class 9 english book solution | SCALING GREAT HEIGHTS
SCALING GREAT HEIGHTS
class 9 english book solution
class – 9
subject – english
lesson 2 – SCALING GREAT HEIGHTS
SCALING GREAT HEIGHTS
(महान् ऊँचाइयाँ तय करते )
SabDekho.in
” Santosh Yadav is………………. not me.” ( Page 8 )
Words meaning : Scaled = नापा, मापा। Twice= द्वारा । Contentment = संतोष । Traditional= पारंपरिक। Own terms = अपनी शर्तें। Shorts= छोटे पैंट। Determined= दृढ़। Rational= उचित ।
वाक्यार्थ : दुनिया में संतोष यादव अकेली ऐसी औरत है जिसने माउंट एवरेस्ट की दो बार चढ़ाई की है। वह हरियाणा के रेवारी जिले के एक छोटे से गाँव जोनियावास में जन्मी थी। उस लड़की का नाम ‘ संतोष ‘ रखा गया जिसका अर्थ होता है ‘ संतुष्ट ‘। किंतु संतोष हर बार अपने निवास स्थान और उसके पारंपरिक तौर – तरीके से संतुष्ट नहीं रहती थी। उसने शुरू से ही जीवन को अपनी शर्तो पर जीना शुरू कर दिया । जहाँ अन्य लडकियाँ पारंपरिक कपड़े पहनती थीं, संतोष छोटे पैंट अथवा हाफ पैंट पहनना ज्यादा पसंद करती थी। अतीत को याद करते हुए वह अब कहती है, ” बिल्कुल शुरू से ही मैं दृढ़प्रतिज्ञ थी कि अगर मैंने सही और विचारयुक्त राह चुनी तो मेरे आस-पास के लोगों को बदलना होगा, मुझे नहीं।”
Santosh’s parents…………………..
Words meaning : affluent = समृद्ध । Land owners= भू – स्वामी। Afford to = सामर्थ्य रखना। Capital = राजधानी । Quite close by = बिल्कुल। Prevailing = प्रचलित। Local = स्थानीय । Shstem= व्यवस्था। Moment = क्षण। Under pressure = दबाव में। Threatened = धमकाई। Enrolled = दाखिला लिया। Refused = इनकार किया। Politely = नम्रता से। Informed = सूचित किया। Plans = योजनाएँ। Agreed = सहमत हुए। Education = शिक्षा।
वाक्यार्थ — संतोष के माता-पिता समृद्ध जमींदार थे जो कि अपने बच्चों को सबसे बढ़िया स्कूल में भी पढ़ने को भेज सकते थे, यहाँ तक कि वे देश की राजधानी , नई दिल्ली में भी , जो उनके घर के करीब था, पढ़ा सकते थे। इसलिए उसने उचित समय के आने पर , अपने तरीके से इस पारंपरिक व्यवस्था के खिलाफ लड़ने का निश्चय किया और वह उचित समय आया जबकि वह सोलह वर्ष की हो गई। सोलह वर्ष की होने पर उसके गाँव की अधिकांश लड़कियों का विवाह हो जाता था। संतोष पर भी अपने माता-पिता की तरफ से शादी कर लेने का दबाव पड़ा।
पर विवाह जैसी चीज उसके दिमाग में आखिरी बात थी। उसने अपने माता-पिता को धमकाया कि जब वह उचित शिक्षा ग्रहण नहीं कर लेगी वह शादी नहीं करेंगी। उसने घर छोड़ दिया और दिल्ली के एक स्कूल में दाखिला ले लिया। जब माता-पिता ने उसकी शिक्षा के लिए फीस देने से इंकार कर दिया तो उसने उन्हें अपना इरादा बता दिया कि वह अल्प काल के लिए काम कर अपनी फीस जुटा लेगी। तब उसके शिक्षा का भार उठा लेने को तैयार हो गये ।
Wishing always to …………………..
