bihar board class 8 science notes | दहन और ज्वाला : चीजों का जलना
bihar board class 8 science notes | दहन और ज्वाला : चीजों का जलना
अध्ययन सामग्री-हमारे चारों तरफ अनेक पदार्थ पाए जाते हैं। जैसे पुस्तक घास, लकड़ी,
ईंट, पत्थर, कुर्सी, टेबुल, जल, वायु, कोयला, माचिस इत्यादि । इन सभी पदार्थों में कुछ जलते हैं तो कुछ जलन में मदद करते हैं तो कुछ नहीं जलते हैं। यानी वे सभी पदार्थ जो जलते हैं। उसे दाह्य पदार्थ कहते हैं। जैसे—लकड़ी, कपड़ा, किरोसिन, कागज इत्यादि । वे सभी पदार्थ जो नहीं जलते हैं वे अदाह्य पदार्थ कहलाते हैं। जैसे—पत्थर, लोहा जल इत्यादि । वे सभी पदार्थ जो जलते नहीं हों बल्कि जलने में मदद करता हो उसे दहन का पोषक कहते हैं। जैसे ऑक्सीजन ।
अब किसी पदार्थ को जलाने या दहन के लिए ऊष्मा या गर्मी की आवश्यकता होती है जब
हम किसी चीज को गर्म करते हैं या आग पकड़वाने का प्रयास करते हैं तो उसका तापमान बढ़
जाता है और जब तापमान किसी निश्चित मान पर पहुंँच जाता है तो वह जलने लगती है। वह
तापमान जिस पर पहुंँचने के बाद कई पदार्थ जलना शुरू कर देता है तो उस पदार्थ का ज्वलन
ताप कहलाता है। अलग-अलग पदार्थ का ज्वलन ताप अलग-अलग होता है। यही कारण है
किसी पदार्थ को जलाने के लिए कम गर्म करना पड़ता है तो किसी को अधिक । पदार्थों का ज्वलन ताप उस पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
गर्मियों के मौसम में अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण सूखी घास आग पकड़ लेती है जिससे
पूरा जंगल ही आग की चपेट में आ सकता है जिसे दावानल कहते हैं।
जलना एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें तीन चीजों की आवश्यकता होती है-
(i) ज्वलनशील पदार्थ का होना । (ii) ज्वलन ताप तक पहुंँचने का उपाय । (i) हवा की जरूरत ।
मोमबत्ती का रासायनिक इतिहास–एक महान वैज्ञानिक माइकल फैराडे ने 1860 में लोगों
को मोमबत्ती की कहानी कही और तब से आज तक मोमबत्ती सभी घरों में रोशनी फैलाते आ
रही है। मोम एक ईंधन है यानि ऊर्जा का एक रूप है जो हाइड्रोजन तथा कार्बन से मिलकर बनी
होती है। इसमें एक बत्ती लगी होती है जिसे जलाई जाती है। बत्ती जब जलने लगती है तो इसके
आस-पास नीचे वाला मोम पिघलने लगती है। पिघली मोम कैपिलरी प्रक्रिया द्वारा ऊपर चढ़ती
है और गर्म होकर हाइड्रोजन और कार्बन देती है। हाइड्रोजन सुनहली ज्वाला के साथ जलकर
जलवाष्प बनाता है। यह कार्बन को भी जलाता है और दोनों ज्वाला के साथ जलते हैं। इस प्रकार मोमबत्ती प्रकाश और ऊष्मा देती है।
आग पर नियंत्रण आग पर नियंत्रण पाने के लिए इन तीन में से किसी एक कार्य करना
आवश्यक होता है।
(i) बाह्य पदार्थ को हटा देना । (ii) ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर देना । (iii) उसके ज्वलन
ताप को कम कर देना।
अब आग बुझाने वाले संयंत्र जिसे अग्निशामक कहते हैं, के बारे में जानकारी प्राप्त करते
हैं। एक सिलेण्डर में CO2 गैस को उच्च दाब पर भर दिया जाता है। दूसरी तरह के अग्निशामक
जिसमें कांँच की एक शीशी में अम्ल और जिस पात्र में कांच का बोतल रखा होता है उसमें
सोडियम बाइकार्बोनेट का विलयन रखा होता है। आग बुझाने की प्रक्रिया में जब कांँच की बोतल का मुंँह तोड़ा जाता है तो यह अम्ल, सोडियम बाइकार्बोनेट से प्रतिक्रिया कर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है जो आग का हवा से सम्पर्क तोड़ देता है जिससे आग बुझ जाती है।
आमतौर पर किसी भी तरह की आग में यानी वह तेल की आग हो या बिजली की आग
सभी पर पानी डालने लगते हैं। परन्तु ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि आग बुझने से रही उल्टा
कोई दुर्घटना घट जाएगी।
अभ्यास
1. आग लगने पर उसे कई बार पानी डालकर बुझाते हैं । पानी डालने से आग कैसे बुझ
जाती है?
उत्तर-आमतौर पर लगी आग को बुझाने के लिए हम पानी का प्रयोग करते हैं। जल
ज्वलनशील पदार्थ को ठंडा करता है। ऐसा करने से आग का फैलाव बंद हो जाता है। इस प्रक्रिया में जो जलवाष्प बनती है। वह बाहरी वायु की आपूर्ति बंद कर देती है और आग बुझ जाती है।
2. मोमबत्ती की ज्वाला जब स्थिर हो तो काँच के प्लेट ले जाने पर काला वलय क्यों बनता है ?
