॉफ्टवेयर पार्क से सूचना और प्रौद्योगिकी उद्योग सम्बन्धित है। ये केन्द्र सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों के लिए सूचना प्रदान करते हैं।
कनार्टक राज्य में बंगलौर तथा आन्ध्र प्रदेश में हैदराबाद प्रमुख सॉफ्टवेयर पार्क हैं।
प्रश्न 49. हुगली औद्योगिक प्रदेश के विकास के लिये उत्तरदायी कारकों का वर्णन करें।
उत्तर: हुगली औद्योगिक प्रदेश के विकास के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं-
- ऐतिहासिक कारक – इसका विकास 17वीं शताब्दी के अन्तिम चरणों में हुआ। 1855 में रिसरा नामक स्थान पर पहली जूट मिल खुली।
- छोटानागपुर पठारी क्षेत्र में उपलब्ध खनिज पदार्थों ने इस प्रदेश के विकास में योगदान दिया है।
- इस प्रदेश का आन्तरिक भाग रेलमार्गों और सड़क मार्गों से जुड़ा है जिससे औद्योगिक पट्टी के विकसित होने में मददं मिली।
- कोलकाता बंदरगाह का विकास इसकी स्थापना का एक अन्य कारक था ।
प्रश्न 50. इन्दिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र का सिंचाई पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा ?
उत्तर: नहर निकलने से सिंचाई द्वारा प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था में दृष्टिगोचर परिवर्तन हुआ है। क्षेत्र में मृदा आर्द्रता बढ़ी है। कृषि सिंचाई से कृषि योग्य क्षेत्र में वृद्धि हुई है। पारम्परिक फसलें बाजरा, गुआर, चना के स्थान पर गेहूँ का उत्पादन किया जाने लगा है। इसके साथ कपास, मूंगफली और चावल की कृषि की जाने लगी है। यह गहन कृषि सिंचाई का परिणाम है।
प्रश्न 51. किसी देश के विकास के लिये नियोजन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
- भारत जैसे विकासशील देश में यह टिकाऊ विकास का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसका उद्देश्य बहुमुखी विकास है जिसमें कृषि, उद्योग, परिवहन, जनस्वास्थ्य, शिक्षा आदि की उन्नति का विशेष महत्व है।
- नियोजन का उद्देश्य संविधान में घोषित सामाजिक दायित्वों के उद्देश्यों की क्रमिक रूप में कुछ अवस्थाओं के रूप में संकल्पना की जाती है।
- नियोजन की आवश्यकता प्रादेशिक तथा सामाजिक विषमताओं और असन्तुलन को घटाने के उद्देश्य से होती है। नियोजन क्रमिक अवस्थाओं में सीमित संसाधनों तथा प्रौद्योगिकी के साथ किए जाने वाला प्रयास है जिससे देश का क्रमिक रूप में आर्थिक विकास होता है।
प्रश्न 52. भारत में रोजगार की क्या स्थिति है ?
उत्तर: रोजगार-जनन भी नियोजन की आवश्यकताओं में से एक रहा है। 1983 में भारत में रोजगार की कुल संख्या लगभग 3.03 करोड़ आँकी गई थी जो 2000 में बढ़कर 3.97 करोड़ हो गई। इससे स्पष्ट है कि रोजगार के अवसरों में लगातार वृद्धि तो हुई परन्तु जनसंख्या वृद्धि दर की तुलना में यह धीमी गति से बढ़ी। 1972-78 की अवधि में रोजगार की औसत वार्षिक वृद्धि दर 2.72% थी जो 1983-88 में घटकर 1.54% और 1993-2000 की अवधि में 1.03% रह गई।
वर्तमान समय में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। 1996-97 में रोजगार की तलाश में युवकों की संख्या: 3.7 करोड़ तक बढ़ गई।
प्रश्न 53. परिवहन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर: लोगों के आवागमन और सामान की ढुलाई को सुविधाजनक बनाने के लिए परिवहन की आवश्यकता होती है। यह यात्रियों और माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का साधन है। परिवहन तंत्र देश की जीवन रेखा होता है। परिवहन तंत्र स्थानीय बाजारों को एक-दूसरे से तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ता है। किसी देश का परिवहन जाल जितना अधिक विकसित होगा, उतनी ही सुदृढ़ वहाँ की अर्थव्यवस्था होती है।
प्रश्न 54. सड़क परिवहन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर: सड़क परिवहन के निम्नलिखित लाभ हैं-
- सड़क परिवहन सीधा उपभोक्ता के घर तक ले जाता है।
- पहाड़ी, उबड़-खाबड़ और मरुस्थलों में भी सड़क बनाना संभव है।
