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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती – हरिवंशराय बच्चन

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती – हरिवंशराय बच्चन

हरिवंशराय बच्चन

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती – कविता 

हरिवंशराय बच्चन

हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित रचना :-

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

~ कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ~

फिल्मों में बच्चन जी की रचनाओं का प्रयोग 

  • सिलसिला मूवी का अमिताभ बच्चन पर फिल्माया प्रसिद्द गाना “रंग बरसे” हरिवंशराय जी द्वारा ही लिखा गया था।
  • अग्निपथ मूवी में बार-बार बोली गयी पंक्ति “अग्निपथ…अग्निपथ…अग्निपथ” भी उन्ही की रचना है।
  • “अलाप” मूवी का प्रसिद्द गाना, ‘ कोई गाता मैं सो जाता” भी उन्ही की कृति है।
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