english note book online | SAINT KABIR
SAINT KABIR
english note book online
class – 9
subject – english
lesson 3 – SAINT KABIR
SAINT KABIR
(संत कबीर)
SabDekho.in
Kabir was one …………………………Sabad and Sakhi.
Words meaning : Greatest = महानतम। Poet = कवि । Bhakti Era= भक्ति युग्य । Window = विधवा। Couple = दंपति। Downtrodden= दबे – कुचले। Suffer = कष्ट उठाना। Untouchability = हुआ – छूत । Religious extremism = आध्यात्मिक अतिवाद। Mentor = सलाहकार । Based = आधारित। Exponent= व्याख्या करने वाला। Abstract form = आदर्श रूप ।
वाक्यार्थ : कबीर भक्ति युग महानतम कवि थे। वह एक विधवा के पुत्र थे जिनकी परवरिश बनारस के दम्पति नीमा और नीरु ने किया था। वह एक दलित समाज से थे जिस कारण उनको काफी कष्ट उठाने पड़े थे। वह छुआ – छूत, धार्मिक कट्टरता आदि समाजिक बुराइयों के खिलाफ थे। उन्होंने पुजारियों के खिलाफ लिखा था। उनके सलाहकार थे श्री रामानंद। जो भी उन्होंने लिखा वह उनके व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है। उन्होंने काफी यात्राएँ कीं और जो भी स्थानीय भाषाएँ उस समय की थीं, उनमें लिखा। वह राम के आदर्श रूप के उपासक थे। उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ शब्द और साखी कहलाते हैं।
“I and you ……….. Sects.”
Words meaning : animates = जीवन देता है। Separate = जुदा । Evil = दुष्ट । Influence= प्रभाव। Innumerable= असंख्य। Sect = पंथ, समुदाय ।
वाक्यार्थ — ” मैं और तुम एक ही रक्त के हैं
और एक ही अस्तित्व हम दोनों को जीवन देता है।
एक ही माँ से यह दुनिया जन्मी है।
क्या ज्ञान है यह जो हमें जुदा करता है ?
सभी एक ही देश से आये हैं
और एक ही घाट पर उतरे हैं;
किंतु इस दुनिया के दुष्ट प्रभाव ने
हमें अनगिनत पंथों में बाँट दिया है।”
The poem given ……………………..in his life.
Words meaning : Poetic = काव्यात्मक । Scholar= विद्वान। Mankind= आदमियत। Cast and sect = जाति और पंथ । luminaries = अपूर्ण बुद्धि के मनुष्य। Distinct position= विषेश स्थान। Ruthless= निर्दय। Critic= आलोचक। Period= युग। Castigated= आलोचना किए। Ritualism= शास्त्रोक्त। Wage= दाँव। Relentless= निर्दय। Obscurantism= सुधार के विरोध का सिद्धांत। Weaver= जुलाहा। Citadel = दुर्ग। Abject= अधम। Hostile= विपरीत। Waning= क्षयी। Ascendancy= प्रधानता। Banish= हटा देना।
वाक्यार्थ — उपरोक्त कविता संत कबीर लिखित है जिसका अंग्रेजी अनुवाद एक विद्वान ने किया है। कबीर जाति व्यवस्था और जाति व पंथ के आधार पर इंसानियत के बँटवारे के खिलाफ थे। सुधार का विरोधवाद, कट्टर ब्राह्मणवाद और इस्लाम का उन्होंने निर्दयता से खिलाफत किया। वह सन् 1448 ई. से सन् 1518 ई. के बीच जीवित रहे। वह बनारस में रहे जिसे अब वाराणसी कहा जाता है और जो हिन्दू धर्मपरायणता और संस्कृति का दुर्ग था।
कबीर और उनका परिवार नितांत गरीबी और गंदे माहौल में रह रहा था। इस दौरान बौद्ध धर्म का पतन हो रहा था और ब्राह्मणवाद अपने शिखर पर था। कट्टर हिन्दू पुजारी और मौलवी दोनों पक्ष कबीर से बेहद नफरत करते थे और उन्होंने उसकी शिकायत बादशाह सिकंदर लोदी से की जिसने उन्हें बाद में बनारस छोड़ने पर मजबूर कर दिया यानी निर्वासित कर दिया।
In his young ……………………..pernicious practices.
