12th Geography

Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 1

Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 1

BSEB 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 1

प्रश्न 1. व्यापार संतुलन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी समयावधि के अंतर्गत किसी देश के निर्यात और आयात के अन्तर को व्यापार का संतुलन कहते हैं। यदि कोई देश वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात आयात की अपेक्षा अधिक करता है तो व्यापार संतुलन को अनुकूल या धनात्मक कहते हैं। यदि आयात निर्यात से अधिक होता है तो व्यापार संतुलन को प्रतिकूल अथवा ऋणात्मक कहते हैं।

प्रश्न 2. नगरीय बस्तियाँ किन रूपों में मिलती हैं ?
उत्तर:
नगरीय बस्तियाँ ग्रामीण बस्तियों से अपने कार्यों एवं स्वरूपों में भिन्न होती है। ग्रामीण बस्तियों का मुख्य आधार कृषि होता है, जबकि नगरीय बस्तियों का आधार व्यवसाय या उद्योग अर्थात् आर्थिक क्रियाकलाप प्रधान रूप में होता है। नगरीय बस्तियों में रहने वाले लोगों को अपने भोजन और वस्त्रों के लिए, अनाज और रेशे उत्पन्न करने की आवश्यकता नहीं होती। ये लोग इन वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए माल तैयार करने, इनके खरीदने-बेचने और अन्य लोगों को लिखाने-पढ़ाने, राज-काज चलाने और इसी तरह के अन्य कार्यों में लगे रहते हैं।

प्रश्न 3. भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकार को निर्धारित करनेवाले कारकों को लिखिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियाँ वे होती हैं जिनके अधिकांश लोग कृषि, लकड़ी काटने वाले, पशुचारक, खान खोदने वाले, शिकारी जंगली व पर्वतों पर निवास करने वाले होते हैं।

ग्रामीण बस्तियों के प्रकार –

  • सघन बस्तियाँ,
  • प्रकीर्ण बस्तियाँ,
  • एकाकी बस्तियाँ,
  • अखण्डित बस्तियाँ।

प्रश्न 4. मानव भूगोल के कुछ उपक्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
मानव भूगोल के उपक्षेत्र हैं –

  • व्यवहार विचारधारा,
  • मानव कल्याण का भूगोल,
  • सांस्कृतिक भूगोल,
  • ऐतिहासिक भूगोल,
  • संसाधनों का भूगोल,
  • कृषि भूगोल,
  • उद्योगों का भूगोल आदि।

प्रश्न 5. जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जनसंख्या संघटन या जनांकिकी संरचना जनसंख्या की उन विशेषताओं को कहा जाता है जिनकी माप की जा सकै तथा जिनकी मदद से दो भिन्न प्रकार के व्यक्तियों के समूहों में अंतर स्पष्ट किया जा सके। आयु, लिंग, क्षरता, शिक्षा, व्यवसाय, जीवन-प्रत्याशा, निवास स्थान (ग्रामीण, नगरीय) इत्यादि ऐसे महत्वपूर्ण घटक हैं, जो जनसंख्या के संघटन को प्रदर्शित करते हैं। किसी देश के भावी विकास की योजनाओं को बनाने में जनसंख्या संघटन का महत्वपूर्ण योगदान है।

प्रश्न 6. भारत में पवन ऊर्जा की संभावनाओं को लिखें।
उत्तर:
पवन ऊर्जा पूर्णरूपेण प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा का असमाप्त्य स्रोत है। पवन को गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। भारत में पवन ऊर्जा उत्पादन की संभावित क्षमता 50000 मेगावाट की है जिसमें से एक चौथाई ऊर्जा को आसानी से काम में लाया जा सकता है। पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान है। गुजरात के कच्छ में लाम्बा का पवन ऊर्जा संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र है। पवन ऊर्ग का एक और संयंत्र तमिलनाडु के तुतीकोरिन में स्थित है।

प्रश्न 7. तृतीय क्रियाकलापों का वर्णन करें।
उत्तर:
तृतीय क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। उत्पादन में सेवाओं की उपलब्धता शामिल होती है, जिनका उपभोग किया जाता है। उत्पादन का परोक्षरूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है। विनिमय के अंतर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ सम्मिलित होती है। एक समाज, बिजली मिस्त्री, डॉक्टर, इंजीनियर, अध्यापक, धोबी, नाई, दुकानदार आदि की सेवाएँ इनके सामान्य उदाहरण हैं।

प्रश्न 8. भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। वर्तमान समय में भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएँ निम्न हैं-

  • अनियमित मानसून पर निर्भरता
  • निम्न उत्पादकता
  • वित्तीय संसाधनों की बाध्यताएँ एवं ऋणग्रस्तता
  • भूमि सुधारों की कमी
  • छोटे खेत तथा विखंडित जोत
  • वाणिज्यीकरण का अभाव
  • मृदा अपरदन।

प्रश्न 9. भारत द्वारा आयात किये जाने वाले प्रमुख सामानों का उल्लेख करें।
उत्तर:
वर्तमान समय में भारत के आयात में प्रमुख वस्तुओं में मोती तथा उपरत्नों, स्वर्ण एवं चाँदी, धातुमय अयस्क तथा धातु छीजन एवं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ इत्यादि सम्मिलित हैं।

प्रश्न 10. प्रशासनिक नगर क्या है ? उपयुक्त उदाहरण दें।
उत्तर:
राष्ट्र की राजधानियाँ जहाँ पर केन्द्रीय सरकार के प्रशासनिक कार्यालय होते हैं, उन्हें प्रशासनिक नगर कहा जाता है। जैसे-नई दिल्ली, कैनबेरा, लंदन, वाशिंगटन डी० सी०।

प्रश्न 11. उपभोक्ता वस्तु उद्योग को उदाहरण सहित परिभाषित करें।
उत्तर:
वैसे उद्योग, जिनके द्वारा मानव उपभोग की वस्तुएँ निर्मित हों उपभोक्ता वस्तु उद्योग कहलाते हैं। जैसे-चीनी, बिस्कुट उद्योग।

प्रश्न 12. ‘ऊष्मा द्वीप’ क्या है ? वर्णन करें।
उत्तर:
नगरों का तापमान आस-पास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक होता है। यहाँ पक्के मकानों, सड़कों आदि की अधिकता एवं वनस्पतियों के अभाव के कारण ऐसी स्थिति मिलती है। इन अपेक्षाकृत अधिक ताप वाले नगरों को ऊष्मा द्वीप (Heat Island) कहते हैं। वैश्विक तापन के चलते धरती आज ऊष्मा द्वीप बन गयी है। यहाँ प्रदूषण से वायुमंडल की गर्मी अंतरिक्ष में विलीन, उतनी नहीं हो पा रही जितनी होनी चाहिए।

प्रश्न 13. पूर्व-पश्चिम एवं उत्तर-दक्षिण गलियारा के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर:
पूर्व-पश्चिम एवं उत्तर-दक्षिण गलियारा – यह गलियारा स्वर्णिम चतुर्भुज (चतुष्कोण) महामार्ग के अंतर्गत पूर्व से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण चार महानगरों दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता तथा चेन्नई को जोड़ता है।

प्रश्न 14. अनुदान क्या होता है ?
उत्तर:
वस्तुओं के बिक्री एवं सेवाओं पर सरकार द्वारा प्राप्त छूट अनुदान कहलाता है। जैसे-पेट्रोल, एवं LPG पर सरकार अनुदान देती है।

प्रश्न 15. बेंगलुरु भारत का सिलिकन सिटी है। क्यों ?
उत्तर:
बंगलुरु में सूचना प्रौद्योगिकी पार्क विकसित हुए हैं। माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटिंग, दूरसंचार, ब्रॉडकॉस्टिंग एवं ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स में रूपांतरण का मुख्य कारक सिलिकन होता है। अतः इसे सिलिकन सिटी कहा जाता है।

प्रश्न 16. कृषि कार्य को प्रभावित करने वाले दो कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत कृषि प्रधान देश है फिर भी यहाँ कृषि की दशा दयनीय है। यहाँ की कृषि को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक निम्नांकित हैं-

  • वर्षा की अनियमितता तथा मौनसून पर निर्भरता।
  • परंपरागत कृषि के तरीके, उन्नत बीज तथा खाद का अभाव।

प्रश्न 17. प्रवास से संबंधित किन्हीं तीन प्रतिकर्ष कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर:
एक स्थान से दूसरे स्थान को, लम्बे समय के निवास के लिए प्रस्थान करना प्रवास कहलाता है। भारत में प्रवास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं-
(i) अच्छे आर्थिक अवसरों की खोज, नौकरी तथा रहने की बेहतर सुविधाएँ (Better opportunities for service and housing facilities) – बहुत से पिछड़े हुए ग्रामीण क्षेत्रों से लोग नगरों की ओर नौकरी या बेहतर सुविधाओं के लिए स्थानान्तरण करते हैं क्योंकि शहरी क्षेत्रों में लोगों को रोजगार, चिकित्सा, शिक्षा एवं आमोद-प्रमोद संबंधी सुविधाएँ मिलती हैं। इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार से मजदूर वर्ग दिल्ली, पंजाब तथा नोएडा में आ रहे हैं।

(ii) विवाह (Marriage) – विवाह के कारण भी प्रवास होता है। शहरों से गाँवों में अथवा गाँवों से शहरों तथा शहरों से शहरों में अथवा गाँवों से गाँवों में प्रवास होता है। यह प्रवास महिलाओं में अधिक होता है।

(iii) सामाजिक असुरक्षा (Social Insecurity) – जिन क्षेत्रों में सामाजिक असुरक्षा होती है, वहाँ से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर प्रवास करते हैं। जैसे-पंजाब तथा कश्मीर में ‘आतंकवाद के कारण बहुत से लोग दिल्ली में प्रवास कर रहे हैं।

(iv) राजनैतिक गड़बड़ी (Political disturbance) – जब किसी क्षेत्र में राजनैतिक अव्यवस्था हो जाती है तो वहाँ से भी लोग सुरक्षित क्षेत्रों की ओर प्रस्थान करने लगते हैं।

(v) अंतर्जातीय विवाह (Intercaste disputes) – जब किसी क्षेत्र में राजनैतिक गड़बड़ी हो जाती है तो बहुत-सी पिछड़ी जातियाँ अंतर्जातीय लड़ाईयों के कारण दूसरे सुरक्षित स्थानों की ओर चली जाती हैं।

प्रश्न 18. जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए चार महत्त्वपूर्ण सुझाव दें।
उत्तर:
जल प्रदूषण की रोकथाम के चार महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित हैं-

  • नदियों में कल-कारखानों के दूषित जल की साफ-सफाई कर छोड़ना।
  • नदियों में स्नान, धुलाई एवं शवदाह पर पूर्णतया रोक।
  • चिमनियों से उत्सर्जित धूलकणों एवं धूम्र (धुआँ) को छानना।
  • जल की गुणवत्ता के लिए सदैव तत्पर रहना।।