Words meaning : Wishing = इच्छा करते हुए। Urge = आवश्यकता। Vanishing = गायब होते हुए। After a while = कुछ ही समय । Except = सिवाय । Mountaineers = पर्वत निवासी । Motivated = प्रेरित किया। Looking back = पीछे देखना। Determined = दृढ़ प्रतिज्ञा। Instead = के बदले। Thereafter = उसके बाद। Expedition = अभियान। Skill= चतुराई। Matured = परिपक्व हो गई। Develop = विकसित होना। Remarkable = अदभूत। Resistance = प्रतिरोध । Altitude = ऊँचाई। Endurance = सहनशीलता। Amazing = आश्चर्यजनक। Mental toughness= मानसिक दृढ़ता।
Repeatedly = बार – बार । Culmination = परमकोटि । Sincerity = निष्कपटता। Shyly = लाज। Barely = केवल। Scaled = मापी। Youngest= सबसे कम उम्र की। achieve = हासिल करना। Impressed =
प्रभावित किया। Concern = जुड़ाव। Desire = इच्छा। Special care= विषेश ध्यान। During = के दौरान। Provided = दिया । Unfortunately = दुर्भाग्य से। Fate= भाग्य। Shared= बाँटी ।
वाक्यार्थ : हमेशा ‘ कुछ और ‘ पढ़ने की इच्छा करते, और उसके इस आग्रह का उसके पिता द्वारा अभ्यस्त होते जाते, संतोष ने अपने हाई स्कूल की परीक्षा पास की और आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर चली गई। मैं अपने कमरे से गाँव के लोगों को पहाड़ के ऊपर चढ़ते और कुछ ही देर के बाद गायब हो जाते देखा किया करती थी । एक दिन मैंने इस बात का स्वयं पता लगाने का निश्चय किया। मैंने वहाँ कुछ पर्वतारोहण को छोड़ किसी को नहीं पाया। मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं उनके साथ चल सकती हूँ। मुझे आश्चर्यजनक खुशी हुई कि उन्होंने स्वीकारात्मक उत्तर दिया और मुझे पर्वतारोहण के लिए प्रेरित किया।”
फिर तो इस दृढ़ इच्छा – शक्ति वाली युवा लड़की के लिए पीछे मुड़कर देखने की कोई बात ही नहीं रह गई। ” मेरे जयपुर के काॅलेज का सिमेस्टर अप्रिल के अन्त में समाप्त होना था जो कि मई की उन्नीस तारीख समाप्त हुआ और मुझे इक्कीस तारीख को उत्तरकाशी में हुआ था। मुझे अपने पिता को एक क्षमा याचना का पत्र लिखना था जिनकी अनुमति के बिना मैंने उत्तरकाशी में दाखिला ले लिया था। ”
उसके बाद, संतोष प्रत्येक वर्ष एक अभियान पर जाने लगी । उसकी चढ़ाई का कौशल शीघ्रता से निखरने लगा। साथ ही ठंड और ऊँचाई से सामना करने की उसमें अद्भूत प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी। उसकी कठिन कार्यक्षमता और लगनशीलता व खरापन की चर्चा 1992 में ही होनी शुरू हो गई, ठीक चार वर्ष बाद जब उसने अरावली की पहाड़ियों के पर्वतारोहियों से शर्माकार उनके साथ चढ़ाई पर जाने की अनुमति माँगी थी। मात्र बीस वर्ष की अवस्था में संतोष ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की इस साहसिक कारनामें को अंजाम देने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की युवती बन गई। जहाँ उसकी चढ़ाई का कौशल, और मानसिक दृढ़ता ने जहाँ उसके वरिष्ठ पर्वतारोहियों को प्रभावित किया, तो वहीं दूसरों के प्रति उसकी अभिरुचि और चिंता , साथ – साथ काम करने की उसकी चाह ने उसके साथी पर्वतारोहियों के दिलों में उसके लिए एक खास स्थान बना लिया था ।
सन् 1992 ई. के एवरेस्ट मिशन के दौरान संतोष यादव ने दक्षिणी भाग में एक पर्वतारोही साथी को विशेष सेवा की थी, जो कि मर रहा था। दुर्भाग्य से वह उसे बचाने में असफल रही। किसी प्रकार से, वह दूसरे पर्वतारोही मित्र मोहन सिंह को बचाने में सफल रही जिसे यदि वह अपना आॅक्सीजन इस्तेमाल नहीं करने देती तो वह भी मर जाता ।
Within twelve months ……………..