Words meaning : disciple = शिष्य। Saint = संत। Vaishnav= वैष्णव । Ascetic= योगी। Propounding = निवेदन करना। Faith= विश्वास। Devotion = भक्ति । Irrespective= अनपेक्षित। Creed= धर्म। Status= स्तर। Social = समाजिक। Attain = प्राप्त करना। Bliss= मोक्ष। among = के बीच। Tutored= संरक्षण दिया। Moulded= आकार दिया। Follower= शिष्य। Liberal = उदार, दयालु। Social outlook= समाजिक विचार। Fortune = भाग्य। Contact= जुड़ाव। Influence = प्रभाव। Utilised= उपयोग किया। Elitism = सारवाद। Considerable = मान्य । Fortitude = धैर्य । Rejected = ठुकराया। Prevailing = प्रचलित। Rituals= शास्त्रविधि । Apparent = प्रकट। Contradictions= विरोध। Conduct = व्यवहार। Against = विरूद्ध। Display = प्रर्दशन। Condemned= निन्दा। Practice = सम्प्रदाय। Rejected= ठुकरा दिया। Utmost = अत्यंत। Contempt= तिरस्कार। Untouchability = छुआ-छूत। Despise = तिरस्कार करना। Unjust = अन्यायी। Pernicious= अपकारक, नाशक।
वाक्यार्थ — कम उम्र में ही कबीर सन्त रामानंद के शिष्य बन गये जो वैष्णव योगी थे और व्यक्तिगत भगवान के उपासक थे। उनका संदेश था कि अगर कोई व्यक्ति अपने अंदर स्थित भगवान की उपासना करें, बजाय अपनी जाति , धर्म या सामाजिक स्तर को ज्यादा महत्व देते हुए तो वह व्यक्ति परम सुख और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। संत रामानंद के शिष्यों में शामिल थे — नाई सेन , जाट नाना, रवि दास और मुस्लिम जुलाहा कबीर । कबीर उनके शिष्यों में श्रेष्ट थे। रामानंद ने कबीर को शिक्षा दी और उसे ऐसे व्यक्तिगत में ढाला जो कि पक्षपातहीन , समाजिक सरोकार वाला और नीची जाति के लोगों के लिए सोचने वाला सजग विचारक हो। कबीर इस मामले में भी भाग्यवान थे की उनका जुड़ाव शेख तकी से भी हुआ , जो एक सूफी संत थे। उनके पास हिन्दुत्व और इस्लाम दोनों के विषय में प्रभावपूर्ण ज्ञान था जिसका उपयोग उन्होंने मुट्ठी भर साम्नतवादी विचारधारा वाले प्रभुत्वशाली वर्ग और कट्टरता के खिलाफ लड़ाई छेड़ी और उनकी कमजोरियों उजागर किया। उन्होंने हिन्दुओं और मुस्लिम दोनों के पारंपरिक धर्मग्रन्थों और उनके मिथ्या विश्वासों , मूढ़ धाराओं का विरोध किया। उन्होंने उनके व्यवहारों में व्याप्त प्रत्यक्ष अंतर्विरोधों को उजागर कर दिया। वह योगियों के सिद्धांतों के प्रर्दशन के भी खिलाफ थे और उनके कुछ व्यवहारों की भी खिलाफ करते थे। उन्होंने वर्ण और जाति व्यवस्था का भी सख्ती से विरोध किया।
उन्होंने उग्रता से छुआछूत को समाज का एक बड़ा दोष बताया और उन सभी का तिरस्कार किया जो इस कलंक को जारी रखने में अपना सहयोग दिये जा रहे थे।
” Kabir’s is standing………………….religious communities
Words meaning : declaration = घोषणा। Rebel= क्रान्तिकारी। Keen= उत्सुक। Evils = बुराईयाँ । View = विचार। Authentic = सही। Equality = समानता। Brotherhood = भाईचारा। Tolerance = सहनशीलता। Sorrow = दुःख। Claimed = अधिकार जताया। Cremation = दफनाना। Burial = जलाने से संबंधित। Shroud = कफ़न। Except = सिवाय। Shared = बाँटे गये। Symbolised = प्रतीक। Major = प्रमुख।
वाक्यार्थ— ” कबीर अपने हाथ में जलती हुई लकड़ी लेकर खड़ा है। ”
कबीर की यह घोषणा बताती है कि वह एक क्रान्तिकारी थे। वह समाज से बुराईयों को मिटाने को उत्सुक थे, इस विचार के साथ समाज में एक नई व्यवस्था आयेगी , उचित धर्म का सूत्रपात होगा, जो समानता और भाईचारा पर आधारित होगा।
उन्होंने धैर्य अपनाने की शिक्षा दी। उनका कहना था कि यदि कोई तुम्हें दुःख और कष्ट दे दो बदले में तुम उसे फूल अर्पित करो। ऐसा कहा जाता है कि कबीर की मृत्यु के बाद हिन्दुओं और मुस्लिमों दोनों वर्गों ने उनके शव को दफनाना चाहते थे वहीं हिंदू उनके शव को, अपने रीति – रिवाज के अनुसार जलाना चाहते थे। जब कफ़न हटाया गया, तो वहाँ फूलों के गुच्छों के सिवा कुछ नहीं था। इस प्रकार से अपनी जिंदगी के साथ – साथ अपनी मौत पर भी कबीर दोनों प्रमुख धार्मिक सम्प्रदायों के मध्य भाईचारे का प्रतीक बने ।
He was a great………….religion and sectarianism .