उत्तर-मोम एक ईंधन है, यानि ऊर्जा का एक रूप है जो हाइड्रोजन तथा कार्बन से मिलकर
बनी होती है। हाइड्रोजन सुनहली ज्वाला के साथ जलकर जलवाष्प बनाता है। यह कार्बन को
भी जलाता है और दोनों ज्वाला के साथ जलते हैं। लौ के इस दूसरे हिस्से में मोम के जलने से
बना कार्बन मौजूद होता है जिसके कारण काँच के प्लेट ले जाने पर काला वलय बनता है।
3. अगर किसी दुर्घटना में कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाए तो उसे बचाने के लिए
कम्बल में लपेट दिया जाता है। ऐसा क्यों?
उत्तर-कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाए तो उसे बचाने के लिए कम्बल में लपेट दिया
जाता है क्योंकि साधरणतया जलना एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें तीन चीजों की आवश्यकता
होती है। (i) ज्वलनशील पदार्थ का होना । (i) ज्वलन ताप तक पहुंँचने का उपाय । (iii) हवा
की जरूरत ।
वायु दहन के लिए आवश्यक होता है क्योंकि हवा में उपस्थित ऑक्सीजन दहनशील नहीं
होते हैं परन्तु दहन के पोषक होते हैं। यानी जलने में मदद करता है। कम्बल में लपेट देने से
शरीर का हवा से सम्पर्क खत्म हो जाता है। परिणामस्वरूप बिना हवा के आग बुझ जाती है।
4. कभी-कभी जंगलों में अपने-आप आग लग जाती है। ऐसा कैसे होता होगा?
उत्तर-कभी-कभी जंगलों में अपने-आप आग लग जाती है। गर्मियों के मौसम में बहुत
अधिक गर्मी पड़ने पर कुछ स्थानों में सूखी घास आग पकड़ लेती है जिससे पूरा जंगल ही आग
की लपेट में आ जाता है जिसे दावानल कहते हैं। गर्मी या पेड़ और पेड़ के बीच घर्षण से उसका
तापमान बढ़ जाता है और धीरे-धीरे वह तापमान पर पहुंच जाता है। जहाँ पदार्थ जलना शुरू
कर देता है। इस प्रकार जंगलों में स्वत: आग लग जाती है।
5. गोलू ने आधा पेट्रोल तथा आधा पानी लेकर एक मिश्रण बनाया। उसने एक कपड़े
को इस मिश्रण में भिंगों दिया इसके बाद एक माचिस की तीली से इसे जलाया। आग
लगी पर कपड़ा नहीं जला । ऐसा कैसे हुआ होगा?
उत्तर-वह तापमान जिस पर पहुंँचने के बाद कोई कोई पदार्थ जलना शुरू कर देता है, उस
पदार्थ का ज्वलन ताप कहलाता है। पेट्रोल का ज्वलन ताप पानी के ज्वलन ताप से कम होता है
जिसके कारण पेट्रोल पहले आग पकड़ लेता है और पानी से भींगी तौलिया ज्वलन ताप तक नहीं पहुंँच पाते हैं जिसके कारण वह जलने से बच जाता है।
6. माचिस को जलाने के लिए उसे माचिस की डिब्बी से रगड़ा जाता है। ऐसा क्यों?
उत्तर-चूँकि लाल फॉस्फोरस अपने आप आग नहीं पकड़ता बल्कि रगड़ने पर ही जलता
है। अपने घरों में जो माचिस की डिब्बी आप देखते हैं उसमें तीलियों पर लगा रसायन पोटैशियम
क्लोरेट होता है । डिब्बी पर लाल फॉस्फोरस और सल्फर लगा होता है। माचिस की तीलियाँ डिब्बी पर रगड़ने से आसानी से जल उठती है।
7. ज्वाला के तीनों क्षेत्र दिखाइए।
उत्तर-मोमबत्ती की ज्वाला के तीन क्षेत्र होते हैं
(i) बाहरी भाग, (ii) मध्य भाग, (iii) आन्तरिक भाग।
बाहरी भाग नीला तथा अदीप्त होता है। यहाँ पूर्ण दहन होता है। क्योंकि यहाँ ऑक्सीजन
ज्यादा उपलब्ध होते हैं। यह सबसे गर्म होता है।
मध्य भाग पीला, चमकीला और दीप्त क्षेत्र होते हैं। इस भाग में पूर्ण दहन नहीं होता है क्योंकि
ऑक्सीजन यहाँ भी कम मिल पाता है।
आन्तरिक क्षेत्र बत्ती के एकदम नजदीक होता है। यह काला रंग का होता है क्योंकि कार्बन
के कुछ कण बच जाते हैं। यह सबसे कम गर्म क्षेत्र होते हैं।
8. घर में आग से होने वाली असावधानियों से बचने के लिए आप क्या-क्या करते हैं ?
इसकी चर्चा आप अपने दोस्तों से कीजिए।
उत्तर-घर में आग से होनेवाली असावधानियों से बचने के लिए उपाय-
(i) अति ज्वलनशील पदार्थ को सुरक्षित या आग से दूर रखना ।
(ii) जहाँ-तहाँ आग को ले जाने से बचना ।
(ii) सिगरेट, बीड़ी आदि को सुरक्षित जगह पर सेवन करने के लिए प्रेरित करना ।
(iv) गर्मी के दिनों में बहुत सुबह तथा रात में खाना बनाने के लिए चुल्हा जलाने के लिए
प्रेरित करना।
(v) आग को तेज हवाओं से दूर रखना।
(vi) विस्फोटक पदार्थ को ठीक ढंग से चलाना ।
(vii) पार्टी, विवाह आदि के अवसर पर विशेष सावधानी बरतना ।
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