bseb 8th class hindi notes | पीपल
पीपल
bseb 8th class hindi notes
वर्ग – 8
विषय – हिंदी
पाठ 14 – पीपल
पीपल
–गोपाल सिंह नेपाली
( प्रकृति चित्रण छायावादी कविता की……………………….
कविता का सारांश –
जंगल का श्रेष्ठ पेड़ पीपल युगों से अचल – अटल होकर स्थित है । उसके ऊपर नीले आकाश और नीचे धरती पर नदी – झील हैं । पीपल चारों ओर जामुन , तमाल , इमली आदि के पेड़ हैं । पानी से निकला हुआ कमल के डंठल पर लाल – लाल कमल खिले हैं । तालाब में तिर – तिर की आवाज करते हुए हंस क्रीड़ा कर रहे हैं । ऊँचे पहाड़ के टीले से धरती पर झरना झर – झर की आवाज कर गिर रही है । वही झरना झरकर पानी का रूप ले लेता है । झरना के पास खड़ा पीपल झरना का कल – कल छल – छल की आवाज सुनते रहता है । पीपल के पत्ते ढल – दल की आवाज करते गिर रहे हैं । गोल – गोल पीपल का पत्ता डोल – डोलकर मानों कुछ कह रहा हो । पक्षियों पेड़ पर आते हैं और फल चुन – चुन कर खाते हैं ।
जब वर्षा ऋतु की फुहार बरसने लगते हैं तो पंक्षियों का गायन आरम्भ हो जाता है । जब – जन शीतल हवा बहती है तब – तब कोमल पल्लव हिल डुलकर सर्सर , मर्मर की मीठी आवाज करने लगते हैं । बुल – बुल भी पल्लव को गाते देख चह – चहाने लगते हैं । नदियाँ बहकर गाती रहती हैं । पीपल के पत्ते रह – रहकर हिलते रहते हैं । पेड़ में जितने ही खोखल हैं सब में पक्षी और गिलहरियों के घर है।
जब शाम होती है । सूरज अस्ताचल की ओर किरणें समेटकर चली जाती हैं सारा संसार सुना दिखाई पड़ने लगती है । औधयाली संध्या को देख पक्षियाँ अपने – अपने घोंसले में आती हैं । लोग सोने लगते हैं । नींद में लोग रात बिता देते हैं । फिर प्रभात होती है । पूर्व दिन की भांति फिर सभी पेड़ – पौधे दिखाई पड़ने लगते हैं । चकोर जहाँ रात रो – रोकर बिताती है वही दिन में मयूर नाचते दिखते हैं । लताएँ एक – दूसरे से आलिंगन कर रही हैं । उनका यह आलिंगन चिर – आलिंगन है । पीपल के पेड़ के नीचे जब पथिक आते हैं तो अनायास उन्हें नींद आने लगती ।
शब्दार्थ –
कानन = जंगल । वसुधा = पृथ्वी । तमाल = एक सदाबहार पेड़ । कटील = एक काँटेदार झाड़ी । मृणाल = कमल की कोमल डंठल । मराल = हंस । पावस = वर्षा । मंजुल = सुन्दर , मनोहर । विह्वल = व्यग्र । विलोक = देखना । निर्झर = झरना । निर्झरिणी = नदी , सरिता । रजनी = रात । वल्लरी = लता । अस्ताचल = सूर्यास्त ।
प्रश्न – अभ्यास
पाठ से
1. पीपल का पेड़ हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है ?
उत्तर – पीपल का पेड़ हमारे लिए सदैव उपयोगी है । वह हमें शीतल छाया प्रदान करती है । पीपल का पेड़ प्राणियों के लिए प्राणवायु ( ऑक्सीजन ) छोड़ता है तथा हमारे द्वारा छोड़ा गया दूषित वायु को ग्रहण करता है ।
2. कैसा वातावरण मिलने पर बुल – बुल गाने लगती है ।
उत्तर – जब वर्षा ऋतु आती है तथा शीतल हवा का झोंका पाकर पत्ते हिलने लगते हैं तो बुलबुल का गाना भी सुनाई पड़ने लगता है ।
3. वन्य प्रान्त के सौंदर्य का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – वन्य प्रांत का सौंदर्य दर्शनीय होता है । विविध प्रकार के पेड़ , लताएँ , झरना , झील और नदियों से बना प्रांत की शोभा मनोरम होती है । चिड़ियों का कलरव , मोर का नाचना , हंस की क्रीड़ा ये सभी जंगल की शोभा की बढ़ाते रहते हैं ।
पाठ से आगे
1. निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
( क ) ऊपर विस्तृत नभ नील – नील
नीचे वसुधा में नदी झील
जामुन , तमाल , इमली , करील
जल से ऊपर उठता मृणाल
फुनगी पर खिलता कमल लाल
भावार्थ – वन प्रदेश में ऊपर नीले – नीले आकाश के नीचे धरती पर कहीं नदी तं , कहीं झील हैं । जामुन आदि विविध प्रकार के पेड़ हैं । झील में लाल – लाल कमल खिले हैं जिस क्न प्रदेश की शोभा मनोरम हो रही है ।
( ख ) हैं खड़े जहाँ पर शाल , बांस
चौपाये चरते नरम घास
निर्झर , सरिता के आस – पास
रजनी भर रो – रोकर चकोर कर देता है रे रोज भोर
नाचा करते हैं जहाँ मोर । ।
भावार्थ – वन प्रदेश में जहाँ ऊँचे – ऊँचे शाल और बाँस के पेड़ हैं । वहाँ – वहाँ चौपाया जानवर चरते दिखते हैं । वन प्रदेश में नदी और झरने भी हैं । रात में चकोर की आवाज और दिन में मोर का नाच होते रहता है ।
व्याकरण
1. पाठ में आए योजक चिह्न वाले शब्दों को लिखिए ।
उत्तर – युग – युग । नील – नील । बूंद – बूंद । कलकल – छलछल । ढल ढल – ढल – ढल । गोल – गोल । डोल – डोल । जब – जब । चुन – चुनकर । हिल – डुल । लख लख । सुन – सुन । चह – चह । बह – बह । रह – रह । कोटर – कोटर । आस – पास । चिर – आलिंगन ।
2. पर्यायवाची शब्द लिखिए ।
तरु – पेड़ । कानन – जंगल । सरिता – नदी । वसुधा – धरती । वयार — हवा ।
गतिविधि
1. पीपल के वृक्ष का एक चित्र बनाइए , जिस पर विभिन्न प्रकार के पक्षी बैठे हों तथा पूरब दिशा में सूरज निकल रहा हो ।
उत्तर – छात्र स्वयं करें ।
2. ‘ पेड़ों का महत्त्व ‘ – इस विषय पर कक्षा में गोष्ठी का आयोजन कीजिए ।
उत्तर – छात्र स्वयं करें ।
3. वनस्पतियों का प्रयोग विभिन्न रोगों के इलाज हेतु औषधि के रूप में किया जाता है । उन वनस्पतियों की सूची इलाज की जानेवाली बीमारियों के साथ बनाइए , जैसे तुलसी का पत्ता – खाँसी
उत्तर -छात्र स्वयं करें । ।।