Jaya Kishori Biography in Hindi | जया किशोरी जी का जीवन परिचय
Jaya Kishori Biography in Hindi | जया किशोरी जी का जीवन परिचय
Jaya Kishori Biography in Hindi
जया किशोरी जी एक कथावाचक तथा भजन गायिका है। वो भगवत गीता, नानी बाई रो मायरो, रामायण आदि जैसे आयोजन करती है. जया किशोरी जी ने बहुत ही कम आयु में अपनी मधुरवाणी से करोड़ों लोगों को आकर्षित किया हैं। जया किशोरी जी ने अपनी सम्मोहन आकर्षण वाली वाणी से नानी बाई रो मायरो के गीत गाती हैं। तब सुनने वाले श्रोता झूमने लग जाते है जैसे की “टूटी गाड़ी” भजन,“गाड़ी को संभाले रे बाबा जानो है नगर अंजार” जया किशोरी जी के मुख अरविंद से ऐसा भजन सुनने के आनंद ही अलग आता है. जया किशोरी जी का भगवान के प्रति भक्ति व प्रेम है जिसके चलते वो आज कामयाबी के उस शिखर तक है जहां तक पहुँचना बहुत ही मुश्किल है. जया किशोरी जीवनी से लोगों को प्रेरणा मिलती है छोटे बच्चों को सही रास्ता मिलता है जिससे वो यह सोचते है कि हमारी उम्र की यह लड़की इतना कुछ कर रही है तो हमें भी कुछ करना है अपने जीवन में।
मैं आपको जया किशोरी जी की जीवनी बताने जा रहे हैं.
पूरा नाम : | जया शर्मा |
जन्म तिथि : | 13 जुलाई, 1995 |
जन्म स्थान : | सुजानगढ़, राजस्थान (भारत) |
स्थायी पता : | कोलकाता |
पिता का नाम : | पूज्य राधे श्याम जी हरितपाल (शिव शंकर शर्मा) |
माता का नाम : | पूज्य गीता देवी हरितपाल |
बहन का नाम : | चेतना शर्मा |
Kishori Ji ने अपनी स्कूली पढाई कोलकाता के महादेवी बिडला वर्ल्ड एकेडमी और इसके बाद इन्होनें बी.कॉम की पढाई पूरी की हैं। जया किशोरी जी ने मात्र 9 वर्ष की आयु में संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरुद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् आदि कई स्तोत्रों को गाकर हजारों श्रोताओं को प्रभावित किया है। 10 साल की आयु में जया किशोरी जी ने अमोघफलदायी सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड गाकर लाखों लोगों के दिलों में विशेष जगह बना ली।
जया किशोरी जी के पति, विवाह तथा पारिवारिक जीवन –Jaya Kishori Ji Marriage & Family
जया किशोरी जी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा हैं कि वे कोई साधु या सन्यासिनी नहीं हैं, मात्र एक सामान्य महिला है। उन्होंने कहा की उनकी अभी शादी नहीं हुई है, इसमें बहुत देर है और वे यह कभी भी नहीं चाहेंगी कि शादी के कारण उनकी कथा प्रभावित हो।
वे कथा छोड़कर शादी नहीं करना चाहेंगी। इनके गुरू पं. श्री गोविन्दरामजी मिश्र ने इनके भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेम को देखते हुए इनको “किशोरी जी” (Kishori Ji) की उपाधि दी। जया जी कहती हैं कि उन्हें अधिक समय तक अपने गुरु का सानिध्य नहीं मिल सका।
इनकी कथाओं द्वारा आने वाला चंदा जया किशोरी जी उदयपुर की एक संस्था नारायण सेवा संस्थान को दान के रूप में दे देती है। यह संस्था दिव्यांग और अपंग लोगों के लिए अस्पताल चलती है तथा गरीबों की सेवा करती है। नारायण सेवा संस्थान द्वारा कई गौशालाओं का भी संचालन किया जाता है।
जया किशोरी जी बेहद सादा जीवन जीने में भरोसा करती है, वे कहती हैं कि वर्तमान में तकनीक के चलते बच्चों का जीवन मोबाइल तथा लैपटॉप तक ही सिमित हो गया है, इससे बच्चों में संस्कारों की कमी साफ़ देखी जा सकती है।
आजकल के युवाओं द्वारा बुजुर्गों तथा माता-पिता का सम्मान न करना, साधु तथा सन्यासियों का अनादर करना, सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ना। इस बात का संकेत हैं कि हम कहीं न कहीं अपने संस्कारों को भूलते जा रहे हैं।
जया किशोरी जी (Jaya Sharma Kishori) इन्हीं सब बातों को अपनी सरल तथा मधुर वाणी और अपने स्वयं के अनुभवों के आधार पर सम्पूर्ण समाज को बताने का प्रयास करती है।
जिस उम्र में लड़कियां घूमना-फिरना तथा श्रृंगार करना पसंद करती है, उस उम्र में जया किशोरी जी भगवान की भक्ति में लीन है, उनका मानना हैं कि भगवान की भक्ति ही जीवन की सही दिशा है।
जया किशोरी जी का भगवान खाटूश्यामजी में अथाह विश्वास है, यही कारण हैं कि वे हर साल राजस्थान में अपने पूरे परिवार के साथ खाटूश्यामजी के मंदिर जरूर जाती है। वे जब भी खाटूश्यामजी के मंदिर राजस्थान जाती हैं तब वह अपने परिवार के साथ पंचायती धर्मशाला में रूकती है। इस दौरान दो-तीन दिन जया किशोरी जी के सानिध्य में पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है।
वे बचपन में भगवान श्री कृष्ण के लिए क्लासिकल नृत्य करती थी, उनका पालन पोषण ऐसे परिवार में हुआ जो कृष्ण भक्ति में बहुत ही अधिक भरोसा करता है। आज पूरी दुनिया में Jaya Sharma Kishori कथा वाचक तथा भजन गायिका के नाम से प्रसिद्ध है।