प्रश्न 19. सुरक्षा नगर को दो उपयुक्त उदाहरणों के साथ परिभाषित करें।
उत्तर:
आक्रमणकारियों के भय ने मानव को सदैव ही सुरक्षित स्थानों की ओर आकर्षित करने में बड़ा सहयोग दिया है। जहाँ सुरक्षा का अभाव रहता है, मानवीय बस्तियाँ अपने स्थानों से हट जाती हैं। ऐसे असुरक्षित स्थानों पर सामान्य अवस्थाओं में मनुष्य रहना पसंद नहीं करते हैं। वह असुरक्षित स्थानों पर बसने की अपेक्षा दुर्गम स्थानों को ढूंढते हैं।

उत्तरी भारत में जब विदेशी आक्रमणकारी खैबर के दर्रे द्वारा बार-बार भारत पर आक्रमण करते रहे तो 10वीं से 14वीं शताब्दी तक पंजाब, राजस्थान और गुजरात के असंख्य लोग अरावली, विन्ध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों, हिमालय की घाटियों में तथा ऊँचे भागों में जा बसे थे। जम्मू, हिमाचल प्रदेश, गढ़वाल, कुमायूँ, नेपाल आदि में इन्हीं लोगों द्वारा अनेक छोटी बस्तियाँ सुरक्षा की दृष्टि से स्थापित की गयीं।

यमुना और गंगा के मैदानों में इलाहाबाद और वाराणसी तक बस्तियाँ अधिक फैली हुई मिलती हैं किन्तु उत्तर-पश्चिम के सीमावर्ती क्षेत्रों और आक्रमणों के मार्गों के निकट गाँव विशेष सुरक्षित स्थानों पर चारदीवारी में बनाये जाते हैं।

प्रश्न 20. निश्चयवाद क्या है ?
उत्तर:
निश्चयवाद के समर्थक निराशावादी तथा भाग्यवादी हैं परंतु आधुनिक युग में मानव की सफलताओं के समक्ष यह विचारधारा अधिक नहीं टिक सकी है। किसी सीमा तक वातावरण के प्रभाव की उपेक्षा करके मानव प्रगतिशील नहीं हो सकता है। वातावरण का प्रतिबिम्ब उसके अनेक कार्यों एवं गतिविधियों में दृष्टिगोचर होता है, किन्तु मानव पूर्णतः उसके प्रभाव के नियंत्रण में नहीं है।

ग्रिफिथ टेलर के अनुसार मनुष्य न तो प्रकृति का दास है और न ही उसका स्थामी और न ही मानव के कार्य करने की क्षमता असीमित है। उन्होंने इसे रुको और जाओ निश्चयवाद (Stop & Go Determinism) की संज्ञा दी है। उन्होंने मानव को वातावरण का स्वामी नहीं माना है, परंतु उसकी तुलना बड़े नगर में चौराहे पर खड़े एक सिपाही से की है जो सड़क पर वाहनों के चलने की गति को मंद या तीव्र कर सकता है, किन्तु उनकी दिशा को परिवर्तित नहीं कर सकता।

प्रश्न 21. गन्ना की खेती के लिए आदर्श परिस्थितियाँ क्या होनी चाहिए ?
उत्तर:
भारत विश्व में गन्ना उत्पादन में सबसे अग्रणी देश है। यहाँ चीनी निर्माण का आधार है। इसके लिए लम्बे वर्धनकाल की आवश्यकता है। यह उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु का पौधा है। इसके लिए 25-27°C तापमान की आवश्यकता होती है। 100 सेमी० से अधिक वर्षा होनी चाहिए। अच्छी जल आपूर्ति के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ मिट्टी में इसकी उपज अधिक होती है।

प्रश्न 22. भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के लिए जिम्मेवार दो कारकों को लिखें।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या असमान वितरण के निम्नलिखित दो कारण हैं-

  • समतल मैदान – भारत की सबसे अधिक जनसंख्या गंगा और गोदावरी के समतल मैदान में अधिक है क्योंकि यह आवागमन के लिए सड़कें बनाना एवं खेती करना पठारी एवं पर्वतीय भाग की तुलना में आसान है। इसलिए मैदानी भाग की जनसंख्या अधिक है।
  • जलवाय – भारत के मध्य एवं दक्षिणी भाग की जलवायु समशीतोष्ण है जिससे इस भाग में अधिक जनसंख्या निवास करती है।

प्रश्न 23. नोएडा एवं बरौनी के महत्त्व का उल्लेख करें। .
उत्तर:
नोएडा – भारत में दिल्ली से सटा एक उपनगरीय क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश में स्थित है। इसका पूरा नाम ‘न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑथोरिटी’ के संक्षिप्तीकरण से बना है। इसका आधिकारिक नाम गौतम बुद्ध नगर है। ये विभिन्न सेक्टरों में बँटा हुआ है। नोएडा का औद्योगीकरण के क्षेत्र में भी काफी महत्त्व है।

बरौनी – बिहार राज्य के बेगुसराय जिला के अंतर्गत स्थित है। यह गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह एक औद्योगीकरण क्षेत्र है। इसमें इण्डियन ऑयल रिफाइनरी, बरौनी थर्मल पॉवर, हिन्दुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन, बरौनी डेयरी आदि अनेक प्रकार के उद्योग विकसित होने के कारण काफी महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 24. अंतरिक्ष प्रयोगशाला के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
अंतरिक्ष प्रयोगशाला एक पुनः प्रयोज्य प्रयोगशाला थी जिसे स्पेस शटल द्वारा लाया गया कुछ निश्चित अंतरिक्ष उड़ानों पर इस्तेमाल किया गया था। प्रयोगशाला में कई घटक शामिल थे, जिसमें एक दबाव वाले मॉड्यूल शामिल थे, शटल के कार्गो खाड़ी में स्थित एक अप्रतिबंधित वाहक और अन्य संबंधित हार्डवेयर। प्रत्येक अंतरिक्ष उड़ान की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न विन्यास में घटकों का आयोजन किया गया था। Spacelab घटकों ने कुल 32 शटल मिशनों पर उड़ान भरी। Spacelab ने वैज्ञानिकों को पृथ्वी की कक्षा में माइक्रोग्राविटी में प्रयोग करने की अनुमति दी थी।

Spacelab से जुड़े हार्डवेयर की एक किस्म थी, इसलिए Spacelab कार्यक्रम के मिशन के बीच प्रमुख Spacelab कार्यक्रम मिशनों के बीच अंतर किया जा सकता है, साथ ही यूरोपीय वैज्ञानिकों ने Spacelab में रहने योग्य मॉड्यूल में मिशन को चलाया है, अन्य Spacelab हार्डवेयर प्रयोगों को चलाने वाले मिशनों और अन्य एसटीएस मिशन जो स्पैकेलेब के कुछ घटक का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 25. नगरीय जनसंख्या क्या होती है ?
उत्तर:
नगरीय जनसंख्या (Urban population) – नगरीय जनसंख्या का अर्थ एक ऐसे जनसंख्या से होता है जहाँ पर जनसंख्या घनत्व और मानवीय क्रियाकलाप उस स्थान के आस-पास के लोगों से अधिक होता है। नगरीय जनसंख्या आम तौर पर नगरों, कस्बों या उपनगरीय विस्तारों को सम्मिलित किया जाता है लेकिन इसमें ग्रामीण जनसंख्या को सम्मिलित नहीं किया जाता।

भारत में जनसंख्या वृद्धि एवं आर्थिक प्रगति में सुधार के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या में भी वृद्धि होती रही है। यहाँ 1991 में कुल नगरीय जनसंख्या 21.71 करोड़ थी जो कुल जनसंख्या की 25.72 प्रतिशत थी। 2001 की जनगणना के अनुसार यहाँ 28.54 करोड़ व्यक्ति नगरों में निवास कर रहे हैं जो कुल जनसंख्या का 27.78 प्रतिशत है। 1901 में नगरीय जनसंख्या 2.59 करोड़ थी। इस प्रकार 100 वर्षों में देश में नगरीय जनसंख्या में 9 गुने से अधिक की वृद्धि हो गयी है। 1901 में नगरों की संख्या 1,827 थी जो बढ़कर 2001 में 5,161 हो गयी है।

प्रश्न 26. प्रौद्योगिकी पार्क क्या है ? संक्षेप में लिखें।
उत्तर:
प्रौद्योगिकी पार्क एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक ऐसा भौतिक स्थान है, जो उच्च प्रौद्योगिकी आर्थिक विकास और ज्ञान को आगे बढ़ाने के इरादे से विश्वविद्यालय उद्योग और सरकारी सहयोग का समर्थन करता है। यूनिवर्सिटी रिसर्च पार्क, साइंस पार्क या टेक्नोलॉजी पार्क, टेक्नोपोलिस और बायोपार्क के लिए लगभग समानार्थक शब्द हैं। उपयुक्त शब्द आमतौर पर उच्च शिक्षा और अनुसंधान की एक संस्था के साथ पार्कों की संबद्धता के प्रकार पर निर्भर करता है और शायद यह भी ऐसा विज्ञान और अनुसंधान होता है जिसमें पार्क की संस्थाएँ व्यस्त होती हैं।

इन पार्कों में उस विश्वविद्यालय के अनुसंधान पार्कों और विज्ञान और तकनीक पार्कों के विशिष्ट उच्च प्रौद्योगिकी वाले व्यापारिक जिलों से भिन्न होते हैं और इसे व्यवस्थित, नियोजित और प्रबंधित किया जाता है। वे विज्ञान केंद्रों से भिन्न होते हैं, क्योंकि वे ऐसे स्थान हैं जहाँ अनुसंधान का व्यावसायीकरण किया गया है। आमतौर पर पार्कों में कारोबार और संगठन उत्पाद उन्नति और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो कि औद्योगिक पार्कों के विरोध में होता है, जो विनिर्माण और व्यवसाय पार्कों पर केंद्रित होता है जो प्रशासन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

प्रश्न 27. पर्यावरणीय निश्चयवाद की अवधारणा को लिखें।
उत्तर:
प्राकृतिक पर्यावरण के विभिन्न तत्व एवं संसाधन भूतल के जैविक समुदाय के लिए ही बने हैं, लेकिन मनुष्य की संसाधनों के अधिकाधिक संग्रहण एवं द्रुतगति से सम्पन्न बने की प्रवृत्ति एवं एक मानव समाज द्वारा दूसरे मानव समाज से आगे बढ़ने की ललक से प्राकृतिक पर्यावरण का असंतुलित शोषण एवं दुरुपयोग हो रहा है। प्रौद्योगिकी विकास होने से भौतिक संसाधनों में निरंतर क्षति हो रही है और अनेक ऐसे रासायनिक जैविक एवं विध्वंसक हथियारों के निर्माण एवं उनके प्रयोग से पर्यावरण की गुणवत्ता निरंतर समाप्त हो रही है।