- बस, ट्रक आदि कहीं भी रुककर माल अथवा सवारी उतार सकते हैं और ले जा सकते हैं।
- शीघ्र नाशवान वस्तुओं जैसे-दूध, फल, सब्जियों को शीघ्र सड़क परिवहन द्वारा पहुँचाना संभव है।
- निर्माण और मरम्मत व्यय रेलों की तुलना में कम है।
- छोटी दूरियों के लिये सड़क मार्ग ही उपयुक्त रहते हैं।
- सूखा और बाढ़ की स्थिति में सड़क के द्वारा रेलों की तुलना में पीड़ित क्षेत्रों तक पहुँचना अधिक संभव है।
- सुरक्षा को सड़क सुदृढ़ बनाती है।
- जनसम्पर्क सुविधा-सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सम्पर्कों के लिये सड़कें अधिक – उपयोगी होती हैं।
प्रश्न 55. चार राष्ट्रीय महामार्गों के नाम उनके टर्मिनल सहित बताएँ।
उत्तर:
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-1 (National Highway No.-1) – इसे शेरशाह सूरी मार्ग भी कहते हैं। यह दिल्ली और अमृतसर को जोड़ता है।
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-2 (National Highway No.-2) – यह दिल्ली और कोलकाता को जोड़ता है।
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-3 (National Highway No.-3) – यह ग्वालियर और मुम्बई को जोड़ता है।
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-4 (National Highway No.-4) – यह चेन्नई और थाणे को जोडता है।
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-5 (National Highway No.-5) – यह पूर्वी तट के साथ बहरा घोरा और चेन्नई के बीच है।
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-6 (National Highway No.-6) – यह देश का दूसरा सबसे लम्बा (1949 किमी) महामार्ग है। यह महामार्ग कोलकाता से संबलपुर, नागपुर होते हुए धुले तक जाता है।
- राष्ट्रीय महामार्ग नं०-7 (National Highway No.-7) – देश का सबसे लम्बा (2369 किमी) महामार्ग है जो वाराणसी से कन्याकुमारी तक जाता है।
प्रश्न 56. जनसंख्या परिवर्तन के तीन निर्धारक घटक कौन-से हैं?
उत्तर: जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं-जन्म-दर, मृत्यु-दर और प्रवास। एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्ति पर जन्म और मृत्यु की संख्या को क्रमशः अशोधित जन्म-दर और अशोधित मृत्यु-दर कहते हैं। जन्म और मृत्यु की संख्या में अंतर द्वारा होने वाले परिवर्तन को प्राकृतिक वृद्धि या ह्रास कहते हैं। तीसरा घटक प्रवास है, जिसमें आप्रवास अंतः प्रवास और उत्प्रवास, बाह्य प्रवास शामिल हैं। आप्रावास अंतः प्रवास से जनसंख्या बढ़ती है और उत्प्रवास। बाह्य प्रवास से जनसंख्या कम होती है। आप्रवास और उत्प्रवास शब्द का प्रयोग अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के लिए होता है और अंतःप्रवास और बाह्य प्रवास का अंतर्देशीय प्रवास के लिए। जन्म-दर, मृत्यु-दर और प्रवास तीनों के फलस्वरूप जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन का वास्तविक परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 57. भारत के प्रमुख पत्तनों की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। किन्हीं दो राज्यों के नाम लिखिए जहाँ दो प्रमुख पत्तन हैं।
उत्तर: भारत में 12 प्रमुख पत्तन हैं – जिनमें मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, तूतीकोरन, विशाखापटनम और कांडला आदि मुख्य हैं।
भारत के प्रमुख पत्तनों की विशेषताएँ-
- ये बन्दरगाह प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों हैं।
- ये सभी औद्योगिक प्रदेशों से जुड़े हैं।
मुम्बई तथा न्हावा शेवा महाराष्ट्र के दो बन्दरगाह हैं। तमिलनाडु में चेन्नई तथा तूतीकोरन दो बन्दरगाह हैं।