जीवन तत्व और मार्गदर्शन :
बचपन से ही परम पूज्य गोलोकवासी स्वामी श्री रामसुखदासजी महाराज की वाणी से अत्यधिक प्रभावित होकर उनकी वाणी को ही साध्वी जी उनको अपना गुरु स्वीकार कर लिया और उनके द्वारा गाये गये “नानी बाई रो मायरो” को अपनी मातृभाषा मारवाड़ी (राजस्थानी) भाषा में तैयार किया और फिर इसे जन-जन के हृदय तक पहुंचाया।
साध्वी जी के तात्कालिन गुरु भागवताचार्य ज्योतिषाचार्य गुरुदेव पं. श्री विनोद कुमार जी सहल हैं, जिनसे वह श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
कथा वाचन :
साध्वी जी की ओर से धर्म के साथ-साथ सेवा का कार्य भी होते रहते है, समाज के पिछड़े दीन-हीन असहाय विकलांग बच्चों को सहारा मिल सके और उनके मन से हीन भावना निकल सकें, इस विचार से उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कथा इन बच्चों के निःशुल्क आपरेशन, भोजन व शिक्षा हेतु समर्पित कर दी है।
कथाओं से आने वाली समस्त दान राशि को वह नारायण सेवा ट्रस्ट, उदयपुर राजस्थान को दान करते हैं, जिससे विकलांग-विवाह को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ उन्हें रोजगार और समाज में सर उठाकर जीवन यापन करने का साहस मिलता है। साध्वी जी भ्रूण हत्या को सबसे जघन्य अपराध मानती है और अपनी कथा में सभी लोगों से प्रार्थना करती हैं कि ऐसा जघन्य अपराध न करें। गौ- हत्या का हम सख्ती से विरोध करते हैं। गौ- हत्या हमारे देश और समाज पर कलंक हैं। अपने प्रवचनों में इन सभी बातों पर विशेष जोर देते हुये वह बहुत भावुक हो उठती है।
6 वर्ष की उम्र से भक्ति के सफर की शुरुआत करके आज अपनी कथाओं और प्रवचनों के माध्यम से हजारों दीन-हीन व असहाय विकलांग बच्चों के जीवन को एक नई दिशा दे रही है।
साध्वी जी द्वारा राजस्थानी (मारवाड़ी) भाषा में कथा कहने का मुख्य उद्देश्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बसने वाले राजस्थानी भाइयों को अपनी लुप्त होती मारवाड़ी भाषा को बचाने की प्रेरणा देना है।
उन्होंने एक ओर कथा के माध्यम से परिवारों को बांधने का प्रयास किया है, तो वहीं दूसरी ओर बच्चों में खासतौर पर युवा वर्ग में भगवान के प्रति दृढ़-विश्वास और भक्ति भावना को जागृत किया है।
क्योंकि साध्वी जी मानती है कि आज के बच्चों की जिन्दगी मोबाइल, लैपटॉप, आइ-पैड, व्हाट्सऐप , ईमेल और मैसेज तक ही सीमित हो गई है, जिसका परिणाम बच्चों में संस्कारों की कमी के रुप मेंसामने आ रहा है
युवा बच्चों द्वारा माता-पिता व बुजुर्गों का सम्मान ना करना, घर आये अतिथि का सत्कार न करना और सामाजिक मर्यादाओं का उल्लंघन करना समाज के भ्रमित होने का संदेश दे रही है।
जया किशोरी के भजन – Jaya Kishori Bhajan In Hindi
- राधिका गौरि से
- अच्युतम केस्वाम कृष्ण दामोदरम
- गाड़ी में बिठा ले रे बाबा
- सबसे ऊँची प्रेम सगाई
- हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे रमा
- लिंगाष्टकम मृत्युंजय जाप
- आज हरी आये विदुर घर
- माँ बाप को मत भूलना
- मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
- कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नंदलाल
- जगत के रंग क्या देखू
- इतनी खात्री करवावे ईगो काई लगे
जया किशोरी जी के अनमोल विचार – Jaya Kishori Qoutes in Hindi
जो बदलता है वो आगे बढ़ता है।
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बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है।
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जीतने वाला ही नहीं बल्कि कहां पर हारना है, ये जानने वाला भी महान होता है।
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महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
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ये क्या सोचेंगे? वो क्या सोचेंगे? दुनिया क्या सोचेगी? इससे ऊपर उठकर कुछ सोच, जिन्दगीं सुकून का दूसरा नाम हो जाएगी।
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“किसी ने कहा अच्छे कर्म करो तो स्वर्ग मिलेगा
मै कहती हूँ माँ बाप की सेवा करो धरती पे ही स्वर्ग मिलेगा।”
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अनुभव एक कठोर शिक्षक है क्योंकि वो परीक्षा पहले लेता है और पाठ बाद में सिखाता है।
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महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
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काल करे सो आज कर, आज करे सो अब – सबकी आयु निश्चित है।
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मुसीबतों से भागना, नयी मुसीबतों को निमंत्रण देने के समान है।
