मिले सुर मेरा तुम्हारा’ और ‘बजे सरगम हर तरफ से’ की दिलचस्प कहानी
मिले सुर मेरा तुम्हारा’ और ‘बजे सरगम हर तरफ से’ की दिलचस्प कहानी
मिले सुर मेरा तुम्हारा
80 के दशक की बात है. दूरदर्शन का दौर था.
राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने के लिए दो बहुत ही खूबसूरत वीडियो बनाए गए थे. ये दोनों ही वीडियो एक से बढ़कर एक थे. दोनों शास्त्रीय राग पर आधारित थे. दोनों में जानी मानी हस्तियां स्क्रीन पर दिखाई देती थीं. एक से बढ़कर एक कलाकारों को उसमें ‘फीचर’ किया गया था.
फर्क सिर्फ एक था- एक में लिपसिंक (किसी और की आवाज पर होंठ हिलाना) का सहारा लिया गया था जबकि दूसरा उन्हीं कलाकारों पर फिल्माया गया था जो स्क्रीन पर दिखाई दे रहे थे. अब तक आप समझ गए होंगे कि यहां हम कौन से दो वीडियो की बात कर रहे हैं. चलिए आज के राग के बारे में बताने से पहले इन दोनों वीडियो को देखते हैं. जिसे देखकर एक बहुत बड़े तबके को अपना बचपन याद आ जाएगा.
मिले सुर मेरा तुम्हारा:-
आइये जानते है इस गाने की कुछ रोचक बाते :-
इस भारतीय गाने को देश कि एकता और अखंडता को प्रोत्साहित करने के लिए काफी सराहा गया l इस गाने को लोक संचार परिषद् ने बनाया जिसे दूरदर्शन ने प्रसारित और प्रायोजित किया lइस गाने में देश कि एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के साथ साथ भारत देश कि विभ्भितायो,विभ्भिन्न समुदायों,अनेकता में एकता को दिखाया गया है l15 अगस्त 1988 को पहला प्रसारण
इस गाने को 1988 में पहली बार , 15 अगस्त (स्वन्तान्त्रता दिवस ) के दिन पहली बार प्रधानमत्री के भाषण के बाद प्रसारित किया गया था lमिले सुर मेरा तुम्हारा के लेखक पियूष पाण्डे थे और कंपोज किया था भीमसेन जोशी और अशोक पटकी ने lमिले सुर मेरा तुम्हारा में कुल 15 भाषाओ का प्रयोग किया गया और यह भाषाये थी : हिंदी,असमी,तमिल,तेलगु,कश्मीरी,पंजाबी,हरयाणवी,सिन्धी,उर्दू,कन्नड़,मलयालम,बंगाली,उडीया,गुजराती,मराठी l
इस गाने में प्रसिद्ध गायकों जैसे भीमसेन जोशी, एम बाला कृष्णमूर्ति,लता मंगेशकर ,कविता कृष्णमूर्ति,सुचित्रा मित्रा ने अपनी आवाज दी
इस गाने में उस दोर के महान कलाकार जैसे अमिताभ बच्चन ,मिथुन चक्रवर्ती,शर्मिला टैगोर ,लता मंगेशकर,हेमा मालिनी ,कमल हसन ,जावेद अख्तर आदि नजर आये
इस गाने में कुल पन्द्रह भाषाओ का प्रयोग किया जिसको हम इस गाने के लिरिक्स में देख सकते है :
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
सुर की नदियाँ हर दिशा से बहते सागर में मिलें
बादलों का रूप ले कर बरसे हल्के हल्के
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
मिले सुर मेरा तुम्हारा …
मिले सुर मेरा तुम्हारा …
(कश्मीरी)
चॉन्य् तरज़ तय म्यॉन्य् तरज़
इक-वट बनि यि सॉन्य् तरज़
(पंजाबी)
ਤੇਰਾ ਸੁਰ ਮਿਲੇ ਮੇਰੇ ਸੁਰ ਦੇ ਨਾਲ
ਮਿਲਕੇ ਬਣੇ ਇਕ ਨਾਵਾਂ ਸੁਰ ਤਾਲ
(हिन्दी)
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
(सिन्धी)
मुहिंजो सुर तुहिंजे साँ प्यारा मिले जडेंह
गीत असाँजो मधुर तरानो बणे तडेंह
(उर्दू)
सुर का दरिया बह के सागर में मिले
(पंजाबी)
ਬਾਦਲਾਂ ਦਾ ਰੂਪ ਲੈਕੇ ਬਰਸਾਂ ਹੌਲੇ ਹੌਲੇ
(तमिल)
இசைந்தால் நம் இருவரின் சுரமும் நமதாகும்
திசை வேறு ஆனாலும் ஆழிசை ஆறுகள் முகிலாய் மழையாய் பொழிவதுபோல் இசை…
நம் இசை
(Kannada)
ನನ್ನ ಧ್ವನಿಗೆ ನಿನ್ನ ಧ್ವನಿಯ,
ಸೇರಿದಂತೆ ನಮ್ಮ ಧ್ವನಿಯ
(तेलुगु)
స్వర సరి తలుకులు కుతు సొంపుగ కడలిలొకె చెరగ
మబ్బులై పై పై కి తెలి కురిసె చల చల్లగ
నీ స్వరము నా స్వరము మన స్వరమై మ్రొగను లె *2
(मलयालम)
निंडॆ स्वरमुम् नींगळुडॆ स्वरमुम्
धट्टुचॆयुम् नमुडॆय स्वरम .