प्रश्न 58. अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राज्यीय प्रवास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: अंतर्राज्यीय प्रवास का अर्थ – जब कोई व्यक्ति राज्य के एक शहर से दूसरे शहर में जाकर निवास करता है तो इसे अंतर्राज्यीय प्रवास कहते हैं। इसके लिए किसी प्रकार की सरकारी आदेश की कोई जरूरत नहीं है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय प्रवास में कोई व्यक्ति एक देश के किसी शहर से दूसरे देश के किसी शहर में आवास या निवास करता है इसके लिए उसे सरकारी नियमों का संवैधानिक पालन करना पड़ता है।
प्रश्न 59. पश्चिम बंगाल में जूट की कृषि का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में कुल जूट उत्पादन का 50 प्रतिशत इस राज्य में उत्पन्न किया जाता है। (पश्चिम बंगाल) दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, वर्द्धमान, हुगली, हावड़ा, मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद, चौबीस परगना प्रदेश के प्रमुख जूट उत्पादक जिले हैं। इन जिलों की 85 प्रतिशत भूमि पर जूट बोया जाता है।
प्रश्न 60. उपग्रह संचार क्या है ? उपग्रह संचार के तीन लाभ बताइए।
उत्तर: संचार मानव जीवन के लिए आवश्यक है। वर्तमान समय में कोई भी व्यक्ति एक दूसरे से बातचीत किये बिना नहीं रहा सकता है। अब अधिकतर लोग संचार माध्यमों का उपयोग करते हैं।
कृत्रिम उपग्रहों के आविष्कार ने सार्वभौमिक संचार के इतिहास में एक नये युग का सूत्रपात किया है।
उपग्रह संचार के तीन लाभ-
- संचार उपग्रह-अंतरिक्ष में तीव्र क्षमता वाले प्रसारण का कार्य करते हैं।
- इससे दुनिया में अलग-अलग भागों में दूर-दूर स्थित केन्द्र भी माइक्रोवेव सम्पर्क के द्वारा एक-दूसरे से जोड़े जा सकते हैं।
- पृथ्वी के किसी भी स्थान से देखने पर इनकी स्थिति स्थिर बनी रहती है।
प्रश्न 61. मेट्रो रेलवे क्या है ?
उत्तर: मेट्रो रेलवे भूमि के अंदर कोलकाता एवं दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण मुक्त, अत्याधुनिक, स्वचालित गाड़ी नियंत्रण प्रणाली एवं यात्री नियंत्रण प्रणाली से लैस होकर विद्युत चालित रेलगाड़ियों का परिचालन है।
प्रश्न 62. भारत में सिंचाई के कौन-कौन से साधन हैं ?
उत्तर: भारत में सिंचाई के निम्नलिखित साधन हैं-
- कुआँ
- नहर
- नदी
- ट्यूबबेला
प्रश्न 63. बहुउद्देशीय योजना का क्या अर्थ है ?
उत्तर: भारत में नियोजित आर्थिक विकास का शुभारंभ 1951 में प्रथम योजना के प्रारंभ से हुआ लेकिन नियोजन के लिए सैद्धांतिक प्रयास स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व ही प्रारंभ हो गये थे। बहुउद्देशीय योजना का अर्थ सरकार द्वारा एक साथ अनेक उद्देश्य को साथ में लेकर चलना होता है अर्थात् इस योजना के अंतर्गत बहुत-सी योजना सम्मिलित होती है।
प्रश्न 64. आधुनिक निर्माण उद्योग की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर: आधुनिक निर्माण उद्योग प्रशासकीय अधिकारी वर्ग के अंतर्गत एक जटिल तकनीकी तंत्र के तहत कार्य करता है, जिसमें अधिक पूँजी की सहायता से विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम समय एवं कम लागत में अधिक माल का उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 65. विश्व जनसंख्या वितरण की प्रमुख विशेषताओं को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: विश्व जनसंख्या वितरण के अंतर्गत स्थल भाग में मात्र 10 प्रतिशत क्षेत्र पर विश्व की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। इनमें भी विश्व की 60 प्रतिशत जनसंख्या 10 सर्वाधिक आबादी देशों में रहती है। इन 10 देशों से 6 एशिया महादेश में हैं।
प्रश्न 66. जल विद्युत शक्ति का विकास उत्तर भारत में अधिक क्यों हुआ? कोई तीन कारण लिखिए।
उत्तर: जल विद्युत शक्ति का विकास उत्तर भारत में अधिक हुआ है। इसके तीन प्रमुख कारण हैं-
- उत्तर भारत की नदियाँ सदावाहिनी हैं जो गहरी, संकरी घाटियों से होकर गुजरती हैं।
- इन पर बाँध बनाना एवं विद्युत उत्पादन करना सुगम है।
- उपजाऊ मैदान एवं कई महत्त्वपूर्ण औद्योगिक प्रदेशों से होकर बहने के कारण बिजली की माँग यहाँ अधिक है।
प्रश्न 67. वृद्धि एवं विकास के मध्य क्या अंतर हैं ?
