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bseb class 8th hindi note | दीदी की डायरी

दीदी की डायरी

bseb class 8th hindi note

वर्ग – 8

विषय – हिंदी

पाठ 13 – दीदी की डायरी

दीदी की डायरी
           -पा.पु.वि.स.

सारांश –

संजु वर्ग आठ में पढ़ने वाली छोटी – सी लड़की है । लेकिन बड़ी सयानी है । हँसमुख स्वभाव , चुटकुले सुन कर तो खूब हँसती है । उसे किताब पढ़ने का बड़ा शौक है इसलिए उसे जन्मदिन पर या वर्ग में अच्छे नम्बर पाने पर उपहार में उसे पुस्तक ही मिलते हैं ।
एक दिन संजु गाँधी साहित्य ” सत्य के प्रयोग ” पढ़ी जो गाँधीजी की डायरी में लिखा था । संजु ने सोचा वह भी डायरी लिखेगी । संजु के माता – पिता ने भी हौसला बढ़ाया । एक डायरी लाकर संजु को दिया गया ।
अब संजु डायरी लेखन कैसे आरम्भ करे फिर याद आया डायरी तो दीदी भी लिखती है । संजु ने डायरी लिखने की बात दीदी से बताई । दीदी ने भी हौसला बढ़ाते हुए कहा — डायरी लिखना कोई बड़ी बात नहीं । रात में बैठकर दिनभर की घटना को वैसी की वैसी लिख दो । बस प्रतिदिन लिखते रहना । संजु ने दीदी से अपनी डायरी पढ़ने के लिए माँगती है ।
संजु ने दीदी के डायरी का जो भी पृष्ठ पढ़ी वह तिथि के अनुकूल सिलसिलेवार से अंकित था । यथा -4 जनवरी , 1997 तक ।

शब्दार्थ –

एकाग्रचित = एक ही विषय में ध्यान को लगाना , स्थिर चित्त । स्वादिष्ट = रुचिकर । खुशबू = सुगन्ध । सयानी = चतुर स्त्री । करिश्मा = चमत्कार , करतब । शरारत = चुहलबाजी । तराशना = आकार देना । लबालब = पूरा भरा हुआ । उकेरना = नक्काशी करना । रम = रमणीक ।
                प्रश्न – अभ्यास
पाठ से-

1. संजु कैसी लड़की थी ? उसे किस चीज का शौक था ?

उत्तर – संजु छोटी लेकिन बड़ी सयानी लड़की थी । हँसमुख स्वभाव वाली वह चुटकुले सुनकर जोर – जोर से ठहाके मार – मार हँसती थी । उसे किताब पढ़ने का बड़ा शौक था ।

2. संजु को डायरी लिखने की प्रेरणा किससे मिली ?

उत्तर – संजु को डायरी लिखने की प्रेरणा गाँधीजी की डायरी पढ़ने से मिली ।

3. ” सत्य के प्रयोग ” पुस्तक के रचयिता कौन हैं ?

उत्तर– ” सत्य के प्रयोग ” नामक पुस्तक के रचयिता महात्मा गाँधीजी है ।

पाठ से आगे

1 . ” व्यक्ति को प्रत्येक दिन डायरी लिखनी चाहिए । ” इस कथन से आप सहमत हैं या असहमत हैं । तर्क दीजिए ।

उत्तर– ” व्यक्ति को प्रत्येक दिन डायरी लिखनी चाहिए । ” इस कथन से हम पूर्णतः सहमत है । क्योंकि डायरी लिखने से सारी बातें या घटना – दुर्घटना को बार – बार पढ़ लेते हैं । डायरी लिखने से कुछ भी भूलाया नहीं जा सकता है ।

2 . आज आपके विद्यालय में सांस्कृतिक समारोह आयोजित होने वाला है । आपको इस समारोह में भाग लेना है । घर से आप जैसे ही विद्यालय के लिए निकले , वैसे ही बिल्ली ने रास्ता काट दिया । अब आप क्या करेंगे और क्यों ?

उत्तर – ऐसी अवस्था में हम विद्यालय अवश्य जाएँगे । क्योंकि यदि हम विद्यालय नहीं जाते हैं तो हमारा अभिनय छुट जायेगा । कोई भी किसी भी पात्र का अभिनय कार्यक्रम का अंग होता है । अत : कार्यक्रम में त्रुटि रह जायगी ।

3. आप एक सप्ताह की डायरी लिखिए । डायरी लिखने में आप इन बातों का ध्यान रख सकते हैं – किनसे मिले , वे कैसे थे , किन – किन बातों पर चर्चा हुई , घटना या दुर्घटना , अपना अनुभव आदि ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें ।

4. डायरी को रोजनामचा भी कहते हैं । रोजनामचा का तात्पर्य है रोज किये जाने वाले क्रिया – कलाप । आप अपने दो दिनों की डायरी ( रोजनामचा ) लिखिए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें ।

व्याकरण-

सजाना क्रिया है । सजाना से सजावट ( भाववाचक संज्ञा ) बनाने के लिए हम सजाना शब्द से ना हटाते हैं और आवट जोड़ते हैं । यानी सजा + आवट = सजावट । इसी तरह पढ़ना से पढ़ाई ( भाववाचक संज्ञा ) बनाने के लिए हम पढ़ना शब्द से ना हटाते हैं और आई जोड़ते हैं । यानी पढ़ + आई = पढाई
आप भी नीचे दिए गए क्रिया शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए ।
लिखना ,मिलाना, बनाना ,चढ़ना, पसीना
प्रश्नोत्तर-
लिखना = लिखावट । मिलाना = मिलावट । बनाना = बनावट । चढ़ना = चढ़ाई । पीसना = पिसाई ।

गतिविधि –

मजेदार चुटकुलों का संग्रहकर कक्षा में सुनाइए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें । ।।

 

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