जानिए कौन हैं IBM के नये CEO अरविंद कृष्णा
जानिए- कौन हैं IBM के नये CEO अरविंद कृष्णा
जानिए कौन हैं IBM के नये CEO अरविंद कृष्णा
ये भारत के लिए गौरव की बात है की IBM जैसी नामी कंपनी में भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा को CEO बनाया गया है . यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय को इतनी बड़ी कम्पनी का सीईओ बनाया गया है . अरविंद कृष्णा प्रमुख अमेरिकी टेक समूह के चौथे भारतीय मूल के CEO होंगे. इस सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई और एडोब के शांतनु नारायण का नाम शामिल है. तो चलिए जानते है की कौन हैं अरविंद कृष्णा, कहां से की है पढ़ाई, क्यों दिया गया उन्हें इतना महत्वपूर्ण पद.
आईबीएम का स्थापना
आईबीएम (इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कॉर्प) का स्थापना 16 जून 1911 को की गई थी। कम्प्यूटर कंपनियों में आईबीएम एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने अब तक तीन नोबेल पुरस्कार, चार टूरिंग पुरस्कार, पांच राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी पदक तथा पांच राष्ट्रीय विज्ञान पदक जीते हैं। 1981 में आईबीएम ने पर्सनल कम्प्यूटर्स की बिक्री शुरू की जिसने आईबीएम को जल्द ही दुनिया की श्रेष्ठतम कंपनियों में एक बना दिया।
शुरूआती जीवन और शिक्षा
अरविन्द कृष्णा ने स्कूल की पढाई St Joseph’s Academy, Dehradun से की और इंटर की पढाई Stanes School, Coonoor, Tamil Nadu से की . इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT KANPUR) उत्तर प्रदेश , भारत (1980 से 1985 तक) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर इन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की . इसके बाद वे आगे की पढाई के लिए अमेरिका चले गए . अरविंद कृष्ण ने 1990 में यूनिवर्सिटी ऑफ इलनॉइज, अर्बाना शैंपेन से इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की पढ़ाई की.
अरविन्द कृष्णा:-
IBM (इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कॉर्प) ने अरविंद कृष्णा को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के तौर पर नामित किया है. उनसे पहले लंबे समय ये वजीर्निया रोमेटी इस पद पर थीं. वर्जीनिया रोमेटी फिलहाल कंपनी की एग्जीक्यूटिव चेयरमैन (Executive Chairman) रहेंगी.
बता दें कि अरविंद वर्तमान में आईबीएम में एक एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें जनवरी में CEO के तौर पर नामित किया गया था. छह अप्रैल से वो कंपनी में सीईओ पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. बता दें कि आईआईटी कानपुर में पढ़े अरविंद कृष्ण ने 1990 में आईबीएम कंपनी ज्वाइन की थी. वो आईबीएम के क्लाउक्लाउड और कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट के पद पर थे.
2018 में 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर में रेड हैट के आईबीएम के अधिग्रहण का श्रेय उन्हें दिया जाता है.
वह एक प्रमुख अमेरिकी टेक समूह के चौथे भारतीय मूल केCEO होंगे. इस सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई और एडोब के शांतनु नारायण का नाम शामिल है.
अरविंद कृष्ण ने यूनिवर्सिटी ऑफ इलनॉइज, अर्बाना शैंपेन से इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की पढ़ाई की. इससे पहले उन्होंने स्टेन्स हायर सेकेंडरी स्कूल, कुन्नूर, और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर उत्तर प्रदेश भारत (1980 से 1985 तक) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर इन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी.बता दें कि गुरुवार को IBM ने एक बयान जारी करके बताया कि 62 साल की वर्जिनिया रोमेट्टी इस साल के अंत तक कार्यकारी अध्यक्ष बनी रहेंगी. वो इसी पद से कंपनी से रिटायर होंगी. वो कंपनी में 40 साल तक काम करने के बाद सेवानिवृत्त हो रही हैं. उनके बाद अरविंद कृष्णा 6 अप्रैल को इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (आईबीएम) के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की जिम्मेदारी संभालेंगे.
सीईओ चुने जाने पर कंपनी की एक प्रेस रिलीज में अरविंद ने कहा,
“मैं IBM का नया कार्यकारी अधिकारी चुने जाने को लेकर रोमांचित हूं। गिन्नी और निदेशक मंडल ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मैं उसके लिए आभारी हूं।”