उत्तर: वद्धि एवं विकास दोनों समय आधारित है। वद्धि मात्रात्मक यानि धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों तथा मूल्य निरपेक्ष होता है। जबकि विकास का संबंध गुणात्मक परिवर्तन से है। यह तब होता है जब गणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
प्रश्न 68. देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की संभावना क्यों है ?
उत्तर: कृषि क्षेत्र में सतह जल का 89% और भूमिगत जल का 92% उपयोग होता है। इसके विपरीत औद्योगिक क्षेत्र में सतह जल केवल 2% और भूमिगत जल का 5% ही उपयोग होता है। कुल जल उपयोग में कृषि क्षेत्र का भाग अन्य क्षेत्र से अधिक है। अन्य क्षेत्रों का भाग बढ़ाने के लिये कृषि क्षेत्र का जल उपयोग कम करना आवश्यक है।
प्रश्न 69. इंटरनेट क्या है ? इसकी विशेषतायें बताइए।
उत्तर: इंटरनेट कम्प्यूटर प्रणाली दूर संचार के लिए एक सशक्त माध्यम है। यह सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए प्रयोग की जानेवाली संसार की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है। यह लगभग 100 देशों के 1 अरब से भी अधिक लोगों को आपस में जोड़ता है।
इन्टरनेट की सुविधाजनक सम्पर्क प्रणाली द्वारा कोई प्रयोगकर्ता माइक्रो कम्प्यूटर और मोडम के माध्यम से साइबर स्पेस से जुड़ सकता है। इस प्रकार वह विश्व के किसी केन्द्र से जुड़कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। साइबर स्पेस एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटरीकृत क्षेत्रका संसार है जो इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब की प्रौद्योगिकी से संचालित होता है।
आज लाखों ग्राहक इंटरनेट से जुड़े रहते हैं। सूचना संसार के आकार, प्रयोग तथा महत्त्व में वृद्धि हो रही है। इंटरनेट के अंतर्गत ई-मेल त इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (ई-कॉमर्स/ई-मेल) भी शामिल हैं।
प्रश्न 70. भारत के विशाल मैदान भौम जल संसाधनों में संपन्न क्यों हैं ?
उत्तर: भारत में वर्षा से प्राप्त जल की कुल मात्रा का लगभग 22% भाग जल भूमि द्वारा सोख लिया जाता है। इसका 60% भाग मिट्टी की ऊपरी सतह तक ही पहुँचता है। यही जल कृषि उत्पादन के लिए अधिक महत्त्वपूर्ण है। देश के कुल भौम जल भंडारण का लगभग 42% भाग भारत के विशाल मैदानों में पाया जाता है। इसके कारण निम्नलिखित हैं-
- विशाल मैदानों में जलोढ़ मृदा पाई जाती है जिसमें जल आसानी से रिस जाता है।
- इन मैदानों में बहने वाली नदियाँ सदानीरा हैं। इसमें वर्ष भर जल प्रवाह उच्च रहता है।
- इन मैदानों में पर्याप्त गहराई तक अवसादी शैल पाई जाती है जिसमें जल की मात्रा का अधिक संग्रहण होता है।
- इन मैदानों में मानसून वर्षा भी पर्याप्त होती है जो जल का एक स्रोत है और इस वर्षा त्ला जल रिसकर भौम जल बनाता है।
प्रश्न 71. भारत के संभावित पृष्ठीय जल संसाधनों के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर: भारत में संभावित पृष्ठीय जल नदियों, तालाबों, झीलों में पाया जाता है। भारत में हिमालयी नदी तंत्रों का भरपूर जल संसाधन उपलब्ध है। के० एल० राव के अनुसार भारत में कुल नदियों (धाराओं) की संख्या 10,360 है।
भारत की समस्त नदियों का औसत वार्षिक प्रवाह 1869 अरब घन मीटर है लेकिन इनका केवल 32% जल ही उपयोग के लिए उपलब्ध है। कुल पृष्ठीय जल का 60% भाग सिन्धु-गंगा -ब्रह्मपुत्र में से होकर आता है।
भारत में सिन्धु और उसकी सहायक नदियों का औसत वार्षिक प्रवाह लगभग 73 अरब घन मीटर है। गंगा-ब्रह्मपत्र नदियों का जल उनकी सहायक नदियों सहित क्रमशः 501 तथा 537 अरब घन मीटर है। गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियाँ संसार की सबसे बड़ी नदियों में से हैं। भारत की सभी नदियों का वार्षिक जल प्रवाह विश्व की सभी नदियों के कुल वार्षिक जल प्रवाह के 6% के लगभग है।
प्रश्न 72. बस्ती से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: अभिन्यास (प्लान) वाले मकानों और झोपड़ियों के समूह को बस्ती कहते हैं। एक बस्ती का निर्माण घरों के समूह से होता है। एक बस्ती 10 या 12 झोपड़ियों का समूह होता है अथवा यह सैकड़ों मकानों का समूह भी हो सकता है। बस्ती में रहने के लिए मकान, पशुओं के लिए बाड़े (घेर) और औजारों व उपकरणों तथा उत्पादित वस्तुओं को रखने के लिए भंडार गृह शामिल है।
प्रश्न 73. बसावट किसे कहते हैं ?
