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bseb class 8th biology notes | पौधों और जन्तुओं का संरक्षण

bseb class 8th biology notes | पौधों और जन्तुओं का संरक्षण

अध्ययन सामग्री-अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति तथा जिज्ञासा की शांति हेतु मानव
आदिकाल से ही सजीव जगत का अध्ययन करता आ रहा है। सजीव जगत का सबसे बड़ी
विशेषता है-उसकी अद्भुत विविधता । प्रकृति में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव, पौधे एवं जन्तु पाए
जाते हैं। जो रंग, आकार, संरचना, कार्य एवं व्यवहार में एक-दूसरे से अलग होते हैं। इनके रहने
के ढंग एवं बास स्थान में भी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। वर्तमान में पौधे एवं जन्तुओं की
17.00,000 से भी अधिक प्रजातियाँ इस पृथ्वी पर मौजूद हैं।
जीवन उत्पत्ति करीब 30 खरब वर्ष पूर्व अत्यंत सूक्ष्म एवं सरल रूप में हुई। उस समय
का पर्यावरण भी आज के पर्यावरण से काफी भिन था। इन्हीं सूक्ष्म एवं सरल जीवों से कालांतर
में जटिल संरचना वाले जीव विकसित हुए। यही जैव विकासवाद के सिद्धांत का आधार है।
जैव विविधता का तात्पर्य है, धरती पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीवों की प्रजातियाँ
तथा उनका आपसी एवं पर्यावरण से संबंध ।
विश्व के 12 बड़े, जैव विविधता वाले देशों में भारत का छठा स्थान है। विश्व के 10
जैव विविधता स्थलों में से दो भारत में स्थित हैं। ये हैं—पूर्वोत्तर भारत तथा पश्चिमी घाट। ये
दोनों क्षेत्र जैव विविधता के बहुत धनी हैं।
पर्यावरण संतुलन के लिए जंगलों का बहुत महत्व है। जंगल के ऊपर के वायुमंडल के ठंडा
रहने के फलस्वरूप यहाँ बादलों से वर्षा अधिक होती है। जंगल कट जाएँ तो बारिश कम होगी।
जंगलों में पेड़-पौधे अधिक रहने के कारण काफी भोजन उपलव्य रहता है। जिसके कारण काफी जैव-विविधता पायी जाती है। जैव-विविधता के लिए वन तथा वन्य प्राणियों का संरक्षण
आवश्यक है। समाज और सरकार ने इन जीवों की सुरक्षा के लिए अनेक विधियाँ एवं नीतियाँ
बनाई हैं। वन्य जन्तु अभ्यारण्य, राष्ट्रीय पार्क, जैव मंडल, संरक्षित क्षेत्र के नाम से पौधों एवं
जन्तुओं के लिए संरक्षित एवं सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया है।
अभयारण्य-जन्तु एवं उनके आवास के लिए हर प्रकार से सुरक्षित क्षेत्र ।
राष्ट्रीय पार्क-वन्य जन्तुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं
प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं।
जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र― वह विशाल क्षेत्र जहाँ पौधे, जंतु एवं आदिवासियों के पारंपरिक
ढंग से जीवन-यापन के लिए सभी संसाधनों को सुरक्षित किया गया है।
जैव विविधता एवं इसके महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2010 को
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष घोषित किया था। साथ ही प्रत्येक वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय
विविधता दिवस मनाया जाता है।
हमारे देश भारत एक समृद्ध जैव-विविधता वाला देश है परन्तु पर्यावरण असंतुलन के कारण
बहुत से जीव विलुप्त होते जा रहे हैं और विलुप्त हो गए हैं।
विलुप्त पौधे― अनेक शैवाल, कवक, ब्रायोफाइट्स, फर्न जिन्को जिम्नोस्पर्म, सायकैड आदि ।
विलुप्त जन्तु―मॉरीशस का डोडो पक्षी, डायनासोर आदि ।
विलुप्तप्राय जन्तु―कुछ जन्तु अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत हैं। जैसे—कछुआ,
घड़ियाल, सांप, बिच्छु, गिरगिट, मेढ़क, चील, गिद्ध, काले हिरण, हाथी, जंगली कुत्ता सिंह, बाघ,
चीता, गैंडा, चीतल, तेंदुआ, डाल्फिन, मोर आदि ।
इन सभी संकटापन प्रजातियों का रिकार्ड रखा गया है। जिस पुस्तक को “रेड डाटा
पुस्तक” कहते हैं।
तालिका
                                                     अभ्यास
(A) निम्न प्रश्नों में से सही विकल्प चुनिए-
