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bseb class 9th biology solutions | खाद्य संसाधनों में सुधार

bseb class 9th biology solutions | खाद्य संसाधनों में सुधार

                           पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 229)
प्रश्न-अनाज, दाल, फल तथा सब्जियों से हमें क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-अनाज : कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं। यह ऊर्जा प्रदान करते हैं।
दालें : प्रोटीन प्रदान करते हैं।
फल व सब्जियाँ : विटामिन तथा खनिज प्रदान करते हैं।
                           पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 230)
प्रश्न 1. जैविक व अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं?
उत्तर-जैविक कारक जैसे रोग, कीट, निमेटोड तथा अजैविक कारक, जैसे सूखा, क्षारता,
जलाक्रांति, गरमी, ठंड या पाला के कारण फसल उत्पादन कम हो सकता है। कभी पूरी की पूरी
फसल ही नष्ट हो जाती है।
प्रश्न 2. फसल सुधार के लिए ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण क्या हैं ?
उत्तर-ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण वाली किस्में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायक होती
हैं। उदाहरण के लिए चारे वाली फसलों के लिए सघन शाखाएंँ ऐच्छिक गुण। अनाज के लिए
बौने पौधे उपयुक्त हैं जिससे फसलों के लिए कम पोषकों की आवश्यकता हो।
                             पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 231)
प्रश्न 1. वृहत् पोषक क्या हैं और इन्हें वृहत् पोषक क्यों कहते हैं ?
उत्तर-वे तत्त्व जो पौधों की वृद्धि के लिए अत्यन्त आवश्यक होते हैं उन्हें वृहत् पोषक तत्त्व
कहते हैं।
प्रश्न 2. पौधे अपना पोषक कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-पौधे पोषक तत्त्वों को खाद तथा उर्वरकों से प्राप्त करते हैं।
                               पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 232)
प्रश्न 1. मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए खाद तथा उर्वरक के उपयोग की
तुलना कीजिए।
उत्तर-यदि हम खेत में केवल खाद डालते हैं तो खेत की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती
है लेकिन तुरन्त असर नहीं होता। लेकिन उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है।
यदि केवल उर्वरकों का ही प्रयोग किया जाता है तो फसल का उत्पादन अधिक होगा क्योंकि
उर्वरक तुरन्त ही पोषक तत्त्व प्रदान कर देते हैं। लेकिन उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक नहीं बनी
रहती है।
                            पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 235)
प्रश्न-निम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थिति में सबसे अधिक लाभ होगा? क्यों ?
(a) किसान उच्च कोटि के बीज का उपयोग करें, सिंचाई ना करें अथवा उर्वरक का
उपयोग ना करें।
(b) किसान सामान्य बीजों का उपयोग करें, सिंचाई करें तथा उर्वरक का उपयोग करें।
(e) किसान अच्छी किस्म के बीज का प्रयोग करें, सिंचाई करें, उर्वरक का उपयोग
करें तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाएँ।
उत्तर-उपरोक्त शर्त्तों में से कृषक सर्वाधिक लाभ की स्थिति में रहेगा जब वह शर्त (c)
अर्थात् अच्छे बीजों का, सिंचाई का, उर्वरकों का तथा सुरक्षा मानकों का उपयोग करता है क्योंकि
अच्छे बीज अच्छी पैदावार वाले होते हैं। सिंचाई व उर्वरक भी उत्पादन को बढ़ाते हैं तथा पीड़कों
से सुरक्षा करने पर अच्छा उत्पादन होता है।
                            पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 235)
प्रश्न 1. फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियंत्रण क्यों अच्छा
समझा जाता है?