Words meaning : Conformist = अनुयायी। Tradition= परंपरा। Civilization = सभ्यता। Dissent = मतभेद । Protest = विरोध। Holy = पवित्र। Authority = प्रभुत्व। Blind beliefs= अंधविश्वास। Pride= गर्व। Pedantry= पांडित्य का प्रदर्शन। Connection= जुड़ाव । Communication = व्यवहार। Discord= विरोध। Distinction= श्रेष्ठता। Condemnation= दण्ड। Idolatry= मुर्ति- पूजा। Mythology= पौराणिक। Divine = पवित्र, अपूर्व। Incarnations= अवतार। Ceremonies= धार्मिक रीतियाँ। External = बाहरी। Ramification= शाखाओं में विभाजन ।
वाक्यार्थ — वह (कबीर) बुद्ध की भावना और दुसरे सन्तों के घोर विरोधी थे जो भारतीय सभ्यता में उस दौर में सक्रिय थे और वे उनसे अपने मतभेद और विरोध को खुल कर प्रकट करते थे। उनके उपदेश , संक्षेप में इस प्रकार हैं :
(i) जाति प्रथा का पूर्ण विरोध , साथ ही छुआछूत , जाती, पंथ और धर्म पर आधारित सभी भेदों का विरोध।
(ii) धार्मिक पुस्तकों और अंधविश्वासों की प्रभुता या विशेष महत्व को नकारा जाना चाहिए।
(iii) किताब कीड़ा बनना अथवा पांडित्य का प्रदर्शन करना जबकि आप लोगों से जुड़ाव या सम्बंध न रखना किसी काम का नहीं।
(iv) हिंदू और मुस्लिमों के बीच न विरोध होना चाहिए न ही किसी को श्रेष्ट अथवा कमतर मानना चाहिए।
(v) किसी धर्म को विशेष महत्व नहीं देना चाहिए।
(vi) मूर्ति – पूजा , अवतारवाद , धार्मिक रुढ़िवादिता और धार्मिक रीतियों , धर्म और प्रन्थ के नाम पर शाखाओं के विभाजन का विरोध करना चाहिए।
Kabir earned … ……………………..And reform.
Words meaning : livelihood = आजीविका। Loom= करघा। Continued= जारी रखा। Weaver = जुलाहा। Departed = अलग हुआ।
वाक्यार्थ — कबीर अपनी आजीविका के लिए करघा पर सूत काता करते थे और सारा जीवन जुलाहा बने रहे। किंतु साथ ही साथ वह कभी भी अपने धर्म और सुधार के पथ से विमुख नहीं हुए ।
Kabir was a saint poet……………….five centuries.
Words meaning : Saint poet = संत कवि । Positive = सकारात्मक। Compassion = करुणा।
वाक्यार्थ — अनपढ़ जनता के लिए कबीर एक संत कवि थे। आज भी उत्तर भारत में उनके लिखे गीत गुनगुनाए जाते हैं। अपने सकारात्मक गुणों और लोगों के बीच एकता, प्रेम , करुणा, सत्य और ईश्वर में विश्वास पर उनके द्वारा बल दिए जाने के कारण पाँच शताब्दी के बाद , आज भी लोग उनका आदर करते हैं।
Although there is ……………………..