उत्तर: किसी क्षेत्र या प्रदेश पर लोग मकान या ढाँचे खड़े कर लेते हैं। उस क्षेत्र पर बसने की प्रक्रिया अथवा परिघटना को बसावट कहते हैं। कुछ लोग भरण-पोषण के लिए आर्थिक क्रिया करने के उद्देश्य से बसने के आसपास के क्षेत्र पर अधिकार कर लेते हैं।
बसावट धीरे-धीरे वंशानुगत प्रक्रम में बस्ती के रूप में परिवर्तित होती है।
प्रश्न 74. भारत के अधिकतर लोग किस आकार के गाँवों में रहते हैं ?
उत्तर: भारत की अधिकतर जनसंख्या औसत से कम दूरी वाले गाँवों में अधिक बसती है।
प्रश्न 75. 500 से कम जनसंख्या वाले गाँवों का क्या अनुपात है ?
उत्तर: 500 से कम जनसंख्या वाले गाँवों का अनुपात 24.31 प्रतिशत है तथा ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत 70.8 है।
प्रश्न 76. गुच्छित बस्ती किसे कहते हैं ?
उत्तर: पास-पास बने घरों वाली ग्रामीण बस्तियों को गुच्छित या संहत बस्ती कहते हैं। इस प्रकार की बस्तियाँ अत्यन्त उपजाऊ मैदानों और घाटियों में पाई जाती हैं।
प्रश्न 77. सेवाओं के प्रमुख घटक क्या हैं ?
उत्तर: सेवाओं के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं-
- वाणिज्यिक सेवायें – विज्ञापन, कानूनी सेवायें, जनसम्पर्क और परामर्श।
- अचल सम्पत्ति की क्रय – विक्रय सम्बन्धी सेवायें, जो वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि व भवनों से सम्बन्धित हैं।
- उत्पादक एवं उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखव व मरम्मत के लिए कार्य जैसी सेवायें।
- परिवहन और संचार – रेल, सड़क, जलयान व वायुयान सेवायें तथा डाक-तार सेवायें।
- मनोरंजन-दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
- प्रशासन – स्थानीय, राज्य तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस सेवा तथा अन्य जन सेवायें।
- गैर-सरकारी संगठन – शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभरहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन।
प्रश्न 78. महामार्ग क्या है ?
उत्तर: किसी देश के मुख्य नगरों को जोड़ने वाली पक्की सड़कें महामार्ग कहलाती हैं। उदाहरण के लिए भारत में शेरशाह सूरी मार्ग 1 महामार्ग की सड़कों की चौड़ाई 60 मीटर तक हो सकती है। यातायात के सुचारू रूप से प्रवाह के लिए महामार्गों पर पथ लेन, पुल, फ्लाईओवर तथा सड़कों के किनारे पुशते आदि बने होते हैं।
प्रश्न 79. संसार में वायुमार्गों के अति सघन वाले तीन मुख्य प्रदेश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर: संसार में सघन वायुमार्ग वाले क्षेत्र हैं-
- पश्चिमी यूरोप
- पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका
- दक्षिण-पूर्वी एशिया।
प्रश्न 80. उत्तर अमेरिका में एक अनोखा अन्तःस्थलीय जलमार्ग कौन-सा है ? इस अन्तः स्थलीय जलमार्ग की दो मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: उत्तरी अमेरिका का यह अनोखा जलमार्ग ग्रेट लेक्स-सेंट लारेंस जलमार्ग है-
विशेषताएँ-
- इस जलमार्ग पर स्थित सभी पत्तनों का विकास सभी सुविधायुक्त पत्तनों की भांति ही हुआ है।
- यह जलमार्ग अटलांटिक महासागर से बड़ी झीलों को जोड़ता है।
प्रश्न 81. अन्तःस्थलीय जलमार्ग का क्या अर्थ है ? संसार में अन्तः स्थलीय जल मार्गों के विकास के लिए दो उपायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: नदियों, नहरों, झीलों के मार्ग से नावों तथा स्टीमरों द्वारा माल के साथ-साथ यात्रियों को ढोया जाता है, ये मार्ग अन्तः स्थलीय जल मार्ग कहलाते हैं।
अनेक कमियों के बाद भी संसार के अनेक भागों में जल परिवहन का विकास हुआ हैं अनेक नदियों की नाव्यता को बढ़ाने के लिए बहुत से सुधार किए गए हैं।