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जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है, तब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते।
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“मनुष्य तब तक नए महासागरों की खोज नहीं कर सकता,
जब तक कि उसे अपना किनारा छोड़ ने की हिम्मत न हो।”
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छोटी सी ज़िंदगी है,
हर बात में ख़ुश रहो।
कल किसने देखा है
बस
अपने आज में ख़ुश रहो।
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“ऐसी कोई मंजिल नहीं है,
जहाँ पहुँचने का कोई रास्ता न हो!”
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सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है और असफलता हमें दुनिया का परिचय करवाती है।
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हमारी उदासी के पीछे क्या कारण है?
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सबसे बड़ा उपहार जो आप दूसरों को दे सकते हैं , वह बिना शर्त प्यार और स्वीकृति का उपहार है।
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विश्वास में वह शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है।
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“जीवन अपने आप को खोजने के बारे में नहीं है।
जीवन अपने आप को बनाने के बारे में है।
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तुझको फिरसे जलवा दिखाना ही होगा,
अगले बरस आना है, आना ही होगा।
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ख़ुद को बदलो,
देश बदल जाएगा।
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हम बाकी सभी रिश्तों के साथ पैदा होते हैं पर दोस्ती ही एक मात्र रिश्ता है जिसे हम खुद बनाते हैं।
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“परिस्थितियां कभी समस्या नहीं बनती, समस्या इस लिए बनती है,
क्योंकि हमें उन परिस्थितियों से लड़ना नहीं आता।”
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“ना किसी से ईर्ष्या, ना किसी से कोई होड़..!!!
मेरी अपनी हैं मंजिलें, मेरी अपनी दौड़..”
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राधा ने श्री कृष्णा से पूछा प्यार का असली मतलब क्या होता है, श्री कृष्णा ने हंस कर कहा जहाँ मतलब होता है वहां प्यार ही कहाँ होता है।
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“चील की ऊँची उड़ान देखकर चिड़िया कभी अवसाद (डिप्रेशन )में नहीं आती, वो अपने अस्तित्व में मस्त रहती है, मगर इंसान, दूसरे की ऊँची उड़ान देखकर बहुत जल्दी चिंता में आ जाते हैं।
तुलना से बचें और खुश रहें।”
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आप समय की क़द्र करे, समय आपकी क़द्र करेगा।
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ख्वाहिश भले छोटी सी हो लेकिन उसे पूरा करने के लिए दिल में सच्चाई और इरादे में मज़बूती होनी चाहिए।
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घड़ी को देखो मत, बल्कि वो करो जो घड़ी करती है, बस चलते रहो।
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सपने वो नहीं है जो हम नींद में देखते है, सपने वो है जो हमें नींद नहीं लेने देते।
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दुसरो की मदद करते हुए यदि दिल में ख़ुशी हो, तो वही सेवा है बाकी सब दिखावा है।
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आपका समय सीमित है, इसीलिए इसे किसी और की ज़िन्दगी जी कर व्यर्थ मत करो।
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जिंदगी आसान नहीं होती, इसे आसान बनाना पड़ता है…! कुछ ‘अंदाज’ से, कुछ ‘नजर अंदाज ‘से.!
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आपका समय कीमती है…इसे अच्छे कार्यो में इस्तेमाल कीजिये।
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अच्छे लोगों की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि उन्हें याद रखना नहीं पड़ता, वो याद रह जाते है।
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हर किसी को खुश करना शायद हमारे वश में न हो, लेकिन किसी को हमारी वजह से दुख ना पहुचे ये तो हमारे वश में है।
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ज्ञान शक्ति है। जानकारी स्वतंत्रता है।
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समय दिखाई नहीं देता, पर बहुत कुछ दिखा जाता है।
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हमें इनके जीवन से बहुत कुछ सिखने को मिलता है आप इसी तरह के आर्टिकल लिखते रहे !