1. धरती पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीवों की प्रजातियों उनके आपसी संबंध को कहा जाता है-
(i) जैव विविधता
(ii) पर्यावरण
(iii) अभयारण्य
(iv) इनमें से कोई नहीं
2. अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान में मना है-
(i) कृषि
(ii) चारागाह
(iii) शिकार
(iv) उपर्युक्त सभी
3. निम्न में से कौन-से जन्तु विलुप्त होते जा रहे हैं-
(i) बाघ
(ii) गैण्डा
(iii) ब्लू वेल
(iv) उपरोक्त सभी
4. राष्ट्रीय जलीय जीव है-
(i) ब्लू हल
(ii) डाल्फिन
(iii) घड़ियाल
(iv) मगरमच्छ
5. कावर पक्षी बिहार में स्थित है-
(i) मुंगेर
(ii) गया
(iii) पटना
(iv) बेगुसराय
             उत्तर-1. (i),2. (iv), 3. (iv),4.(ii), 5.(iv)
(B) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1…………को विश्व जैव विविधता दिवस मनाया जाता है।
2. देश का प्रथम राष्ट्रीय पार्क है …………. ।
3. संकटापन्न प्रजातियों की सूची/अभिलेख ……….. पुस्तक में रहता है।
4. प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से……….. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
5. फर्न, शैवाल, जिन्को, सायकैड आदि ………..पौधे हैं।
उत्तर-1.  22 मई, 2. जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड, 3. रेड डाटा पुस्तक, 4.
जलवायु, 5. जंगली।
(C) कॉलम ‘क’ को कॉलम ‘ख’ से संधि मिलान कीजिए-
कॉलम-‘क’                                कॉलम-‘ख’
(i) डोडो                                    (i) बाघ
(ii) गांगेय डॉल्फीन (सोंस)           (ii) एक सींगवाला गैंडा
(iii) वाल्मिीकी अभयारण्य           (iii) विलुप्त हो रहे पौधे
(iv) काजीरंगा अभयारण्य            (iv) मॉरीशस के विलुप्त जन्तु
(v) फर्न, जिन्को, सायकेड            (v) गंगा की विलुप्त हो रही स्तनधारी
उत्तर-(i) (iv). (ii) (v), (iii) (i), (iv) (ii),(v) (iii) ।
(D) निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. जैव विविधता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-पर्यावरण में पेड़-पौधों तथा जीव-जन्तुओं का एक संतुलन है। यदि इनमें से कोई
भी घटक की संख्या कम या बहुत ज्यादा होती है तो पर्यावरण असंतुलन की स्थिति में कोई
असामान्य प्राकृतिक घटनाएँ घटती रहती हैं।
इस प्रकार जैव विविधता का तात्पर्य है। धरती पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीवों
की प्रजातियाँ तथा उनका आपसी एवं पर्यावरण से संबंध । विश्व के 12 बड़े जैव-विविधता वाले
देशों में भारत का छठा स्थान है। विश्व के 12 जैव विविधता स्थलों में से दो भारत में स्थित हैं।
ये हैं—पूर्वोत्तर भारत तथा पश्चिमी घाट । भारत के ये दोनों क्षेत्र जैव विविधता के बहुत धनी हैं।
2. हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
उत्तर-पर्यावरण घटक का एक घटक जन्तु-जगत तो दूसरा घटक पादप जगत है।
जन्तु-जगत सिर्फ और सिर्फ मानव या पर्यावरण को क्षति ही नहीं पहुंचाता है बल्कि प्रत्यक्ष या
परोक्ष रूप से वह मानव तथा पर्यावरण के लिए उपयोगी होते हैं। पर्यावरण को संतुलित रखने
में जंगलों का बड़ा महत्व है। जंगल के ऊपर ही हमारी वायुमंडलीय घटना निर्भर करती है जैसे-
वर्षा, गर्मी, जाड़ा इत्यादि । विभिन्न जीव-जन्तु के एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं। इतना ही नहीं
ये सभी जीव मानव जाति को भी किसी-न-किसी रूप में लाभ पहुंचाते हैं। जैसे—न जाने कितनी
मछलियाँ मानव के लिए जल स्रोतों को साफ की होगी और अन्ततः अपनी जान देकर मानव के
पेट की तृष्णा को शांत की होगी। मेढ़क यदि नहीं होता तो कीट-पतंगों की संख्या इतनी अधिक
हो गई होती कि मानव को परेशान करके रख देता। अत: जैव विविधता का संरक्षण करना चाहिए।
3. विनाश के मुख्य कारण एवं उसके प्रभाव बताइये।
उत्तर-जैव विविधता के विनाश के अनेक कारण हैं। बहुत हद तक तो मानवीय