- जल के प्रवाह की निरंतरता बनाए रखने के लिए बाँधों तथा बैराजों का निर्माण किया गया है।
- नदियों में पानी की एक निश्चित गहराई बनाए रखने के लिए तल मार्जन का काम किया जाता है। नदी धाराओं में परिवर्तन की समस्या का समाधान तटबंध बनाकर किया गया है।
- जल प्रवाह की निरन्तरता बनाए रखने के लिए नई परिवहन प्रौद्योगिकी का विकास करना।
प्रश्न 82. सतही खनन तथा भूमिगत खनन में अन्तर बताइए।
उत्तर: सतही खनन तथा भूमिगत खनन में निम्नलिखित अन्तर है-
सतही खनन (Open cost mining):
- इस प्रकार के खनन को खुले गर्त वाली खान से उत्खनन करना अथवा खदान से खनिज खोदना कहा जाता है।
- खनन का यह प्रकार बहुत सरल होता है तथा खनिजों का निष्कासन सस्ता होता है।
- इस समय विश्व में सभी प्रकार के खनिजों के खनन की कुल खानों में 90% सतही खानें हैं।
- अत्यधिक खनिजों के लिए 99% खानों से सतही खनन होता है।
- सतही खनन में अयस्कों के जमीन में पाए जाने के ढंग तथा उनकी प्रकृति के आधार पर खनन विधि अपनाई जाती है। जैसे खुली खान अथवा खुले गर्त वाली खान।
भूमिगत खनन (Shatt mining):
- इस प्रकार का खनन कार्य सतही खनन विधि की तुलना में अधिक कठिन तथा जोखिम भरा होता है।
- इस प्रकार की विधि में खनन प्रक्रिया गहरी ऊर्ध्वाधर खानों से अथवा तिरछे खनिकूप बनाकर की जाती है।
- गहरी भूमिगत सुरंगें बनाई जाती हैं जो एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।
- खोदे गए खनिजों को लिफ्ट द्वारा ऊपर लाया जाता है।
- इस प्रकार के खनन में खनिकों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं। गहरी खानों में हवा के लिए पंखों तथा प्रकाश आदि का प्रबंध होता है।
प्रश्न 83. स्वेज नहर पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
- स्वेज नहर मार्ग भूमध्यसागर तथा लाल सागर को मिलाता है। यह मार्ग पुरानी दुनिया के मध्य में से होकर जाता है। अतः इसका विश्व के अधिकतर भागों से संपर्क है। इससे विश्व का लगभग 15% व्यापार होता है।
- यह नहर यूरोप के औद्योगिक तथा एशिया के विकाशील देशों के मध्य संपर्क स्थापित करती है।
- इस नहर के निर्माण से पहले यूरोप से एशिया आने वाले जहाजों को दक्षिणी केप ऑफ गुड होप से होकर गुजरना पड़ता था, परंतु इस मार्ग के बन जाने पर उत्तर-पश्चिमी यूरोप और एशिया के बीच की दूरी 8000 मी. कम हो गई है।
- इस नहर का सबसे अधिक लाभ ग्रेट ब्रिटेन को हुआ है क्योंकि इसके निर्माण से ग्रेट ब्रिटेन का संबंध भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड आदि से सुविधाजनक हो गया है।
प्रश्न 84. जनसंख्या की वद्धि से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: दो समय बिन्दुओं के बीच जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। जनसंख्या में होने वाले इस परिवर्तन को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 85. भारत की जनांकिकी के चार चरण लिखिए।
उत्तर: भारतीय जनांकिकी के चार चरण हैं-
- प्रथम चरण – 1921 से पूर्व का समाय है। इस अवस्था में जनसंख्या में बहुत धीमी वृद्धि हुई।
- दूसरा चरण – 1921 से 1951 के बीच का समय है। इस समय जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हुई।
- तृतीय चरण – यह 1951 से 1981 के मध्य का समय है। इस अवस्था में जनसंख्या में बहुत तीव्रता से वृद्धि हुई क्योंकि मृत्यु दर तेजी से गिरी।
- चतुर्थ चरण – यह 1981 के बाद का समय है। इस अवस्था में जनसंख्या में वृद्धि में कुछ गिरावट आई। वृद्धि दर का क्रमिक ह्रास हुआ।
प्रश्न 86. प्रत्येक उत्तरोत्तर जनगणना में जनसंख्या का घनत्व क्यों बढ़ रहा है ?