व्यापारिक उद्देश्य से वनों की कटाई ने वनों का सर्वनाश किया है। तकनीकी विकास ने वन प्रदेशों को उजाड़ दिया है। नवीन तकनीक के कारण नहरें बनाने, बाँध बनाने, खनिज खोदने में अनेकानेक पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।

प्रश्न 28. सेवाओं के किन्हीं दो वर्गीकरण का उल्लेख करें। उपर्युक्त उदाहरण दें।
उत्तर:
सेवाओं का क्षेत्र व्यापक होता है क्योंकि इनकी आवश्यकता वहाँ भी पड़ती है जहाँ लोग द्वितीयक व्यवसायों में संलग्न होते हैं। विनिर्माण उद्योगों में भी विभिन्न प्रकार की सेवाओं की आवश्यकता होती है। इनमें प्रशासन तंत्र की आवश्यकता होती है जो विभिन्न क्षेत्रों में देखभाल कर सकें।

ततीयक क्रियाओं – में समाज को दी जाने वाली व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक सेवाएँ सम्मिलित हैं। इस व्यवसाय को सेवा श्रेणी भी कहा जाता है। तृतीयक क्रियाओं के अंतर्गत समाज को सेवाएँ विभिन्न रूपों में प्रदान की जाती हैं। इन सेवाओं में रेल, सड़क, वायुयान सेवाएँ, डाक-तार सेवाएँ, रेडियो, दूरदर्शन, फिल्म, साहित्य, कानूनी सेवाएँ, जनसम्पर्क एवं परामर्श, विज्ञापन, वित्त, बीमा, थोक और फुटकर व्यापार, मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ, स्थानीय, राज्यीय, राष्ट्रीय प्रशासन, पुलिस-सेना एवं अन्य जन सेवाएँ तथा गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ उल्लेखनीय हैं।

चतर्थक क्रियाएँ – वर्तमान समय में मानव की आर्थिक क्रियाएँ दिनोंदिन बहुत ही विशिष्ट एवं जटिल होती जा रही हैं जिनमें क्रियाओं का एक नवीन रूप चतुर्थक क्रियाओं के रूप में सामने आया है। मानव की कानन, वित्त, शिक्षा, शोध और संचार से जुड़ी उन आर्थिक गतिविधियों को, जो सूचना के साधन और सूचना के प्रसारण से संबंधित हैं, चतुर्थक क्रियाओं के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है।

प्रश्न 29. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले जलवायु कारकों को लिखें।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले तीन कारणों का विवरण निम्न है-
(i) भ-आकति – किसी देश की भू-आकृति जनसंख्या वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करते हैं। जहाँ मैदानी क्षेत्रों का विस्तार सर्वाधिक पाया जाता है वहां कृषि हेतु उपजाऊ भूमि तथा नदियों में जल की सतत उपलब्धता रहती है, जिसके कारण जनसंख्या घनत्व अधिक पाई जाती है तथा पठारी एवं पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि का अभाव, परिवहन सुविधाओं की कमी के कारण जनसंख्या घनत्व कम पाई जाती है। जैसे-गंगा के मैदानी क्षेत्र में अधिक जनसंख्या घनत्व पाई जाती है वहीं प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्रों में कम पाई जाती है।

(ii) नगरीकरण – जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले कारणों में नगरीकरण प्रमुख है। इस क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धता, जनसंचार की सुविधा, परिवहन मार्गों की उपलब्धता इत्यादि के कारण जनसंख्या का संकेन्द्रण अधिक पाया जाता है। जैसे-दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता।

(iii) औद्योगीकरण – औद्योगीकरण के फलस्वरूप लोगों को रोजगार, परिवहन, जनसंचार, बाजार इत्यादि उपलब्ध हो पाते हैं जिसके कारण जनसंख्या घनत्व अधिक पायी जाती है। जैसे-जमशेदपुर, बोकारो, दुर्गापुर।

प्रश्न 30. ग्रामीण अधिवासों की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर:
ग्रामीण अधिवासों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) भारतीय गाँव बहुत पुराने हैं। ये भारतीय संस्कृति के मूल आधार माने जाते हैं। महात्मा गाँधी के शब्दों में, “यदि गाँव की प्राचीन सभ्यता नष्ट हो गयी तो देश भी अंततः नष्ट हो जायेगा।” इनका मुख्य उद्यम खेती करना है।
(ii) गाँवों के निर्माण में स्थानीय रूप से मिलने वाली सामग्री का ही उपयोग किया जाता है। प्रायः मिट्टी, ईंटों और घास-फूस के बने होते हैं। पत्थर के गाँव भी अनेक क्षेत्रों में मिलते हैं। अब विकास के साथ-साथ चूना, सीमेंट, लकड़ी एवं लोहे का भी उपयोग बढ़ता जा रहा है।
(iii) भारतीय गाँव प्रायः चारों ओर से वृक्षों के कुन्जों से घिरे होते हैं। समुद्रतटीय क्षेत्रों में घरों के निकट नारियल, सुपारी, केले और फलों के वृक्ष तथा अन्यत्र पीपल, नीम, शीशम आदि के वृक्ष मिलते हैं।
(iv) सार्वजनिक उपयोग के लिए कुएँ, तालाब, मंदिर, सराय या पंचायत घर होता है जहाँ गाँव संबंधी सभी कार्यों का निर्णय लिया जाता है।
(v) भारतीय गाँवों में श्रम विभाजन स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। वैश्य, ब्राह्मण, नाई, धोबी, कुम्हार, लुहार एवं अन्य अनुसूचित जाति के लोग सभी अपना कार्य करते हैं।

प्रश्न 31. कृषि ऋण प्रदान करनेवाली चार संस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
कृषि ऋण प्रदान करने वाली चार संस्थाओं के नाम निम्नलिखित हैं-

  • सहकारी बैंक
  • वाणिज्यिक बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
  • राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड)।

प्रश्न 32. परमाणु ऊर्जा कैसे पैदा की जाती है ?
उत्तर:
यूरेनियम और थोरियम प्रमुख परमाणु खनिज है जिससे परमाणु ऊर्जा पैदा की जाती है। ये भारत में पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। इनके नियमित विखण्डन से प्राप्त ऊर्जा को परमाणु ऊर्जा, अणु ऊर्जा एवं नाभिकीय ऊर्जा के नामों से जाना जाता है। भारत में यूरेनियम झारखण्ड, राजस्थान, तमिलनाडु में पाया जाता है। थोरियम छोटानागपुर पठार तथा केरल की समुद्र तटीय बालू में प्राप्त होता है। भारत विश्व के छः देशों में से एक है जो परमाणु ऊर्जा प्राप्त करने की तकनीक विकसित कर चुके हैं।

प्रश्न 33. वायु प्रदूषण क्या है ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण उन परिस्थितियों तक सीमित रहता है जहाँ बाहरी परिवेशी वायुमण्डल में दूषित पदार्थों की सान्द्रता मनुष्य एवं पर्यावरण को हानि पहुँचाने की सीमा तक बढ़ जाती है। वायुमण्डल में विभिन्न प्रकार की गैसें पायी जाती हैं, वाष्प एवं धूल के कण विद्यमान रहते हैं। जब किन्हीं कारणों से वायुमण्डलीय गैसों का अनुपात बदलने लगता है और कुछ कणीय पदार्थ वायु में मिल जाते हैं तो उसका भौतिक संतुलन बिगड़ जाता है इस स्थिति को वायु प्रदूषण कहा जाता है।

प्रश्न 34. उदारीकरण के लाभों को लिखें।
उत्तर:
उदारीकरण या आर्थिक सुधार एक वृहद अर्थ वाला शब्द है। प्रायः इसका उपयोग अल्पतर सरकारी नियंत्रण, अल्पतर सरकारी निषेध, निजी कम्पनियों की अधिक भागीदारी, करों की अल्पतर आदि के संदर्भ में किया जाता है। उदारीकरण के पल में मुख्य तर्क यह दिया जाता है कि इससे दक्षता आती है और हरेक को अधिक प्राप्त होता है। उदारीकरण के लाभ निम्न क्षेत्र में है-

  • पूँजीवाद,
  • मुक्त बाजार,
  • वैश्वीकरण,
  • निजीकरण

प्रश्न 35. स्मॉग क्या होता है ?
उत्तर:
वायुमंडल की निचली परतों में एकत्रित धूलकण, धुएँ के कण एवं संघनित जलपिंडों को स्मॉग कहते हैं। ओसांक से नीचे वायु का तापमान कम होने पर कोहरे का निर्माण होता है। इसमें दृश्यता एक किमी. से भी कम होती है।

प्रश्न 36. पृष्ठप्रदेश क्या है ?
उत्तर:
किसी भी पत्तन या बंदरगाह के आस-पास के वे राज्य जिनका आयात एवं निर्यात एक ही पत्तन से होता है। उसे उस पत्तन की पृष्ठ प्रदेश कहा जाता है।

प्रश्न 37. भारतीय रेलवे की किन्हीं दो मुख्य समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर:
भारतीय रेल की दो मुख्य समस्याएँ हैं-

  • समय से परिचालन का अभाव-भारतीय रेल कभी भी समय पर अपने गंतव्य स्थान पर नहीं पहुँचती है। हमेशा लेट चलती है। पर्व-त्योहारों पर तो इसमें आदमियों को जानवरों की भाँति यात्रा करना पड़ता है, फिर भी रेलवे हमेशा घाटा में चलती है।
  • पठारी भूमि पर रेल लाइन बिछाना ज्यादा कठिन है क्योंकि यहाँ की जमीन समतल नहीं रहती है जिसके कारण रेलमार्ग 1° से 3° तक ढाल होती है।

प्रश्न 38. योजना आयोग का गठन कब हुआ था? इसके दो कार्यों को लिखें।
उत्तर:
योजना आयोग का गठन 15 मार्च, 1950 ई० को किया गया था। इसके कार्य निम्नलिखित हैं-

  • योजना आयोग का कार्य देश की प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधनों का आकलन करना है।
  • राष्ट्र के विकास के लिए पंचवर्षीय योजना तैयार करना। योजना आयोग की भूमिका एक सलाहकार के रूप में अधिक है।

प्रश्न 39. फुटकर व्यापार सेवा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
फुटकर व्यापार सेवा वह व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित है। अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय से नियत प्रतिष्ठानों और भंडारों में सम्पन्न होता है। फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित निजी मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 40. आधारभूत उद्योग क्या हैं ? उदाहरण दें।
उत्तर:
आधारभूत उद्योगों के उत्पादों का उपयोग बहुधा अन्य उद्योगों में कच्चे माल के रूप में होता है, अर्थात् ये उद्योग अन्य उद्योगों के संचालन के लिए आधार तैयार करते हैं, अतः इन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे-लौह अयस्क के कच्चे लोहे या पिग आयरण का उत्पादन आधारभूत उद्योग है।