क्रिया-कलाप दोषी है तो दूसरी तरफ प्राकृतिक घटना या जलवायु परिवर्तन भी दोषी है परन्तु
प्राकृतिक घटना या जलवायु परिवर्तन में भी कहीं-न-कहीं प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मानव ही दोषी है। विनाश के मुख्य कारणों को इस प्रकार लिखा जा सकता है।
(1) वनों का कृषि-भूमि में परिवर्तन । (2) स्थानांतरी का झूमिंग कृषि । (3) वनों का चारागाहों
में परिवर्तन । (4) अतिचारण । (5) वनाति । (6) आर्थिक कारक । (7) बहुउद्देशीय नदी-घाटी
परियोजनाएँ। (8) घास के मैदानों का नष्ट होना । (9) वायु-जल एवं मृदा प्रदूषण के संकट ।
(10) जलवायु परिवर्तन ।
जैव विविधता के विनाश का प्रभाव हमारे पर्यावरण पर बहुत ज्यादा पड़ रहा है जो इस प्रकार है।
(1) जलवायु परिवर्तन, (2) भूमंडलीय तापन, (3) स्वास्थ्य पर प्रभाव, (4) कृषि उत्पादन में
कमी, (5) वन्य जीवों की क्षति, (6) कार्यक्षमता पर प्रभाव, (7) महामारी, (8) प्राकृतिक प्रकोप इत्यादि ।
4. रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
उत्तर-संकटग्रस्त प्राणियों के संरक्षण एवं संख्या में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। संकट में पड़े वन प्राणियों की स्थितियों को आठ श्रेणियों
में सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची को रेड डाटा सूची कहते हैं। यानी वह पुस्तक जिसमें सभी
संकटापन्न प्रजातियों का रिकार्ड रखा जाता है।
5. प्रवास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-जलवायु परिवर्तन के कारण साइबेरिया जैसी जगहों से निश्चित समय पर उड़कर
यहाँ अंडे देने के लिए आते हैं। चूँकि उनके मूल आवास में अत्यधिक ठंड पड़ता है। इसलिए
वह स्थान उस समय जीवन-यापन हेतु अनुकूल नहीं होता । इसी यात्रा को प्रवास कहते हैं। इस
यात्रा को तय करने वाले पक्षी को प्रवासी पक्षी कहते हैं। ये हमारे यहाँ कुछ ही दिनों के लिए
आते हैं और फिर वापस चले जाते हैं।
6. अभयारण्य एवं राष्ट्रीय पार्क से क्या तात्पर्य है ? अपने राज्य के किन्हीं दो अभयारण्यों
 के नाम लिखें।
उत्तर-पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तु को सुरक्षित रखने के लिए समाज तथा सरकार ने कुछ
जगहों को संरक्षित किया है।
कानूनी रूप से सुरक्षित जंगल, जहाँ जंगली जन्तु स्वतंत्र रूप से निवास करते हैं और इनके
साथ छेड़-छाड़ करना एवं इनका शिकार करना प्रतिबिंधित होता है। अभयारण्य कहलाते हैं।
वन्य जन्तुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों
का उपयोग करते हैं । राष्ट्रीय पार्क कहलाते हैं। जैसे—रणथम्भौर, राष्ट्रीय पार्क, राजस्थान, जिम
कार्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड ।
बिहार राज्य में स्थित अभयारण्य-वाल्मिकी अभयारण्य गौतम बुद्ध अभयारण्य, गया ।
7. प्रोजेक्ट टाइगर के बारे में संक्षेप में बताइये।
उत्तर-बाघ जंगली पशु है। जिसका अस्तित्व खतरे में है शिकारियों द्वारा इसके खाल,
हड्डी, दांत, नाखून आदि के लिए इनका प्रायः शिकार किया जा रहा है। इससे सुरक्षा के लिए
बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। बाघ को बचाने तथा इसमें वृद्धि के लिए एक रणनीति
बनाई गई जिसे बाघ परियोजनाएँ या प्रोजेक्ट टाइगर कहा गया ।
8. अपने घर या विद्यालय को हरा-भरा रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं? अपने
द्वारा की जाने वाली क्रियाकलाप की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-घर या विद्यालय को हरा-भरा रखने के लिए निम्नलिखित क्रिया-कलाप करेंगे।
(1) घर के आगे तथा चारों तरफ क्यारियाँ तैयार करेंगे । (2) विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधों
तथा फूल के पौधे लगाएँगे। (3) उचित सिंचाई का प्रबंध करेंगे। (4) समय-समय खाद तथा
छिड़काव करते रहेंगे। (5) उसकी पत्ती तथा फूल-फल को समय-समय तोड़ते रहेंगे इत्यादि ।
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