8th hindi

bihar board 8th class hindi notes | तू जिन्दा है तो

तू जिन्दा है तो

bihar board 8th class hindi notes

वर्ग – 8

विषय – हिंदी

पाठ 1 – तू जिन्दा है तो

 तू जिन्दा है तो
                                    -शंकर शैलेन्द्र

यह कविता गहरे जीवन राग और उत्साह को प्रकट करती है तथा अतीत के दु : खद पलों को भूलाकर आशा और जीत की नई दुनियाँ को स्वागत करने के लिए प्रेरणा दिया गया है ।
     तू जिन्दा है तो जिन्दगी को जीत में यकीन कर…………….. अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर ।

अर्थ – हे मनुष्य । यदि तू जिन्दा है तो जिन्दगी में जीत होगी , यह विश्वास रखो । यदि कहीं स्वर्ग है तो तुम अपने कर्म से उसे जमीन पर उतार ले ।
      ये गम के और चार …….. तू जिन्दा है तो …….।

अर्थ – गम और अत्याचार के कुछ दिन बीत गये । आज के दिन भी यदि तुम दुःख में है तो वे भी गुजर जाएँगे क्योंकि दु : ख के हजारों दिन बीत चुके हैं । इस जिन्दगी में कभी – न – कभी तो बहार आएँगी ही । तुम अपने सुकर्म से स्वर्ग को पृथ्वी पर ला सकते हैं । यदि तू जिन्दा है तो जिन्दगी के जीत पर विश्वास रखो ।
सुबह और शाम के…………… तू जिन्दा है तो…….।

अर्थ– सुबह और शाम लाल रंग से रंगे गगन को चुमकर जमीन झूम – झूमकर गाती है । अर्थात् सुख – दुख दोनों में एक समान रहने वाले आकाश को देखकर पृथ्वी आनन्दित हो जाती है । उसी प्रकार , हे मानव ! तभी मुझे आनन्दित कर दे । अगर कहीं स्वर्ग है तो उसे उतारकर जमीन पर ला दे । यदि तू जिन्दा है जिन्दगी की सफलता पर विश्वास करो ।
       हजार भेष घर के आई मौत ………..तू जिन्दा है तो ………….।

अर्थ – दुःख हजारों रूप धारण कर तेरे द्वार पर आये लेकिन सभी हारकर चले गये । नई सुबह प्रतिदिन आकर तूझं नई उमर प्रदान करती आ रहीं है । वस्तुत : यदि स्वर्ग कहीं है तो उसे उतारकर तू जमीन पर ला दो । तू जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलताएँ अवश्य मिलेंगी , ऐसा विश्वास करो ।
        हमारे कारवां को मंजिलों……….. तू जिन्दा है तो …….. !
अर्थ – हमारे काफिला ( मानव – समुदाय ) को मोजलों ( लक्ष्य ) का इंतजार है जो आँधियों और बिजलियों ( दुःख ही दुःख ) के पीठ पर सवार होकर आगे बढ़ रहे हैं । तू भी बढ़ो और कदम – से – कदम मिलाकर अपने मंजिलों को हम सब एक साथ प्राप्त करेंगे । अगर स्वर्ग कहीं है तो उसे उतारकर जमीन पर ला दो । यदि तू जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलता अवश्य मिलेगी ऐसा विश्वास रखो ।
   जमीं के पेट में पली अगन , …………….तू जिन्दा है तो ………. ।

अर्थ – जमीन के गर्भ में आग और भूकम्प दोनों पलते हैं लेकिन घरती माँ कभी घबराती नहीं है । उसी प्रकार भूख ( बेकारी – बेरोजगारी ) रूपी रोग का अपना राज्य ( स्वराज ) भी नहीं टिक सकेंगे । विपत्तियों के सर कुचलकर हम सब एकता के सूत्र में बंधकर सदैव एक साथ चलते रहेंगे । अगर कहीं स्वर्ग है तो उसे उतारकर जमीन पर ले आओ । तू जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलता पर विश्वास करो ।
      बुरी है आग पेट ………….तू जिन्दा है तो ………।

अर्थ – भूख और अपराध दोनों बुरे हैं । यदि ये दोनों समाप्त नहीं हुए तो एक दिन इंकलाब ( विरोध की आवाज ) बनेंगे । जिससे जुल्म के महल ढह जाएंगे । नये घर बनेंगे । अर्थात् शांति का माहौल बनेगा । अगर स्वर्ग कहीं है तो अपने परिश्रम और सत्कर्म से स्वर्ग को पृथ्वी पर ला सकते हैं । है मानव । तू यदि जिन्दा है तो जिन्दगी में सफलता मिलेगी । इस बात पर विश्वास रखो ।

शब्दार्थ-

यकीन = भरोसा । सितम = जुल्म । गुजर = बीतना । चमन = बाग , फुलवारी । बहार = बसन्त , शोभा सुन्दरता । जुल्म = अत्याचार । सिंगार = शृंगार । कारवां = काफिला । जमीं = जमीन । अगनी = आग । जलजले = भूकंप । स्वराज्य = अपना राज्य ।

गतिविधि

1. अपनी कक्षा में समूह के साथ सस्वर गायन कीजिए ।

 

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