Words meaning : Within = के अंदर । Expedition = अभियान । Invited= आमंत्रित किया। Record = यादगार। only = एकमात्र। Securing = सुरक्षित करते हुए। Unique = विशेष । Annals = पूर्वकथा । Recognition = पहचान । Achievement= उपलब्धि। Bestowed = प्रदान किया। Upon her = उसपर । Top honours = शिखर – सम्मान। Describing = वर्णन करते हुए। Enormity = महापराध। Moment = क्षण । Unfurled = लहराया। Tricolour = तिरंगा। Roof = छत ।Truly = सच में। Spiritual moment= आध्यात्मिक क्षण । Environmentalist= पर्यावरणविद् । Collect = इकट्ठा किया। Garbage = कूड़ा – करकट , कूड़ा ।
SabDekho.in
वाक्यार्थ :— बारह महीनों के अंदर संतोष को एक ‘भारतीय नेपाली अभियान ‘ का एक सदस्य बना लिया गया। उन्होंने उसे आमंत्रित किया था। तब उसने एवरेस्ट की दूसरी बार चढ़ाई की। इस प्रकार से उसने दुनिया की अकेली वैसी औरत होने का रिकॉर्ड स्थापित किया जिसने एवरेस्ट की दो बार चढ़ाई की और इस प्रकार से उसने पर्वतारोहण के इतिहास में अपना और अपने देश भारत का एक अनूठा स्थान सुरक्षित कर लिया। उसकी उपलब्धियों की पहचान और सम्मान के लिए भारत सरकार ने उसे देश का सर्वोच्च सम्मान , ‘ पद्मश्री ‘ पदक देकर उसे सम्मानित किया।
अपनी भावनाओं का वर्णन करते हुए जब वह यथार्थ में ‘ दुनिया के शिखर ‘ पर थी , संतोष ने कहा था, तब मैंने भारतीय तिरंगे झंडे को थामा और उसे दुनिया की छत पर फहरा दिया। वह भावना वर्णन से परे है। भारतीय झंडा दुनिया की छत पर फहरा रहा था।
यह वास्तव में एक आध्यात्मिक क्षण था। मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व हुआ ।”
संतोष , जो कि एक सजग पर्यावरणविद् भी है, हिमालय पहाड़ पर से 500 किलो का कूड़ा – करकट जमा की और नीचे से आई ।
EXERCISES
A. Let’s Answer :
Q.1. How can Santosh Yadav inspire the girls as well as their parents in India ?
Ans. The real story of Santosh is quite enough to inspire the girls as well as their parents in India. She fought against the prevailing custom of her family and refused to be married at an early stage. She fought against the system of her family and forced her parents to allow and help her to achieve higher education. By achieving the top honour, the padmashri from Indian government for her brilliant success in in mountaineering, she has set an example which will inspire the Indian girls as well as their parents for a long – long time.
Q.3. Forms where did Santosh take the inspiration of Mountaineering ?
Ans. In Jaipur, Santosh was studying in Maharani College. She stayed there in Kasturba Hostel which faced the Aravali Hills. She used to watch villagers from her room, going up the hill and suddenly vanishing after a while. Ought of curiosity to check the matter, she want there herself and found a few mountaineers. She asked if she would join them. They not only answered in affirmative but also motivated her to take to climbing . From these mountaineers Santosh took the inspiration of Mountaineering.
Q.3. ” From the very beginning I was quite determined that if I choose a correct and rational path, the others around me had to change, not me.” State some changes made by Santosh Yadav in her family custom.
Ans. Some changes made by Santosh Yadav in her family custom are such —
(i) She want to study for higher studies.
(ii) She denied to be married at an early stage.
(iii) She choose mountaineering which was against her family custom.
Q.4. Describe Santosh’s team spirit during the expedition to Mt. Everest.
Ans. Santosh provided special care to a climber who lay dying at the South Col. Unfortunately, she couldn’t save him. However , she saved another Climber , Mohan Singh , by sharing her oxygen with him.
Q.5. Describe briefly Santosh’s life from a local village school to Uttar Kashi’s Nehru Institute of Mountaineering.
Ans. Santosh got her early education in her local village school. When she turned sixteen she refused to be married as per her village custom. She announced that only after proper education she will think to marry. She left home and got herself enrolled in a school in Delhi. She planned to bear the fees by working part time but later her parents agreed to pay for her education. After she passed the high school examinations, she joined Maharani College, in Jaipur. There staying in a room in Kasturba Hostel, she watched villagers going up the hill and vanishing soon. Later , this incident developed interest in her for mountaineering and she got enrolled in a course at Utter Kashi’s Nehru Institute of Mountaineering.
B. Let’s Discuss
Q.a. Early Marriage is a curse.
Ans. Marriage is a big responsibility which requires lot of sincerely, time, devotion and adjustment. Persons can bear this responsibility only when they are matured. Early marriege proves to be a curse as neither the bride or the groom are prepared to bear the responsibilities of marriege . For career builders . Early marriege is a real curse. so, early marriege should be avoided by all means.
Q.b. Nothing can stop you if you have firm determination to do something .
Ans. Ups and down are order of the day. Life is not a smooth journey. But the one who has firm determination to do something overcomes all the adversities and is undeterred by any challenge. None of the adversities can shatter one’s dream who has strong will, dedication, devotion and commitment to do something, to achieve something unique. The stories of Sonal Mansingh, Santosh Yadav , Kalpana Chawla and many others are examples to the statement.
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C. Let’s Do
Q.1. Collect photographs of some eminent mountaineers.
Q.2. Do a project work on the leading manufacturers in India
[ Hints : These are project work to be done by you . ]