उत्तर-फसलों की सुरक्षा के लिए बचाव की विधियाँ तथा जैविक विधियों का प्रयोग किया
जाता है क्योंकि ये न तो फसलों को न ही वातावरण को हानि पहुंँचाती हैं। पौड़कनाशी व अन्य
रासायनिक पदार्थ फसलों को हानि पहुंँचाते हैं तथा वातावरण को प्रदूषित करते हैं।
प्रश्न 2 भंडारण की प्रक्रिया में कौन-से कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-हानि पहुंँचाने वाले कारक-
(i) जैविक कारक-कीट, कृन्तक, फफूंँदी तथा जीवाणु आदि।
(ii) अजैविक कारक-नमी तथा तापक्रम आदि।
                          पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 236)
प्रश्न-पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्रायः कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता
है और क्यों?
उत्तर-पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम वीर्यसेचन अच्छी विधि मानी जाती है।
क्योंकि यह उत्तम है, सस्ती है तथा एक बार के वीर्य से 3000 मादाओं को निषेचित कर सकते
हैं। यह विधि अधिक विश्वसनीय है।
                             पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 237)
प्रश्न-निम्नलिखित कथन की विवेचना कीजिए-
“यह रुचिकर है कि भारत में कुक्कुट, अल्प रेशे के खाद्य पदार्थों को उच्च पोषकता
वाले पशु प्रोटीन आहार में परिवर्तन करने के लिए सबसे अधिक सक्षम है। अल्प रेशे के
खाद्य पदार्थ मनुष्यों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।”
उत्तर-इस स्टेटमेंट का अर्थ है कि भारत में पाये जाने वाले भोजन को जो अच्छे किस्म
का नहीं है तथा जिसे मनुष्य नहीं खा सकता लेकिन वह मुर्गियों के लिए अच्छा भोजन है, उसे
मुर्गियाँ खाती हैं तथा अंडों का निर्माण करती हैं जो अधिक पोषक तत्त्वों व प्रोटीन वाले होते हैं।
अतः कम पोषक तत्त्व वाले भोजन को मुर्गियों द्वारा अधिक पोषक तत्त्व वाले भोजन में बदला
जाता है।
                         पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 238)
प्रश्न 1. पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के लिए प्रबंधन प्रणाली में क्यों समानता है ?
उत्तर-दोनों के पालन के लिए निम्न बातें आवश्यक हैं-
(i) उचित आवास व्यवस्था
(ii) उचित प्रकाश की व्यवस्था
(iii) उचित पोषण व्यवस्था
(iv) समय पर टीकाकरण
(v) विकसित नस्लों का उपयोग (vi) सफाई तथा स्वच्छता का प्रबन्ध।
प्रश्न 2. ब्रोइलर तथा अंडे देने वाली लेयर में क्या अंतर है ? इनके प्रबंधन के अंतर
को भी स्पष्ट करें।
उत्तर-लेयर को अधिक स्थान की जरूरत है जबकि ब्रोइलर को कम स्थान चाहिए।
लेयर का भोजन विटामिन तथा खनिजों से भरपूर होना चाहिए जबकि ब्रोइलर का भोजन
प्रोटीन तथा वसा से भरपूर होना चाहिए।
                                 पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 239)
प्रश्न 1. मछलियांँ कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर-मछलियाँ पानी से प्राप्त की जाती हैं। ये दोनों प्रकार के पानी अर्थात् समुद्री तथा
अलवण जल दोनों में पायी जाती हैं।
प्रश्न 2 मिश्रित मछली संवर्धन से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-(i) इन मछलियों की खाद्य आदत अलग-अलग होती हैं।
(ii) ये मछलियाँ एक-दूसरे से किसी भी रूप में स्पर्धा नहीं करती।
(iii) स्रोत के समस्त भागों का भोजन मछलियों द्वारा उपयोग में आ जाता है।
(iv) विभिन प्रकार की मछलियाँ एक ही स्रोत में पाली जा सकती हैं।
                       पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 240)
प्रश्न 1. मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में कौन-से ऐच्छिक गुण होने चाहिए ?