उत्तर: प्रत्येक उत्तरोतर जनगणना में जनसंख्या में वृद्धि हुई है लेकिन क्षेत्रफल में कोई अन्तर नहीं होता है। जनसंख्या घनत्व किसी देश की एक निश्चित समय में कुल जनसंख्या तथा उस देश के कुल क्षेत्रफल के बीच अनुपात होता है। उदाहरण के लिए 1991 की जनगणना के अनसार भारत की कल जनसंख्या 84.65 करोड थी तथा क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किमी। अतः जनसंख्या घनत्व 274 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० था। लेकिन 2001 में जनसंख्या 102.72 करोड़ थी। क्षेत्रफल में कोई वृद्धि नहीं हुई इसलिए जन घनत्व 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० हो गया।
प्रश्न 87. दो प्राचीन नगरों के नाम बताओ।
उत्तर: अयोध्या, प्रयाग।
प्रश्न 88. दो मध्यकालीन नगरों के नाम बताओ।
उत्तर: आगरा, नागपुर।
प्रश्न 89. नगर किसे कहते हैं ?
उत्तर: वे सभी स्थान जो या तो प्रशासनिक हैं अथवा जहाँ जनसंख्या कम से कम 5000 है और जनघनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, नगर कहलाते हैं। नगर अत्यधिक नियोजित और बड़े आकार वाले होते हैं। यहाँ न्यायालय, शिक्षा संस्थाएँ तथा प्रशासनिक कार्यालय होते हैं।
प्रश्न 90. किस वर्ग के नगरों में भारत की जनसंख्या का सबसे अधिक प्रतिशत निवास करता है ?
उत्तर: प्रथम वर्ग अर्थात् एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में।
प्रश्न 91. भारत में कितने महानगर हैं ?
उत्तर: 35 महानगर।
प्रश्न 92. वैधानिक नगर किसे कहते हैं ?
उत्तर: वे सभी स्थान जहाँ नगरपालिका, नगर निगम या कैन्टोनमेन्ट बोर्ड या नोटीफाइड एरिया, कमेटी हैं, वैधानिक नगर कहलाते हैं।
प्रश्न 93. गैरीसन नगर क्या होते हैं ? उनका क्या प्रकार्य होता है ?
उत्तर: इन नगरों का उदय गैरीसन नगरों के रूप में हुआ है। जैसे-अम्बाला, जालंधर, महू ववीना, उद्यमपुर इत्यादि। इनका कार्य सैनिक छावनी में शस्त्रों के भंडार होते हैं।
प्रश्न 94. किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जा सकती है ?
उत्तर: मरुस्थली प्रदेशों में जल के अभाव से उपलब्ध जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग के कारण संहत बस्तियों का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त अथ गुच्छित बस्तियाँ बन जाती हैं।
प्रश्न 95. मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों के अवस्थिति के कौन-से मुख्य कारक होते हैं ?
उत्तर: मरुस्थली प्रदेशों में जल के अभाव के उपलब्ध जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग के कारण संहत बस्तियों का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त अथ गुच्छित बस्तियाँ बन जाती हैं।
प्रश्न 96. महानगर क्या होते हैं ? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर: 10 से 50 लाख जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहते हैं। वे नगरीय संकुलों से भिन्न होते हैं। नगरीय संकुल में बहुसंख्यक महानगर और मेगा सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 97. पुरवा तथा परिक्षिप्त बस्तियों में अंतर बताओ।
उत्तर:
पुरवा बस्तियाँ (Hamlet settlements)-
- भौतिक रूप से एक-दूसरे से अलग इकाइयों के रूप में होती हैं।
- ये एक-दूसरे से सुस्पष्ट दूरी पर होती हैं।
- ऐसी बस्तियों को पल्ली, नंगला, ढाणी जैसे नामों से जाना जाता है।
- सामाजिक और नृजातीय कारणों से बड़ा गाँव कई छोटी बस्तियों में बँट जाता है।
- गंगा के मध्यवर्ती और निचले मैदान, छत्तीसगढ़ और हिमालय की निचली घाटियों में प्रायः ऐसे ही गाँव या पुरवे पाए जाते हैं।
विस्थापित बस्तियों (Dispersed Settlements)-
- ये बस्तियाँ सुदूर वनों में एकाकी झोंपड़ी के समूह के रूप में पाई जाती हैं।
- ऐसी बस्तियाँ छोटी पहाड़ियों पर भी होती हैं जिसके आसपास ढालों पर खेत या चरागाह भी होते हैं।
प्रश्न 98. विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-से हैं ?