എന്റെ സ്വരവും നിങ്ങളുടെ സ്വരവും
ഒത്തുചേര്ന്നു നമ്മുടെ സ്വരമായ്
(बांगला)
তোমার সুর মোদের সুর
সৃষ্টি করুক ঐক সুর
(অসমীয়া)
সৃষিট হওক ঐক্যতান
(उड़िया/ଓଡିଆ)
तुम मोर स्वर र मिळन (ତୁମ ମୋର ସ୍ୱର ର ମିଲନ)
सृष्टि करे चालु चतन (ସୃଷ୍ଟି କରେ ଚାଲୁ ଚତନ)
(गुजराती)
મળે સૂર જો તારો મારો
બને આપણો સૂર નિરાળો
(मराठी)
माझ्या तुमच्या जुळता तारा
मधुर सुरांच्या बरसती धारा
(हिन्दी)
सुर की नदियाँ हर दिशा से बहते सागर में मिलें
बादलों का रूप ले कर बरसे हल्के हल्के
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
मिले सुर मेरा तुम्हारा …
तो सुर बने हमारा
बजे सरगम हर तरफ से :-
‘बजे सरगम’ से जुड़ा किस्सा ये है कि एक वक्त ऐसा आया जब इसकी लोकप्रियता ने ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ को भी चुनौती दे दी. इस वीडियो में कविता कृष्णमूर्ति की आवाज के बाद पंडित रविशंकर, पंडित भीमसेन जोशी, पंडित रामनारायण, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित शिवकुमार शर्मा, उस्ताद जाकिर हुसैन और उनके अब्बा उस्ताद अल्लारखां खान, उस्ताद अमजद अली खान के अलावा तमाम शास्त्रीय नृत्यों को जगह दी गई थी.’मिले सुर मेरा तुम्हारा’ की तरह इसमें अमिताभ बच्चन, जितेंद्र, मिथुन चक्रवर्ती, हेमा मालिनी, वहीदा रहमान, शर्मिला टैगोर और तमाम जाने माने ‘सेलीब्रिटी’ चेहरे नहीं थे. फिर भी वो राग देश और इसमें शामिल कलाकारों की काबिलियत थी कि इसने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की. आज हम राग देश की बात करने जा रहे हैं..राग देस अथवा देश खमाज थाट का राग है। इसके ऊपर कई प्रमुख गीत हैं, जिनमें सबसे जाना माना है – वन्दे मातरम। शायद इसी गीत की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 1989 में दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया यह गाना, ‘बजे सरगम हर तरफ से, गूंजे बनकर देश राग’ बनाया गया। इसमें भारत के मशहूर गायक, वादक और नृत्यांगना, देश की मुख्य प्रदर्शन कला का नमूना पेश करते हैं। राग तो शास्त्रीय संगीत है ही, साथ-साथ तबला, संतूर, सरोद, सितार, कथक, भरतनाट्यम, मणिपुरी, ओड़िसी सब इस वीडियो में एक ही धुन में भारत की एकता को ख़ूबसूरती से उभारकर प्रस्तुत करते है।