प्रश्न 41. जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच अंतर करें।
उत्तर:
प्रति एक वर्ष में 1000 व्यक्तियों पर जीवित जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या को जन्म दर कहा जाता है तथा प्रति एक वर्ष में 1000 व्यक्तियों पर मृतकों की संख्या को मृत्यु दर कहा जाता है। भारत में 2001 की जनगणना के अनुसार जन्म दर 26.1 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 8.7 प्रतिशत थी।

प्रश्न 42. सामूहिक कृषि का वर्णन करें।
उत्तर:
सामूहिक कृषि में विभिन्न क्षेत्रों में खेती की प्रबंध समितियाँ होती है। उनका मुखिया प्रबंधक सरकार के प्रति उत्तरदायी होता है। इसमें वस्तुतः दो प्रकार के फॉर्म बनाए गए। कृषि भूमि के किसानों, पशुओं या मेहनतकशों के छोटे-छोटे समूहों को मिलाकर सामूहिक फार्म बनाए गए हैं। सैद्धांतिक रूप से इनके प्रबंधक और मालिक किसान नहीं हैं, परंतु व्यापार, योजना या नीति निर्धारण पर सरकार का नियंत्रण है। इसमें वैज्ञानिक विधियों से भूमि सुधार करके नगदी खेती की जाती है। साथ ही गेहूँ, जौ, मक्का, राई, आलू भी उत्पादित होते हैं। यहाँ तक कि वनरोपण और पशुपालन का कार्य भी होता है।

प्रश्न 43. पारिस्थितिकीय असंतुलन को प्रभावित करनेवाले दो कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर:
प्रकृति में जीवों के रहने के लिए एक संतुलित पारिस्थितिक तंत्र अति आवश्यक है। यदि प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता पारिस्थितिक तंत्र में न हों तो ऐसा भी संभव है कि कुछ समय बाद हरे पौधे अतिवृद्धि एवं अतिसंकुलता के कारण स्वयं नष्ट हो जाएं। इसी प्रकार द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं का भविष्य प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता एवं उत्पादकों से बहुत निकट रूप से संबंधित है। इसी प्रकार यदि किसी क्षेत्र में साँपों की संख्या अधिक बढ़ जाए तो चूहों की संख्या समाप्त हो जाएगी। इसके कारण साँपों की संख्या पर भी खतरा मंडरा सकता है।

प्रश्न 44. जमशेदपुर एवं पुणे शहर के महत्त्व का उल्लेख करें।
उत्तर:
जमशेदपुर-जमशेदपुर झारखण्ड राज्य में स्वर्ण रेखा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ भारत का सबसे बड़ा लौह-इस्पात का कारखाना है। यह कोयले की अपेक्षा लोहे की खान के निकट है। यह देश का निजी क्षेत्र का एकमात्र कारखाना है जिसे 1907 ई० में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था। यहाँ लोहे गुरुमहिसानी एवं नोआमंडी से प्राप्त होता है। कोयला झरिया के खानों से प्राप्त होता है।

पुणे-पुणे महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। यहाँ सूती वस्त्र उद्योग काफी विकसित है। यह मुम्बई, शोलापुर औद्योगिक प्रदेश में स्थित है। यहाँ सूती वस्त्र के अलावे अनेक प्रकार के सौन्दर्य प्रसाधन, खाद, दवाइयाँ, रसायन, साबुन, वनस्पति तेल, इंजीनियरिंग सामान, विद्युत उपकरण, मोटरगाड़ी, टी० वी० फ्रिज तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने का कारखाना है।

प्रश्न 45. कोको के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
कोको के पौधा बीजों से तैयार होता है। प्रायः समतल भाग में केले के साथ ही इसकी खेती की जाती है। पौधे की कटाई-छंटाई नहीं करनी पड़ती केवल साल में दो बार छीमी तोड़नी पड़ती है। चाकू से छिलका हटाकर एक सप्ताह किण्वन करके कड़वापन दूर किया जाता है। फिर, इन्हें धूप में सुखाया जाता है। दोनों को पूँजकर ऊपर से फिर छिलका उतारकर पीसा जाता है। चाकलेट बनाने के लिए इस पाउडर को और बारीक किया जाता है। इसके अतिरिक्त इससे मक्खन निकाला जाता है जिससे दवाइयाँ और सौंदर्य प्रसाधन बनते हैं।

प्रश्न 46. हरित रासायनिकी क्या है ?
उत्तर:
हरित रासायनिकी का मूल मंत्र है, ‘दुर्घटना से बचाव की अपेक्षा दुर्घटना की संभावना को कम करना श्रेयस्कर है।’ निरंतर विकास और प्रगति को रोकना असंभव है। जनसंख्या वृद्धि और अन्य क्रियाकलापों के विकास के साथ प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती चली जाएगी, जैसे भारत में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न उर्वरकों और कीटनाशकों का आँख मूंदकर प्रयोग किया गया, फलस्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती चली गई। अतः हरित रासायनिकी का अर्थ है, ‘उद्योगों और रासायनिक क्रियाओं का ऐसा समायोजन जिससे हानिकारक पदार्थों की उत्पत्ति न्यूनतम हो या हो ही नहीं।

प्रश्न 47. पत्तन एवं पोताश्रय के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
पत्तन समद्री तट पर जहाजों के ठहरने के स्थान होते हैं। यहाँ पर सामान लादने उतारने की सुविधाएँ होती हैं। जबकि पोताश्रय समुद्र में जहाजों के ठहरने का प्राकृतिक स्थान है। यहाँ जहाज लहरों तथा तूफान से सुरक्षा प्राप्त करते हैं। प्राकृतिक पोताश्रय मुंबई में कृत्रिम पोताश्रय चेन्नई में है।

प्रश्न 48. सतत पोषणीय विकास क्या है ?
उत्तर:
1960 के दशक के अंत में पश्चिमी दुनिया में पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर बढ़ती जागरूकता की सामान्य वृद्धि के कारण सतत् पोषणीय धारणा का विकास हुआ। इससे पर्यावरण पर औद्योगिक विकास के अनापेक्षित प्रभावों के विषयों में लोगों की चिंता प्रकट होती थी। 1968 में प्रकाशित एहरलिव की पुस्तक ‘द पापुलेशन बम’ और 1972 में मीकोस और अन्य द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘द लिमिट टू ग्रोथ’ के प्रकाशन ने इस विषय पर लोगों और विशेषकर पर्यावरणविदों की चिंता और भी गहरी कर दी। उस घटना के परिप्रेक्ष्य में विकास के एक नए मॉडल जिसे सतत् पोषणीय विकास कहे जाने की शुरूआत हुई।

प्रश्न 49. भारत में घटते जल संसाधन के लिए उत्तरदायी दो कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर:
भारत में जल संसाधन के घटने का दो प्रमुख कारण निम्नलिखित है-
(i) जल प्रदूषण – देश में उपलब्ध जल संसाधनों का तेजी से निम्नीकरण हो रहा है। देश के नदी जल में नालों के माध्यम से कृषिगत, घरेलू और औद्योगिक बहि:स्राव मिल जाते हैं, जिससे नदी जल प्रदूषित हो जाती है। इससे जल में कमी होती है।

(ii) जल के पन:चक्रण में कमी – नगरीय क्षेत्रों में पक्के मकानों एवं सड़कों के बन जाने से वर्षा जल का जमीन के अंदर रिसाव नहीं हो पाता है जिस कारण शहरी क्षेत्रों में भूमिगत जल का स्तर काफी नीचे चला गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के विस्तार एवं औद्योगीकरण के कारण वनों का तेजी से विनाश हुआ है जिससे वर्षा का जल तेजी से बहकर नदी में चला जाता है और भूमि उसका अवशोषण नहीं कर पाता है। जिससे जल का पुनः चक्रण प्रभावित हो रहा है।

प्रश्न 50. बारानी या वर्षा आधारित कृषि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
बारानी या वर्षा आधारित कृषि-इसे वर्षा पर निर्भर कृषि कहते हैं। इसके अंतर्गत फसलों को केवल वर्षा का जल ही प्राप्त होता है। पश्चिम बंगाल, असोम, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा अधिकांश पूर्वोत्तर राज्यों में इसी प्रकार की कृषि की जाती है। बारानी कृषि को दो भागों में बाँटा गया है-

  • शक कृषि – जहाँ वर्षा की मात्रा 75 सेमी० से कम होती है वहाँ शुष्क कृषि की जाती है। इन क्षेत्रों में शुष्कता सहन करने वाली फसल उगाई जाती है जैसे राई, बाजरा, मूंग, चना, ज्वार आदि।
  • आई कषि – जहाँ 75 सेमी० से अधिक वर्षा होती है उन क्षेत्रों में की जाने वाली कृषि आर्द्र कृषि कहते हैं। इन क्षेत्रों में अधिक पानी चाहने वाली फसल बोई जाती है, जैसे-चावल, गन्ना, जूट आदि।

प्रश्न 51. नगरों, महानगरों एवं मेगा नगरों को परिभाषित करें।
उत्तर:
नगर – जहाँ की जनसंख्या 5,000 से अधिक हो, उसकी 25 प्रतिशत या इससे भी कम आबादी की मुख्य आजीविका कृषि न हो और अधिकांश जनसंख्या की आजीविका द्वितीय या तृतीय क्रियाकलाप हों, उसे नगर कहते हैं।

महानगर – 10 लाख से 50 लाख तक की जनसंख्या जिन नगरों में पाई जाती है उन्हें महानगर कहा जाता है। जैसे-पटना, लखनऊ, वाराणसी आदि।

मेगानगर – जिन नगरों की जनसंख्या 50 लाख से अधिक होती है उनहें विराट या मेगा नगर कहा जाता है। हमारे देश में मुम्बई और दिल्ली मेगानगर है।

प्रश्न 52. गुच्छित एवं बिखरी बस्तियों के बीच अंतर करें।
उत्तर:
गच्छित बस्तियाँ – गुच्छित बस्तियाँ उन क्षेत्रों में मिलती है जहाँ मनुष्य सामाजिक दष्टि से अपने परे समाज के साथ मिलकर रहना पसंद करता है। उपजाऊ मिट्टी, समतल मैदानी भाग तथा पर्याप्त जलापूर्ति वाले क्षेत्र गुच्छित बस्तियों के बसाव के आदर्श क्षेत्र होते हैं। इन्हें सघन बस्तियाँ भी कहा जाता है।

बिखरी बस्तियाँ बिखरी बस्तियों में मकान एक-दूसरे से दूर-दूर बसे होते हैं, जिनका पारस्परिक संबंध कच्ची सड़कों या पगडंडियों से होता है। ऐसी बस्तियाँ सामान्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में हैं जहाँ कृषि के लिए उपयुक्त धरातलीय अवस्थाएँ नहीं पायी जाती है।