उत्तर:
- विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक झगड़ों का निपटारा करना।
- यह सेवाओं के व्यापार को नियंत्रित करता है।
- इसके अधिकार क्षेत्र में निर्यात निरीक्षण की आवश्यकता स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के स्तरों की जाँच करना आदि सम्मिलित है।
प्रश्न 99. ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है ?
उत्तर: व्यापार संतुलन तथा अदायगी संतुलन के गंभीर परिणाम होते हैं। एक नकारात्मक संतुलन का अर्थ है कि देश को वस्तु खरीदने के लिए अधिक खर्च करना होगा। इससे उसके वित्तीय भंडार समाप्त होने लगेंगे।
प्रश्न 100. व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं ?
उत्तर: व्यापारिक संघ ऐसे देशों का समूह होता है जिनके भीतर व्यापारिक अनुबंधों की सामान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है।
व्यापारिक संघ बनाने से किसी देश को यह लाभ पहुँचता है कि वह देश प्रादेशिक देशों के साथ बिना व्यापारिक प्रतिबन्ध के व्यापार कर सकता है।
प्रश्न 101. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार कौन-से हैं ? प्रत्येक की एक विशेषता बताइए।
उत्तर: जब वस्तुओं का आदान-प्रदान दो देशों के बीच में होता है तो इसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार होते हैं-
- द्विपक्षीय तथा
- बहुपक्षीय व्यापार।
द्विपक्षीय व्यापार –
- इस प्रकार के व्यापार में वस्तुओं का विनिमय दो देशों के बीच होता है।
- द्विपक्षीय व्यापार के लिए यह आवश्यक है कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थायें एक-दूसरे की पूरक हों।
- उदाहरण के लिए एक देश औद्योगिक उत्पादों का निर्यात करता है तो दूसरा इसके बदले ऊर्जा तथा कच्चा माल भेजता है।
बहुपक्षीय व्यापार –
- इस प्रकार के व्यापार में वस्तुओं या सेवाओं का कई देशों के बीच आदान-प्रदान होता है।
- एक देश अनेक देशों के साथ व्यापार करने के लिए स्वतंत्र होता है। वह बाजार मूल्य के आधार या वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने और बेचने का निर्णय लेता है।
- इस स्थिति में एक देश से माल खरीदकर उसे दूसरे को निर्यात करने की स्वतंत्रता होती है।
प्रश्न 102. व्यापार संतुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: किसी समयावधि के अंतर्गत किसी देश के निर्यात और आयात के अन्तर को व्यापार का संतुलन कहते हैं। यदि कोई देश वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात आयात की अपेक्षा अधिक करता है तो व्यापार संतुलन को अनुकूल या धनात्मक कहते हैं। यदि आयात निर्यात से अधिक होता है तो व्यापार संतुलन को प्रतिकूल अथवा ऋणात्मक कहते हैं।
प्रश्न 103. ओपेक देशों के नाम बताएँ।
उत्तर: निम्नलिखित 13 देश ओपेक (पेट्रोल निर्यातक देशों का संगठन) के सदस्य हैंअल्जीरिया, इक्वेडोर, गैबन, इन्डोनेशिया, ईरान, ईराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला। यह संगठन 1960 ई० में बनाया गया था।
प्रश्न 104. संसार के पाँच बड़े व्यापारिक देशों के नाम बताएँ।)
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी तथा जापान।
प्रश्न 105. व्यापार संघ क्या हैं ?
उत्तर: व्यापार संघ ऐसे देशों का समूह होता है जिनके भीतर व्यापारिक अनुबंध की एक सामान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है।
संसार का अधिकांश व्यापार इन्हीं संघों के बीच होता है। संघों की संरचना का उद्देश्य व्यापार में आई बाधाओं को दूर करके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में तीव्रता लाना है।
इन संघों की सदस्यता आपसी दूरी, औपनिवेशिक संबंधों की परंपरा तथा भू-राजनीतिक सहयोग पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ में अधिकांश सदस्य पश्चिमी यूरोप के देश हैं जो आपसी दूरी और भू-राजनैतिक सहयोग के आधार पर एक-दूसरे से मिले हैं।