aarti kunj bihari ki | आरती कुञ्ज बिहारी की
आरती कुञ्ज बिहारी की
मैं आरती तेरी गाऊं
ओ केशव कुंज बिहारी
मैं आरती तेरी गाऊं
ओ केशव कुंज बिहारी
मैं नित नित शीश नवाऊं
ओ मोहन कृष्ण मुरारी
मैं नित नित शीश नवाऊं
ओ मोहन कृष्ण मुरारी
है तेरी छबी अनोखी
ऐसी ना दूजी देखी
है तेरी छबी अनोखी
ऐसी ना दूजी देखी
तुझसा ना सुन्दर कोई
ओ मौर मुकुट धारी
तुझसा ना सुन्दर कोई
ओ मौर मुकुट धारी
मैं आरती तेरी गाऊं
ओ केशव कुंज बिहारी
जो आये सरण तिहारे
बिपदा मिट जाये सारी
जो आये सरण तिहारे
बिपदा मिट जाये सारी
हम सबपर कृपा रखना
ओ जगत के पालन हारे
हम सबपर कृपा रखना
ओ जगत के पालन हारे
मैं आरती तेरी गाऊं
ओ केशव कुंज बिहारी