उत्तर-(i) शहद एकत्र करने की अच्छी क्षमता
(ii) शत्रुओं से बचाव की क्षमता (iii) रानी की अच्छी अंडे उत्पादन की क्षमता
(iv) प्रकृति में सज्जनता।
प्रश्न 2. चरागाह क्या है और यह मधु उत्पादन से कैसे संबंधित है ?
उत्तर-पाश्चुरेज या फ्लोरा उस फसल या पौधे को कहते हैं जिसके मधु व पराग से मधु
मक्खी शहद इकट्ठा करती है।
यह शहद के गुण तथा मात्रा को प्रभावित करता है क्योंकि अलग-अलग फ्लोरा अलग-अलग
प्रकार का शहद उत्पन करते हैं। जैसे-कश्मीर के बादाम का शहद स्वादिष्ट होता है।
                                                  अभ्यास
प्रश्न 1. फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन करें जिससे अधिक पैदावार प्राप्त
हो सके।
उत्तर-पैदावार लेने के लिए फसल उगाना फसल उत्पादन कहलाता है। संकरण का अर्थ
है दो आनुवंशिक दृष्टि से भिन पौधों में क्रॉसिंग अर्थात् परागण कराना जिससे उच्च उपजी किस्म
प्राप्त हो सके।
प्रश्न 2 खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर-खाद तथा उर्वरकों का उपयोग मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता
है जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
प्रश्न 3. अंतराफसलीकरण तथा फसल चक्र के क्या लाभ हैं?
उत्तर-अंतराफसलीकरण के लाभ-जब दो या उससे अधिक फसलें एक ही खेत में
निश्चित पक्तियों में उगाई जाती हैं तो एक तो फसल नष्ट होने का खतरा कम होता है तथा ये
फसलें अलग-अलग पोषक तत्त्व उपयोग में लाते हैं जिससे उत्पादन बढ़ता
फसलचक्र के लाभ-
(i) मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है।
(ii) उर्वरकों की कम आवश्यकता पड़ती है।
(iii) उत्पादन बढ़ता है।
(iv) फसल में पीड़क व खरपतवार नियंत्रण में सहायता मिलती है।
प्रश्न 4. आनुवंशिक फेरबदल क्या हैं ? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी हैं ?
उत्तर-आनुवंशिक परिवर्तन का अर्थ है वाछित गुणों की संकरण, DNA पुनः मिलन तथा
पॉलीप्लोइडी द्वारा वृद्धि
इसके द्वारा कृषि में वांछित गुणों वाली किस्में उत्पन्न करना, उगाना तथा उत्पादन में वृद्धि
की जा सकती है।
प्रश्न 5. भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है?
उत्तर-भंडारित अनाज को जैविक तथा अजैविक कारक जैसे तापक्रम व नमी निम्न प्रकार
से खराब करते हैं-
(i) गुणों को कम करना
(ii) वजन में कमी
(iii) अंकुरण क्षमता कम करना
(iv) बाजार में कम मांँग आदि।
प्रश्न 6. किसानों के लिए पशु पालन प्रणालियाँ कैसे लाभदायक हैं ?
उत्तर-अच्छी पशुपालन निम्न प्रकार लाभदायक हैं-
(i) खर्चा कम करता है।
(ii) उत्पादन क्षमता बढ़ाता है।
(iii) अच्छी प्रजनन क्षमता का विकास होता है।
प्रश्न 7. पशुपालन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-गाय व भैंस दोनों डेयरी पशु हैं। इनके नर बोझा होने तथा कृषि में काम आते हैं। पशु
कृषक पशुपालन, दूध, खेती के काम तथा दूसरी लाभदायक वस्तुएँ प्राप्त करने के लिए करते हैं।
प्रश्न 8. उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन
में क्या समानताएँ हैं?
उत्तर-विकसित नस्ल का चुनाव तीनों में एक समान है।
प्रश्न 9. प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अंतर है ?
उत्तर-
फोटो-1
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