History

Shivaji Maharaj | छत्रपति शिवाजी महाराज

Shivaji Maharaj | छत्रपति शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज केवल मराठा जाति के ही निर्माणकर्ता नहीं थे, अपितु वह मध्यकालीन भारतवर्ष के भी निर्माण करता है| सभी जानते हैं मराठी औरंगजेब के सबसे भयंकर शत्रु थे, मराठी औरंगजेब के विरुद्ध लगभग 25 वर्ष तक लड़ते रहे किंतु अंत में उन्हें निराश होना पड़ा मराठों के नेता शिवाजी ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से एक राज्य की स्थापना की|

शिवाजी का इतिहास-

History of Shivaji Maharaj in Hindi- शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले बीजापुर राज्य के अफसर थे, और उनकी पत्नी जीजाबाई के गर्भ से 19 फरवरी, 1630 ई को शिवाजी का जन्म शिवनेर के पहाड़ी किले (पुणे) में हुआ था| पुत्र जन्म के कुछ ही दिन बाद शाह जी ने जीजाबाई की अवहेलना करके दूसरी स्त्री से विवाह कर लिया| शाह जी की ओर से निराश होकर शिवाजी की माता जीजाबाई में अपनी सारी शक्ति अपने पुत्र के पालन पोषण और योग्य बनाने में लगा दी| वह घंटों बैठी पुत्र को वीरतापूर्ण कहानियां सुनाया करती थी| शिवाजी इन कथा कहानियों को सुनकर आवेश से भर जाया करते थे और उनके शिशु हृदय में ऐसे ही शौर्यपूर्ण कार्य करने की इच्छा जागृत हो जाती थी|

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बड़े होने पर शाहजी ने सुयोग्य दादाजी कोंणदेव को अपने पुत्र (छत्रपति शिवाजी महाराज) का शिक्षक नियुक्त किया| शिवाजी ने पढ़ना लिखना तो नहीं था परंतु महाभारत और रामायण एवं शासन प्रबंध और युद्ध कला आदमी बहुत सा ज्ञान प्राप्त कर लिया| हथियार चलाना घुड़सवारी करना एवं दूसरी कलाएं जो सामंत पुत्र के लिए आवश्यक समझी जाती थी, उन्हें उन्होंने सीख ली| बीजापुर दरबार के संपर्क में रहने से उन्हें राज्य की दुर्बलताओं का भी ज्ञान हुआ और भविष्य में यह उनके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हुआ| इसी समय उनकी भेंट स्वामी रामदास से हुई, उस महापुरुष ने इनके के हृदय में हिंदू धर्म के प्रति श्रद्धा पैदा की और यह समझाया कि उनका कर्तव्य ब्राम्हण और गौ की रक्षा करना है| कुछ आधुनिक इतिहासकारों का विचार है कि रामदास ने ही स्वतंत्र हिंदू राज्य स्थापना का आदर्श शिवाजी के सामने प्रस्तुत किया था,परंतु इस विचार के पक्ष में पर्याप्त प्रमाण नहीं है| सच्ची बात तो यह है कि हिंदू धर्म की रक्षा और राज्य स्थापना दोनों एक दूसरे के बिना संभव नहीं थे| वातावरण, परंपरा, शिक्षा तथा स्वभाव सभी ने उनके हृदय में मुग़ल विरोधी भावना को जाग्रत किया|

सन 14 मई 1640 में उन्होंने प्रसिद्ध निंबालकर परिवार की साईबाई निम्बालकर से लाल महल पूना में विवाह किया| सोयाराबाई, शिवाजी महाराज की दूसरी रानी थी। इसके अतिरिक्त पुतालाबाई, लक्ष्मीबाई और काशीबाई शिवाजी महाराज की रानियां थीं।

शिवाजी की जीवनी-

Chhatrapati Shivaji Biography in Hindi

शिवाजी का जन्म** 19 फरवरी, 1630
पिता का नाम शाहजी भोंसले
माता का नाम जीजाबाई
जन्मस्थान शिवनेर का दुर्ग
शिवाजी का राज्यभिषेक जून 1674 ईस्वी
गुरु कोंणदेव
जीवन पर प्रभाव स्वामी रामदास
पुत्र संभाजी और राजाराम
शिवाजी की मृत्यु 13 अप्रैल सन 1680 ईस्वी