प्रश्न 53. बहुपक्षीय व्यापार क्या है ?
उत्तर:
बहुपक्षीय व्यापार विश्व के कई देशों के साथ वस्तु एवं सेवाओं का विनिमय है। व्यापार का प्रमुख उद्देश्य ऐसी वस्तुओं को खरीदना या बेचना होता है जिनकी आवश्यकता होती है। यदि किसी उत्पाद की माँग विदेशों में है और अपने यहाँ वह अधिक है तो निर्यात कर विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है। व्यापार का एक पहलू यह भी है कि इससे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में प्रगाढ़ता आती है।

प्रश्न 54. पर्यटन के कोई दो लाभों का उल्लेख करें।
उत्तर:
पर्यटन के दो लाभ निम्नलिखित हैं
(i) रोजगार – पर्यटन में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान या एक देश से दूसरे देश में जाते हैं। इससे देश के जनसंख्या को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलते हैं। राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से भी इसका महत्त्व अधिक है।

(ii) विदेशी मुद्रा की प्राप्ति – भारतीय कलाकृतियों को विश्व में बहुत मान्यता प्राप्त है। विदेशी पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख स्थल गोवा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, दक्षिण भारत के मंदिर, आगरा का ताजमहल इत्यादि हैं। यहाँ विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं और अपने साथ यहाँ की कलाकृतियों को खरीदकर ले जाते हैं, जिससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।

प्रश्न 55. लिंग संरचना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
लिंग संरचना को लिंग पिरामिड द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। अधिकांश विकासशील देशों में लिंग पिरामिड का आधार चौड़ा तथा शीर्ष पतला होता है। इसका अभिप्राय यह है कि उच्च जन्म दर के कारण निम्न आयु वर्ग में विशाल जनसंख्या पायी जाती है। विकसित देशों में पिरामिड के आधार तथा मध्य की मोटाई लगभग एक जैसी होती है। इसका अभिप्राय यह है कि जन्म दर कम होने के कारण बच्चों एवं मध्य आयु वर्ग के लोगों की संख्या लगभग समान है। पिरामिड का संकीर्ण आधार और शुंडाकार शीर्ष निम्न जन्म और मृत्यु दरों को दर्शाता है। इन देशों में जनसंख्या वृद्धि शून्य अथवा ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 56. कृषि घनत्व क्या है ?
उत्तर:
कृषि घनत्व का अर्थ एक ही खेत में एक कृषि वर्ष में उगाई गई फसलों की संख्या बोए गए शुद्ध क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में सकल फसलगत क्षेत्र में शस्य गहनता की माप को प्रकट करता है। कृषि घनत्व को ज्ञात करने का सूत्र है सकल फसलगत क्षेत्र
Bihar Board 12th Geography Important Questions Short Answer Type Part 2, 1
कृषि घनत्व मिजोरम की 100 प्रतिशत से लेकर पंजाब की 189 प्रतिशत के मध्य बदलती रहती है। सिंचाई कृषि घनत्व का प्रमुख निर्धारक तत्व है। जनसंख्या घनत्व का दबाव भी शस्य घनत्व को प्रभावित करता है।

प्रश्न 57. जीवन निर्वाहक कृषि क्या है ?
उत्तर:
अधिक जनसंख्या वाले भागों की कृषि होने के कारण इस प्रकार की कृषि के अंतर्गत ऐसी उपज पैदा की जाती है जिसमें अधिक-से-अधिक श्रम का उपयोग हो सके और अधिक उत्पादन हो सके जिससे खाद्य समस्या का समाधान हो सके। इन प्रदेशों में चावल के अतिरिक्त गेहूँ, गन्ना, जूट आदि उपज पैदा की जाती है।

इन कृषि प्रदेशों में कृषि मुख्यतः पशुओं की सहायता से की जाती है। कृषि प्राचीन काल से रूढ़िवादी क्रिया से की जाती है।
इन प्रदेशों में खेती प्राचीन ढंग से की जाती है जिस कारण इतना अधिक उत्पादन नहीं हो पाता कि उनका निर्यात किया जा सके।

प्रश्न 58. खनिज आधारित उद्योगों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
खनिज आधारित उद्योग वैसे उद्योग को कहा जाता है जिसका कच्चा माल भूमि के अंदर से खनिज के रूप में प्राप्त होता है। जैसे-लोहा-इस्पात उद्योग, एल्युमीनियम उद्योग इत्यादि।

प्रश्न 59. चिकित्सा पर्यटन को परिभाषित करें।
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से सम्बद्ध कर दिया जाता है तो इसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।

प्रश्न 60. मानव विकास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
लोगों के विकल्पों को बढ़ाना तथा जन कल्याण के स्तर को ऊँचा उठाना ही मानव विकास है। आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास जन-कल्याण के प्रमुख पक्ष हैं। जनकल्याण से तात्पर्य मानव की चाहते जैसे-दीर्घ और स्वस्थ जीवन, शिक्षा द्वारा ज्ञान प्राप्ति तथा रहन-सहन के उच्च स्तर हैं।

प्रश्न 61. उत्तरी भारत में सिंचाई के मुख्य साधन क्या हैं ?
उत्तर:
उत्तरी भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन हैं-

  • नहरें
  • नलकूप
  • कुएँ और
  • तालाब

प्रश्न 62. शुष्क कृषि किसे कहते हैं ?
उत्तर:
शुष्क कृषि सिंचाई किये बिना ही कृषि करने की तकनीक है। यह उन क्षेत्रों के लिये । उपयोगी है, जहाँ बहुत कम वर्षा होती है। इसके अंतर्गत उपलब्ध सीमित नमी को संचित करके बिना सिंचाई के ही फसलें उगायी जाती हैं। वर्षा की कमी के कारण मिट्टी की नमी को बनाये रखने तथा उसे बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किया जाता है। इसके लिए गहरी जुताई की जाती है और वाष्पीकरण को रोकने का प्रयत्न किया जाता है। इसके अंतर्गत अल्प नमी में तथा कम समय में उत्पन्न होने वाली फसलें उत्पन्न की जाती हैं। इस प्रकार की खेती विशेष रूप से भूमध्य सागरीय प्रदेशों, अमेरिका के कोलम्बिया पठार तथा भारत में पश्चिमी राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में की जाती है।

प्रश्न 63. ऊर्जा के नवीनीकृत तथा अनवीनीकृत साधनों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
नवीनीकृत साधन – यह ऊर्जा का स्रोत बार-बार काम में लाये जा सकते हैं या समाप्त नहीं होते हैं। जैसे-जल शक्ति, वायु शक्ति, सौर शक्ति या ज्वारीय शक्ति इत्यादि।

अनंवीनीकृत साधन – यह ऊर्जा का ऐसा स्रोत है जिसे एक बार ही काम में लाये जा सकते हैं अर्थात् वे क्षय (नष्ट) हो जाते हैं। जैसे-कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस इत्यादि।

प्रश्न 64. संचार, परिवहन तथा व्यापार में क्या अंतर हैं ?
उत्तर:
संचार (Communication) – संचार के साधन एक स्थान से दूसरे स्थान को सूचना भेजते हैं और प्राप्त करते हैं। डाक सेवाओं, टेलीफोन, फैक्स, इंटरनेट, समाचारपत्रों, टेलीग्राम आदि द्वारा सूचनायें भेजी और प्राप्त की जाती हैं।

परिवहन (Transport) – परिवहन से अभिप्राय मनुष्य तथा आवश्यक उपयोगी वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने-ले जाने की प्रक्रिया है। परिवहन स्थल, जल और वायु द्वारा विभिन्न प्रकार के वाहनों द्वारा किया जाता है। कभी-कभी परिवहन के रूप में पशुओं और स्वयं मानव का उपयोग भी होता है।

व्यापार (Trade) – व्यापार बाजार के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान है। वस्तुओं के मूल्य में अंतर अथवा माँग और आपूर्ति व्यापार के लिए उत्तरदायी हैं। इस प्रकार व्यापार से अभिप्राय दो स्थानों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का प्रवाह है।

प्रश्न 65. समुद्री जल यातायात के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
सामुद्रिक जलमार्ग के निम्नलिखित लाभ हैं-

  • जल परिवहन एक देश से दूसरे देश के लिए भारी माल की ढुलाई का सस्ता और सरल साधन है।
  • महासागर सभी महाद्वीपों को एक-दूसरे से मिलाते हैं।
  • समुद्री परिवहन द्वारा जितना सामान एक साथ जलयानों द्वारा ढोया जा सकता है वह किसी अन्य साधन द्वारा संभव नहीं।
  • विशाल जलयानों में प्रशीतित कक्ष के बन जाने से शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को ले जाना संभव हो गया है।
  • खनिज तेल अथवा गैस आदि को ढोने के लिए विशाल टैंकरों का उपयोग किया जा सकता है।
  • पत्तनों पर कंटेनरों के प्रयोग से सामान को उतारना या चढ़ाना आसान है।
  • आधुनिक जहाज रडार, वायरलेस आदि से सुसज्जित होते हैं। इसलिए खराब मौसम में भी रुकावट नहीं आतो!