In our society. (Page 15- 16 )
Words meaning : evidence = प्रमाण। formally = औपचारिक रूप से। Sect = पंथ। Preachings = उपदेश। Verse = दोहा। Immortal = अजय। Beacon = प्रकाश – स्तम्भ। Atrocities = क्रूरता। Erosion = नाश। Ethical = नैतिक। Spiritual= आध्यात्मिक।
वाक्यार्थ — यद्यपि हमें ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिलते कि कबीर ने कभी औपचारिक रूप से किसी पंथ को स्थापित किया हो या शिष्य बनाए हों , तथापि वर्तमान में हमारे बीच ‘ कबीर पंथ ‘ है ।
बड़ी संख्या में इस पंथ के लोग कबीर के उपदेशों को मानते हैं। यहाँ तक कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक भी कबीर से गहरे रूप से प्रभावित रहे। सिखों को पवित्र धर्मग्रंथ ‘ आदि ग्रंथ ‘ में कबीर के कई दोहे हैं। कबीर के संदेश हमें प्रेरित करते रहेंगे और दिशा निर्देश देते रहेंगे , विशेषकर आज देश जिन विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है, हिंसा, जाति , दोष, इस परिदृश्य में कबीर के संदेश व उपदेश हमे आशान्वित करते हैं ।
EXERCISES
A. Let’s Answer :
Q.1.Who was Kabir ? What did he think about caste system and division of mankind? Do you agree with his view ? Give reasons.
Ans. Kabir was a saint poet. He hated caste system and division of mankind on the basis and sect. I agree with his view, because caste system and division of mankind ultimately divided our society. Such a scene promises only violence which is against progress and prosperity.
Q.2. Why did orthodox Hindu priests and Maulavis hate Kabir ?
Ans. They hated Kabir because he presented the common masses against them. Kabir used to expose their weakness and rejected their authority and their traditional scriptures. Kabir stood against the prevailing superstitious beliefs and rituals of both the Hindus and the Muslims and also exposed their apparent contradictions in their conduct. She they both hated Kabir.
Q.3. What did Kabir preach ? To whom did he appeal ?
Ans. Kabir preached unity of men , non – violence, love, compassion, tolerance, turth and belief in one God. He appealed to the non – literate masses.
Q.4. What happened with Kabir’s body after his death ?
Ans. Both, Hindus and Muslims claimed his body but when the shroud was removed, there was nobody expect bunches of flowers. These were shared by both the communities, each used to flowers according to their desires.
Q.5. Why is Kabir remembered even today ?
Ans. Kabir’s message are immortal so he is remembered even today. His message of equality, love, communal amity and brotherhood without distinction on the basis of caste, creed and religion remains the beacon light for us.
Q.6. What kind of social order did Kabir want to bring about ?
Ans. Kabir wanted love, compassion and brotherhood to flourish in society. He wanted to wipe out the evils in society and bring a new Social order and authentic religion which would be based on equality and brotherhood.
Q.7. What do you mean by tolerance ? What did Kabir say in this connection ?
Ans. With the word ‘ tolerance ‘ I mean complete non – violence, love and understanding. In this connection Kabir had said that one should give flowers in return to those who give pain and sorrow.
Q.8. Summarise in your own words Kabir’s teachings. How far are they relevant in the contemporary society ?
Ans. Kabir’s teachings are like the beacon light for us. They bare still relevant in the contemporary society. Our society is facing erosion of ethical and spiritual values. Tension, frustration and violence are ruling in our society as order of the day. In such an ugly situation I remember and salute Kabir’s teachings as light of hope in the darkness of our dying socity. Equality, love, compassion , communal amity and brotherhood without distinction on the basis of caste, creed and religion . These are Kabir’s teachings. A new social order should emerge and authentic religion based on equality and brotherhood, should come up to give our life a new real meaning.
B. Let’s Discuss
Q.a. The essence of religion lies in love and forgiveness.
Ans. Its truth essence of religion lies in love and forgiveness. Love and forgiveness have power to change a person completely. Love and forgiveness have the power to change a person completely. This why all religions teacher us to love the mankind and the be ready to forgive the wring doers.