**इनकी जन्मदिवस पर इतिहास कारों में विवाद है|

छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक-

शिवाजी का उद्देश्य सफल हुआ और मराठा राज्य की स्थापना हुई| सन 1674 के जून माह में शिवाजी का राज्याभिषेक रायगढ़ में हुआ| बहुत सा रुपया खर्च हो जाने के कारण फिर लूट मार प्रारंभ हो गई, इसके बाद ही छत्रपति को मुगल, बीजापुर के सुल्तान तथा जंजीरा के निवासियों के साथ युद्ध करना पड़ा| सन 1677-78 में कर्नाटक की लूट हुई| जिंजी, बेलूर एवं अन्य कई किले उनकी सेना ने जीते| अंतिम हमला शिवाजी ने मुगलसराय पर किया और बहुत से कस्बों एवं ग्रामों को लूटा|

शिवाजी की मृत्यु-

2 अप्रैल सन 1680 ईसवी को छत्रपति शिवाजी गैर से पीड़ित हो गए और अंत में 13 अप्रैल सन 1680 ईस्वी को उनका देहावसान हो गया| अपने अंतिम दिनों में वह सुखी नहीं थे क्योंकि वह अपने पुत्र संभाजी के व्यवहार से प्रसन्न नहीं थे उनका दूसरा पुत्र राजाराम भी अल्पवयस्क था|

शिवाजी महाराज की विशेषताएं Quality of Shivaji Maharaj in Hindi

1. शिवाजी महाराज में संगठन शक्ति अतुलनीय थी| उन्होंने बिखरे हुए मराठा सैनिकों एवं राजाओं को एकत्रित किया और उनकी शक्ति को एकजुट करके एक स्वतंत्र एवं महान मराठा राज्य की स्थापना की|

2. छत्रपति शिवाजी महाराज एक वीर योद्धा थे उनके जैसे वीर योद्धा भारतीय इतिहास में बहुत कम ही हुए हैं, उनके रणक्षेत्र की कहानियां आज भी लोगों के उत्साह को बढ़ा देती हैं|

3. वह एक महान मार्गदर्शक थे उन्होंने मुगलों के राज में एक स्वतंत्र हिंदू साम्राज्य की स्थापना की और संपूर्ण विश्व को मराठाओं की शक्ति का ज्ञान कराया|

4. वह एक आज्ञाकारी पुत्र एवं आज्ञाकारी शिष्य थे, इतिहास-कारों के मतानुसार वह अपनी माता और गुरु की हर आज्ञा का पालन करते थे|

मराठा साम्राज्य की स्थापना:

छत्रपति शिवाजी ने 1674 ईस्वी में अपनी राजधानी के रूप में रायगढ़ को निर्मित किया और इसके साथ ही साथ उन्होंने एक स्वतंत्र स्वामित्व वाले मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) की स्थापना की। मराठा साम्राज्य ने लगभग 150 वर्षों तक शासन कार्य किया और इस वंश को भारतीय इतिहास के शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक माना जाता है। इस वंश के कार्यकाल में मराठा साम्राज्य के कई शासकों ने अपने राज्य का विस्तार किया| हिंदुओं ने मराठा शासकों को उनके नेता के रूप में समर्थन दिया और साथ ही साथ कई मुस्लिमों ने उनका समर्थन किया| अपने राजकाल के दौरान शिवाजी महराज ने एक बड़ी और शसक्त सेना का गठन किया और शक्तिशाली मुगल साम्राज्य से अपने क्षेत्र का बचाव किया। यहां तक कि, उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने मराठा साम्राज्य की गरिमा की सफलतापूर्वक रक्षा की। शिवाजी ने 2 अप्रैल 1680 को अपनी मृत्यु तक मराठा साम्राज्य पर शासन किया था और इसके पश्चात उनके उत्तराधिकारियों ने राज कार्य को आगे बढ़ाया

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