प्रश्न 66. बस्ती किसे कहते हैं ? यह सामान्यतया कितने प्रकार की होती है ?
अथवा, आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे ?
उत्तर:
बस्ती से अभिप्राय उस मानव अधिवास से है जिसमें एक से अधिक मकान होते हैं और जहाँ लोग सारा कार्य एक निर्मित क्षेत्र के भीतर ही करते हैं। ये सामान्यतया दो प्रकार की होती हैं-ग्रामीण तथा नगरीय बस्तियाँ।

प्रश्न 67. स्थान एवं स्थिति के मध्य अंतर बताएँ।
उत्तर:

बस्तियों के स्थल (Settlement site)-

  1. बस्ती के स्थल से तात्पर्य उस वास्तविक भूमि से है जिस पर बस्ती विकसित हुई है।
  2. बस्ती का स्थल कोई मैदानी भाग, पहाड़ी क्षेत्र, नदी का किनारा अथवा एक तालाब या झीत हो सकता है।
  3. बस्ती का स्थल यह निर्धारित करता है कि वहाँ जल की उपलब्धता किस प्रकार होगी।

बस्तियों की स्थिति (Settlement situation)-

  1. बस्ती की स्थिति से तात्पर्य उस बस्ती के आस-पास के गाँवों के संबंध में उसकी स्थिति बताना होता है।
  2. बस्ती की स्थिति का अध्ययन प्राकृतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक विरासत के संदर्भ में किया जा सकता है।
  3. किसी बस्ती का प्रतिरूप किसी प्रदेश विशेष के प्राकृतिक पर्यावरण का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 68. बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं ?
उत्तर:

बस्तियों को विभाजित करने के आधार निम्नलिखित हैं-

  • जनसंख्या का आकार तथा
  • प्रकार्य अथवा आर्थिक आधार।

इन दो आधारों के अनुसार बस्तियाँ दो प्रकार की होती हैं-

  • ग्रामीण बस्तियाँ,
  • नगरीय बस्तियाँ।

जनसंख्या के आकार के अनुसार विश्व के सभी देशों में ग्राम और नगर को विभाजित करने का आधार अलग-अलग है। कनाडा में 1000 से कम जनसंख्या वाली बस्ती को ग्राम कहते हैं जबकि भारत में 5000 से कम जनसंख्या वाली बस्ती को ग्राम कहते हैं।

प्रकार्य के आधार पर बस्तियों की पहचान आर्थिक संरचना है। ग्रामीण बस्ती में अधिकांश जनसंख्या प्राथमिक कार्यों जैसे कृषि, मत्स्य, पशुपालन आदि में संलग्न रहती है जबकि नगरीय बस्ती की अधिकांश जनसंख्या द्वितीयक और तृतीयक व्यवसायों में संलग्न रहती है।

प्रश्न 69. मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएँ।
उत्तर:
मानव बस्तियों का अध्ययन मानव भूगोल का आधार है इसलिये मानव भूगोल में बस्तियों का अध्ययन आवश्यक हो जाता है, क्योंकि किसी विशेष प्रदेश में बस्तियों का प्रारूप मनुष्य और पर्यावरण के संबंधों को प्रदर्शित करता है। मानव बस्तियाँ वह स्थान है जहाँ मनुष्य स्थायी रूप से रहता है।

प्रश्न 70. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का एक कार्य के रूप में वर्तमान एवं नवीन बस्तियों के विकास पर क्या प्रभाव होगा ?
उत्तर:
अब तक नगर प्रशासन, व्यापार उद्योग, रक्षा और धार्मिक केन्द्र रहे हैं। लेकिन अब नगर सूचना संचार और तकनीक के केन्द्र बन गए हैं। इनमें से कुछ के कार्यों को नगरों की आवश्यकता नहीं है। इस तकनीक से इन नगरों का विकास होगा। अन्य कार्यों के केन्द्र बन जाएँगे। सूचना प्रौद्योगिक के कारण ये अन्य नगर तथा देशों से जुड़ जाएँगे।

प्रश्न 71. ग्रामीण बस्तियाँ क्या हैं ?
उत्तर:
वे बस्तियाँ जो भूमि से सीधे तथा काफी नजदीकी से जुड़ी होती हैं, ग्रामीण बस्तियाँ कहलाती हैं। ग्राम किसान तथा खेतिहर मजदूरों की अधिकता वाले क्षेत्रों में विकसित होते हैं।

ग्रामीण बस्तियों में जनसंख्या नगरों की अपेक्षा कम होती है।
ग्रामीण घर अधिकतर स्थानीय सामग्री से बने होते हैं। ग्राम की अधिकतर जनसंख्या कृषि तथा पशपालन आदि कार्यों में लगी रहती है।

प्रश्न 72. मलिन बस्तियों में क्या अभिप्राय है ? इनके कुछ उदाहरण दें।
उत्तर:
मलिन बस्ती से अभिप्राय एक ऐसे घने बसे आवासीय क्षेत्र से है, जिसमें अस्वच्छ घर होते हैं जिनमें समाज के कमजोर वर्गों के लोग रहते हैं तथा जिनमें सामाजिक विघटन की प्रवृत्तियाँ पाई जाती हैं। उदाहरण के लिए रांचो (वेनेजुएला), फावेला (ब्राजील) तथा बस्ती अथवा झुग्गी-झोंपड़ी (भारत)।

प्रश्न 73. मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर:
मानव स्वास्थ्य पर वायु-प्रदूषण का प्रभाव कई तरह से पड़ता है-

  1. वायु प्रदूषण को धूल, धुआँ, गैसों और दुर्गन्ध जैसे विषैले पदार्थों का वायु में वृद्धि के रूप में लिया जाता है।
  2. यह मानव शरीर के त्वचा को भी प्रभावित करती है।
  3. इससे स्नायुत्र, हृदय, फेफड़ा, परिसंचरण तंत्र आदि से संबंधित भी रोग होते हैं।
  4. इससे ओजोन परत भी प्रभावित हुआ है, जिससे पराबैगनी किरण पृथ्वी पर पहुंच कर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित किया है।

प्रश्न 74. जल-संभर प्रबंधन क्या है ?
उत्तर:
जल संभर प्रबंधन से तात्पर्य मुख्य रूप से धरातलीय अथवा भूमिगत जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन करना है। इसके अंतर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों, जैसे-तालाब, अंतःस्रवण, कुओं, द्वारा भूमिगत जल को वृद्धि करना है। इस प्रबंध का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल का संचयन करना तथा भूमिगत जल का विवेकपूर्ण प्रयोग है।

प्रश्न 75. प्रवास के प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारणों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रवास के प्रतिकर्ष कारक बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएँ, राजनीतिक उद्रिव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएँ, महामारियाँ तथा सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन जैसे कारण उद्गम स्थान को कम आकर्षित बनाते हैं।

प्रवास के अपकर्ष कारक काम के बेहतर अवसर और रहन-सहन की अच्छी दशाएँ, शांति व स्थायित्व, जीवन व संपति की सुरक्षा तथा अनुकूल जलवायु जैसे कारण गंतव्य स्थान को उद्गम स्थान की अपेक्षा अधिक आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 76. पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है ?
उत्तर:
पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए इसके दोनों छोरों को जोड़ते हैं। इनका निर्माण आर्थिक और राजनैतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लम्बी यात्राओं की सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था।

प्रश्न 77. सहकारी कृषि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जब कृषकों को एक समूह अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि-कार्य सम्पन्न करे उसे सहकारी कृषि कहते हैं। इसके अंतर्गत सहकारी संस्था द्वारा सभी प्रकार के कृषि सहायता कृषकों को पहुंचाया जाता है।

प्रश्न 78. प्रकृति का मानवीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
समय परिवर्तन के साथ मानव अपने पर्यावरण और प्राकृतिक बलों को समझने लगता है। अपने सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के साथ मानव बेहतर और अधिक सक्षम प्रौद्योगिकी का विकास करते हैं। पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के द्वारा वे संभावनाओं को जन्म देते हैं। मानव अपने विवेक, बुद्धि व कुशल तकनीक के द्वारा पर्यावरण के विभिन्न उपागमों पर विजय प्राप्त करता जा रहा है तथा पर्यावरण की समस्याओं का सामना करते हुए अपने को ढाल रहा है। ये क्रियाएँ प्रकृति के मानवीकरण के अंतर्गत सम्मिलित होती हैं।

प्रश्न 79. उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में जनसंख्या का वितरण कम है, क्यों ?
उत्तर:
उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में जनसंख्या का वितरण कम है। उत्तर भारत में जनसंख्या अधिक मिलने का प्रमुख कारण समतल मैदानी क्षेत्रों का विस्तार, सड़क परिवहन, रेलमार्ग का विकास, जल की उपलब्धता इत्यादि है। जबकि दक्षिण भारत मूलतः पठारी क्षेत्र है, जहाँ कृषि हेतु समतल भू-भाग का अभाव पाया जाता है। साथ ही सिंचाई सुविधा व सड़क एवं रेलमार्ग जैसे यातायात साधनों का भी विकास कम हो पाया है।

प्रश्न 80. अंकीय विभाजन क्या है ?
उत्तर:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित है। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भिन्नता पाई जाती है। कोई देश कितनी शीघ्रता से अपने नागरिकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तक पहुंचाकर और उसके लाभ उपलब्ध करा सकता है। इसी को अंकीय विभाजक कहा जाता है।

प्रश्न 81. भारत में ज्वारीय ऊर्जा की संभावनाओं को लिखिए।
उत्तर:
महासागरीय धाराओं एवं तरंगों द्वारा प्राप्त ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा कहलाता है। भारत के पश्चिमी तट पर वृहत ज्वारीय तरंग उत्पन्न होती है, वहीं पूर्वी तटीय क्षेत्रों में भी इस प्रकार की तरंगें उत्पन्न होती हैं। भारत के अविकसित तकनीक के कारण वर्तमान समय में इससे ऊर्जा की प्राप्ति नहीं हो रही है। लेकिन भविष्य में इससे ऊर्जा की प्राप्ति की संभावना है।

प्रश्न 82. सार्क देशों के नाम बताइये।
उत्तर:
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव सात दक्षिण एशि ई देशों ने मिलकर दक्षिण एशिया प्रादेशिक सहयोग संगठन का गठन किया है।

प्रश्न 83. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
धात्विक एवं अधात्विक खनिज में निम्न अंतर है-

धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
1. जिन खनिजों को पिघलाने से धातुएँ बनती हैं। जैसे – 1. जिन खनिजों एवं धातुएँ नहीं होती हैं उसे  अधात्विक खनिज लोहा, तांबा आदि। कहते हैं। कोयला, नमक आदि।
2. इसकी अपनी चमक होती है। 2. ये ठोस, तरलता गैसीय होते हैं।
3. ये आग्नेय और कायान्तरित शैलों में पाई जाती है। 3. ये अवसादी शैल में होते हैं।
4. इनका औद्योगिक महत्व अधिक है। 4. चूना-पत्थर, कोयला इसके उदाहरण हैं।
5. इनकी तार एवं चादरें बनाई जाती है। 5. इनकी तार एवं छड़ें नहीं बनाई जा सकती है।

प्रश्न 84. ट्रॉन्स साइबेरियन रेलमार्ग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
ट्रांससाइबेरियन रेलमार्ग विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग है। इसकी कुछ लम्बाई 9332 है। यह पश्चिम में लेनिनग्राद को पूर्व में प्रशान्त महासागर तट पर स्थित नगर बमाड़ी बोस्टक से जोड़ता है। इस रेलमार्ग के प्रमुख स्टेशन मास्को, रयाजान, सिजराज, कुइबाईसेब, चेलियाबिसक, ओमस्क, नोवा सीबीरिक है। इसका निर्माण साइबेरिया के सामाजिक तथा आर्थिक विकास के उद्देश्य से किया गया है।

प्रश्न 85. भारत में जनांकिकीय इतिहास को चार अवस्थाओं में बांटे।
उत्तर:
भारत के जनाकिकीय इतिहास को निम्नलिखित चार अवस्थाओं में बांटा गया है-

  1. रुद्ध अथवा स्थिर अवस्था : इसकी अवधि 1901 से 1921 ई० के बीच रही है। इस अवस्था में जनसंख्या वृद्धि अत्यन्त ही निम्न थी। अशिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, खाद्यान्न समस्या प्रमुख थी।
  2. स्थिर वृद्धि की अवस्था : इसकी अवधि 1921 से 1951 ई० के बीच रही है। स्वास्थ्य सुविधा में सुधार, स्वच्छता, परिवहन एवं संचार के कारण मृत्यु दर को नीचे लाया गया।
  3. विस्फोटक अवस्था : इसकी अवधि 1951 से 1981 ई० के बीच रही है। इसके अंतर्गत मृत्यु दर में तीव्र कमी तथा जन्म दर में तीव्र वृद्धि सम्मिलित है।
  4. अधोमुखी अवस्था : इसकी अवधि 1981 ई० से वर्तमान समय तक की है। इस अवस्था में जीवन की गुणवत्ता को सुधार कर जनसंख्या नियंत्रण को अपनाया गया है।

प्रश्न 86. सांस्कृतिक नगर क्या है ?
उत्तर:
सांस्कृतिक नगर : वैसे नगर जिसका उद्भव ऐतिहासिक, धार्मिक दृष्टिकोणों से हुआ है, सांस्कृतिक नगर कहलाते हैं। जैसे-वाराणसी, हरिद्वार, मक्का, मदीना, जेरूसलम।

प्रश्न 87. जनसंख्या की प्रमुख जनांकिकीय विशेषतायें कौन-सी हैं ?
उत्तर:
जनसंख्या की प्रमुख जनांकिकीय विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • स्त्री-पुरुष अनुपात (Sex Ratio) – भारत में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में अधिक है।
  • नगरीय व ग्रामीण आवास (Urban and rural residence) – निवास के आधार पर ही जनसंख्या को नगरीय तथा ग्रामीण जनसंख्या कहते हैं। भारत की लगभग तीन-चौथाई (72.2%) जनसंख्या ग्रामीण है।
  • आयु संरचना (Age Composition) – आयु संघटन से तात्पर्य है- आयु के आधार पर जनसंख्या का वर्गीकरण। भारत में किशोर जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है।
  • कार्यरत तथा आश्रित जनसंख्या (Working and ependent population) – कार्यरत जनसंख्या से तात्पर्य है कि देश में कितने प्रतिशत लोग लाभकारी कार्य करते हैं तथा कितने प्रतिशत लोग कार्यरत जनसंख्या पर निर्भर करते हैं।

प्रश्न 88. देश के किस भाग में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है ?
उत्तर:
देश में ग्रामीण जनसंख्या का राष्ट्रीय अनुपात 72.8% है। इससे अधिक ग्रामीण अनुपात अरुणाचल प्रदेश में है जो 94.5% है।

प्रश्न 89. आश्रित अनुपात किसे कहते हैं तथा इसकी गणना कैसे की जाती है ? इसकी विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
भारत में आश्रित अनुपात 60.8% है। यह अनुपात कुल जनसंख्या में 15 वर्ष की आयु से कम तथा 60 वर्ष और उससे अधिक अयु की जनसंख्या को मिलाकर निकाला जाता है।

विशेषताएँ-

  • आश्रित जनसंख्या वस्त्र, भोजन तथा शिक्षा आदि की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अर्जक जनसंख्या पर निर्भर करती है।
  • आर्थिक दृष्टि से यह वर्ग अनुत्पादक है।
  • किशोर तथा वृद्ध जनसंख्या के अतिरिक्त घरेलू महिलाओं का एक बड़ा भाग भी आश्रित जनसंख्या का भाग है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रित अनुपात अधिक है।

प्रश्न 90. किशोर, प्रौढ़ और वृद्ध वर्गों की आयु सीमायें बताइए।
उत्तर:
आयु के आधार पर भारत में जनसंख्या को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है-

  • 15 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या को किशोर वर्ग में रखा गया है।
  • 15 से 59 वर्ष की आयु के लोगों को प्रौढ़ वर्ग में रखा गया है।
  • 60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को वृद्ध वर्ग में रखा गया है।

प्रश्न 91. भारत का कृषि क्षेत्र में भू-मण्डलीय स्पर्धा में टिके रहने के लिए क्या उपाय करने चाहिएं ?
उत्तर:

  • भारत को अपनी कृषि की विशाल सम्भावनाओं का व्यवस्थित और नियमित ढंग से उपयोग करना चाहिए।
  • विकसित उद्योगों की भाँति तकनीक को विकसित करना चाहिए।
  • जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग के अलवा देश में कृषि उत्पादों के लिए एक बंधनमुक्त एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने का कार्य करना चाहिए।
  • भारतीय किसानों को नये औजार तथा उपकरणों से सुसज्जित करना चाहिए।
  • लोगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करके उत्पादन लगात को कुछ कम करना चाहिए।
  • भारतीय कृषि को अधिक उन्नत बनाने के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए एक सुगठित अवसरंचना को खड़ा करने की आवश्यकता है जिसमें सड़कें, बिजली, सिंचाई तथा ऋण जैसी सुविधाओं को बढ़ाना होगा ताकि किसान और व्यापारी दोनों को ही लाभ मिल सके।

प्रश्न 92. ऋतु प्रवास का क्या अर्थ है ? चलवासी पशु चारण की चार विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
लोगों का अपने पशुओं के साथ ऋतु परिवर्तन के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवास करना ऋतु प्रवास कहलाता है।

चलवासी पशुचारण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. चलवासी पशुचारक विभिन्न समुदायों में विभाजित होते हैं। प्रत्येक समुदाय एक सुस्पष्ट सीमा में विचरण करता है।
  2. इन्हें अपने क्षेत्र में मौसम के अनुसार चारे तथा जल आपूर्ति की पूर्ण जानकारी होती है।
  3. इस प्रक्रिया में पशु पूर्णतः प्राकृतिक वनस्पति पर ही निर्भर करते हैं।
  4. चलवासी पशुचारक अलग-अलग जलवायु वाले क्षेत्रों में गाय, बैल, भेड़, बकरी, याक आदि पालते हैं।
  5. ये लोग पूर्णतः पशु तथा पशु उत्पाद पर निर्भर करते हैं।

प्रश्न 93. भारत को कृषि प्रधान देश क्यों कहा जाता है ? किन्हीं तीन कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। इसके निम्न कारण हैं-

  1. प्राचीन काल से ही कृषि भारत की अधिकतर जनसंख्या की मुख्य आर्थिक क्रिया रही है। आज भी यह भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।
  2. श्रम शक्ति का लगभग 64% भाग कृषि कार्यों में लगा हुआ है। शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का 26% योगदान है।
  3. देश के निर्यात में कृषि उत्पादों का महत्वपूर्ण योगदान (18%) है। कृषि उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करती है।
  4. कृषि में खाद्य अनाज के साथ तिलहन तथा दालों का भी उत्पादन होता है।
  5. भारत में 19.08 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर कृषि की जाती है।

प्रश्न 94. लौह खनिज तथा अलौह खनिज में क्या अंतर है ?
उत्तर:
लौह खनिज तथा अलौह खनिज में निम्नलिखित अन्तर है-
लौह खनिज (Ferrous Minerals):

  1. वे खनिज जिनमें लोहे का अंश नहीं होता। अलौह खनिज कहलाते हैं।
  2. इन खनिजों में इस्पात तैयार किया जाता है।
  3. लौह अयस्क, मैंगनीज तथा बॉक्साइट लौह खनिज के उदाहरण हैं।

अलौह खनिज (Non ferrous minerals):

  1. वे खनिज जिनमें लोहे का अंश होता है इस वर्ग में आते हैं।
  2. यह दिन-प्रतिदिन के जीवन में बहुत उपयोगी होते हैं।
  3. सोना, चाँदी, ताँबा, कोयला, तेल, नमक, अलौह खनिज के उदाहरण हैं।

प्रश्न 95. प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या भेद है ?
उत्तर: 

प्रदूषण (Pollutions)-

  1. मानवीय क्रियाकलाप से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पादों से कुछ पदार्थ और ऊर्जा मुक्त होती है जिससे प्राकृतिक पर्यावरण में परिवर्तन होते हैं। ये हानिकारक होते हैं जिन्हें प्रदूषण कहते हैं।
  2. प्रदूषण की स्थिति में वायु, भूमि तथा जल के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक लक्षणों में अनचाहे परिवर्तन होते हैं जो हानिकारक हैं।

प्रदूषकों (Pollutants)-

  1. पारितंत्र के विद्यमान प्राकृतिक सन्तुलन में ह्रास और प्रदूषण उत्पन्न करने वाले ऊर्जा या पदार्थ के किसी भी रूप को प्रदूषक कहा जाता है। ये गैस, तरल तथा ठोस रूप में हो सकते हैं।
  2. प्रदूषक विविध माध्यमों के द्वारा विकीर्ण तथा परिवाहित होते हैं।

प्रश्न 96. वायु प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं-

  1. उद्योग (Industries) – उद्योगों से निकलने वाला धुआँ वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। जहरीला गैस, राख आदि वायुमंडल में मिल जाती है।
  2. मोटर वाहन (Automobile) – बड़े नगरों में वायु प्रदूषण का 50 से 60% सड़क पर चलने वाले वाहनों से होता है।
  3. ताप बिजली घर (Thermal Power Stations) – इनसे बहुत धुआँ और राख निकलती है। उदाहरण के लिए 500 मेगावाट के ताप बिजली घर से प्रतिदिन धुएँ के साथ-साथ 2000 टन राख निकलती है।
  4. शहरी कचरा (Urban Waste) – नगरों और महानगरों से प्रतिदिन लाखों टन कचरा निकलता है। इस कचरे का निपटान खर्चीला और असाध्य है। परिणामस्वरूप प्रदूषण फैलता है।
  5. खदानों से निकली धूल (Mine Dust) – पत्थर की खानों अथवा अन्य खानों से भारी मात्रा में धूल निकलकर वायुमण्डल में फैलकर वायु को प्रदूषित करती है।

प्रश्न 97. भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
नगर की पर्यावरणीय समस्याओं में जल, वायु और शोर प्रदूषण तथा विषैले और खतरनाक अपशिष्टों का निपटान शामिल है। इसके कारण निम्नलिखित हैं-

  1. मानव मल के सुरक्षित निपटान के लिए सीवर अथवा अन्य माध्यमों की कमी है।
  2. कूड़ा-कचरा संग्रहण की सेवाओं की अपर्याप्त व्यवस्था। कूड़ा-कचरा नदियों के जल को प्रदूषित करता है।
  3. औद्योगिक अपशिष्टों को नदियों में बहाया जाना जल प्रदूषण का मुख्य कारण है।
  4. नगर आधारित उद्योगों के अपशिष्ट जल और अनुपचारित मल जल से उत्पन्न प्रदूषण जल नगरों में स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएँ पैदा करता है।
  5. नगरों में ठोस अपशिष्ट के संग्रहण में असमर्थता एक गम्भीर समस्या है।

प्रश्न 98. उन चार नदी घाटियों के नाम बतायें जिनमें कोयला पाया जाता है।
उत्तर:

  1. दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र – यह झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में है।
  2. सोन नदी घाटी कोयला क्षेत्र – यह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में है।
  3. महानदी कोयला क्षेत्र – यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य में है।
  4. वर्धा-गोदावरी नदी घाटी क्षेत्र – यह क्षेत्र मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश में है।

प्रश्न 99. भारत के पेट्रोलियम उत्पादन प्रदेशों के नाम बतायें।
उत्तर:
पेट्रोलियम उत्पादक देश निम्नलिखित हैं-

  1. उत्तर-पूर्वी प्रदेश – इसका विस्तार अरुणाचल प्रदेश और नागालैण्ड तक है।
  2. गुजरात प्रदेश – इसका विस्तार खम्बात बेसिन और मैदानों तक है।
  3. मुम्बई हाई अपतट – मुम्बई से 75 किमी. दूर अरब सागर में स्थित है।
  4. पूर्वी तटीय प्रदेश – यह काबेरी, गोदावरी और कृष्णा नदी द्रोणियों में स्थित है।

प्रश्न 100. भारत में प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ।
उत्तर:
झारखण्ड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश और महाराष्ट्र।

प्रश्न 101. संसाधन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मानव अपने वातावरण की उपज है। प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण मानव की अनेक प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। वातावरण के उपयोगी तत्व जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, संसाधन कहलाते हैं।

प्रश्न 102. भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
उत्तर:
अभ्रक सबसे अधिक बिहार, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में पाया जाता है।

झारखंड और बिहार- झारखंड में उच्चकोटि का अभ्रक पाया जाता है। यहाँ अभ्रक की पेटी 150 किमी. लम्बी तथा 32 किमी. चौड़ी है। देश के कुल उत्पादन का 50% अभ्रक इस क्षेत्र में पाया जाता है। प्रमुख निम्न हजारीबाग पठार है।

आन्ध्र प्रदेश – नैलोर जिले में उच्च कोटि का अभ्रक का उत्पादन होता है। यहाँ देश का 30% अभ्रक पाया जाता है।
राजस्थान – राजस्थान में अभ्रक का उत्पादन अजमेर, वियावर, भीलवाड़ा और डूगरपुर जिलों में होता है।
कर्नाटक – कर्नाटक में मैसूर तथा हासन जिलों में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु में कोयम्बटूर, त्रिचनापल्ली, मदुरई और कन्याकुमारी आदि भी है। केरल और. महाराष्ट्र में भी अभ्रक पाया जाता है।

प्रश्न 103. नाभिकीय ऊर्जा क्या है ? भारत में प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
नाभिकीय ऊर्जा परमाणु के विखंडन द्वारा प्राप्त ऊर्जा जो परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। इसे नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं।

नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम-

  1. तारापुर (महाराष्ट्र)
  2. रावतभाटा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (राजस्थान)
  3. कल्पक्म परमाणु ऊर्जा केन्द्र (तमिलनाडु)
  4. नरौरा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (उत्तर प्रदेश)
  5. कैगा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (कर्नाटक)
  6. ककरपारा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (गुजरात)

प्रश्न 104. अलौह धातुओं के नाम बताएँ। इनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
उत्तर:
भारत अलौह धातुओं में निर्धन है। इनमें बाक्साइट, ताँबा, सोना, चाँदी आदि प्रमुख हैं।
बाक्साइट – बाक्साइट का उपयोग ऐलूमिनियम बनाने में किया जाता है। बाक्साइट निम्न राज्यों में पाया जाता है।
उड़ीसा – उड़ीसा बाक्साइट का प्रमुख उत्पादक है। काला हाडी और संभलपुर, अग्रणी क्षेत्र है। अन्य उत्पादन क्षेत्र हैं वोलानगिर और कोरापुर।
झारखंड – यहाँ लोहरदग्गा प्रमुख है। पालामु में बाक्साइट का खनन होता है।
महाराष्ट्र – महाराष्ट्र में कोल्हापुर, रत्नगिरी, कोलावा आदि क्षेत्र हैं।
गुजरात – गुजरात में भावनगर जामनगर में प्रमुख भंडार है।
इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बाक्साइट का उत्पादन होता है।

ताँबा (Copper) – ताँबे का उपयोग विद्युत कार्यों में किया जाता है। तांबे के भंडार प्रमुख रूप से झारखंड में सिंह भूमि, मध्य प्रदेश का बाला घाट जिला तथा राजस्थान के झुनझुन और अलवर जिले में पाया जाता है। छोटे उत्पादकों में आन्ध्र प्रदेश का गुन्टूर और अग्निगुंडा जिला, कर्नाटक में हासन एवं तमिलनाडु का दक्षिणी आरकाट जिला है।

प्रश्न 105. औद्योगिक संकुल की पहचान किस प्रकार की जाती है ? अपने घर के समीप किसी औद्योगिकी प्रदेश की सहायता से वर्णन करें।
उत्तर:
औद्योगिक समूहन की पहचान के कई संकेत हैं इनमें से महत्त्वपूर्ण हैं-

  1. औद्योगिक इकाइयों की संख्या
  2. औद्योगिक श्रमिकों की संख्या
  3. उद्योगों के लिये प्रयुक्त शक्ति साधन
  4. कुल औद्योगिक उत्पादन की मात्रा
  5. विनियोग आदि द्वारा मूल्यांकन

हमारे समीप दिल्ली, गुड़गाँव, मेरठ औद्योगिक स्कूल है। इस क्षेत्र में स्थापित उद्योग बड़ी शीघ्रता से विकास कर रहे हैं। इसमें पाये जाने वाले उद्योग हल्के तथा बाजार आधारित उद्योग हैं। इनमें विद्युत इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग आदि उद्योग हैं। इसके अतिरिक्त सूती वस्त्र, कृत्रिम रेशा, ऊनी वस्त्र, चीनी, सीमेन्ट साइकिल ट्रैक्टर आदि के उद्योग हैं। अभी हाल में सोफ्टवेयर उद्योग भी विकसित होने लगा है। आगरा मथुरा में ग्लास उद्योग, तेल शोधक उद्योग स्थापित हैं। प्रमुख केन्द्र हैं गुड़गाँव, दिल्ली, फरीदाबाद, मोदी नगर, गाजियाबाद, अम्बाला, ‘मथुरा, आगरा आदि।

प्रश्न 106. मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश की प्रमुख विशेषतायें लिखें।
उत्तर:
मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश में सूती वस्त्र के अतिरिक्त ऊनी-रेशमी वस्त्र भी विकसित है। इंजीनियरी का सामान पैट्रो रसायन, चमड़ा, कृत्रिम तथा प्लास्टिक की वस्तुएँ, रसायन उपकरण और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग है। इस क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ हैं-

  1. सूती वस्त्र उद्योग के लिए कच्चा माल समीप के क्षेत्रों से ही मिल जाता है।
  2. यह क्षेत्र रेल, सड़क, समुद्री मार्ग तथा वायु मार्ग से देश-विदेश के विभिन्न भागों से जुड़ा है।
  3. शक्ति के साधन के रूप में बिजली पश्चिमी घाट की पहाड़ियों से मिल जाती है।
  4. मुम्बई आधुनिक नगर होने के कारण यहाँ देशी तथा विदेशी कम्पनियों के बैंक स्थापित हैं। यहाँ बड़े पूँजीपति भी रहते हैं।
  5. मुम्बई एक प्रमुख बन्दरगाह है जिसमें आयात-निर्यात की सुविधा रहती है।
  6. स्वेज नहर के बन जाने से इस प्रदेश का बहुत विकास हुआ है। इसके कारण मुम्बई का सीधा संबंध अफ्रीका तथा यूरोप देशों से जुड़ गया है।

प्रश्न 107. भारत में औद्योगिक विकास पर उदारीकरण के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उदारीकरण से भारत के औद्योगिक विकास पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ा है-

  1. कुछ उद्योग जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील हैं को छोड़कर लाइसेंस प्रणाली समाप्त कर दी गई है।
  2. सार्वजनिक क्षेत्र के लिए सुनिश्चित उद्योगों की संख्या 17 से घटाकर तीन कर दी गई है।
  3. सरकार ने सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के सरकारी शेयरों का कुछ भाग वित्तीय संस्थानों व सामान्य जनता और कामगारों को देने का फैसला किया है।
  4. अब लाइसेंस मुक्त किसी भी उद्योग में निवेश के लिये सरकार से पूर्व अनुमति नहीं लेनी पड़ती।
  5. विदेशों से कच्चे माल के आयात और उत्पादों के निर्यात बन्धन ढीले कर दिये हैं। निर्यात करने वाली कम्पनियों को विशेष छूट या प्रावधान उपलब्ध है।
  6. नई औद्योगिक नीति के अनुसार स्वदेशी तकनीक की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।

प्रश्न 108. भारत में लोहे और इस्पात के कारखाने प्रायद्वीपीय पठारों पर ही क्यों व्यवस्थित हैं ?
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार पर अनेक प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं। इनमें लौह अयस्क, मैंगनीज, कोयला, चूना पत्थर आदि हैं। लौह-इस्पात उद्योग के लिये भी समस्त कच्चा माल इस क्षेत्र में समीप ही मिल जाता है। इसके अतिरिक्त निम्न कारण भी हैं-

  1. इस प्रदेश में अच्छे किस्म के कोयला निक्षेप झरिया, बोकारो, गिरिडीह आदि क्षेत्रों में मिलते हैं तथा लौह अयस्क भी प्रायद्वीपीय भारत में मिलता है।
  2. लौह-इस्पात उद्योग एक भारी उद्योग है जिसके कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क पठार पर ही उपलब्ध है।
  3. अन्य पदार्थ जैसे मैंगनीज, चूना पत्थर की आसानी से आपूर्ति हो जाती है।
  4. दामोदर घाटी परियोजना से जल तथा जलविद्युत की आपूर्ति होती है।
  5. बिहार, उड़ीसा तथा पश्चिम बंगाल से सस्ता श्रम इस उद्योग के लिए प्राप्त होता है।
  6. इस क्षेत्र से महत्वपूर्ण रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग गुजरते हैं। प्रत्येक इस्पात कारखाना रेल मार्ग या सड़क मार्ग से जुड़ा है जिससे माल को लाने व ले जाने में कठिनाई नहीं होती है।
  7. कोलकाता बन्दरगाह समीप है।

प्रश्न 109.कस्बा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
एक लाख से कम जनसंख्या वाले केन्द्र को कस्बा कहते हैं।

प्रश्न 110. जनगणना नगर क्या है ?
उत्तर:
वे सभी स्थान जिनकी जनसंख्या कम से कम 5000 है तथा 75% कार्यशील पुरुष जनसंख्या है तथा जनसंख्या का घनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।

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